पड़ोसन भाभी की चूत मिल ही गयी

कबीर 8

23-02-2024

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हॉट भाभी फक कहानी में मैं अपनी पड़ोसन को चोदना चाहता था तो मैंने उसके बेटे से दोस्ती की, उससे गांड मरवाई. भाभी को हमारी करतूतों का पता चल गया. उसके बाद क्या हुआ?


फ्रेंड्स, मैं कबीर सूरत से अपनी पिछली सेक्स कहानी का दूसरा भाग लेकर हाजिर हूँ.


पिछली सेक्स कहानी पड़ोसन की चूत के चक्कर में गांड मरवायी में आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली ममता भाभी को चोदने के चक्कर में उनके बेटे किशन से अपनी गांड मरवा ली और उसकी भी मार ली. उस कहानी की लिंक दे रहा हूँ. एक बार पढ़ लेंगे तो आपको सारा किस्सा याद आ जाएगा.


अब आगे हॉट भाभी फक कहानी:


तो दोस्तो, अब यह हम दोनों का रोज का मसला हो गया था. हमें जब भी मौका मिलता, हम दोनों गांड चुदाई कर लेते और एक दूसरे का लंड भी चूस लेते.


अब तो किशन ने भी मुझे छूट दे दी थी कि अगर उसकी मम्मी को मैं पटा कर चोद दूं तो उसे कोई ऐतराज़ नहीं होगा.


मेरा किशन के घर आना जाना भी ज़्यादा हो गया था तो अब ममता भाभी भी मुझसे खुल गयी थीं और बातें करने लगी थीं.


एक दिन किशन के घर कोई नहीं था, सब शादी में गए हुए थे. घर में सिर्फ़ किशन था. उसकी परीक्षा थी इसलिए वह नहीं गया था.


मुझे ममता भाभी ने उनके घर सोने को बोला था इसलिए मैं उनके घर सोने गया था. उस रात किशन को मैंने ममता भाभी के कपड़े पहना कर गांड मारी और अपना सारा वीर्य भाभी की चड्डी में निकाल दिया.


हम दोनों ने पूरी रात एक दूसरे की जम के गांड मारी.


सुबह जब ममता भाभी ने दरवाजा खटखटाया तो हम दोनों ने कपड़े पहने और सब ठीक करके दरवाजा खोला. ममता भाभी अकेली ही आई थीं.


उन्होंने पूछा कि दरवाजा खोलने में इतनी देर क्यों लग गई? मैंने बताया कि हम दोनों देर रात तक पढ़ते रहे इसलिए गहरी नींद में सोये हुए थे.


कमरे की हालत देखकर उन्हें शक हुआ लेकिन वे कुछ नहीं बोलीं. हम दोनों ने पूछा- रिया और किशन के पापा क्यों नहीं आए?


उन्होंने बताया कि वे दोनों दो दिन बाद आएंगे. उसके बाद हम सबने चाय पी और मैं अपने फ्लैट में आ गया.


दोपहर में मैं खाना खाने उनके घर गया क्योंकि सुबह ही भाभी ने बोल दिया था कि दोपहर को उनके घर खाना है. उस वक्त वहां भाभी ही अकेली थीं, किशन एग्जाम देने गया था.


भाभी ने पीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसी के मैचिंग का ब्लाउज पहना था.


उनका यह ब्लाउज कुछ ज्यादा ही गहरे गले का था. इसी कारण जब वे झुकतीं तो उनके बूब्स की गोलाइयां अन्दर तक दिख जातीं. उनके मस्त बूब्स देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था.


हम दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना खा रहे थे. भाभी बिल्कुल मेरे सामने बैठी थीं.


तभी उनका पल्लू थोड़ा और सरका तो उनके बूब्स साफ दिखने लगे. मैं उनकी गोरी चूचियां निहारने लगा. मेरे लंड में सुरसुरी होने लगी.


अचानक से भाभी की नज़र मुझ पर पड़ी तो वे समझ गईं कि मैं क्या देख रहा हूँ लेकिन तब भी उन्होंने पल्लू ठीक नहीं किया.


वे मुझसे पूछने लगीं- कल रात तुमने और किशन ने क्या किया था? यह सुन कर मैं जरा डर गया कि क्या बोलूँ. लेकिन फिर बोल दिया कि कुछ भी तो नहीं भाभी … क्या हुआ?


