बुटीक वाली सेक्सी भाभी के जिस्म का मजा- 1

आर्यन कुमार

18-11-2022

156,923

X भाभी की हिंदी कहानी मेरे ऑफिस के सामने एक बुटीक चलने वाली बेहद खूबसूरत सेक्सी बिल्कुल कामदेवी जैसी भाभी की है. मैं उसे रोज देखता था.


दोस्तो, मैं आपका दोस्त आर्यन कुमार फिर से एक बार अपनी नयी दास्तान सुनाने हाजिर हूँ.


आप सबने मेरी पिछली सेक्स कहानी बिन शादी के बना बाप को बहुत सराहा. मुझे बहुत सारे लोगों के ई-मेल्स आए और आप सबका बहुत प्यार मिला. इसके लिए आप सभी का आभार.


मैं आपके सामने मेरे जीवन की सारी आपबीती एक एक करके सुना रहा हूँ. ये सभी घटनाएं मेरे जीवन की सच्ची घटनाएं हैं, जिन्हें मैं कहानी के माध्यम से आपके सामने रखता जा रहा हूँ.


अभी बहुत दिन से कहानी नहीं लिख पाया हूँ, उसके लिए माफ़ी चाहता हूँ. अब मैं अपनी सारी कहानियां जल्दी जल्दी ही आपके सामने पेश करूंगा.


आपकी यादें ताजा करने के लिए एक बार फिर से मैं अपने बारे में बता देता हूँ. मेरा नाम आर्यन है. मैं पूना में मार्केटिंग की जॉब करता हूँ. मैंने ग्रेजुएशन किया है.


मेरी हाईट साढ़े पांच फुट है. मैं नियमित रूप से कसरत करता हूँ, इसलिए मेरी बॉडी थोड़ी स्लिम फिट है. मेरा काला लंड छह इंच का है और ये तीन इंच मोटा है.


पिछली सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने साक्षी की कुंवारी गांड मारी और साक्षी का दूध भी पिया. किसी जवान लड़की के मस्त मम्मों का दूध पीने का अपना सपना भी साकार किया. उस घटना के बाद मैं बहुत खुश था क्योंकि अब मैं एक चोदू मर्द बन गया था और बिना शादी के एक बच्ची का बाप भी.


इस बात से मुझे ये कॉन्फिडेंस आया कि मैं किसी भी औरत को भरपूर शारीरिक सुख दे सकता हूँ और उसकी प्यास बुझा सकता हूँ.


अब मेरे लंड को भी नयी नयी चूत चोदने की ललक लग गयी थी. मैं हर वक़्त अपने आस-पास की औरतों की कामुकता की नज़रों से देखने लगा था, अपने लिए हर वक्त किसी नयी चूत की खोज करने लगा था.


दोस्तो, जैसे कि मैंने आपको बताया था कि मैं पूना में हिंजेवाड़ी में एक मार्केटिंग कंपनी जॉब करता हूँ. मेरे ऑफिस के सामने एक लेडीज बुटीक और उसी में लेडीज कॉस्मेटिक की शॉप थी.


उस शॉप की मालकिन माधुरी बेहद खूबसूरत सेक्सी बिल्कुल कामदेवी जैसी थी. माधुरी शादीशुदा थी, उसका पति भी जॉब करता था. वो लोग पिछले चार साल से यहां रह रहे थे. उनका घर और शॉप दोनों किराये के थे.


उन X भाभी की एक पांच साल की लड़की थी. माधुरी की उम्र 31 साल की थी, रंग एकदम गोरा था और उसकी हाईट पांच फुट चार इंच की थी. उसकी फिगर 36-24-38 की थी.


वो हर रोज सुबह मेरे ऑफिस आने से पहले ही अपनी शॉप खोल लेती थी. वो हमेशा अपनी एक्टिवा बाइक से आती थी.


हमारे ऑफिस का ऑफिस ब्वॉय हमारे ऑफिस के पीछे ही रहता था. उससे मुझे पता चला कि वो यहीं पास में हिंजेवाड़ी में रहती है और वो बहुत चालू किस्म की औरत है. उसका चक्कर एक गांव वाले लड़के से चल रहा है.


