हॉट मामी के जिस्म की वासना- 2

विक्रांत कपूर

14-11-2020

145,169

Xxxx हॉट सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि जब मैंने मामी की चुदाई का मन बना लिया तो मामी की वासना का असली रूप मेरे सामने आया.


नमस्कार दोस्तो, मैं विक्रांत अपनी सेक्स कहानी के दूसरे भाग में फिर से अपनी स्याली मामी के साथ अपने सेक्स सम्बन्धों को लेकर आपसे मुखातिब हूँ.


कहानी के पहले भाग हॉट मामी के जिस्म की वासना- 1 में आपने मामी की तरफ से चुदाई की पहल के बारे में पढ़ा था.


उनकी सच्चाई मेरे सामने आ चुकी थी. अपने कमीने मामा के असली चेहरे से अब मैं वाकिफ हो चुका था.


मैं अस्पताल से घर आते वक्त मेडिकल से दो कंडोम के पैकेट और शिलाजीत की कुछ टेबलेट लेकर आ गया था. घर आकर हम दोनों ने साथ में खाना खाया, मैंने टेबलेट दूध में मिलाकर मामी को दे दिया. वे पूरा दूध पी गईं.


अब आगे Xxxx हॉट सेक्स स्टोरी:


इसके बाद मैं उनके कमरे में ही आ गया और बेड पर बैठ गया.


मामी कमरे में आयी और एसी ऑन करके कम्बल ओढ़ कर लेट गईं.


मैंने उसी कम्बल को अपने ऊपर ले लिया और मामी को अपनी तरफ करके उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.


मामी जी ने मुझे अपनी बांहों में एक बार तो कस लिया … अगले ही पल उन्होंने मुझे छोड़ दिया.


कोई 5 मिनट तक मैंने मामी को किस किया, पर आज मामी ने मेरा साथ नहीं दिया.


मैंने उनसे कल के लिए माफी मांगी. पता नहीं कैसे, पर उस टाइम मेरी आंखों में पानी आ गया.


मामी ने मुझे देखा और उसी समय झट से अपने सीने से लगा कर रोने लगीं.


अब मैं आपको अपनी स्याली मामी के बारे में बता देता हूँ. मामी का नाम और उनकी उम्र तो आपको मालूम ही है.


मामी की 39 साल की उम्र के बावजूद भी उनका कसा हुआ बदन काफी सेक्सी था. मामी जी ने अपने आपको बड़े अच्छे से मेंटेन कर रखा था.


जब भी वो अपने बाल खुले रखती थीं, तो सच में कयामत ढाती थीं.


उनकी 36 इंच की तनी हुई चूचियां किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने में सक्षम थीं. नीचे 32 इंच की कमर और 36 इंच की गांड हर किसी को उनकी ओर देखने पर मजबूर कर देती थी.


एक बात यह भी सच थी कि मामा के बाद मैं ही ऐसा बंदा था, जिसे मामी ने अपने इतने करीब आने दिया.


मामी की आंखों से बहते आंसू देख कर मुझे उन पर प्यार आने लगा और मैंने उनके आंसू पौंछे. मैंने कहा- मत रो मामी, आज से मैं आपको हर वो सुख दूंगा … जो आपको सही मायने में अब तक मिला ही नहीं.


मामी ने मुझे अपने सीने में दबा लिया और मेरे सीने को चूमने लगी.


मैंने उनकी मदमस्त चूचियों की गर्मी को महसूस किया और उन्हें अपने सीने से चिपकाए हुए ही उनके बालों को खोल दिया.


उन्होंने मेरी तरफ देखा और पूछा- बाल क्यों खोले? मैंने कहा- आप खुले बालों में और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हो.


मामी हंस दीं और उन्होंने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया.


अब वो मेरे शरीर के हर एक अंग को चूम रही थी.


उनके चूमने का वो अहसास सच में अजीब था. मैं अपने आपको कहीं खोता जा रहा था.


मामी के बालों को एक तरफ करके मैंने उनके एक कान की लौ को चूम रहा था. वो मेरी इस हरकत से एकदम से गरमा गईं.


मामी- अब देर न कर विकी.


ये सुनकर मैंने उनकी नाइटी उतार दी. अन्दर उन्होंने ब्लू कलर की ब्रा पैंटी पहनी थी.


मामी की ब्रा को उतार कर मैंने उनके एक चुचे को चूसने लगा. उनकी एक चुची पर काला तिल था जो बड़ा मस्त लग रहा था.


मैं उनकी खूबसूरती का दीवाना बन गया था. मामी भी मेरे सर पर हाथ फेर कर मुझे अपना निप्पल चुसवा रही थीं.


मैं उनके दूध को चूसते हुए सोच रहा था कि इस एरिया के बच्चे बूढ़े जिस औरत से बात करने से तरसते थे, उसी औरत की जवानी की आग में आज मैं जल रहा हूँ.


