मेरा जिस्म मांगे मोर- 1

अनुराग कुमार

15-01-2024

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पहली रात मेरी कैसे निकली शादी के बाद की … मैं तो बिल्कुल अनजान थी कि क्या होगा मेरी शादी के बाद की पहली रात को … थोड़ा बहुत जो पता था, उसी से डर भी लग रहा था.


प्रिय पाठको, नमस्कार! आपका प्यारा ‘अन्नू’ अनुराग अग्रवाल।


आपको मेरी पहले की कहानियाँ अवश्य पसन्द आई होंगी. आपकी मेल मेरा उत्साहवर्धन करती है कि मैं और अच्छी कहानियाँ लिख सकूं और आपको अपनी कहानियों के माध्यम से सैक्स का आनन्द महसूस करा सकूं. यही मेरी प्राथमिकता रहती है.


दोस्तो, सैक्स कितना आनन्द देता है, इस दो इंच के गड्ढे की दुनिया दीवानी है और इस दो इंच में ही दुनिया समायी हुई है। इस दो इंच के गढ्ढे की लालसा न जाने क्या-क्या करवा देती है।


दुनिया की सबसे ज्यादा खुशियों में से एक है सैक्स!


मुझे आप सभी दोस्तों के बहुत सारे ई-मेल आते हैं, मैं उन सभी पाठक और पाठिकाओं को हृदय से आभारी हूँ जो मेरी कहानियाँ पढ़कर आनन्द लेते हैं. आपकी भी कोई कहानी, कोई फैन्टेसी हो … आप मुझे बता सकते हैं।


मेरी एक पाठिका दिशा की मेरा गैंग बैंग की फैन्टसी स्टोरी आप सभी दोस्तों को बहुत पसन्द आई. उसके लिए आप सभी का हृदय से आभार।


आजकल के इस खुले परिवेश में नौजवान लड़के-लड़कियों की कैसी-कैसी फैन्टेसी हैं दोस्तो, आप कल्पना भी नहीं कर सकते!


जैसे कि बहुत सी महिलाएं जब नहाने या कपड़े बदलने की स्थिति में होती हैं तो उनकी सोच होती है कि कोई उन्हें चुपके से देखे, चोरी-चोरी उनको निहारता रहे. यह सोच मन ही मन उनके शरीर में एक सनसनी सी पैदा कर देती है.


वे शीशे के सामने अपने आपको निहारती हैं, अपने वक्षों को अपनी चूत को देख-देखकर खुश होती हैं. वे अपने बॉयफ्रेन्ड या किसी भी व्यक्ति को सोचकर उसका स्पर्श, उसका चुम्बन अपने वक्ष पर अपनी चूत पर महसूस करके सैक्स का अन्दर ही अन्दर आनन्द लेती हैं।


धनाढ्य घरों की लड़कियाँ तो सबसे आगे होती हैं. वे अपने किसी कजिन, अपने ड्राईवर, अपने नौकर, अपने माली के साथ संभोग करने की बहुत इच्छुक होती हैं और उनके साथ कुछ भी कर गुजरने के लिए लालयित रहती हैं. विदेशों में तो इस विषय पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं जिसमें लेडी चैटली लवर्स की सीरिज, टू मून जंक्शन बहुत ही प्रसिद्ध सीरिज हैं। कभी मौका मिले तो दोस्तो, देखना जरूर!


बहुत सी लड़कियों ने तो मुझे मेल करके बताया कि वे सोचती हैं कि कोई उनका अपह रण करके जंगल में, खंडहर में, किसी बिल्डिंग में, किसी कमरे में जोरदार तरीके से चोदता रहे.


काफी लड़कियां सोचती हैं कि 2-3 आदमी एक साथ उनकी गांड में, चूत में और एक साथ ही मुँह में अपने लण्ड देकर वहशी तरीके से उनको चोदें, उनके कपड़े फाड़ दें, उन्हें बैड से बांध दे और भी ना जाने क्या-क्या …


दोस्तो, निधि नाम की एक लड़की ने तो अपनी माँ के साथ एक बिस्तर पर चुदने की इच्छा जाहिर की.


