आंटी की गर्म चूत चोदकर मजा लिया

राणा जी 7

02-06-2023

64,480

पोर्न आंटी को चोदा मैंने घर में! एक दिन मैं नहा रहा था तो आंटी ने मेरा लम्बा लंड देख लिया. धीरे धीरे मैं आंटी से शरारत करने लगा, हम आपस में खुलने लगे.


फ्रेंड्स, मैं यूपी का रहने वाला हूँ और मेरा नाम राहुल है. मेरी उम्र 20 साल है और मेरी हाईट 6 फीट की है. मेरे लंड की लम्बाई सामान्य से कुछ ज्यादा है.


मेरी पिछली कहानी मम्मी को चूत चुदाती देखा एक शादी में आप सबने पढ़ी और पसंद की. धन्यवाद.


आज आपको मैं अपनी और अपनी आंटी की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ. इसमें मैंने लिखा है कि कैसे अपनी पड़ोसन पोर्न आंटी को चोदा. यह कहानी मेरी सच्ची आपबीती पर आधारित है.


मेरी आंटी का नाम पारू है और उनकी उम्र 31 साल है. उनका फिगर 34-30-36 का है. वे इस उम्र में भी जवान लड़की लगती हैं. उनको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता है. जब वे अपनी गांड मटकाती हुई चलती हैं, तो सभी का लंड खड़ा हो जाता है और हर कोई मेरी आंटी को चुदासी नजरों से देखने लगता है.


जब भी मैं आंटी को देखता हूँ, मेरा मन आंटी को चोदने का होता है. कभी कभी तो मैं सोचता हूँ कि साली को अभी पटककर चोद दूं. मैं हमेशा उनकी ब्रा पैंटी को सूंघकर मुट्ठ मारता हूं और उनकी पैंटी में अपना माल गिरा देता हूं.


मैंने कई बार आंटी को नहाती देखा है. आंटी जब नंगी होकर नहाती हैं तो मैं छिप कर उन्हें नंगी देखता हूँ और मुट्ठ मार लेता हूँ.


एक दिन मैं नहा रहा था; नहाकर मैं अपना कच्छा पहन ही रहा था कि तभी आंटी आ गईं. उन्होंने धक्का देकर बाथरूम का दरवाजा खोल दिया.


उस दिन घर पर कोई नहीं था, तो मैंने दरवाजा अन्दर से लॉक नहीं किया था.


जैसे ही आंटी ने दरवाजा खोला, तो मेरा खड़ा लंड देखकर आंटी चिल्ला कर भाग गईं. फिर मैं बाहर आया तो देखा कि आंटी बाहर बैठी थीं.


मैं आंटी के पास गया तो आंटी भी नीचे देख रही थी और मैं भी संकोच से नीचे देख रहा था.


तभी आंटी चिल्लाकर बोलीं- दरवाजा अन्दर से लॉक नहीं कर सकते थे क्या?


मैंने भी बोला- आपको क्या जरूरत थी आकर दरवाजा खोलने की? आंटी बोलीं- मैं तो बस मजाक कर रही थी, मुझे क्या पता था कि तू दरवाजा खुला छोड़कर नहा रहा है.


मैंने भी मजाक करते हुए बोल दिया- वैसे आपने देखा तो कुछ नहीं ना? अब आंटी हंसती हुई बोलीं- साले कुत्ते … मुझे दिखा रहा था क्या?


ये कह कर वे मुझे मारने को हुईं. मैं भागा तो वे भी मुझे मारने के लिए मेरे पीछे भागीं.


तब मैं दौड़कर अपने रूम में चला गया. आंटी भी रूम में आ गईं.


मैं भागता हुआ बेड के पास खड़ा हुआ तो आंटी भी भागती हुई आईं और आकर मुझसे टकरा गईं.


हम दोनों बेड पर गिर गए. मैं नीचे और आंटी मेरे ऊपर गिर गईं.


मैंने भी मौका देखते हुए आंटी की दोनों चूचियां दबा दीं और एक को पकड़े रहा.


आंटी चिल्ला दीं- आह … साले छोड़. मैंने उनकी चूची छोड़ दी.


वो मेरे ऊपर से उठकर वहां से अपने कमरे में चली गईं.


फिर मैंने सोचा कि आंटी किसी को बता ना दें … तो मैं माफी मांगने आंटी के पास आ गया.


मैंने आंटी से कहा- सॉरी आंटी! आंटी बोलीं- सॉरी किसलिए?


मैंने जानबूझकर बोला- मैंने आपकी चूची दबा दी थी, वे गलती से हो गया था … इसलिए सॉरी! आंटी चूची सुनकर एक बार को तो सकपका गईं, मगर अगले ही पल वे बोलीं- ओके कोई बात नहीं … धोखे में हो जाता है.


