पड़ोसन भाभी ने मुझे चूचे दिखाकर पटाया

रोहित 4

16-09-2023

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भाभी बूब्स सेक्स कहानी में मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी मेरे सामने अपने बूब्स मसल कर मुझे उकसाया करती थी. मैं भी मजे से देखता था. एक दिन भाभी ने मुझे अपने घर बुलाया.


यह सेक्स कहानी मेरी और मेरे घर के पास रहने वाली भाभी की है.


भाभी दिखने में एकदम कांटा माल थीं. उनके बड़े बड़े चूचे, सुराही जैसी पतली कमर और नीचे दो बड़े बड़े पहाड़ जैसे चूतड़ जिन्हें हिलते देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.


भाभी का पति अक्सर घर से बाहर ही रहता था जिस वजह से भाभी सेक्स नहीं कर पाती थीं. अपनी चूत की प्यास बुझाने के लिए भाभी ने मेरे ऊपर नजर रखना शुरू कर दी थी.


भाभी रोज रात को अपने आंगन में आकर मेरे कमरे की खिड़की के सामने से अपने 36 इंच के चूचे मुझे दिखाने की कोशिश करती थीं.


उनकी कोशिशों ने जल्द ही चूत और लंड का मेल भी करवा ही लिया था.


पहले तो मैं कभी उन पर ध्यान नहीं दिया करता था पर एक दिन वह अपनी स्कूटी लेकर आ रही थीं और अचानक से उनकी स्कूटी के टायर का ट्यूब फट गया और स्कूटी का संतुलन बिगड़ गया. इससे वे गिर गईं. उन्हें पैर में काफी चोट आई थी.


हालांकि खून नहीं निकला था पर अंदरूनी चोट आई थी. तो वे बुरी तरह से लंगड़ा रही थीं.


मैंने उनका हाथ पकड़कर उनको उठाया. पर उनसे ठीक से चला ही नहीं जा रहा था.


वे मुझे घर तक छोड़ने के लिए कहने लगीं.


मैं उनको घर ले गया और उनके कमरे में बेड पर लिटा कर वापस आने ही लगा था कि वह बेड पर से उठीं और अचानक से मेरी ओर झुकने से मेरे ऊपर ही गिर गईं. उनका गिरना कुछ ऐसा हुआ था कि उनके 36 इंच के चूचे मेरे सीने से गड़े हुए थे.


भाभी उन्ह आंह कर रही थीं और मेरी इस हालत का पूरा मजा ले रही थीं. मैं अकबका गया था कि यह क्या हुआ.


तभी वह थोड़ा सा हटीं और पुन: बेड पर लेटने का प्रयास करने लगीं.


अब तक मैं भी संभल गया था, तो उनको बेड पर बैठाकर अपने घर आ गया.


मेरे दिमाग में अब तक वही नजारा घूम रहा था, जब वे मेरे ऊपर अपने दूध दबाती हुई लदी हुई थीं. उनके मम्मों का मलाई सा अहसास सोच कर मेरा लंड खड़ा हो गया.


मैंने उस दिन पहली बार भाभी के लिए कुछ गलत सोचा था.


उस दिन के बाद से भाभी मुझसे ज्यादा ही बात करने लग गई थीं. रोज रात को वह अपने आंगन में आकर बैठ जातीं और अपने मम्मे मसलने लगतीं.


क्योंकि मेरी खिड़की से वह जगह साफ दिखाई देती थी. मैं भी अब रोज रात को वह नजारा देखता था.


भाभी भी शायद यह बात जान गई थीं कि मेरी नजरें उनके मादक बदन का जायजा लेती हैं.


एक दिन मेरे नंबर पर अंजान नंबर से मैसेज आया- क्या रोज रात को देखते ही रहोगे या मेरी चूत भी मारोगे! मैं समझ गया कि यह रंजना भाभी ही हैं.


मैंने भी हां में जवाब दे दिया- आप बुलाओ तो भाभी … आपकी चूत फाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ूँगा. अब भाभी खुश हो गईं कि लंड सैट हो गया है, बस चूत में घुसवाने की देर है.


भाभी ने मुझे उसी रात अपने घर खाने पर बुलाया. उस दिन मेरे घर वाले दस दिन के लिए मेरे मामा के घर गए थे तो मैं भी भाभी के घर खाने पर चला गया.


मैं भी यह बात जानता था कि आज भाभी चूत में लंड लेकर ही मानेंगी. तो मैं भी लंड को राजा बेटा बना कर ले गया था, झांटों का जंगल साफ कर लिया था.


उधर भाभी भी पूरी सज संवर कर टांगें चौड़ी करने के लिए तैयार थीं.


मैं उनके घर गया तो भाभी ने बांहें फैला कर मेरा स्वागत किया.


