दिल्ली में मिली लड़की की चूत गांड की चुदाई- 2

जयंत कुमार

24-05-2022

165,709

गरम लड़की की गांड मारी मैंने! वो मेरे कमरे में आकर पहले ही चूत की सील तुड़वा चुकी थी. मैं उसकी गांड मारना चाहता था पर वो दर्द से डर रही थी.


फ्रेंड्स, मैं जयंत आपको दिल्ली में मिली एक मस्त लड़की फ़ारिज़ा के साथ चूत गांड चुदाई की कहानी सुना रहा था. कहानी के पहले भाग दिल्ली में सेक्सी माल को चोदा में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने फ़ारिज़ा की चूत चोद दी थी और उसकी चूत में ही झड़ गया था.


अब आगे गरम लड़की की गांड मारी:


मैं अभी भी उसके ऊपर लेटा हुआ था और लंड छोटा होकर सिकुड़ने लगा था. वो चूत से बाहर आ गया था.


हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बिना कपड़ों के वापस से सो गए.


सुबह दस बजे नींद खुली और दिन की शुरुआत हुई.


लंच में खाने के बाद उसे वापस अपने रूम जाना था. उसके रूम पर जाने से पहले मैंने उसे एक बार और चोदा. इस बार डॉगी स्टाइल में चुदाई का मजा लिया.


उसके बाद मैं उसे मेट्रो तक छोड़ कर वापस अपने रूम में आ गया. उस रात हम दोनों ने फोन पर वीडियो सेक्स किया और सो गए.


दूसरे दिन से हम दोनों की वासना अपने यौवन पर खिलने लगी. वो मुझसे बिंदास चुदाई की बातें करने लगी.


मैंने उससे पूछा- अब कब मजा लेने आओगी? वो हंसने लगी और बोली- अब तो चूत के लिए लंड मिल गया है तो मेरी चूत बार बार लंड के लिए मचलेगी.


मैंने कहा- लंड को तो सिर्फ छेद की जरूरत होती है. तुम किसी भी छेद में अपने लंड को ले सकती हो. वो बोली- हां बे साले समझ गई … तुझे मेरे मुँह में लंड देने की ज्यादा चुल्ल होती है.


मैंने कहा- साली रांड … मुझे तो पहले ही तेरे मुँह में देने की पड़ी थी मगर तू ही नहीं चूस रही थी. फिर तेरी चूत की आग ने लंड चूसने पर तुझे मजबूर कर दिया था. वो हंसने लगी और बोली- हां यार, मुझे पहले तो लगा था कि मैं गलत कर रही हूँ, पर जब तेरे लंड को चूसा तो मजा आने लगा था.


मैंने कहा- अब तेरी गांड मारने का दिल भी करने लगा है. वो बोली- साले, गांड की तरफ की सोचियो भी मत … उधर तेरी दाल नहीं गलने वाली.


मैंने कहा- तू खुद से कहेगी कुतिया कि मेरी गांड मार लो. इस तरह से हम दोनों एक दूसरे से गर्म बातें करने लगे.


अगले शनिवार को वो सुबह से ही मेरे कमरे पर आ गई. मैंने आज सारे दिन फ़ारिज़ा के साथ मस्ती की ठान ली थी.


वो आई और हम दोनों ने पहले एक बार फटाफट वाली चूत चुदाई का मजा लिया और नंगे ही बिस्तर पर पड़े रह कर बातें करने लगे.


उस दिन हम दोनों ने पूरे दिन में चार बार चुदाई की और मैंने उससे भरपूर लंड चुसवाया.


इसी दौरान मैंने उसकी गांड में उंगली भी की मगर वो अपनी गांड में लंड लेने से डर रही थी.


मैंने उससे बहुत कहा कि एक बार गांड में ले ले … मजा आ जाएगा. मगर वो नहीं मानी.


फिर मैंने रविवार को सुबह जल्दी उठ कर उसकी गांड में तेल से सनी उंगली डाली. तो वो उठ गई और मुझे गाली देने लगी- मादरचोद, चूत में तुझे लंड डालने से ख़ुशी नहीं मिलती है क्या जो मेरी गांड के पीछे पड़ा है! मैंने हंसते हुए उसे चूमा और प्यार करने लगा.


वो बोली- अब मैं अपने कमरे पर जा रही हूँ. मैंने कहा- अरे यार, आज तो संडे है … कुछ देर मजा ले ले फिर चली जाना.


वो मान गई और मैंने उसके लिए नाश्ता बनाया और हम दोनों ने नाश्ता किया.


मैंने उससे फिर से गांड के लिए कहा तो वो कहने लगी कि जयंत गांड में लंड लेना इतना आसान नहीं होता है.


