मकान मालिक की कुंवारी बेटी मेरे मोटे लंड से चुदी

फरियाज पटेल

13-05-2022

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हॉट वर्जिन फर्स्ट सेक्स कहानी मेरे मकान मालिक की लड़की की है. एक बार वो मेरे कमरे में आई तो उसने मेरे खड़े लंड को महसूस कर लिया. मेरा दिल उसपर आ गया.


दोस्तो मैं राज आज आपके लिए फिर से एक नई कहानी लेकर हाजिर हुआ हूँ.


ये कहानी मेरे एक दोस्त सागर की जुबानी है, उसी हॉट वर्जिन फर्स्ट सेक्स कहानी को आपको सुना रहा हूँ. मैं उम्मीद करता हूँ कि जैसे आपने मेरी पिछली कहानी मेरी बीवी दूसरी बार अपने यार से कैसे चुदी को प्यार दिया था, उतना ही प्यार आप मेरी इस कहानी को देंगे.


मैं सागर, मुंबई में रहता हूं और 30 साल का हूँ. वैसे मैं नासिक से हूँ, पर मुंबई में पढ़ाई के लिए जाता हूं.


मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं, सामान्य ही है. पर हां इतना कह सकता हूँ कि मैं जिसकी भी चुदाई करूंगा, वो मुझसे पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएगी.


अन्तर्वासना पर ये सेक्स कहानी पहली बार सुना रहा हूँ. यह बात आज से 6 महीने पहली की है. मैं जहां पहले रहता था, वो जगह कुछ मुफीद नहीं थी इसलिए मैंने एक अपार्टमेंट में रूम किराए पर ले लिया.


उसका मालिक उस अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर रहता था. मैंने उस अपार्टमेंट में पांचवें माले पर रूम किराए पर ले लिया. हमारे इस अपार्टमेन्ट में पानी की बहुत किल्लत थी. हम सभी सुबह सिर्फ एक घंटा पानी मिलता था.


उसी दौरान मुझे इस सेक्स कहानी की नायिका मतलब निकिता मिली. निकिता मेरे मकान मालिक की बेटी थी. हुआ ये कि निकिता रोज सुबह छत पर आती थी. वो किराएदारों के लिए टंकी का पानी छोड़ने और बंद करने दो बार आती थी.


जब पानी छोड़ कर वो जब नीचे आती, तब सभी रूम को चैक करती थी कि कहीं पानी खराब तो नहीं किया जा रहा है.


ऐसे ही एक दिन मैं नल बंद करना भूल गया. सुबह निकिता ने मेरे रूम का दरवाजा खटखटाया. मैं उस वक़्त गहरी नींद में था और सिर्फ अंडरवियर में था.


सुबह सुबह मेरा लंड पूरा खड़ा था, जिससे अंडरवियर में मेरे लंड में तंबू बना हुआ साफ़ दिखाई दे रहा था.


जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, तो सामने निकिता को देखा. मैंने उसे पहली बार देखा था. उसकी नजर मेरे खड़े लंड पर टिक गई थी.


मैंने उससे पूछा- जी बताएं? मगर वो बस मेरे लंड को ही देखे जा रही थी.


मैंने उसकी नजरों का पीछा किया तो मुझे शर्म सी आई और मैंने झट से एक तौलिया लपेट लिया.


उससे मैंने फिर से पूछा कि जी आपको कौन चाहिए? उसने मुझे देखते हुए कहा- आपके रूम का नल चालू है, बंद कर दीजिए. मैं मकान मालिक की बेटी हूँ.


इतना बोल कर वो शर्माकर नीचे चली गई.


मैंने भी दरवाजा बंद कर लिया.


मुझे बहुत अजीब लग रहा था, पता नहीं निकिता मेरे बारे में क्या सोच रही होगी.


मैं कुछ दिन तक उसके सामने नहीं आया. फिर एक दिन शाम को मैं अपने रूम में जा रहा था, तब निकिता ने मुझे रोक किया.


उसने मुझसे पूछा- तुम यहां कितने दिन रहने वाले हो? मैंने बताया तो उसने इसी सम्बन्ध में कुछ और जानकारी ली और मुझसे मेरा नम्बर ले लिया.


उसने ये बोल कर नम्बर लिया था कि हमें सभी किराएदारों का नम्बर लिख कर रखना होता है. मैंने उसे मेरा नम्बर दे दिया.


अब मैं आपको निकिता के बारे में बता देता हूँ.


निकिता एक घरेलू कामकाजी लड़की है. उसकी उम्र 23 साल है. हाल ही में उसने अपनी डिग्री की पढ़ाई पूरी की है. निकिता का फिगर 34-30-36 का है. जो बाद में मैंने खुद अपने हाथों से नापा था.