तो मैं भी उनकी खुशबूदार जवानी में मुँह छिपा कर घुस गया.


जल्द ही भाभी ने मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिए और हम दोनों चूमाचाटी में लग गए.


भाभी को चूमते हुए ही मैंने एक हाथ से उनके दूध सहलाना शुरू कर दिए और वे मदमस्त होने लगीं.


कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए तो भाभी ने सोफ़े की तरफ चलने का इशारा किया. मैं सोफ़े पर बैठ गया.


भाभी ने सामने टेबल पर एक सफेद कपड़े के नीचे रखे कुछ सामान को उजागर किया, तो मेरी बांछें खिल गईं.


सामने ब्लेन्डर्स प्राइड की सील पैक बोतल रखी थी. साथ ही मैं दो गिलास और नमकीन आदि सब था.


मैंने कहा- बोतल तो सीलपैक है भाभी … क्या ख्याल है? भाभी हंसने लगीं और बोलीं- फिलहाल तो बोतल ही सील पैक है. मैं तो खुली खुलाई हूँ.


मैंने कहा- कोई बात नहीं भाभी. पीछे से तो आप भी सील पैक होंगी.


वे हंसने लगीं और कहने लगीं- मैं छोटी लाइन वाली नहीं हूँ. मुझे तो आगे से ही लेना पसंद है.


मैंने कहा- चलो देखते हैं … हो सकता है कि आपका मन बदल जाए. यह कह कर मैंने बोतल की सील खोली और दोनों गिलासों में व्हिस्की डाली.


उसके बाद भाभी पानी डालने लगीं. मैंने कहा- बर्फ नहीं है क्या … मुझे तो ऑन द रॉक्स ही पसंद है!


भाभी उठ कर फ्रिज से आइस ले आईं. हम दोनों ने जाम टकराए और महफ़िल जमने लगी.


पहला पैग जल्दी ही खत्म हो गया. उसके बाद मैंने जेब से सिगरेट निकाली और सुलगाने लगा.


भाभी ने भी डिब्बी उठा ली और एक सिगरेट निकाल कर अपने होंठों से लगा ली. मैं देखता ही रह गया कि भाभी जी तो पूरी अय्याश हैं. इनको सब चाहिए.


कुछ ही देर में दूसरा पैग चालू हो गया.


मैंने हाथ आगे बढ़ा कर भाभी का आंचल खींच दिया. भाभी के बड़े बड़े मम्मों की दरार मेरे नशे को बढ़ाने लगी.


वे इठलाती हुई अपने ब्लाउज के ऊपर के दो बटन खोल कर बिंदास बैठ गईं और अपने पैर पसार कर टेबल पर रख लिए.


मैंने उन्हें देख कर आंख मारी और कहा- मस्त लग रही हो भाभी! यह सुनकर भाभी ने अपनी साड़ी को ऊपर जांघों तक खींच दिया.


आह … एकदम शोला बदन था भाभी का. इसी तरह से भाभी ने मुझे नशे से तरबतर कर दिया.


अब मैं अपना गिलास लेकर भाभी के बाजू में आ गया और उनके होंठों से होंठ लगा कर चुम्मी करने लगा. भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुँह में ठेल दी और वे लार का आदान प्रदान करने लगीं.


एक सिप व्हिस्की का लेकर वे अपने मुँह में भरी दारू को मेरे मुँह में उड़ेल देतीं और मैं पी लेता. अगली बार मैं अपने मुँह में दारू भर कर भाभी को पिला देता.


इस तरह से तीन पैग खत्म हो गए और अब हम दोनों को ही नशा हो गया था.


उसके बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया. खाने में भाभी ने उत्तेजना बढ़ाने वाली गोली मिला दी थी.


अब भाभी मुझे अपने साथ टीवी वाले कमरे में ले गईं और मेरे लौड़े को मसलने लगीं.


मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था, मैंने भी भाभी की जांघ पर हाथ फिराना शुरू कर दिया.


भाभी मेरे गले से लिपट गईं और जोर से किस करने लगीं. हम दोनों एक दूसरे की जीभ को जोर जोर से चूस रहे थे.


भाभी पूरी तरह से गर्म हो रही थीं. मैंने उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके मम्मे निचोड़ने शुरू कर दिए. पूरे जोश में भाभी बूब्स सेक्स का मजा लेकर, चिल्ला कर अपने चूचे दबवा रही थीं.


मैं एक हाथ से चूचे दबा रहा था और दूसरे हाथ से मैंने भाभी की साड़ी को हटा कर उनके पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया. फिर पेटीकोट को जरा सा नीचे करके मैंने उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को जोर से मसल दिया.


भाभी जोर से चिल्ला उठीं- आह … आराम से कर मादरचोद … अब से यह तेरी ही है.