जाहिर सी बात है इतनी सेक्सी औरत का चक्कर तो होगा ही.


मैं भी उसकी ये बात सुन कर अब हर रोज आते ही कोई न कोई बहाना करके ऑफिस के बाहर जानबूझ कर घूमता रहता था. फ़ोन करने के बहाने से या धूप सेंकने के लिए आ जाता और ऐसे उसको ही देखा करता था.


वो अधिकतर अपनी दुकान में बाहर काउंटर पर ही बैठा करती थी. मैं उसे हर रोज देखा करता था.


कभी कभी वो भी जब बाहर देखती, तो हम दोनों की नजरें एक दूसरे से मिल जाती थीं. उससे नजरें मिलते ही मैं कहीं और देखने लगता था.


ऐसा अब लगभग हर रोज होने लगा था. ये सब माधुरी को पता चल गया था कि मैं हर रोज उसे देखता हूँ.


अब वो भी मुझे देख कर सामने से स्माइल दे देती तो मैं भी उसे स्माइल दे देता था. ऐसा अब हर रोज सुबह होने लगा था.


दोस्तो, मैं आपको एक और बात बता देना चाहता हूँ कि माधुरी अपनी एक्टिवा गाड़ी से शॉप आती जाती थी और वो हमेशा टॉप और लेगिंग्स पहनती थी. तो टॉप में से उसकी उभरी हुई गोल गोल चूचियां ऐसे हिलती थीं मानो उसके टॉप के अन्दर दो संतरे थिरक रहे हों.


उसके मम्मे इतने सुडौल और रसीले थे. जब वो एक्टिवा पर बैठती थी, तो उसकी कमर से लेगिंग्स ऐसे दिखती थी मानो उसकी जांघें केले के तने की तरह हों. सच में वो बहुत कातिल माल लगती थी.


उसकी लेगिंग्स में से उसकी पैंटी की किनारियां साफ़ साफ़ दिखती थीं. कई बार मैंने देखा था कि वो जब भी सफ़ेद रंग की लेगिंग्स पहनती थी, तो उसकी चड्डी का रंग भी दिख जाता था और उसकी टाइट मोटी गांड की गोलाई मुझे अन्दर तक हिला देती थी.


जब भी मैं उसे इस तरह से देखता था तो मेरा हाथ खुद ब खुद अपने लंड के ऊपर आ जाता था. माधुरी का शोला बदन और उसकी ऐसी कातिल अदा थी कि देख कर तो किसी बुड्ढे में भी जवानी छा जाए.


उसकी लेगिंग्स उसकी गांड और जांघों से ऐसी चिपक कर टाइट दिखती थी कि जब भी वो अपनी शॉप के सामने कभी झाड़ू लगाने या रंगोली बनाने की लिए झुकती, तो पीछे से ऐसा लगता, जैसे कोई जलपरी अपनी गांड उठाकर दिखा रही हो.


माधुरी गांड की गोलाई इतनी ज्यादा भरी हुई थी मानो उसकी लेगिंग्स में दो गुब्बारे के आकार के पहाड़ हों.


जब भी मैं उसे ऐसी झुकी हुई देखता था तो मेरा मन करता था कि अभी जाकर उसकी लेगिंग्स फाड़ कर उसकी गांड में अपना तना हुआ लंड पेल दूँ.


शायद वो भी इस बात को जानती थी कि जब भी शॉप के बाहर झाड़ू लगाने या रंगोली बनाने के लिए झुकती है, तो आजू-बाजू की दुकान वाले और बहुत सारे लोग उसकी मोटी गांड देख कर अपनी आंखें सेंक रहे हैं.


लेकिन वो भी एक सेक्सी और चालू औरत थी तो वो भी अपनी भरी हुई जवानी का दीदार करवाती और सबके लंड खड़े करवाती.


मैं भी उन काम पिपासु लोगों में शामिल था जो उसकी मटकती गांड का जलवा देख कर अपनी जुबान से और लंड लार टपकाते थे.


लेकिन माधुरी का पहले से कोई चक्कर था, जो वही एक गांव वाला था. वो उसकी जवानी का रस कई बार चख चुका था. ये मुझे मालूम था.


