चुदासी चाची के साथ मस्ती से भरी रंगरेलियां- 6

परिमल पटेल

20-06-2022

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चाची की गांड मारी मैंने होटल के कमरे में! मुझे गांड मारने में सबसे ज्यादा मजा आता है क्योंकि गांड में जाकर लंड जोर से भींच जाता है. रगड़ कर जाता है.


मित्रो, मैं आप सबका परिमल पटेल अपनी चाची को होटल में ले जाकर चोदने की कहानी सुना रहा था. पिछले भाग सोती हुई चाची की चूत मारी में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी मदमस्त चाची की चुदाई करके सो गया था.


अब आगे चाची की गांड मारी:


मुझे तो नींद आ गई थी मगर नींद में भी मैं चाची की चुत में लंड डालकर चुदाई कर रहा हूं, ऐसा मुझे ख्वाब आने लगा था.


सच में बहुत मस्त ख्वाब था.


मैं चाची को उछल उछल कर चोद रहा हूं, मैं ऐसा सपने में देख रहा था और चाची जोरों से चिल्ला रही थीं.


तभी इस सपने के कारण मेरी नींद आधी खुल गई. मैंने देखा कि मैं तो सच में चुदाई कर रहा हूं. मुझे जैसे ही ऐसा महसूस हुआ, तो अचानक मेरी आंख खुल गई.


मैंने देखा कि चाची मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थीं. पता नहीं कब चाची ने मुझे उनके ऊपर से नीचे उतारा और कब मेरा लंड टाइट करके मुँह में लेने लगी थीं.


मैं भी बेड पर नींद में ही ऐसे आंखें बंद करके लेटा रहा. चाची को पता नहीं था कि मैं जाग गया हूं.


मेरा लंड छत की तरफ बंबू जैसा था, उसे चाची ने पकड़ कर रखा था.


चाची खड़ी हुईं और मेरे मुँह की तरफ पीठ करके मेरी जांघों के ऊपर बैठ गईं. उन्होंने मेरा लंड चुत के नीचे से आगे की ओर किया और लंड को चुत के ऊपर रगड़ने लगीं. अपने आप ही आहें भरने लगीं.


घड़ी में पता नहीं कितना टाइम हुआ था लेकिन मैंने खिड़की की तरफ एक आंख ऊंची करके देखा तो खिड़की के परदे के नीचे से सूरज की बहुत कम रोशनी आ रही थी. ऐसा लगता था कि अभी अभी ही सवेरा हुआ है … और सूरज भी अभी नहीं निकला था.


शायद सुबह होने को थी. पूरी रात कैसे निकल गई, कुछ पता ही नहीं चला. मेरी रंडी चाची सुबह सुबह चुदाई करने में लगी थी.


फिर चाची ने मेरा लंड चुत के मुँह पर सैट किया और ऊपर की ओर उठ कर धब्ब से मेरे लंड के ऊपर बैठ गईं. मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर समा गया.


चाची धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगीं. मैं यूं ही शांत लेटा लेटा ऐसे ही मजे लेने लगा था.


सब मेहनत चाची ही कर रही थीं. चाची मेंढक की तरह मेरे लंड के ऊपर कूद रही थीं.


मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया हूँ … ऐसा लग रहा था. मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था.


कुछ देर में चाची लौड़े पर कूद कूद कर थक गईं तो ऐसे ही चुत में लंड लिए बैठ गईं. फिर मैं पीछे से चाची के दोनों चूचों को दबाने लगा. तब जाकर चाची को पता चला कि मैं भी जग गया हूं.


अब मैंने नीचे से गांड उठाकर धक्के लगाना शुरू कर दिए तो चाची ने अपनी गांड थोड़ी ऊंची कर दी, जिससे मैं आसानी से धक्के लगाता रहूँ.


चुदाई के बीच में चाची बोलीं- तुम कब उठे? मैंने कहा- आप जब मुँह में ले रही थीं तब. चाची बोलीं- बदमाश पहले नहीं बोल सकता था क्या?


मैंने 5 मिनट तक धक्के लगाए. फिर मैं भी थक गया तो फिर चाची मेरी बाजू में आकर लेट गईं. चाची बोलीं- चलो तुम्हारा लंड अब मुरझा जाए, इससे पहले मेरी गांड का भी काम पूरा कर देते हैं.


