पड़ोसन को चोदने की चाह

शुभम चौधरी

03-09-2021

472,253

मैंने पड़ोसन भाभी की चुत चाटी. एक दिन मैंने भाभी को नंगी नहाती देख लिया. उसकी चूत से पानी टपक रहा था. मेरे मन में आया ‘भाभी जरा चूत चटा दो!’


हाय दोस्तो, मैं शुभम चौधरी हाजिर हूं अपनी अगली कहानी लेकर! मेरी पिछली कहानी थी: पड़ोसन युवती को लगी प्यार की लत


यह नयी कहानी है मेरे गांव की हॉट भाभी गुलाबो के बारे में! मैंने कैसे पड़ोसन भाभी की चुत चाटी.


बात तब की है जब मैं जॉब से पहले गांव में रहता था।


गुलाबो हमारे पड़ोस में रहने वाली भाभी थी। उनके घर हमारा आना – जाना रहता था और उनका हमारे घर! उनका खेत भी हमारे खेत के पास में ही था।


गुलाबो भाभी जब शादी करके हमारे गांव आई, तब मुझ पर ताजा ताजा जवानी चढ़ी थी। मेरी उम्र लगभग 20 साल की रही होगी तब।


गुलाबो भाभी की तरफ मेरा पहला आकर्षण तब हुआ जब मैंने उन्हें नहाते हुए देखा।


मैं उनके घर किसी काम से गया था। जब मैंने उन्हें आवाज लगाई तो वो बोली- देवर जी कमरे मैं बैठिए, मैं नहाकर आती हूं।


मैंने तब तक चूत सिर्फ ब्लू फिल्मों में देखी थी। तब लाइव देखने का मौका मिल रहा था तो मैं हिम्मत कर दबे पांव गया और बाथरूम के गेट के नीचे से झांकने लगा।


मेरे मन की मुराद पूरी हुई। मुझे भाभी की चूत दिख रही थी। चूत की हल्की काली फांकें लटक रही थी और उनसे पानी टपक रहा था।


यह नजारा देखकर मेरे होश उड़ गए। चूत से टपकता पानी मुझे ललचा रहा था।


मुझे ऐसा लग रहा था मानो चूत अपनी दोनों फांकों को फैलाकर मेरी जीभ को निमंत्रण दे रही हों कि आओ मुझे चाटो।


मैं किसी के आने के डर से कमरे में चला गया।


गुलाबो भाभी जब नहाकर आई और उन्होंने मुझे आने का कारण पूछा तो मैं कांपने लगा और मेरी जुबान लड़खड़ाने लगी। उन्होंने मुझे देखा तो नहीं था पर ये मेरा चूत के मामले में पहला अनुभव था तो डरना स्वाभाविक था।


घर वापिस जाने के बाद मैं खेलने चला गया और इस तरह कुछ दिन बीत गए।


एक दिन भाभी हमारे घर आई। उन्हें देखकर फिर मुझे उनकी टपकती चूत याद हो आई और मैं मन ही मन गुनगुनाने लगा गुलाबो … जरा चूत चटा दो।


उस दिन के बाद जब भी मैं उन्हें देखता मेरे मन में ये गाना चलने लगता।


इस तरह दिन बीतते गए पर मेरे दिमाग से गुलाबो की टपकती चूत की तस्वीर नहीं हट रही थी।


जब भी मैं किसी बहाने उनके घर जाता तो उनके घर कोई न कोई होता था। मैं उनकी तरफ बस मुस्कुरा देता और वो मेरी तरफ!


इसी तरह कुछ दिन चलता रहा।


फिर एक दिन मैंने सोचा कि बेटा ऐसे तो बात नहीं बनेगी, कुछ तो अलग करना पड़ेगा।


उस दिन मैंने निश्चय किया कि अबकी बार मैं गुलाबो की तरफ आंख मारूंगा। जो होगा देखा जाएगा।


अगली बार मैं जब उनके घर गया तो गुलाबो झाड़ू निकाल रही थी।


वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई और बोली- देवर जी, कहां घूमते फिर रहे हो? मैंने कहा- बस यहीं आपके पास! और आंख मार दी।


उनके चेहरे के भाव बदल गए और उस दिन से उन्होंने मुस्कुराना और बोलना छोड़ दिया।


मुझे घर आकर अपनी करनी पर पछतावा हुआ कि कहीं भाभी गुलाबो मेरी गान्ड ना कुटवा दे।


कई दिन बीत गए पर ऐसा कुछ हुआ नहीं।


एक दिन भाभी हमारे घर आई हुई थी और मेरे आने के बाद मां को कहने लगी- देवर जी की शादी कर दो और बहू ले आओ। ये सब वो मेरी तरफ़ देख कर बोल रही थी और उनकी मुस्कुराहट अबकी बार बदली हुई थी।


मां जब रसोई में गई तो उन्होंने मेरी तरफ आंख मार दी और निचले होंठ को दांतों से काटा।


ये सब मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने गाना गुनगुनाया गुलाबो … जरा चूत चटा दो!