उन्होंने गुस्से से कहा- झूठ मत बोलो … सच सच बताओ! मैंने उनसे पुनः कहा- कुछ भी तो नहीं किया था भाभी!


अब तक हमारा खाना खत्म हो चुका था.


वे मुझे लेकर बेडरूम में गईं और अपनी साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट दिखा कर बोलीं- ये सब इस्तरी किए हुए थे … तो खराब कैसे हो गए? मैं चुपचाप खड़े होकर देख रहा था.


वे बार बार पूछ रही थीं कि क्या किया इनके साथ?


मैंने कहा- कुछ नहीं, ये ऐसे क्यों हुए मुझे पता नहीं है.


तब वे मुझे बाथरूम में ले गईं और रात को जिस चड्डी में मैंने वीर्य निकाला था, वह दिखा कर बोलीं- ये कैसे खराब हुई, बताओ! मैं डर गया और कुछ भी नहीं बोला.


तब उन्होंने धमकी देते हुए कहा- सच बोलो वरना मैं किशन के पापा को बता दूँगी.


तो भी मैंने कुछ नहीं कहा, बस चुप खड़ा रहा.


अब उन्होंने कहा- सुबह इस चड्डी में बहुत सारा वीर्य चिपका हुया था, सच बताओ वह किसका था … तुम्हारा या किशन का? और अब नहीं बताया तो किशन के पापा को फोन करके अभी बुलाती हूँ. ऐसा बोल कर उन्होंने फोन हाथ में ले लिया.


मैं डर गया और मैंने बोल दिया कि ये वीर्य मेरा है.


ये सुन कर उन्होंने पूछा- कैसे किया ये? मैं बोला- आपके बारे में सोच कर मुठ मार कर गिराया.


उन्होंने पूछा कि मेरे बारे में सोच कर क्यों? मैंने कहा- आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं और सेक्सी भी लगती हैं.


अब उनका गुस्सा गायब हो गया था. उन्होंने पूछा- क्या ऐसा रोज करते हो? मैंने कहा- हां, मैं रोज आपको ख्यालों में चोदता हूँ.


उन्होंने कहा कि तो रियल में चोदने के लिए क्या कर सकते हो? मैंने कहा- कुछ भी.


इस पर उन्होंने जो कहा, वह सुन कर मैं चौंक गया. उन्होंने कहा- मुझे चोदने के लिए मेरे बेटे से खुद की गांड भी मरवा ली!


मैं तो यह सुन कर चौंक गया. मैंने पूछा- यह सब क्या किशन ने बताया?


भाभी ने कहा- नहीं, किशन ने कुछ नहीं बताया … लेकिन दो दिन पहले जब मेरे घर में तुम किशन का लंड अपनी गांड में घुसाए हुए थे, तब मैंने देख लिया था. घर की दूसरी चाभी मेरे पास थी तो मैं चुपके से अन्दर आ गयी थी. तुम दोनों नंगे थे और किशन तुम्हारी गांड मार रहा था. फिर तुमने किशन की भी मारी और जब किशन की गांड मार रहे थे, तब तुम मेरा नाम ले रहे थे. इसका मतलब है कि तुम मुझे चोदना चाहते हो और किशन को भी ऐतराज़ नहीं है!


मैंने हंस कर कहा- भाभी आप बहुत सेक्सी हो, आपको चोदने वाला नसीब वाला होगा! तो भाभी बोलीं- तेरा भी नसीब अच्छा है.


बस इतना बोल कर भाभी ने मुझे अपनी बांहों में लपेट लिया. मैं तो भाभी के बदन की खुशबू से पागल हो गया.


भाभी ने मुझसे कहा कि अब तो बताओ कि कपड़े कैसे खराब हुए? मैंने कहा- कल किशन को पहना कर उसकी गांड में लंड डाला था.


भाभी बोलीं- आज किशन की मां की चूत में डाल दे. पहले बता देता तो किशन और तेरी दोनों की गांड बच जाती. मैंने कहा- भाभी, उसमें भी अलग मजा है.


बस इतना बोलते ही मैंने भाभी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा. आह बड़े ही मस्त मुलायम और मीठे रस से भरे हुए स्वादिष्ट होंठ थे.