मैं हर बार माधुरी को देख कर सोचता था कि काश मुझे भी इस भरी हुई कमसिन जवानी का रस चखने मिले, तो ज़िन्दगी बन जाए. अब मुझे सोते जागते बस माधुरी का जिस्म दिख रहा था.


मैंने माधुरी के नाम की मुठ मारना भी शुरू कर दी थी. अब तो हर रोज माधुरी को देखता, उसके बदन को वासना से निहारता. उसकी चूचियों और गांड को सोच कर ऑफिस के बाथरूम में जाकर अपने लंड का लावा निकाल कर उसे ठंडा करने लगता.


वो कहते हैं न कि किसी चीज को शिद्दत से चाहो, तो वो तुम्हें जरूर मिलती है.


एक दिन मैं उसे देखने के बहाने ऑफिस के बाहर टहल रहा था. वो थोड़ी देर बाद बाहर आयी और सामने से चल कर मेरे पास आने लगी.


मुझे लगा की शायद वो मुझसे कुछ पूछने आयी हो कि तुम अब हर रोज मुझे घूरने क्यों लगे हो? मैंने झट से अपने सर को नीचे किया और यूं ही टहलने का ड्रामा करने लगा.


वो मेरे पास आयी और उसने कहा- क्या तुम्हारे पास मोबाइल का चार्जर है … मेरे मोबाइल की बैटरी खत्म हो गयी है. मैंने भी फ़ौरन सर उठा कर कहा- ह..हां … हां है … क्यों नहीं, मैं अभी लाकर देता हूँ.


मैं मन ही मन भगवान को शुक्रिया बोल कर बहुत ज्यादा खुश होता हुआ ऑफिस में गया और उधर से अपने बैग से चार्जर लेकर वापस आ गया. माधुरी ऑफिस के गेट पर खड़ी थी और इधर उधर देख कर झूम रही थी. जैसे अक्सर औरतें करती हैं.


वो कमाल की कांटा माल लग रही थी. उसने आज काले रंग की ड्रेस पहनी थी और उसके अन्दर सफ़ेद रंग की ब्रा साफ़ दिख रही थी.


मैं उसके पास गया और उसे चार्जर दे दिया.


उसने मुझे एक प्यारी सी स्माइल दी और कहा कि बाद में दे दूंगी. मैंने कहा- हां कोई बात नहीं, आप अपना मोबाइल पूरा चार्ज कर लेना.


ये कह कर मैंने भी जवाब में उसे प्यारी सी स्माइल दे दी.


उसने चार्जर लेने के लिए अपने हाथ को जैसे ही आगे बढ़ाया, उसकी नाजुक और प्यारी सी उंगलियां जैसे ही मेरे हाथ को टच हुईं, मेरे बदन में मानो आग लग गयी.


फिर वो वापस पलट कर जाने लगी तो मैं उसकी पीछे से उठी हुई गांड को देखता रह गया. वो क्या मटक मटक कर चल रही थी.


दोस्तो, आज पहली बार मैं बहुत खुश था क्योंकि पहली बार में ही मैंने जैसे चाहा था कि मैं उससे बात करूं, ठीक वैसे ही हुआ. उसने मुझसे बात की और मैं उसे छू पाया.


इस ख़ुशी मैं में आपने ऑफिस के काम से फील्ड में निकल गया. फिर सीधा मैं शाम को ऑफिस में रिपोर्टिंग करने जैसे ऑफिस के बाहर अपनी बाइक से उतरा.


मेरी बाइक की आवाज सुन कर माधुरी फ़ौरन अपनी शॉप से बाहर आयी और सीधा मेरी तरफ स्माइल देती हुई आ गयी.


वो बोली- मैं तुम्हें कब से ढूंढ रही थी, कहां थे? मुझे तो तुम्हारा नाम भी नहीं पता. तुम्हारा नाम क्या है? मैंने उसे स्माइल दी और कहा- मेरा नाम आर्यन है.


फिर मैं चाहता था कि वो मुझसे मेरा मोबाइल नंबर मांगे लेकिन उसने सिर्फ मुझे मेरा चार्जर वापस दिया और थैंक्यू बोल कर स्माइल देती वापस अपनी शॉप पर चली गयी.


