अंकल ने गांड मारने की कोशिश की

अंकित 2

15-04-2024

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एस फिंगर गांड उंगली कहानी में मैं अपने दूर के चाचा के पास रह कर पढ़ रहा था. उनकी बीवी बच्चे गाँव में रहते थे. मैं लड़कियों जैसा दिखता हूँ तो अंकल ने मेरे साथ सेक्स करने की कोशिश की.


दोस्तो, मेरा नाम रोहण है, मेरी उम्र 23 साल है. मैं एकदम दुबला पतला हूँ और मेरी कमर लड़कियों के जैसी मटकती है.


यह मेरे साथ हुई सच्ची घटना है, जिसे मैं आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ.


एस फिंगर गांड उंगली कहानी 5 साल पहले तब की है, जब मैं अठारह साल और एक महीने का हुआ ही था. मैं आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने गांव से भोपाल शहर में आ रहा था.


पहली बार मैं घर से कहीं दूर जा रहा था तो घर वाले काफ़ी चिंतित थे. पर कुछ दिन बाद इस चिंता का हल भी निकल आया.


हुआ ऐसा कि मेरे गांव के एक चाचा जी थे जो भोपाल में जॉब करते थे.


उनको मैं भी बहुत अच्छे से जानता था और मेरे घर के लोग तो जानते ही थे. मेरे पापा ने उन अंकल से बात की कि वे उधर भोपाल में मेरे रहने और खाने का इंतजाम कर दें.


आगे बढ़ने से पहले मैं आपको उन अंकल के बारे में बता देता हूँ. अंकल का नाम सोहन सिंह है. उनकी उम्र 45 साल है. उनकी पत्नी गांव में ही रहती हैं और अंकल आंटी के दो बच्चे भी हैं. वे दोनों अपनी मां के साथ गांव में ही रहते हैं.


अंकल की जॉब कुछ ज्यादा ही व्यस्तता वाली है और वे अपने घर बहुत कम बार ही आ पाते हैं.


मैं अंकल के पास भोपाल में पहुंच गया. अंकल के घर में दो कमरे थे, वहां अंकल ने मेरे रहने के लिए एक कमरे को साफ करवा दिया था.


जब मैं वहां पहुंचा तो उस दिन तो मैंने आराम किया.


उसके बाद मैं दूसरे दिन अपने कॉलेज चला गया. मुझे कॉलेज की रास्ता आदि कुछ नहीं मालूम थी.


सुबह से अंकल जॉब पर चले गए थे तो उनसे भी किसी तरह की जानकारी नहीं ले पाया था. किसी तरह से गूगल की मदद से और कुछ आस पास के लोगों से जानकारी करता हुआ मैं कॉलेज आ गया.


उधर मैंने अपने दाखिले से संबंधित सारी प्रक्रिया पूरी की और घर आ गया. कुछ ही दिनों में सारी व्यवस्था सैट होने लगी.


अंकल सुबह अपने ऑफिस जाते और शाम को 6 बजे तक वापस आते. मैं कॉलेज चला जाता और 4 बजे तक वापस आ जाता. कॉलेज से आने के बाद मैं सारा दिन घर में ही रहता और अपनी पढ़ाई करता था.


जब शाम को अंकल आते, तो हम लोग बैठ कर बहुत बातें करते थे. वे मुझे अपने साथ घुमाने ले जाते थे.


ऐसे ही दो महीने तक चलता रहा.


चूंकि अंकल यारबाज आदमी थे तो उनसे हर विषय पर खुल कर बातचीत होने लगी थी. इसी सब वजहों से मैं और अंकल आपस में एकदम खुल गए थे.


वह बातों ही बातों में पूछ लेते थे कि कॉलेज में कोई लड़की सैट की या नहीं? जब पहली बार अंकल ने मुझसे ऐसी बात कही तो मैं शर्मा गया और मैंने उन्हें मना कर दिया कि अंकल यह सब मुझसे नहीं होने वाला है.


