पापा के दोस्त ने मेरी बुर की सील तोड़ी

सरीना 18

17-04-2022

683,716

देसी वर्जिन Xxx कहानी एक कुंवारी लड़की की है जो अपने पिता के दोस्त को पसंद करती थी. एक बार जब पापा के दोस्त ने उसे सेक्स के लिए उकसाया तो वो चुद गयी.


यह गर्म कहानी सुनें


दोस्तो, मैं सरीना जयपुर से हूँ. आज मैं आपको अपनी जिन्दगी की एक सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ.


मैं इस घटना को बताना तो नहीं चाहती थी. लेकिन मेरी एक सहेली ने जब मुझे हिंदी कहानी की साइट के बारे में बताया कि यहां सेक्स स्टोरी पढ़ने में बड़ा मजा आता है तो मैंने साईट खोल कर पढ़ना शुरू किया.


उस वक्त तक न तो कोई घटना हुई थी और न ही मेरे दिमाग में ऐसा कुछ था.


फिर जब मैंने इधर देखा और सेक्स कहानियां पढ़ीं, तो मेरा मन सेक्स करने का होने लगा.


उसी दौरान मेरे साथ ये घटना घट गई तो मैंने सोचा कि अपनी बात को बिना किसी हिचक के यहां लिखा जा सकता है. बस इसी वजह से मेरा मन बन गया और मैं आज आपको अपनी देसी वर्जिन Xxx कहानी लिख रही हूँ. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी आपबीती जानकर काफी मजा आने वाला है.


ये बात दो साल पहले उस समय की है, जब मैं 19 साल की थी. मेरी फैमिली में मेरा एक छोटा भाई है और मम्मी नहीं हैं. उनकी 4 साल पहले मृत्यु हो चुकी है. हालांकि अब पापा भी नहीं हैं, वो भी गुजर गए हैं.


मेरे पापा के एक दोस्त हैं. वो उम्र में मेरे पापा से भी बड़े हैं. उनकी उम्र अभी 50 साल है.


उन्होंने ही मुझे पहली बार चोदा था और मेरी सील तोड़ दी थी.


यह बात तब की है जब मेरे पापा ज़िंदा थे. उनको 15 दिनों के लिए गोवा जाना था. गोवा में ऑफिस के कुछ क्लाइन्ट्स के साथ मीटिंग थी.


उस समय मेरे पापा ने अंकल को कॉल लगाया और उनसे कहा कि मेरे बच्चों के पास 15 दिन रह लो. क्योंकि पापा के जाने के बाद हम लोग घर में अकेले हो जाते.


पापा ने अंकल से बोला- या तो तू 15 दिनों के लिए इन्हें अपने घर ले जा … या खुद यहीं आ जा. अंकल बोले- अरे तू चिंता मत कर … मैं ऑफिस के बाद खुद ही तेरे घर आ जाया करूंगा!


वो अंकल हमारे घर से 12 किलोमीटर दूर रहते थे. अगले दिन पापा चले गए.


फिर जब मैं शाम को चाय बना रही थी तो अंकल आ गए.


मैंने अंकल को घर आने के लिए थैंक्स बोला. अंकल बोले- अरे बेटा कोई बात नहीं … तुम लोग तो मेरे बच्चे जैसे हो.


फिर मैंने अंकल को चाय दी और हम सब बैठ कर चाय पीने लगे.


मैंने अंकल से रात के खाने के लिए बात की तो अंकल ने बताया कि वो अपने घर से ही हम सबके लिए खाना बनवा कर लाए हैं. मैं उनकी बात सुनकर खुश हो गई.


कुछ देर बाद हम सबने खाना खाया और टीवी देखने लगे.


मैं आपको बता दूं कि अंकल बहुत ही हैंडसम दिखते हैं और उनकी हाइट भी अच्छी है. बॉडी भी मस्त है और अंकल एकदम हीरो से लगते हैं.


उन्हें देख कर मेरे मन में पहले से हेनू हेनू होता था. फिर जबसे सेक्स कहानी पढ़ीं तो अंकल के साथ सेक्स करने का मूड भी बनने लगा था; अब मौक़ा भी मिल गया था.


उस दिन कुछ देर टीवी देखने के बाद मैं बोली- अंकल आप टीवी देखो, मैं सोने जा रही हूँ. वो बोले- हां चलो, मैं भी चलता हूँ.


