पड़ोसन भाभी की चूत और गांड मारी

देव दास

26-05-2023

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हॉट भाभी www Xxx हिंदी कहानी में पढ़ें कि मैं पड़ोस की भाभी को देखता था. एक दिन उसने मुझे सिलेंडर लगाने बुलाया. उसके बाद उसने मुझे रोक लिया और …


प्रिय पाठको, मेरा नाम देव कुमार है.


मैंने डेढ़ दो महीने पहले ही एक नया कमरा किराये पर लिया था. कमरा दूसरी मंजिल पर था.


यह हॉट भाभी www Xxx हिंदी कहानी पिछले महीने की है. एक दिन मैं अपनी बालकॉनी में खड़े होकर गाने सुन रहा था कि तभी मेरी नज़र सामने वाले घर के नीचे वाले कमरे की तरफ चली गयी.


वहां एक महिला थी, जो सूट में थी. वह अपने घर के आगे पानी डाल रही थी क्योंकि गर्मी का समय था तो पानी डाल कर कुछ तरावट हो जाए. मैं उसे देख रहा था.


फिर वह घर में अन्दर गयी और झाड़ू लेकर आई. उससे वह पानी साफ़ करने लगी. पानी साफ़ करते समय जैसे ही वो झुकी तो उसकी मोटी गांड दिखने लगी.


ये नजारा देखते ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया. फिर मैं हर रोज़ उसी समय वहां देखने लगा. कभी उसकी चूचियाँ दिखाई देतीं तो कभी उसकी गांड हिलती हुई दिखाई देती.


ऐसे ही कुछ दिन बीत गए. फिर एक दिन जब मैं नीचे से अपने रूम में जा रहा था तो उसने मुझे आवाज़ दी. मैं उसकी ओर गया.


वह कमीज और पजामी पहने हुई थी जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी. उसको अपने गैस का सिलेंडर लगवाना था जो उसे नहीं आता था.


मैंने अन्दर जाकर सिलेंडर लगा दिया और बाहर आने लगा. वह बोली- अरे रुको ना … कुछ ठंडा पीकर चले जाना.


मैं रुक गया और उधर रखी एक कुर्सी पर बैठ गया. वो कोल्ड ड्रिंक लेकर मेरे पास आई और मुझे वो देने के लिए झुकी.


उसके मोटे मोटे चूचे मुझे साफ दिखने लगे. मैंने उसके हाथ से ड्रिंक लेते हुए बात करना शुरू की.


मैं- क्या हुआ … भईया कहीं दिख नहीं रहे हैं? वो बोली- वे काम के कारण एक महीने के लिए बाहर गए हैं. मैं- ओह … अच्छा.


मेरी ड्रिंक खत्म होते ही मैं बाहर जाने लगा. तो भाभी बोली- रुको, तुमसे कुछ और बात भी करनी है. मैं- हां बोलिये?


भाभी- अन्दर बेडरूम में चलो. मैं- क्यों क्या हुआ?


भाभी बोली- कहा ना कि कुछ जरूरी बात करनी है. मैं उसके साथ चल दिया.


भाभी- अब सच सच बोलना! मैं- हां बताएं क्या बोलना है?


भाभी- तुम मुझे हर रोज़ अपनी बालकॉनी से ताड़ते क्यों रहते हो? मैं डर गया और बोला- ऐसा कुछ नहीं है.


भाभी- मैं तुम्हें देखती हूं. हर रोज़ तुम कैसे मेरे झुकने पर मेरी गांड को देखते हो … और मेरे खड़े होने पर मेरे चूचों को. सच सच बोलो ये तुम्हें पसन्द हैं न? मैं- नहीं नहीं … ऐसा नहीं है भाभी.


भाभी- मैं सबको बता दूंगी कि तुम कैसे मुझे देखते हो और अभी जब मैं तुम्हें कोल्ड ड्रिंक दे रही थी, तब भी ऐसे ही मेरे दूध देख रहे थे.