मैं उसे बस देखता ही रह गया और इस अफ़सोस से सोचता हुआ आगे चला गया कि उसका नंबर नहीं मिला और ना ही और कुछ बात हो पायी.


उस रात मैंने दो बार अपने लंड को शांत किया और अगले दिन की सोच कर मैं सो गया.


अगले दिन कुछ त्यौहार था, तो उस दिन माधुरी साड़ी पहन कर आयी थी. आज तो वो क़यामत ढा रही थी.


उसे देखते ही मेरे लंड ने अपनी पैंट मैं सलामी देना शुरू कर दिया.


आज वो मंदिर जाने वाली थी तो उसने लाल रंग की साड़ी और उसी रंग का मैचिंग ब्लाउज़ पहना था क्योंकि उस दिन वटपूजा थी. वो साड़ी पहन कर मंदिर जा रही थी. उसने चप्पल नहीं पहनी थी.


मैं उसे ऑफिस की कांच की खिड़की देख रहा था. वो अपनी बच्ची को साथ में लेकर मेरे ऑफिस की तरफ शायद मुझे ही ढूंढती हुई जा रही थी.


मेरे ऑफिस का दरवाजा भी कांच का है. उस कांच के दरवाजे से बाहर से अन्दर का नहीं दिखता है लेकिन अन्दर से बाहर का साफ़ साफ़ देखा जा सकता था.


मैं थोड़ा काम में बिजी होने के कारण उस वक़्त बाहर जाकर उसे देख नहीं पा रहा था मतलब उसको स्माइल दे नहीं पा रहा था और न ही उसकी खूबसूरती की तारीफ कर पा रहा था. इस बात का मुझे अफ़सोस था कि साला अभी ही मुझे ये काम आना था. मैं बस खिड़की से ही उसे निहारता रहा.


वो आज एकदम सेक्स की देवी लग रही थी जो लाल रंग की साड़ी पहने अपनी खूबसूरती में चार चांद लगाए बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह लग रही थी.


कुछ मिनट्स में ही वह और दूसरी औरतों के साथ बात करते करते वहां से मंदिर निकल गयी. जाते वक़्त भी मेरी नजरें उसके बदन पर ही थीं क्योंकि आज पहली बार मैंने उसे साड़ी में देखा था.


हर रोज तो वह अपनी दुकान पर टॉप और टाइट लेगिंग्स पहन कर आती थी. आज उसको साड़ी ब्लाउज में देख कर मैं पागल हो गया था. जाते वक़्त मैंने उसका ब्लाउज पीछे से देखा तो वो पीछे जालीदार ब्लाउज और उसमें उसकी ब्रा की डोरी दिखी, तो मेरा तो मुँह खुला का खुला रह गया.


उसकी पीठ इतनी कामुक लग रही थी और उसमें उसकी ब्रा की डोर तो मानो किसी को घायल ही कर दे.


वो सभी दूसरी औरतों के साथ चली गयी. फिर मैं अपने काम में लग गया और कुछ देर बाद मुझे काम की वजह से ऑफिस से बाहर फील्ड पे जाना पड़ा.


फील्ड से मैं सीधा शाम को ही ऑफिस आया और आते ही मैंने माधुरी की दुकान पर नजर डाली. माधुरी काउंटर पर ही बैठी थी और उसने अभी तक साड़ी ही पहनी थी.


मैं ऑफिस में चला गया और कुछ देर बाद ऑफिस के बाहर ऐसे ही टहलने के लिए निकल आया.


अभी मैं टहल ही रहा था कि माधुरी की आवाज आयी- आर्यन कहां थे … तुम सुबह से दिखे ही नहीं. मुझे तुम्हारा चार्जर चाहिए था. मैं कब से तुम्हारी राह देख रही थी. मैंने कहा- काम की वजह से बाहर गया था. अभी लाकर देता हूँ.


