भाभी की सेक्सी नंगी चूत की चुदाई

अंशु

10-06-2020

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देवर भाभी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे बहन की शादी के समय भाभी और मैंने एक दूसरे को नंगा देख लिया. और फिर भाभी की सेक्सी नंगी चूत की चुदाई कैसे हुई.


दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है और मोटाई में मेरा लौड़ा खड़ा होने के 3 इंच मोटा हो जाता है. मैं देखने में भी अच्छा हूं. मैं जिम भी करता हूं इसलिए मेरी बॉडी भी आकर्षक लगती है.


यह मेरे जीवन की सच्ची घटना भाभी की सेक्सी नंगी चूत की चुदाई है. मेरी भाभी का नाम सोनम है. मेरी भाभी 29 साल की बहुत ही सेक्सी औरत है. उनका फिगर 34-32-36 का है. मेरी भाभी देखने में इतनी मस्त माल लगती है कि उसको देख कर ही लड़कों का लंड उनके लिए मचल जाता है.


यह देवर भाभी सेक्स स्टोरी उस समय की है जब मेरे घर पर मेरी बहन की शादी थी. शादी वाला घर था इसलिए सब मेहमानों का जमावड़ा लगा हुआ था. मेरा पूरा घर मेहमानों से भरा हुआ था. मेरे घर में मेरा रूम नीचे था तो सभी लोग नीचे ही रुके हुए थे.


अब ऐसे में नहाने धोने की दिक्कत बहुत हो रही थी. इतने सारे लोगों के होते हुए नहाना भी किसी जंग जीतने के जैसा हो गया था.


एक दिन नीचे का रूम बिल्कुल खाली नहीं था इसलिए मैं नहा ही नहीं पा रहा था.


मेरी भाभी का रूम तीसरे माले पर था. उस वक्त उनके रूम में कोई नहीं था. मैंने भाभी से कहा= मेरा रूम खाली नहीं है. क्या मैं आपके रूम में नहा सकता हूं? वो बोली- हां, नहा लो. मगर थोड़ा जल्दी करना क्योंकि मुझे भी नहाना है. मैं बोला- ठीक है भाभी.


फिर मैं अपने कपड़े लेकर उनके रूम में चला गया. जैसे ही मैंने कपड़े उतारना शुरू किया तो तभी मेरी गर्लफ्रेंड का कॉल आ गया.


मैं बालकनी में जाकर बात करने लगा. उससे बात करते हुए मुझे 20 मिनट बीत गये. इस बीच शायद भाभी आ गयी होंगी. उन्होंने देखा होगा कि मैं रूम में नहीं हूं और सोच कर कि शायद मैं जा चुका हूं वो अंदर बाथरूम में नहाने लगी.


कॉल खत्म होने के बाद मैं भी अपने कपड़े उतार कर अंदर गया. मैं भी यही सोच रहा था कि रूम में कोई नहीं है. तभी मेरी नजर भाभी की पैंटी पर पड़ी. उनकी पैंटी को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने भाभी की पैंटी उठा ली उसकी खुशबू लेते हुए अपने लंड की मुठ मारने लगा.


मुठ मारने के बाद मैं बाथरूम की ओर बढ़ा. अनजाने में शायद भाभी ने बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया था. वो सोच रही होंगी कि रूम में कोई नहीं है. मैंने भी सोचा कि बाथरूम में कोई नहीं है. इसलिए मैंने दरवाजा खोल दिया.


अंदर भाभी नहा रही थी. भाभी मेरे सामने नंगी थी. उनकी बड़ी सी मोटी गांड देख कर मेरी आंखें फटी रह गयीं. मेरा लौड़ा एकदम से टाइट हो गया. भाभी पलटी तो मेरी नजर उनकी भीगी चूचियों और गीली सेक्सी नंगी चूत पर पड़ी.


मैं तो मुंह फाड़ कर भाभी को देखता रह गया. उन्होंने अपने हाथ से अपनी चूचियों को छिपाते हुए नंगी चूत को भी ढकने की कोशिश की लेकिन अभी भी सब कुछ दिख रहा था. वो बोली- तुम यहां कर रहे हो?


फिर उनकी नजर मेरे तने हुए लौड़े पर गयी और चिल्लाकर बोली- बेशर्म, पीछे हट. कह कर उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया.


मैं बाहर जाकर अपना अंडरवियर पहनकर बेड पर बैठ गया.


10 मिनट के बाद जब वो नहा कर निकली तो वो केवल पेटीकोट में थी. मैं शर्म के मारे नीचे देख रहा था. मुझे देखकर सोनम भाभी बोली- अब सब कुछ तो देख ही लिया है. अब क्यूं शरमा रहा है?


