पड़ोस वाली अकेली भाभी को पेला

शशांक 1

30-10-2023

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मैंने हॉट भाभी की चुदाई की. वे मेरे घर के पास ही एकदम अकेली रहती थी. मैं छत से उनको निहारा करता था. वे भी मेरी मनसा समझ चुकी थी. मैंने उन्हें फेसबुक पर खोजा.


दोस्तो, मेरा नाम शशांक है. मैं 26 साल का हूँ. और मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ. मैं अपनी फैमिली के साथ रहता हूँ.


मैं अन्तर्वासना को काफ़ी समय से पढ़ रहा हूँ और इसकी मादक सेक्सी कहानी पढ़ कर मुझे मुठ मारने में बहुत मजा आता है.


मुझे याद है जब मैंने पहली बार मुठ मारी थी. उस समय ‘आशिक बनाया …’ वाले गाने को देख कर लंड हिलाया था.


उसके बाद मुझे लंड हिलाने में इतना मजा आने लगा कि क्या बताऊं. अब तो मैं मुठ मारने का आदी हो गया हूँ और पॉर्न देख कर रोजाना हिलाने लगा हूँ.


मेरी कॉलोनी में कुछ समय पहले एक कपल रहने आया था. भाभी, उनके पति और उनकी एक छोटी बेटी है. उनकी बेटी किसी वजह से अपने नाना नानी के पास रहती है.


भाभी का नाम सपना था. सपना भाभी तो एकदम माल हैं. उनका 32-30-34 का मनमोहक फिगर देख कर किसी को भी हॉट भाभी की चुदाई, पेलने का मन करने लगे.


भाभी के पति आर्मी में थे तो भाभी अक्सर अकेली रहती थीं.


मुझे उन्हें देख कर उनको पेलने का मन करता था. लेकिन मेरा उनसे कोई संपर्क नहीं होने के कारण मैं कुछ कर नहीं पा रहा था.


मैं अपने घर की छत पर जाकर उनको देखता था.


एक दिन उन्होंने मुझे उनको ताड़ते हुए देख लिया था. उसके बाद से ये मामला कई मर्तबा हुआ.


मैं उन्हें छत से ताड़ने के लिए जाता और भाभी मुझे देख लेतीं कि मैं उन्हें देख रहा हूँ.


तब भी भाभी ने कभी कुछ कहा नहीं. इससे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी और लगने लगा था कि शायद भाभी को मेरा ताड़ना अच्छा लगता है.


मैं भी जानता था कि उनको भी चुदने का मन करता होगा क्योंकि उनके पति घर पर नहीं रहते थे और वे चार छह महीने में एक बार घर आते थे.


अब मैंने भाभी को फ़ेसबुक में ढूंढना चाहा लेकिन मैं असफल रहा.


फिर मैंने एक दूसरी भाभी को देखा, जो उनकी फ्रेंड थीं. ये दूसरी भाभी मुझे फ़ेसबुक में मिल गई थीं.


मैंने उन भाभी की फ्रेंड लिस्ट में सपना भाभी को ढूंढा. उधर सपना भाभी मिल गईं. उनके मिलते ही मैं खुश हो गया और मैंने सपना भाभी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी.


लेकिन मुझे डर भी था कि कहीं भाभी कुछ कहने न लगें.


दो दिन के बाद सपना भाभी ने मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली.


फिर मैं दूसरे दिन छत पर गया तो भाभी बाहर खड़ी थीं और वे मुझे देख कर मुस्कुरा दी. तब मुझे सुकून मिला.


फिर मैंने हिम्मत करके उनको हाय का मैसेज कर दिया. उनका कुछ देर तक उत्तर नहीं आया.


फिर कुछ देर बाद उन्होंने भी हाय बोला. मैंने पूछा- कैसी हैं आप? भाभी बोलीं- मैं ठीक हूँ तुम बताओ?


मैं बोला- मैं भी ठीक हूँ. फिर हमारी बातें हुईं.


उस दिन काफी देर तक बातें करने के बाद हम दोनों ऑफलाइन हो गए.


उसके बाद से अगले कुछ दिनों तक हम दोनों की चैट चलती रही.


भाभी मेरे साथ बात करने में काफी सहज हो गई थीं और अब तो वे छत पर मुझे देख कर हाथ हिला कर मुस्कुराने लगी थीं.


एक दिन उनको कुछ मार्केट में काम था. उन्होंने मुझसे चैट पर ही बोला- मुझे बाजार जाना है, तुम साथ चलोगे? मैं झट से मान गया.


शाम को हम दोनों मार्केट गए. मैं उन्हें अपनी बाइक पर ले गया था.


भाभी ने बाइक पर बैठ कर मुझे कमर से पकड़ लिया. मैं एकदम से गनगना उठा और उनके हाथ की कोमलता को महसूस करते हुए कामुक होने लगा.


