लॉकडाउन में कुंवारी साली की चुदाई का मजा- 1

पिन्टू

18-04-2022

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सेक्सी साली की जवानी को मैंने पास से महसूस किया जब मेरी बीवी गर्भवती हुई और मेरी साली मेरे साथ रहने आई. ये सब कैसे हुआ?


नमस्कार दोस्तो, मैं आपका पिंटू मेरी पिछली कहानी थी: कुंवारी पड़ोसन को बियर पिलाकर मस्त चोदा


अब मैं आपके लिए नई और दिलकश कहानी ले कर आया हूँ. इसमें लॉकडाउन में सेक्सी साली की जवानी का मजा है.


मेरी शादी को करीब दो साल हो चुके थे और मेरी वाइफ प्रेगनेंट हो गई थी. इस बात को लेकर मेरी ससुराल से सासू जी का फ़ोन आया कि आप हमारी बेटी को कुछ दिनों के लिए हमारे घर छोड़ दीजिए जिससे वो आराम कर लेगी और डिलीवरी भी यहीं करवा लेंगे.


मैं और मेरी वाइफ शहर में अकेले रहते थे तो हम दोनों ने सोचा कि यह भी ठीक है. मैंने अपने घर पर बात की तो मेरे घर वालों ने भी मंजूरी दे दी. मेरी मां ने भी कह दिया- हां ये सही रहेगा. बहू की देखभाल भी हो जाएगी और तू भी अपना काम कर सकेगा.


वो गर्मियों का समय था. मैं अपनी कार से मेरी वाइफ को उसके घर छोड़ने गया. शाम को घर पहुंच गए.


वहां जाते ही सब लोग बड़े खुश हुए और घर में खुशियों का माहौल बन गया.


कुछ ही देर में मेरी साली साहिबा की आवाज़ मेरे कानों में गूंजी. वो बोली- जीजू, जल्दी से मुँह हाथ धो लो … खाना लग गया है.


मेरी साली का नाम मीना है. ये नाम बदला हुआ है. उसका रंग एकदम गोरा है ऊंचाई जरा कम है, मगर बॉडी एकदम कड़क है. देखा जाए तो वो एकदम परफेक्ट साली है. मस्त माल लगती है, मीठी मीठी बातें करती है, शरारती तो है ही.


वैसे मेरे मन में अब तक कभी भी मेरी साली को लेकर कोई बुरा विचार नहीं आया था. हम सबने साथ में खाना खाया और मैं आराम करने अपने रूम में चला गया. वहां मेरी साली मेरे लिए दूध ले आयी जिसे पीकर मैं और वो … थोड़ा बतियाए और कुछ देर बाद मैं सो गया.


सुबह उठ कर मैं अपने घर वापस आने की तैयारी करने लगा तो मेरी सास ने मुझसे कहा- दामाद जी, अगर आप बुरा न मानो तो एक बात कहें? मैंने कहा- जी कहें.


वो बोलीं- आप अपने संग मीना को ले जाइए और वहीं किसी अच्छे से कॉलेज में इसका दाखिला करा दीजिए. वैसे भी अब हमारे गांव में कोई कॉलेज तो है ही नहीं, तो आपके पास रह कर वहां ये कॉलेज की पढ़ाई कर लेगी. और आप पैसों की फ़िक्र जरा भी मत कीजिएगा. वो सब खर्चा हम उठा लेंगे. जब तक हमारी बड़ी बेटी यहां रहेगी, वहां आपको खाने पीने की भी तकलीफ नहीं होगी. अब आगे जैसा आप बोलें दामाद जी.


मैंने मेरी वाइफ की तरफ इशारा करके कहा- मकान मालकिन से पूछ लो, जैसा वो आदेश करे!


यह सुन कर सब हंस पड़े और मीना मेरे साथ शहर जाने के लिए अपने सामान को बैग में पैक करने लगी.


फिर हम वहां से अपने शहर इंदौर के लिए रवाना हुए. घर आकर मैंने फ्लैट की चाभी मीना को दी और उसका सामान मैं खुद उठा लिया.