वे बोले- अरे यार, शर्माता क्यों है, बता दे न … अब तो मैं तेरा दोस्त हूँ. अगर तू मुझे अपना दोस्त समझता है, तो बता दे … मैं किसी को नहीं बोलूँगा. क्या पता मैं तेरी कोई मदद कर दूँ. मैंने भी अपने समय में यह सब बहुत किया है. इस तरह अंकल ने मुझे बहुत फोर्स किया.


मैंने कहा- अंकल सच में ऐसा कुछ नहीं है. अगर आगे कभी हुआ, तो आपको जरूर बताऊंगा. वे हंस कर बोले- मुझे विश्वास तो नहीं हो रहा है क्योंकि इस उम्र में तो सबके पास गर्लफ्रेंड्स होती हैं. मैंने कहा- होती होंगी अंकल, पर मुझे यह सब पसंद नहीं है.


अंकल मेरी तरफ देखते हुए बोले- अच्छा यह सब तुझे पसंद नहीं है, तो फिर क्या पसद है? यह कह कर उन्होंने एक नॉटी स्माइल दी.


मैं कुछ समझ नहीं पाया कि उनकी बात का क्या मतलब है.


साला इधर अभी तक लंड चुत के सब्जेक्ट पर ही मसला सैट हो रहा था और अंकल किसी दूसरी बात की चर्चा करने लगे थे.


खैर … अंकल से वार्तालाप ख़त्म हो गया. मैं अपने कमरे में चला गया और अंकल अपने कमरे में चले गए.


उसके बाद मैंने बहुत बार नोटिस किया कि मेरे लिए अंकल का व्यवहार थोड़ा बदल गया था. एक दिन शनिवार को मैं कॉलेज नहीं गया था, घर पर ही था.


उस दिन अंकल भी घर जल्दी आ गए थे और बाहर से खाने का बहुत सारा सामान ले आए थे.


अंकल घर आए और जल्दी से फ्रेश हो गए. उन्होंने कपड़े बदली किए और अपने कमरे में बेड पर खाने का सारा खाना लगा कर मुझे आवाज देने लगे.


वे बोले- रोहण आ जा, मेरे रूम में … साथ बैठ जा. कुछ खाते हैं. मैं अंकल के कमरे में चला गया और हम दोनों साथ बैठ कर खाने लगे.


अंकल अपनी दारू की बोतल से पैग बना कर धीरे धीरे सिप कर रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि अंकल आज कुछ स्पेशल दिन है क्या?


वे बोले- नहीं, बस आज मन था कि इन्जॉय करना है. इसलिए आज लगाने का मन भी हुआ है. कुछ देर के बाद उन्होंने फ्रिज से एक बियर की बोतल निकाली और मेरे सामने रख कर अपना पैग पीने लगे.


मैं उनकी इस हरकत से जरा हैरान हो गया था कि इतने दिनों में आज पहली बार अंकल को ड्रिंक करते देखा.


अंकल ने मेरी आंखों में देखा और बोले- लो तुम भी अपनी बोतल खोल लो. तुम भी मजा करो. यह सब किसी को बताना मत … मैं जब कभी भी अकेला महसूस करता हूँ तो ले लेता हूँ.


मैंने कहा- अंकल, आप मेरे होते हुए भी अकेला महसूस कर रहे हो? मेरी यह बात सुनते ही वे मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दिए और चुप हो गए.


उसके बाद मैंने कहा- अंकल, आप अकेला महसूस मत किया करो. मैं हूँ न … मैं भी तो आप के होते हुए खुद को अकेला महसूस नहीं करता. हम दोनों के बीच ऐसे ही बातें चलती रहीं.


उन्होंने 3 पैग खींच लिए थे और नशे में हो गए थे.


उसके बाद अंकल बोले- मेरे पास आ. मैं उनके पास को सरक गया.