वो पापा के रूम में चले गए तो मेरा भाई ज़िद करने लगा कि मैं अंकल के साथ ही सोऊंगा. मैं बोली- तू अंकल के साथ नहीं जा सकता … क्या मैं अकेली सोऊंगी?


मैं अकेली नहीं सो पाती थी. मुझे अकेली सोने में डर लगता था और नींद ही नहीं आती.


तभी अंकल हमारे रूम में आ गए. अंकल बोले- कोई बात नहीं, मैं यहीं तुम दोनों के साथ सो जाता हूँ. मैं खुश होकर बोली- हां ये अच्छा रहेगा.


फिर हम तीनों एक ही बेड पर सो गए. बीच में अंकल लेट गए थे, एक तरफ मैं और दूसरी तरफ मेरा भाई लेटा था.


अंकल के मुँह से महक आ रही थी. उन्होंने ड्रिंक कर रखी थी. मैंने कुछ नहीं कहा.


कुछ देर में हम सब सो गए. तभी अचानक से मेरी नींद खुली. उस वक्त दो बजे थे.


मैंने देखा कि अंकल का एक पैर मेरे पैर के ऊपर चढ़ा था और उनका हाथ मेरे आगे था. उन्होंने मुझे अपनी बांहों में लिया हुआ था.


पहले तो मुझे अजीब सा लगा लेकिन फिर मुझे अच्छा लगने लगा. मेरे मन में अंकल के साथ सेक्स करने की बात से वासना चढ़ने लगी.


फिर पता नहीं क्या हुआ कि मैं अंकल से और ज्यादा चिपक गई. मेरी गांड अंकल के लौड़े से लग गई थी.


अंकल का लंड खड़ा हो चुका था क्योंकि उनका लंड मुझे अपनी गांड में गड़ता हुआ महसूस हो रहा था. इतने में अंकल से मेरी गांड में धक्के देने लगे और मेरे चुचे दबाने लगे.


अब मुझे लगा कि अंकल ये सब तो जानबूझकर कर रहे हैं. मैं मस्त होने लगी थी.


हालांकि मैं कुछ समझ ही नहीं पा रही थी कि अंकल के साथ कैसे शुरू करूं.


तभी अंकल ने धीरे से मेरे कान ने पूछा- कैसा लग रहा है? मैंने अंकल से कहा- अंकल, ये ग़लत है, आप मेरे पापा के दोस्त हो और आपकी उम्र 50 साल है. जबकि मैं सिर्फ़ 19 साल की हूँ.


वो बोले- उम्र से कुछ नहीं होता … मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूँगा और तुम्हें किसी चीज़ की कोई कमी नहीं होगी. मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ. मैं बोली- अंकल, मैंने आज तक ये सब नहीं किया है.


इसी बीच उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बोले- चलो आज करते हैं. वो मुझे लेकर पापा के रूम में आ गए.


अंकल बोले- अब बोल, वहां अगर राहुल (मेरा भाई) उठ जाता तो गड़बड़ हो जाती न! मैंने उनसे कहा- अंकल मैं वर्जिन हूँ और किसी को पता चल गया तो क्या होगा?


वो बोले- किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. वो मुझे पापा के बेड पर लेटाकर किस करने लगे. मुझे भी अच्छा लग रहा था.


मैंने भी सोचा कि आज चुदवा ही लेती हूँ. मैं खुद देखना चाहती थी कि चूत चुदवा कर कैसा लगता है. जब एक मर्द और औरत सेक्स करते हैं, तब क्या क्या होता है.


अब मैं अंकल से कुछ नहीं बोली और अंकल आगे बढ़ते गए. वो मुझे मेरे होंठों पर चूमने लगे.


मुझे अच्छा लग रहा था तो मैं बस अंकल का साथ देने लगी.


कुछ देर बाद अंकल उठे और उन्होंने अपना पजामा उतार दिया. मेरी भी नाइटी उतार दी और ब्रा भी.


मुझे नंगी होने में शर्म आने लगी; मैं अपने दूध छुपाने लगी और अंकल को रोकने लगी.


