मेरी गर्लफ्रेंड की मां की चुदाई

राज सारथी

01-04-2024

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गर्ल फ्रेंड मॅाम हॉट कहानी में मैंने पड़ोस की कमसिन लड़की पटा रखी थी. मैंने उसे नंगी किताबें देता था. एक दिन उसकी माँ को पता चल गया. उसने मुझे अपने पास बुलाया.


मेरे प्रिय दोस्तो, मेरा नाम राज है.


मैं यहां पर एक सच्ची सेक्स कहानी लिख रहा हूँ.


मैंने अपनी जीएफ स्मिता की मां की गांड मारी थी.


वह सब किस तरह से हुआ था, इसी को गर्ल फ्रेंड मॅाम हॉट कहानी में आज लिख कर बता रहा हूँ.


मेरी दोस्त की मां का नाम मंजू था. उनकी उम्र 42 साल की थी, जब मैंने उनके साथ सेक्स किया था.


उस वक्त मंजू आंटी का फिगर 38-30-40 का और उनके चार बच्चे थे. मैं जब भी उनको देखता था, उन्हें चोदने का मन करता था.


उनकी बड़ी बेटी को मैं प्यार करता था.


दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि मैं उनकी बेटी के बैग में नंगी चुदाई की फोटोज रखता, जो उसकी मां ने देख लिया था.


जब उन्होंने यह अपनी बेटी से पूछा कि ये किसने रखी हैं? तो उसने डर के मारे मेरा नाम बता दिया.


उसके अगले ही दिन मैं जब अपनी जीएफ स्मिता के घर गया तो वह घर पर नहीं थी. तभी उसकी मां ने मुझे बुलाया कि तुम जरा इधर आना.


मुझे लगा कि आंटी को मुझसे कोई काम होगा. तो मैं उनके साथ चला गया.


वे मुझे अपने बेडरूम में ले गईं और उन्होंने मुझे बेड पर बैठने के लिए कहा. मैं बैठ गया.


अब उन्होंने मुझसे किताब दिखाते हुए पूछा- ये किताब तुमने मेरी बेटी के बैग में क्यों रखी? सच सच बताओ … वर्ना मैं सबको बोल दूँगी! यह सुनकर पहले तो मेरी गांड फट गई कि साला यह क्या बवाल हो गया.


फिर मैंने हिम्मत जुटा कर उनको सब बता दिया और माफी मांगने लगा. वे झुक कर मेरे सामने मेरे मुँह के करीब हो गई थीं.


मैं समझ नहीं पा रहा था कि आंटी अब क्या करने वाली हैं.


उसी समय मुझे उनके मम्मों की झांकी देखने को मिल गई और अचानक से मुझे लगने लगा कि हो न हो आज आंटी रंगीन हो रही हैं.


अब मेरा लंड कड़क होने लगा था.


उस वक्त मंजू आंटी ने एक गहरे गले वाला गाउन पहना था. उनके गहरे गले से उनकी दोनों चूचियां लटकती हुई दिख रही थीं. उससे साफ समझ आ रहा था कि आंटी ने ब्रा नहीं पहनी हुई है. उनके गाउन से चूचियों के निप्पल भी दिख रहे थे.


मैंने ध्यान से देखा तो आंटी की चड्डी के न पहने होने के आसार भी समझ आ रहे थे.


अब उनकी गर्म सांसें मुझे मेरे चेहरे पर पड़ने लगी थीं, जिस वजह से मेरे लंड में कुछ ज्यादा तनाव आने लगा था.


तभी आंटी की नज़र मेरे फूलते हुए पैंट पर पड़ी, तो उन्होंने हल्की सी मुस्कान बिखेरी और पलट कर दरवाज़ा बंद करने चली गईं.


उनकी इस हरकत से मैं समझ गया कि आंटी का मूड आज लंड चट कर जाने का है. इतने में वे वापस आईं और बेड पर बैठने लगीं.


मैंने उनसे पूछा- आपने दरवाज़ा क्यों बंद किया? उन्होंने अपने हाथ को अपने होंठों पर रखा और एक फ्लाइंग किस करते हुए मुझे देखा.


फिर आंटी बोलीं- मेरी बेटी से अगर प्यार करना है, तो तुझे पहले मुझे खुश करना होगा. मैंने कहा- कैसे?