वे बोले- तू बहुत अच्छा है. यह का कर अंकल मेरे गाल पर हाथ फेरने लगे.


मैंने कुछ नहीं बोला. इसके बाद वे मुझसे बातें करते रहे.


फिर उन्होंने मुझसे कहा कि रोहण तू मेरी गोद में बैठ जा. मैं उनकी गोद में बैठ गया.


उसके बाद अंकल अपना एक हाथ मेरी पिछवाड़े पर बड़े प्यार से फेरने लगे. वे बोले- तू पूछ रहा था ना कि मैं अकेला महसूस क्यों कर रहा हूँ?


मैंने पूछा- हां! वे बोले- है कुछ ज़रूरत यार … तू नहीं समझेगा. यह कहते हुए वे अपना हाथ मेरी गांड पर ही फेरे जा रहे थे.


कुछ टाइम ऐसा करने के बाद वह अपना हाथ मेरी गांड के छेद तक ले जाने लगे थे. मुझे कुछ समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है और मुझे क्या करना चाहिए. मैं चुपचाप अंकल की गोद में बैठा रहा.


मैंने अंकल को ऐसा करते पहली बार देखा था तो मैं बिल्कुल शांत था. दरअसल मैं कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए.


तभी मैंने कुछ महसूस किया कि मुझे मेरे नीचे कुछ कड़ा सा चुभ रहा है. वह ऐसा लग रहा था जैसे कोई लोहे की रॉड हो … और बहुत गर्म भी लग रहा था.


मुझे अपनी टांगों के बीच में कुछ बहुत अजीब सा लग रहा था. मैंने अंकल से कहा कि मैं सोने जा रहा हूँ.


यह कह कर मैं अपने कमरे में चला गया.


उसके बाद मैं अपने कमरे में बेड पर लेट कर वह सब दुबारा से सोचने लगा कि यह सब क्या हुआ और अंकल क्या चाहते हैं. ऐसा नहीं था कि मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, आया था कि अंकल का लंड मेरी गांड में गड़ रहा था. पर मैंने अभी तक अंकल के लिए ऐसा कुछ नहीं सोचा था.


खैर … यही सब सोचते हुए मेरी आंख कब लग गई, कुछ होश ही न रहा.


फिर जब मेरी नींद खुली, तो देखा रात के 12 बज रहे थे. मैं उठा और पानी पीने के लिए बाहर जा रहा था, तभी मैंने देखा कि अंकल के कमरे से कुछ आवाजें आ रही थीं और आज उन्होंने अपना कमरा भी लॉक नहीं किया था.


मैं धीरे से कमरे की तरफ गया और जब मैंने कमरे में झांक कर देखा तो हैरान हो गया.


अंकल बिल्कुल नंगे थे और अपने हाथ में अपना लंड पकड़े हुए थे. वे मेरे नाम को लेते हुए ‘ऊ रोहण ऊऊ … रोहण.’ बोल कर अपना लंड हिला रहे थे.


मुझे अजीब सा लग रहा था, पर मैं चुपचाप यह सब देख रहा था.


कुछ देर बाद अंकल के लंड से कुछ सफेद सफेद सा निकला और उसके बाद वे अपने बेड पर नंगे ही सो गए. मैं छत पर चला गया और यह सब सोचने लगा था.


फिर थोड़ी देर बाद मैं अपने कमरे में जाने लगा, तो ना जाने मुझे क्या हुआ कि मैं अंकल के रूम में आ गया. उधर अंकल औंधे लेट कर नंगे सोए हुए थे. मुझे उनकी गांड दिख रही थी. उनकी गांड में थोड़े थोड़े बाल थे.


मैं अंकल को ऐसे ही देखता रहा. फिर मैंने नीचे देखा तो वहां अंकल के लंड से निकला हुआ पदार्थ पड़ा था.