मैंने पूछा- आपको बुरा नहीं लगा? आंटी मेरे पास आईं और मेरा कान पकड़कर बोलीं- साले एक तो गलती की … और पूछ रहा है कि बुरा तो नहीं लगा? मैं डर गया और सॉरी बोलने लगा.


आंटी बोलीं- मैं तेरी मम्मी को ये बात तो जरूर बताऊंगी. ऐसा बोलकर आंटी वहां से अन्दर चली गईं.


मैं भी अपने कमरे में आ गया.


फिर जब सब लोग घर आ गए, तो मैंने सोचा कि आंटी कहीं वास्तव में ना बता दें. अब मुझे बहुत डर लग रहा था.


लेकिन आंटी ने किसी को कुछ नहीं बताया. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.


अब मैं इसी तरह आंटी को जानबूझकर छूने लगा था, वे भी देख लेती थीं तब भी मैं ऐसा करता रहता था.


उनकी चुप्पी से मुझे हिम्मत मिलती गई और मैंने एक दिन उनकी गांड पर भी हाथ फेर दिया. आंटी ने मुस्कुरा कर हाथ से मुक्का मारने का इशारा कर दिया. तो मैंने कान पकड़ कर एक चुम्मी लेने जैसे होंठ गोल करके आंटी को छेड़ा.


आंटी हंसने लगीं. मैं समझ गया कि लाइन क्लियर है.


अब मैं आंटी की सवारी का अवसर खोजने लगा.


एक दिन घर वाले किसी शादी में जा रहे थे. मेरी क्लास चालू थीं तो मैं घर पर ही रुक गया.


मम्मी ने आंटी को मेरे लिए खाना बनाने के लिए कह दिया और वे सब चले गए.


उस दिन मैं बाथरूम में आंटी की पैंटी में मुट्ठ मार रहा था और आंटी का नाम ले रहा था.


तभी आंटी ने आवाज दी- दरवाजा खोल! मैं डर गया और मैंने कहा- बस थोड़ी देर में खोलता हूँ.


आंटी ने चिल्लाकर कहा- जल्दी दरवाजा खोल! मैं डर गया और मैंने दरवाजा खोल दिया. अन्दर मैं बिल्कुल नंगा था और मेरा लंड एकदम टाइट खड़ा था.


आंटी कुछ देर तो ऐसे ही देखती रहीं, फिर बोलीं- अभी तू क्या बोल रहा था? मैंने कहा- कुछ नहीं! तो आंटी बोलीं- मेरी पैंटी कहां है?


इतने में मैंने दरवाजा बंद कर दिया और आंटी को पीछे से पकड़कर आंटी के बूब्स दबाने लगा.


आंटी खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगीं लेकिन मैंने उन्हें नहीं छोड़ा. मैं अपना लंड आंटी की साड़ी के ऊपर से आंटी की गांड पर रगड़ने लगा था.


थोड़ी देर बाद आंटी बोलीं- अअह कमीने जरा धीरे दबा साले … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने आंटी के ब्लाउज के अन्दर हाथ डाल कर उनकी चूची हॉर्न के जैसे दबा दी.


आंटी ने कहा- आंह छोड़ … ये क्या कर रहा है? मैंने कहा- दूध दबा रहा हूँ.


तो आंटी बोलीं- अभी नहीं, बाद में … जब तेरे अंकल बाजार चले जाएंगे … तब सेक्स करेंगे. मैंने कहा- तब तक एक बार मुट्ठ तो मार दो!


आंटी ने मेरे लंड को पकड़ कर मुट्ठ मारी और माल निकाल कर वे चली गईं. मुझे आंटी से लंड पकड़वाने में बहुत मजा आया था.


फिर मैं भी नहाकर बाहर आ गया और अंकल के जाने का इंतजार करने लगा.


थोड़ी देर बाद अंकल चले गए तो मैं आंटी के रूम में गया और अन्दर जाकर आंटी को पकड़कर उनके बूब्स दबाने लगा. आंटी बोलीं- आ गया कमीने … साले लंड हिलवा कर भी चैन नहीं पड़ा!


आंटी ने इस भाषा में कहा तो मैं भी बिंदास बोला- साली रंडी … कब से तुझे चोदने की सोच रहा था, लेकिन मौका ही नहीं मिला. तो आंटी बोलीं- हां, मैं भी तुझसे चुदवाना चाहती थी लेकिन मेरे अन्दर भी कहने की हिम्मत नहीं हुई.


मैंने कहा- आज से मैं तुम्हें हमेशा चोदूंगा. आज के बाद तुम मेरी रंडी हो … समझी! आंटी बोलीं- हां मेरे राजा, आज के बाद तू ही मेरा पति है और मैं तेरी पत्नी हूँ. मै हमेशा तुझसे ही चुदवाऊंगी.


मैंने आंटी की साड़ी खोल दी और ब्लाउज के ऊपर से उनके बूब्स दबाने लगा.