वे बोलीं- जैसी वाली फोटो तुमने उसके बैग में रखी थी, वैसे! … वर्ना मेरा मूड खराब हो जाएगा. मैं समझ गया कि मंजू आंटी को आज और अभी ही मेरा लंबा लंड चाहिए.


मैंने अपने लंड पर हाथ फेर कर कहा- आंटी, एक बार सामान देख लेतीं तो शायद आपका मूड एकदम सही से भी सही हो जाए! उन्होंने हंस कर मुझे देखा और मेरे लौड़े पर हाथ फेर कर पैंट उतारने को कहा.


मैंने कहा- यह शुभ काम आप अपने हाथ से ही करें आंटी! अब जैसे ही आंटी ने मेरा पैंट उतारा, मेरा लंड पूरा खड़ा था.


कड़क मोटा लंड देख कर आंटी एकदम से खुश हो गईं और बोलीं- वाह … मेरी बेटी का भाग्य तेरे इस लंबे मोटे लंड से बंधा है! मैंने कहा- अरे आंटी, आप भी अपना भाग्य अपने दामाद के लौड़े से बांध लीजिए न!


आंटी ने हंस कर अपने एक हाथ से मेरे मूसल को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसे नापती हुई बोलीं- काफी बड़ा है, क्या साइज़ है तेरा? मैंने कहा- आपकी टांगों के बीच में नेचुरल इंची टेप लगा है. इसे उस छेद में अन्दर लोगी तो सब जान लोगी.


आंटी ने कहा- साले, तू बातें तो बड़ी रसीली करता है, पर तेरा लौड़ा काम का भी या नहीं?


मैंने उनको अपनी तरफ खींचा और उनके होंठों पर एक लिपकिस कर दिया. उन्होंने भी मेरे होंठों पर चूमना चालू कर दिया.


वे मादक आहें और कराहें निकालने लगी थीं.


कुछ देर बाद आंटी ने कहा- आज बड़ी मुश्किल से बच्चों को उनकी मौसी के घर भेजा है. अब तू देर न कर और मेरी आग बुझा दे.


मैंने यह सुनते ही आंटी के गाउन को ऊपर उठा कर उन्हें नंगी कर दिया. उनकी मदमस्त चूचियां और गांड के दोनों तरबूज देख कर ही मेरा लंड गर्म हो गया.


वे मुझे अपने दूध पिलाने लगीं.


जल्दी ही मैंने आंटी को घोड़ी बना दिया और पीछे से उनकी गांड से लेकर चूत में अपनी जीभ को काम पर लगा दिया.


आंटी की कामुक आवाजें निकलने लगीं और वे अपनी गांड हिलाती हुई मुझसे अपनी चूत गांड चटवाने लगीं.


करीब दस मिनट तक मैंने आंटी को चाट चाट कर उनकी चूत को झाड़ दिया.


चूत से रस टपकना शुरू हो गया था और वे बिस्तर पर हाथ पैर रख कर घोड़ी बनी हुई थीं.


मैंने अपनी जीभ से उनकी चूत से टपकता रस लेकर उनकी गांड पर मल देता. इस तरह से आंटी की चूत कुछ ही देर में वापस चुदासी हो गई थी.


मैंने देखा कि वे पूरी मस्त होकर मेरे चाटने के कार्यक्रम का मज़ा ले रही थीं और मेरे मुँह को बार बार अपनी टांगों में दबा रही थीं.


तभी अचानक से उन्होंने मुझसे पूछा- क्यों बेटा कभी मेरी बेटी के साथ भी ऐसा किया है? मैंने मना कर दिया.


वे बोलीं- सच बता न … अब तो हम तुम खुल्ला हो गए! मैंने कहा- आंटी भरोसा भी किया करो यार … आप मेरे लिए पहली माल हो!


वे हंस दीं और बोलीं- सच में मैं तेरे लिए पहली माल हूँ? मैंने कहा- हां.


कुछ देर बाद आंटी बोलीं- चल अब सीधा हो जा. मुझे तेरी गाजर खानी है.


मैंने हंस कर कहा- गाजर खा लोगी, तो अपनी चूत का इलाज किस चीज से करवाओगी? वे बोलीं- अरे खाने से मेरा मतलब चूसना है चूतिए!


मैंने कहा- ओके अपन दोनों 69 में करते हैं.


