भाभी की चोली ने 2 चूत दिलवाई

दिल्ली बॉय

17-03-2023

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इंडियन हॉट भाभी Xxx कहानी में पढ़ें कि कैसे हमारी किरायेदार भाभी अपने आप ही मेरे पास आकर चुद गयी. उसके बाद मैंने उनकी ननद की कुंवारी चूत भी खोली.


मैं शिवम, मेरी पिछली कहानी पड़ोसन लड़की ने चूत का गिफ्ट दिया आपने पसंद की. धन्यवाद.


मुझे अच्छा लगता है जब आप कहानी के बारे में मेल करते हैं; ऐसा लगता है मेहनत वसूल हो गई।


अब मैं अपनी अगली कहानी आपको सुनाने जा रहा हूं. आज की कहानी हमारे घर में किराए पर रहने आए परिवार की है।


वो 5 लोगों का परिवार है, अंकल आंटी 50 साल के आस पास, उनका बेटा, बहू और उनकी बेटी।


तो अब इंडियन हॉट भाभी Xxx कहानी शुरू करते हैं।


जब ये लोग ऊपर वाले फ्लोर पर रहने आए तो मेरी नजर उनकी जवान बेटी नेहा पर गई जो 20 साल की है। बिल्कुल स्लिम बॉडी और पांच फुट ऊंची। चूची के नाम पर दो छोटे छोटे निशान शायद कुपोषण का शिकार हो गई है।


काफी दिन साथ रहने के बाद समझ आया वो पूरा दिन बस पढ़ती रहती है इस लिए खाने पीने पर ध्यान नहीं देती।


पर मैं तो उसकी छाती पर चूची देखने की कोशिश करता. हाय मौका मिल जाए, फिर दबा दबा कर मोटी कर दूँ इन चूची को। काफी दिनों तक मेहनत की मैंने पर उसने मौका नहीं दिया.


पर मेहनत तो रंग लाती है।


एक दिन में फोन पर बात करते हुए घर के बाहर सिगरेट पीने में लगा था क्योंकि घर में पीता तो कुटाई होती।


तभी ऊपर से एक चोली मेरे सामने सड़क पर गिर गई.


तो मैंने अचानक ऊपर देखा तो वहा कोई दिखा नहीं बस रस्सी पर लटके हुए कुछ कपड़े दिखे जो धूप में सूखने के लिए वहा टांग देते हैं। मैंने चोली को उठाया और घर में अंदर आने लगा तो ऊपर वाली भाभी सीढ़ी से नीचे आती हुई दिखाई दी. तो मैंने मस्ती करने की सोची और चोली को जींस की जेब में डाल दिया।


भाभी बाहर गई और ढूंढने के बाद वापस आई तो भाभी ने मुझसे कहा- बाहर कपड़ा गिर गया था जहाँ तुम खड़े थे. तुमने देखा है? मैंने कहा- कौन सा कपड़ा भाभी? तो वो चारों तरफ देखने लगी और फिर चुप हो कर ऊपर चली गई।


मैं अपने कमरे में आया और चोली निकाल कर देखने लगा. वो लाल रंग की थी और 34 B साइज था.


अब मैं सोचने लगा कि यह चोली किसकी होगी क्योंकि नेहा का साइज तो बहुत कम है. या तो ये चोली भाभी की है या फिर आंटी की।


मैं उस चोली में क़ैद होने वाली चूची को सोचते हुए बाथरूम में घुस गया और अपना लंड चोली में लपेट कर हिलाने लगा. उफ्फ … ऐसा लगा जैसे सच में चूची के बीच में लंड डाल कर धक्के लगा रहा हूं. आह … क्या मजा आया!


और मैंने चोली में ही अपना पानी निकाल दिया। अब मैं वापस आया और चोली को बेड के हेड में रख दिया और लॉक कर दिया।


इसके दो दिन बाद शाम को में फोन पर बात कर रहा था तब भाभी सीधी पर आईं और मुझे बुलाया. तो मैं चला गया.


वो बोली- शिवम है न आपका नाम? तो मैंने बोला- हाँ शिवम ही है.