मैंने उसे उंगली से टच किया तो मुझे चिपचिपा सा लगा. मुझे उसमें से अजीब से खुशबू भी आई, जो मुझे अच्छी लगी.


मैं उसे उंगली से उठा कर अपनी नाक के पास लाया और उसको सूंघने लगा.


कुछ देर तक मैं उस महक को सूंघता रहा और बाद में अपने कमरे में चला आया.


मैं अपने कमरे में आया तो ना जाने क्यों मुझे वह खुशबू बार बार महसूस हो रही थी और अन्दर से कुछ खुशी सी हो रही थी. ऐसे ही उस पदार्थ को सोचते हुए पूरी रात निकल गई और मैं सो ही नहीं पाया.


सुबह 5 बजे मेरी आंख लग गई और जब नींद खुली तो दिन के 11 बज रहे थे.


मैं अपने कमरे से बाहर आया तो अंकल जॉब पर नहीं गए थे. वैसे तो सब कुछ सामान्य था पर मैं रात की बात को सोच रहा था. ऐसे ही पूरा दिन ख़त्म हो गया और हम दोनों ने खाना खा लिया.


खाने के बाद मैं अपने कमरे में सोने जाने लगा.


तब अंकल बोले कि रोहण आज मेरे रूम में सो जाओ. मैंने ओके बोला और उनके साथ सोने चला गया.


हम दोनों लेटे हुए थे, तभी लाइट चली गई और गर्मी लगने लगी. अंकल अपने कपड़े उतार कर सिर्फ अंडरवियर में लेट गए.


थोड़ी देर बाद अंकल मुझसे बोले- रोहण तुमको गर्मी नहीं लग रही क्या? मैंने कहा- हां लग तो रही है.


वे बोले- तो मेरी तरह तुम भी अंडरवियर में लेट जाओ न! उनके कहने पर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में लेट गया.


मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैं बस अपनी आंखें बंद किए हुए था. कुछ देर बाद अंकल अपना एक हाथ मेरे ऊपर फेरने लगे, वे मुझे प्यार से सहला रहे थे.


काफ़ी देर तक उन्होंने ऐसा किया. उनको लगा कि मैं सो रहा हूँ. ना जाने क्यों मैं भी उनको रोक नहीं रहा था.


यह सब चल ही रहा था कि अचानक से वे मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरे ऊपर लेट कर वे अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख कर पागलों की तरह चूसने लगे. मैंने उनको अपने ऊपर से हटने के लिए कहा और कोशिश भी की, पर उन्होंने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और मेरे पैर अपने पैरों से दबा दिए.


वह अब भी मुझे चूस रहे थे और अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर बार बार निकाल रहे थे. ऐसे ही अंकल मेरे होंठों को किस कर रहे थे और नीचे उनका लंड मुझे महसूस हो रहा था, जो बहुत गर्म हो गया था.


तभी लाइट आ गई. मैंने अपनी आंखें हल्की सी खोलीं तो देखा कि अंकल मुझे चूसते हुए मेरी आंखों में देख रहे थे.


मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और उन्हें उनकी मनमानी करने देने लगा. कुक देर के बाद अंकल मेरे ऊपर से उतर गए और मेरे बाजू में लेट गए.


कुछ देर बाद अंकल मुझसे बात करने लगे, पर मैं कुछ बोल नहीं रहा था. अंकल ने बहुत प्रयास किया … पर मैं कुछ नहीं बोला.


उसके बाद अंकल ने अपना अंडरवियर उतारा और अपना लंड अपने हाथ में ले कर मेरे हाथ में रख दिया. वे लंड को मेरे हाथ से आगे पीछे करवाने लगे.


क्या बताऊं भाई उनका लंड इतना गर्म था और बहुत ही मोटा था. उन्होंने कुछ देर बाद अपना हाथ हटा लिया. उनका लंड अभी भी मेरे हाथ में ही था.


