कमसिन लड़की की कुंवारी चूत की सीलतोड़ चुदाई- 2

राजेश कुमार

20-05-2022

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लड़की की बुर चोद कर मजा लिया मैंने! 19 साल की जवान लड़की की अनचुदी बुर में लंड घुसाकर सील तोड़ने के आनन्द को शब्दों में ब्यान करना मुश्किल है.


फ्रेंड्स, मैं आपको एक कमसिन कुंवारी बुर की चुदाई की कहानी सुना रहा था. कहानी के पहले भाग जवान लड़की की कुंवारी चूत की आस में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने कुक्कू नाम की लौंडिया को नंगी कर दिया था. उसी चुत पानी छोड़ने लगी थी. मैं उसकी बुर के दाने को अपनी वासना भरी नजरों से देख रहा था.


अब आगे बुर चोद कर मजा:


जैसे ही मैंने भगनासे को सहलाया, वह गुदगुदी के कारण सिहरने लगी.


वो बोली- अंकल, बहुत ज्यादा गुदगुदी हो रही है. मैंने बोला- यही तो मज़ा है बेबी.


कुक्कू की बुर पानी भी बहुत छोड़ रही थी.


मैंने उसे लिटा दिया और उसके दोनों टांगों के बीच आकर झुककर अपना मुँह उसकी बुर पर रख दिया और अपने जीभ से उसके भगनासे को सहलाने लगा.


वह अपने हाथों से मेरा सर अपने चूत से हटाने का प्रयास करने लगी. पर मैं मानने वाला कहां था.


वह गुदगुदी और सनसनी के कारण बड़बड़ाने लगी.


मैं अपनी जीभ कुक्कू के चूत के अन्दर डालकर जीभ से चुदाई कर रहा था. इससे कुक्कू बेकाबू हुई जा रही थी.


मैंने देखा कि वो अकड़ उठी थी और उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया था. कच्ची बुर का मदमस्त स्वाद वाला पानी हर किसी को नसीब नहीं होता है दोस्तो!


मैं उसकी बुर के रस का पान किए जा रहा था. उसकी पूरी चूत को अपने होंठों से खींच रहा था जिससे उसे बहुत मज़ा आ रहा था. इस कारण से वह एक बार फिर से झड़ गयी.


फिर मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया और किसिंग करने लगा. अब कुक्कू भी सहयोग कर रही थी.


मैंने उसे जीभ मेरे मुँह में देने को बोला, उसने दे दी और मैं उसकी जीभ को चुभलाने लगा.


मैंने बोला- तुम्हारे मुँह का स्वाद बहुत अच्छा है. मेरी जीभ चूस कर बताओ कि कैसा स्वाद है?


ये कह कर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और उसे चुभलाने को बोला.


वह मेरी जीभ को मजे से चुभलाने लगी. उसकी सारी हिचकिचाहट खत्म हो गई थी और मजे लेने लगी थी.


मैंने काफी देर तक उसके साथ किसिंग का मजा लिया. फिर मैंने देखा कि कुक्कू की आंखों के वासना के डोरे लाल हो गए थे और वह मदहोश हो गयी थी.


मैंने उसी पल अपना बॉक्सर निकाल कर एक तरफ रख दिया. कुक्कू ने जब मेरा लंड देखा तो वो बोली तो कुछ नहीं पर घबराहट उसके चेहरे पर साफ दिख रही थी.


मैंने कहा- कुक्कू, यह मेरा लंड है जो सामान्य से थोड़ा बड़ा है. अभी जब तुम इसके साथ खेलोगी तो यह और बड़ा और मोटा हो जाएगा. फिर जब तुम इसे चूसोगी तो ये तुम्हें काफी मजा देगा. वैसे तुमने अभी तक कभी किसी का लंड देखा है?


वो बोली- हां पापा का … लेकिन उनका तो बहुत छोटा और पतला है.


मैंने पूछा- कब देखा? कुक्कू ने कहा- जब वो मम्मी के साथ कमरे में ये सब करते हैं. मैंने छुपकर देखा है.


मैंने बोला- शाबाश … तुम्हारी मम्मी तुम्हारे पापा का लंड मुँह में लेती हैं? वो बोली- हां.


मैंने कहा- तो वैसे ही तुम मेरा चूसो. वो बोली- पर ये इतना मोटा है मेरे मुँह में जाएगा कैसे?


मैंने कहा- ये सब छेदों में चला जाता है यही तो इसकी खासियत है. तुम देखना, मैं तुम्हारे अन्दर पूरा डालूंगा. वो बोली- नहीं अंकल, मुझे डर जैसा लग रहा है.


मैंने बोला- मेरे ऊपर विश्वास रखो बेबी और मुझे सहयोग करना. तुम एन्जॉय करोगी.


वह कुछ नहीं बोली पर चेहरे पर घबराहट के भाव जरूर दिखाई दिए.


मैंने चुटकी से उसके एक निप्पल को रगड़ा तो वह चिहुंक गयी.


फिर मैं उसका निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगा. मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और उसे सहलाने को बोला.