वो बोली- इतने दिन से हम आपके घर में रह रहे हैं, तुम तो बात ही नहीं करते हो? मैंने कहा- वो घर में सब होते हैं तो अच्छा नहीं लगता. आपके हसबैंड को बुरा लगेगा। तब भाभी बोली- आज तो कोई नहीं है. अब तो बात कर सकते हो।


तो मैंने कहा- बताओ क्या बात करनी है? भाभी शरारती मुस्कान के साथ बोली- यार तुम जिस एटीट्यूड में बात कर रहे हो, वैसे हो नहीं। मैं- तो कैसा हूँ भाभी?


भाभी- अच्छा भाभी बना लिया? मैं- तो बताओ और क्या बनना है? भाभी- नहीं, भाभी ही ठीक है.


हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी खुल गए। भाभी लगातार शरारती मुस्कान के साथ बात कर रही थी और मैं भी उनके करीब जाना चाहता था तो मैंने भी मौके का फायदा उठाया।


फिर भाभी बोली- अच्छा, एक बात सच सच बताओगे? मैं- हाँ भाभी, दो पूछो.


भाभी- दो नहीं बस यह बताओ उस दिन तुमने सच में नहीं देखा था ब्रा को? और वो बोलते हुए रुक गई।


मैं समझ गया कि भाभी शर्मा गई हैं. अब अगर मैंने इनसे खुलकर बात नहीं की तो ये भी खुल नहीं पाएंगी।


तभी मैंने चौका मारा- अच्छा वो ब्रा आपकी है? तभी भाभी बोली- हां मेरी है। मैं- मुझे पता नहीं था।


भाभी अब थोड़ा खुल गई- तो फिर उस दिन क्यों नहीं बताया? मैं- उस दिन बताता तो ये कैसे पता चलता वो ब्रा आपकी है? भाभी- तो ऊपर से गिरी थी मेरी नहीं तो ओर किसकी होगी? मैं- नहीं, ऊपर तो दो लेडीज और हैं आपसे अलग!


भाभी- अरे यार, उसका साइज तो देखते. मम्मी की कितनी बड़ी है और नेहा तो ब्रा पहनती ही नहीं।


अब फिर से भाभी ये बोल कर चारों तरफ देखने लगी जैसे कोई और हमारी बात सुन ना ले.


मैं- भाभी, इतने दिन से मुझे आपके नाम तो पता नहीं चला तो यह कैसे पता चलता कि कौन कौन पहनता है।


अब भाभी मुस्कुराने लगी। मैंने भी उनकी मुस्कुराहट का जवाब मुस्कुरा कर दिया।


भाभी- चलो, अब तो वापस कर दो। मैं- ओके भाभी, पर आप ये बात किसी को बोलना मत प्लीज! भाभी- ओके नहीं बोलूंगी।


मैं अंदर गया और बेड में से ब्रा निकाल कर बाहर आने लगा.


पर भाभी खुद ही कमरे तक आ गई तो मैंने वहीं पर उनके हाथ में वो लाल चोली दे दी।


भाभी इस चोली को उलट पलट कर देखने लगी. मैं समझ गया कि वो वीर्य के निशान ढूंढ रही हैं।


भाभी- तो तुमने यूज भी की और साफ भी नहीं की। मैं- अरे भाभी, साफ करता तो आपके जिस्म की खुशबू कैसे महसूस करता। भाभी हल्के से मुस्कराई पर बोली नहीं।


मैं- भाभी एक बार दिखाओ ना प्लीज! भाभी- अरे तुम्हारी मम्मी आ गई तो? मैं- वो मार्केट गई हैं.


भाभी- हाँ मम्मी भी गई। शायद दोनों साथ ही गई हैं।


अब ऊपर से अंकल और रोहित भैया दोनों ड्यूटी गए हैं और नेहा पढ़ती रहती है। नीचे से पापा ड्यूटी गए हैं और मम्मी और आंटी दोनों मार्केट। अच्छा मौका मिला।


मैं- भाभी प्लीज दिखाओ ना! भाभी- ओके गेट बंद कर दो।


मैं दौड़ कर गया और मेन गेट लॉक कर वापस आया. तो भाभी वही खड़ी कुछ सोच रही थी।


मैं भाभी के नजदीक गया और उनके पीछे से भाभी की कमर पर हाथ रख दिया. भाभी भी मेरी तरफ सरकी और मुझे बिना बोले ही हा का इशारा करने लगी.