उसे अपना फोन नम्बर देने के बाद मैं सीधा अपने रूम में आ गया.


फिर दो दिन बाद रात को मेरे मोबाइल पर एक मिस कॉल आया. मैंने वापस कॉल किया, तो उधर से एक मीठी सी आवाज आई- हैलो सागर, कैसे हो?


पहले तो मैंने उसे नहीं पहचाना. उसने अपना नाम बताया, तब मुझे पता चला कि वो निकिता बोल रही है. उस दिन से हमारी दोस्ती हो गई.


मैं अब निकिता को रोज उसके आने के टाइम पर दरवाजे पर आकर उसे गुडमॉर्निंग बोलने लगा.


कभी कभी सुबह सुबह निकिता मुझे गुड मॉर्निंग बोलने मेरे रूम पर आने लगी.


उसकी बातों से मुझे लगने लगा कि ये फंसने के मूड में लग रही है तो मैं भी उसे पटाने की सोचने लगा. मैंने ध्यान दिया कि निकिता का ध्यान ज्यादातर मेरे लंड पर रहता था.


मैंने ये देख कर एक दिन एक तरकीब लगाई और ऐसे ही दोस्ती में मैंने उसे प्रपोज कर दिया. उसने बिना देर किए मुझे हां बोल दिया.


हम दोनों एक दूसरे से मुहब्बत करने लगे.


मैंने उसे एक दिन अपनी बांहों में खींच कर चुम्बन कर लिया तो वो बोली- बड़ी देर बाद चुम्मी लेने की याद आई. मैं झेम्प गया.


अब रोज ही हमारी किस करना, बांहों में समाना शुरू हो गया. निकिता मुझे ज्यादा कुछ नहीं करने देती थी, बस वो पानी चालू करके मेरे कमरे में आ जाती थी और हम दोनों अपनी प्रेम लीला शुरू कर देते थे.


हालांकि मैंने बहुत कोशिश की मगर उसने मुझे इससे आगे नहीं बढ़ने दिया.


मैं भी सोचता रहा कि आज चुम्मी दे रही है तो कल चूत भी देगी.


फिर एक दिन की बात है, जब निकिता छत से नीचे आ रही थी. वो हमेशा की तरह मेरे रूम में आ गई. उस दिन उसने स्कर्ट और टी-शर्ट पहना हुआ था.


निकिता जैसे ही मेरे रूम में आई, मैंने झट से उसको पकड़ कर दीवार से सटा दिया.


वो मुझे जब तक रोकती तब तक मैंने नीचे से उसकी स्कर्ट में घुस गया और उसकी पैंटी साइड में करके चूत को किस करने लगा.


निकिता एकदम से हड़बड़ाने लगी. मगर मैं लगा रहा.


शुरुआत में उसने मेरा सर अलग करने की बहुत कोशिश की पर मैंने उसको कस कर पकड़ा हुआ था.


वो कुछ न कर सकी और कुछ ही देर में वो बहकने लगी. उसने अपने आपको मुझे सौंप दिया. मैंने पांच मिनट तक उसकी चूत को चूसा और उसे छोड़ दिया.


निकिता वैसे ही खड़ी रही और तेज तेज सांसें लेने लगी. जब उसको होश आया तो उसने स्कर्ट में हाथ डाल कर पैंटी को अपनी चूत पर ठीक से सैट किया और शर्मा कर नीचे भाग गई.


उस दिन शाम को हमारी फोन पर बात हुई, जिस पर वो मुझे प्यार से डांट रही थी.


मैंने उससे पूछा- सच बताना मजा आया कि नहीं? वो शर्मा कर बोली- हां, मजा तो आया था.


मैंने उससे सेक्स करने के लिए बोल दिया कि उसमें तुम्हें और भी ज्यादा मजा आएगा. वो सेक्स करने के नाम पर घबरा रही थी कि कहीं किसी को कुछ पता न चल जाए.


ऐसे ही दिन बीतते गए.


निकिता अब छत पर वक़्त से पहले आने लगी और मैं उसकी रोज चूत चाटने लगा था.


कभी कभी मैं नींद में होता, तो वो चुपके से मेरे रूम में आ जाती और खुद ही पैंटी साइड में करके मेरे मुँह चूत लगा देती. मैं एकदम से जाग कर उसकी कुंवारी चूत की महक लेकर अपनी सुबह को सराहता और खूब मजे से उसकी चूत चाट लेता.


एक दिन निकिता ने बताया कि उसके घर वालों को अगले हफ्ते किसी काम से दो दिन के लिए गांव जाना है. उसने मुझे ये बात बताई तो मैं बहुत खुश हो गया.