तभी मैंने चॉकलेट सिरप अपने लंड पर लगा दिया और कुक्कू को चाटने को बोला. कुक्कू जीभ से सारा सिरप चाट गयी.


मैंने पूछा- कैसा लगा? वो बोली- अच्छा.


अब मैंने अपने लंड और आंड पर भी सिरप लगा दिया, कुक्कू चाटने लगी. तभी मैंने कुक्कू का सर पकड़कर अपना लंड का सुपारा उसके मुँह में डाल दिया और गले तक पंहुचा दिया.


उसका दम घुटने लगा तो मैंने लंड बाहर खींचा. वह खांसने लगी और उल्टी जैसा करने लगी. उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे.


मैंने बोला- कुछ नहीं होगा, अभ्यास होने से तुम्हें अच्छा लगने लगेगा. मैं उसके होंठों को चूसने लगा.


अब मैंने दुबारा लंड उसे मुँह में अन्दर तक लेने को बोला. वह प्रयास करने लगी, तभी मैंने उसकी नाक दबा दी. उसका मुँह खुल गया और लंड अन्दर मुँह में प्रवेश कर गया.


मैंने उसका सर लंड पर दबा कर रखा, तो वह फिर से छटपटाने लगी. लंड उसके गले में फंस गया था.


वह रोने लगी और हाथ जोड़कर बोलने लगी- अंकल मुझे छोड़ दो, ये सब मुझसे नहीं होगा. मैंने बोला- इसे तुम सजा क्यों मान रही हो … ऐसा कुछ भी नहीं है. चलो अब तुम ही चूसो जैसे तुम चाहो.


वह बाहर बाहर से लंड चाट रही थी, पर मुझे कुछ भी महसूस नहीं हो रहा था.


मुझे वाइल्ड सेक्स करना पसंद है पर कुक्कू का पहली बार था इसलिए मैं बहुत कंट्रोल कर रहा था.


मेरा लंड तैयार ही नहीं हो पा रहा था.


अब मैंने अपने बैग से हैंड कफ निकाला और कुक्कू के दोनों हाथ पीछे करके उससे बांध दिया.


वह डरने लगी और बोली- अंकल, आपने मेरे हाथ बांध क्यों दिए! मैं बोला- चिंता मत करो बेबी … थोड़ा कष्ट तो तुम्हें सहना ही पड़ेगा. तुम सहयोग नहीं कर पा रही हो.


वो मेरी आंखों में देख रही थी. मैंने कहा- अभी भी यदि तुम सहयोग नहीं करोगी तो तुम्हें ज्यादा कष्ट होगा.


कुक्कू को मैंने अपना लंड मुँह में लेने को बोला, तो उसने मुँह खोला पर उसका मुँह सूखा हुआ था. मैंने अपने लंड पर थूक दिया और कुक्कू के मुँह में जोर से पेल दिया.


कुक्कू को मैंने बेड के सिरहाने करके बैठाये हुए था और मैं खड़ा होकर उसके मुँह में लंड पेल रहा था.


वह छटपटा रही थी, पर कुछ कर नहीं पा रही थी. अब मेरे ऊपर वासना हावी हो गयी थी. सामने 19 साल की कमसिन लड़की है, इसकी चिंता मुझे नहीं थी.


कुक्कू की आंखें बाहर की तरफ निकल आयी थीं. मैंने कुक्कू का सर बालों से पकड़ा हुआ था और लंड अन्दर बाहर मुँह में पेल रहा था. उसका बदन लार से भीग गया था.


बीच बीच में मैं अपने आंड उसके मुँह में दे देता था. वह बस ‘ऊं आं …’ कर रही थी.


मेरा लंड अब धीरे धीरे कड़क हो रहा था. सुपारा फूलकर गेंद जैसा हो गया था. कुक्कू की नाक और मुँह से लार टपक रही थी.


मेरे ऊपर पागलपन हावी हो रहा था, जो खासकर अनाड़ी पार्टनर के कारण होता है.


मैं कुक्कू की चूची के निप्पल को दांतों से पकड़कर खींच दे रहा था. उसके निप्पल के दाने फूल गए थे.


मैं बीच बीच में कुक्कू के चूतड़ों पर जोर का थप्पड़ मारता, तो वह चिहुंक जाती.


मैंने कुक्कू के पूरे शरीर पर चुम्बन का बौछार कर दी और उसे उल्टा करके उसकी गांड के छेद को भी चाट चाट कर लाल कर दिया.


बीच वाली उंगली उसकी गांड में डाली, तो वो चिल्लाने लगी. पर मैंने पूरी मोटी उंगली उसकी गांड में ठूंस दी.


चूमने चाटने में मेरे दांत उसके शरीर में कई जगह गड़ गए. अब मैंने उसके हाथ खोल दिए और लंड चूसने को बोला. तो वो फिर बाहर से लंड चाटने लगी.


मैंने उसके गाल को अपने दोनों हाथों से दबाया और कहा- मादरचोद, अभी भी तू वैसे ही अनाड़ी जैसी चूस रही है. मुँह खोल और जीभ बाहर निकाल मादरचोद.


