पैसे की जरूरत से बन गया कॉल बॉय

आपका दोस्त

01-03-2024

54,835

मसाज़ सेक्स की कहानी में मैंने मसाज़ सर्विस ज्वाइन की तो मुझे एक होटल में एक आंटी की मसाज़ के लिए भेजा गया. आंटी को देख कर मुझे लग गया कि उसने मुझे सेक्स के लिये बुलाया है.


दोस्तो, मैं छत्तीसगढ़ से हूँ. वैसे तो मैं बहुत ही सरल स्वभाव का हूँ पर मुझे पैसे की बहुत जरूरत थी और उसी की वजह से हालात कुछ ऐसे बनते चले गए कि मैं कॉल बॉय बन गया.


मैंने अपने कुछ दोस्तों से पैसा उधार लिया था और उसे वापिस नहीं कर पा रहा था. वे लोग मुझे परेशान करने लगे थे.


मैं इंटरनेट पर कुछ काम तलाश रहा था.


कुछ देर बाद जब बोर होने लगा तो मुझे एक सेक्सी लड़की की फ़ोटो दिखाई दी और मैंने उस पर क्लिक कर दिया. वह क्लिक मेरी लाइफ का गेम चेंजर साबित हुआ.


मसाज़ सेक्स की कहानी यहीं से शुरू हुई.


उधर से कई साइटों से होता हुआ मैं एक ऐसी जगह आ गया, जिधर मेहनती लड़कों की जरूरत थी और उन्हें मसाज बॉय बनने के लिए कहा गया था. मैंने सोचा कि कुछ नहीं तो यही सही.


उसमें कुछ उपलब्ध शहरों के नाम दिए हुए थे, जिसमें मेरे शहर का नाम भी था. मैंने फोन नंबर सहित अपनी डिटेल भर दी.


फिर मेरे व्हाट्सप में एक मैसेज आया और उधर से मुझे मसाज की जॉब का ऑफर मिला. मुझे पैसे की जरूरत थी, तो मैं कोई भी जॉब करने को तैयार था.


उधर से कहा गया कि आपको एक क्लाइंट के साथ मीटिंग करनी है. उसकी मर्जी के अनुसार काम करना है और उसके बाद आपको पैसे मिलेंगे. मैंने जॉब के लिए हां बोल दिया, दो दिन बाद मुझे एक लोकेशन पर आने के लिए कहा गया.


मैं वहां गया तो वह एक ओयो होटल था. उसमें पूछा तो जिधर मुझे जाना था, वह एक पहले से बुक किया हुआ कमरा था. मैं उस कमरे में आ गया. वहां एक आंटी मेरा इंतज़ार कर रही थीं.


आंटी बेहद दिलकश थीं और उनकी आंखों में वासना भरी हुई थी.


वे एक गिलास में कुछ पी रही थीं और सिगरेट पी रही थीं. मैं समझ गया कि यह कोई बड़ी हस्ती है जो मुझसे बात करने के लिए बैठी है.


जैसे ही मैं उनसे आज्ञा मांग कर अन्दर गया तो वे मुझे सर हिला कर अन्दर आने का कह कर देखने लगीं और बहुत खुश लगने लगीं.


उनकी कातिल मुस्कान देख कर मुझे लगा कि आंटी तो ऐसे मुस्कुरा रही हैं जैसे इनको मेरा लंड चूसने को मिलने वाला हो.


एक मिनट तक तो मुझे समझ नहीं आया कि क्या करूँ. मुझसे ये क्या पूछेंगी या करवाएंगी … यह कुछ भी साफ नहीं था.


वे मुझे देख कर गिलास को टेबल पर रखती हुई और सिगरेट हाथ की उंगलियों में फँसा कर सोफ़े पर पसर गईं.


उन्होंने अपने दोनों हाथ सोफ़े की पुश्त पर फैला लिए और टांगों को भी चौड़ा लिया.


वे उस वक्त कोई बड़ी पेशेवर रांड सी लग रही थीं. उनकी देह का आकार भी बड़ा कातिलाना था. दूध 34 के कमर 30 की और गांड का आकार अभी बैठी होने से समझ नहीं आ रहा था, तब भी 36 दूध के हिसाब गांड का आकार 36 इंच से कम नहीं होना चाहिए.


मैं सोचने लगा कि कहीं इनकी मसाज या चुदाई करनी हो तो मजा आ जाएगा.


उन्होंने मुझे देख कर ‘हैलो यंग बॉय …’ कह कर एक स्माइल दी और उठकर मेरे करीब आ गईं. मैं अभी कुछ सोच पाता कि उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया.


पहले तो मैं अकबका सा गया पर उनकी बांहों की गर्माहट कर मस्त सा अहसास मुझे बेहद मस्त लगने लगा.


सच में मुझे उनके साथ आलिंगन करने में बहुत सुकून मिल रहा था. कुछ मिनट तक मैं उनके गले से लगा रहा.


