मस्त कामुक आंटी ने मेरे लंड को मजा दिया

विक्रम 4

30-09-2023

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सेक्सी आंटी सक माय पेनिस. पड़ोस की दुकान वाली आंटी ने मेरा लम्बा लंड देख लिया था. एक दिन मौक़ा देखकर आंटी ने मुझे दुकान के अंदर बुलाया और मेरा लंड पकड़ लिया.


हाय दोस्तो, मैं इस सेक्स कहानी वाले पटल पर एक नया लेखक हूँ. मेरा नाम विक्रम है. मैं दिल्ली से हूँ. मेरी हाईट 6 फीट है और उम्र 21 साल है.


मेरा लंड सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा है. पहले मुझे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था.


यह सेक्सी आंटी सक माय पेनिस वाली घटना 3 साल पुरानी है. मैं तब बारहवीं के एग्जाम देने के बाद छुट्टियों में क्रिकेट खेलने दोस्तों के साथ जाया करता था.


वहां मैदान के पास बहुत घर बने थे. सामने खुला मैदान था और उसके बाद कुछ झाड़ झकाड़ लगे थे.


उधर ही मेरे दोस्त के एक परिचित अंकल आंटी की दुकान थी. वहां हम क‌ई दोस्त उसी दुकान में रखे मटके से पानी पिया करते थे.


वह दुकान एक आंटी जी चलाती थीं. मैं उनको आंटी जी कह कर बुलाया करता था. अंकल जी ट्रक चलाते थे तो वे ज़्यादतर घर से बाहर ही रहते थे.


आंटी जी 40 वर्ष की होंगी. वे बेहद खूबसूरत थीं. मैं उनको पसंद करने लगा था. वे भी मुझे बड़ी कशिश भरी नजरों से देखती थीं.


मैं पहले से काफी मजाक पसंद लड़का था और सभी से मजाक किया करता था.


एक बार मैंने उनसे अपनी इसी मजाक वाली आदत के चलते पूछ लिया- आंटी जी, आप मुझे इतने प्यार से क्यों देखती हैं? मेरे इस सवाल पर वे मुस्कुरा दीं और बोलीं- तुम मुझे प्यार लगते हो, इसलिए मैं तुम्हें प्यार से देखती हूँ. मैंने कहा- अरे आंटी क्यों मजाक कर रही हैं. मैं इतना प्यारा होता तो मुझे कोई लड़की भी प्यार से न देख लेती!


वे खुल कर हंसने लगीं और बोलीं- लड़कियों में जरा शर्म होती है ना तो वे देर से मुस्कुराती हैं. उनकी इस बात से मुझे कुछ समझ में तो आया, पर मैं अभी भी ज्यादा कुछ नहीं समझ पाया था.


खैर … इसके बाद एक बात ये अच्छी हुई कि मैं आंटी से बातें करने लगा. वे भी मुझे अपने पास बिठा लेती थीं और काफी देर देर तक मुझसे बात करती रहती थीं.


हम दोनों के बीच ज्यादातर बातें फिल्मों को लेकर होती थीं. वे मुझसे फिल्मी हीरोइन के बारे में बात करती थीं कि तुझे कौन सी हीरोइन अच्छी लगती है.


इस सबसे ये हुआ कि मैं आंटी से कुछ ज्यादा ही खुलने लगा था. अब सेक्स को लेकर हल्के फुल्के अडल्ट जोक भी हम दोनों के बीच होने लगे थे.


एक दिन आंटी ने पूछा- तुझे नई हीरोइनों में कौन सी हीरोइन पसंद है? मैंने उनकी तरफ शरारत से देखा और कहा- मैं सही बताऊं? उन्होंने हंस कर कहा- हां सही ही बता.


मैंने कहा- मुझे सनी लियोनी पसंद है. वे कहने लगीं- अरे उसे ऐसी कौन सी खास एक्टिंग करना आती है?