उसकी भाषा में सुनो आप भी:


निधि: अन्नू सर, नमस्कार आपकी कहानियाँ पढ़कर अच्छा लगता है। सर, मुझे पता नहीं ये सब ठीक है या नहीं … पर क्या करूं आपसे शेयर करते हुए शर्म भी आ रही है पर करना भी चाहती हूँ.


मेरी माँ जब मेरे बाप से चुदती है तो साली बहुत शोर मचाती है। रात को कभी-कभी इतनी जोर-जोर से आवाजें आती है, मुझे तो शर्म ही आने लगती है. और वो साली आज भी ऐसे चुदती है जैसे आज ही ब्याह के आई हो. उस कुतिया की अपनी जवान बेटी घर में है, इसकी भी परवाह नहीं होती.


मेरी माँ साली चुदक्कड़ जोर-जोर से चिल्लाती है- आह … उहहह … आहह … उहह … आहह … चोदो … चोदो … जोर से और जोर से … चोदो निधि के पापा … चोदो … चोद ना साले … अब जान नहीं है तेरे लोड़े में … हरामी … पिल्ले … साले मैं प्यासी हू, फाड़ मेरी चूत को साले!


पापा- आह … मेरी डार्लिंग अंजना, तुम आज भी वैसी ही हो जैसे सुहागरात वाले दिन थी. आह … अंजना डार्लिंग … आह … डार्लिंग ऐसा लगता है कि तेरी चूत की गहराई तो बढ़ती ही जा रही है … साली … मेरा लण्ड इसमें समाकर खो जाता है पर तेरी प्यास तो और बढ़ रही है साली … कुतिया!


मेरी माँ अंजना- हाँ यार, पता नहीं क्यों, मेरी चूत की प्यास बढ़ती ही जा रही है … चोदो मुझे जोर-जोर से .. ऐसे चोदो कि पहली रात मेरी!


निधि- सर, अब आप ही बताओ, क्या करूँ मैं अपनी इस रांड माँ का … ये साली मेरी चूत में भी आग लगा देती है … मेरा मन तो करता है अपनी आंखों के सामने इसे अपने बायफ्रेंड से ही चुदवा दूँ! साली की गर्मी कुछ तो शान्त होगी. मेरे बाप के बस का नहीं है अब इसकी गर्मी खत्म करना!


अब आप ही देखो यह सत्य वर्णन है. और आजकल न जाने क्या-क्या है.


एक सज्जन को अपनी माँ बहुत क्यूट लगती है … वह हर वक्त उसे चोदने के सपने देखता है.


चलो खैर अब कहानी पर आते हैं।


इस बार यह रियल कहानी मेरी एक पाठिका सोनिया की है जो आसाम में रहती है.


उसने अपनी आप बीती मुझे बताई और उसे एक कहानी के रूप में लिखने के लिए मुझे आग्रह किया.


मैं अपनी कहानियों में सैक्स को एक दवाई और टोनिक के रूप में आपके सम्मुख प्रस्तुत करता हूँ, एक अच्छा सेक्स हमारे शरीर और दिमाग को कितना रिलेक्स देता है. यह आप खुद ही आजमा सकते हैं.


दोस्तो, कहानी थोड़ी सी लम्बी है पर मुझे विश्वास है कि आपको यह कहानी पसन्द आयेगी।


मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.


सोनिया एक बेहद गोरे रंग की भरे जिस्म की मल्लिका है और बेहद ही खूबसूरत है. उसकी हाईट लगभग 5 फुट 5 इंच, उसकी चूचियां 34″ की और मस्त गांड 36″ की है.


उसने अपनी एक पिक भी मुझे भेजी जिसमें वह एकदम सन्नी लियोनी जैसी सैक्सी लग रही थी दोस्तो!


अब उसकी कहानी आप उससे ही सुनिये.