मीना ने गेट खोला और हम अन्दर आ गए.


अन्दर जाते ही मीना ने किचन में चाय बनाना शुरू कर दिया. मैं भी अपने कपड़े चेंज करके बाथरूम में फ्रेश होकर अपने रूम में आ गया.


मीना भी चाय लेकर मेरे रूम में आ गई, वहां बैठ कर हम दोनों ने साथ में चाय पी. फिर ससुराल में कॉल करके मैंने बताया कि हम यहां सकुशल पहुंच गए हैं.


सफ़र से थके हुए हम दोनों यह सोच रहे थे कि खाना क्या बनाना है.


तभी मेरी साली बोली- जीजू, आज अपन दोनों कहीं बाहर चलें. वैसे भी वहां गांव में कहां कुछ घूमने को मिलता है. मेरी साली की मासूमियत से बोली हुई बातों से मैं खुश हो गया और बोला- हां ठीक है … तैयार हो जाओ. आज बाहर चलेंगे.


वो भी खुशी खुशी तैयार होने लगी. मैं भी तैयार हुआ और दोनों मेरी बाइक पर बाजार चले गए.


वहां जाकर हमने बहुत से चाट पकौड़ी के अलावा बहुत सी चीज खाईं जिससे मेरा पेट भर गया. मेरी साली का पेट भी भर गया था.


वो बोली- जीजू अब बस करो, पेट फूल कर गुब्बारा हो गया है.


फिर हम दोनों अपनी बाइक से घर की और निकल आए.


सफर में थक जाने और चाट चौपाटियों पर ज्यादा खा लेने के कारण मेरी साली को नींद के झोंके आने लगे. वो मुझे पीछे से पकड़ कर अपना सर मेरी पीठ पर रख कर सोने लगी. मैं भी बाइक स्लो चलाते हुए घर तक आ गया.


घर के पास आकर मैंने उसे उठाया तो वो बेसुध हो रही थी. मैंने बाइक साइड स्टैंड पर खड़ी की और उसका एक हाथ अपने गले में डाल लिया. मैं उसे लिफ्ट तक ले गया. फिर अपने फ्लैट में ले जाकर उसे अपने बेड पर सुला दिया.


जब वो मुझसे पीछे से जिस तरह से चिपक कर बैठी थी न … तो ऐसा लग रहा था, जैसे उसके मम्मे हल्की सी गर्माहट लिए मेरी पीठ को तपा रहे हों. बड़ा मज़ा आ रहा था … पर वो मेरी साली थी और नासमझ भी. उसकी नादानी समझ कर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.


उस दिन मैं हॉल में ही सोफे पर सो गया.


सुबह जब उठा तो देख मेरी वाइफ मेरी साली से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी कि कल क्या किया.


जैसे ही उसने मुझे हॉल में सोते देखा, तो बोली- अरे रूम में सो जाते न. आप भी ऐसे संकोच कर रहे हो, जैसे मीना कोई मेहमान है. वो आपकी साली है, छोटी बहन जैसी है. आप आज से बेड पर ही सोना … और मीना तू भी नहीं बोली जीजू से कि यहीं सो जाओ! मीना- अरे दीदी मैं कल थक गई थी. मुझे तो पता ही नहीं चला कि कब नींद लग गई. आज से सब सैट कर लूंगी. ओके अब रखती हूँ.


इतना बोल कर मीना ने बात खत्म की और मैं ऑफिस जाने के लिए तैयार होने लगा. मीना ने मेरा टिफ़िन पैक कर दिया और मैं ऑफिस चला गया.


मैंने मीना से कहा- कल मैं तुम्हारे कॉलेज का पता करके तुम्हारे दाखिले का काम करता हूँ. मैं ऑफिस चला गया.


शाम को जब मैं घर आया तो मीना अपने घर पर वीडियो कॉल पर बात कर रही थी. मेरे आते ही उन सभी से नमस्ते हुई और मैं वाशरूम में चला गया.


वहां से आया तो मीना के चेहरे पर कुछ सवाल जैसा लगा. मैंने कहा- हां, मैं कल तुम्हारे कॉलेज का जमाता हूँ.