मैं उठ कर नहाने के लिए जाने लगा. तभी वो हंसते हुए बोली- तुम्हारा तो तुम्हारे भैया से भी बड़ा है. उनकी बात पर मैं मुस्करा कर नहाने के लिए चला गया.


अंदर जाकर मैं दरवाजा हल्का खुला रख कर बाहर की ओर झांकने लगा. भाभी अपने कपड़े पहन रही थी. वो बिल्कुल नंगी थी. मगर शायद उनको शक हो गया था मुझ पर. बिना पलटे हुए ही वो बोली- बाहर आकर अच्छे से ही देख लो.


फिर मैंने दरवाजा बंद कर लिया और मैं नहाने लगा. पांच मिनट के बाद जब मैं नहा लिया और मैंने दरवाजा खोल कर देखा तो भाभी साड़ी पहन कर बैठी हुई थी.


मैं बोला- भाभी मुझे मेरी पैंट दे दो. वो बोली- यहीं आकर पहन लो. वहां तुम्हारे कपड़े गीले हो जायेंगे.


मैं बाहर निकल कर पैंट पहनने लगा.


मेरा लंड अभी भी तनाव में था. बल्कि सच कहूं तो नंगी भाभी को देखने के बाद से बैठा ही नहीं था. वो बोली- तुम्हारा हर टाइम ऐसे ही खड़ा रहता है क्या? मैंने कई बार देखा है तुम्हें. जब तुम लोअर पहनते हो तो साफ साफ दिखता है.


मैं बोला- अब इसमें मेरी क्या गलती है भाभी? वो बोली- गलती तो मेरी ही है. मुझे देख कर ही ये ऐसे खड़ा रहता है. मैं बोला- तो फिर इलाज भी आप ही बता दो भाभी!


धीरे से मैं भाभी के करीब चला गया. अपना लंड उनके हाथ में देने ही वाला था कि मेरी बहन वहां पर आ गयी. वो बोली- भाभी, नीचे आ जाओ, सब लोग आपको पूछ रहे हैं. फिर बहन चली गयी.


चलते हुए भाभी बोली- बेटा सुधर जाओ. ये बोल कर भाभी नीचे चली गयी.


मैं भी अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गया. 2 दिन के बाद मेरी बहन की शादी हो गयी. सब लोग अपने अपने घर चले गये.


शादी के बाद भैया ने भी जॉब पर जाना शुरू कर दिया. मैं अपने कॉलेज जाने लगा. दूसरे दिन मैं कॉलेज से घर लौटा तो घर में केवल भाभी और मम्मी थी. मां अपने रूम में थी और भाभी किचन में कुछ काम कर रही थी.


भाभी की गांड को देख कर मन करने लगा कि उनको पकड़ अभी चोद दूं लेकिन मैंने किसी तरह से खुद को रोक लिया. फिर मैं किचन में पानी पीने के लिये गया.


मुझे देख कर भाभी मुस्कराते हुए पूछने लगी- आ गये? मैं बोला- हां भाभी, कुछ काम था क्या? वो बोली- काम तो तुझे ही है.


मैं उनका इशारा समझ गया. वो मुझे साफ साफ लाइन दे रही थी. मैं उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया और उनको अपनी बांहों में जकड़ लिया. मेरा लंड भाभी की गांड में घुसने को हो रहा था.


इस पर वो नाराज होते हुए बोली- पागल है क्या तू? किसी ने देख लिया तो? फिर मैं पीछे हो गया.


वो बोली- तुझे इसका कुछ इलाज नहीं मिला क्या? मैं बोला- जब इलाज घर में ही है तो मैं कहीं बाहर ढूंढने के लिए क्यों जाऊं?


इतने में ही मां किचन में आ गयी. फिर मैं अपने रूम में चला गया.


दो दिन के बाद बहन के ससुराल में कुछ फंक्शन था. सभी लोग वहीं पर जाने लगे. मैं और भाभी घर में ही थे. मेरा तो एग्जाम था और भाभी को मम्मी ने बोल दिया कि राहुल का पेपर है इसलिए तुम भी यहीं रह जाओ. इसको खाने की दिक्कत नहीं होगी.


सबके जाने के बाद मैं पढा़ई करने के लिए अपने रूम में चला गया. भाभी और मैं घर में अकेले थे. यही सोच सोच कर मेरा मन पढा़ई में लग ही नहीं रहा था. मैं किताबों से बोर होने लगा और नीचे आ गया.