भाभी के मुँह से इतना खुला सुनकर मैं बहुत ज्यादा डर गया था. तो मैं सकपका कर बोला- भाभी, आप ये बात किसी से मत कहना … आप जो बोलेंगी, जैसा बोलेंगी, मैं करूँगा. पर प्लीज आप ये सब किसी को मत बोलना. ये कह कर मैं हाथ जोड़ने लगा.


भाभी- चलो ठीक है, मैं नहीं बोलूंगी. पर तुम्हें वो सब करना होगा जो मैं बोलूंगी! मैं- हां ठीक है, जैसा आप बोलें … वैसा ही करूँगा.


भाभी- मेरे पति 20 दिन से घर पर नहीं हैं … और अभी 10 दिन और नहीं आएंगे. मैं उनके बिना तड़प रही हूँ. मैं- भाभी, इसमें मैं क्या कर सकता हूं?


भाभी- हर लड़की को एक जगह बहुत ज्यादा खुजली होती है. उम्र के साथ साथ वो खुजली बढ़ती जाती है. इस खुजली को सिर्फ एक मर्द ही मिटा सकता है. फिलहाल मेरे पति तो यहां हैं नहीं, तो मेरी वो खुजली मिट ही नहीं रही है. मैं- ठीक है, बताओ कहां है खुजली?


भाभी- मेरी टांगों के बीच में! मैं- क्या?


भाभी- हां मेरी चूत में खुजली हो रही है. मैं- तो मैं इसमें क्या कर सकता हूं?


भाभी- जो मैं बोलूँ, वो करो. तू किसी लड़की के साथ सोया है आज तक? मैं- नहीं.


भाभी खुश हो गई और बोली- ओके तू मेरे साथ बेड पर आ जा!


वो बेड पर लेटकर बोली- आ जा अब इधर आकर मेरी पजामी उतार! मैं- नहीं, मैं ये सब नहीं कर सकता. यह गलत है भाभी.


भाभी- अगर तू वो नहीं करेगा, जो मैं बोलूंगी. तो मैं सबको बता दूंगी कि तू मेरे साथ बालकॉनी से क्या क्या करता है. मैं- ठीक है, मैं करूँगा. पर आप किसी को कुछ नहीं बोलेंगी.


मैं बेड पर चढ़ा और भाभी की कमर से पजामी नीचे करने लगा. उन्होंने लाल पैंटी पहनी हुई थी.


मैंने उनकी पजामी उतार कर साइड में रख दी.


मुझे डर भी लग रहा था और साथ साथ उनकी मोटी सफ़ेद जांघें और लाल पैंटी देख कर मुँह में पानी भी आने लगा था.


भाभी- अब जल्दी से मेरी कच्छी भी उतार दे. मैंने बिल्कुल वैसे ही किया.


मेरी नज़रों के सामने एक अजीब सा नज़ारा था जिसमें भाभी की चूत तो दिख ही नहीं रही थी, चूत तो मानो उनकी घनी झांटों में खो सी गयी थी.


एक बड़े से जंगल में वो बालों का जंगल था. जंगल यानि की भाभी की बहुत लंबी लंबी झांटें थीं.


मुझे उनकी झांटें देखते हुए देख कर वह बोली- मैं तो भूल गयी थी. मैंने झांटें तो साफ़ की ही नहीं, चल मेरे साथ!


इसके बाद वह मुझे पकड़ कर बाथरूम में ले गईं. वहां एक स्टूल लेकर बैठ गईं और मुझसे बोली कि वहां से रेज़र उठा … और मेरी चूत साफ़ कर.


मैंने वैसा ही किया, जैसा उसने बोला.


झांटें साफ़ करने पर मुझे उनकी चूत दिखी, वो बिल्कुल गुलाबी थी. उसने मुझे पकड़ा और वापस बेडरूम में ले जाकर लेट गई.


भाभी- अब खड़ा क्या है … यहां आकर मेरी खुजली मिटा. मेरी चूत में अपनी जीभ डाल और चाट इसे! मैंने भाभी की चूत चाटना शुरू की. भाभी सिसकारने लगी- ओह आह मेरे राजा … तू तो मेरे पति से भी अच्छा चाटता है … अहह ओह हह … बस ऐसे ही चाटता रह अह!