अब वे मेरे लंड को चूस रही थीं और मेरे टट्टे चाट रही थीं, उन्हें हाथ से सहला रही थीं.


मुझे बड़ा मजा आ रहा था.


कुछ देर बाद आंटी बोलीं- अब बस … अब लंड को नीचे लेने का मन कर रहा है. मैंने उनकी चूत को चाट कर चिकना कर दिया था.


अब मैं सीधा हुआ और आंटी की गांड पर अपना लौड़ा घिसने लगा. वे गांड हिला कर कहने लगीं कि अरे इस छेद में बाद में कर लेना … पहले चूत का इलाज करो.


मैंने उनकी एक न सुनी और थूक लगा कर लंड सैट कर दिया. फिर उनकी कमर पकड़ कर एक ज़ोर का झटका दे दिया.


आंटी ने अपनी गांड पहले कभी मराई नहीं थी शायद … और यदि मराई भी होगी तो वे मेरे जितने बड़े लंड से नहीं चुदी होंगी.


मेरे झटके से मेरा लंड आंटी की गांड में घुसता चला गया और उसने आंटी की गांड फाड़ दी.


आंटी चिल्ला कर आगे को हुईं और लंड की पकड़ से छूट गईं.


वे अपनी गांड के छेद पर हाथ रख कर कराहने लगीं- आह साले मर गई … तूने मेरी कुंवारी गांड की सील तोड़ दी. पहले बताना था ना कि गांड मारेगा! मैंने बिना कुछ कहे अपना लंड एक कपड़े से पौंछा और उनके मुँह में दे दिया.


उसने कहा- सही से तो पौंछ लेता. मैंने कहा कि पौंछ तो लिया है.


यह कह कर मैंने आंटी के एक दूध को जोर से मसला, तो उनका मुँह आह करने के लिए खुल गया और उसी पल मैंने अपना लंड ज़बरन उनके मुँह में घुसा दिया. वे भी लंड चूसने लगीं.


सच में क्या मस्त चूस रही थीं, मेरे लौड़े को मजा आ गया. कुछ पल बाद मैंने आंटी के बाल पकड़ कर उन्हें चित लिटा कर मिशनरी पोज़ में कर दिया और उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया.


फिर मैं सामने से आया और उनकी एक टांग उठा कर मैंने अपने कंधे पर रख ली. वे भी चूत खोल कर लंड लेने के लिए रेडी हो गईं.


मैंने एक शॉट मारा और दुबारा से मेरा लंड आंटी की गांड में सीधा घुसता चला गया.


वे फिर से चिल्लाने लगीं- आह मादरचोद … मार दिया कमीने ने … साले तुझे समझ में नहीं आता कि गांड में नहीं लेना है.


मैंने इस बार आंटी की टांग को मजबूती से पकड़ रखा था तो वे हिल ही नहीं पाईं. मैंने धड़ाधड़ दस बारह शॉट लगा दिए. आंटी दर्द से रोने लगीं.


मैंने उनके मुँह पर दूसरा तकिया रख दिया और चुदाई चालू कर दी.


कुछ ही देर में आंटी को मजा आने लगा.


अब मैंने उनको घोड़ी बना दिया और उनकी गांड को रगड़ कर मारी.


बाद में मैंने लंड का रस गांड में टपका दिया और उनसे पूछा- आंटी कैसा लगा? उन्होंने कराहते हुए कहा- आज तूने मार ही डाला … साले तेरा इतना बड़ा लंड मेरी गांड में घुस गया … बहुत दर्द हुआ. तूने मुझे आज इतनी बेरहमी से चोदा कि मैं कुछ दिन तो सही से लैट्रिन बाथरूम भी नहीं कर पाऊंगी.


मैंने हंस कर आंटी को चूम लिया और कुछ देर बाद उनको वापस गर्म करके अपने लंड के ऊपर बैठा लिया. अब आंटी मजे से लंड को चूत में ले रही थीं.


उस वक्त आंटी के बूब्स उछल रहे थे. मैं पूरी ताकत से आंटी की चूत चुदाई कर रहा था.


वे ‘आह मर गई … ओह आआह …’ कर रही थीं. मैंने 20 मिनट के बाद वापस आंटी से लंड चुसवाया और कहा- आंटी मुँह में रस लोगी?


