गर्म आंटी ने घर बुलाकर चूत मरवाई

गुप्त

03-12-2022

210,525

हॉट आंटी की चुदाई का मजा आंटी ने मुझे खुद अपने घर बुलाकर दिया. आंटी मुझे पटाने के लिए मुझे अपने गले से लगा लेती थी या गाल पर किस कर लेती थीं.


दोस्तो, मेरा नाम मनु यादव है. मेरे घर में तीन लोग रहते हैं. मम्मी अब्बू और मैं. मम्मी अब्बू घर पर मुझे छोटू नाम से बुलाते हैं.


यह मेरी पहली सेक्स कहानी है हॉट आंटी की चुदाई की. ये बात उस समय की है, जब मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता था.


हमारा मकान एक अपार्टमेंट में तीसरी मंज़िल में था और हमारे घर के सामने एक फैमिली रहती थी. उस फैमिली में अंकल आंटी और उनके बेटा बेटी रहते थे. उनका बेटा छोटी क्लास में था और बेटी 12 वीं क्लास में थी.


आंटी की उम्र 38-40 साल की थी. वो मेरी मम्मी की अच्छी सहेली थीं. उनका नाम आरती था.


आंटी दिखने में हल्की सी सांवली थीं. उनकी हाइट 5 फीट 4 इंच के करीब थी. फिगर से एकदम दिव्यंका त्रिपाठी जैसी लगती थीं. आंटी का फिगर 34-30-36 का था.


आरती आंटी कभी कभी जब अकेले में मुझे देखती थीं तो मुझे गले लगा लेती थीं या गाल पर किस कर लेती थीं.


उस वक्त मुझे आंटी के बारे में सेक्सी ख्याल आने लगते थे. हालंकि बाद में कुछ ऐसा हो गया था कि जब भी आंटी मुझे लगे से लगातीं तो मैं भी उन्हें मसल देता था. एक तरह से हम दोनों के बीच अनखुली सी रजामंदी हो गई थी.


एक बार अंकल और उनके बच्चों को किसी काम से बाहर जाना पड़ा. आंटी की तबीयत सही नहीं थी, तो वो साथ में नहीं गयी थीं.


शाम को आंटी मेरी मम्मी से मिलने आईं और तबियत सही न होने का बोलकर बोलीं- आज छोटू को मेरे घर सो जाने दो. मुझे घर सूना सा लग रहा है.


मम्मी भी बोलीं- हां, यह देर रात तक टीवी देखता है. मैं भी इसकी टीवी के शोरगुल से फ्री हो जाऊंगी.


मैं खाना खाकर आंटी के घर चला गया. जब मैं गया तो आंटी ने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर बुलाकर दरवाजा बंद कर दिया.


आंटी ने सलवार सूट पहना था. मैं सोफे पर बैठ गया और टीवी देखने लगा.


आंटी ने अन्दर चली गईं और जब वापस आईं तो वो एक मैक्सी पहन कर आयी थीं. आते ही आंटी मुझसे चिपक कर बैठ गईं.


मैं उन्हें देख कर ही अन्दर से गर्म होने लगा था. तभी आंटी मेरी जांघ पर हाथ रख कर सहलाने लगीं.


मैं कुछ नहीं बोला, बस अपनी नज़रें सामने टीवी पर लगाए बैठा रहा. मुझे भी ठरक चढ़ने लगी थी.


आंटी ने अपने हाथ से मेरी जांघों को सहलाते हुए मेरी टांगों के जोड़ को छू कर चैक कर लिया था कि मेरा लंड भी फुंफकारने लगा है.


आरती आंटी बोलीं- तेरी गर्लफ्रेंड का नाम क्या है छोटू? मैं- मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है आंटी.


आरती आंटी- तो तूने अब तक कुछ नहीं किया? मैं हल्की सी मुस्कान के साथ बोला- कुछ नहीं किया से आपका क्या मतलब है आंटी?


आरती आंटी ने पहले तो कुछ नहीं कहा बस अपने हाथ से मेरे लंड के पास फिर से टच किया.