अब मेरे मन में सब कुछ साफ हो गया था कि मैडम की मसाज़ सेक्स करने का पैसा मिलने वाला है.


जब मैंने उनके गले में किस किया तो वो कसमसाने लगीं. अगले कुछ ही पलों में हम दोनों के बीच चूमाचाटी का दौर चल उठा और वे मेरे होंठों को किस करने लगीं.


मैं अपने हाथों से उनके चूतड़ों को भींच कर अपने लंड का अहसास उन्हें करवाने लगा.


करीब दस मिनट तक आंटी मेरे होंठों को चूसती रहीं और मेरे खड़े हो चुके लौड़े को अपनी टांगों में रगड़ती रहीं.


उसके बाद उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए और ब्रा पैंटी में आ गईं. मैंने भी उन्हें नंगी होते देख कर अपने सारे कपड़े उतारना शुरू कर दिया.


कुछ ही पलों बाद हम दोनों लगभग नंगे हो गए थे. मतलब मैं पूरा नंगा था और वे ब्रा पैंटी में थीं.


आंटी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगीं. वे काफी देर तक लंड चूसती रहीं और मैं अकड़ने लगा.


जब मुझसे रुका न गया तो मैं झड़ने लगा और वे मेरे सारे वीर्य को पी गईं.


अब वे बिस्तर पर बैठ गईं और उन्होंने फिर से एक सिगरेट सुलगा ली.


मैं भी झड़ा हुआ झंडू सा उन्हें देख रहा था. आंटी ने मुझसे पूछा- सिगरेट पीते हो?


मैंने हां में सर हिला दिया. आंटी ने अपनी सिगरेट मुझे थमा दी और खुद ने उठ कर शराब की बोतल उठा कर उससे दो पैग बनाने लगीं.


दारू के साथ सोडा डालकर पैग बनाए और उन्होंने दोनों गिलास के आगे खुद को खड़ी कर लिया, जिससे मुझे पैग दिखना बंद हो गए. उनका एक हाथ कुछ हरकत करने लगा. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, तो मैं बस चुपचाप सिगरेट का धुआं उड़ाता रहा.


उसके बाद आंटी दोनों गिलास लेकर मेरे पास आईं और एक गिलास मेरी तरफ बढ़ा दिया. मैंने गिलास थामा और हम दोनों चीयर्स बोल कर सिप लेने लगे.


जल्द ही पहला पैग खत्म हो गया था. आंटी ने वापस मुझसे सिगरेट सुलगाने के लिए कहा. मैंने सिगरेट सुलगाई और उनकी तरफ देखने लगा.


वे मेरे लौड़े की तरफ देख रही थीं जो उठ चुका था.


आंटी ने लंड देखते हुए कहा- दोबारा पैग बनाओ. मैं लंड हिलाता हुआ उठा और दोनों गिलासों में शराब डालकर पैग बनाने लगा.


इस बार आंटी ने मेरी गोदी में बैठ कर शराब का लुत्फ उठाया और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से छेड़खानी करने लगे. न जाने क्यों अब मेरे अन्दर कुछ अजीब सी उत्तेजना भरने लगी थी.


मैं आंटी की गांड में अपने कड़क होते लंड से खुद आश्चर्यचकित था. मेरा लंड एकदम फौलाद सा होता जा रहा था.


अब मैंने आंटी की ब्रा के हुक को खोला और उनके मम्मों से निकालते हुए ब्रा को अलग कर दिया. इसके बाद आंटी घूम कर मेरी गोदी में बैठ गई थीं तो मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में भर लिया और खींच खींच कर चूसने लगा.


मुझे आंटी के दूध चूसने में बहुत मजा आ रहा था. वे भी आंख बंद करके सिसकारियां ले रही थीं. उनकी मादक आवाज से मेरे अन्दर एक अजीब सी उत्तेजना भर रही थी.


मैंने शराब का जाम पीते हुए उनके दोनों निप्पलों को खूब चूसा.


दोनों दूध चूस लेने के बाद मैं नीचे को हुआ और आंटी की नाभि को किस किया.


उनके जिस्म में एक सिहरन सी हुई और वे खिलखिलाने लगीं क्योंकि उनको गुदगुदी सी हो रही थी. अब मैंने आंटी की पैंटी को भी निकाल दिया और उनकी चूत को देखा.


आंटी की चूत फैल कर भोसड़ा बन गयी थी और उसमें से बहुत सारा पानी निकल रहा था.


मैंने अपनी दो उंगलियां चूत में डाल दी. वह आह करती हुई सिसकारी लेने लगी थीं. वे बोलीं- शराब डालकर चूत को चूसो.


मुझे उनका ये आइडिया सही लगा. फिर मैंने उनको बेड पर लिटाया और उनकी चूत में शराब डाल कर उसको चाटने लगा.


