पड़ोसन भाभी से प्यार भरी चुदाई का मजा

मोहित राठौर

04-09-2023

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देसी भाभी Xx फक कहानी में पढ़ें कि मुझे सामने रहने वाली भाभी से प्यार हो गया था. मैं उन्हें चोदना चाहता था. मैंने बहाने से उन्हें अपना बड़ा लंड दिखाया पर बात नहीं बनी.


मेरा पहला प्यार थी भाभी. यह देसी भाभी Xx फक कहानी उन्हीं भाभी की है.


मैं उनसे आंखें मिलाने की कोशिश करता था मगर वे सामान्यत: मुझे देख कर मुँह मोड़ लेती थीं.


उन्हें पता था कि मैं उनको रोज देखता हूँ और मेरी नजर क्या कहती है.


उनका कमरा मेरे कमरे की खिड़की से साफ दिखता था.


एक दिन वे मेरे घर आईं. उनका बेटा मेरे घर खेलने आया था. उनका लड़का मेरे घर अक्सर खेलने आ जाता था.


मैंने भाभी की आवाज़ सुनी और बेड पर लेट गया. उनकी आवाज सुनकर मेरे लौड़े में आग सी लग गई थी और ये फूलने लगा था.


मैंने लंड सहलाते हुए सोचा कि मेरा लंड इतना मोटा है, आज भाभी को दिखाने की कोशिश कर ही लेता हूँ. शायद यह भाभी को पसंद आ जाए और वे मुझसे सैट हो जाएं.


दोस्तो, मेरा लंड वास्तव में बहुत सुडौल लचीला और लंबा है, जैसे पॉर्न वीडियो में लड़कों का होता है, वैसा सांवला और लंबा मोटा.


भाभी आकर अपने लड़के को आवाज़ देने लगीं.


उनका बेटा मेरे पीछे वाले कमरे में किरायेदार की तरफ था. मेरा रूम आगे था.


भाभी को लगा कि उनका लड़का मेरे रूम में है. इधर मैंने अपने कमरे के दरवाजे की कुंडी खोल कर ऐसे ही लटका दिया था. मैं अपना लंड बाहर निकाल कर लेट गया.


उनकी आवाज सुनकर और मन में ये सोच कर कि भाभी अब आईं, तब आईं. मेरा लंड कड़क होता जा रहा था.


मैंने लंड की चमड़ी नीचे कर दी थी, जिससे मेरा लंड और लंबा हो गया था. गुलाबी सुपारा बाहर आकर चमक उठा था, उसके ऊपर रस चमकने लगा था.


भाभी की आवाज आई- चिंटू अन्दर है क्या? पहले मैंने कोई उत्तर नहीं दिया. बाद में मैंने ऊंघती हुई आवाज में कहा- दरवाजा खुला है.


उन्होंने गेट खोला और एकदम से वापस बंद कर दिया. भाभी ने मेरा लंबा लंड देख लिया था.


बेड का सिरहाना दरवाजे की तरफ है और सामने एक अलमारी रखी है, जिसमें मिरर लगा है. भाभी ने दरवाजा खोला और बंद किया, तो मैंने उन्हें देख लिया था. मगर वे मुझे नहीं देख पाई थीं.


उन्हें सिर्फ़ मेरा लंबा लंड ही दिखा था. मैं आंखें बंद करके लेटा रहा.


कुछ पल बाद भाभी ने फिर से थोड़ा सा गेट खोला और वे चुपके से देखने लगीं. मैं ये सब दर्पण से देख रहा था.


तब मैं समझ गया कि यही समय है अपने लंड का जलवा दिखाने का. मैंने लोवर नीचे कर दिया और अपने बड़े बड़े गोटे दबाने लगा.


भाभी दरवाजे के पीछे छिपकर देख रही थीं.


वे समझ रही थीं कि मुझे कुछ नहीं मालूम चल रहा है मगर मुझे काँच में से सब दिख रहा था.


मैंने अपने लंड को हिलाया और नीचे से ऊपर हाथ से सहलाते हुए लंड को पकड़ कर छोड़ा … वह रबर जैसा हिलने लगा.


इतनी देर में उनका लड़का चिल्लाने लगा. भाभी भी एकदम से घबरा गईं और वे अपने बेटे की तरफ देखने लगीं. इधर मैंने भी लोअर को ऊपर चढ़ा लिया.


भाभी अपने बच्चे को लेकर जाने लगीं. तभी मैं बाहर आया और मैंने भाभी को देख कर कहा- चिंटू को क्या हुआ? वह क्यों चिल्ला रहा था? भाभी ने कुछ भी उत्तर नहीं दिया.


