बस के सफर में हिजाब वाली भाभी का साथ- 1

बॉबी सिंह

15-12-2022

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हॉट लेडी हिजाब सेक्स कहानी में पढ़ें कि रात की बस में मुझ एक मजहबी भाभी के साथ सीट मिली. तभी मेरी गर्लफ्रेंड के फोन, मेसेज आने लगे. भाभी सब देख सुन रही थी.


दोस्तो, मैं बॉबी, उम्र 30 साल. मेरा कद छह फिट एक इंच का है. किस्मत से मैं बचपन से ही शारीरिक रूप से हृष्ट-पुष्ट हूँ और उत्तम शारीरिक बनावट का धनी हूँ.


मैं एक अविवाहित व्यापारी हूँ. मुझे घूमना पसंद है.


मेरा स्वतंत्र व्यापार होने के कारण घूमने से मेरे व्यापार पर कुछ प्रभाव नहीं पड़ता है.


मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. आज मैंने भी आपके साथ अपनी एक घटना साझा करने का निर्णय लिया जो कि पूर्णतः वास्तविक है. आप आनन्द लीजिए हॉट लेडी हिजाब सेक्स कहानी का .


यह फरवरी 2019 की बात है जब मेरी उम्र 28 साल थी.


हम 4 दोस्तों के समूह का राजस्थान घूमने विचार बना. हमने अपने टूर में राजस्थान घूम ही लिया था परन्तु आखिर में जैसलमेर भी घूमने का निर्णय किया.


जैसलमेर घूमा, वहां क़िले, गांव सब कुछ घूमा.


उसके बाद जो भी सम्भव हुआ वह मनोरंजन, विलास और खाना पीना सब कुछ किया.


फ़िर हमने निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी से जैसलमेर से जयपुर के लिए वॉल्वो के टिकट्स लिए.


उस समय दुर्भाग्यपूर्ण ये लगा, जब परिचालक ने कहा कि सभी सीट्स फुल हैं, आपको दो-दो को एक साथ अलग-अलग बस में सफर करना होगा. जबकि दोनों बसें साथ ही चलनी थी और खाने पीने के लिए एक ही निश्चित स्थान पर रुकने वाली थीं.


जब परिचालक ने हमें आश्वस्त किया तो हम मान गए. अब मैं और मेरा एक मित्र एक बस में और दूसरे दोनों मित्र दूसरी बस के लिए सीट लेने में लग गए.


हम सभी दोस्तों ने चलने से पहले सिगरेट फूंकी और बस में चढ़ गए. मेरी वाली बस के अन्दर एक और गड़बड़ हुई.


मुझे और मेरे मित्र को भी परिचालक ने अलग अलग सीट दी और जब बाद में मैं क्रोधित हुआ, तो उसने क्षमा मांगी. मैं भुनभुन करता हुआ अपनी सीट देखने के लिए गया.


उधर देखा तो एक भाभी मेरी सीट पर बैठी थीं. उन्हें देख कर मैंने भी सोचा कि यार दोस्तों के इतना साथ में घूमे हुए हैं. एक सफ़र में अलग अलग बैठ जाएंगे तो कोई आफत नहीं आ जाएगी. सुबह जयपुर पहुंच कर फिर साथ में हो जाएंगे.


मैंने दोस्त को समझा दिया. वो मान गया.


जब मैं अपनी सीट के लिए उधर पहुंचा तो भाभी का बैग मेरी सीट पर रखा हुआ था.


मैंने उनसे आदर पूर्वक कहा- अगर आप बुरा न मानें तो इस बैग को … वो मेरी बात को समझ गईं, उन्होंने अपना हैंड बैग उठा लिया.


मैंने सीट अपने आरामनुसार व्यवस्थित की. लेकिन तभी मुझे ये अनुभव हो गया था कि जो ये भाभी मेरे साथ जाएंगी, ये अनमोल माल है. भाभी की उम्र लगभग उन्नतीस या तीस रही होगी क्योंकि उनकी शानदार और कामुक फिगर से मुझे यह अहसास हो गया था कि ये कोई साधारण औरत नहीं है.