कुछ मिनट तक हम दोनों ने होंठ चुसाई की. फिर मैं उनके ब्लाउज के बटन खोलने लगा.


भाभी बोलीं- अभी नहीं, किशन के आने का टाइम हो गया है. मैंने ऊपर से ही भाभी के बूब्स दबाते हुए कहा- वह तो वैसे भी रेडी ही है, मैं आपको चोदूं, इसमें उसे कोई ऐतराज नहीं है. भाभी बोलीं- नहीं, ऐसे एकदम से अच्छा नहीं लगता.


मैंने कहा- ओके, तो कब दोगी? भाभी बोलीं- आज रात को मेरे घर में आ जाना.


मैंने कहा- रात को किशन भी तो होगा? भाभी बोली- वह तेरी प्राब्लम है कि तू किशन को सच झूठ कुछ भी बताकर मेरे कमरे में आ जाना. मैं तेरा इंतजार करूँगी … और मेरे राजा मैं इसी लिए तो आज आ गई हूँ वरना मैं भी दो दिन बाद ही आती.


मैंने कहा- ओके मेरी रानी, आज हम दोनों का मिलन होकर रहेगा. मैंने उन्हें बांहों में भरके ज़ोर से किस किया.


तभी डोरबेल बजी तो भाभी ने दरवाजा खोला. बाहर किशन ही था. वह मुझे देख कर बोला कि तुम इस वक्त यहां?


मैंने कहा- हां तुमने ही तो कहा था कि आज घर पर खाना खाने आना तो खाना खाने आया था.


किशन ओके बोल कर फ्रेश होने चला गया और मैं अपने घर! शाम को मैंने किशन को पूरी बात बता दी कि दिन में क्या हुआ.


वह मानने को तैयार ही नहीं था. तो मैंने कहा- तू कैसे भी करके आज रात को मुझे अपने घर सोने को बुला ले, फिर खुद देख लेना कि कैसे तेरी मां को चोदता हूँ! किशन ने कहा- ठीक है.


उसने अपने घर में जाकर ममता भाभी से कहा- मम्मी, आज रात भी कबीर भैया का खाना बना लेना प्लीज … और आज रात को वे यहीं सोएंगे. मुझे उनसे अपनी स्टडी के बारे में थोड़ा पूछना है.


यह सुन कर ममता भाभी सब समझ गईं कि ये मेरा ही प्लान है और वे मन ही मन मुस्कुरा कर बोलीं- ठीक है, कबीर भैया को बोल देना कि मैं उनका इंतजार करूंगी.


रात को तीनों ने साथ में खाना खाया. तब भाभी ने साड़ी पहनी थी.


खाना के बाद उन्होंने चेंज किया. अब भाभी ने लाल रंग की नाइटी पहनी थी. वे उसमें एकदम मस्त माल लग रही थीं


जब भाभी चल रही थीं तो उनके बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे … इसका मतलब था कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.


फिर भाभी टीवी देखने लगीं. मैं और किशन उनके कमरे में पढ़ाई का बोल कर चले गए.


कमरे में जाकर मैंने भाभी को मैसेज किया कि अपने कमरे के दरवाजे खुले रखना, मैं बाद में आता हूँ.


हम दोनों कमरे में बैठे थे तो किशन का मन होने लगा. उसने एक बार मेरी गांड मारी और वह बोला- आप भी मेरी गांड मार लो.


मैंने कहा- अब तो ये लंड वहां जाएगा, जहां से तू निकला है!


तब मैंने किशन को सारा प्लान बताया- मैं ग्यारह बजे के बाद तेरी मम्मी के पास जाऊंगा. तुम दस मिनट बाद चुपके से आना और देख लेना. मैं खिड़की थोड़ी खुली रखूँगा. किशन बोला- ओके.


ग्यारह बजे मैं ममता भाभी के कमरे में गया तो देखा कि भाभी सो रही हैं. मैंने खिड़की खोल कर पर्दा डाल दिया और भाभी के पास जाकर लेट गया.


मैंने उनके होंठों पर किस किया तो भाभी जाग गईं. वे बोलीं- अच्छा तो जनाब आ गए!


यह कहते हुए भाभी ने एक सेक्सी सी स्माइल दी.


