दोस्त की प्यासी अम्मी की थ्रीसम चुदाई

सुमन 5

21-01-2023

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माँ बेटा सेक्स गन्दी कहानी में पढ़ें कि मैं अपने दोस्त के घर गया तो खिड़की से उसकी अम्मी को नंगी देखा. मेरा दोस्त भी वहीं पर नंगा खड़ा था. तो मैंने क्या किया?


मेरा नाम सुमन कुमार (बदला हुआ नाम) है. मैं बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के एक छोटे से गांव से हूँ.


दोस्तो, मुझे चुदाई बहुत पसंद है. मुझे चुदाई की लत तब लगी. जब मैं युवा होने दहलीज पर आ गया था.


तभी मैंने यह सब एक सेक्स की किताब पढ़ कर सीखा था. उस चुदाई की किताब को पढ़ने के बाद मेरा लंड खड़ा हो गया था.


मैंने इसकी चर्चा अपने दोस्त से की. तब मेरे दोस्त ने मुझे मुठ मारना सिखाया था. उसके बाद गांड मारना भी सीखा.


उसी दोस्त ने मुझसे अपनी गांड मरवाई थी.


कुछ दिन तक उसने मुझसे गांड मरवाई. उसके बाद उसने मुझसे कहा कि वो भी मेरी गांड मारना चाहता है.


तब तक मैं गांड चुदाई की काफी कहानी पढ़ चुका था. मुझे समझ आ गया था कि गांड मराने और मरवाने वाले लड़के अलग अलग किस्म की सोच रखते हैं.


कुछ लड़के सिर्फ गांड मारना पसंद करते हैं और कुछ सिर्फ मरवाना पसंद करते हैं. जबकि कुछ सिर्फ छेद से मतलब रखते हैं, चाहे वो औरत की चूत का छेद हो या गांड का छेद हो. वो अपने लंड को किसी छेद में पेल कर चुदाई का सुख लेना पसंद करते हैं.


मैं शायद इसी तरह के लड़कों में से था, जो सिर्फ चोदना पसंद करता था. अपने इसी शौक के चलते मैंने आज तक बहुत से लड़कों को, औरतों को, लड़की को, यहां तक कि 3 बूढ़ी औरतों को भी चोदा है.


मेरा चुदाई का इतिहास बहुत लम्बा है. मैं अन्तर्वासना का पाठक बहुत दिनों से हूँ. सभी की कहानियां पढ़ते पढ़ते मेरा भी मन हुआ कि मैं भी आप सभी को अपनी कुछ कहानियां सुनाऊं.


ये माँ बेटा सेक्स गन्दी कहानी तब की है जब मैं 21 वर्ष का था. मेरे गांव में मेरा एक दोस्त यासीन है, मैं उसके यहां हमेशा आया जाया करता था.


मेरा दोस्त यासीन, जो मुझसे उम्र में 3 साल बड़ा है. उसकी मां अलीफा, उनकी उम्र लगभग 45 साल है. उसके अब्बू अशफ़ाक, जो देखने में एकदम सीधे हैं और लगभग 50 के होंगे. वो नाईट ड्यूटी करते थे.


मैं हमेशा उनके यहां शाम 8 बजे जाता था और 10 बजे तक आता था.


हम दोनों दोस्त हर वक्त चुदाई की बात करते थे. कभी कभार मैं उसकी गांड भी मार लेता था.


एक दिन की बात है. वो होली के आसपास का समय था. मैं उस दिन अपने घर के कुछ काम में फंस कर रह गया था. इसी वजह से मैं उस दिन उसके यहां लगभग 9:30 बजे गया.


जब मैं वहां पहुंचा तो उसके अब्बू ड्यूटी जा चुके थे, बाहर कोई नहीं था.


मुझे लगा कि सब कहीं गए हैं, लेकिन घर का मुख्य दरवाजा बंद नहीं था.


मैं अन्दर गया तो घर के सारे दरवाजे बंद थे. वो देख कर मैं बाहर की तरफ आने लगा. तभी मुझे ग्लास गिरने की आवाज सुनाई दी. मुझे लगा बिल्ली होगी.


फिर भी मैं देखने चला गया. दरवाजा बंद था, तो मैंने खिड़की से देखना चाहा.


जैसे ही मैंने खिड़की से अन्दर झांका, मैं सन्न रह गया. अन्दर का माहौल कुछ और था.


मैंने यासीन की मां अलीफा को पूरी नंगी देखा. उन्हें नंगी देखते ही मेरा साढ़े सात इंच का लंड सलामी देने लगा.


मैं रुक कर देखने लगा और साथ में अपने मोबाइल से उनकी वीडियो बनाने लगा. मुझे लगा वो नंगी होकर मुठ मारेंगी.