तब मैंने उसे इन्टरनेट पर एक लेख गाण्ड मारने की विधि इसके बारे में पढ़वाया.


गांड में लंड लेने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. इसके लिए गांड को ढीला होना जरूरी होता है. गांड ढीली करने के लिए लड़की को खुद की उंगली गांड में चलाना चाहिए, ताकि मर्द को लंड पेलने में आसानी हो और गांड मरवाते समय लड़की को भी मजा आए.


कुछ देर बाद वो बोली- चल मैं कोशिश करूंगी. मैंने कहा- एक काम कर … ये कोशिश मैं तेरे साथ करता हूँ.


वो बोली- कैसे? मैंने कहा- मैं तेरी गांड में तेल लगी उंगली से मालिश कर देता हूँ … फिर तू खुद करने लगना.


वो कुछ सोचने लगी. मैंने उससे कहा- अब तू अपनी पैंटी उतार कर औंधी लेट जा!


वो नंगी होकर लेट गई.


मैंने जैतून के तेल से उसकी गांड के छेद की ऊपर ऊपर से मालिश की और उसकी गांड के भूरे रंग के फूल को अपनी एक उंगली से कुरेदा. उसे मजा आया.


मैंने तेल से भीगी उंगली को उसकी गांड में चलाना शुरू कर दिया. इससे उसे सनसनी होने लगी.


कुछ आधा घंटा बाद वो बोली- मैं समझ गई कि कैसे छेद फैलाना है. मैंने कहा- कैसे करेगी?


वो बोली- मैं कमोड पर बैठ कर करूंगी. मैंने ओके कह दिया. इसके बाद वो चली गई.


रात को उसने वीडियोकॉल पर अपनी टांगें उठा कर अपनी गांड में अपनी उंगली पेल कर मुझे दिखाई. मुझे समझ आ गया कि फ़ारिज़ा जल्द ही अपनी गांड मेरे लिए खोल देगी.


इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि वो अगले शनिवार को मेरे कमरे पर न आ सकी.


हम दोनों बात करते रहे और वो अगले वीकेंड पर आने की बात करने लगी. शायद उसे चूत चुदवाने का कुछ ज्यादा मन था.


मैंने कहा- ऐसा कर … तू शुक्रवार को शाम सात बजे ही आ जा! वो उस दिन सात बजे मेरे कमरे में आ गई.


उस दिन मैंने गांड मारने का मन बना लिया था. मैं बियर की चार बोतलें ले आया था. मैंने सोचा कि नशे में सेक्स करने से उसे दर्द नहीं होगा. नहीं तो वो मना करने लगेगी.


उस दिन हम दोनों ने डिनर के पहले साथ में बियर का मजा लिया. एक एक बोतल में ही हम दोनों का मजा बढ़ गया था.


फिर डिनर के बाद हम दोनों बेड पर आ गए. उसने मुझे हग कर लिया और अपने पैर से मेरे लंड को सहलाने लगी जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया.


मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया और उसने भी भरपूर साथ दिया. उसे किस करते करते मैंने उसकी टी-शर्ट को खोल दिया और चुचे सहलाने लगा.


वो गर्म होने लगी.


फिर मैं नीचे को हो गया और उसकी दिनों चूचियों को बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया. वो भी साथ देने लगी और अपने निप्पलों को मेरे मुँह के अन्दर तक घुसाने लगी.


इससे मुझे भी जोश आ गया और मैं उसके चूचे चूसने लगा, साथ ही नीचे उसकी चूत में उंगली करने लगा.


इससे उसकी चूत गीली हो गई. मैंने उंगली हटाना चाही तो उसने मेरे निपल्स पर काट लिया. वो बोली- साले चूत से उंगली मत निकाल.


मैंने उंगली करना जारी रखी. दस मिनट बाद वो ‘आहह आह …’ करती हुई झड़ गई. झड़ते टाइम उसने अपनी गांड उठा दी और पूरी दुनिया को भूल कर वो झड़ने में लगी.


ये देख कर मेरा जोश बहुत बढ़ गया. जब वो शांत हुई तो मैंने कहा- तुम्हारा तो हो गया पर मेरा क्या? वो हंस कर बोली- आ जा मेरे लवड़े, तेरी चूत अभी फिर से गर्म हो जाएगी. तब तक मुँह से चूस देती हूँ.


ये कह कर फ़ारिज़ा ने मेरे लंड को पकड़ा मेरे लंड पर किस कर दिया.


उसके बाद उसने मेरा लंड चूसना शुरू किया.


पांच मिनट लंड चुसवाने के बाद मैंने उससे कहा- आज मेरा 69 करने का मन है. मैं हर वो चीज़ करना चाहता हूँ, जो पॉर्न में देखा है. वो झट से राजी हो गई और मेरे ऊपर 69 में आ गई.