चाची मेरी तरफ पीठ करके लेट गईं और मैंने लंड पर फिर से तेल लगा लिया. वहीं लेटा लेटा मैं चाची की मोटी गांड में लंड सैट करने लगा.


लंड एडजस्ट हो जाने के बाद मैंने जोर से धक्का लगाया तो लंड का सुपारा गांड में दाखिल हो गया. अब मैं धीरे-धीरे लंड को चाची की गांड के गहरे कुंए में उतारने लगा और एक दो शॉट में पूरा लौड़ा गांड में उतार दिया.


चाची ‘आह्ह् आह्ह … उईईई …’ जैसी आवाजें करने लगीं.


मैंने गांड के अन्दर धक्के लगाने चालू कर दिए. साथ ही मैंने चाची को अपनी बांहों में भर लिया था और नीचे से गांड में धक्के दे रहा था. चाची भी मेरे हर धक्के का जवाब अपनी गांड पीछे करके दे देतीं.


जैसे सुबह में पंछी की आवाज से वातावरण गूंज उठता है … इसी तरह सुबह सुबह चाची की गांड में लंड के पच पच की आवाज से कमरा गूंज रहा था.


मैंने एक साल पहले कभी सोचा भी नहीं था कि एक साल बाद में ऐसे एक होटल में सुबह सुबह चाची की गांड मार रहा होऊंगा.


गांड मारने में सबसे ज्यादा मजा आता है क्योंकि गांड के अन्दर की चमड़ी जैसे हमारे लंड को मुट्ठी में भर रही हो, ऐसा लगता है.


दस मिनट तक गांड में लगातार धक्के लगाने के बाद मैं अब थक गया था लेकिन अभी तक मेरा माल निकला नहीं था. मैं थोड़ा रुका और कुछ मिनट तक ऐसे ही गांड के अन्दर लंड डाले चाची को बांहों में भर कर उनकी चुम्मी लेता रहा.


फिर मैं उठा और गांड के अन्दर से लंड को बाहर निकाला. चाची बोलीं- क्यों निकाला, अभी तो माल निकला भी नहीं है?


मैंने कहा- रुको मेरी जानू. मैं जरा तेल लगा लूं. मैंने लंड पर फिर से थोड़ा तेल लगाया और लंड को लाल लाल चमका लिया.


ऐसे ही चाची के पीठ के पीछे जाकर फिर से चाची को बांहों में भर लिया और चाची की गांड के अन्दर लंड दाखिल कर दिया. बड़ी सरलता से लंड अन्दर तक चला गया. चाची अब फिर से गांड हिलाने लगीं और चिल्लाने लगीं.


मैं तेज तेज धक्के लगाने लगा. मैंने चाची के मम्मों को बहुत जोर से पकड़ लिया और पूरा जोर लंड के ऊपर लगा दिया.


मैं बहुत जोर से अन्दर-बाहर करने लगा. चाची की चिल्लाने की आवाजें बहुत तेज हो गई थीं.


मेरा बस निकलने ही वाला था तो मैंने धक्के लगाना चालू रखे और कुछ ही धक्कों में ही अपने लंड का माल चाची की गांड के अन्दर छोड़ दिया. इस तरह से मैंने चाची की गांड मारी.


दिन और रात में इतनी बार चुदाई के दौरान माल निकलने के बाद शरीर में कुछ माल बचा होगा या नहीं. मुझे माल निकलते वक्त जैसा महसूस होता है, वैसा महसूस हुआ बस!


अब मैं पूरी तरह से थक गया था. मैंने चाची से कहा- बस अब और नहीं. अगर आज और चुदाई करेंगे तो सीधा होटल से हॉस्पिटल जाना पड़ेगा.


चाची बोलीं- हां मेरे जानू, कोई बात नहीं … वैसे भी हम दोनों थक गए हैं. अब कोई और दिन प्लान बनाएंगे.


फिर चाची उठीं और आगे को हुईं, जिससे मेरा लंड गांड से बाहर आ गया.