लेकिन अंकल नहीं रुके, वो बोले- सरीना बिटिया, मुझे मत रोको प्लीज़ आज मैं तुझे बहुत मज़ा देने वाला हूँ. तुझे अपनी बीवी बनाऊंगा. उनकी इस बात से मैं शर्मा गई.


अब वो मेरे चुचे चूस रहे थे, मुझे दर्द हो रहा था मगर अच्छा भी लग रहा था. फिर अंकल ने अपना अंडरवियर उतार दी.


मैंने उनका मोटा लंड देखा तो शर्मा गई. अंकल का लौड़ा बहुत लम्बा था और उनकी जांघें भी बहुत भारी थीं. वो एक गठीले मर्द थे. मुझे डर लग रहा था कि अगर ये मेरे ऊपर चढ़ गए तो मैं तो मर ही जाऊंगी.


मैंने अंकल से कहा कि आपका बहुत बड़ा है … मेरी में नहीं जा पाएगा. वो बोले- बेटी, तू टेंशन मत ले, ये मेरा काम है.


फिर उन्होंने मेरी पैंटी उतार दी और मेरी बुर देखने लगे. मेरी बुर पर हल्की हल्की सी झांटें आई हुई थीं.


वो बोले- क्या मस्त चूत है तेरी … बहुत फूली हुई और गोरी बुर है. क्या सच में तू अभी तक वर्जिन है. मैंने हां में सर हिला दिया.


अब अंकल मेरी टांगें फैला कर मेरी बुर चाटने लगे. मुझे अंकल से बुर चटवाने में बहुत शर्म आ रही थी.


मैं अंकल से बोली कि मुझे शर्म आ रही है. अंकल बोले- अब कैसी शर्म … आज से तू मेरी वाइफ है. बस तू मजा ले.


अब वो अपनी जीभ को मेरी चूत में अन्दर पेल कर अन्दर बाहर करने लगे.


मुझे वाकयी बुर चटवाने में बड़ा मजा आ रहा था. मैं आंख बंद करके अंकल की जीभ को अपनी चूत में महसूस कर रही थी. मेरी कामाग्नि हर पल और ज्यादा भड़कती जा रही थी. मैं अपनी गांड उठाकर अंकल के मुँह में अपनी चूत देने की कोशिश कर रही थी.


फिर अंकल मेरे ऊपर आ गए और टांगों को फैला कर अपना लंड मेरी चूत की फांकों में घिसने लगे. मैं लंड के गर्म अहसास से सिहर उठी थी.


अंकल बोले- बेटी बताओ बुर में लंड डाल दूँ क्या? मैं बोली- अंकल मुझे डर लग रहा है … कोई प्राब्लम ना हो जाए.


वो बोले- कुछ नहीं होगा. सारी दुनिया में चूत सिर्फ लंड के लिए ही बनी है. मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगी और तभी अंकल से अपनी गांड हिलाई. लेकिन अंकल लंड अन्दर नहीं गया.


फिर उन्होंने मेरी बुर में अपना थूक डालकर उंगली की और फिर से मेरे ऊपर चढ़ गए. अंकल फिर से लंड अन्दर पेलने लगे.


इस बार उनका लंड का कुछ हिस्सा चूत के अन्दर चला गया. मेरी तो मानो जान निकल गई. मेरी आंखों से आंसू आ गए. मैं रोने सी हो गई.


अंकल समझ गए कि मुझे दर्द हुआ है. वो कुछ देर वो वैसे ही मेरे ऊपर लेटे रहे और जब मेरे दर्द कम हुआ, तो एक और धक्का मार दिया. इस बार उनका लंड पूरा मेरी नयी बुर अन्दर चला गया.


मैं रोने लगी क्योंकि बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था. मैंने अंकल से कहा- प्लीज़ निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है. लेकिन वो बोले- सरीना बिटिया कुछ नहीं होगा … कुछ देर दर्द देगा, फिर मज़े ही मज़े हैं. वैसे भी एक दिन तो तुझे चुदना ही था, तो आज ही सही. न जाने कौन ऐसा मिले, जो तेरे दर्द को समझे ही नहीं. मैं तो तुझे प्यार से चोद रहा हूँ. कोई और होता तो तुम्हारी चूत का भर्ता ही बना देता.


अंकल मुझे बातों में उलझा कर मेरे दर्द को कम कर रहे थे. साथ ही उनका एक हाथ मेरे दूध सहला रहा था जिससे मुझे अच्छा लगने लगा था.