जब उन्हें समझ आ गया कि मेरा लंड टनटनाने लगा है. तो बिंदास पूछ लिया- मेरा मतलब ये कि किसी की चुदायी की या नहीं … और क्या?


मैं चुदाई शब्द सुनकर सकपका गया. मुझे अहसास ही नहीं था कि आंटी इतनी जल्दी रांड बन जाएंगी.


मैंने उनकी तरफ देखा और सहज भाव से कहा- नहीं आंटी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. एक कातिल मुस्कान के साथ आंटी बोलीं- तो मुझे बना ले न … सारे मज़े मिल जाएंगे.


मैं शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पाया. आंटी ने अपना हाथ मेरे चड्डे पर रख दिया और ऊपर से लंड को सहलाने लगीं.


मेरा लंड सख्त होने लगा.


फिर आंटी ने दोनों हाथों से मेरे गाल पकड़े और मुझे खींच कर किस करने लगीं.


मैं तो पहले से ही गर्माया हुआ था. मैंने भी आंटी को चूमना चालू कर दिया.


आंटी ने मुझे किस करते करते सोफे पर लेटा दिया और जबरदस्त समूच करने लगीं. वो मेरे मुँह में जीभ फिराने लगीं.


मैंने भी जोश में आंटी को कस कर पकड़ लिया. उन्होंने मेरी शर्ट उतार फैंकी. फिर मेरी छाती पर किस करते करते काटने लगीं.


कुछ देर बाद उन्होंने मेरी चड्डी समेत शॉर्ट्स उतार फैंकी.


अब मैं नंगा हो गया था. मेरा लंड हवा में नब्बे डिग्री के कोण पर खड़ा होकर गुर्रा रहा था.


उन्होंने मेरे लंड को बड़े प्यार से देखा और उसे सहलाने लगीं.


मैं लेटा था तो उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे सोफे पर बैठाया और खुद घुटनों के बल मेरे लंड के सामने बैठ गईं. आंटी ने मेरे लंड के टोपे पर किस किया और लंड चूसने लगीं.


वो जीभ फिरा फिरा कर मेरा लंड चूस रही थीं. मुझे भी आंटी से लंड चुसवाने में खूब मजा आ रहा था.


आंटी मेरे आंडों को भी चाट कर चूसने लगीं, मेरा लंड पूरा तन गया.


फिर आंटी ने मैक्सी नीचे से उठायी तो मैंने देखा कि उन्होंने चड्डी नहीं पहनी थी.


आंटी की चूत एकदम साफ और चिकनी थी. उन्होंने एक हाथ से मेरा सर पकड़कर मेरा मुँह अपनी चूत पर लगा लिया. उनकी चूत भी गीली थी.


मैं आंटी की चूत चाटने लगा. वो कस कर मेरा मुँह रगड़ने लगीं. फिर उन्होंने मुझे चूत से हटा कर मेरे होंठों पर किस किया और अपनी चूत के रस का स्वाद लेने लगीं.


फिर आंटी ने अपनी मैक्सी पूरी तरह से उतार दी और नंगी हो गईं.


उनके मम्मे देखकर तो मैं पागल हो गया. मुझसे रहा न गया और मैं आंटी के मम्मों को अपने दोनों हाथों में भरकर मसलने लगा.


आंटी ने मादक नजर से मुझे देखा और होंठ गोल करके मुझे चूचे चूसने का इशारा किया.


मैंने उनके एक दूध को मुँह में भर लिया और चूसने लगा. उनके निप्पल को दांत से खींच के काटते हुए हाथ से उनकी गांड दाबने लगा.


आंटी भी मेरे लंड की मुठ मार रही थी. कुछ देर बाद आंटी ने सोफे पर बैठ कर अपनी टांग चौड़ी कर दी.


मैंने लंड चूत पर सैट करके धक्का मारा, लंड अन्दर घुस गया. आंटी ने आंह करके मेरी गांड पकड़ ली और मैं आंटी को चोदने लगा.


दस मिनट तक चूत चोदने के बाद आंटी एकदम से अकड़ गई और झड़ गईं. मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया.