यह सुनकर मीना ने कहा- जीजू वो तो ठीक है. बात कुछ और है. मैंने कहा- बोलो.


वो बोली- मुझे कुछ सामान लेने मार्केट जाना है … तो आप मुझे कल ऑफिस जाने से पहले कुछ पैसे दे देना. मैंने कहा- मुझे बता दो क्या लाना है, मैं ला दूंगा. तुम अकेली कैसी मार्किट जाओगी. यह सुन कर वो एकदम से चुप हो गई.


फिर हम दोनों खाना खाकर टीवी देख रहे थे उसी बीच टीवी पर न्यूज़ आयी कि आज रात 8 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन लग जाएगा. यह सुन हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे.


मैंने अपने ऑफिस कॉल करके बॉस को बताया. तो वो बोले- हां कल से लॉक डाउन की वजह से सब बंद रहेगा.


मैंने मन में सोचा कि चलो 8 दिन की छुट्टी मिली.


फिर मीना को देख कर याद आया कि इसे कुछ लेना है.


मैंने उससे कहा- यार मीना, तुझे क्या लेना था, चल अभी चलते हैं … वरना 8 तक कुछ नहीं मिलेगा.


वो बड़ा ही शर्माती हुई मुझे जवाब न देने में अपनी भलाई समझ रही थी. मेरे दुबारा बोलने पर वो बोलने लगी- रहने दो जीजू … काम हो जाएगा.


मैंने फिर से जोर दे कर पूछा तो वो बोली- जीजू आप किसी को बोलना मत … मैं अपने अंडर गारमेंट्स लाना ही भूल गई थी. वो ही लेने जाना था … पर अब मैं वो सब बाद में ले लूंगी. यह सुन कर मैंने उससे कहा- चल अभी ले ले, नहीं तो 8 दिन मैनेज कैसे करेगी. और इसमें इतना डरने वाली कौन सी बात है? चल बाजार.


मीना- जीजू मुझे आपसे शर्म आती है. आपके सामने में कैसे वो सब लूंगी? मैं- अरे उसमें शर्माने वाली कौन सी बात है? कपड़े ही तो हैं और मैं कौन सा उस सब बारे में जानता नहीं हूँ.


मीना- जीजू मुझे शर्म आती है, रहने दो. मैं- उसमें क्या है यार … अंडर गारमेंट्स ही तो लेने हैं बस.


मीना- मैं मैनेज कर लूँगी, रहने दो आप परेशान न हो. मैं- तू मेरी साली नहीं है क्या?


मीना- जीजू, आप भी न बहुत ज़िद्दी हो … चलो अब. हम बाजार गए.


वहां से उसने एक दुकान पर मुझे बाहर ही रहने को बोला और वो अन्दर गई. उधर से मीना कुछ ब्रा और पैंटी खरीद कर ले आयी.


फिर हम घर आ गए. रात का खाना साथ खाया, फिर मैंने सोचा 8 दिन क्या करूंगा. मैं जाकर दारू की कुछ बोतलें ले आया कि यहीं घर में एन्जॉय हो जाएगा.


फिर मीना ने बिस्तर सही कर दिया. वो मुझसे बोली- सो जाओ जीजू. मैं अपने बरमूडा और बनियान में आ गया और सोने चला गया.


मीना भी मेरे पास ही बेड पर लेट गई.


रात में करीब 2 बजे के लगभग मीना का एक पैर मेरे ऊपर आ गया. मैं समझ गया कि नींद में साली साहिबा लात चला रही है. मैं पलट कर सीधा हुआ कि उसका पैर जो मेरे कूल्हे पर था, वो सीधे मेरे लिंग पर आ गया.


कुछ पल तो मैं समझ ही नहीं पाया कि ये क्या हो रहा है.


ये फिर मुझे होश आया कि भाई ये साली है … आधी घरवाली. चलने दो सब चलता है. मैं वैसे ही उसके पैरों से उसे बिना अहसास कराए अपना लिंग साली के पैरों से रगड़ता रहा और कुछ समय बाद मैंने पानी छोड़ दिया.