इसके बाद जब भी वो मुझे मिलती मैं यहीं गाना गुनगुनाता। पर वो कभी समझ नहीं पाई कि मैं क्या गुनगुना रहा हूं।


एक दिन वो मुझे खेत में मिली।


उन्होंने मुझे चारा काटने में मदद के लिए बुलाया और चारा काटते समय मुझसे पूछा- देवर जी, मुझे देखकर क्या गुनगुनाते हो? मैंने वहीं गाना गुनगुनाते हुए उनकी तरफ आंख मार दी।


वो कहने लगी- देवर जी, या तो मुझे गाना बताओ, वरना मैं आंटी जी से कहूंगी कि तुम मुझे छेड़ते हो। मैंने कहा- हां गुलाबो … जो जी में आए कह देना।


उसने कहा- तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैं शिकायत नहीं करूंगी। तब मैंने कहा- करनी होती तो कब की कर देती। पर आप नहीं करेंगी क्योंकि आप मुझे पसंद करती हैं और मैं आपको!


यह सुनकर वो कुछ नहीं बोली और चारा लेकर घर चली गई।


अगले दिन फिर मेरा उनके घर जाना हुआ।


वो घर पर अकेली थी और कपड़े इस्तरी कर रही थी। मैंने उनसे हैंड ब्लेंडर मांगा. वो उठकर रसोई में चली गई।


मैं भी हिम्मत कर उनके पीछे चला गया। वो मुझे देखकर मुस्कुरा दी।


मैंने उन्हें कमर में हाथ डालकर पकड़ लिया और उनके कान के पास जाकर गुनगुनाने लगा गुलाबो … जरा चूत चटा दो।


यह सुनकर वो पीछे पलटी और मेरे गाल पर चपत लगाते हुए बोली- हट बदमाश!


मेरी गिरफ्त से आजाद होते हुए बोली- देवर जी छोड़िए … कोई आ जाएगा।


मैंने दोबारा उन्हें पीछे से पकड़ा और कहने लगा- आज नहीं छोड़ूंगा। आज तो गुलाबो की चूत चाटकर ही जाऊंगा।


वो कहने लगी- चूत में ऐसा क्या है? चूत को छोड़कर बाकी गुलाबो को चाट लो। मैंने कहा- नहीं गुलाबो, जब से तेरी टपकती चूत देखी है, मेरी नींद और होश गायब है।


उन्होंने हैरान होकर मेरा कान पकड़ा और बोली- शैतान, आप से सीधा तू? और ये बता मेरी चूत कब देखी तूने? मैंने उन्हें सारी बात बताई।


मेरे बार बार चूत चटाने का हठ करने पर वो बोली- सीधा चोद ले ना … चाटने में क्या रखा है? और वो भी कोई चीज है चाटने की? मैंने पूछा- क्यों भैया नहीं चाटते क्या? वो बोली- नहीं सीधा पेल देते हैं। चाहे मैं तैयार होऊं या नहीं!


उन्होंने बताया कि दो दिन बाद भैया गांव जा रहे हैं और रात वहीं रुकेंगे। तब रात को सोने आ जाना और जो जी में हो वो कर लेना। मैं अपने प्यारे देवर के लिए इतना तो कर ही सकती हूं। मैंने पूछा- मैं घर से कैसे आऊंगा? तब उन्होंने कहा- मैं आपके भैया को बोल दूंगी कि आपको पिताजी के पास सोने को बोल दें।


उनके ससुर शराब पीते थे और बीमार रहते थे। भाभी के सास नहीं थी ससुर थे बाहर कमरे में सोते थे और भाभी अंदर कमरे में।


दो दिन बाद जैसा तय हुआ मैं सोने पहुंच गया।


सर्दी का मौसम था तो रात जल्दी हो गई।


उनके ससुर शराब के नशे में धुत थे। उन्हें कोई सुध नहीं थी कि कौन कहां किसके पास है।


जैसे ही रात गहरी हुई मैं दबे पांव अंदर कमरे में चला गया और अंदर से गेट बन्द कर दिया।


भाभी बेड पर बैठी मेरा इंतजार कर रही थी। वो मुझे देखकर मुस्कुराई मैंने उनकी तरफ आंख मार दी और गाल पर चूम लिया।


मैंने भाभी को बांहों में भर कर गाना गुनगुनाया- गुलाबो … जरा चूत चटा दो। वो मुझे दूर हटाकर बोली- बहन के लौड़े! इस गुलाबो ने तुम्हें चूत चटाने ही बुलाया है आ और चाट ले जी भर के!