मैंने अपना संतुलन बनाये रखने के लिए अपना ध्यान उस ओर न देने का निर्णय किया. पर मेरे अन्दर फिर भी उनके पास बैठने से कुछ चंचलता बढ़ गयी थी. मैं विचलित सा हो गया था.


शाम के लगभग सात बज चुके थे.


उनके हिजाब से उनकी बड़ी बड़ी मोहक आंखें मुझे बार बार मोहित करतीं और बड़ा ही आकर्षित कर रही थीं परंतु मैं सामान्य बने रहने का प्रयास कर रहा था. मैंने कुछ परिचितों को फोन पर बात की फिर फेसबुक पर अपना स्टेट्स डाला.


उससे मेरे चाहने वाले मुझे शुभ यात्रा के लिए संदेश भेजने लगे. तभी कुछ लड़कियां, जिनसे मैं बात करता था, समयानुकूल रहने के लिए मैं उनसे बात करने लगा.


उस समय मैं चार लड़कियों से समानांतर चैट पर बात कर रहा था. उस ग्रुप कॉल में प्रीति, जूही, मोनिका और दिव्या थीं.


इसमें कुछ बातें इंग्लिश में भी हो रही थीं. कुछ वाक्य और शब्द इंग्लिश के भी थे, परंतु यह पूरा हिंदी अनुवाद है. पहला संदेश जूही का था.


जूही की उम्र लगभग 32 साल है और उसकी हाइट 5 फिट 8 इंच होगी. उसका 34-30-36 का कामुक फिगर, छवि जैसे मनीषा कोइराला की. उसके साथ लगभग 20-25 बार मैंने शारीरिक सम्बन्ध बनाए होंगे.


उसकी सेक्स कहानी मैं बाद में विस्तार से बताऊंगा. जूही- कब तक पहुंच जाओगे जयपुर? मैं- सुबह अधिकतम 6 बजे तक. जूही- ठीक है.


मैं- प्यार कर दो न बाबू. जूही- उम्ममाह उम्ममाह.


मैं- मेरा मन भी कर रहा है. जूही- आपका कब नहीं करता, पर उसके लिए यहां आना पड़ेगा.


मैं- आकर टिप टिप कराऊंगा. जूही ने शर्माने वाली आकृति भेजी.


दोस्तो, जब मैंने अपने आरामनुसार सीट व्यवस्थित की, तब मेरा उंचा लंबा कद- काठी एक होने के कारण जितना हो सकता था, उतना ही सीट को मैंने बढ़ाया था. भाभी की हाईट भी 5 फ़ीट 10 इंच होगी, तो वह भी ऐसे ही सीट को करके आराम की अवस्था में थीं.


परंतु वह हिजाब से मेरे फ़ोन को देख रही थीं. मुझे इसका अभी तक अंदाज़ नहीं था.


उसके बाद दिव्या का संदेश आया.


दिव्या की उम्र लगभग 25-26 साल, हाइट लगभग 5 फिट 2 इंच, फिगर 36-34-38 का … गोरी चिकनी और छवि जैसे अमीषा पटेल की हो.


दिव्या- ध्यान से आना. मैंने थोड़ी भावुक आकृति के साथ लिखा- आप ध्यान नहीं रखते मेरा. दिव्या- आ जाओ मेरे पास, मैं आपको खूब प्यार करूंगी.


मैं- मुझे भी याद आ रही है. मैं भी प्यार करूंगा और प्यार करते करते सुबह हो जाएगी. दिव्या- हां तो किसने मना किया है.


दोस्तो, अब प्रीति का संदेश.


प्रीति की उम्र लगभग 34 साल होगी. बला की खूबसूरत 36-30-40 का कातिलाना फिगर. चेहरे की छवि ऐसी, जैसी मुनमुन सेन हो. प्रीति कॉरपोरेट में एक अच्छे पद पर सेवा दे रही है. मतलब नौकरी करती है.


प्रीति- कौन है साथ में? मैंने लिखा- एक भाभी हैं.


वो हंस पड़ी. फिर मैंने हंसते हुए लिखा कि वो भी मेरे जैसे ही एक पैसेंजर हैं.


प्रीति- और सब कहां है? मैं- पीछे हैं.


प्रीति- अब इसके साथ बात कर लेना और अपने साथ ले आना. मैं- क्यों, आप जानती हो इन्हें?