मैंने कहा- उसकी एक्टिंग के तो लोग दीवाने हैं. अपने मोबाईल में उसकी फिल्मों को सेव करके रखते हैं. वे समझ गईं और हंसने लगीं.


मैंने कहा- आप क्यों हंस रही हैं आंटी? वे बोलीं- तेरे मोबाईल में उसकी कोई फिल्म है क्या?


मैंने कहा- क्यों आपको देखनी है क्या? हम दोनों यही सब बात कर रहे थे कि मेरा एक दोस्त आया और बोला- चल क्रिकेट खेलते हैं.


मैंने कहा- हां तुम चलो, मैं अभी आता हूँ.


वह चला गया और मैंने आंटी से कहा- मैं आपको मोबाईल में फिल्म लगा कर दे देता हूँ. आप देखना … मैं थोड़ी देर बाद मोबाईल ले जाऊंगा.


उन्होंने सर हां में हिला दिया और मैंने सनी की एक ट्रिपल एक्स ब्लू फिल्म लगा कर उन्हें मोबाईल पकड़ा दिया और चला गया. वे देखने लगीं.


अब चुदाई की फिल्म देख कर आंटी की चूत रिसने लगी होगी.


उस एक फिल्म के बाद आंटी दूसरी फिल्मों को देखती रहीं और जब मैं पानी पीने के बहाने से उनके करीब आया, तब मैंने देखा कि उनका चेहरा एकदम लाल हो गया था.


उन्होंने मुझे देखा और मोबाईल वापस कर दिया. मैंने उनकी तरफ मुस्कुरा कर देखा तो उनकी आंखों में भी वासना दिख रही थी.


फिर दो दिन बाद की बात है.


उस दिन जब मैं फील्डिंग कर रहा था तो सामने वाले खिलाड़ी ने खुले की तरफ़ सिक्स मार दिया. उससे गेंद काफी दूर चली गई थी. जिधर को गेंद गई थी, उधर काफी झाड़ियां थीं.


मैं गेंद लेने झाड़ियों में गया तो देखा एक झाड़ी के पीछे कोई शौच कर रहा था. वह साफ साफ समझ तो नहीं आ रहा था कि कौन है पर कोई न कोई था जरूर.


मैंने पत्थर फेंका, तो वह उठा नहीं. मैंने फिर से पत्थर फेंका, तब भी नहीं उठा.


अब मैंने सोचा कि क्यों न इसे मूत कर भगाया जाए.


मैं उन झाड़ियों के पास नजदीक में गया और मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया.


मेरी आवाज से वह खड़ा हो गया था. यह मैं पहली बार कर रहा था तो मुझे बहुत मजा आ रहा था.


जैसे ही मैंने झाड़ी के पास जाकर लंड उस तरफ किया, तो मैंने देखा कोई औरत अपना मुँह ढक कर शौच कर रही थी.


मुझे इस तरह से लौड़े को बाहर निकाल कर देखकर वह खड़ी हो गई. वह अपना मुँह ढकी हुई थी.


मैं बस उसे देखता रहा.


मेरा लंड सात इंच लम्बा लौड़ा बाहर झूल रहा था और वह औरत लंड को देख रही थी. तभी मुझे मूत आ गया और वह औरत लंड को देखते हुए अपनी साड़ी ठीक करने में लगी थी.


मुझे पता नहीं था कि मेरा लंड झटके मार रहा है. तभी मैंने मूतना शुरू कर दिया तो मेरा मूत उस औरत की साड़ी पर गिरने लगा.


वह औरत मुझे देखने ‌‌लगी और दूर को होने लगी.


उसी समय मेरे लौड़े ने एक तगड़ा झटका लगा दिया और मेरा मूत उस औरत के मुँह पर जा लगा. ऐसा हुआ तो मुझे एकदम से होश सा आया कि ये क्या हो गया.


