लॉकडाउन में पड़ोस की लड़की चोदी

पीयूष शर्मा

22-02-2022

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यंग वर्जिन गर्ल सेक्स कहानी मेरे पड़ोसी की छोटी बेटी की पहली चुदाई की है. उसकी बड़ी बहन पहले ही मुझसे चुद चुकी थी. ये सब कैसे हुआ?


दोस्तो, इस यंग वर्जिन गर्ल सेक्स कहानी का पूरा मजा लेने के लिए आपको पहला भाग लॉकडाउन बिताया पड़ोसी की बेटियों के साथ पढ़ना होगा जिसमें मैंने आपको बताया था कि मैंने कैसे प्रियंका को चोदा था.


अब मैं इस भाग में आपको बताऊंगा कि कैसे मैं और स्वाति पास आए और हम दोनों ने जम कर मजे लिए.


दोस्तो, प्रियंका को चोदने के बाद मैं स्वाति को चोदना चाहता था. स्वाति भी मुझसे चुदना चाहती थी.


मैं और स्वाति साथ में बैठ कर पढ़ाई करते थे और एक दूसरे से छेड़ा-छाड़ी भी करते रहते थे.


जब प्रियंका हमारे आस पास नहीं होती तो हम दोनों एक दूसरे से बहुत मस्ती करते थे. उसे भी मजा आता … और मुझे भी उसे छेड़ने में बहुत मजा आता था.


उसका बदन भी अच्छा था. उसकी गांड थोड़ी छोटी थी और मम्मे भी छोटे-छोटे थे लेकिन तब भी वह एक अच्छा माल थी और वह मुझसे चुदना भी चाहती थी.


मैं भी किसी अच्छे मौके की तलाश में था.


मैंने सोचा कि कैसे इसको चोदा जाए. तब मुझे एक विचार आया कि मैं स्वाति को बाथरूम में चोद सकता हूं और मैंने ऐसे ही किया.


मैंने स्वाति से कहा- हम दोनों बाथरूम में मजा ले सकते हैं. तो वो बोली- नहीं यार, उसमें खतरा है. कहीं प्रियंका को मालूम चल गया तो सब गड़बड़ हो जाएगी.


स्वाति पहले तो मान ही नहीं रही थी मगर मैंने उसे समझाया तो वो डरती हुई मान गई.


अगले दिन जब प्रियंका नहा धोकर आ गई और वह अपना काम करने लगी, तब स्वाति नहाने के लिए बाथरूम में गई.


मैं भी चुपके से बाथरूम में घुस गया और पीछे से स्वाति को पकड़ लिया.


स्वाति भी चुदने के लिए तैयार थी तो उसने कुछ मना नहीं किया. वह मुझसे लिपट गई और हम दोनों के होंठ मिल गए.


अब मैं उसके गुलाबी होंठों को चूस रहा था और वह भी बड़े आराम से मेरे होंठों को चूस रही थी. कभी उसकी जीभ मेरे मुँह में होती तो कभी मेरी जीभ उसके मुँह में होती. हम दोनों खूब मजे ले रहे थे.


फिर मैंने उसको गोदी में उठाया और दीवार से टिका दिया और मैं उसकी गर्दन पर चुंबन करते हुए उसके मम्मों को दबा रहा था. बहुत मजा आ रहा था उसके छोटे-छोटे संतरे जैसे मम्मों मजा दे रहे थे. मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके मम्मों को मसलने लगा.


वो आंह आंह करती हुई बोली- इन्हें चूस लो मेरी जान … बहुत इच्छा होती है कि तुम मेरी चूचियों को चूसो.


मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में ले लिया, वो सिसकारियां भर रही थी. मैं उसकी चूची के निप्पल को खींच खींच कर चूस रहा था और वो भी बदल बदल अपनी दोनों चुचियों को मेरे मुँह में देकर चुसवा रही थी.


थोड़ी देर तक उसके मम्मों को चूसने के बाद स्वाति ने मेरा पैंट खोल दिया और मेरे अंडरवियर से मेरा लंड निकाला.


मेरा लंड तना हुआ था. वह 7 इंच का मेरा लंड देखकर दंग रह गई. उसे अच्छा लगा तो उसने हाथ से सहलाया और फिर मुँह में लेकर लॉलीपॉप जैसे चूसने लगी.


मुझे भी लंड चुसवाने में मजा आ रहा था. मैं अपने लंड के झटके उसके मुँह में दे रहा था.


वो मेरे लंड को अपने गले तक लेकर चूस रही थी और मेरी गोटियों को सहला रही थी.


थोड़ी देर लंड चुसवाने पर मेरा लंड गर्म लोहे की तरह लाल हो गया तो मैंने स्वाति से मना किया कि अब बस कर मेरी जान मेरे लंड से रस बह जाएगा. वो बोली- मुझे मजा आ रहा है … मुझे लंड चूसने दो न!


मैंने उसकी बात मान ली और वहीं स्वाति को 69 में नीचे फर्श पर लिटा दिया. मैं उसके मुँह में लंड देकर उसकी चुत को चाटने लगा. वह भी तड़प रही थी.