अब मैंने उन्हें गर्दन पर किस किया वो भी मस्ती में आ गई और मेरी जींस की जिप पर हाथ रख दिया.


मैं पूरी तरह समझ गया कि भाभी आज चूत का पानी निकाल कर ही ऊपर जायेंगी.


मैंने भाभी को गोद में उठा लिया और बेड पर बैठा दिया, भाभी को लिप्स पर किस करने लगा. वो भी मेरी कमर पर अपने हाथ बांध कर जोर से हग करने लगी.


उनके होंठों को चूसने में मुझे बहुत मजा आया क्योंकि वो भी अपने होंठों से मेरे होंठ चूस रही थी।


अब तो मैं पागल हो गया और एक मिनट में जींस शर्ट बनियान निक्कर सब उतार दिया और बेड पर चढ़ गया।


मैंने भाभी की साड़ी उतारने के लिए उनका पल्लू पकड़ा तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- साड़ी पहनने में बहुत टाइम लगता है. तुम रुको, मैं एडजस्ट करती हूं।


उन्होंने अपना पल्लू हटाया और ब्लाउज के हुक खोल दिए.


मुझे अब भी याद है कि उनके ब्लाउज में चार हुक लगे थे क्योंकि हर एक हुक के साथ उनका जिस्म दिखता जा रहा था।


फिर इंडियन हॉट भाभी खड़ी हुई और साड़ी को घुटनों तक ऊपर करके अपनी पैंटी उतार दी।


अब भाभी फिर से बैठ गई और अपनी ब्रा के हुक खोलने लगी. मैंने उनकी कमर के पीछे हाथ लेजाकर हुक खोल कर दोनों चूचों को आजाद कर दिया.


मैं खड़े खड़े ही भाभी की चूची को चूसने लगा और भाभी मेरा सिर दोनों हाथों से सहलाने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था उनके दोनों आम चूस कर … मन कर रहा है बस दबा दबा कर रस निकाल दूँ।


भाभी धीरे से बोली- ज्यादा टाइम नहीं है … अब करें?


मैंने भाभी के आम छोड़ दिए और वो साड़ी ऊपर खींच कर लेट गई। तभी मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक ही बार में घुसा दिया.


आह के साथ भाभी ने दोनों हाथों से मुझे अपने ऊपर आने का इशारा किया तो मैं लेट गया उनके कोमल बदन पर! मैं फिर से उनकी चूची पर मुंह रख कर चूसने लगा।


भाभी मेरी कमर पर हाथ फेरने लगी और मैं धक्के लगाता रहा.


मैं भाभी की नाजुक चूची चूसते चूसते खो गया और पता ही नहीं चला कब मेरे धक्के लगाने की रफ्तार बढ़ गई और मैं उनकी चूत में झड़ गया।


भाभी ने गहरी सांस ली और अपने हाथ मेरे कमर पर रख दिये जैसे वो अब रुकने को बोल रही हों। मैं भी भाभी के लेफ्ट वाली चूची पर अपना चेहरा रख कर लेट गया।


हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे.


मेरा मन फिर से भाभी को चूसने को हुआ। मैंने भाभी की गर्दन को चूसना चालू किया और फिर होंठ गाल चूची सब चूसा.


तभी भाभी ने मेरा लंड पर हाथ रखा और उसे चूत में दबाने लगी.


तो मैंने थोड़ा ऊपर उठ कर भाभी की मदद की और लंड अन्दर डाल दिया। मैं फिर से भाभी को चोदने लगा और और उनकी चूची को हाथ से मुंह से चूसता रहा दबाता रहा।


अब भाभी को भी मजा आ रहा था, वो भी बेड के नरम गद्दे पर अपनी गांड उठा कर धक्के लगाने लगी।


मैंने भाभी को बोला- आप ऊपर आ जाओ! तो भाभी ने हाँ में इशारा किया।


मैं नीचे लेट गया और वो मेरे दोनों पैरो के ऊपर खड़ी हुई और झुक कर लंड हाथ में पकड़ लिया और लंड पर धीरे धीरे बैठने लगी.