अभी भी मेरा लंड टाइट था लेकिन पूरी तरह से टाइट नहीं था. मेरे लंड में भी जोरों से दर्द कर रहा था. फिर चाची बोलीं- इस सांप को अपने बिल में घुसा कर सुला दो.


हम दोनों हंसने लगे और मैं भी थोड़े मुरझाए लंड को चुत में डालने की कोशिश करने लगा.


बहुत मेहनत के बाद लंड को चुत में पूरा उतार दिया. मेरे लंड को किसी ने मुठ्ठी में जकड़ लिया हो, ऐसा लगने लगा था.


फिर मैं बगैर धक्के लगाए चाची को गले लगा कर उनके दोनों मम्मों को अपनी चौड़ी छाती से चिपका कर सो गया. हम एक दूसरे से चिपक कर सुबह सुबह करीब 6:30 या 7 :00 बजे सो गए थे.


चाची ने अपने बालों से मेरा मुँह भी ढक दिया. सोते वक्त भी अपना दूल्हा राजा अपनी गुफा में था. सोते वक्त भी मेरे लंड के ऊपर चुत की गहराई महसूस हो रही थी.


हम दोनों ऐसे सो गए जैसे एक महीने से सोए नहीं हों. फिर कुछ घंटों बाद मेरे मुँह पर पानी छिड़कने की वजह से मेरी नींद खुली तो चाची जी मेरे सामने नंगी खड़ी थीं और पूरा शरीर पानी से भीगा हुआ था.


ऐसा लग रहा था कि वो अभी अभी ही नहा कर कमरे में आई थीं और अपने भिगाए हुए बालों से मेरे मुँह पर पानी छिटक रही थीं.


मेरे जागते ही चाची बोलीं- उठो मेरे जानू, कितनी देर तक सोओगे. जरा टाइम तो देखो कितना हुआ! मैंने मोबाइल में देखा तो दोपहर के 1:00 बज चुके थे.


चाची बोलीं- उठो, जल्दी जाकर नहा लो. मैं अभी नहा कर आई हूं. मैंने कहा- इतनी जल्दी क्या थी, हम दोनों साथ में नहाते न.


चाची बोलीं- हां हम जरूर साथ में नहाते, लेकिन तुम्हारे चाचा का फोन आने की वजह से मेरी नींद खुल गई.


मैं थोड़ा घबराकर चाची से बोला- क्या कहा चाचा ने? चाची बोलीं- अरे शांत हो जाओ तुम, कुछ नहीं कहा चाचा ने. उन्होंने बस इतना कहा कि आज शाम को वापस आ जाना … और एक दिन मत रुक जाना.


मैंने चाची की तरफ देखा. चाची बोलीं- चलो जल्दी से उठो, नहा लो.


फिर मैं उठा, मेरा सर बहुत दर्द कर रहा था. मैं धीरे धीरे वॉशरूम गया और फ्रेश होकर नहाने लगा.


नहाते वक्त मैंने लंड को टाइट करने की बहुत कोशिश की लेकिन बहुत मेहनत के बाद मेरा लंड टाइट हुआ और सलामी देने लगा.


मैं नहा कर बाहर आया तो मेरा खड़ा लंड देखकर चाची बोलीं- अरे रे रे फिर से जग गया हमारा शोना … इसे सुला दो … वर्ना मैं फिर से शुरू हो जाऊंगी.


चाची अभी भी ब्रा और पैंटी में ही थीं. वो मेरे पास आईं और सीधे मेरे होंठ पर किस करने लगीं. वो मुझसे बोलीं- मुझसे प्यार करते हो? मैंने कहा- हां बहुत.


चाची बोलीं- जो मैं बोलूं वह करोगे! मैं बोला- क्या? अगर मुझसे होगा तो मैं जरूर करूंगा.


तब चाची बोलीं- चलो हम दोनों एक दो महीने के लिए कहीं बाहर यानि मुंबई या गोवा भाग जाते हैं. खूब मजे करेंगे और एक दूसरे से खूब प्यार करेंगे. मैंने कहा- अच्छा जी, हम लोग अपने घर वालों को क्या जवाब देंगे … और मेरी जॉब चालू है, उसे मैं नहीं छोड़ सकता हूँ. अगर मैंने बिना बताए इतनी सारी छुट्टी ले ली, तो कंपनी वाले मुझे जॉब से भी निकाल सकते हैं. सॉरी चाची मैं आपकी यह बात पूरी नहीं कर सकता.