पन्द्रह मिनट तक उनके दोनों चुचों को बारी बारी से चूस कर मैंने लाल कर दिए थे.


उन्होंने मेरी शॉर्ट उतारी, तो मैंने उनकी पैंटी निकाल दी. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.


मामी ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और नीचे को होने लगीं. शायद वो मेरे लंड को चूमना चाहती थीं.


मैंने खुद को उठाते हुए 69 की पोजिशन में कर लिया. मैंने मामी के दोनों पैरों के बीच अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया. अब सैलून में चलनी वाली कैंची की तरह मेरी जुबान मामी की चुत में चल रही थी. मामी भी मेरे लंड को केला समझ कर चूस रही थीं.


हम दोनों को मानो जीते जी जन्नत नसीब हो गई थी.


कुछ मिनट के इस चुसाई के खेल में हम दोनों ने अपना अपना पानी एक दूसरे के मुँह में भर दिया था और अलग हो गए थे.


मामी मुँह में मेरे वीर्य को भरे हुए थीं. वो उठ कर बाथरूम की तरफ जाने लगीं, मैंने फ़ौरन उनका हाथ पकड़ कर उनके होंठों से अपने होंठों को चिपका दिया.


मैं अपने वीर्य को ही उनके मुँह में पी जाने के लिए कोशिश करने लगा. मामी जी को मजबूरन मेरे लंड रस को पीना पडा. जब तक आखिरी बूंद गटक नहीं ली गई, तब तक मैं अलग नहीं हुआ.


उन्होंने मुझे धकेल कर बेड पर गिरा दिया- ऐसा कोई करता है भला? मैं हंस दिया- मामी आपको अच्छा नहीं लगा क्या! मामी- हम्म … अच्छा तो था. मैं- सिर्फ अच्छा!


मामी ने उठ कर सिगरेट निकाली और जलाते हुए कश खींचा और बोलीं- सच कहूँ विकी, किशोर के साथ इतने साल तक न जाने मैं क्या कर रही थी. तुम हमेशा मेरा साथ देना … वरना मैं मर जाऊंगी. मैं- मैं हर वक्त आपकी खुशी का ख्याल रखूँगा.


मामी ने सिगरेट मेरी तरफ बढ़ा दी. मैंने कश लेना शुरू कर दिए.


हम दोनों प्यार की बातें करने लगे थे. मामी का हाथ फिर से मेरे लंड को सहलाने लगा था. शिलाजीत का असर काम कर रहा था तो जल्दी ही लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दी.


कुछ देर बाद मेरे लंड ने फिर से खड़ा होना शुरू कर दिया था.


लंड को खड़े होते देख कर मामी ने मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी चुत पर लंड टिका लिया- विकी अब रुका नहीं जा रहा … प्लीज डाल दे अन्दर.


मैंने मामी के बाल पकड़ कर एक जोरदार किस किया और एक तेज धक्का लगाकर लंड चुत के अन्दर पेल दिया.


इस पोजीशन में लंड आधा ही अन्दर गया था कि मामी दर्द के मारे तिलमिला उठीं. एक मिनट रुक कर मैंने गांड उठाते हुए लंड चुत के और अन्दर पेल दिया. इस बार पूरा लौड़ा अन्दर घुस गया था.


मामी की आंख में आंसू आ गए थे. मैं रुक गया.


मामी ने कहा- आह रुक मत विकी … आज मैं बहुत खुश हूं. तुम रुकना मत और जोर से चोदो … और जोर से आह. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.


मामी के मस्त दूध हवा में उछल रहे थे. मैंने उन्हें इशारा किया तो वो मेरे सीने पर झुक गईं.


मैंने उनके निप्पल को अपने मुँह में लेने की कोशिश की. तो मामी ने अपने हाथ से मुझे निप्पल चुसवाना शुरू कर दिया.


इस समय मामी मेरे लंड पर थम गई थीं और मैं नीचे से उनकी चुत में लंड चला रहा था.


मामी बोलीं- आह मेरा बेबी भूखा है … ऊ ले ऊ ले … पी ले बुब्बू पी ले … आ ह!


मैंने उनके निप्पल को दांत से दबा कर काटा तो मामी सिसिया उठीं.


मामी- लगती है बेबी … काटो मत चूसो न बस.


दोस्तो, ये आप भी फील करो कि मेरे हर धक्के के साथ मेरी मामी ‘आह आह ओह आह ..’ कर रही थीं. मैं उनके एक दूध को चूस रहा था और दूसरे को मसल रहा था.


मामी की चुदास लगातार बढ़ती ही जा रही थी. उनकी चुत से रिश्ता पानी लंड को मस्ती से सटासट आगे पीछे करे जा रहा था.