कुछ देर के बाद ना जाने मुझे क्या हुआ, मैंने उनके लंड को हल्का टाइटली पकड़ लिया और हिलाने लगा. मुझे उनका लंड अपने हाथ में बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.


जब अंकल ने ये नोटिस किया कि मैं उनका लंड हिला रहा हूँ, तो उनको मानो ग्रीन सिग्नल मिल गया.


बस फिर क्या था … अंकल उठे और कमरे की छोटी वाली लाइट ऑन करके आ गए.


वे बेड के साइड में खड़े हो गए और मुझे बेड के साइड में लेकर मुझसे दोनों पैर ऊपर करने को बोले. मैंने अपने पैर उठा लिए.


इसके बाद अंकल मेरी गांड के छेद पर उंगली फेरने लगे और कुछ ही पल के बाद वे मेरी गांड के छेद को चाटने लगे. मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी पर मैं चुपचाप मज़ा ले रहा था.


उधर अंकल ने मेरी गांड के छेद को चाट चाट कर उस जगह को काफी गीला कर दिया. वे कभी कभी अपनी जीभ को भी मेरी गांड के छेद में डाल रहे थे.


पर छेद में गुदगुदी होती तो मैं अपनी गांड को कस लेता, जिससे जीभ अन्दर नहीं जा पा रही थी. मैं ये सब एंजाय कर रहा था.


दस मिनट तक मेरी गांड चाटने के बाद उन्होंने अपनी एक उंगली अपने मुँह के अन्दर डाली और उसे अपने थूक से गीली करके वे अपनी उंगली गांड में डालने लगे. पर उंगली भी अन्दर नहीं जा रही थी.


अब अंकल ने मेरी गांड के छेद पर थोड़ा सा थूक डाला, जो मुझे गर्म सा महसूस हुआ. मैंने अपनी गांड को ढीला छोड़ा ही था कि अंकल ने उसी वक्त ज़ोर लगाते हुए अपनी उंगली मेरी गांड में पेल दी.


उनकी उंगली एक ही बार में अन्दर तक चली गई. मैं एकदम से उछल गया और मेरे मुँह से आह की आवाज़ निकल आई.


अंकल अपनी उंगली को मेरी गांड में जोर जोर से आगे पीछे करने लगे. मुझे भी एस फिंगर में मज़ा आने लगा और मैंने अपनी आंखें खोल कर देखा, तो अंकल मेरी तरफ देख रहे थे.


उनके मुख पर खुशी थी. वे मेरी तरफ देख कर वासना से मुस्कुराए तो मैंने अपनी नज़रें चुरा लीं.


उसके बाद अंकल ने अपने लंड पर बहुत सारा थूक लगाया और लंड को मेरी गांड के छेद पर लगा कर धक्का लगाने लगे. पर उनका मोटा लंड अन्दर नहीं जा रहा था. शायद उनके मोटे लंड के लिए मेरी गांड का छेद बहुत छोटा और कसा हुआ था.


मैंने आज तक कभी भी अपनी गांड में लंड नहीं लिया था और ना ही गांड उंगली की थी. मेरे साथ यह सब पहली बार हो रहा था.


उसके बाद अंकल ने बहुत प्रयास किया पर अंकल का लंड मेरी गांड में नहीं घुस सका. उस दिन मेरे अन्दर भी बहुत आग लग गई थी तो मुझे एकदम से ठरक सी चढ़ गई और मैंने उठ कर अंकल का लंड अपने मुँह में ले लिया.


अंकल को मजा आने लगा. वे आह आह करने लगे. कुछ देर बाद अंकल ने अपने लंड से सफेद रस मेरे मुँह में ही छोड़ दिया और वे निढाल हो गए. अब हम दोनों ने गांड चुदाई का मजा किस तरह से लिया, यह मैं आपको अगले भाग में लिखूँगा.


आपको एस फिंगर गांड उंगली कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं. [email protected]


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