फिर अंकल कुछ मिनट तक वैसे ही लेटे रहे और मुझे किस करते रहे. उनके मुँह से आने वाली स्मेल अब मुझे अच्छी लगने लगी थी. उन्होंने ड्रिंक कर रखी थी.


फिर अंकल ने देखा कि मेरा दर्द कम हो गया तो वो अपनी गांड आगे पीछे करने लगे और मुझे चोदने लगे. अब मेरा भी दर्द कम हो गया था और मज़े आने लगे थे. मैंने अंकल से कहा- अब छोड़ दो … नहीं तो राहुल जाग जाएगा.


वो बोले- अभी नहीं जागेगा, तुम चिंता मत करो. वो धकापेल मुझे चोदे जा रहे थे. मुझे अपनी चूत में बेहद मजा आने लगा था.


अंकल बोले- आज मैंने तुम्हें एक लड़की से औरत से बना दिया सरीना बेटी. तेरी चूत बहुत मस्त है. अब जब भी मौका मिलेगा, मैं तेरी चूत आराम से मार लूंगा. बोल देगी ना? मैंने हां बोल दी.


दस मिनट चोदने के बाद अंकल ने अपनी गांड तेज़ी से हिलानी शुरू कर दी और मेरी चूत में ही झड़ गए.


अंकल वैसे ही मेरे ऊपर पड़े रहे. फिर वो उठे और बोले- थैंक्स रानी, लव यू. मैं कुछ नहीं बोली.


जब मैं उठी तो देखी कि मेरी चूत से खून निकल रहा था. मैं दर्द से कराहती हुई अंकल से बोली- ये खून क्यों निकला है अंकल?


अंकल- तेरी आज बुर की सील टूटी है, इसलिए खून निकला है. पहली बार में सब लड़कियों के साथ ऐसा होता है. मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा था.


तभी अंकल बोले- जा वॉशरूम में जाकर पेशाब कर ले. फिर मैं पेशाब के लिए वॉशरूम में गई.


मैं ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी. किसी तरह से मैंने पेशाब किया. मेरी चूत से खून निकलकर बह गया और अंकल का वीर्य, जो उन्होंने मेरी चूत में डाल दिया था, वो भी बह गया.


मैं वापस कमरे में आकर बिस्तर पर लेट गई. फिर मैं और अंकल सो गए.


अगले दिन जब मेरी आंख खुली तो अंकल जा चुके थे. मेरा भाई भी स्कूल के लिए रेडी हो रहा था. वो स्कूल चला गया.


तभी अंकल ने मुझे कॉल किया- अब दर्द कम हुआ? मैं बोली कि अब थोड़ा बहुत बाकी है.


वो बोले- कोई बात नहीं, ठीक हो जाएगा … आज एक बार फिर से लंड ले लेना, बिल्कुल ठीक हो जाओगी.


फिर शाम को अंकल आए और आज वो अपने साथ कोल्ड ड्रिंक लाए थे. उन्होंने हम दोनों भाई बहनों के साथ कोल्ड ड्रिंक पी.


मुझे कोल्ड ड्रिंक का स्वाद कुछ अलग सा लगा मगर मैंने पी ली.


फिर हम सभी ने कल की तरह खाना खाया और उसी तरह से हम सब बेड सब सोने चले गए. अंकल के मुँह से आज भी स्मेल आ रही थी. मगर आज मुझे भी कुछ मस्ती सी चढ़ रही थी.


मेरा भाई अपने फोन में गेम खेल रहा था. मगर वो कुछ ही देर में सो गया. मैं और अंकल वैसे ही सिर्फ़ सामान्य बात कर रहे थे ताकि मेरे भाई को शक ना हो.


जब मेरे भाई सो गया तो अंकल ने पूछा- सरीना बेटा मन है … आज भी लोगी? मैं कुछ नहीं बोली तो वो समझ गए कि लौंडिया चुदना चाहती है.


अंकल मुझे किस करने लगे और मेरे ऊपर चढ़ गए. मैं बोली- अंकल, राहुल जाग जाएगा. वो बोले- नहीं जागेगा, तू टेंशन मत ले.