चाची बोलीं- कोई बात नहीं, लेकिन तुम्हारे ना बोलने से मेरा मन तो दुख हुआ है. मैंने कहा- चाची, आप चिंता ना करें, मैं हाजिर हो जाऊंगा, जब आप बोलेगी तब … चाहे चुदाई के लिए हो या किसी और काम के लिए. चाची बोलीं- ठीक है, चलो जल्दी से तैयार हो जाओ.


फिर हम नए कपड़े पहन कर तैयार हो गए और होटल से करीब 2:00 बजे को निकल गए. हमने बाहर जाकर पेट भर कर खाना खाया और थोड़ी देर में घूमने के बाद हम घर जाने के लिए निकल पड़े.


चाची मुझसे नाराज थीं. वे मुझसे बात भी नहीं कर रही थीं. मैंने चाची से कहा- चाची आप पहले जैसी नहीं रहीं. मैंने आपकी बात नहीं मानी इसलिए आप मुझसे नाराज हो ना … तो कोई बात नहीं … हम घर जाकर बाहर भागने का प्लान बनाते हैं … ओके. लेकिन अभी घर चलते हैं, बाद में सोचेंगे कि क्या करना है. तब तक मैं भी कंपनी से छुट्टियां ले लूंगा.


अब चाची थोड़ा मुस्कुराने लगीं और बोलीं- बहुत कमीना है तू और तेरा लंड भी. वो मेरी पीठ के ऊपर धौल मारकर चिपक गईं और हाथ आगे करके मेरे पेट के ऊपर बांध दिए. चाची बोलीं- पक्का ना … हम जाएंगे ना!


मैं बोला- हां मेरी प्यारी चाची जी, हम जरूर जाएंगे और खूब चुदाई करेंगे. खूब मजे करेंगे. सिर्फ हम दोनों ही रहेंगे. बस कंपनी से एक दो महीने की छुट्टी ले लूं, तब तक थोड़ा सब्र कीजिए. मैं भी कहां भागा जा रहा हूं. चाची बोलीं- ठीक है मेरी जान … लव यूं सो मच.


अब मुझे भरोसा हो गया था कि चाची मेरा सिर्फ अपने चुदाई की भूख मिटाने के लिए मेरा इस्तेमाल कर रही हैं और कुछ नहीं. मैं भी कहां अब उनके हाथ आने वाला था. चाची वजह से मुझे भी किसी गर्लफ्रेंड और बिना साड़ी के एक खूबसूरत औरत की चुदाई करने को मिलती थी. यह तो अकेले-अकेले मुठ मारने से बेहतर था.


अभी भी मैंने कहां चाची से यह रिश्ता खत्म कर दिया है. ये आगे भी चलता रहेगा.


फिर हम करीब 6:00 बजे घर वापस आ गए. चाचा घर के बाहर ही बैठे थे. वो हमें देख कर बोले- आइए आइए और दो-तीन दिन ज्यादा रहकर आना था ना.


चाची बोलीं- हां हां हम अगले महीने फिर से जाने वाले हैं. वह भी एक महीने की ट्रिप के लिए. तुम अकेले अकेले घर पर रहना. चाचा बोले- हां हां चली जाना, मुझे भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा. ऐसे दोनों लड़ते झगड़ते अपने घर चले गए और मैं भी अपने घर आ गया.


घर जाकर मम्मी बोलीं- कैसी रही चाची के साथ तुम्हारी ट्रिप … और कैसी हैं चाची की सहेली? मैंने कहा- बहुत मजा आया और चाची की सहेली भी बहुत अच्छी हैं. हम दोनों ने उनकी सहेली के घर खूब मजे किए. चाची की सहेली ने हमें गिफ्ट भी दिए.


मेरी चाची जो एक दो महीने के लिए मेरे साथ भाग जाने का प्लान बना रही थीं. उसके बारे मैं अपनी अगली कहानी में बताऊंगा.


ये थी चाची की गांड मारी कहानी, कैसी लगी आप सबको. मेल भेज कर जरूर बताएं. [email protected]


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