मैंने भी उन्हें किस करते हुए कहा- हां जानेमन, आज तो आना ही था. ममता भाभी- किशन को क्या बोलकर आए हो? मैं- कुछ नहीं. वह थक गया है तो सो गया … अब वह सुबह ही उठेगा.


ममता भाभी- ओके और कुछ किया नहीं? मैं- बस आपके बेटे से गांड मरवा कर आया हूँ. इसी लिए तो वह थक गया है.


ममता भाभी- ओह तो ऐसा है! अब बेटे का बदला उसकी मां से लोगे क्या? मैं- हां जानेमन, चलो अब वह काम शुरू करते हैं, जो दिन में बाकी रह गया था.


इतना बोलते ही मैं भाभी को बांहों में लेकर किस करने लगा. ममता भाभी भी मेरा साथ देने लगीं.


सच में भाभी के होंठ बहुत रसीले थे. इतना मजा आ रहा था कि पूरी रात सिर्फ़ होंठ ही चूसूँ, तब भी मन न भरे. काफी देर तक भाभी के होंठ चूसने के बाद वे बोलीं- बस यही करना है कि आगे भी बढ़ना है?


उनकी बात सुनकर मैंने कहा- हां जानेमन, आगे भी बढ़ता हूँ. मैं तसल्ली से पूरा मजा लेना चाहता हूँ.


भाभी मुझे चूम कर बोलीं- यह तो और भी बढ़िया बात है कि तुम मुझे तसल्ली से चोदना चाहते हो. जल्दबाजी में कोई मजा नहीं आता है.


मैंने कहा- हां मेरी जान मैं पूरी तसल्ली से ही तुम्हारी चूत को भोसड़ा में तब्दील करने आया हूँ. इतना बोल कर मैंने भाभी की नाइटी उतार दी.


मैंने बहुत सी लड़कियां और भाभियां देखी हैं लेकिन सच में ममता भाभी जैसा फिगर पहली बार देख रहा था. उनके मम्मों का आकार सच में बाद ही मस्त था. एकदम कड़क संतरे जैसे रसीली दूध मैंने अब तक किसी भी ऐसी भाभी या आंटी के नहीं देखे थे, जिसके किशन जितने बड़े बच्चे हो गए हों.


भाभी अपनी जवानी के अंतिम पड़ाव में थीं लेकिन अभी भी उनके मम्मों में काफी कसाव था और साइज़ भी पर्फेक्ट थी.


मैं बिना सोचे समझे उनके मम्मों पर टूट पड़ा. मैं बारी बारी से भाभी के दोनों मम्मों को चूस रहा था और मसल रहा था.


कभी मैं उनका एक दूध चूसता, तो दूसरा मसलने लगता. कभी पहले दूध को मसलता तो दूसरे को चूसने लगता.


सच में जन्नत की हूर चोदने का मजा आ रहा था.


फिर मैं धीरे धीरे नीचे आया तो एकदम सफाचट चूत थी, झांट का एक बाल भी नहीं था. भाभी की चिकनी चूत देख कर मैं तो पागल हो गया. मैंने उनकी गहरी लाल चूत में अपना मुँह धंसा दिया.


पहले पहल तो भाभी सिहर गईं, फिर वे कहने लगीं- तुम अपना औज़ार भी तो बाहर निकालो. मैंने चूत चाटते हुए ही कहा- आप ही निकाल लो न!


भाभी ने मुझे खड़ा कर दिया और जल्दी जल्दी मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. अब मैं भी पूरी तरह नंगा खड़ा था और नीचे मेरा लंड भी तन कर सीधा खड़ा था.


मैं कुछ करता, उसके पहले भाभी घुटनों के बल बैठ गईं और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. इससे मैं मदहोश होने लगा था क्योंकि भाभी के होंठ इतने रसीले थे कि उनके होंठों के द्वारा मेरे लंड की जो चुसाई हो रही थी, उसमें एक अलग ही आनन्द आ रहा था.


तभी मेरी नज़र खिड़की पर पड़ी. किशन खिड़की से देख रहा था कि उसकी मां कैसे बिल्कुल नंगी होकर उस लड़के का लंड चूस रही हैं, जिसका लंड वह खुद भी चूस चुका है और अपनी गांड में भी ले चुका है.


