मेरी मम्मी पड़ोसी अंकल से चुद गईं- 1

दिवाकर सिंह

24-12-2023

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पोर्न इंडियन आंटी Xxx कहानी में मैंने पड़ोस के अंकल को एक अन्य पड़ोसन की चुदाई करते देखा. मैं भी उनके कमरे में घुस गया और आंटी को मेरे साथ सेक्स करने को कहा.


दोस्तो, मैं राहुल दिल्ली से हूँ. मेरी परिवार में मैं, मेरे पापा, मेरी सौतेली मम्मी और मेरी दीदी हैं. पापा का नाम विनोद है और वे 52 साल के हैं. मम्मी का नाम काजल है, वे अभी केवल 36 साल की हैं.


वे मेरी सौतेली मम्मी हैं लेकिन हम दोनों भाई बहनों को बहुत प्यार करती हैं.


हम दोनों भी अपनी मम्मी को बहुत चाहते हैं. मेरी दीदी का नाम नेहा है.


मेरे पापा एक कंपनी में काम करते थे, पर वहां उनका झगड़ा हो गया, उन्होंने जॉब छोड़ दी. मैंने उनसे कहा- पापा आप एक दुकान खोल लो. वे बोले- हां बेटा तू ठीक बोल रहा है.


मम्मी बोलीं- यहां नहीं, कोई दूसरे शहर में करते हैं. पापा बोले- हां, तुम भी ठीक बोल रही हो.


मैंने कहा- हां पापा, पानीपत ठीक रहेगा. मम्मी भी बोलीं- हां तुम सही बोल रहे हो.


पापा भी राज़ी हो गए और दीदी भी.


तब पापा ने एक ब्रोकर से बात कर ली. उसने सब काम करवा दिया. उसी ने हमें एक फ्लैट दिला दिया और दुकान भी.


पापा- तो हम लोग कब निकलें? मैंने कहा- दो हफ्ते में अपना सब कुछ सिमट जाएगा.


मेरी मम्मी- हां सही बोल रहा है तू. पापा- ठीक है, जो भी काम करने हैं, वे मैं सब खत्म करके आता हूँ.


मेरी मम्मी- ठीक है आप जाइए. फिर हमने सामान की पैकिंग शुरू कर दी. दो ही दिन में सब हो गया.


पापा ने एक ट्रक मंगवा कर सब कुछ सैट करवा दिया … और हम सब पानीपत चल दिए. हम लोग दो घंटा में ही पानीपत पहुंच गए.


फिर हम लोगों को सब सामान लगाने में पूरे दो दिन लग गए.


मुझे अपना दाखिला करवाना था, मैंने कोशिश करके अपना दाखिला भी करा लिया. दीदी का भी दाखिला हो गया.


पापा की भी दुकान ठीक हो गई और कुछ ही समय में सब सामान्य हो गया.


ऐसा ही दो महीने बीत गए. सब सामान्य चल रहा था.


कुछ समय बाद दीदी की जॉब लग गई तो हम सब बहुत खुश हो गए थे.


मम्मी और दीदी की खूब बनती थी, वे दोनों हर विषय में खुले दिमाग की थीं तो खुल कर मज़ाक भी करती थीं. उनके बीच सहेलियों के जैसे बात होती थी.


फिर दीदी जॉब पर पुणे चली गईं तो मम्मी उदास रहने लगीं. पापा एक दिन अपने एक दोस्त के साथ घर आए. उन दोनों ने चाय पी और बातें करने लगे.


पापा ने बताया कि ये समीर अंकल हैं और हमारे ही अपार्टमेंट में ऊपर की मंजिल में रहते हैं.


इस तरह से समीर से हम लोगों का परिचय हुआ.


समीर अंकल की उम्र चालीस के करीब की रही होगी. वे शरीर से पहलवान जैसे लग रहे थे.


पापा बताने लगे- हमारी दुकान के पास ही इनकी चिकन की दुकान है, वहीं इनसे मुलाकात हो गई थी.


फिर समीर अंकल बोले- अच्छा विनोद भाई अब मैं चलता हूँ. आप लोग भी कभी मेरे घर आइएगा, कुछ छोटी मोटी पार्टी करते हैं.


पापा बोले- हां सही है, कभी समय निकाल कर आते हैं. अंकल बोले- भाभी जी आप नॉनवेज खाती हैं ना! तो मम्मी बोलीं- जी, मैं खा लेती हूँ.