नीचे आकर देखा तो भाभी किचन में काम कर रही थी. मैंने पीछे से आकर उनको पकड़ लिया. वो कुछ नहीं बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैं भाभी के बूब्स दबाने लगा.


वो बोली- मुझे खाना बनाने देगा एक बार? मैं बोला- ठीक है.


तभी मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखवा लिया. मेरा लौड़ा तना हुआ था. मैं बोला- भाभी इसका इलाज कर ही दो. भाभी बोली- ठीक है, देखती हूं.


मैं खुश हो गया और बाजार में जाकर कुछ गुलाब ले आया. मैंने अपने रूम को थोड़ा सा सजा दिया. उसके बाद खाना खाकर मैं नीचे टीवी देखने लगा.


कुछ देर के बाद भाभी भी मेरी बगल में आकर ही बैठ गयी. मैं बोला- भाभी बैठो मत, कुछ इलाज कर दो मेरे इस औजार के लिए। वो हंसते हुए बोली- यहीं पर?


मैंने कहा- नहीं, मेरे रूम में आ जाओ. मैंने अपने रूम को सुहागरात की तरह सजा कर रखा हुआ है आपकी खातिर। वो पूछने लगी- सच में? मैंने कहा- यकीन नहीं तो चल कर देख लो.


फिर मैं उनको अपनी गोद में उठा कर अपने रूम की ओर ले जाने लगा. मेरा लौड़ा तो पहले से ही खड़ा हुआ था जो उनकी कमर पर चुभ रहा था. वो बोली- लगता है कि आज तू मेरी जान ही निकाल देगा. मैं बोला- क्यों भाभी?


वो बोली- तेरा ये हथियार तो कभी नीचे ही नहीं रहता. हमेशा ऊपर ही रहता है. अगर ये बैठा नहीं तो मैं सारी रात में इसको झेलते हुए मर ही जाऊंगी. मैंने कहा- नहीं भाभी, आज मैं आपको भैया से भी ज्यादा प्यार करूंगा. आपको बहुत ज्यादा खुशी दूंगा.


हम रूम पर पहुंच गये. मैं भाभी को अंदर ले गया और रूम की लाइट जला दी. भाभी मेरे रूम को देख कर दंग रह गयी. वो बोली- आज तो पक्का ही तू मेरे साथ सुहागरात मना कर ही छोड़ेगा.


इतने में मैंने रूम को अंदर से लॉक कर दिया. मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया. उनको किस करने लगा.


कुछ देर किस करने के बाद मैं उनकी साड़ी को खोलने लगा. मैंने उनकी साड़ी उतार दी और उनके पूरे जिस्म को चूमने लगा.


सोनम भाभी गर्म होने लगी. उसके चेहरे पर मदहोशी दिखने लगी. फिर मैंने उसके ब्लाउज और पेटीकोट भी खोल दिया. वो केवल ब्रा और पैंटी में मेरी आंखों के सामने खड़ी थी.


वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. सेक्सी भाभी को देख कर मेरा लंड इतनी जोर से झटके दे रहा था कि उसमें दर्द उठने लगा था. अब मुझसे भी एक एक पल इंतजार करना मुश्किल हो रहा था.


अब मैं भाभी की ब्रा को भी खोलने लगा. वो बोली- अपनी तोप को कब आजाद करोगे देवर जी? मैं बोला- लो मेरी जान, अभी कर देता हूं.


मैं अपनी पैंट की जिप खोलने लगा तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली कि मुझे करने दो. घुटनों पर बैठ कर वो मेरी पैंट को खोलने लगी. मेरी पैंट को खोल कर उसने नीचे कर दिया और मेरा लौड़ा मेरे अंडरवियर में एकदम तोप की तरह उठा हुआ उसकी आंखों के सामने था.


भाभी ने मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही चूम लिया. मुझे इतना मजा आया कि मैं आपको क्या बताऊं? भाभी मेरे लंड को जीभ निकाल कर ऊपर से ही चाटने लगी.


फिर भाभी ने मेरा अंडरवियर खींच दिया और मेरा लंड उसके मुंह पर जाकर लगा. मेरे लंड को हैरानी से देखते हुए वो बोली- हाय… इतना बड़ा भी होता है क्या किसी का? ये कह कर भाभी ने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया और उसको लॉलीपोप की तरह चूसने लगी.


10 मिनट तक पूरी मस्ती में मेरे लंड को चूसने के बाद मेरा कंट्रोल खो गया. मैंने भाभी के मुंह में ही अपना माल छोड़ दिया.


सोनम भाभी ने मेरे लंड का सारा पानी अंदर ही पी लिया. मैंने अब उनको बेड पर लिटा दिया. उनकी ब्रा और पैंटी को उतार कर भाभी को पूरी नंगी कर दिया.