दोस्तो, ये चुदाई का एक अलग ही मजा है … आप भी कभी ट्राय करके देखना.


मामी का मुँह, बाल, शरीर का हर एक अंग पसीने से भीग गया था. और मैं उनके दूध चूस रहा था.


कोई दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद मामी ने शायद अपना रस छोड़ दिया था.


उन्होंने नीचे आने की मंशा जताई, तो मैंने उन्हें अपने नीचे ले लिया.


कुछ देर तक मस्त चुदाई होती रही. मामी फिर से साथ देने लगी थीं.


करीब दस मिनट और चोदने के बाद मैंने मामी से कहा- मेरा होने वाला है! मामी ने कहा- अन्दर ही कर दे … कोई बात नहीं. मैं इस आग में और नहीं जलना चाहती हूँ. विकी एक भी बूंद बाहर मत आने देना. मैं- जी मामी.


कोई 5 मिनट बाद मैं और मामी एक साथ झड़ गए. झड़ने के बाद कुछ मिनट तक किस करके मैं मामी के साथ लेटा रहा.


उसके बाद हम दोनों अलग हुए, तो मैंने कहा- मामी, बड़ी प्यास लग रही है. मामी ने मुझसे पूछा- अब किस चीज की प्यास है बेबी!


मैंने मजाक में कहा- एकाध पैग मिल जाता. मामी ने कहा- मिल जाएगा.


मैं हैरान था.


मामी नंगी ही उठ कर अलमारी के पास गईं और व्हिस्की की बोतल निकाल कर ले आईं.


वे बोलीं- मैं गिलास लाती हूँ.


वो एक मिनट में ही गिलास और कुछ सूखे मेवे ले आईं.


हम दोनों ने एक ही गिलास से व्हिस्की का मजा लिया.


हमारे जिस्म अब फिर से जलने लगे थे. जल्दी ही हम दोनों फिर से चुदाई में लग गए.


उस रात हमने 3 बार सेक्स किया.


सुबह मैं उठा, तो मामी ने खाना बना लिया था. उन्होंने इस समय सिर्फ ब्रा पहनी थी. मैंने पीछे से उन्हें हग किया और उनकी गर्दन पर किस किया.


मामी ने बोला- उन्ह बेबी … अभी नहीं, जाने में देरी हो जाएगी. उनकी बात को समझ कर मैंने कहा- अच्छा चलो साथ में शॉवर लेते हैं. मामी हंस दीं.


बाथरूम में अन्दर जाते ही लंड एकदम फुल साइज में आ गया था.


मैंने कहा- जान अब और बर्दाश्त नहीं होता … सिर्फ एक बार ले लेने दो. मामी मुझे चूमते हुए बोलीं- ओके बेबी, पर सिर्फ एक बार.


मैंने फ़ौरन उनकी एक टांग अपने कंधे पर रख कर शॉवर शुरू कर दिया. ऊपर से गिरती बूंदों के बीच मेरे लंड ने मामी की चुत की दमदार चुदाई की.


दस मिनट तक चुदाई चलती रही. मामी ने मेरी पीठ पर अपने नाखूनों से बड़े वार किए, पर फिर भी मुझे अच्छा लगा.


हम दोनों चुदाई के बाद अलग हुए और शॉवर बंद किया तो बाहर फोन की घंटी बज रही थी.


मैं बाहर आ गया- विनी का कॉल आ रहा है मामी, हां विनी बोल ना!


ये कहते हुए मैं फिर से मामी के पास आ गया और वो मेरे लंड को चूसने लगीं.


विनी- कितनी देर है भाई! मैं- बस अभी निकल ही रहे हैं. मामी खाना पैक कर रही हैं.


मगर सच कहूं तो वो अपने मुँह से मेरे लंड को साफ कर रही थीं.


विनी- अच्छा ठीक है.


इधर मैंने लंड साफ़ करवा के मामी के मुँह से निकाल लिया.


मैं- स्यू अब छोड़ भी दे यार!


मामी- क्यों हटा लिया तुमने … और स्यू? मैं- क्यों स्यू कहना अच्छा नहीं लगा! मामी- नहीं बहुत अच्छा लगा, अबसे तुम मुझे स्यू ही कहना बेबी.


मैंने स्माइल की और हम दोनों बाहर आ गए.


फिर तैयार हम दोनों होकर हॉस्पिटल आ गए. नीचे पार्किंग में दो मिनट रुक कर हमने किस की और ऊपर आ गए.


दोस्तो, लंड के इस कामुक सफर में हम मिलते रहेंगे, आपको यह Xxxx हॉट सेक्स स्टोरी कैसी लगी. आप मेल करके जरूर बताना. मेल आईडी है [email protected]


Xxxx हॉट सेक्स स्टोरी का अगला भागजारी है.


अन्तर्वासना

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