मैंने उनकी कमर पकड़ी और एक ही बार में पूरा लंड घुसा दिया. भाभी एकदम सहम गई और वो ऊपर उठ गई। लंड फिर से बाहर निकल गया।


भाभी बोली- तुम रुको, मैं खुद डाल लूंगी। फिर से भाभी ने धीरे धीरे करके लंड अन्दर डाल दिया और मेरे सीने पर हाथ रख कर अपनी कमर हिला हिला कर लंड को चूत में रगड़ने लगी. वो धक्के तो नहीं लगा रही थी पर मुझे अच्छा लग रहा था उनके चूत में लंड रगड़ कर।


मैं दोनों हाथों से भाभी की चूची पकड़ कर उन्हें बुरी तरह रगड़ने लगा तो भाभी दर्द से सिसकारियां भरने लगी- धीरे धीरे … धीरे धीरे करो दर्द होता है।


मैं चूची को धीरे से सहलाने लगा. वो तो मस्ती से रगड़ रही थी और उनकी आवाज भी अब बहुत कामुक हो गई. वो और तेजी से अपनी गांड वाला हिस्सा हिलाने लगी.


उफ्फ … मस्त लग रही थी भाभी! उनकी चूत में से पानी निकल गया और भाभी मेरे ऊपर गिर गई।


अब मैंने भाभी की कमर पर दोनों हाथ बांधे और करवट ली तो भाभी लंड घुसे हुए ही नीचे आ गई।


मैंने ऊपर से धक्के लगाने शुरू किए और इंडियन हॉट भाभी Xxx मस्ती में डूबी रही।


मैं पानी निकलने तक उनके जिस्म को चूसता रहा और फिर उनके ऊपर ढेर हो गया।


भाभी वैसे तो बहुत सुंदर थी पर आज मेरा पूरा ध्यान उनकी कोमल नाजुक चूची पर था क्योंकि वो चूची ना होती तो वो लाल चोली न होती, वो लाल चोली ना उड़ती तो भाभी मेरे नीचे कैसे लेटती।


मैं अब भी अपने चेहरे को उनके छाती पर रखे हुए था और अपने गाल से उनकी चूची को सहला रहा था।


अब भाभी ने होश संभाला और बोली- शिवम, काफी देर हो गई है, अब मुझे जाना चाहिए। मम्मी भी आने वाली हैं और नेहा को भी शक हो सकता है। मैं- नहीं भाभी, आप बस ऐसे ही रहो. मुझे और कुछ नहीं चाहिए. सारी दुनिया भाड़ में जाए बस तुम मेरे साथ रहो।


भाभी भी अब थोड़ा सेंटी हो गई और उन्होंने मेरा चेहरा पकड़ा और होंठ पर किस किया- आई लव यू बेबी … पर अभी जाने दो प्लीज! मैं- ओके भाभी!


तो भाभी अपने कपड़े पहनने लगी और लाल चोली दिखा कर बोली- ये ले जाऊं या तुम्हें चाहिए? मैं- मुझे तो आप चाहिए. भाभी- मैं तो आज से तुम्हारी हूँ ही।


उस दिन के बाद मेरा और भाभी का चुदाई का मन होता पर कई दिन तक मौका नहीं मिला. कभी किस … कभी उनके जिस्म को चूसना तो मिल जाता पर चुदाई नहीं हो पा रही थी.


मैं भाभी को बार बार सेक्स के लिए बोलता रहा। पर करते भी क्या … रात को सब होते हैं और दिन में दोनों मां और नेहा।


फिर एक वो हुआ जो हम दोनों ने कभी सोचा भी नहीं था।


भाभी ने मुझसे कहा- सेक्स करने का एक इंतजाम हो सकता है. तुम और नेहा दोनों पढ़ते हो, तो अगर तुम दोनों एक साथ पढ़ो तो! मैं- पर नेहा को भी तो मनाना पड़ेगा। भाभी- वो मान गई है बस तुम मम्मी को बोल दो!


तो मैंने आंटी को बताया कि मैं और नेहा साथ में पढ़ें. आंटी मान गई।


अब मैं भी ऊपर छत पर नेहा के कमरे में पढ़ाई करने लगा. पर आंटी वहाँ आ जाती थी.