दोस्तो, मैं आपकी प्यारी सोनिया! मेरा वर्णन वैसे तो अनुराग जी ने कर ही दिया है. फिर भी मैं आप जैसी ही सीधी सादी हाउस वाईफ हूँ।


अब इतने दिनों के बाद मेरी तमन्नायें, मेरी इच्छायें पंख फड़फड़ा रही हैं और मुझे खुद को ही पता नहीं है कि यह क्या हो रहा है और क्या होने जा रहा है. आप मेरी इस कहानी का मजा लीजिए.


हो सकता है कि आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ हो.


दोस्तो, मेरा मानना है कि जिन्दगी का मजा हर उस तरीके से लेना चाहिए जिस भी तरह से आपके दिल को सुकून मिलता हो.


आसाम की हरी भरी वादियों में यदि आपको कभी जाने का मौका मिले तो आपका मन झूम उठेगा.


वैसे तो मैं अपने पति सुधीर के साथ बंगलोर में रहती थी, हमारे दो बच्चें भी हैं जो बोर्डिंग स्कूलों में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.


चूंकि मेरे पति सुधीर एक कंसट्रक्शन कम्पनी में मैनेजर हैं तो इस कारण उनका किसी ने किसी शहर में 2-3 सालों में ट्रांसफर होता रहता है. इस बार भी उनको 2 साल के लिए आसाम में भेजा गया है जहाँ उनकी कम्पनी को गर्वनमेंट का कोई बड़ा आर्डर मिला है. इसलिए उनको आसाम भेज दिया गया।


बच्चे बोर्डिंग स्कूलों में पढ़ रहे थे तो इसलिए हमें कोई दिक्कत नहीं हुई आसाम आने में! वहां कम्पनी की तरफ से बहतरीन कोटेज हमें रहने के लिए दिया गया.


उस कोटेज के चारों और बहुत ही मनोहारी दृश्य था, चारों और हरे भरे पेड़ थे, जिन पर रंग-बिरंगे पंछी फड़फड़ा रहे थे. पास में ही एक छोटा सा तालाब था. कुल मिलाकर बहुत ही प्यारी जगह थी.


अभी तक जितने भी शहरों में हम गये थे, उन सभी में आसाम सबसे प्यारी जगह थी.


सुधीर, मेरे पति सुबह ही अपने कार्य पर चले जाते थे और पीछे से मैं अकेली घर पर ही रह जाती थी. दिन भर बस दिल कुछ करने को चाहता था.


अकेलेपन का अभी कोई साथी नहीं है. पर मैं अपना अकेलापन वहां पक्षियों में आस पास के बच्चों के साथ या कभी-कभी अर्न्तवासना पर सैक्स कहानियाँ पढ़कर अपना समय काट लिया करती थी.


अर्न्तवासना पर कहानियाँ पढ़ते-पढ़ते मुझे सुधीर के साथ बिताये अपने पुराने दिन याद आने लगे.


क्या रोमांच हुआ करता था दोस्तो!


जब मेरी नई-नई शादी हुई थी तो सुधीर तो मुझ पर लट्टू हुआ करता था. दिन हो या रात बस मुझ में समा जाने के लिए व्याकुल रहता था.


शादी के 2 साल तो हमने लगभग हर दिन सैक्स के मजे लिए. कोई भी आसन, घर की कोई भी जगह हम दोनों ने नहीं छोड़ी जहां हमने धुआंधार सैक्स ना किया हो.


उन दिनों आज की तरह मोबाईल तो थे नहीं, बस सीडी का जमाना था. सुधीर कही से पोर्न सीडी ले आते थे और हम दोनों रात को थोड़ी देर वो सीडी देखते और फिर सीडी की तरह ही सैक्स करते-करते एक दूसरे में खो जाते थे.


दोस्तो, मजा आ जाता था.


जाड़े के दिनों में हम दोनों ही आपस में इतने गुथे हुए रहते थे कि हम दोनों ही पसीनों से तरबतर हो जाया करते थे.