तभी एक गड्डा आया और भाभी के दूध मेरी पीठ से रगड़ गए. सच में मेरे लौड़े में इतना ज्यादा तनाव आ गया कि मैं समझो पागल ही हो गया.


तभी भाभी वापस उचक कर ठीक से बैठने लगीं और उन्होंने मुझे जोर से पकड़ लिया. मैं उनकी चूचियों की कोमलता से बेहद गर्म हो गया था और अब मैं जानबूझ कर ब्रेक लगाने लगा था ताकि भाभी के दूध मेरी पीठ से रगड़ कर मुझे सुख दे सकें.


शायद भाभी ने इस बात को समझ लिया था. तो जब भी गड्डा आता और बाइक उछलती, उस वक्त भाभी कुछ ज्यादा जोर से मेरी पीठ से अपने दूध रगड़ देतीं.


फिर हम मार्केट में सामान खरीदने के बाद वापस आ गए. मैंने उन्हें उनके घर पर छोड़ा और वापस जाने को हुआ.


भाभी बोलीं- अरे ये क्या बात हुई. चलो अन्दर … चाय तो पी लो, फिर चले जाना! मैंने उनकी आंखों की मुस्कान देख कर हामी भर दी और बोला- ठीक है.


फिर हम दोनों अन्दर आ गए और मैं सोफ़े पर बैठ कर टीवी देखने लगा.


वह चाय बनाने की कहती हुई अन्दर चली गईं. पहले भाभी कपड़े बदलने अपने कमरे में गईं.


मैंने भी मौका देखा और उनको ताड़ने के लिए उनके पीछे चला गया.


मैंने सोच लिया था कि यदि भाभी पूछेंगी तो मैं बाथरूम जाने का कह दूंगा.


भाभी अपने कमरे के गेट को धक्का देकर यूं ही उड़का कर अन्दर चली गई थीं.


मैंने उनके रूम का दरवाजा धीरे से खोला, तो मैंने देखा भाभी ने कुर्ती उतारी हुई थी और वे ब्रा में थीं. क्या माल लग रही थीं.


काली ब्रा में गोरे दूध और बड़ा सा क्लीवेज आह … ये सीन देख कर मैंने अपने लंड को सहलाना चालू कर दिया.


फिर भाभी ने अपनी सलवार उतारी.


कमाल हो गया धोती फाड़ कर रूमाल हो गया. उन्होंने नीचे पैंटी ही नहीं पहनी हुई थी.


चूंकि वे मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई थीं तो उनकी बड़ी सी गोरी गांड मेरे सामने थी.


मैं भाभी की नंगी गांड देख कर पागल हो गया था. मैंने सोच लिया था कि मैं हॉट भाभी की चुदाई करके ही रहूँगा.


अब वे अपने सलवार कुर्ती को रख कर एक नाइटी पहनने लगीं और बाथरूम में चली गईं. मैं वापस हॉल में आ गया.


फिर थोड़ी देर बाद भाभी चाय बना कर लाईं और उन्होंने झुक कर मुझे चाय पकड़ाई. झुकते समय भाभी ने अपना क्लीवेज वापस दिखा दिया और मुस्कुरा दीं.


मैं भी मुस्कुरा दिया. हम दोनों ने चाय पी और बातें करते रहे. कुछ देर बाद मैं उठ कर अपने घर आ गया.


अब मैं भाभी के बारे में सोच सोच कर लंड हिलाता रहा. मुझे भाभी को पेलने का मौका नहीं मिल पा रहा था.


आख़िर वह दिन आ गया जब मुझे उन्हें पेलने का अवसर मिल गया था.


उस दिन भाभी को मुझसे कुछ काम था. मैं उनके घर गया तो वे शॉर्ट्स में थीं.


तब मैं उनका ये रूप देख कर एकदम से शॉक्ड था. मैंने पहले उनको कभी भी इस तरह के कपड़ों में नहीं देखा था.


उनकी गोरी जांघें ओर फूली हुई गांड देख कर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया. मैंने अपने लंड को बहुत छुपाना चाहा पर मैं असफल रहा.


उन्होंने भी मेरे लौड़े को फूलता हुआ देख लिया था. वे कनखियों से देख कर मुस्कुराने लगीं और जल्द ही उन्होंने अपनी इस कंटीली मुस्कान पर काबू पाते हुए अपने काम को कहा.


भाभी ने मुझे बल्ब लगाने के लिए बुलाया था. जैसे ही मैं स्टूल पर बल्ब लगाने चढ़ा, मैंने उनका क्लीवेज देखा.


भाभी के गोरे गोरे दूध देख कर मेरा लंडा फिर से हिनहिनाते हुए खड़ा हो गया.


उन्होंने भी नीचे से मेरे लंड को देख लिया और मुस्कुरा दी.