मैं उनके सेक्सी बदन 38-36-40 का आनन्द उठाने लगा. लेकिन मेरा दिमाग़ फिर से ठनका. क्योंकि मैंने दूसरी तरफ यासीन को भी नंगा देखा, जो अपने लंड सात इंच से कुछ बड़े लंड को सहला रहा था.


मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि एक बेटा अपनी मां को चोद सकता है.


मैं इंतज़ार करने लगा कि ये दोनों चुदाई चालू करें और मैं वीडियो बना कर उन्हें दिखा कर अलीफा आंटी को चोद सकूँ.


वैसा ही हुआ, उन दोनों का माँ बेटा सेक्स आरंभ हुआ.


दोनों बिछवान पर आए. अलीफा आंटी अपने बेटे यासीन का लंड चूसने लगीं. वो आह आह करने लगा और लंड चुसाई का मजा लेने लगा.


कुछ देर बाद उसने अपनी अम्मी की एक चूची पकड़ कर मसली और कहा- अब आप भी आ जाओ. मैं आपकी भी चूस देता हूँ.


उसकी अम्मी अलीफा 69 में नीचे लेट गईं. यासीन अपनी अम्मी के ऊपर लेट गया. उसने अपना मुँह अपनी अम्मी की चूत के ऊपर लगा दिया था और उसका लंड उसकी अम्मी के मुँह के पास लटकने लगा था.


अब अलीफा आंटी ने अपने बेटे का लंड मुँह में लिया और यासीन की गोटी सहलाती हुई वो लंड चूसने लगीं. यासीन भी अपनी अम्मी की चूत को कुत्ते की तरह लपलप करके चाट रहा था.


उसकी अम्मी के मुँह से आह आह निकल रही थी और वो अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत चटवाने का मजा ले रही थीं. ये सीन देख कर मेरा लंड तन गया और मुझसे रुका नहीं गया.


मैंने उसी समय खिड़की से आवाज लगाई- वाह बेटा यासीन … लगे रहो. मुझे देख कर वो दोनों एकदम सकते में आ गए और अलीफा आंटी ने अपने शरीर पर चादर ओढ़ ली.


मैंने कहा- दरवाजा खोलो. यासीन ने कहा- तू बाद में आना.


मैंने कहा- मैंने सब देख लिया है … मुझे भी अन्दर आना है. दरवाजा खोल दे वरना मैं सबको बुला लूंगा. इस पर अलीफा आंटी ने कहा- नहीं बेटा, यासीन आ रहा है. जा यासीन दरवाजा खोल दे.


यासीन ने मन मारकर दरवाजा खोला.


मुझे देख कर दोनों मुझसे कहने लगे कि ये बात किसी को मत बताना. नहीं तो हम दोनों की इज्जत चली जाएगी.


मैंने कहा- एक शर्त पर मैं किसी को नहीं बताऊंगा. दोनों ने पूछा- कौन सी? मैंने कहा- मुझे भी तुम दोनों के साथ मिलकर यह खेल खेलना है.


कुछ देर तक वह दोनों एक दूसरे को देखते रहे.


फिर मैंने आंटी को उनकी हरकतों व़ाला वीडियो दिखाया, तो वो मेरे साथ सेक्स करने को तैयार हो गईं. आंटी ने कहा- तुम मेरे साथ सेक्स कर लो … मगर ये बात कहीं बाहर नहीं जाना चाहिए.


मैंने उनकी चादर खींचते हुए कहा- हां आंटी, मैं किसी से नहीं कहूँगा. आंटी का मादक बदन मेरे सामने नंगा हो गया था.


उसके बाद मैंने भी अपने सारे कपड़े उतारे और हम तीनों बिछावन पर आ गए.


दोस्तो, उस दिन मैं पहली बार किसी औरत को चोदने जा रहा था. इससे पहले मैंने केवल अपने दोस्त की गांड मारी थी.


हम तीनों का खेल शुरू हुआ.


मैंने अलीफा आंटी की चूत को चाटना आरंभ किया और यासीन ने उनके मस्त मम्मों को पीना चालू किया.


लगभग 10 मिनट की चूसम-चुसाई के बाद अलीफा आंटी बेचैन हो गईं.


मैंने कहा- यासीन, मुझे पहले चोदने दे अपनी इस रंडी मां को. तो यासीन बोला- ठीक है, तुम ही चोदो, मैं तो पिछले एक साल से इसे चोद रहा हूँ.


मैंने अपना लंड सहलाया, जो उनके मुँह से थूक के सना हुआ निकला था.


मैंने देर ना करते हुए अपना लंड आंटी की चूत के छेद पर रखा और जोर से धक्का दे मारा. चूत गीली होने के कारण लंड झटके से अन्दर चला गया.


लेकिन मोटा और लम्बा होने के कारण उन्हें थोड़ा दर्द हुआ पर वो बोलीं- आंह चोदो बेटा … आज बहुत मज़ा आने वाला है.


यासीन सामने खड़ा अपना लंड सहला रहा था.