हम दोनों 69 की पोजीशन में एक दूसरे को चाटने लगे और मज़ा देने लगे.


मैं उसकी चूत की फांकों को अपने मुँह में पकड़ कर खींच खींच चूसने लगा. इससे वो और जोश में आ गई और अपने दांतों से लंड काटने लगी.


इस तरह हम एक दूसरे को कुछ मिनट तक मजे दिए.


मैंने उससे कहा- फ़ारिज़ा रानी, अब और नहीं … वरना मैं झड़ जाऊंगा. उसने बोला- ठीक है … अब आ तू जा, मेरी चूत में लंड डाल दो.


मगर आज मेरा इरादा तो उसकी गांड मारने का था. मैंने बोला- प्लीज जान … आज गांड मारने दो. उसने कहा- नहीं यार, अभी पूरी नहीं खुली है … अभी दर्द होता है.


मैंने कहा- अगर तुझे दर्द होगा, तो मैं निकाल लूंगा. बहुत मनाने के बाद वो मान गई और मैंने धीरे धीरे से अपने लंड को उसकी गांड में घुसाना शुरू कर दिया.


उसे दर्द होने लगा तो उसने मुझे धक्का देकर दूर करने का सोचा. पर मैंने जबरन लंड गांड में घुसा दिया.


वो ज़ोर से चिल्ला दी … पर अब तो लंड अन्दर जा चुका था. हम दोनों इसी तरह से पड़े रहे.


एक मिनट बाद मैंने धक्के मारना शुरू कर दिए. वो मेरी हरकत से बहुत गुस्से में थी. फिर भी मैंने लड़की की गांड मारना ज़ारी रखा.


आज भी मैं उसकी गांड की सील तोड़ने का वो पल याद करता हूँ, तो मुझे मज़ा आ जाता है. उसके मुलायम चूतड़ों के बीच गांड के भूरे छेद में मेरा लंड फंसा हुआ था. मेरा जीवन धन्य हो गया था.


दस मिनट तक मैंने उस लड़की की गांड मारी. इस दौरान उसे भी मजा आने लगा था.


फिर मेरा निकलने वाला था तो मैं रुक गया. मैं रुका तो उसे मौका मिल गया और उसने ज़ोर से मुझे धक्का मारकर दूर कर दिया.


वो चुदासी रांड की तरह मेरे लंड के ऊपर चढ़ गई और एकदम से उत्तेजित हो गई. वो बोली- मादरचोद, तुझे गांड का शौक है ना. भोसड़ी के चूत में मन लगाया कर साले!


उसने गुस्से में अपनी चूत में मेरा लंड घुसा दिया और कूदने लगी. उसकी रौद्रता देख कर मुझे लगा कि आज मेरा लंड टूट जाएगा.


मैंने उससे कहा- साली कुतिया धीरे कर! पर वो नहीं मानी.


वो जोश में धक्के लगा रही थी और बोली- मादरचोद यही दम था तेरे लंड में … मार मादरचोद धक्के मार मुझे! ये सुनकर मैं भी जोश में आ गया और गुस्से में उसके चूचे पकड़ कर धक्के मारने लगा.


वो भी धक्के मार रही थी और मैं भी चूत का भोसड़ा बनाने पर तुला था. मैं उसके निपल्लों को खींच रहा था.


बीस मिनट बाद हम दोनों आवाज़ करते हुए झड़ गए और झड़ने के बाद भी वो मेरे ऊपर चढ़ी रही; अपनी सांसों पर काबू करती रही. पांच मिनट बाद वो मेरे बगल में आकर मेरी बांहों में सो गई.


हम दोनों नींद के आगोश में चले गए. जब नींद खुली तो एक एक बियर पी और खाना खाया.


हम दोनों एक बार फिर से चुदाई के बाद नहाए और घूमने निकल गए.


रात में वापस आए तो साथ में वोडका ले आए थे. दो दो पैग लेकर डिनर किया और एक बार फिर से चुदाई के मजे लिए.


उसके बाद मैं दिल्ली में एक साल तक रहा. उस दौरान मैंने और उसने हर पोजीशन में सेक्स कर लिया.


फिर मैं दिल्ली छोड़ कर चला गया और पिछले साल लॉकडाउन से पहले उसकी भी शादी हो गई.


फ़ारिज़ा मुझे हमेशा याद रहेगी. उसके साथ सेक्स करके मैं धन्य हो गया था.


अब अगली सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी मामी के साथ सेक्स किया. तब तक अपना ख्याल रखें और चुदाई के मजे लेते रहें. आपको गरम लड़की की गांड मारने की कहानी कैसी लगी? मुझे कमेंट्स और मेल में बताएं. [email protected]


अन्तर्वासना

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