दस मिनट तक मैं ऐसे ही चूत चाटता रहा जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने पजामा पहना हुआ था जिसमें मेरा खड़ा लंड साफ़ दिख रहा था जो अब पागल हो रहा था.


भाभी सिसकारती हुई मेरे मुँह में ही झड़ गयी.


फिर भाभी उठी और बोली- तूने मेरी खुजली और बढ़ा दी है. अब तो मुझे और भी ज्यादा प्यास लग रही है.


भाभी मेरे पजामे में खड़े लंड को देखने लगी. भाभी- पजामा उतार अपना!


मैं- नहीं भाभी … प्लीज नहीं. भाभी बेड से उठी और मेरा पाजामा कच्छे के साथ नीचे कर दिया.


भाभी- वाह तेरा लंड तो 7 इंच का लग रहा है. मेरे पति के लंड से बहुत बड़ा है और मोटा भी है. अब ये ही मेरी प्यास बुझाएगा.


फिर भाभी ने झट से लंड को मुँह में भर लिया और तेजी से चूसने लगी. मैं बस खड़े खड़े लंड चुसवाने के मजे लेने लगा.


और जल्दी ही मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया और भाभी मेरा सारा माल पी गईं. मैं कुछ ज्यादा ही जल्दी झड़ गया था.


भाभी- जैसे तेरा लंड इतना अच्छा है, वैसे ही इसका माल भी बहुत अच्छा है. क्या मुझे इतना अच्छा चोद भी पाएगा?


मैं- बहन की लौड़ी … तूने सोते हुए शेर को जगा दिया है. आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा मैं! साली तुझे ऐसे चोदूंगा कि तेरी चीखे ही नहीं रुकेंगी. भाभी- सिर्फ बोलेगा या मशीन में तेल डाल कर चालू भी करेगा?


मैंने भाभी को गोद में उठाया और पलंग पर फेंक दिया. अगले ही पल मैं बिजली की फुर्ती से भाभी के ऊपर चढ़कर चूत में अपना हथियार पेल दिया.


लंड चूत में डालते ही भाभी चीखी और बोली- आह हरामजादे … भोसड़ी के … लंड में तेल लगा कर चूत में डालने को बोला था ना … तूने साले बिना तेल के ही बाड़ दिया … आह मर गई. मैं भाभी की बात को अनसुनी करके उसको धकापेल चोदने लगा.


भाभी तेज तेज सिसकारियां भरने लगी. उसकी सिसकारियों को सुनकर मुझमें और जोश आ गया और मेरी रफ़्तार और बढ़ गयी.


भाभी की हालत खराब होने लग गयी थी पर भाभी मज़ा भी पूरा ले रही थी.


फिर कुछ देर में हम दोनों ही झड़ गए. मैंने चूत में ही सारा माल छोड़ दिया और भाभी के ऊपर ही लेट गया.


भाभी ने मुझे रात में उठाया और बोली- चल अब खाना खा ले!


हम दोनों ने खाना खाते खाते बात की और अब मैं घर जाने की कहने लगा. भाभी बोली- मैं घर में अकेली हूँ, तो तू यहीं सो जा. हम रात में मस्ती भी कर सकेंगे.


मैं खुश होकर वहीं रुक गया और भाभी को गोद में उठाकर फिर से बेडरूम में ले गया.


भाभी ने एक एक करके अपने सारे कपड़े उतारे. मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार फेंके.


मैं- भाभी, आई लव यू सो मच. भाभी- आई लव यू टू मेरे राजा, मुझे इतना प्यार तो मेरा पति भी नहीं देता जितना तूने दिया है. काश तू मुझे शादी से पहले मिला होता, तो मैं तेरे साथ रोज़ सोती.