आंटी ने मेरा लंड मुँह में लेकर साफ कर दिया. अब वो मुझे अपने बेडरूम में ले आईं और लेट गईं.


मैं उनके बगल में लेट गया. आरती आंटी बोलीं- कैसा लगा?


मैं एक हाथ से चूत में उंगली करते हुए बोला- मजा आ गया आंटी. पर आंटी मन नहीं भरा, अभी और करना है. आंटी हंसती हुई बोलीं- तो अब तो मैं तेरी गर्लफ्रेंड हूँ न? मैंने मुस्कुराते हुए कहा- आंटी, अब आप मेरी गर्लफ्रेंड बीवी सब हो.


आंटी ने मुझे किस किया और उठकर मेरे मुँह पर चूत रखकर बैठ गईं. मैं उनकी गांड पर हाथ रखकर चूत चाटने लगा.


फिर उन्होंने मेरा लौड़ा चूसकर खड़ा किया और लंड को चूत पर सैट करने लगीं.


मैं उनके दूध जोर जोर से मसलने लगा.


फिर आंटी धीरे धीरे गांड उचका कर चुदायी करने लगीं. आंटी- अब मादरचोद मैं ही तेरी गर्लफ्रेंड, बीवी, रखैल, रंडी हूँ.


मैं हॉट आंटी की चुदाई करते हुए बोलने लगा- आंटी, तुम्हें चोद कर अपने बच्चों की मम्मी बनाऊंगा. आंटी- तेरी मम्मी को कितनों ने चोदा होगा साले, जो तेरे जैसा चोदू निकला.


मैं- रंडी खुद अपने बेटे से चुदवाती है. तेरे बच्चे पता नहीं कौन से भिखारी से चुदवाकर पैदा किये.


आंटी मेरे ऊपर लेटकर मुझे किस करने लगीं. आंटी- छोटू मैं अब सिर्फ तेरी रांड हूँ.


वो किस करती हुई नीचे आईं और मेरा लंड चूसने लगीं. मैं आंटी के मुँह में ही झड़ गया, वो सारा रस पी गईं और मेरे अंडे चाटने लगीं.


फिर वो मेरे ऊपर लेट गईं.


मैं- आंटी एक बात पर बोलूँ, बुरा तो नहीं मानोगी? आंटी- नहीं, बोल न!


मैं- रिंकी को चुदवा दो मुझसे. रिंकी आरती आंटी की बेटी का नाम था.


आंटी हंसती हुई बोलीं- वाह … आज पहली बार के बाद ही दूसरी चूत भी चाहिए. मुझसे मजा नहीं आया क्या? मैं- नहीं आंटी, मैं तो ऐसे ही बोल रहा था.


आंटी- चिंता मत कर, सब ठीक रहा तो उसकी चूत भी दिलवा दूँगी. मैं- फिर आंटी कल तो अंकल, सुनील (आंटी का बेटा) और रिंकी आ जाएंगे, फिर मैं आपकी चुदाई कैसे करूंगा?


आंटी मुस्कुराती हुई बोलीं- अरे उनके सामने ही चोद लेना. मैं हंसते हुए बोला- अंकल गांड मार देंगे मेरी!


आंटी- साले ने कुछ कहा … तो मैं उसकी गांड मार दूँगी. मैं- कैसे? आंटी- तू चिंता मत कर, सब हो जाएगा.


अगले दिन दोपहर तक उनकी फैमिली आ गयी.


शाम को मैं आंटी के बुलाने पर उनके घर आ गया, अंकल और सुनील के साथ टीवी देखने लगा.


रिंकी रूम में पढ़ रही थी.


कुछ देर बाद आंटी ने मुझे किचन से आवाज लगाई. आंटी- अरे छोटू, यह डिब्बे उतरवाने में मेरी मदद कर दे. यह सुनील तो सुनता ही नहीं है.


मैं किचन में गया. आंटी ने नीले कलर की मैक्सी पहनी थी.


तो आंटी बोली- वो दोनों टीवी ही देख रहे है न!