अलीफा आंटी ने उसे करीब आने का इशारा किया और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.


हम तीनों चुदाई का आनन्द ले रहे थे.


कुछ देर बाद मैंने अलीफा आंटी को घोड़ी बनाया और पीछे से चुदाई करना चालू किया.


अब यासीन बोला- मुझे भी मौका दो यार! मैंने कहा- एक काम करो, मैं तेरी मां की गांड मारता हूँ और तुम इनकी चूत चोदो.


अलीफा आंटी थोड़ी सी डर गईं कि एक बार में दोनों छेद में लंड जाएगा. वो कहने लगीं- नहीं, मुझे दर्द होगा.


मैंने कहा- नहीं होगा आंटी … तुम्हें और ज्यादा मज़ा आएगा. थोड़ी देर की नानुकर के बाद वो तैयार हो गईं.


मैंने उनके बड़ी सी गांड में पहले उंगली की.


वो बोलीं- सीधा लंड डालो बेटा, यासीन बहुत बार चोद चुका है.


मैंने लंड में थूक लगाया और अलीफा आंटी की गांड में पेल दिया.


तब तक नीचे से यासीन ने भी अपना लंड अपनी मां की चूत में डाल दिया.


उसकी मां आह आह करने लगीं, मगर कुछ ही देर में उन्हें मजा आने लगा.


कुछ देर बाद चुदाई चरम सीमा पर थी. अलीफा आंटी पहली बार दो लंड से चुद रही थीं.


वो दो बार झड़ चुकी थीं.


हम दोनों ने छेद बदल बदल कर लगभग 30 मिनट तक आंटी को खूब चोदा.


अब मेरा भी पानी आने वाला था, मैंने आंटी से पूछा- कहां डालूँ? तो वो बोलीं- अन्दर ही डाल दो.


उसके बाद हम तीनों एक साथ झड़ गए.


हम तीनों ने चुदाई का खूब आनन्द लिया और बिछवान पर नंगे ही सो गए.


कुछ देर हम सभी ने कपड़े पहने और मैं बाहर निकलने लगा. तो अलीफा आंटी बोलीं- बेटा किसी को मत बताना. मैंने कहा- नहीं आंटी, अब ये बात हम तीनों तक ही रहेगी.


वो बोलीं- ठीक है, अब ज़ब मन करे … आ जाना. हम खूब मज़े करेंगे. उसके बाद हम सभी ने बहुत बार चुदाई की और अभी भी कभी कभी करते हैं.


उसके बाद यासीन की शादी हो गई. तब भी अलीफा आंटी की चूत लंड के लिए मचलती रहती थीं. अब मैं ही अकेला अलीफा आंटी की चुदाई का मजा लेता हूँ. यासीन अपनी पत्नी की चूत में लगा रहता है.


एक दिन मैंने अलीफा आंटी से कहा कि यासीन की बीवी की चुदाई की जुगाड़ लगाओ आंटी. आंटी ने हंस कर कहा- साले मेरी ही ले ले … मेरी में क्या कांटे इग आए हैं?


मैंने उनकी चूची मसलते हुए कहा- नहीं आंटी, आपकी चूत तो बड़ी मजेदार है. मगर स्वाद बदलने के कभी कभी छेद बदलने का मन भी करने लगता है. वो बोलीं- पहली बात तो ये कि जब तक यासीन राजी नहीं होगा, तब तक उसके माल को हाथ लगाना भी सम्भव नहीं होगा.


मैंने कहा- वो तो भोसड़ी का एक घुड़की में अपनी बीवी की चड्डी खींच देगा. बस भाभी की चिंता है, कहीं वो राजी नहीं हुई तो मामला जरा मुश्किल हो जाएगा. आंटी ने मेरे लंड को अपनी चूत में लेते हुए कहा- उसकी छोड़ो, मेरी मारो.


मैंने अलीफा आंटी की चूत में लंड पेला और उनकी चुदाई चालू कर दी. कुछ देर बाद मैं झड़ गया और आंटी के ऊपर ही लेट कर लम्बी लम्बी सांसें लेने लगा.


तभी मैंने खिड़की की तरफ देखा तो यासीन की बीवी मुझे देख रही थी. मुझसे नजरें मिलते ही वो उधर से चली गई.


अब ज़ब यासीन की पत्नी घर पर नहीं रहती है, तब हम दोनों अलीफा आंटी की दोनों तरफ से लेते हैं.


मुझे इन्तजार है कि जब दोस्त की बीवी की चूत चुदाई मेरे लंड से होगी. तब आपको उसकी चुदाई की कहानी लिखूँगा. दोस्तो ये मेरी पहली सेक्स कहानी है और ये एकदम सत्य है.


आपको ये माँ बेटा सेक्स गन्दी कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा. आपका दोस्त सुमन, मुजफ्फरपुर, बिहार. [email protected]


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