गाली सुकर वो हंसने लगी. जैसे ही उसने मुँह खोला, मैं लंड उसके मुँह में डालकर चोदने लगा.


अब मैं कुक्कू की बुर को चोदने के लिए तैयार था.


मैंने कुक्कू को चित लिटा दिया और उसकी बुर पर थूक दिया. मैं अपना लंड उसकी चूत की फांकों पर रगड़ने लगा.


वह फिर से मदमस्त होने लगी. मैंने अपना लंड उसके चूत पर सैट कर दिया, उसके पैरों को अपनी कमर पर बांधने को बोला.


मैं उसके ऊपर छा गया. अपने एक हाथ से उसके दोनों हाथों को पकड़ा और दाहिने हाथ से लंड को सहारा दिया.


फिर मैंने एक हल्का सा धक्का दिया, तो सुपारे ने कुक्कू की चूत में जगह बना ली.


कुक्कू कसमसाने लगी और बोली- अंकल, बहुत दर्द हो रहा है. मैंने बोला- कुछ नहीं होगा बस थोड़ा अन्दर और डालूंगा.


मैं उसके होंठों को मुँह में लेकर चुभलाने लगा. कुक्कू जैसे ही सामान्य हुई, मैंने एक करारा धक्का दे मारा.


इस बार कुक्कू की आंखें फट पड़ीं और वो ढेर सारा पसीना छोड़ने लगी.


मेरा लगभग आधा लंड कुक्कू के चूत में समा गया था. वह मुझसे छूटना चाह रही थी पर मेरे बलिष्ठ शरीर से वह दबी पड़ी थी. उसका शरीर कांप रहा था और ऐंठ रहा था.


मैं बहुत धीरे धीरे अपना लंड बाहर की तरफ खींच रहा था, फिर अन्दर डाल दे रहा था. अब मैंने उसका हाथ छोड़ दिया था और उसकी कांख के नीचे से दोनों हाथ डालकर उसे अपने सीने से चिपकाया हुआ था.


धीरे धीरे कुक्कू सामान्य हो चली थी. तभी मैंने फाइनल शॉट मारा और अपना लंड जड़ तक उसकी बुर में पेल दिया. वह चिल्लाने लगी, पर वहां सुनने वाला कोई नहीं था.


मैंने बोला- बेबी पूरा लंड तो तुम खा गयी, अब क्यों चिल्ला और रो रही हो! अब जो होना था, हो लिया. अब जश्न मनाओ … आज के बाद तुम लंड लेने वाली चीज बन गई हो. मैंने उसके आंसू पौंछे, उसके माथे और होंठों पर चुम्बन किया.


मैंने कहा- तुम्हें आज लड़की से औरत बनाने का सौभाग्य मुझे मिला, तुम्हें धन्यवाद और ढेर सारी शुभकामनाएं.


मैं अब धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने स्पीड बढ़ा दी.


वो लंड के मजे लेने लगी थी.


मैंने पोजीशन चेंज की और डॉगी पोजीशन में उसे चोदने लगा. बिस्तर पर उसके खून से लाल निशान हो गया था, पर मैं उसके चूत को रवां कर देना चाहता था ताकि उसे अगली बार कोई परेशानी न हो.


मैंने उसे काफी देर तक चोदा. वह थक गयी थी, कई बार झड़ी भी.


बाद में मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया. मैं पहली बार जब किसी लड़की को चोदता हूँ, तो वीर्य चूत में ही छोड़ता हूँ … क्योंकि पहली बार उसे सब सुख मिलना चाहिए.


उसकी चूत से माल बाहर निकल रहा था. उसकी हालत पतली हो गयी थी.


उसे देखकर मुझे दया आ रही थी. मैंने ममता को फ़ोन करके बुलाया.


ममता उसकी हालत देखकर मुझे कहने लगी- बेचारी की क्या हालत कर दी तुमने इसकी बुर चोद कर! मैंने कहा- तुमको तो मेरा मिजाज पता ही है. वो कुछ नहीं बोली.


मैंने कहा- इसे एक आईपिल दे देना, नहीं तो प्रेग्नेंट हो सकती है. कुक्कू थोड़ी डर रही थी. ममता ने उसे समझाया कि अब हो गया, जो होना था. अब तुम्हें जीवन भर दिक्कत नहीं आएगी और अब तुमको चुदे बिना अच्छा भी नहीं लगेगा. इसलिए जब मन हो आ जाना, मेरे पास कई मर्द हैं.


उसके बाद मैंने ममता की चुदाई की.


हम तीनों ने साथ खाना खाया और मैं घर वापिस आ गया.


उसके एक हफ्ते बाद कुक्कू को मैंने फिर चोदा और इस बार वह काफी कॉंफिडेंट थी.


आप सभी को बुर चोद कहानी पढ़ने का धन्यवाद. आपको Xxx कहानी कैसी लगी, जरूर कमेंट कीजिएगा. [email protected]


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