फिर एक दिन शाम को अंकल ने हमें अपने घर बुलाया. हम लोग गए.


अंकल ने बहुत मस्त चिकन बनाया था. खुशबू भी मस्त आ रही थी और चिकन बहुत टेस्टी बना था.


मैंने और मम्मी ने खाना खा लिया. पापा और अंकल दारू पीने लगे.


तो मैंने मम्मी से कहा- हम दोनों चलते हैं, इन्हें अभी देर लगेगी. मम्मी बोलीं- हां ठीक है, चलो. हम दोनों अंकल को थैंक्स बोल कर निकल गए.


मम्मी बोलीं- बहुत बढ़िया चिकन बनाया था, ऐसा चिकन बनाना मुझे भी सीखना है. मैं बोला कि अंकल से सीख लो न! तो मम्मी बोलीं- हां तुम ठीक बोल रहे हो.


हम दोनों घर आ गए और कुछ देर अंकल के घर की बातें करने के बाद मम्मी अपने कमरे में सोने चली गईं. जब मैं रात को पानी पीने उठा, तो मैंने सुना कि मम्मी के रूम से कुछ आवाजें आ रही थीं.


मैंने कमरे में झांक कर देखा, तो पापा मम्मी को चोद रहे थे. कुछ देर बाद पापा झड़ गए लेकिन मम्मी का अभी कुछ भी नहीं हुआ था.


उसी वजह से मम्मी पापा से नाराज होने लगीं और बोलीं- आप हमेशा ही पहले झड़ जाते हो. पापा ने कुछ नहीं कहा. वे नशे में थे तो सो गए.


मम्मी भी अपनी चूत में उंगली करके सो गईं.


मुझे दुख हुआ कि मम्मी को सुख नहीं मिल रहा है. मैं अपने रूम में आया और सोचने लगा कि मम्मी की संतुष्टि किस तरह से करवाई जाए.


तभी मुझे समीर अंकल का ख्याल आया. मैंने सोचा कि क्यों ना मम्मी को समीर अंकल से सैट करवा दिया जाए.


बस उसी मुद्दे पर सोचता हुआ मैं सो गया.


सुबह जागा, तो मैं फ्रेश होकर नाश्ता करके ऊपर सिगरेट पीने छत पर जा रहा था, तभी मुझे कुछ आह आह की आवाजें सुनाई दीं. मैंने कान लगा कर सुना, तो कोई चुदाई कर रहे थे.


मैंने खिड़की से देखा तो औरत का चेहरा साफ दिख रहा था. मैंने मोबाईल में वीडियो बनानी शुरू कर दी.


औरत- आह मेरा होने वाला है. आदमी- आह मेरा भी … किधर डालूँ?


औरत- मेरे अन्दर ही टपका दो, मैं तुम्हारी औलाद की मां बनना चाहती हूँ. आदमी- ओके तो लो, डाल दिया.


खेल खत्म होने तक की मैंने उन दोनों की चुदाई की वीडियो बना ली.


फिर कुछ समय बाद मैंने छुप कर देखा, तो रूम से समीर अंकल निकल रहे थे. वह औरत समीर अंकल की मंजिल में ही एक अलग फ्लैट में रहने वाली किराएदारनी थी.


उसका नाम चांदनी था.


तभी मैंने देखा कि चांदनी आंटी ने दरवाजे के पास आकर बाहर जाते हुए समीर अंकल को किस की. फिर समीर अंकल चले गए.


चांदनी आंटी ने दरवाजा बंद कर लिया. कुछ देर सोचने के बाद मैंने चांदनी के फ्लैट के दरवाजे पर दस्तक दी.


तो उसने दरवाजा खोला. चांदनी- कौन? मैं- मैं राहुल, आपके अपार्टमेंट में नीचे वाले फ्लैट में रहता हूँ.


चांदनी- हां तो … क्या चाहिए? मैं- आप और समीर अंकल को देख रहा था. वह सब कब से …?


चांदनी- क्या कब से? मैं- वही … आह ओह …


चांदनी- यह क्या बकवास है … मैं नहीं जानती किसी समीर को! मैं- तो ये क्या है?


मैंने उसे वीडियो दिखा दी. वीडियो देखते ही उसके होश उड़ गए.


चांदनी धीमी आवाज में बोली- तुमको क्या चाहिए? मैं- ज्यादा कुछ नहीं, बस आपको मेरा एक काम करना है.