मैं मस्ती में बोली- चलो पापा के रूम में चलते हैं. वो बोले- अभी नहीं, आज इसी बेड पर तुझे चोदने का मन है. बाद में उस रूम में चलूँगा.


उन्होंने मेरी नाइटी ऊपर कर दी और अपना पजामा और अंडरवियर को नीचे कर दिया.


अंकल ने मेरी पैंटी को भी नीचे कर दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया.


मुझे फिर से दर्द हुआ, लेकिन इस बार पहली बार के मुकाबले में दर्द कम था.


अंकल मुझे चोदने लगे लेकिन वो मुझे धीरे धीरे चोद रहे थे क्योंकि साइड में मेरा भाई सो रहा था इसलिए वो इस बात का ध्यान रख रहे थे कि कहीं वो जाग ना जाए.


फिर मैंने अपने दोनों हाथ अंकल की गांड पर रख दिए और उनकी गांड सहलाने लगी. वो अपनी गांड हिलाकर हिलाकर मुझे चोद रहे थे. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अंकल को किस कर रही थी.


तभी मैं अंकल से बोली- राहुल जाग जाएगा, अब उधर चलो. वो बोले- चल बेटी, अब तेरे पापा के रूम में चलता हूँ.


वैसे ही लंड मेरी चूत में फंसाए हुए अंकल ने मुझे गोद में उठा लिया. उनका लंड मेरी चूत में ही रगड़ रहा था और वो मुझे चोदते हुए उस रूम में ले गए.


रूम में जाकर मुझे एक दीवार की तरफ खड़ी कर दिया और वैसे ही स्टैंडिंग पोजीशन में मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे.


फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से मेरी चूत चोदने लगे.


अब अंकल झड़ने वाले थे तो वो बोले- सरीना बेटी, मेरा होने वाला है. आज उन्होंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल दिया और सारा माल मेरी गांड पर छोड़ कर वैसे ही लेट गए.


मैं भी उनके साइड में लेट गई. अंकल मुझे किस करने लगे और मेरी चूत सहलाने लगे.


फिर अंकल बोले- मुझे लैट्रिन जाना है. तू मेरे साथ चल. तो मैं हंसने लगी और बोली- मैं क्यों जाऊं … आपको लगी है तो आप ही जाओ न!


अंकल बोले कि मुझे तुमको वहां भी चोदने का मन है. ये कह कर उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और वैसे ही टॉयलेट में जाकर नंगे ही कमोड पर लैट्रिन करने बैठ गए.


उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठने को कहा. मुझे तो बहुत शर्म आ रही थी. मैं उनकी गोद में बैठ गई और अंकल ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया.


अंकल मुझे चोदने लगे. वो लैट्रिन करने के साथ साथ अपनी गांड उठा उठा कर मुझे चोद भी रहे थे. मुझे भी मज़ा आ रहा था.


कुछ देर बाद उन्होंने लैट्रिन कर ली और अपनी गांड धो ली. फिर वैसे ही अपनी गोद में लेकर मुझे चोदते हुए रूम में लेकर आ गए.


अंकल मुझे साइड में लिटाकर चोदने लगे. करीब 20 धक्कों के बाद अंकल मेरी चूत में ही झड़ गए.


फिर हम दोनों वैसे ही सो गए.


सुबह 4 बजे मेरी आंख खुली तो मैं अपने रूम में भाग आई और कपड़े पहने कर वापस आ गई.


मैंने अंकल को उठाया और उन्होंने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर हम दोनों सो गए. मेरा भाई अभी भी सो रहा था.


दोस्तो, उस दिन से 15 दिनों तक अंकल मुझे चोदते रहे.


फिर पापा गोवा से वापस आ गए लेकिन अंकल अब भी मुझे मौका मिलते ही चोद देते हैं. फिर पापा की डैथ हो गई तो अंकल हमारे साथ ही रहने आ गए.


मैं भी अंकल से बहुत प्यार करने लगी हूँ, इसलिए किसी और मर्द से अब तक नहीं चुदी.


अंकल भी मुझे अपनी वाइफ के जैसे मानते हैं. मेरे पिछले बर्थडे पर अंकल ने मुझे आई फोन-12 गिफ्ट किया है. लव यू अंकल.


देसी वर्जिन Xxx कहानी में आपको मजा आया होगा. अपने विचार मुझे बताएं. [email protected]


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