उसी समय मेरे दोस्त ने मुझे आवाज लगा दी.


अब मैंने ध्यान दिया कि उस औरत के कपड़े मेरे मूत से भीग गए हैं. मैं उससे सॉरी बोलने लगा.


उसने खांसते हुए मुझे मेरे लंड की तरफ इशारा किया और वह औरत जाने लगी.


मैं अपने लंड को अन्दर करते हुए औरत को देखने लगा. वह औरत मुझे पीछे मुड़कर देख रही थी और मुँह छिपा कर हंस रही थी. उसके हाथ में गेंद थी.


उसने मेरी तरफ गेंद उछाल दी और मैंने गेंद लपक कर वापस फील्ड में फेंक दी. अब मुझे अपनी गलती पर क्रोध आ रहा था.


उस औरत को देखने पर मुझे वह बहुत सेक्सी माल जैसी लग रही थी. उसका चेहरा मैं सही से नहीं देख पाया, पर उसके दूध और गांड बड़े जोरदार लग रहे थे.


उस दिन की बात आई गई हो गई.


फिर मैं जब भी दुकान पर जाता तो आंटी जी मुझे देख कर प्यार से मुस्कुरा दिया करतीं या फिर कुछ काम करने को कहतीं.


एक दिन की बात है. मैं खेलते हुए गिर गया और मुझे पैर में चोट आ गई. मैं खेल से बाहर हो गया था. तो मुझे दोस्तों ने आंटी जी की दुकान पर छोड़ दिया.


मैं वहां बैठ कर मैच देख रहा था.


तभी आंटी जी ने कहा- विक्रम, तुम यहां आओ और दुकान देखना. मैं अभी अपने लिए चाय बना कर लाती हूं. तब तक तुम दुकान संभालना. उन्होंने मुझे दुकान में बिठा दिया और मुस्कुरा कर चाय बना कर ले आईं.


हम दोनों ने चाय पीते हुए बातें करना शुरू की. आंटी जी बोलीं- तुम बहुत शरारती हो और हैंडसम भी.


वह मुझे देख कर खड़ी हो गईं और मेरे पास आने लगीं. मैं उठ रहा था तो आंटी बोलीं- बैठे रहो.


मैं बोला- अरे आंटी जी आप यहां पर बैठो, मैं बाहर बैठता हूँ. वह बोलीं- नहीं, हम दोनों एक साथ बैठ कर मज़ा करते हैं.


मैंने कहा- क्या मतलब आंटी जी? वे बिना कुछ कहे सीधे मेरी गोद में बैठ गईं और मुझे चूमने लगीं.


मैंने कहा- आंटी जी, यह क्या कर रही हैं आप? वे बोलीं- उस दिन का बदला ले रही हूं.


‘मतलब?’ आंटी जी ने मेरे पेट पर हाथ रख कर मेरे लौड़े को पकड़ लिया और कहा- मतलब ये कि विक्रम, झाड़ी के पीछे तूने मेरे कपड़ों पर मूत दिया था.


अब मुझे समझ आ गया था कि वह महिला और कोई नहीं आंटी जी ही थीं. मैं- अरे आंटी जी, वह औरत आप थीं? आंटी जी बोलीं- हां.


उसी पल आंटी जी उठ कर अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गईं और मेरे लंड को बाहर निकाल कर उसे सहलाने लगीं.


मुझे एक औरत के हाथ से लंड सहलवाने में बहुत मजा आ रहा था.


आंटी जी ने लंड को मुँह में लेते हुए कहा- तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है. वे ये कह कर लंड चूसने लगीं.


मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैंने आंटी के दूध दबाने शुरू कर दिए.


आंटी जी मेरे लंड को मुँह में लेकर बहुत अच्छे तरीके से चूसने लगीं और साथ ही वे लौड़े को हिला भी रही थीं.


तभी मुझे लगा कि मुझे मूत आ रहा है. मैंने आंटी जी से कहा.