ऐसे ही पूरा सप्ताह निकल गया, भाभी की चूत नहीं मिली।


मैं एक दिन पढ़ते हुए बाहर टॉयलेट में आया तो देखा कि आंटी मम्मी के बैठी हैं और पड़ोस वाली आंटी भी आई हुई हैं. तो मैं जल्दी से दूसरे रूम में गया.


वहाँ भाभी टीवी देख रही थी. मैं उनके साथ लेट गया और उन्हें किस करने लगा.


तो भाभी बोली- मम्मी आ जायेंगी. मैंने कहा- वो नीचे बिजी हैं.


तो भाभी नहीं मानी. मैं भाभी की चूची को सहलाने लगा. वो बार बार मना करती रही।


अब मैं नाराज होकर जाने लगा तो भाभी ने बोला- रुको! और वो खुद आंटी को देख के आई.


फिर उन्होंने बोला- चल जल्दी से कर … पर कपड़े उतारने को मत बोलना।


अब भाभी ने अपनी पैंटी उतारी और गेट को थोड़ा बंद कर उसके पीछे झुक गई.


मैंने भी लंड बाहर निकाल कर भाभी की चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा और पानी निकलने तक लगे रहे. पर मुझे ज्यादा मजा नहीं आया और मैं वापस नेहा के पास आ गया।


नेहा वैसे तो मुझसे ज्यादा कुछ बोलती नहीं थी पर अब वो थोड़ा स्माइल के साथ मुझे देख रही थी. मुझे लगा शायद इसने हमें देख लिया छुदाई करते हुए! तो मैं नजरें बचाने लगा।


पर नेहा कहा रुकने वाली थी, वो मेरे पास आई और बोली- साड़ी पहन कर करने में मजा नहीं आता है। तो मैं बोला- क्या बोल रही हो? नेहा ने कहा- वो ही तो बोला जो अभी कमरे में देखा।


मैं चुप हो गया। नेहा बोली- मेरे कमरे में जल्दी से कोई नहीं आता है अगर करना है तो बोलो. मैं- कब करना है? नेहा- अभी कर लो।


मैं- और तुम्हारी मम्मी? नेहा- वो अभी ऊपर नहीं आयेगी; आई भी तो मेरे कमरे में नहीं आयेंगी। मैं- ओके.


गेट के बाहर नेहा ने भाभी की तरफ कुछ इशारा किया और भाभी आ गई। नेहा ने धीरे से भाभी को कुछ कहा और वो वापस चली गई।


अब नेहा ने अपना टॉप उतार दिया और नीचे कुछ नहीं पहना था तो उसकी छोटी छोटी चूची मुझे दिखाई दी.


मैं भी जोश में आ गया और नेहा के करीब आकर उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया और उन्हें दबाने लगा. वो आराम से मेरी हाथ की गिरफ्त में आ गई थी.


मैं उसके होंठों पर किस करने लगा. वो भी बड़ी मदहोशी से मेरा साथ दे रही थी.


अब मैं उसके होंठ को छोड़ चूची को चूसने लगा. अलग ही मजा आ रहा था … मैं चूची को मुंह में भर लेता और फिर आइसक्रीम की तरह अपना मुंह पीछे खींचता फिर से मुंह में चूची पकड़ता और फिर से चूसते हुए पीछे हट जाता.


मैंने काफी देर तक दोनों चूची के साथ ये मजा लिया. यह अलग ही अनुभव था।


अब नेहा भी जोश में आ गई और अपने पजामा को उतारने लगी.


मैंने भी अपनी जींस और अंडरवियर को उतार दिया. अब नेहा ने खुद ही मेरी शर्ट उतार दी.


मैं भी पूरा नंगा और वो छोटी चूची भी नंगी।


अब उसने बेड पर बैठ कर लंड हाथ में पकड़ लिया और उसे चूसने लगी. मुझे ज्यादा मजा नहीं आया तो मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.


उसकी जांघ ज्यादा मोटी नहीं थी तो उसकी चूत बिल्कुल बाहर दिख रही थी.


मैं चूत के छेद में जीभ डाल कर घुमाने लगा. वो सिसकारी भरने लगी.