उन्होंने कहा- हां मुँह में ही माल झाड़ दे. काफी देर तक लंड चुसवाने के बाद भी मेरे लंड से पानी नहीं निकल रहा था.


वे बोलीं- टपका न! मैंने कहा- अभी आपको और चोदना पड़ेगा. तब लंड से रस निकलेगा.


वे हंसने लगीं- क्या दवा खाकर आया है? मैंने कहा- मुझे पहले से कहां मालूम था कि आपको मेरे लंड से चुदवाना है!


वे बोलीं- तो झड़ क्यों नहीं रहा है? मैंने कहा- आज तो बस आप इतना जान लो कि मैं बहुत देर तक आपकी चूत चोदूंगा. इस चुदाई को आप याद रखोगी.


वे बोलीं- चूत में चाहे जितनी देर पेल ले … पर गांड में बहुत दर्द हो रहा है. मैंने कहा- एक दो बार तो दर्द होता ही है, बाद में तो आपकी दोनों लाइनें चालू हो जाएंगी.


वे हंसने लगीं.


अब मैंने अपने लंड को वापस उनकी चूत में पेला और 20 मिनट तक रगड़ कर चोदा. वह हूँ हूँ करके देती रहीं और जब मेरा माल निकालने वाला था, तो मैंने पूछा- बताओ आंटी किधर लेना है?


उन्होंने कहा- जल्दी से मेरे मुँह में निकाल दे. मैंने चूत से लंड निकाला और उनके बाल पकड़ कर उनके मुँह में लंड घुसा दिया.


कुछ धक्के देते हुए मैंने आंटी के मुँह में अपना रस झाड़ दिया. वे माल पी गईं.


अब आंटी की हालत ऐसी हो गई थी कि वे सही से खड़ी नहीं हो पा रही थीं.


कुछ देर बाद आंटी ने अपनी गांड का छेद दिखाया, तो वह उनकी चूत से भी बड़ा हो गया था.


आंटी को चोदने के बाद मैंने देर तक उनके दोनों दूध दबाए और कहा- आंटी आज रात को भी आऊंगा. उन्होंने हंस कर कहा- हां ठीक है.


मैंने पूछा- मेरा लंड कैसा लगा? उन्होंने कहा- आज पहली बार किसी मर्द से चुद कर मज़ा आया.


तभी उन्होंने मुझे ऑफर दिया कि मेरी बेटी से शादी कर लेना और हम दोनों को एक साथ चोदना.


मैंने कहा- तेरी बेटी को मैं रोज सुबह ट्यूशन जाने के समय चोदता हूँ. उन्होंने कहा- पर तुमने अभी तो मना किया था? मैंने कहा- वह झूठ था. वे कुछ नहीं बोलीं.


मैंने आंटी से कहा- अब मेरा लंड फिर से चूस लो. गर्ल फ्रेंड मॅाम हॉट वापस मेरे लंड से खेलने लगीं.


दस मिनट बाद मैंने आंटी की चुदाई शुरू कर दी. फिर मैं आंटी को पेल ही रहा था कि तभी मेरी जीएफ की आवाज़ आई- मां कहां हो?


हम दोनों चुप हो गए और अलग हो गए. उसकी मां ने फट से उठ कर नाइट पहन ली.


वे मुझे पर्दे के पीछे छिपा कर बाहर चली गईं. वह आंटी से बात करने लगी.


आंटी ने मेरी जीएफ को किसी काम से परचूनी की दुकान पर भेज दिया और मेरे पास आकर कहा- अब तू जा बाद में आना. मैंने उन्हें पकड़ कर घोड़ी बनाया और लंड पेल कर चुदाई करने लगा- बस जल्दी से रस निकलवा दो आंटी.


आंटी आहह अह उम्म्म्म करती रहीं. मैंने उनकी चूत में सारा माल झाड़ दिया.


वे बोलीं- यह क्या किया? मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी? मैंने कहा- दवाई खा लेना, कुछ नहीं होगा. तेरी बेटी भी खाती है. उसको भी एक बार प्रेग्नेंट किया था.


उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन कर बाहर निकल गया. अगली बार मैं आपको आंटी और उनकी बेटी की एक साथ चुदाई की कहानी लिखूँगा.


आप मुझे बताएं कि आपको गर्ल फ्रेंड मॅाम हॉट कहानी कैसी लगी. [email protected]


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