पड़ोसन दीदी के साथ मजेदार चूत चुदाई- 1

शुभ साहा

21-02-2023

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ऑनलाइन सेक्स सर्च कहानी में पढ़ें कि जब एक जवान होते लड़के के मन में चुदाई के प्रति जिज्ञासा होती है, सेक्स करने की लालसा होती है तो वो क्या करता है.


सभी लड़कों और लड़कियों को मेरा नमस्कार.


मेरा नाम शुभ है और मैं 22 साल का हूँ, इसलिए मेरी सेक्स कहानी भी नई जनरेशन के टॉपिक पर ही नई सोच के साथ होगी.


आज मैं जो स्टोरी लिखने जा रहा हूँ, वो काफी पहले शुरू हुई थी, तब मैं स्कूल में था. मुझे उस टाइम पर सेक्स के बारे में ज्यादा नहीं पता था.


उस टाइम मेरे पास बस एक एंड्रॉइड फोन था, वो भी सस्ता वाला, जिसमें ढंग से फ़ोटो भी क्लिक नहीं होती थी. उसमें भी मैं ज्यादातर गेम्स खेलता और गाने ही सुनता था क्योंकि मुझे उस वक्त तक पॉर्न या सेक्स स्टोरी नाम का शब्द कहीं सुनने को भी नहीं मिला था.


मेरे सारे दोस्त भी काफी शरीफ और पढ़ाकू किस्म के थे और सब अपनी मस्ती में रहते थे. चुदाई आदि का हमें कुछ मालूम ही नहीं था.


फिर एक रात हुआ यूं कि मैंने गूगल खोला हुआ था और मैं बेड पर लेटा था. मेरे साथ मेरी बहन सो रही थी.


मुझे अचानक से ख्याल आया कि क्यों ना गूगल में ऑनलाइन सेक्स सर्च किया जाए, देखते हैं कि क्या आता है? मैंने तुरंत सेक्स लिख कर सर्च किया, तो बहुत कुछ सामने आ गया. काफी साइट्स मेरे सामने आ गई थीं.


मैंने कुछ को ओपन करके देखा. मुझे बहुत कुछ दिखा. बहुत कुछ में ज्यादातर ये था कि बिकिनी में लड़कियां थीं और अलग अलग किस्म के सेक्सी पोज़ में थीं. लड़का लड़की एक दूसरे से चिपके हुए कामुक फ़ोटो थे.


उस वक्त वही सब मेरे लिए बहुत कुछ था. इतनी उम्र में वो भी फर्स्ट टाइम किसी को आधा नंगा बिस्तर में देखना मतलब कोई खजाना मिल गया हो, ऐसा लग रहा था.


हालांकि आजकल तो 19-20 साल के बच्चों के लिए सेक्स करना भी कोई बड़ी बात नहीं है. ये सब वो स्कूल आते जाते भी कर लेते हैं. लेकिन मेरी सेक्स कहानी पढ़ कर उनको भी तो पता चले कि पहले चूल्हे में आग जलाना मतलब चूत में लंड डालना कितना मुश्किल था.


उस पूरी रात शायद 3 बजे तक मैं वही सब सर्च करता रहा. मैंने काफी तरह से लिख कर सर्च किया. जैसे कि ‘sex girl & boy’ ‘girl with no clothes’ ‘how to do sex’ ‘sex photo & video’ ‘girl private part pic’ वगैरह वगैरह.


लेकिन मुझे जो देखना था, वो मिल नहीं रहा था. उस टाइम नेट पैक भी 5 रूपए वाली कूपन आती थी, उससे हम रीचार्ज करवाते थे और स्टोरेज या रैम क्या होता है, ये भी नहीं पता था.


फिर मैं उस रात सो गया क्योंकि सुबह स्कूल जाना था.


अगली रात मैं उसी खजाने की खोज में फिर से लग गया और मुझे क्या पता था कि सच में मुझे वो खजाना मिलने वाला था. उस रात मैंने शुरुआत में ही sex video लिख कर एंटर किया.


अभी मेरी खोज चल ही रही थी कि एक घंटा कब बीत गया, कुछ पता ही नहीं चला और कुछ नहीं मिला. फिर स्क्रॉल करते करते अचानक जैसे चमत्कार सा हुआ, मेरी आंखों के सामने एक लड़की बाथटब में अपनी दोनों टांगें फैला कर पानी में नंगी लेटी हुई थी और उसके बड़े बड़े बूब्स ऐसे लग रहे थे मानो आसमान में दो सूरज एक साथ निकल आए हों.