मैं ख़ुशी से ऑफिस से अपना चार्जर लेकर आया और मैंने माधुरी से कहा- आज तो आप बहुत ख़ूबसूरत लग रही हो. इससे पहले कभी आपको साड़ी में नहीं देखा. हर रोज तो आपको टॉप लेगिंग्स में ही देखता हूँ. तो माधुरी ने इतरा कर कहा- अच्छा तो तुम मुझे रोज देखते हो!


ये कह कर उसने मुझे एक प्यारी सी स्माइल दी और मेरे हाथ से चार्जर लेकर चली गयी.


मैं ये जानता था कि मैं जो हर रोज माधुरी की गांड को और उसकी चूचियों को घूरता हूँ, ये बात उसे पता है, लेकिन वो जानबूझ कर ऐसा दिखा रही थी कि उसको ये बात पता नहीं थी. जब भी दुकान के बाहर झाड़ू लगाते वक़्त झुकती है, तो मैं उसके टॉप के अन्दर उसकी ब्रा से झलकती हुई चूचियों को देखता हूँ. और जब वो रंगोली बनाते वक़्त नीचे बैठती है, तब मैं उसकी गोल मटोल गांड को घूरता हूँ.


उसके बाद मैं ऑफिस के अन्दर आकर काम करने लगा.


शाम को जब घर जाने के लिए निकला तो मैं ये भूल गया कि मैंने मोबाइल का चार्जर माधुरी को दिया है. मैं ऐसे ही अपने घर चला गया.


रात को भी मेरी आंखों के सामने सेक्सी माधुरी का साड़ी वाला चेहरा सामने आया और मैं अपने बिस्तर पर लेटे लेटे ही अपने लंड को मसलने लगा.


ऐसे ही मैं अपने बिस्तर पर लेटे लेटे माधुरी के कामुक बदन के बारे में सोचने लगा कि साली क्या दिखती है. उसका पति तो जम कर लेता होगा इसकी.


X भाभी साड़ी में तो आज बिल्कुल दुल्हन लग रही थी. उसकी चूचियां 36 साइज की भरी हुई, उसका टाइट ब्लाउज़ और उसकी बगलों में लगा हुआ पसीना. फिर उसकी पीठ पर जालीदार ब्लाउज़ की डोरियां और बीच में उसकी ब्रा की डोर, उसकी लचकती हुई कमर और पीछे से उसकी बड़ी गोलमटोल घुमावदार गांड, पूरा भरा हुआ बदन, गदरायी हुई माल लग रही थी.


माधुरी को साड़ी में सजी संवरी सोच कर बाथरूम जाकर अपने लंड को शांत कर आया. फिर मुझे अच्छी नींद आ गयी.


दोस्तो, मैं अपने खुद के तजुर्बे से बोलता हूँ कि जब भी रात को आप मुठ मारकर या चुदाई करके सोते हो, तो बड़ी चैन की गहरी नींद आती है.


बस मैं ऐसे ही उसी को सोचते सोचते उसको चोदने का ख्वाब मन में लिए कब सो गया, पता ही नहीं चला.


इस X भाभी की हिंदी कहानी के अगले भाग में मैं आपको बताऊंगा कि माधुरी भाभी को मैंने किस तरह से सैट किया और उसकी चुदाई किस तरह से कर पाया. आप मुझे मेल लिखें. [email protected]


X भाभी की हिंदी कहानी का अगला भाग: बुटीक वाली सेक्सी भाभी के जिस्म का मजा- 2


अन्तर्वासना

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ


Download our new App for Desi Sex videos

Chutlunds - Indian Sex Videos APK

(4.0)

Description

Free desi sex videos, desi mms, Indian sex videos, desi porn videos, devar bhabhi ki chudai, aunty ki chudai collection. The FREE Chutlunds app lets you stream your favorite porn videos in the palm of your hand, with no ads. Through its fast and simple navigation, you can enjoy the best Chutlunds videos

What's new

New Features Added:

1. Unlimited 4K, HD Videos Added

2. Download your Favourite Video Offline

3. Fully Optimized App

4. New Download Feature Added

5. Reduced Processor And Ram Usage

HOW TO INSTALL

1. Download the app on your Android

2. Open the file from the notification area or from your download folder

3. Select Install

4. You may have to allow Unknown Sources at Settings > Security Screen