उसकी गुलाबी चुत, उस पर भूरे भूरे बाल मेरी जीभ में लग रहे थे. इसलिए मुझे चुत चूसने में ज्यादा मजा नहीं आ रहा था. उसकी चुत पर बाल मेरे मुँह में आ रहे थे.


थोड़ी देर चुत चाटने के बाद मैंने उससे कहा- अब बस चुत में लंड पेलने दो.


वो चुत खोल कर लेट गई और अपनी टांगें हवा में उठा दीं.


मैंने अपने लंड को उसकी चुत पर टिकाया और धक्का दे दिया. मैं पहले प्रियंका को चोद चुका था तो मुझे चुत गांड चोदने का अनुभव हो गया था. इसलिए मैंने पहले झटके में अपना टोपा स्वाति की चुत में उतार दिया.


स्वाति जोर से कराही … तो मैं समझ गया कि उसे दर्द हुआ होगा.


मैंने कहा- साली चिल्ला मत … वर्ना आवाज बाहर चली जाएगी और प्रियंका आ जाएगी. वो बोली- मुझे दर्द हो रहा है यार … तुम धीरे धीरे पेलो न!


मैंने उससे कहा- थोड़ा दर्द तो तुझे सहन करना ही पड़ेगा. पहली बार में चुत में लंड जाता है तो दर्द होता ही है. वो बोली- हां मुझे मालूम है मगर मैं क्या करूं … मेरी चुत में तुम्हारा मोटा लंड मुझे दर्द दे रहा है.


तो मैंने हंस कर कहा- तो क्या लंड घिस कर पतला कर लूं? वो हंस दी और कहने लगी- कुछ भी करो यार … मगर मुझे आज चुत चुदवाने का मजा लेना है.


मैंने कहा- हां मेरी जान. मुझे भी तुम्हारी चुत चुदाई का मजा लेना है. वो बोली- तुम एक काम करो … लंड पर शैम्पू लगा लो, फिर करो.


मैंने कहा- मेरे लंड में दिक्कत नहीं है … तेरी चुत संकरी है. वो मुस्कुरा कर बोली- तो मेरी चुत में शैम्पू लगा दो न … चुत चिकनी हो जाएगी, फिर पेल लेना.


उसकी ये बात मेरी समझ में आ गई. मैंने शैम्पू लिया और उसकी चुत की दरार में टपका दिया.


पहले उसने खुद से अपनी चुत रगड़ी, फिर मुझसे बोली- अब तुम इसमें उंगली करो.


मैंने अपनी तर्जनी उंगली उसकी चुत में घुसा दी तो शैम्पू की चिकनाई से मेरी एक उंगली सट से अन्दर घुस गई. उसे मजा आ गया और वो गांड हिलाती हुई अपनी चुत आगे पीछे करने लगी.


मैंने कुछ देर बाद अपनी दो उंगलियां उसकी चुत में पेल दीं. वो जरा सी चिहुंकी मगर शैम्पू की चिकनाहट के कारण उसने मेरी दोनों उंगलियों को अपनी चुत में झेल लिया.


मैंने देखा कि उसके दांत भिंचे हुए थे और आंखें बंद थीं. मैंने पूछा- क्या हुआ … ऐसे क्यों हो रही हो?


उसने बिना कुछ बोले सर हिलाया और आंख खोल कर इशारा किया- करते रहो, दर्द हो रहा है लेकिन मजा भी आ रहा है.


मैंने उसकी बात समझ ली और उसके ऊपर झुक कर उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया. इससे उसे मजा आने लगा और चुत का दर्द भी कम होने लगा. उसे अपनी चुत रगड़वाने में मजा लगा.


मैंने उससे कहा- अब ज्यादा देर करने का समय नहीं है. यदि प्रियंका को संदेह हो गया तो हम दोनों प्यासे रह जाएंगे. स्वाति ने कहा- अभी कुछ देर और उंगली से ही करो … मैं तुम्हारा लंड झेलने लायक हो जाऊं, तब लंड पेलना.


मैंने कहा- ठीक है. फिर मैंने एक दो मिनट स्वाति की चुत में उंगली से चुदाई की तो उसका रस निकलने लगा.


अब मैंने उसे सीधी टांगें फैला कर लेटने के लिए कहा. वो अपनी चुत खोल कर पसर गई.


मैंने उसकी चुत पर अपना लंड रखा और चुत के दाने को लंड के सुपारे से घिसना चालू कर दिया.


लंड के स्पर्श से स्वाति की गांड ऊपर उठने लगी थी और वो लंड लेने के लिए कामातुर दिखने लगी थी.


मैंने उसकी आंखों में देखा तो वो आंखों से ही इशारा करके लंड पेलने की कहने लगी.


उसकी चुत की फांकों को मैंने लंड के सुपारे से ही खोला और सुपारा चुत में फंसा दिया.


तो उसकी मुट्ठियां फिर भिंचने लगी थीं. वो अपने हाथों से मेरे पेट को पीछे दबा रही थी मगर मैंने पीछे हटना उचित नहीं समझा और उसके ऊपर झुक कर उसके मम्मों को बारी बारी से चूसा.