हम दोनों की नज़रें मिलीं, तो मैंने उसे इशारे से कहा- देख, तेरी मां क्या कर रही है?


तभी ममता भाभी ने लंड को छोड़ दिया और बोलीं- अब इस जादू के डंडे को इसकी असली जगह पहुंचा दो!


मैंने उनकी बात सुन कर उन्हें बेड के किनारे पर कुछ इस तरह से लिटा दिया कि उनके पैर बेड से नीचे लटक जाएं और उनकी चूत बेड के किनारे पर टिकी रहे … व बाकी जिस्म बेड पर.


तब मैंने ध्यान से देखा कि भाभी बहुत उत्तेजित हो चुकी थीं; उनसे अब रहा नहीं जा रहा था.


मैंने उनकी चूत में उंगली डाली तो उनकी चूत गीली हो चुकी थी. मैं कंडोम पहनने वाला था तो ममता भाभी बोलीं- बिना कंडोम के चोदो.


मैं भी खुश हो गया और सीधा अपना लंड पकड़ कर उनकी चूत पर रख कर सुपारा रगड़ने लग. वे गांड उठा कर लंड अन्दर लेने की कोशिश करने लगीं.


तभी मैंने धक्का लगाया तो भाभी की चूत गीली होने की वजह से एक ही झटके में मेरा लंड उनकी चूत में घुसता चला गया.


मेरा लंड मोटा है तो भाभी की हल्की सी चीख निकल गयी. लेकिन उनके चेहरे पर दर्द के साथ एक खुशी भी थी.


मैं अब घाप घपाघप पेले जा रहा था. उनकी चूत बहुत गर्म थी.


हमारी चुदाई जिस तरह के आसन में चल रही थी, उसमें किशन को अपनी मम्मी की चुदाई साफ दिख रही थी कि कैसे उसकी मां की चूत में मेरा लंड घुस निकल रहा है.


मैं धक्के पर धक्के मार रहा था. भाभी आ आह करने लगीं.


उनके मुँह से लगातार निकल रहा था- आहह ऑश … चोदो चोदो.


लगभग बीस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई में भाभी ने एक बार पानी छोड़ दिया था. चूत में काफी गीला गीला हो गया था. तो मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और एक कपड़े से चूत को पौंछ कर आसन बदला.


अब मैं बिस्तर पर चित लेट गया और ममता भाभी को ऊपर आने को बोला. भाभी मेरे ऊपर चढ़ गईं और अपनी चूत मेरे लंड पर रख कर बैठ गईं.


मेरा लंड एक बार में ही पूरा अन्दर घुस गया. इस बार भाभी को और मजा आया.


अब मैं नीचे से गांड उठा कर धक्के लगा रहा था और भाभी ऊपर नीचे हो रही थीं.


पूरे कमरे में भाभी की मादक आवाजें गूँज रही थीं- आहह हाय जान … आह फाड़ दो मेरी चूत को … आह इसका भोसड़ा बना दो. मैं यह सुनकर किशन की तरफ देखने लगा कि तेरी मां चुदती हुई क्या कह रही है. वह मुस्कुरा रहा था.


हमारी चुदाई की वजह से अब ठप ठप की आवाज़ आने लगी थी. कुछ देर तक चुदाई चलती रही.


हॉट भाभी फक का मजा लेती हुई भाभी ने एक और बार पानी छोड़ दिया. अब मुझे भी अहसास हुआ कि मेरा माल भी निकलने वाला है.


मैंने भाभी को बताया तो वह फटाफट मेरे नीचे आ गईं और मुझे ऊपर ले लिया.


अब मैंने भी भाभी की चूत चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी. भाभी बोले जा रही थीं- आह चोद कबीर चोद … अपने गांडू आशिक की मां को चोद दे.


यह सुनकर मुझे हंसी आ गई कि सेक्स में आदमी सब भूल जाता है या यूं कहूं कि जो कुछ उसके मन में चलता है, वह जुबान पर आ जाता है.


कुछ देर बाद मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया. पूरा पानी उनकी चूत में समा गया.


कुछ देर तक मैं ऐसे ही उनके ऊपर पड़ा रहा, फिर भाभी के बाजू में लेट गया.