मेरे दिमाग पर उनकी चूत का ही भूत सवार था तो मैंने उनका सलवार खोलने का इंतजार किए बिना उनकी सलवार चूत की जगह से फाड़ दी।


वो बोली- हरामी, ये क्या किया तूने? मैं बोला- गुलाबो, साली रण्डी, तूने मुझे इस चूत के लिए बहुत तड़पाया है। आज जैसा मेरे मन में आएगा मैं वैसा ही करूंगा। वो भी बोली- ठीक है … कर ले। लेकिन मेरी भी शर्त है कि मैं सिर्फ चूत दूंगी, गान्ड नहीं और लौड़ा चूत में खाली नहीं करेगा। मैंने उनकी हां में हां मिला दी।


जैसे ही मैंने उनकी सलवार फाड़कर हटाई मुझे चूत के दर्शन हुए। एकदम डोमिनिका सी जैसी चूत। (जो डोमिनिका सी को न जानता वो सर्च कर ले)


हल्की काली लटकती हुई दो फांकें … अपनी खुशबू से मदहोश करने वाली चूत … जिसे हर कोई चाटना चाहेगा। जिसमें लौड़ा डालते टाइम फांकें रगड़ खाकर अंदर जाए और लौड़ा बाहर निकालते टाइम लौड़ा से चिपक कर बाहर आए। यह नजारा मैंने गुलाबो को चोदते समय देखा था.


मैंने देर न करते हुए अपनी जीभ शेव्ड चूत की तरफ बढ़ाई। मेरी नाक और जीभ जैसे जैसे चूत के पास जा रहे थे वैसे वैसे मेरी मदहोशी बढ़ रही थी।


जैसे ही जीभ ने चूत की दोनों फांकों को छुआ, गुलाबो सीत्कार भरने लगी। मैंने कुछ देर अपनी जीभ दोनों फांकों पर बारी बारी चलाई, फिर चूत के ऊपरी दाने को कुरेदा।


मेरे ऐसा करने पर वो गान्ड उठा उठा कर सीत्कार करने लगी।


कुछ देर फांकों को छेड़ने के बाद मैंने दोनों फांकों को मुंह में भरकर बारी बारी चूसा। फिर मैंने जीभ चूत में डाल दी।


जीभ के चूत में जाते ही गुलाबो मदहोश होकर बोलने लगी- आह आह आह … ऊई मां … मर गई रे … आह … उम्म … आह चाट चाट … चाट चाट मेरे राजा! मुझे नहीं पता था कि चूत चटाई में इतना आनंद है। आह … आह!


ऐसा कह के वो मेरे बाल खींचने लगी और अकड़ने लगी, बोलने लगी- ओह मेरे राजा … मैं झड़ने वाली हूं, बस करो।


मैंने अपनी जीभ से पड़ोसन भाभी की चुत चाटी और एकदम से जीभ उसकी फांकों पर फिराने लगा।


वो अकड़कर झड़ने लगी। मैं उसे झड़ते हुए देखता रहा।


उसके बाद उसने मुझे गले से लगाया और बोली- ओह मेरे राजा, मुझे ऐसा आनंद आज तक नहीं आया. लेकिन इस बार अकड़ने लगूं तो तुम लौड़ा मेरी चूत में उतार देना।


इस बार भी मैंने उनकी चूत को जी भरकर चाटा और जब झड़ने को हुई तब लौड़े को चूत की गहराई में उतार दिया। वो थोड़ी देर में झड़ गई। उनकी चूत का रस मेरे लौड़े पर लगकर बाहर आने लगा।


मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर पेला और इस बार लौड़ा उनकी गांड की दरार पर खाली किया.


और मैं अपने लौड़े के रस को भाभी की गांड से होते हुए चूत में से टपकता हुआ देखने लगा।


अगली बार 69 की पोजिशन में गुलाबो मेरे ऊपर लेट गई। उसने मेरा लौड़ा मुंह में भर लिया और मैंने अपने दोनो हाथों से उसकी गान्ड को पकड़कर फैलाते हुए उसकी चूत पर जीभ से शरारत करनी शुरू कर दी।


उसने मेरे लौड़े का रस चखा और मैंने उसकी चूत का!


अंतिम चुदाई में मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर पेला। वो मेरे लौड़े पर चढ़ी हुई झड़ गई और मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह में खाली कर दिया।


उसके बाद हम कपड़े पहनकर सो गए।


सुबह मैं अपने घर आ गया जैसे कुछ हुआ ही नहीं! और वो संस्कारी बहू की तरह घर के कामों में लग गई।


दोस्तो, गुलाबो भाभी के साथ ओरल सेक्स और चूत चुदाई की मेरी कहानी आपको पसंद आयी होगी. मैंने पड़ोसन भाभी की चुत चाटी. आपको कैसा लगा? मुझे मेल और कमेंट्स से अपने विचार जरूर बताएं. [email protected]


अन्तर्वासना

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ


Download our new App for Desi Sex videos

Chutlunds - Indian Sex Videos APK

(4.0)

Description

Free desi sex videos, desi mms, Indian sex videos, desi porn videos, devar bhabhi ki chudai, aunty ki chudai collection. The FREE Chutlunds app lets you stream your favorite porn videos in the palm of your hand, with no ads. Through its fast and simple navigation, you can enjoy the best Chutlunds videos

What's new

New Features Added:

1. Unlimited 4K, HD Videos Added

2. Download your Favourite Video Offline

3. Fully Optimized App

4. New Download Feature Added

5. Reduced Processor And Ram Usage

HOW TO INSTALL

1. Download the app on your Android

2. Open the file from the notification area or from your download folder

3. Select Install

4. You may have to allow Unknown Sources at Settings > Security Screen