ये देखते ही मैंने तुरन्त फ़ोटो सेक्स पर क्लिक किया और उस पिक को सेव कर ली. बाद में ज़ूम कर करके आंखें फाड़ कर सब कुछ देखने लगा. वाह क्या सीन था. दूध देख कर ऐसा लग रहा था मानो ये लड़की अभी फोन से निकल कर मुझे दूध पिलाने आ जाएगी.


लगभग 15 से 20 मिनट तक उसे घूरने के बाद मैंने सोचा कि चलो यहां इतना कुछ है, आगे ढूंढूंगा तो पूरा संसार मिल जाएगा. मैंने उस फ़ोटो पर जो टाइटल लिखा था, उसी को ऑनलाइन सर्च किया.


बस फिर क्या था, आपके भाई की तो निकल पड़ी.


उस टाइम में मुझे मुठ मारना भी नहीं आता था, मगर लंड को खड़ा होना खूब आता था. मैं बस साईट को देखता गया और धीरे धीरे मुझे सब मिलने लगा. नंगी लौंडियों की फोटोज, वो भी ढेर सारी … और चुदाई के वीडियो भी मिलने लगे.


मैं इतना खुश था कि क्या बताऊं. मैंने उस 2G के जमाने में 3GP में वीडियोस डाऊनलोड करनी शुरू कर दी थी.


एक वीडियो 4 MB की होती, वो भी 3 मिनट की. उसे डाउनलोड होने में 10 से 15 मिनट आराम से लग जाते थे. तब तक मैं इन्तजार करता, पेज को हटाता भी नहीं … बस डाउनलोड होते उसकी स्पीड को देखता रहता.


फिर जैसे ही डाउनलोड हो जाता, मैं तुरंत देखने लगता बिना आवाज़ के … क्योंकि फ़ोन था लेकिन हैडफ़ोन नहीं था.


ऐसा काफी टाइम चलता रहा और उस बीच में अन्तर्वासना पर सेक्स स्टोरी भी पढ़ने लग गया था.


सेक्स कहानी के खजाने के बारे में मुझे उसके एक साल बाद पता लगा था. जैसे ही पता लगा, तो आप समझो कि मैं कई रातें नहीं सोया था. सुबह 4 बजे, कभी 5 बजे तक कहानियां पढ़ता रहता था.


जब मम्मी या पापा उठते, तो मैं जाग कर फोन में ही देख रहा हूँ, उन्हें ये पता ना लग जाए, इसलिए मैं सो जाता था.


फिर मुठ मारना मैंने कैसे सीखा, वो जानना हो तो कमेंट करना कि उसकी कहानी बड़ी रोमांचक है. अगर इसमें बताने जाऊंगा तो ये स्टोरी लंबी हो जाएगी.


और जैसे हर बार सारा वीर्य चूत में ही नहीं निकालते, थोड़ा लडक़ी को भी पिलाना चाहिए, वैसे ही सारा मज़ा एक ही स्टोरी में नहीं डाल सकते ना … क्योंकि अगर 5 या 7 लंड एक साथ चूत में डालोगे तो वो भोसड़ी बन जाएगी ना. इसलिए अगर वो जानना हो, तो कमेन्ट कर देना, मैं दूसरी स्टोरी में बता दूंगा.


फिर जब मैं 12 वीं क्लास में पहुंचा, तब तक तो मैं सेक्स एजुकेशन में मास्टर बन चुका था. बस जरूरत थी एक लड़की की, जिसके साथ चुदाई का मजा ले सकूँ.


स्कूल में भी एक दो लड़कियां लाइन देती थीं और एक ने तो मुझे प्रपोज़ भी कर दिया था लेकिन भाई अपन ठहरे एटीट्युड वाले, क्लास की टॉप लड़की पसंद आ गई. लेकिन सब उसके पीछे पड़े थे, पर उसके साथ मुझे लगा दिया गया.


ये सब हुआ मेरे नालायक दोस्तों की वजह से कि जा, वो तुझे देख कर हंस रही थी. ऐसा बोल कर मुझे उसके पीछे लगा दिया था.


इससे हुआ ये कि जिसने मुझे प्रपोज़ किया था, वो भी हाथ से निकल गई और जिसको मैंने प्रपोज़ किया, वो साली पहले से ही किसी और का माल निकली. आपके भाई की तो समझो लग गई थी.