मेरे सवाल से उनको ये जरूर लगा कि मुझे कुछ पता नहीं कि उन्होंने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया है. वे मुझे देख कर एक बार कुछ अचरज भरी आंखों से भाव दिखाने लगीं.


उस दिन पहली बार भाभी ने मुझसे आंखें मिलाईं, फिर वे नीचे मुँह करके चली गईं.


मैं समझ गया कि भाभी को मेरे लंड से मजा आ गया और उनके मन में मेरे लंड को लेकर कुछ न कुछ है. यही सोच कर मैंने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, भाभी को तो मैं ही एक बार जरूर चोदूंगा.


उस दिन के बाद से मैं भाभी के पीछे ही पड़ गया. मैं उनसे आंख मिलाने के लिए रोज खड़ा रहता, उनके बच्चे को ज़्यादा खिलाने लगा ताकि भाभी के करीब जा सकूँ.


भाभी भी मुझसे नजरें मिलाने लगीं.


एक दिन भाभी मुझे काफ़ी देर तक देखती रहीं. उस दिन मैं रूम में केवल तौला बांधे खड़ा था. सामने अपने कमरे में भी भाभी अकेली थीं.


हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे.


मैंने जानबूझ कर खुद की तौलिया ढीली कर दी. मेरा लंड खड़ा था. जैसे ही तौलिया नीचे गिरी, मेरे काले घने बालों में से मेरा लौड़ा अपना मुँह फाड़ता हुआ बाहर निकल आया.


मेरे लंड के सुपारे की मोटाई कुछ और ज्यादा फूल चुकी थी. भाभी लंड देख कर एकदम से इधर उधर मुँह करने लगीं. उन्हें शायद मेरा यूं लंड खोल देना अच्छा नहीं लग रहा था.


वह गुस्से में आ गई थीं मगर मैंने तौलिया नहीं बांधा. मैं जानता था कि भाभी के दिल में भी कुछ है.


जब वे थोड़ी देर तक गुस्से से मुझे देखती रहीं तो मुझे डर लग रहा था कि कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए. मगर पता नहीं मुझे अन्दर ही अन्दर कुछ ऐसा भी लग रहा था कि भाभी मुझसे जरूर पट जाएंगी.


फिर उन्होंने सिर ऊपर नहीं किया और न ही मेरी ओर देखा. बस वे चली गईं मुझे लगा कि आज तो मैं गया. शायद भाभी अपने पति को जरूर इस बारे में बताएंगी.


मगर दूसरे दिन मैंने भईया के सामने ही उनके बच्चे को गोद में उठाया, भाभी भी देख रही थीं. तब भैया ने कुछ नहीं कहा बल्कि वे मुझसे अच्छे से बोले भी.


इससे मैं समझ गया कि भाभी ने कुछ भी नहीं कहा. उस दिन मैं इतना ज्यादा खुश था मानो मुझे भाभी के ऊपर चढ़ने की हरी झंडी मिल गई हो.


उसके बाद दूसरे दिन भाभी मुझे देख रही थीं. मैंने जींस का बटन खोला और लंड बाहर निकाल कर बैठ गया.


उस दिन भी वे गुस्सा हुईं मगर मुझको तो लंड दिखाने में मजा आ रहा था.


उसी वक्त भाभी को किसी का कॉल आया और वे फोन पर बात करने लगीं.


वे मुझे नहीं देख रही थीं. इससे मुझे गुस्सा आ रहा था.


कुछ देर बाद वे उठीं और फोन पर बात करती हुई अन्दर चली गईं. मेरा मूड ऑफ हो गया.


मैंने मन में कहा कि आज कुछ भी हो जाए … मैं भाभी को किस जरूर करूंगा.


मैंने अब तक कभी भी किसी लड़की को नहीं चूमा था मगर आज भाभी के लिए न जाने इतनी हिम्मत मेरे अन्दर कहां से आ गई थी.


मैं बाहर आया और उनके घर में चला गया. भाभी की बातें खत्म हो गई थीं.


मैंने उनके घर में जाकर गेट लगा दिया. वे मुझे आया देख कर कुछ नहीं बोलीं, बस अन्दर जाने लगीं.


मैंने उनसे कहा- आई लव यू. वे मुझे इग्नोर करने लगीं और किचन में जाने लगीं. मेरी बात पर उन्होंने कुछ तवज्जो ही नहीं दी थी.


मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था. मैं ठान कर आया था कि कुछ भी हो जाए, आज तो भाभी से बात करके ही रहूँगा.


मैंने आगे जाकर उनको जोर से पकड़ा और कमरे में वापस लाकर बेड पर लेटा दिया.


वे मुझ पर गुस्सा करने लगीं. मैंने उनकी आंख में आंख डालकर कहा- आई लव यू भाभी.


भाभी 33 साल की थीं और मैं सिर्फ़ 24 का था.