फिर हम लोग बैठ कर बातें करने लगे. थोड़ी देर बातें करते हुए उन्होंने अपना हाथ मेरे पैर से स्पर्श करते हुए रख दिया.


इससे मेरे अन्दर एक लहर सी दौड़ गई; मेरा लंड टनटन करने लगा.


उन्होंने मेरा लंड फूलते हुए देखा और उसी को देखने लगीं. उसी समय उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और उसे हटाया ही नहीं.


मैंने मौका देख कर उनके एक दूध में अपनी कोहनी मार दी. उनका चेहरा वासना से तप्त होने लगा और मैंने देखा कि भाभी के दूध के निप्पल तन गए थे.


मेरे से रहा नहीं जा रहा था. मैंने उनके गाल में किस कर दी.


उन्होंने बोला- अरे, ये क्या कर रहे हो? मैंने कहा- आपको बुरा लगा हो तो सॉरी भाभी, पर आप मुझे अच्छी लगती हैं.


सपना भाभी बोलीं- मैं तुमसे बड़ी हूँ. मैंने कहा- तो क्या हुआ भाभी … प्यार में सब चलता है.


उन्होंने कहा- पसंद तो मैं भी तुम्हें करती हूँ पर ये सब ग़लत है. मैंने कहा- कुछ ग़लत नहीं है भाभी.


इतना कहते हुए मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूमने लगा.


उन्होंने मुझे हटाने की हल्की सी कोशिश की, पर वे खुद भी असफल होना चाहती थीं. तो परिणाम यह हुआ कि कुछ देर बाद वे मेरा साथ देने लगीं.


अब हम दोनों बेताबी से कुछ मिनट तक एक दूसरे का चुम्बन करते रहे.


फिर मैंने उनको अपनी बांहों में भर लिया और भाभी की गर्दन पर चुम्बन किया.


वह शायद उनका हॉट-पॉइंट था तो वे एकदम से सिहर उठीं और आह आह करने लगीं.


मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से दूध दबा दिए. तो भाभी और भी ज्यादा गर्म हो गईं.


भाभी बोलीं- आह आह … दबाओ मेरे दूध … इनको पी लो. कब से तरस रही हूँ मैं लंड के लिए! मैंने उनकी नाइटी उतार दी और उनके मम्मों पर टूट पड़ा, एक को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से मसलने लगा.


उन्होंने मेरा सिर अपने मम्मों में घुसा दिया और आह आह आह करती हुई बोलीं- और ज़ोर से चूसो आह पी लो मेरे दूध … पूरा पी जाओ, चूस लो मुझे … बुझा दो मेरी प्यास!


करीब दस मिनट तक दूध चूसने के बाद मैंने उनकी पैंटी में उंगली कर दी.


भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया था जिस वजह से पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी.


मैंने पैंटी की साइड से उनकी चूत के अन्दर उंगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.


कुछ मिनट तक उंगली करने के बाद भाभी झड़ गईं. मैंने उनकी पैंटी से ही चूत को पौंछ दिया और पैंटी को उतार कर अलग कर दिया.


वे कहने लगीं कि अब मुझसे रुका नहीं जाता. प्लीज तुम मुझे चोद दो. यह सुनते ही मैंने उन्हें चुदाई की पोजीशन में लिया और अपना लंड उनकी चूत के ऊपर लगा कर घिसने लगा.


उन्होंने गांड उठाते हुए कहा- और मत तड़पाओ मेरी जान … पेल दो मुझे … मेरी चूत कब से प्यासी है लंड के लिए! मैंने देर न करते हुए अपना लंड अन्दर पेल दिया और झटके देने लगा.


हॉट भाभी की चुदाई में आह निकल गई और वे दर्द से कराहने लगीं. आठ दस झटके के बाद मेरा पूरा लंड उनके अन्दर घुस गया था.


वे वासना से पागल हो रही थीं और बोल रही थीं- आह चोद दो … बना लो मुझे अपनी रंडी … फाड़ दो मेरी … बुझा दो मेरी आग … आह अहहह आ प्लीज!


करीब दस मिनट के बाद वे फिर से झड़ गईं. लेकिन मैं अभी बाकी था.


मैंने लंड की रफ़्तार बढ़ाई और तेज़ी से भाभी को पेलने लगा. कुछ मिनट तक चोदने के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से कहा- मेरा होने वाला है … रस किधर लोगी? उन्होंने कहा- अन्दर ही गिरा दो.


मैंने उनकी बात सुनते हुए लंड का रस चूत के अन्दर झड़ा दिया और उनके ऊपर लेट कर उन्हें किस करने लगा. हम दोनों ने उस दिन तीन बार चुदाई की.


फिर मैं घर आ गया.


उसके बाद तो मैं जब तब भाभी को चोदने के लिए उनके घर में जाता रहा.


दोस्तो, आपको मेरी देसी हॉट भाभी की चुदाई की कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताएं. [email protected]


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