बस उसी रात से मेरे मन में अपनी साली के प्रति गर्म भावना जग गई कि इसकी चुत कैसे चोदी जाए. अब बस यही ख्याल आने लगा था.


सुबह होते ही में बाथरूम में नहाने गया तो देखा कि साली साहिबा की ब्रा और पैंटी अन्दर बाथरूम में सूख रही है. मैंने उन्हें सूंघ कर देखा, मुझे किसी प्रकार की गंध नहीं आई.


फिर मैं नहा कर अंडरवियर में ही बाहर आ गया. थोड़ा मन में शरारतीपन आ गया. मुझे इस हालत में देख मेरी साली साहिबा मुस्कुरा दी और बोली- जीजू, जल्दी से तैयार हो जाओ, तो नाश्ता लगा देती हूँ.


मैं तैयार होने में लग गया. कांच में मैंने देखा कि मेरी साली चुपके से मेरे अंडरवियर की तरफ देख रही थी. मैं समझ गया काम जम सकता है, बस थोड़ी मेहनत की जरूरत है.


तैयार होने के बाद मैंने उससे बोला- मीना नाश्ता ले आओ, साथ में कर लेते हैं. मीना- जी जीजू, मैं ले आती हूँ.


मैं- मीना नाश्ते में ब्रेड तो बड़ी कुरकुरी बनायी है तुमने. मीना- जी जीजू, आपकी तरह ही कड़क हैं.


मैं- और आपकी तरह इस पर मक्खन भी बड़ा नमकीन है. यह बात सुन कर हम दोनों मुस्कुरा दिए.


फिर मैं उठा और अपने रूम में जाकर मोबाइल में ब्लूफिल्म देखने लगा.


लगभग एक घंटे बाद मीना रूम में आयी और बोली- जीजू खाने में क्या बनाऊं? मैंने कहा- जो तुझे पसंद हो.


इस बीच उसकी नज़र मेरे लोअर पर पड़ी जो कि मेरे खड़े लंड के वजह से तंबू जैसा लग रहा था. मैंने उसको देखा, तो वो एकटक लंड को देखे जा रही थी.


मैंने उसे टोकते हुए कहा- क्या हुआ मीना? वो एकदम से संभलती हुई बोली- कुछ नहीं जीजू … मैं बस यही सोच रही हूँ कि क्या बनाऊं.


मैंने कहा- अंडे रखे हैं, तो भुरजी बना ले. वो ये सुन कर किचन में चली गई और भुरजी बनाने में लग गई.


कुछ देर बाद उसकी आवाज़ आई कि जीजू खाना खा लो. मैंने बोला- आता हूँ.


मैं उठ कर अपनी बोतल में से पैग बनाने लगा. पैग लेकर मैं डाइनिंग टेबल पर बैठा.


तो वो बोली- जीजू गिलास में क्या है? मैंने कहा- वाइन है … तुम भी पिओगी?


वो बोली- नहीं, मैंने कभी नहीं पी. मैंने कहा- आज पीकर देख लो.


वो बोली- अगर मैं बहक गई तो क्या होगा? मैंने कहा- कुछ नहीं होगा … यहां कौन आ रहा है. ज्यादा हो जाए तो चुपचाप सो जाना … बस और क्या.


इस बात पर हम दोनों हंसे और मीना ने कहा- अच्छा एक पैग बना ही दो जीजू. मैंने मीना को एक पैग बना कर दे दिया.


वो उसे पीने के बाद थोड़ा सा नशे में आ गई. मैंने उससे पूछा- सब ठीक तो लग रहा है न!


तो वो बोली- हां जीजू बहुत अच्छा लग रहा है. मैंने कहा- तो फिर ठीक है.


अब साली ने दारू पी ली थी. नशे में क्या हुआ वो मैं आपको सेक्सी साली की जवानी के अगले भाग में लिखूँगा. आप मेल जरूर कीजिएगा. [email protected]


सेक्सी साली की जवानीकहानी का अगला भाग: लॉकडाउन में कुंवारी साली की चुदाई का मजा- 2


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