मैं- भाभी आपकी सील किसने तोड़ी थी? भाभी- मेरे पति ने, पर मेरी असली सील तो तूने आज तोड़ी है … अपने 7 इंच के लंड से. तूने ही मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया आज … और अब मुझे ये भोसड़ा और बड़ा करना है तुझसे चुद चुद के.


फिर भाभी मेरा लंड चूसने लगी. थोड़ी देर तक वो लंड चूसती रही.


मैंने भाभी को लंड पर बैठा लिया और भाभी की चूत ने मेरा लंड अपने अन्दर ले लिया. भाभी उछल उछल कर मुझसे चुदने लगी


मैंने भाभी को अलग अलग पोजीशन में चोदना शुरू किया, जिससे भाभी भी एन्जॉय करने लगीं.


जब मैंने डॉगी स्टाइल में होने को बोला तो भाभी झट से हो गई.


फिर मेरा ध्यान भाभी की गांड पर गया. मैं भाभी की चूत चोदते चोदते गांड में उंगली डालने लगा.


भाभी- ये क्या कर रहे हो … उन्नह … मेरी गांड में उंगली क्यों कर रहे हो? आह … दर्द हो रहा है. मैं- भाभी, आपने आज तक पीछे वाला ट्राय नहीं किया. गांड में घुसवाने का मजा ही अलग आता है.


भाभी- नहीं, मुझे चूत चुदवाना ही पसन्द है. और ये तू कैसे कह सकता है कि गांड मराने में मजा आता है? मैं- भाभी, वो छोड़ो … मैं आपके लिए इतना कुछ कर रहा हूँ, तो आप मेरे लिए कुछ नहीं करेंगी?


भाभी– बोलकर तो देख. तेरे लिए तो मेरी जान हाज़िर है देवू! मैं- तो भाभी अपनी गांड को खोलो. मैं आपकी बिना चुदी गांड को अपना बनाना चाहता हूँ.


भाभी- नहीं … तू चाहे तो मेरे मुँह में डाल ले, मेरी चूत में दे ले, पर मेरी गांड छोड़ दे. मेरी गांड तेरा लंड नहीं झेल पाएगी. मैं- भाभी मान जाइये, बहुत मज़ा आएगा.


थोड़ा फ़ोर्स करने पर भाभी आखिर मान गयी और उलटी लेटकर अपनी गांड को पकड़कर लेटी रही.


मैं- भाभी, अब मुझे आपकी गांड का छेद साफ़ दिख रहा है. भाभी- चल अब देवू डाल अपना लंड अन्दर … पर धीरे धीरे करना. मैं- ओके भाभी, आप टेंशन न लो, ज्यादा दर्द नहीं होगा


मैंने भाभी की गांड के छेद पर थूका और गीला कर दिया और लंड को आराम से डालने लगा. भाभी- हां बस ऐसे ही कर … दर्द कम हो रहा है.


मैंने एक जोर का झटका मारा और पूरा लंड अन्दर कर दिया. भाभी चीखी और बोली- आह कुत्ते धीऱे कर ना. मादरचोद फ्री की चूत समझ कर गांड की माँ चोदने में लगा है क्या?


मैंने धीरे धीरे भाभी की गांड मारनी शुरू की और कुछ देर में भाभी की गांड में ही झड़ गया.


उस दिन मैंने भाभी की 3 बार चुदायी की और साथ साथ गांड भी मारी.


उसके बाद जब भी भाभी का मन करता, भाभी मुझे फोन करके बुला लेती हैं और मैं उनकी चूत गांड के लिए लंड उठा कर भागा चला जाता.


फिर भाभी का पति वापस आ गया और मुझे चूत मिलना बंद हो गई.


यह कुछ दिन पहले की ही बात है कि भाभी का मैसेज आया- तेरी भाभी माँ बनने वाली है.


मुझे लगता है कि बच्चा मेरा ही है … न कि उसके पति का.


चलिये दोस्तो, फिर आऊंगा ऐसी ही चटपटी सेक्स कहानी लेकर! यह हॉट भाभी www Xxx हिंदी कहानी आपको कैसी लगी? ईमेल से मुझे अपना प्यार भेजिएगा. [email protected]


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