वे मुझे हटाने लगीं. उनके तेवर देख कर मैं भी एक बार को तो डर गया कि अब भाभी चिल्लाएंगी.


मैंने इसी डर से उन्हें छोड़ दिया. मगर वे मुझे हटा कर बिस्तर से उठीं और बाहर को जाने लगीं. मुझे लगा कि अब भाभी बाहर जाकर चिल्लाएंगी.


मगर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया.


वे बिस्तर से उठ कर एक तरफ को खड़ी हो गईं और अपनी साड़ी ठीक करने लगीं. मैं सहमा सा उन्हें देखता रहा.


साड़ी ठीक करके भाभी बाहर चली गईं. मुझको कुछ समझ नहीं आया. मैं भी उनके घर से उठ कर बाहर चला गया.


दूसरे दिन सुबह भैया जब काम पर चले गए, तब वे अपने घर के कमरे में आईं.


उस वक्त भाभी पेटीकोट और ब्लाउज में थीं और उनके बाल गीले थे.


मैं तो रोज की तरह भाभी का इंतज़ार कर रहा था. सामने भाभी की हसीन जवानी देखने को मिली तो मैं अपना लंड सहलाने लगा. भाभी ने भी मुझे लंड सहलाते हुए देख लिया था.


मैं थोड़ा आगे को आया और एक कुर्सी लगा कर उस पर बैठ गया. वे साड़ी पहनने लगीं. मैं उन्हें ही देख रहा था.


अब वे मुड़ कर साड़ी पहनने लगीं. मैं उसकी गोरी पीठ और उठी हुई गांड को देख कर मस्त हो रहा था और सोच रहा था कि कब भाभी मेरे लौड़े के नीचे होंगी.


फिर वे मुड़ीं और उन्होंने मुझे देखा तो मैंने उन्हें एक फ्लाइंग किस दे दी.


वे हंस कर वापस पीछे मुड़ गईं.


मैंने लंड बाहर निकाला और खुला रहने दिया.


वे एक बार फिर से मुड़ीं और मेरा लंड देखकर मेरे सामने साड़ी का पल्लू गिरा कर एक बार फिर से उसे सहेजने लगीं.


मेरा दिल उनकी चूचियों को देख कर हवा में उछलने लगा.


मैं समझ गया कि आज भाभी मूड में हैं. मैं उन्हें देख कर किस देने लगा.


वे कोई जबाव नहीं दे रही थीं, सिर्फ़ देख रही थीं.


मैं उनको देख कर लंड सहलाने लगा. मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया था.


वे मेरे लंड को बड़ी गौर से देख रही थीं. फिर वे कमरे से चली गईं.


मैं भी बाहर चला गया. कुछ देर बाद मैं फिर से अपने रूम में आया और उनके आने का इंतज़ार करने लगा.


वे काफी देर तक जब नहीं आईं तो मुझे न जाने क्या हुआ, मैं सीधे उनके घर आ गया. मैंने अन्दर आकर मेन गेट बंद किया और अन्दर बेडरूम में आ गया.


भाभी वहीं थीं. मुझे देख कर वे कुछ नहीं बोलीं, बस अपना कुछ कुछ काम करने लगीं.


मैंने आगे आकर उन्हें पकड़ा और बेड पर लेटा दिया, उनके दोनों हाथ पकड़े और ‘आई लव यू’ कहा.


वे फिर से मुझसे छुटने लगीं. मगर मैंने आज उनसे जोर देकर वापस लिटाया और दोनों टांगें फैलाने लगीं.


वे लगातार उठने की कोशिश कर रही थीं.


मैंने उनकी साड़ी घुटने तक कर दी और एक हाथ उनकी गोरी जांघों पर रख कर फेरने लगा.


उन्होंने मुझे एक जोरदार झापड़ लगा दिया. मेरा कान सुन्न हो गया.


वे मुझे गुस्से से देखने लगीं. मैंने तब भी यही कहा- तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो … आई लव यू.


यह कह कर मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और जल्दी से किस कर लिया.


वे जब तक कुछ समझ पातीं, मैंने वापस उन्हें लेटा दिया और अपना हाथ सीधे उनकी चूत पर लगा दिया.


भाभी ने खुद को करवट बदल कर घुमा लिया और दीवार की तरफ मुँह कर लिया. मुझे ऐसा लगा कि शायद भाभी चुदाई करवाना तो चाहती हैं मगर डर रही हैं.


उनकी पैंटी में हाथ डाल कर मैंने चूत को जैसे ही छुआ तो इस बार वे चुप रही, उन्होंने कोई विरोध नहीं किया.


मैंने उनकी चूत को ठीक से टच किया तो वह बह रही थी. चूत से पानी निकलता देख कर मैं समझ गया कि भाभी हीट पर हैं और उन्हें लौड़े की सख्त जरूरत है.