हम अपने हनीमून पर नैनीताल गए थे एक सप्ताह के लिए! ठंड का मौसम था और वो भी हनीमून पैकेज … आज तक मेरी लाईफ के सबसे यादगार पलों में से एक है. और शायद हर लड़की की भी यही इच्छा होती है कि उसकी सुहागरात और हनीमून दुनिया के सबसे ज्यादा खुशी के पलों में से एक हो.


इस मामले में मेरा नसीब बहुत ही अच्छा था.


शुरू के 15 दिन तो ऐसे निकल गये मानो जैसे कल ही की बात हो. इन 15 दिनों में सुधीर और मैंने इतनी चुदाई की थी दोस्तो कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते. हर दिन लगभग 3 से 4 बार सुधीर और मैं एक दूसरे के लण्ड और चूत से खेलते थे.


सुहागरात वाले दिन मैं तो अनजान थी कि क्या होगा. उन दिनों में इतना कुछ पता नहीं होता था.


फिर भी वो तो सभी के साथ होता है.


मेरी ननद मुझे कमरे में छोड़ गई और मेरे कान में कहा- भाभी … आज तो तुम गई! कहती हुई भाग गई.


थोड़ी देर बाद ही सुधीर कमरे में आये … मेरे पास बिस्तर पर आकर बैठ गये. वे मुझसे बोले- मेरी सोनिया डार्लिंग कैसी हो तुम, सब ठीक! थकान तो नहीं है? सोनिया- हाँ, सुधीर जी, थोड़ी सी थकान तो है। सुधीर- थोड़ा सा दूध पी लो, अभी सब ठीक हो जायेगा।


तब सुधीर ने अपना सिर मेरी गोद में रख दिया और मुझे निहारने लगे, मुझसे बोले- सोनिया, तुम मेरे दिल और दिमाग में बस गयी हो. जिस दिन से तुमको देखा है ना … बस उसी दिन से आज के इस दिन का बेसब्री से इंतजार था, मेरा ये दिल तुम्हारे अंदर समा जाने को बेकरार है … मेरी सोनिया डार्लिंग।


सोनिया- मुझे भी आपसे मिलने की बड़ी तमन्ना थी. आपका वो प्यारा सा फोटो आज भी मैंने अपने कपड़ों के अन्दर छिपाया हुआ है जो रवि अंकल लेकर आये थे. मुझे भी आपसे मिलने की बड़ी बेकरारी थी. लो आज वो दिन आखिर आ ही गया. आप मेरे पति परमेश्वर और मैं आपकी अर्धांगिनी।


सुधीर ने उठकर अचानक से मेरे होंठ अपने होंठों के बीच दबा लिये और अपने दोनों हाथों से मुझे जोर से अपने बाहुपाश में बांध लिया. मैंने भी अपने दोनों हाथों से सुधीर की कमर को कस कर पकड़ लिया.


हम दोनों एक दूसरे के होंठों में खो गये, कम से कम 10 मिनट तक एक दूसरे के होंठों का हम यूं ही चूसते रहे.


थोड़ी देर बाद जब हम सामान्य हुए तो एक दूसरे की ओर देखा और फिर दुबारा से एक दूसरे से लिपट गये।


सुधीर ने धीरे से अपने एक हाथ से मेरी साड़ी खोलनी चालू कर दी … और खींच कर एक तरफ फेंक दी. और फिर अपना एक हाथ मेरे पेटीकोट के ऊपर से ही मेरी चूत पर लगा दिया.


मेरे पूरे शरीर में एक कंपन सी दौड़ गयी.


दोस्तो, उस समय लगभग 20 वर्श पहले जब पहली-पहली बार लड़का और लड़की अपनी सुहागरात पर मिलते हैं तो दोनों ही बहुत ज्यादा उत्साहित/उत्तेजित होते थे. आजकल के जमाने में तो सबको पता होता है कि क्या करना है … सुहागरात क्या होती है.


वो भी क्या जमाना था!