फिर जल्दी ही वो दिन आया. निकिता के घरवाले गांव चले गए थे.


उस दिन मैंने निकिता के लिए मार्केट जाकर एक नई ब्रा पैंटी खरीदी और एक सेक्सी मिनी ड्रेस ख़रीद कर उसको लाकर दे दी.


मैं रात होने का इंतजार करने लगा और शाम को 8 बजे मैं निकिता के घर आ गया. मैंने उसे फोन किया तो उसने झट से दरवाजा खोल कर मेरा स्वागत ऐसे किया, जैसे वो भी मेरे आने की राह देख रही थी.


मैं अन्दर आ गया और निकिता ने दरवाजा बंद कर लिया. मैंने झट से उसको पीछे से पकड़ लिया और अपनी ओर घुमाकर उसको किस करने लगा.


वो भी मेरे होंठों से होंठ लगा कर चुम्बन का मजा लेने लगी.


हम दोनों ने दस मिनट तक किस किया और अलग हो गए. फिर हमने एक साथ खाना खाया.


निकिता मुझे हॉल में बैठा कर नहाने चली गई.


जब वो नहाकर आई तो मैंने देखा कि उसने मेरी लाई हुई सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी. उसने बड़ी अदा से मुझे अपने बेडरूम में बुलाया.


जैसे ही मैं अन्दर गया तो उसको देख मेरे मुँह से निकल गया- जानम, आज तो बड़ी पटाखा माल लग रही हो.


इससे वो शर्मा गई और मैं उसके पास आ गया. उसके बदन की मादक महक मुझे कामोत्तेजित कर रही थी.


अगले ही पल मैं उस पर टूट पड़ा. मैंने उसके जिस्म का एक कतरा नहीं छोड़ा जहां मैंने उसको न चूमा हो.


ऐसे ही हम दोनों के कपड़े कब हमसे अलग हो गए, हमें पता ही नहीं चला.


अब हम दोनों नंगे थे और एक दूसरे को चूमने चूसने लगे थे. जल्दी ही हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैं उसकी चूत और वो मेरा लंड चूसने लगी.


हम दोनों ने बहुत देर तक अपने लंड और चूत को चूस कर मजा लिया और एक दूसरे के मुँह में ही झड़ गए. थोड़ी देर बाद हम दोनों फिर से गर्म हो गए. अब लंड का चूत से मिलन का वक्त आ गया था.


मैंने उसकी कमर के नीचे तकिया रख दिया, जिससे उसकी चूत उठ कर मेरे सामने आ गई.


मैं उसकी दोनों टांगों को खोल कर बीच में आ गया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा.


निकिता और गर्म होने लगी और मैंने एक झटके में लंड उसकी चूत में घुसा दिया. पहले ही झटके में मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था. जिससे उसे थोड़ी तकलीफ हुई. उसने मुझे रोक लिया.


जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया.


उसकी चीख निकल गई और आंखों से आंसू आने लगे. वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी पर मैंने उसे कसके पकड़ रखा था इसलिए वो ज्यादा हिल नहीं पा रही थी.


मैं कभी उसके चूचे चूसता, कभी उसको किस करता.


मैं ऐसा तब तक करता रहा, जब तक उसकी चूत का दर्द कम नहीं हो गया. फिर जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.


पहले धीरे धीरे से … फिर जोर जोर से उसको चोदने लगा. निकिता भी मेरा साथ अपनी चूत उठा उठा कर दे रही थी.


हमारा हॉट वर्जिन फर्स्ट सेक्स 20 मिनट तक चला, फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए.


मैं तब तक निकिता के ऊपर लंड चूत में डाले पड़ा रहा, जब तक मेरी सांसें सामान्य नहीं हो गईं. निकिता की चूत भी झड़ जाने के बाद भी मेरे लंड को छोड़ पकड़ रही थी मानो वो लंड की आखिरी बूँद को निचोड़ कर खाली कर देना चाहती हो.


उस रात हमने एक बार और अलग तरीके से चुदाई की.


अगले दिन 2 बार चुदाई की.


अब हमारा चुदाई का सिलसिला चल रहा है, हम दोनों आज भी चुदाई करते हैं.


निकिता अब मेरे पास आने के लिए टाइट नहीं बल्कि ढीले कपड़े पहनती हैं ताकि कपड़ों के ऊपर से उसकी चूत पूरी खुल जाए और मैं उसकी चुदाई कर सकूं.


दोस्तो ये थी मेरे दोस्त की सच्ची चुदाई की कहानी, मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएगी.


आपको मेरी हॉट वर्जिन फर्स्ट सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताना. [email protected]


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