पहले तो उसने मेरा सिर अपने हाथों से दबाया और मैं लगातार जीभ से उसके चूत के छेद को चाटता रहा. फिर उसने अपने पैर हवा में उठा लिए और उसके पैर मेरे कमर पर रखती कभी हवा में उठाती; कभी मेरा सिर जोर से दबाती कभी सहलाती रही।


मैं उसको पहली चुदाई की खूबसूरत और मजे वाली यादें देना चाहता था। सीधा चूत फाड़ने में मुझे अच्छा नहीं लगा।


मैं जितना भी अंदर जा सके, जीभ को चूत की गहराई में चाटता रहा. उसने दोनों जांघों को मेरे सिर पर दबा दिया.


मेरा सिर अब इसके चूत पर दब गया और नेहा आह आह ओह की आवाज के साथ निकल गई. उसकी चूत का रस मेरी जीभ पर लगा तो मैंने चूत के रस को भी चाटा.


फिर वो शांत हो गई. पर मैं फिर से उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत का पानी चाटने लगा।


नेहा अब बेड के किनारे पर बैठ गई और मेरा सिर दोनों हाथों से पकड़ कर मेरे होंठ पर किस करने लगी. ‘मुआह्हह’ एक लंबे किस के बाद उसने ‘आई लव यू बेबी’ बोला और मेरे सिर को अपने सीने पर दबा लिया।


अब मुझे लगा ये सही समय है तो मैंने नेहा की चूची को चूसना शुरू किया और फिर उसे कमर से पकड़ कर गोद में उठा लिया. वो बिल्कुल भारी नहीं थी.


वैसे मैं भी काफी लंबा चौड़ा हूँ तो मुझे ज्यादा वजन नहीं लगा।


अब मैं नेहा को लेकर बेड पर लेट गया. नेहा कुछ बोली नहीं.


मैं अपना काम करता रहा. मैंने नेहा के ऊपर चढ़ कर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर से धक्का लगाया. मेरा लंड अंदर घुस गया और नेहा की चीख निकल गई।


तभी मुझे ख्याल आया कि नीचे सब बैठे हैं, अगर उन्हें सुना तो हमारी ऐसी तैसी हो जाएगी।


तो मैं रुक गया और नेहा के होंठ पर अपने हाथ रख कर चूमने लगा. तभी पीछे से भाभी ताली बजाते हुए आई और मुस्कुराकर बोली- हो गई ओपनिंग!


मैं और नेहा चुप रहे. तो भाभी ही बोली- अरे किसी ने नहीं सुना. मम्मी और आंटी तो मार्केट गई हैं. इसलिए तो हमने ये प्लान बनाया था.


तो मैं समझ गया कि भाभी और नेहा दोनों ने मिल कर ये किया। इसलिए ही भाभी ने आज बड़ी बेरुखी से सेक्स किया और नेहा ने खुद ही अपने कपड़े उतार कर मुझे उकसाया।


भाभी बोली- रुक क्यों गए, करो करो!


तो मैं नेहा की चूत में फिर से धक्के लगाने लगा, उसके होंठों को अपने होंठ से चिपका कर रखा.


मैं नेहा की चूत में धक्के लगाता रहा, उसने अपना पानी छोड़ दिया और मैं भी रुक गया।


तभी भाभी बोली- मैं भी आ जाऊं? नेहा बोली- हां भाभी, मुझसे और नहीं होगा!


तो भाभी ने जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और मेरे ऊपर चढ़ कर लंड पर बैठ गई और अपनी गांड को हिला कर लंड को चूत में रगड़ने लगी.


मैं भाभी की चूची को दबाने लगा जो नेहा से काफी बड़ी थी. भाभी धक्के लगाती रही।


मुझे भाभी का धीरे धीरे धक्के लगाने अच्छा नहीं लगा शायद वो थक गई। तो मैंने उनकी कमर को पकड़ा और जोर जोर से उन्हें ऊपर नीचे करते हुए धक्के लगा रहा था. उनके मुंह से आह निकलने लगी.


अब फिर भाभी और मैं झड़ गए। अब हम सबकी मस्ती शुरू हो गई।


पातको, आपको यह इंडियन हॉट भाभी Xxx कहानी पसंद आई या नहीं? मुझे कमेंट्स में बताएं.


Bhabhi Sex

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