इससे एक बार फिर से उसकी लंड लेने की जाग गई और उसने अपना हाथ मेरे पेट से हटा दिया. नीचे से उसकी कमर हिलने लगी तो मैंने लंड पर दवाब बढ़ा दिया और एक इंच लंड चुत में ठेल दिया.


उसकी कसमसाहट बढ़ने लगी थी और वो मुझे एक बार फिर से हटाने की कोशिश करने लगी थी. मगर मैं इस बार रुकने के मूड में नहीं था.


मैंने एक हाथ से शैम्पू की शीशी से शैम्पू लिया और उसकी चुत में मल दिया. चुत में चिकनाहट हो गई थी तो वो जरा सी मचली. उसी वक्त मैंने लंड को और अन्दर पेल दिया.


अब लंड चुत में करीब तीन इंच घुस गया था. स्वाति की आंह आंह निकलने जैसी स्थिति हो रही थी मगर उसके मुँह पर मेरे होंठों का ढक्कन लगा हुआ था तो वो आवाज नहीं निकाल सकी.


उसके मुँह से धीरे-धीरे आवाज निकल रही थी- आह आ आ ऊ आह नहीं … आह मैं मर गई आह उह … थोड़ा धीरे धीरे करो!


इधर मेरे लंड का हाल भी बुरा हो रहा था तो मैंने जरा सा लंड बाहर निकाला और पूरी ताकत से लंड चुत में घुसेड़ दिया.


वो एकदम से तड़फ उठी और उसने मेरे होंठों को काट लिया. मगर मैं भी समझ रहा था कि यदि होंठ हटाए तो रायता फ़ैल जाएगा.


वो आंखों से मुझे धीरे धीरे चोदने की बात का इशारा करने लगी.


मैं भी फिर उसकी बात मानकर धीरे-धीरे चुदाई करने लगा.


कुछ ही देर में हम दोनों को मजा आने लगा. उसकी चुत पहली बार मारी जा रही थी इसलिए उसे दर्द के साथ मजा भी आया.


मैं लंड पेल कर कुछ पल रुक गया और उसके होंठों से होंठ हटा लिए. वो लम्बी लम्बी सांसें लेती हुई मुझे देखने लगी.


मैं उसके एक मम्मे को अपने मुँह में भर कर खींचते हुए चूसने लगा. उससे उसके दर्द का स्थान बदल गया.


अब वो यंग वर्जिन गर्ल सेक्स का पूरा मजा ले रही थी. मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.


स्वाति गजब की लड़की थी. उसकी चुत, उसके दूध, उसकी गर्दन, नाभि सारे अंग ऐसे सेक्सी थे जैसे कि वो एक मक्खन माल हो.


मैं धकापेल स्वाति को चोदने लगा. कुछ ही देर में स्वाति झड़ने लगी और उसकी चुत ने रस छोड़ दिया.


अब चुत में चिकनाहट आ गई थी तो मेरे लंड ने भी रफ्तार पकड़ की.


कुछ ही समय में हम दोनों स्खलित ही गए. मैंने अपने लंड का माल उसके पेट पर निकाल दिया था.


चुदाई के बाद नहाना हुआ और मैं दरवाजा खोल कर बाहर निकल आया.


कुछ देर बाद स्वाति भी लंगड़ाती हुई बाहर आ गई. उसकी चाल देख कर प्रियंका को कुछ शक हो गया था.


उसने शाम को अकेले में मुझसे पूछा- क्या तुमने स्वाति को भी निपटा दिया है? मैंने हामी भर दी और आंख दबा दी.


प्रियंका ने मुझे देखा और एकदम से बोली- तो अब एक साथ चुदाई करने का प्लान बना लो.


मैंने खुश होकर उसे अपनी बांहों में भर लिया. उसी समय मैंने स्वाति को आवाज दे दी.


स्वाति बाहर आ गई और उसने हम दोनों को चिपके हुए देखा तो वो वापस जाने लगी. लेकिन प्रियंका ने उसे बुलाया और हम तीनों चिपक कर चूमाचाटी करने लगे.


दोस्तो, जहां प्रियंका की चूचियां पपीते जैसी थीं, वहीं स्वाति के दूध संतरे जैसे. लेकिन दोनों ही बहनें माल थीं. दोनों का गठीला बदन किसी को भी पागल कर सकता है.


ऐसा ही मेरे साथ हुआ. मैं भी उनके बदन का प्यासा था.


कुछ ही समय में ऐसा माहौल बन गया कि वो दोनों ही मेरे लंड की प्यासी हो गई थीं और एक साथ मेरे साथ चुदने के लिए बिस्तर पर आ गईं.


चूंकि उन दोनों पर भी कामुकता सवार थी इसलिए जब उन लोगों ने भी मेरा साथ दिया. हम तीनों को ही मजा आने लगा था.


प्रियंका, स्वाति और मैंने मिलकर आपस में चुदाई की और अपने लॉकडाउन को सबसे अच्छा बनाया.


आप बताइए आपको मेरी यंग वर्जिन गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी? धन्यवाद. [email protected]


अन्तर्वासना

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