चांदनी- कौन सा काम? मैं- आपको समीर से मेरी मां चुदवानी है.


चांदनी- ये क्या बोल रहे हो? मैं- हां मैं सही बोल रहा हूँ. मेरी मां सेक्स लाइफ में खुश नहीं है … इसलिए.


चांदनी- ऊओ … यार मेरा भी वही प्राब्लम है, इसी लिए तो मैं समीर से चुदवा रही थी. मैं- काफ़ी मस्त गांड है तुम्हारी और बुर भी!


चांदनी ने एकदम से आवाज बदली और बोली- हद में रह मादरचोद … जाकर अपनी मां चुदा समीर से … आया बड़ा भोसड़ी का … मेरी बुर और गांड की बात करने वाला!


मैंने भी अपनी टोन बदल दी- साली मादरचोद छिनाल … ये वीडियो लीक कर दूँ क्या रंडी? चांदनी सकपका गई और बोली- नहीं नहीं यार सॉरी … आई एम सो सॉरी.


मैं- तो चुपचाप काम कर … और हां जब जब मैं बोलूँगा, तुझे मेरे लंड से भी चुदना पड़ेगा मुझसे! चांदनी- यार प्लीज ये नहीं!


मैं- साली, समीर को तो गांड उठा उठा दे रही थी बहन की लौड़ी … और उसके बच्चे की मां बनना चाहती है और मुझसे चुदने में इतने नखरे … क्या हुआ? चांदनी- ओके यार, चल ठीक है … तू भी चोद लेना लेकिन किसी को पता ना चले.


मैं- ओके नहीं चलेगा. तो आज रात को रेडी रहना, मैं आऊंगा. चांदनी- नहीं यार, आज समीर आएगा.


मैं- तो अच्छा है ना, मैं और वह दोनों मिल कर चोदेंगे! चांदनी- ओके चल एक काम करना, जब वह मुझे चोदेगा ना … तभी आ जाना, उस वक्त तुम हमें रंगे हाथ पकड़ कर मामला सैट कर लेना. मैं- ओके.


फिर मैं नीचे आ गया और खाना खाकर सो गया. जब मैं उठा तो देखा कि चांदनी मेरे घर आई थी, वह ड्राइंग रूम में बैठी थी.


जब मैं मम्मी के पास गया, तो मम्मी बोलीं- बेटा इनको हैलो बोलो, ये चांदनी आंटी हैं. हमारे अपार्टमेंट में ऊपर वाले फ्लैट में ही रहती हैं. मैंने चांदनी को हैलो बोला. तो वह हंस कर बोली- हैलो बेटा.


उसने मुझे देख कर हंसी बिखेरी और मेरी मम्मी से नजरें बचा कर आंख दबा दी.


फिर मम्मी मुझसे बोलीं- ये यहां ब्यूटी पार्लर चलाती हैं, आज मैं इनके पार्लर में गई भी थी. मैं बोला- अरे वाह … अच्छा है ना मम्मी, आपकी अकेले रहने वाली समस्या खत्म हो गई और साथ ही ब्यूटी पार्लर वाली दिक्कत भी खत्म हो गई.


उन दोनों को बातें करता छोड़ कर मैं बाहर निकल गया. मेरा सिगरेट पीने का मन हो रहा था और मैं नीचे सड़क पर कुछ देर घूमने के बाद वापस घर आ गया.


रात को खाना खाकर मैं अपने रूम में आराम करने लगा. फिर सिगरेट पीने के लिए ऊपर चला गया.


मैंने समीर अंकल के फ्लैट की विंडो से देखा कि उनके रूम में कोई नहीं था. तो मैं समझ गया कि उस समय पक्के में चांदनी की ठुकाई हो रही होगी.


जब मैं चांदनी के फ्लैट के पास गया तो उसकी खिड़की से झांक कर देखा कि समीर चांदनी की फ़ुद्दी चाट रहा था.


फिर चांदनी बोलने लगी- अब चोद भी दे मुझे साले मादरचोद … क्या चूत ही चाटता रहेगा? समीर बोला- चुप साली रंडी, तेरी चूत का पानी पीने के बाद ही तो मेरे लौड़े में ताकत आती है, अब मैं तुझे चोदता हूँ.


मैंने सोचा कि यही अच्छा समय है … मैंने एक झटके मैं दरवाजे को खोल दिया और अन्दर आ गया.