मैं- हां. आंटी- और रिंकी? मैं- वो रूम में है.


आंटी मेरे शॉर्ट्स के ऊपर से मेरा लंड सहलाने लगी. मैं बारी बारी किचन के बाहर झांक कर देख रहा था कि सब ठीक है या नहीं.


आंटी ने शॉर्ट्स के अन्दर हाथ डालकर मेरा लंड बाहर निकाला और मुठ मारने लगीं.


मुझे मजा भी आ रहा था डर भी लग रहा था, लग रहा था कि कहीं पकड़े गए तो क्या होगा. कुछ देर बाद थोड़ी हिम्मत करके मैं आंटी का साथ देने लगा और आंटी के दूध मसलने लगा.


अब आंटी ने मुझे किचन के अन्दर कर लिया और वो मेरी जगह पर मुँह बाहर करके खड़ी हो गईं. उन्होंने मैक्सी ऊपर की और कुतिया बन कर झुक गईं.


क्या गांड थी आंटी की! मैंने एक हाथ से उनके चूतड़ को मसल दिया और दूसरे हाथ से चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा. आंटी धीमी आवाज़ में बोलीं- जल्दी कर ले … कोई आ जाएगा.


मैंने लंड सैट किया और आंटी की कमर पकड़कर धक्का दे मारा. आंटी की हल्की सी आह निकली और मैं धीरे धीरे आंटी को चोदने लगा.


कुछ देर बाद आंटी बोली – जब तेरा निकलने वाला हो, तो मुझे बता देना. मैंने हां में सर हिला दिया.


फिर थोड़ी देर बाद जब मेरा निकलने वाला था तो मैं रुक गया. आंटी समझ गईं और मेरा लंड हाथ में पकड़ कर जोर जोर से मुठ मारने लगीं. उन्होंने एक नज़र बाहर को देखा, फिर मेरा लंड चूसने लगीं.


मैं उनके मुँह में ही झड़ गया, आंटी सारा वीर्य निगल गईं. मैंने मुस्कुराते हुए बोला- आंटी, कौन से डब्बे उतरवाने हैं?


आंटी कातिल मुस्कान से बोलीं- पहले ही सब काम कर रखा है. मैं- वाह.


फिर मैं जाकर अंकल, सुनील के साथ टीवी देखने लगा.


कुछ देर बाद आंटी बाहर आईं तो वो नाश्ता लेकर आई थीं. हम सभी नाश्ता करने लगे.


फिर आंटी ने अंकल को कुछ बाजार का काम बताया और कहा- आप सुनील के साथ अभी कर आओ. वो काम दो घंटा से पहले होने वाला नहीं था.


मैं समझ गया कि आंटी की प्यास अभी बाकी है. तो मैं कुछ नहीं बोला बस चुपचाप बैठा टीवी देखता रहा.


कुछ देर बाद अंकल अपने बेटे के साथ बाहर चले गए और आंटी ने दरवाजा बंद करके उधर ही अपनी मैक्सी उतार दी.


मैंने कहा- इधर रिंकी देख सकती है आंटी, अपन कमरे में चलते हैं. आंटी ने आंख दबाई और कहा- उसे भी हमारा सेक्स देखने दो तभी तो वो तुमसे चुदवाने के लिए तड़फेगी.


मैं समझ गया और मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए. हम दोनों चुदाई में लग गए.


उसी बीच मैंने देखा कि रिंकी ने अपने कमरे के दरवाजे से हॉल में हम दोनों की चुदाई को देखना शुरू कर दिया था. मैंने समझ लिया कि रिंकी की चूत भी जल्द मिलना पक्की हो गई.


दोस्तो, आपको मेरी हॉट आंटी की चुदाई कैसी लगी? इसके आगे की सेक्स कहानी बाद में लिखूंगा कि आंटी की लौंडिया रिंकी ने मेरा लंड अपनी मम्मी के साथ कैसे चूसा और चुदाई कैसे हुई. आप मुझे कमेंट्स में जरूर लिखें.


Aunty Sex Story

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