भाभी की सेक्सी नंगी चूत पर मैंने अपने होंठों को रख दिया और उनकी गर्म गर्म नंगी चूत को चूम लिया. फिर मैंने भाभी की चूत में जीभ दे दी और मस्ती में उनकी चूत को चाटने और चूसने लगा.


कुछ देर नंगी चूत को चाटने के बाद मैं उठा और चॉकलेट लेकर आया. मैं उनकी चूत पर चॉकलेट लगाने लगा. भाभी बोली- वाह बेटा! तू तो पक्का खिलाड़ी है. इतना तो मुझे पता चल गया है कि ये सब तू पहली बार तो नहीं कर रहा है.


मैं बोला- नहीं भाभी, सच में, मेरा पहली बार ही है. वो बोली- चल हट्ट … मुझे मत सिखा. खैर मुझे क्या लेना है कि पहली बार है या नहीं. बस जो कर रहा है वैसे ही कर. बहुत मजा आ रहा है.


सोनम भाभी की चूत पर मैं चॉकलेट लगा कर उसकी चूत को चाटने लगा. थोड़ी ही देर में वो इतनी गर्म हो गयी कि उससे रहा नहीं गया और उसने भी अपनी चूत का पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया जिसको मैं सारा का सारा पी गया.


भाभी की चूत को चाट चाट कर साफ करने के बाद मैं उठा और मैंने भाभी के मुंह पर लंड रख दिया. मैं बोला- अब मेरे हथियार में भी जोश भर दो मेरी हॉट भाभी.


उसने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी. दो मिनट के अंदर ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैं भी उनके बूब्स को छेड़ छेड़ कर उनसे खेल रहा था. फिर भाभी बोली- बस अब और मत तड़पा. अब मेरी सेक्सी चूत को भी तेरा लंड चाहिए. जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दे.


मैं लंड पर कॉन्डम लगाने लगा. भाभी ने मेरा हाथ रोक लिया और बोली- इसकी कोई जरूरत नहीं है. मैं गोली खा लूंगी. मगर मैं तेरे लंड से बिना कॉन्डम के ही चुदना चाहती हूं.


उसके बाद मैंने अपने लंड पर तेल लगा लिया. मैं उनकी सेक्सी नंगी चूत पर लंड लगा कर अंदर करने लगा. मगर लंड भैया से बड़ा था इसलिए अंदर नहीं जा पा रहा था. फिर मैंने एक तेज धक्का दिया और मेरा आधा लंड नंगी चूत में घुस गया.


लंड घुसते ही भाभी की चीख निकल गयी. मगर मैं उनके ऊपर लेट गया और उनके बूब्स को दबाते हुए उनके होंठों को चूसने लगा. कुछ देर के बाद वो नॉर्मल हो गयी.


मैंने एक और धक्का दिया और पूरा लंड भाभी की नंगी चूत में उतार दिया.


उसको फिर से दर्द हुआ लेकिन अब वो बर्दाश्त कर गयी. अब मैं धीमे धीमे अपनी भाभी की सेक्सी नंगी चूत में लंड को चलाते हुए धक्के लगाने लगा. भाभी सिसकारने लगी- आह्ह … बहुत मजा आ रहा है. तुम्हारे भैया का लंड भी इतना मजा नहीं दे पाता है जितना कि तुम दे रहे हो. आह्ह … चोदो मेरे राजा, मेरी चूत को लंड का असली सुख दे दो.


पूरा रूम भाभी की कामुक सिसकारियों और आवाजों से गूंज रहा था. फिर मैंने सेक्सी नंगी चूत की चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और मैं पूरे जोश में भाभी चूत चुदाई करने लगा. भाभी मस्त हो गयी और इस चुदाई के दौरान दो बार झड़ गयी.


बीस मिनट तक ये चुदाई चली और फिर मेरा माल भी निकलने को हो गया. मैंने अपना लंड निकाल कर भाभी के मुंह में दे दिया. वो मेरे लंड को चूसने लगी.


मैंने अपना सारा माल भाभी के मुंह में झाड़ दिया. फिर हम दोनों बेड पर लेट गये. वो बोली- क्या हुआ? अपनी भाभी की गांड की चुदाई नहीं करेगा क्या?


गलती से मेरे मुंह से निकल गया- मैंने तो अपनी गर्लफ्रेंड की गांड चुदाई भी कभी नहीं की है. वो बोली- देखा … मुझे पहले से पता था कि तेरा ये पहली बार नहीं है और तू मुझे बेवकूफ बना रहा था कि तेरा किसी के साथ चक्कर नहीं है?