प्रीति- नहीं, पर आपका क्या पता, कभी अपने मुँह से ही लगा लो. वो ये भाभी के लिए बोल रही थी.


दोस्तो, मुझे ये बात पता थी कि भाभी चैट्स देख रही हैं. परंतु भाभी की आभा ऐसी थी और गुरूर ऐसा था कि मैं बार बार घुटनों पर आ जाता था.


फिर मैंने अपनी बात करने को ध्यान में रखते हुये प्रीति को लिखा- भाभी बहुत खूबसूरत हैं, मैं बयान नहीं कर सकता.


किसी खूबसूरत लड़की के सामने दूसरी लड़की के सौंदर्य का गुणगान किसी भी लड़की को नहीं पसंद आता.


पर प्रीति मेरे स्वभाव से परिचित थी, उसने मुझे नज़रअंदाज़ किया और लिखा- इसकी चूत पर हीरे लग रहे हैं क्या? मैं- अभी तक देखे नहीं हैं.


दोस्तो, मुझे तो देखना था, पर मैं डरा हुआ था. भाभी की दिलचस्पी मेरी बातों में थी.


अब मेरा हौसला बढ़ गया था. नहीं तो पहले भाभी को देखकर मैं बेचैन होता जा रहा था.


मैं- मुझे वीडियो कॉल करो न! प्रीति- ओके कर रही हूँ.


प्रीति ने मुझे कॉल किया. प्रीति अपने आप में बहुत खूबसूरत है. भाभी ने भी उसे देखा.


मैंने आखिरी बार सेक्स सम्बन्ध प्रीति के साथ ही बनाए थे, मतलब जयपुर आने से पहले मैंने प्रीति के बूब्स पर जो काटा हुआ था, प्रीति मुझे वो दिखा रही थी. वो सब नजारा भाभी भी देख रही हैं, इसका मुझे पता था.


उसने ब्रा को नीचे करके दिखाया. मैंने कॉल काट दी और लिखा. मैं- मैं बस में हूँ.


प्रीति ने हंसते हुए लिखा- तो सबको दिखा दो न! मैं- पागल हो क्या है. मैंने कहा न कि मैं आपको नंगी करके सुलाऊंगा.


प्रीति- मुझे ऐसे ही चिपक कर सोना पसंद है, पर आप सोने कहां देते हो. मैंने लिखा- जिस दिन आप सुलाने वाली चीज हो जाओगी, तब सो जाया करना.


वो हो हो करके हंसने लगी.


फिर उसने आगे लिखा- अपना ध्यान रखना और बात नहीं करना इससे! वो हिजाब वाली भाभी के लिए बोल रही थी.


मैं- प्रीति, मैं बात करता हूँ. आप मुझे कॉल कर लीजिए.


मैंने प्रीति से थोड़ी बात करके उसको टाल दिया. मैंने सोचा जरूरत हुई तो बाद में बात कर लूंगा, क्योंकि इसका कुछ नहीं पता क्या बोल दे.


इतना होने के साथ ही बीच बीच में मोनिका के संदेश भी आ रहे थे. मोनिका- लगता है किसी के पास तो समय ही नहीं है.


मैं- किसी को भेज दूँ क्या? मोनिका- नहीं, आज तो वो यहीं आ गए हैं.


दोस्तो, मोनिका मेरी दूसरी विवाहित मित्र है, जिसको मैं उसकी शादी के पहले से चोदता आ रहा था. उसकी कहानी अगर समय रहा, तो आपके साथ जरूर साझा करूंगा.


मैं- आजकल कैसा चल रहा है? मोनिका हंसती हुई बोली- हम आदमी है जानवर नहीं हैं. मैं- मैं क्या हूँ?


मोनिका- तू पागल है. मैं- मैंने बोला न कि मैं आपका लौड़ा हूँ, जो आपका पानी निकालता है.


मोनिका ने शर्माने वाली आकृति के साथ लिखा- लौड़ा चूत के अलावा कुछ काम नहीं है तुझे? मैं- तू भी तो रात को चुदेगी ही. बता मैं किसकी चूत में लौड़ा दे दूँ. मेरे पास कौन है?


मोनिका- तेरे पास कोई कमी नहीं है. मैंने थोड़ी भावुक आकृति के साथ लिखा- कोई नहीं है यार!