कुछ देर टक कमरे में सन्नाटा छाया रहा, सिर्फ सांसों की आवाज आती रही.


फिर भाभी ने मेरे लंड को और अपनी चूत को कपड़े से साफ किया.


भाभी बोलीं- कबीर, तुमने सच में मुझे बहुत मजा दिया. थैंक्यू. यह कह कर भाभी ने मेरे होंठों पर किस कर दी.


मैं- इसमें थैंक्यू कहने की क्या जरूरत है भाभी … मजा तो मुझे भी बहुत ज़्यादा आया है … वैसे मैं एक बात पूछूं? वे बोलीं- हां पूछो?


मैंने पूछा कि क्या भैया आपको चोदते नहीं हैं? ममता भाभी- चोदते तो हैं, लेकिन अब बहुत कम हो गया है. पिछले दो साल में दस या बारह बार ही हमारे बीच सेक्स हुआ है. मतलब दो महीने में एक बार ही वे मेरी सवारी करते हैं. इसलिए मुझे बहुत मन कर रहा था. फिर मैंने तुमसे चुदवाने का मन इसलिए बना लिया था कि तुम्हारा लंड मुझे पसंद आ गया था. मैं तुम्हें अपने दूध दिखा कर इशारा करती लेकिन तुम हो कि मेरी चूत तक आए ही नहीं. फिर जब आए तो मेरे बेटे की गांड और लंड से होकर मेरी चूत तक आए.


भाभी के मुँह से यह बात सुन कर मुझे हंसी आ गई. हम दोनों जोर जोर से हंसने लगे.


मैं- भाभी मुझे एक बार आप दोनों मां बेटे के साथ एक साथ सेक्स करना है.


ममता भाभी- कर लेना यार … उसका भी टाइम आएगा. फिलहाल तो मेरी चूत ही चोद लो. मैं- नहीं इस बार मुझे आपकी गांड मारनी है.


इतना बोल कर मैंने उनकी गांड को दोनों हाथों में पकड़ कर भींच दिया. आह … क्या नर्म और मुलायम गांड थी.


ममता भाभी- ना ना … गांड इतनी जल्दी नहीं मिलेगी राजा. फिलहाल तो चूत से ही काम चलाओ. तब तक गांड का मजा मेरी इस चूत से जो निकला है उसकी मार कर ही लो.


मैं- कोई बात नहीं, मां की चूत और बेटे की गांड ही सही. इतना बोल कर मैंने भाभी के मुँह में लंड दे दिया. उन्होंने लंड चूस चूस कर वापिस खड़ा कर दिया.


उस रात हम दोनों ने 3 बार चुदाई की. मुझे बहुत मजा आया.


सुबह 4 बजे भाभी ने कहा- अब सो जाओ! मैं भाभी को चूम कर किशन के रूम में आ गया.


किशन जाग ही रहा था. उसने मेरी और अपनी मां की चुदाई देखी थी तो उसका लंड बहुत टाइट हो गया था. किशन मेरी गांड मारना चाह रहा था.


मैं थक गया था. लेकिन उसकी वजह से ही इतनी मस्त सेक्सी भाभी की चूत मिली थी तो मैंने मना नहीं किया. मैं उलट कर लेट गया और उससे बोला- घुसा दे अन्दर.


वह मेरी गांड मारने लगा. मुझे पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गई. सुबह उठा, तो हम दोनों नंगे पड़े थे.


फिर किशन की मम्मी ने दरवाजा खटखटाया, तो हम दोनों ने उठ कर कपड़े पहने और दरवाजा खोला. उसके बाद दो दिन तक जम कर ममता भाभी से सेक्स किया और किशन को भी मजा दिया.


फिर रिया और उसके पापा आए तो उसके बाद सेक्स बंद हो गया. मौका मिलते ही हम तीनों अलग अलग चुदाई कर लेते थे.


अभी तक किशन और ममता भाभी दोनों को एक साथ या दोनों की हाजिरी में सेक्स नहीं किया था.


इसके बाद जल्द ही एक ऐसी नयी घटना होने वाली थी, जिसके बारे में तो मैंने कभी सोचा ही नहीं था. वह घटना क्या थी, इसका खुलासा मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में करूंगा.


तो दोस्तो आपको मेरी हॉट भाभी फक कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं. [email protected]


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