स्कूल तो खत्म होते होते कुल मिला कर फलसफा ये निकला कि आम गिनने के चक्कर में गुठलियां भी हाथ नहीं आयी थीं. अब करें तो करें क्या … घर के आसपास भी कोई लड़की नहीं रहती थी. और कुछ थीं भी … लेकिन वो मुझसे बड़ी थीं, तो उनको डायरेक्ट जाकर या किसी भी तरह ये तो बोल ही नहीं सकता था कि दीदी मुझे आपके साथ सेक्स करना है.


तब तो इतनी हिम्मत भी कहां थी. अगर किसी को बोल दिया तो इज्जत तो रहती ही नहीं … और घर वाले गांड तोड़ देते, वो ड्रामा अलग होता.


अब मेरा कॉलज में एड्मिशन हो गया था. बस जैसे ही डेट आती, मुझे कॉलेज की पढ़ाई शुरू करनी थी.


उसी तारीख के इंतज़ार में एक दिन में घर पर अकेला था.


मैं हॉल में टीवी ऑन करके अपने रूम में मस्त था. सारे कपड़े निकाल कर तकिये से मज़े ले रहा था क्योंकि तब वही सहारा था.


तभी मुझे लगा कि कोई आया है, तो मैंने तुरंत कपड़े पहन लिए और जल्दी जल्दी दौड़ कर बाहर चला गया.


बाहर देखा तो मेरे घर के रोड के उस तरफ की लड़की थी. उसको मैं (पीनू दीदी) कहकर बुलाता था, वो आयी थी. वो बहुत मस्त दिखती थी, सबके साथ बिल्कुल फ्रेंडली रहती. छुट्टा अंदाज़ था और सबसे अच्छी बात है कि वो शर्माती नहीं थी, मतलब बहुत कम शर्माती थी.


वो जब आई, तो जींस और टी-शर्ट पहनकर आई थी. उसका वही ड्रेसिंग स्टाइल था. मुझे सबसे ज्यादा उसके लिप्स पसन्द थे.


मैं बोला- क्या हुआ? पीनू दी- कुछ नहीं, श्रेया कहां है?


मेरी बहन श्रेया की वो सहेली थी, तो उसी को पूछ रही थी. मैं- वो तो मम्मी पापा के साथ बाजार गयी है.


पीनू दी- अच्छा, तो तुम अकेले हो घर पर? मैं- हां, क्यों? कुछ काम था मेरी बहन से या कुछ चाहिए तो बताओ?


पीनू दी- हां, वो फूल के पौधे चाहिए थे, लेकिन श्रेया नहीं है तो रहने दो. मैं- हां, मुझे भी फूलों के बारे में नहीं पता.


पीनू दी- ओके, वैसे तुम क्या कर रहे थे? टीवी चालू ही थी तो मैंने बोल दिया- टीवी देख रहा था.


पीनू दी- क्या चल रहा है, चलो मैं भी देखती हूँ साथ में, वैसे भी घर पर बोर हो रही थी इसलिए इधर आ गई, लेकिन यहां भी काम नहीं हुआ. मैं- अच्छा आओ फिर साथ में देखते हैं.


पीनू दी चलते चलते बोली- तुम बोर नहीं हो जाते अकेले? मैं- हां होता हूँ, लेकिन करूँ भी क्या?


पीनू दी- वो भी है, लेकिन चलो आज तो हम दोनों साथ है ना … फुल मज़े करेंगे. घर में अन्दर आकर हम दोनों सोफे पर बैठ गए. मैंने उससे चाय या पानी तक नहीं पूछा, मैं इतना बुद्धू था.


हम दोनों टीवी देखने लगे. वो मुझसे 3 साल बड़ी थी, इसलिए मैं उसे दीदी बुलाता था.


पीनू दी तब 22 साल की थी और मैं 19 का. उस वक्त तक दोपहर हो गयी थी. लगभग 12:30 बजे थे शायद. मैं चुपचाप उसके बगल में बैठा था.


तभी पीनू दी बोली- अरे, इस मूवी में मज़ा नहीं आ रहा. रिमोट मुझे दो, मैं कोई अच्छी सी मूवी लगाती हूँ. मैंने उसको रिमोट दे दिया तो वो चैनल बदलने लगी.