मैं चांदनी आंटी का नाम लेते हुए अन्दर घुसा था. वे दोनों मुझे देख कर डर गए.


मैंने भी अपना मुँह पर हाथ रख कर कहा- अरे ये क्या?


समीर अंकल ने कुछ नहीं बोला और वह चांदनी के ऊपर से अलग होकर अपनी लुंगी पहनने लगे. चांदनी ने भी अपना बदन एक चादर से ढक लिया.


मैंने कहा- हम्म … यहां तो कुछ नहीं, बहुत कुछ हो रहा है! समीर ने कहा- यार, किसी को कुछ नहीं बोलना.


मैंने कहा- इस बात को दबाए रखने के एवज में मुझे भी कुछ चाहिए. समीर हंस कर बोला- हां आ जा … तू भी मज़ा ले ले इस रंडी का.


चांदनी बोली- क्या यार समीर, तुम ऐसा कैसे बोल सकते हो? समीर बोला- अरे चुप कर, एक और खूंटा गाड़ने से तेरा छेद कोई फट नहीं जाएगा रंडी … बस थोड़ा और बड़ा हो जाएगा. उससे तुझे क्या फर्क पड़ता है?


तभी मैं नंगा हो गया और मैंने समीर से कहा- अंकल आप पीछे हट जाओ … आज मैं इसकी चूत मारूँगा. समीर मेरे लंबे मोटे लंड को देखता हुआ बोला- ओके, ले मार ले भाई.


मैंने चांदनी के दूध मसलते हुए कहा- साली क्या माल है समीर अंकल … आपने कैसे पटा लिया इस रंडी को!


समीर अंकल- अरे भाई ये खुद मुझसे चुदना चाहती थी. इस साली का पति इसको चोद ही नहीं पाता है. चांदनी- चुप करो तुम दोनों!


समीर- चुप तू कर साली रंडी … चोद रहे हैं, तो चुपचाप चुदवा ले. नहीं तो लंड के लिए तरस जाएगी कुतिया.


मैंने चांदनी की टांगों के बीच में हाथ चलाते हुए कहा- यार समीर अंकल … सच में यह बहुत मस्त माल है यार! पोर्न इंडियन आंटी चांदनी- तेरी मां भी तो मस्त है कुत्ते … उसको क्यों नहीं चोद लेता और इस समीर को भी ले जा … इसके लौड़े से भी चुदवा दे साले!


चांदनी मेरी लाइन पर चलने लगी थी.


मैं- ये तो समीर अंकल जाने और उनका काम जाने कि उनको क्या करना है. फिलहाल तो आंटी तू अपनी टांगें खोल, मुझे तेरी चूत चोदनी है. चांदनी ने अपनी टांगें फैलाईं और कहने लगी- अच्छा … इसका मतलब तू समीर से अपनी मां चुदवाने के लिए राज़ी है? तुझे इस बात से कोई दिक्कत नहीं है कि तेरी मां किस किस से अपनी चूत चुदवाती है?


मैं- मुझे क्या दिक्कत होगी? जब मां खुद समीर अंकल से चुदवाना चाहे तो वह चुदवा ले. समीर ने यह सुना तो उसने चांदनी की तरफ देखा.


चांदनी ने समीर को एक और चूत मिलने की बात अपनी आंख दबा कर समझा दी.


समीर- भाई सच में तुझे कोई दिक्कत नहीं है? मैं- नहीं यार अंकल … मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन ज़बरदस्ती नहीं होनी चाहिए … ओके!


चांदनी- अगर वह न मानी तो? मैं- वह सब समीर अंकल जाने.


चांदनी- मैं एक काम करूं, तुम्हारी मां को इसके नीचे लिटा दूँ, तब तो तुमको कोई दिक्कत नहीं होगी? मैं- नहीं यार … वैसे भी मम्मी, पापा से खुश नहीं हैं.


चांदनी- यह तुमको कैसे मालूम? मैंने हंस कर दांत दिखा दिए.


दोस्तो, समीर अंकल ने मेरी मां की चूत किस तरह से चोदी और सेक्स कहानी में क्या क्या रंग खिले, वह सब मैं आपको सेक्स कहानी के अगले भाग में बताऊंगा. आप मुझे बताएं कि आपको मेरी पोर्न इंडियन आंटी Xxx कहानी कैसी लग रही है. [email protected]


पोर्न इंडियन आंटी Xxx कहानी का अगला भाग:


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