मोनिका- बताओ, मैं तो अब आ नहीं सकती. मैंने कहा- तो कुछ दिखाओ न?


मोनिका हंसती हुई बोली- हाथ से कर लो. मैं- तेरे मुँह में करूंगा.


वो हंसने लगी. फिर मैंने कहा- मोनिका, मुझे फ़ोन करो.


मोनिका ने अपने पति के आने से पहले मुझे कॉल किया.


दोस्तो, तब तक हमें दो घंटे और रात के नौ हो गए थे. बस को रात्रि भोजन के लिए स्टॉपेज पर रुकना था.


लेकिन भाभी तब भी मेरे फ़ोन की स्क्रीन पर देख रही थीं.


हम सबने नीचे उतर कर खाना खाया मगर उससे पहले हम सभी ने दोस्तों ने साथ में थोड़ी थोड़ी रम पी. फिर मैंने जब भाभी को देखा तो संयोगवश वो भी मुझे देख रही थीं.


तब मुझे अहसास हुआ कि भाभी का मेरे प्रति थोड़ा झुकाव या थोड़ा समर्पण है. वो मेरे आकर्षण के परिणामस्वरूप भी हो सकता है.


उस स्थान पर मैंने सबसे बात कर ली थी. सबसे मतलब या तो मैं सोना चाहता था या मुझे लग रहा था कि मैं भाभी से बात करूंगा.


तय हुआ कि हां कोशिश कर लो. देखते हैं कि क्या होता है. फिर जब मैं फ़ोन पर बात कर रहा था, तब भाभी भी बात कर रही थीं.


उसके बाद सभी लोग अपने अपने निश्चित स्थानों पर यात्रा के लिए बैठ गए. भाभी पहले बस में दाखिल हुई और अपनी सीट पर बैठ गईं.


मेरा दोस्त अपनी सीट पर पीछे और मैं भाभी के बाजू में. कुछ समय बाद बस आगे बढ़ चली. कुछ लोग सोने भी लगे थे.


समय कुछ सर्दी का था, तो भाभी ने अपने पास से एक कश्मीरी कढ़ाई का बहुत पतला गर्म सा शॉल निकाला और उसे अपने ऊपर ढक लिया. मैंने तो रम ली थी तो मुझे ऐसा कुछ नहीं लगा, परंतु मुझे तो भाभी का प्रेम चाहिए था.


उसी के चक्कर में मेरी नींद 2 दिन आगे चली गयी थी. जब कोई भी लड़का सुंदर लड़कियों के बीच हो, पर उसे उनसे भी कहीं सुंदर लड़की मिले, तब उसके अन्दर का मर्द बिन पानी मछली के जैसे तड़पने लगता है.


इन सभी लड़कियां को मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया था, जिससे ये शादी के बाद भी मुझसे जुड़ी रहीं और मुझे भी इनसे जुड़े रहना था. दूसरी बात मेरी परफॉर्मेंस के लिए मैं अपने शरीर का काफी ध्यान भी रखता हूं, जिसके परिणामस्वरूप मुझे मेरा हक़ भी मिलता है.


जूही मुझे लगातार संदेश भेज रही थी. जूही भी कारपोरेट में है. वो बात करना चाहती थी.


मैं- बाबू कल बात करें. मैं अभी होश में नहीं हूँ. जूही- होश में कब रहते हो आप?


मैं- थका हुआ हूं यार. जूही- साथ में कौन बैठा हुआ है?


मैं- एक भाभी हैं. जूही- परिचित हैं?


मैं- अपरिचित. जूही- तो दोस्त कहां बैठे हैं?


मैं- पीछे, कल बात करते हैं. अब भाभी फिर से मेरी स्क्रीन पर देखने लगी थीं.


मैंने सोचा कि बात बन भी सकती है. चलो जूही से इसी के परिपेक्ष्य में बात करते हैं और समीक्षा करते हैं. प्रतिक्रिया किस्मत पर छोड़ देते हैं.


जूही- ठीक है, शुभरात्रि. मैं- तुम बुरा मान गईं.


जूही- नहीं कोई बात नहीं, आप सो जाइए. मैं- ऐसा कभी होता है. तुम हो और मुझे नींद आ जाए मेरी जान.