वे मुझसे नजरें नहीं मिला रही थीं, बस दीवार की तरफ अपना मुँह किए हुई लेटी थीं. मैंने पीछे से पोजीशन बनाई और उनकी गांड की तरफ से अपना लंड सैट करने लगा.


वे दीवार की ओर सिर करके चुप लेटी हुई थीं. उनका विरोध ऐसे खत्म हो गया था मानो वे खुद ही चूत में लंड लेना चाह रही हों मगर खुद कुछ नहीं करना चाहती हों.


यह सोच कर मैं तो पागल हो गया था, मैंने कभी अपने मन भी नहीं सोचा था कि इतनी सेक्सी और गोरी भाभी मुझे चोदने मिलेगी.


मैंने उनकी पैंटी को नीचे सरकाया और उनकी चूत की रेशमी झांटों में उंगली चलाने लगा. वे एक बार कसमसाईं और हल्का सा छुटने का प्रयास किया.


मगर मैंने तुरंत अपनी एक उंगली को चूत में झटके से पेल दिया.


वे एकदम से आंख बंद करने लगीं. मेरी उंगली भाभी की चूत में अन्दर तक चली गई.


मुझे जो अहसास हुआ, वो जिंदगी में पहले कभी नहीं हुआ था. मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई गूदे जैसी नर्म और गर्म चीज में मेरी उंगली घुस गई हो.


मैं चूत देख नहीं पा रहा था क्योंकि मैंने अपने एक हाथ से भाभी को दबा रखा था. मेरा सिर उनके जिस्म पर रखा हुआ था.


बस दूसरे हाथ से उनकी चूत को रगड़ कर अहसास कर रहा था. मैं धीरे धीरे चूत में उंगली करने लगा.


मुझे उंगली करते हुए 5 मिनट हो गए थे. अब वह भी सहज हो गई थीं और उंगली का मजा लेने लगी थीं. कुछ देर बाद जब मैं उंगली को जोर जोर से हिलाने लगा, तब वह पागल सी हो गईं और उन्होंने बेड का चादर पकड़ लिया.


मैं उनके गालों को चूसने लगा और फिर से बोला- आई लव यू जान. वे सब सुन रही थीं, मगर उन्होंने मुझसे नजरें नहीं मिलाईं.


मैं उंगली करता रहा. हम दोनों पसीने पसीने हो गए थे. तभी वे जोर से अकड़ीं और झड़ गईं.


मैंने उंगली बाहर निकाली और उनका मुँह पकड़ कर अपनी ओर किया. फिर उनकी चूत से निकाली हुई उंगली चूसने लगा. वे यह सब देख रही थीं.


मैंने कहा- आई लव यू जान. अब वह मुझे नहीं हटा रही थीं. बस प्यार से देख रही थीं.


उसके बाद मैंने उनकी साड़ी को खींच कर उनके जिस्म से अलग कर दिया.


भाभी का विरोध शून्य हो चुका था.


उसके बाद मैंने उनके ब्लाउज को उतार और एक एक करके सारे कपड़े हटा दिए. अगले कुछ मिनट में भाभी मेरे सामने मादरजात नंगी पड़ी थीं.


अब मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और मैं भी पूरा नंगा हो गया.


उसके बाद मैंने उनी दोनों टांगें फैला दीं और उनकी झांटों वाली चूत में मुँह लगा दिया.


भाभी एक बार कसमसाईं और कमर उठा कर मेरे मुँह में अपनी चूत देने लगीं.


मुझे कुछ मिनट चूत चाटते हुए हो चुके थे. अब मैं चूत में उंगली भी करने लगा था.


उन्होंने दोनों हाथ मेरे सिर पर रख दिए और ‘आहह आह …’ करने लगीं.


कुछ ही देर में वे बेकाबू हो गई थीं और जोश में आ गई थीं. उसी वक्त भाभी ने मेरे बाल पकड़ कर मुझे ऊपर खींचा और धीरे से बोलीं- आई लव यू टू … अब बस करो और पेल दो.


मैंने एक पल भी खराब नहीं किया और अपना कड़क लंड भाभी की चूत में पेल दिया.


‘आह मर गई … धीरे … आह.’


मैं अब कहां रुकने वाला था, धकापेल मचा दी और कुछ ही समय बाद भाभी की दोनों टांगें हवा में उठ गई थीं. वे मस्ती से मुझे अपने दूध चुसवाती हुई चूत चुदवा रही थीं.


मैंने बीस मिनट तक भाभी को हचक कर पेला और उनके अन्दर ही झड़ गया.


यह थी पड़ोसन देसी भाभी Xx फक कहानी. आपको कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करें. [email protected]


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