सब चैनल देख लेने के बाद एक क्राइम और रोमांस वाली मूवी आ रही थी, उसी पर वापस ले जाकर रख दिया. वो बोली- ये देखते हैं, इसमें मज़ा आएगा.


हम दोनों वो देखने लगे.


उसमें एक क्राइम करके एक लड़का लड़की बॉडी कहीं ले जा रहे थे. बॉडी दफना कर आ रहे थे, तभी वहां बारिश शुरू हो गई थी. जिसको मारा था, वो लड़की को परेशान कर रहा था इसलिए उन्होंने ऐसा किया था. अब उसको मारने के बाद दोनों खुश थे.


जैसे ही बारिश शुरू हुई, दोनों एक दूसरे से लिपट गए और किस करने लगे. उनके लिपटते ही मेरे अरमान बढ़ने लगे कि आज पीनू दीदी अचानक मेरे साथ मूवी देखने लगी है. वो भी ऐसी ही गर्म हो रही होगी.


मुझे उस वक्त यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि सब पहली बार था. वो सब किसिंग सीन और सब खत्म होने के बाद भी पीनू वही बैठी रही. मैं भी चुपचाप साथ में बैठा रहा.


उतने में मेरी धड़कनें ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगी थीं कि अब कब पीनू दी मुझे कुछ बोले और मैं उस पर टूट पड़ूं. तभी पीनू दी ने मेरी तरफ देखा और बोली- क्या हुआ शुभ? शर्म तो नहीं आ रही ना! दी ने हंसते हुए पूछा था.


मैं- नहीं दी, ऐसा कुछ नहीं है! पीनू दी- अच्छा, तो सच सच बताओ कि जब मैं आई थी, तब तुम क्या कर रहे थे?


मैं- अरे बताया तो कि टीवी देख रहा था! हालांकि मेरा मन तो कर रहा था कि सब बोल दूँ कि कितने सालों से चूत के लिए तड़प रहा हूँ, लेकिन जब तक उसकी तरफ से इशारा नहीं मिलता, तब तक मैं लाचार था.


पीनू दी- अच्छा ये बात है, तो जब बाद में बाहर खड़ी थी, तब तुम भाग कर आए थे, तो पजामे में क्या हिल रहा था … और वहां नीचे इतना बड़ा क्यों हुआ था? इसलिए मैं यहां रुकी हुई हूँ. सच बता दे वरना मैं तेरी मम्मी को सब बता दूंगी.


मैं डरते हुए बोला- नहीं दीदी, मैं तुमको सब बताता हूं, लेकिन तुम किसी से कुछ भी नहीं कहोगी प्रोमिस करो! पीनू दी- हां बाबा, ठीक है, बोलो अब?


मैं- वो ना दीदी, मैं पोर्न देख रहा था अपने रूम में … और तकिए के साथ सेक्स कर रहा था. मेरे इतना बोलते ही पीनू दी जोर से हंस पड़ी और बोली- तकिए के साथ कौन करता है सेक्स? हा हा हा हा.


मैंने तुरंत कहा- मैं करता हूँ. कोई मिली नहीं तो क्या करूं … अब तुम्हारे साथ तो कर नहीं सकता ना! मैं इमोशनल हो गया.


पीनू दी- अरे यार, ऑयय रो मत, मेरी बात सुन! मैं- क्या, बच्चे को रुला दिया ना!


पीनू दी- अच्छा जी, बच्चा कौन है यहां? मैं- मैं हूँ.


पीनू दी- अच्छा बच्चे हो और सेक्स भी करना है … वो भी मेरे साथ? मैं- मैंने ऐसा कब बोला कि तुम्हारे साथ करना है?


पीनू दी- अभी तो बोले थे कि तुम्हारे साथ तो … मैं- तो ऐसा थोड़ी बोला कि करना है, तुम्हारे साथ कर तो नहीं सकता ना, ऐसा बोला था.


पीनू दी- अच्छा मतलब अगर मैं हां बोलूँ तो कर लोगे? मैं- सपने मत दिखाओ प्लीज!


पीनू दी- अरे हद है, लो हाथ लगा कर देख लो. ये बोल कर उसने जो टी-शर्ट पहनी थी, वो एकदम से निकाल दी और मेरा हाथ पकड़ कर अपने दूध पर रख दिया.


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ऑनलाइन सेक्स सर्च कहानी का अगला भाग:


अन्तर्वासना

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