तो आंटी हंसती हुई बोलीं- क्या तुम यह सब पहली बार कर रहे हो? मैंने कहा- हां आंटी जी.


आंटी जी बोलीं- तुम्हें पेशाब नहीं आ रही है. तुम्हारे लंड का रस निकलने वाला है.


तब आंटी जी ने मेरे लंड को 15 मिनट तक चूसा और मैं उनके मुँह में झड़ गया.


मैंने जल्दी जल्दी अपने लंड को अन्दर किया और अभी कुछ और करता कि तभी मेरा एक दोस्त आ गया. उसने मुझसे साथ चलने को कहा.


हम दोनों जाने लगे.


आंटी मुस्कुरा कर बोलीं- अपने दोस्त को संभाल कर ले जाना.


मैंने उनकी तरफ देखा तो आंटी ने तीन बार आंख मार दी.


मैं और मेरा दोस्त घर आ गए.


अगले दिन रविवार था. मैं घर में बैठ कर टीवी देख रहा था.


तभी आंटी का फोन आ गया. उन्होंने कहा- आज तू जरा जल्दी आ जाना. मजे करेंगे. मैंने कहा- हां ठीक है. आता हूँ.


उन्होंने फोन कट कर दिया और एक घंटा बाद मैं आंटी के पास चला गया.


उस दिन आंटी ने फुल चुदाई का प्रोग्राम सैट किया हुआ था.


मैं उनके घर गया तो आंटी ने एक झीनी सी मैक्सी पहनी हुई थी जिसमें से उनके दूध और गांड मस्त दिख रहे थे और साफ नजर आ रहा था कि आंटी ने ब्रा पैंटी नहीं पहनी हुई है.


मेरे अन्दर आते ही आंटी ने मेन दरवाजा बंद किया और मुझे सोफ़े पर बैठने को कह कर पानी लेने चली गईं. कुछ देर बाद आंटी जी मेरे सामने फर्श पर बैठ गई थीं और मेरे लौड़े से खेलने लगी थीं.


मेरा लंड आज झांट रहित था.


आंटी ने बड़े प्यार से पूछा- कटिंग कब हो गई? मैंने कहा- कल रात को सफाई की थी.


वे हंस कर लंड को चूसने लगीं और बोलीं- मैंने भी कल रात को ही सफाई की थी. मैंने कहा- दिखाओ, दुल्हन कैसी लग रही है?


वे हंसी और बोलीं- दुल्हन देखने की बड़ी जल्दी है … जरा दूल्हा तो गर्म कर लेने दो! मैंने कहा- हां कर लो.


आंटी ने मेरे लंड को दस मिनट चूसा और झाड़ कर मलाई चाट ली.


अब उनकी चूत चुदाई का समय आ गया था.


मैंने उन्हें उठाया ही था कि अंकल का फोन आ गया. उन्होंने कहा- मैं आधा घंटा में घर आ रहा हूँ और मुझे शाम को वापस से बाहर जाना है.


चूंकि अंकल जी ट्रक चलाते थे और आज उन्हें देर शाम तक वापस आना था. पर उनके फोन के आ जाने से हम दोनों का चुदाई का प्रोग्राम खत्म हो गया और मैं घर आ गया.


उसके बाद लंड चुसाई का सिलसिला कई बार चला, पर आंटी की चुदाई न हो सकी. ऐसा तीन चार महीने तक चलता रहा.


फिर आंटी जी के पति पता नहीं कहां पर चले गए और वे आंटी जी को अपने साथ ले गए.


मैं आज भी आंटी जी को याद करते हुए मुठ मारता हूं. अब तक मैं किसी लड़की या औरत को नहीं चोद पाया है.


यह मेरी पहली सच्ची सेक्स कहानी थी सेक्सी आंटी सक माय पेनिस की. पढ़ने के लिए धन्यवाद. [email protected]


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