जूही- अब मक्खन भी लगा लो तुम? मैं- मक्खन तो आप चाट जाती हो.


जूही आंखें बंद करने वाली आकृति भेज कर बोली- हम्म. मैंने उसे प्यार करने वाली आकृति भेज दी.


जूही- मैंने सोचा कभी तुम भाभी से लगे हो. मैं- क्यों?


जूही- क्या पता तुम्हारा तुम कब किसके साथ लग जाओ? मैं- जिसके साथ ये भाभी होगी, वो किस्मत वाला होगा.


जूही- ओहो … चलो किसी के लिए तो ये बात बोली तुमने, नहीं तो आधी से ज्यादा तो तुम्हें चूतिया लगती हैं.


मैं- भाभी मेरे साथ होती, तो मैं घूमना छोड़ देता. जूही हंसते हुए- बेटा देखो, ये भी घूमने से ही मिली है. अब बताओ क्या कर सकते हो?


भाभी लगातार मेरी स्क्रीन पर देख रही थीं. मैंने नादान बनते और हंसते हुए कुछ इमोजी भेज दीं.


जूही- मुझे पता है. मैं- क्या? जूही- तुम उसके खानदान को भी न बक्शो. मैं- क्यों? जूही- रहने दो अब. मैं- अन्दर डाल कर रहने ही देने वाला हूँ.


जूही- तुम्हारी सारी बात घुसेड़ने पर ही खत्म होती है. मैं- घुसेड़ने से ही तेरी भी शुरूआत हुई थी.


दोस्तो मेरी इस बात पर भाभी मुस्कुरा दीं और मेरा काम हो गया. मैंने जितनी भी बात की, किस्मत से वो सही बैठी और भाभी को विश्वास हो गया कि यह लड़का कुछ तो है.


अब मेरा रास्ता साठ प्रतिशत बात करने के लिए बन गया था. मैंने जूही से कहा- मैं बाद में बात करता हूँ.


अब मैंने इंटरनेट बंद कर दिया.


इसी दरमियान 11 बज चुके थे. कुछ लोग सोने लगे थे. कुछ लोग म्यूजिक सुन रहे थे.


तभी भाभी अपने सफेद और सुनहरे आभूषणों को उतारने लगीं. हाथ के कंगन, नाक की नथनी, गले में भी कुछ पहना था. वो सब उतार कर पर्स में रख कर उन्होंने पर्स को रख दिया.


भाभी वाकयी लाजवाब थीं, जैसे मैंने ऊपर बताया कि असाधारण छवि थी उनकी.


अब भाभी आराम की अवस्था में आ गई थीं और मैं भी. भाभी ने अपना हाथ हैंडल पर रख दिया, संयोगवश मेरा हाथ भी वहीं था.


तब भाभी का हाथ मेरे हाथ से लगने लगा मगर भाभी जानबूझ कर इस बात से अनजान बनी रहीं.


परंतु मेरे अन्दर अस्थिरता … या कहूँ कि मेरे जिस्म में खून में ज्वार-भाटा सा आ गया था. मैं अतिसंवेदनशील हो गया था. मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या किया जाए.


फिर मैंने हाथ को ऐसे ही रहने दिया और उनके हाथ के स्पर्श की अनुभूति करता रहा. भाभी ने भी अपना हाथ नहीं हटाया.


मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.


कुछ देर बाद जब न रहा गया, तो मैंने भाभी की उंगलियों के पास अपना हाथ लगाया, पर भाभी के नियत रहने से मुझे बल मिला.


मैंने अपने आपको समझाया. और अभी मैं सोच ही रहा था कि अब मैं क्या करूं, तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. मैंने भी हाथ को कसके पकड़ लिया और आंखें बंद कर लीं.


तब मैंने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया और एक मिनट तक ऐसे ही रहा.


दोस्तो, उस भाभी के साथ पूरी तरह से चुदाई का मजा कैसे मिला, वो मैं आपको हॉट लेडी हिजाब सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूंगा.


आप मुझे मेल कर सकते हैं. [email protected]


हॉट लेडी हिजाब सेक्स कहानी का अगला भाग: बस के सफर में हिजाब वाली भाभी का साथ- 2


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