आंटी मेरे लंड को पैंट के ऊपर से मसल रही थीं.


कुछ ही देर में मैंने आंटी को पूरी नंगी कर दिया और आंटी ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए.


मैं आंटी के एक दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को दबा रहा था. आंटी कामुक सिसकारियां ले रही थीं.


वो अपने दोनों दूध बड़ी मस्ती से चुसवा रही थीं और खुद अपने हाथ से अपने दूध का निप्पल मेरे मुँह में दे रही थीं.


मैं उनकी चूची को चूसता हुआ उनकी आंखों में देख रहा था. वे भी मुझे दूध चूसता हुआ देख रही थीं.


इस तरह से मुझे आंटी के चूचे चूसने में बड़ी कामुकता लग रही थी. मेरे अन्दर उत्तेजना और मदहोशी भर्ती जा रही थी.


मैंने एक हाथ से आंटी का हाथ पकड़ा और उनका हाथ अपने खड़े लौड़े पर रख दिया.


अब आंटी मुझे दूध चुसवाती हुई मेरे लंड को मुठिया रही थीं. कुछ देर बाद मैंने आंटी से लंड चूसने के लिए बोला, तो आंटी मेरे लंड को चूसने लगीं.


आंटी मेरे लंड को इस तरह से चूस रही थीं, जैसे कोई रंडी चूस रही हो. मैंने आंटी से पूछा- आप इससे पहले कितनों से चुदी हो?


आंटी बोलीं- अब तक मैं 12 मर्दों से चुद चुकी हूँ, जिसमें 2 मेरे टीचर भी शामिल हैं.


अब हम दोनों 69 पोजिशन में आ गए थे. मैंने आंटी की चूत चाटना शुरू की.


आंटी बोलीं- प्लीज अब और ज्यादा मत तड़पा, अब चोद दे … अपना मूसल लंड अन्दर डाल दे.


मैंने पोजीशन सैट की और अपना लंड आंटी की चूत पर रख कर चूत पर रगड़ने लगा.


मेरे लौड़े के गर्म सुपारे से चुत के दाने को रगड़ मिली तो आंटी को तो समझो आग लग गई.


आंटी बहुत तड़पने लगी थीं और अपनी गांड उठा कर लंड लेने की कोशिश कर रही थी. मगर मैं लंड हटा ले रहा था.


वो मुझसे अन्दर डालने को बोलने लगी थीं- अन्दर कर दे कमीने … क्यों तड़फा रहा है? मैंने ये सुनकर लंड को चूत पर रखा और एक जोर का झटका दे मारा. मेरा पूरा लंड आंटी की चूत में घुस गया.


उनकी तेज आह निकली और वे लंड खा गईं.


लंड सैट होते ही मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिए.


आंटी जोर जोर से सिसकारियां ले रही थीं और बोल रही थीं- अअह अह और जोर से … और जोर से चोद उह फाड़ दे मेरी चूत को आज … अपनी इस आंटी की प्यास को शांत कर दे अअह उम्म … और जोर से चोद.


इससे मेरा जोश बढ़ रहा था. मैं और जोर जोर से चुदाई करने लगा.


करीब 20 मिनट बाद मैं झड़ने को हुआ, तो मैंने आंटी से पूछा- शर्बत कहां निकालूँ? आंटी बोलीं- अह … अन्दर ही निकाल दे … मुझे अपने बच्चे की मां बना दे.


मैंने अपना माल आंटी की चूत के अन्दर ही निकाल दिया और आंटी के ऊपर निढाल होकर गिर गया.


फिर कुछ देर बाद आंटी उठीं और मेरा लंड चूसने लगीं.


थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. इस बार मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और पीछे से आंटी की चूत में लंड डाल कर आंटी की ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.


पोर्न आंटी को चोदते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था. जब मैं आंटी को धक्के लगाकर चोद रहा था, तो धक्के लगने से आंटी के बूब्स आगे पीछे होते हुए लटक रहे थे. मुझे बहुत मजा आ रहा था.


मैंने इस बार लंड आंटी के मुँह में डाल दिया और 2-4 धक्के मारने के बाद आंटी के मुँह में ही झड़ गया.


आंटी सारा वीर्य पी गईं और मेरा लंड चूस कर साफ़ कर दिया.


मैंने कहा- आंटी, मेरा लंड कैसा लगा? आंटी हंस कर बोलीं- मस्त लंड है. इससे चुदकर मजा आ गया.


दोस्तो, इस तरह मैंने अपनी आंटी की चुदाई की. अब जब भी मौका मिलता है, हम दोनों चुदाई कर लेते हैं.


आपको मेरी पोर्न आंटी की चुदाई कहानी कैसी लगी … कमेंट में जरूर बताएं. आप मेल पर भी बता सकते हैं. [email protected]


Aunty Sex Story

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