मस्त स्वाद आने लगा था. शराब की कड़वाहट और चूत का खट्टा कसैला स्वाद मिल कर मस्त टेस्टी सा मजा दे रहे थे.


एक बार मैं एक बार में ब्लडी मैरी का पैग मँगवाया था. उसमें जिन के साथ टमाटर जूस को मिक्स करके बनाया गया था.


आज उस ब्लडी मैरी का स्वाद मुझे आंटी की चूत में शराब डालकर चाटने से फिर से आने लगा था.


आंटी को भी अपनी चूत चटवाने में बहुत सुकून मिल रहा था. वे अपनी गांड उठाती हुई मेरे मुँह में चूत दे रही थीं और बहुत ज्यादा मचल रही थीं.


कुछ मिनट तक मैं आंटी की चूत चाटता रहा … फिर वे झड़ गईं. अब वे फिर से मेरे लंड को चूसने लगीं.


लंड खड़ा हो गया तो मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनके दोनों पैरों को अपने दोनों कंधों पर रख कर पोजीशन बना ली. अपने कड़क लंड को मैंने उसकी चूत में सैट कर दिया और धीरे धीरे लंड अन्दर घुसेड़ने लगा.


आंटी के चेहरे में खुशी का अहसास झलक रहा था.


फिर जैसे ही मैंने एक जोरदार धक्का मारा, तो आंटी की चीख निकल गयी. वे गाली देने लगीं- धीरे चोद मादरचोद … मजा लेने आई हूँ, दर्द सहने नहीं!


मैं आंटी को धीरे धीरे करके चोदने लगा. कुछ समय बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.


अब वे मस्त हो गई थीं और आह आह की आवाज निकाल रही थीं. उनकी बॉडी मेरी बॉडी से रगड़ रही थी, चूत से लंड फाट फाट करते हुए आवाज कर रहा था. इस सबकी मिली जुली आवाज पूरे रूम में गूंज रही थी.


आंटी अपनी आंखें बंद करके मुस्कुरा मुस्कुरा कर चुदवा रही थीं. कुछ मिनट के बाद मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और उनके पीछे से लंड पेल कर चोदना चालू कर दिया.


वह और जोर जोर से आहें भर रही थीं. मुझे भी मजा आ रहा था, तो मैंने आंटी की कमर पकड़ ली और फुल स्पीड में जोर जोर से चोदना चालू कर दिया.


वह मजे से चुदवा रही थीं.


कुछ पल बाद मैंने उन्हें वापस बेड पर लिटा दिया और उनके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर लंड को चूत पेल दिया. लंड अन्दर पेलते ही मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से चोदने लगा.


वे अब तक दो बार झड़ चुकी थीं और मेरे लंड को अभी असर ही नहीं हुआ था. वे बार बार रुकने के लिए कह रही थीं, मगर मैं उनकी एक नहीं सुन रहा था.


अचानक उन्होंने हाथ जोड़ते हुए कहा- अब रहने दे मेरे बाप … मुझसे अब और नहीं चुदवाया जा रहा है. उनकी इस तरह की बात सुनकर मुझे हंसी आ गई कि यह चुदवाती हुई अपने बाप को याद कर रही है.


मैंने रुक कर उन्हें चूमा और कहा- लेकिन मैडम, मेरा अभी नहीं हुआ है! वे बोलीं- मैं मुँह से कर दूँगी.


मैंने अपने लौड़े को आंटी की चूत से बाहर खींचा और उनके मुँह की तरफ कर दिया.


आंटी ने मेरे लंड में लगे सफेद झाग को देखा जो उनकी चूत के रस और मेरे लंड की मेहनत के कारण बन गए थे.


तब आंटी ने लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और सारा माल चाट कर साफ कर दिया.


मैं बिस्तर पर चित लेटा हुआ था और आंटी मेरे टट्टों को सहलाती हुई मेरे लौड़े को चूसती जा रही थीं. उनके होंठों की रगड़ लंड पर बड़ा आराम दे रही थी.


कुछ देर बाद मैं आंटी के मुँह में ही झड़ गया और वे मेरे सारे माल को गटक गईं. हम दोनों निढाल होकर लेट गए.


उसके बाद हम दोनों ने एक बार और सेक्स किया.


फिर मैडम ने मुझे एक लिफाफा दिया, जो नोटों से भरा हुआ समझ आ रहा था.


मैंने सर झुक कर उनका शुक्रिया किया. तो उन्होंने कहा- इसमें मेरा फोन नंबर भी है. मैं मैसेज करूंगी तो आते रहना!


मैंने हामी भरी और कमरे से बाहर आ गया. इसके बाद मैं कॉल बॉय बन गया और जल्द ही मैंने अपने दोस्तों से लिए कर्ज को चुका दिया.


दोस्तो, यह मेरी सच्ची मसाज़ सेक्स की कहानी है, आपको कैसी लगी … प्लीज बताएं. [email protected]


Aunty Sex Story

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