सुधीर ने भी अपने कपड़े उतारे और वह अब केवल अपनी चड्डी और बनियान में था. और मैं पेटीकाट और ब्लाउज में थी.


सुधीर ने मुझसे ब्लाउज उतारने को बोला. मैंने थोड़ा सा शरमा कर अपनी ब्लाउज को उतार दिया.


मैं अब पहली बार किसी मर्द के सामने इतने कम कपड़ों में थी.


सुधीर मेरे पास आये और बोले- मेरी जान, यह हमारी सुहागरात है. शरमाओ मत!


मेरी चूचियों को वे ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगे.


और सुधीर ने फिर से मेरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया और बोले- अपने कपड़ों को हल्का करो, मैं भी अपने कपड़े निकालता हूँ!


शादी की रात थोड़ी देर हमने एक दूसरे से बातें की, एक दूसरे की पसन्द नापसन्द के बारे में जाना और एक दूसरे के अंगों में खो गये. पहली बार मैंने किसी आदमी का लिंग यानि लण्ड देखा था. सुधीर का मोटा लण्ड देखकर मेरी आँखें चौड़ी हो गयी थी.


सुधीर ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और खुद भी नंगे होकर मेरे ऊपर आ गये.


मैंने धीरे से सुधीर से कहा- सुधीर, तुम्हारा यह तो बहुत मोटा लग रहा है, मेरे इस छोटे से छेद में कैसे जायेगा? सुधीर- मेरी जान, मेरी डार्लिंग, तुम्हारा जो ये छोटा से छेद है ना इस छेद ने न जाने कितने कितने को पानी भरवा दिया है. मेरी जान चिन्ता न करो. पहली बार आज थोड़ा सा दर्द होगा, फिर तुम खुद कहोगी … सुधीर आओ ना, डालो अपना औजार! इतना कहकर सुधीर थोड़ा सा हंसने लगे.


मैं- नहीं सुधीर, तुम झूठ बोल रहे हो, यह तो बहुत मोटा है, कैसे जायेगा … मुझे बहुत दर्द होगा, मैं … मैं … आज नहीं! सुधीर- मेरी जान, तुम चिन्ता ना करो, बिल्कुल भी दर्द नहीं होने दूंगा मैं तुम्हें! तुम तो मेरी जान हो!


इतना कहकर सुधीर ने मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दी और धीरे-धीरे से उसे चूसने लगे. सुधीर का मेरी चूत को इस प्रकार से चूसना मुझे पहले तो अजीब सा लगा पर फिर एक आनन्द सा आने लगा.


मुझे पता नहीं कैसा नशा सा चढ़ने लगा था. और सुधीर मेरी चूत के अन्दर तक अपनी जीभ से मुझे चोदे जा रहा था.


अचानक से मेरा शरीर डीला पढ़ गया और बहुत सारा पानी मेरी चूत से निकलने लगा. मैंने अपने दोनों हाथों से सुधीर के सिर को जोर से पकड़ लिया और एक झनझनाहट के साथ मेरा शरीर का एकदम सुन्न सा पड़ गया.


सुधीर- सोनिया डार्लिंग क्या हुआ? मैं- कुछ नहीं सुधीर, यह पहली बार है … पर मजा आ रहा है … तुम चूसते रहो … आह … आह … उ … आह … सुधीर मजा आ रहा है … चूसो! सुधीर- हाँ मेरी जान!


उसने मुझे 2-3 बार तो मेरी चूत को चूसते-चूसते ही झाड़ दिया था. मुझे भी अब आनन्द आने लगा था और मैं भी सुधीर से उछल-उछल कर अपनी चूत चुसवा रही थी.


फिर सुधीर मेरे ऊपर आ गये और मेरे चूचों से खेलने लगे।


प्रिय पाठको, यह शादी के बाद पहली रात मेरी कहानी 3 भागों में होगी. आप मुझे हर भाग के बारे में बताते रहें कि कहानी कैसी लग रही है? [email protected]


शादी के बाद पहली रात मेरी का अगला भाग:


अन्तर्वासना

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