करीब 20 मिनट के फ़ोरप्ले के बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.


भाभी किसी रंडी की तरह लंड चूस रही थीं. मैं भी भाभी की चूत को लगातार चाट रहा था.


पांच मिनट की जोरदार चुसाई के बाद भाभी झड़ गईं.


मैं उनकी चूत से निकले रस को सारा का सारा चट कर गया और चूत को चाट कर चमका दिया.


अब मैंने भाभी को सीधा करके एक साथ 3 उंगलियां उनकी फुद्दी में घुसा दीं.


भाभी जोर से चीख कर बोलीं- आह भोसड़ी वाले … आराम से नहीं कर सकता क्या … फ्री की चूत मिल गई तो क्या फाड़ ही देगा? मैंने भी उनकी बात को अनसुना किया और चूत पर जोर जोर से 3 चमाट जड़ दिए.


वे कुछ कहतीं, उससे पहले मैंने उनके मुँह को दबाते हुए कहा- चुप कर मादरचोद रंडी की जनी … भैन की लवड़ी छिनाल! उन्होंने मेरे मुँह से गालियां सुनी तो वे हंसने लगीं और बोलीं- अब आएगा मजा.


मैंने उनका एक दूध दबाते हुए कहा- क्यों मेरी कुतिया तुझे गाली सुनकर चुदने में मजा आता है क्या?


वे हंसने लगीं और मेरे लंड को पकड़ कर बोलीं- अब चुदुर चुदुर बंद कर और लौड़े को चूत में जगह दिखा.


भाभी अब अपनी चूत में लंड लेने को बेताब हो रही थीं.


मैंने कहा- ये चूत में जगह दिखाने से क्या मतलब हुआ मेरी जान?


भाभी बोलीं- अबे अनाड़ी चोदे … इसक मतलब ये हुआ कि अब और न तड़पा. जल्दी से अपना लंड मेरी इस निगोड़ी चूत में डाल दे.


मैंने कहा- ले रांड खा मेरा लंड.


यह बोलकर मैंने उनकी चूत में लंड एक ही झटके में ठोक दिया.


भाभी जोर से चिल्ला उठीं- उई भैन के लौड़े … आह साले ने फाड़ दी मेरी फुद्दी … आआह मादरचोद को कितनी जल्दी थी … आह मर गई भोसड़ी के … निकाल ले लंड. पर मैंने लंड नहीं निकाला और जोर जोर से भाभी की चूत चोदने में लग गया.


भाभी रो पड़ीं. पर मैंने अभी भी लंड नहीं निकाला. बल्कि मैं और जोर जोर से उन्हें चोदता रहा.


कुछ ही देर में भाभी को भी मजा आने लगा और वे भी उछल उछल कर चुदवाने लगीं.


भाभी- आह चोदो … और जोर से … फाड़ दो मेरी चूत आआह आआह भोसड़ा बना दो आज इसका … आह साली कब से इस लंड को खाने के लिए सोचकर पानी छोड़ दे रही थी. चोदो … अब से मैं तुम्हारी रंडी हूं आह चोद बहनचोद … और जोर से. भाभी चिल्ला चिल्ला कर और गांड उठा कर चुदवा रही थीं.


कुछ 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए.


फिर दस मिनट बाद एक बार फिर से हम दोनों दारू पीने लगे.


भाभी ने दो पैग गटक लिए और कहने लगीं- सीलपैक छेद लेना है मेरी जान? मैंने कहा- हां लेना है. गांड में घुसने की बात सुनकर मेरा लंड एकदम कड़क होकर तैयार हो गया.


मैंने लंड को भाभी के मुँह में दे दिया और जोर जोर से भाभी से लौड़ा चुसवाने लगा.


थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को घोड़ी बना दिया और गांड पर थूक लगा कर जोर के झटके के साथ आधा लंड भाभी की गांड में डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा.


भाभी ने गांड में लंड ले तो लिया था पर दर्द की अधिकता से वे मुझसे छोड़ने की भीख मांगने लगीं. पर मैं लगातार चोदता रहा और साथ ही भाभी के चूतड़ों पर … तो कभी चूचों पर चमाट लगा देता.


दस मिनट तक भाभी के बाल खींच कर … उनको घोड़ी बनाकर जोरदार गांड चुदाई करता रहा और सारा माल भाभी की गांड में ही निकाल दिया.


उसके बाद 10 दिन तक मैं भाभी के साथ ही रहा और हमने खूब चुदाई की.


हम दोनों आज भी चुदाई का मजा लेते हैं.


आप सबको भाभी बूब्स सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं.


मेरी ईमेल आईडी है [email protected]


लेखक की पिछली कहानी थी: पड़ोसन भाभी के साथ जमकर सेक्स किया


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