वो बोली- खैर जाने दे, मैं भी किसी दमदार मर्द की तलाश में थी. तेरे जैसा लंड तो बहुत कम मर्दों का होता है. तेरे भैया के साथ मुझे इतना मजा नहीं आता है. शादी के बाद पहली बार मुझे अपनी चूत चुदवाने में इतना मजा आया है.


मैं बोला- तो ठीक है, तो फिर आज भाभी की गांड चुदाई का सपना भी पूरा कर देता हूं. उसके बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये. भाभी मेरे लंड को चूसने लगी और मैं भाभी की चूत को चाटने लगा.


भाभी बहुत ही मस्त तरीके से लंड को चूस रही थी. मैं बोला- भाभी आप लंड बहुत ही मस्त चूसती हो. वो बोली- क्यों? तेरी गर्लफ्रेंड नहीं चूसती है क्या?


मैं बोला- नहीं भाभी, वो नखरा बहुत करती है. इसलिए मुझे शादीशुदा लड़कियों और औरतों के साथ सेक्स करना ज्यादा पसंद है. सारे ही लड़के शादीशुदा महिलाओं को ही ज्यादा पसंद करते हैं।


मेरा लंड पूरा तना हुआ था. मैंने भाभी को पोजीशन लेने के लिए कहा. वो घोड़ी बन गयी और मैंने भाभी की गांड पर लंड लगा दिया. वो बोली- मेरे बच्चे, पहले थोड़ा तेल लगा कर अपने लंड और मेरे छेद को चिकना तो कर ले? वरना तेरा लंड छिल जायेगा.


मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और भाभी की गांड में तेल लगा दिया. उसके बाद मैंने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखा और घुसाने लगा. लंड नहीं घुसा. मैंने भाभी की गांड को कस कर पकड़ लिया और पूरा जोर लगा कर लंड को अंदर घुसा ही दिया.


भाभी चीखने लगी- नहीं … नहीं … आईई … उफ्फ … नहीं … रहने दे. तेरा तो बहुत बड़ा है. मुझसे नहीं लिया जा रहा है. मगर मैंने भाभी की एक न सुनी. मैंने एक और जोरदार धक्का मारा और भाभी की गांड में पूरा लंड उतार दिया.


वो रोने लगी. मैं बोला- प्लीज भाभी. थोड़ा सा सहन कर लो. दो मिनट के बाद वो थोड़ी नॉर्मल हो गयी. उसके बाद मैंने अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए भाभी की गांड में चलाना शुरू किया.


धीरे धीरे भाभी को भी अपनी गांड चुदाई करवाने में मजा आने लगा. फिर वो जोर जोर से कामुक आवाजें करने लगी. पूरा रूम भाभी की सिसकारियों से गूंज उठा- आह्ह … चोदो राहुल, आज मेरी गांड को फाड़ ही दो. तुम्हारा लंड लेकर मेरी गांड में बहुत मजा मिल रहा है. आह्ह … मेरी गांड को ऐसे ही चोदते रहो.


10 मिनट तक मैंने भाभी की गांड चुदाई की और फिर मैं भी उनकी गांड में ही झड़ गया. हम दोनों थक कर एक दूसरे की बगल में लेट गये. उसके बाद मुझे नींद आ गयी.


पता नहीं मैं कितने टाइम तक सोता ही रहा. सुबह ही मेरी आंख खुली. फिर सुबह उठ कर हम दोनों फिर से किस करने लगे. मैंने चाट चाट कर भाभी का जिस्म पूरा साफ किया. उसके बाद हम दोनों साथ में नहाये.


उसके बाद बाहर आकर भाभी मेरे लंड को पकड़ कर बोली- ये तो बहुत काम की चीज है रे! मेरे ही घर में इतना दमदार लंड था और मुझे पता ही नहीं चला. अब तो मैं मौका मिलते ही इसको अपनी चूत में ले लिया करूंगी. मैंने कहा- जरूर भाभी. आपकी सेवा में बन्दा हाजिर है.


उस दिन के बाद से भाभी और मेरे बीच में चुदाई का खेल शुरू हो गया. हम दोनों मौका मिलते ही चुदाई का मजा लेते हैं.


दोस्तो, आपको भाभी की सेक्सी नंगी चूत की चुदाई की यह स्टोरी पसंद आई होगी. मुझे अपना प्यार जरूर भेजें. देवर भाभी सेक्स स्टोरी पर कमेंट करना न भूलें. मैंने अपना ईमेल आईडी नीचे दिया है जिस पर आप ईमेल भी कर सकते हैं. [email protected]


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