भाभी के दूध से डेंगू का इलाज़

रमेश_सिंह

19-12-2022

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MILF सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे रूम के साथ वाले रूम में एक भाभी रहती थी. वो मेरे सामने अपने बेबी को दूध पिलाती थी तो मेरा मन भी भाभी की चूची चूसने को हुआ.


प्यारे दोस्तो, मेरा नाम रमेश है।


आज मैं अपने जवानी की शरारत की MILF सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ।


जब मैं 19 साल का था तब कोलकाता में पढ़ता था। मैंने वहाँ पर रहने के लिए एक रूम किराए पर ले रखा था।


उस घर में नीचे का फ्लोर स्टोररूम के रूप में किसी कंपनी ने ले रखा था जबकि ऊपर के फ्लोर पर दो रूम थे, जिनका बाथरूम कॉमन था।


मेरे बगल के रूम में एक महिला अपने पति के साथ रहती थी। मैंने उस महिला को अनेकों बार बाथरूम में नंगी नहाते हुए देखा था। वह उत्तर प्रदेश के हरदोई से थी जबकि मैं बनारस से!


वह बहुत ही खूबसूरत थी। उसकी उम्र लगभग 25-26 के आस-पास होगी और कद 5 फीट 5 इंच। उसका 6 महीने का एक बच्चा भी था।


कुछ समय के बाद हमारी आपस में बात होने लगी। मैं टीवी देखने के बहाने अक्सर उसके रूम में जाया करता था। वह भी प्यार से मुझे बैठने के लिए कहती।


धीरे-धीरे हम बहुत ही घुलमिल गये। मैं उन्हें भाभी कहा करता था और देवर-भाभी के बीच होने वाला मज़ाक भी कर लिया करता था। वह मेरे सामने बिना किसी संकोच के अपने बच्चे को दूध भी पिला लिया करती थी।


उनकी छाती का आकार 36 D था जिसमें 1 इंच लंबा निप्पल उभरा साफ नजर आता था। वैसे उनकी कमर का साइज 30 था पर गांड 36 थी।


मुझे उनकी छाती देखना बहुत ही अच्छा महसूस होता था,जब उनका बच्चा चूचियों से दूध पीता था।


वह भी जब मुझे घूरते हुए देखती थी तो सिर्फ मुस्कुरा कर रह जाती और कहती कभी किसी औरत को दूध पिलाते हुए नहीं देखा है क्या? मैं भी हंसकर जवाब देता था- देखा है ना … बस आपको!


अब मैंने भाभी का दूध पीने का प्लान बनाया।


मैं बाजार से दूध बढ़ने वाला दवा ले आया और उसे भाभी के टॉनिक में मिला दिया।


धीरे धीरे कुछ दिनों के बाद भाभी का दूध अधिक आना शुरू हो गया। दूध भरने के कारण भाभी की चूची भी ज्यादा बड़ी हो गई थी। अब वह अपने बच्चे को दिन भर में 10-12 बार दूध पिलाती थी।


मुझे उनके चूचियों को 10-12 बार देखने का मौका मिलता था।


इसी बीच मुझे डेंगू हो गया। मेरा बुखार अपने चरम सीमा पर था।


मुझे ठीक होने में लगभग 1 सप्ताह तक का समय लग सकता था।


मैंने अपना दूसरा प्लान बनाया। मैंने अपने मोबाइल पर एक लेख टाइप किया और उसे ब्लॉग पर पोस्ट कर दिया।


इसमें मैंने बताया था कि डाक्टरों ने एक रिसर्च किया है। अगर डेंगू के मरीज को किसी महिला का दूध पिलाया जाए तो वह तीन-चार दिन में ठीक हो जाएगा, उसकी प्लेटलेट्स बहुत ही तेजी से बढ़ जायेंगी और वह मौत से बच जाएगा।


भाभी भी मेरी यह स्थिति देखकर थोड़ा चिंतित थी। वह दिन भर में 2-4 बार मेरी तबीयत के बारे में पूछ लिया करती थी।


आज जब वह मेरे कमरे में आई तब उन्होंने मुझसे पूछा- अगर शरीर में दर्द हो रहा हो तो बताओ मैं दबा देती हूँ।


मैंने अपना सर भाभी के गोद में यह कहते हुये रख दिया- मेरे सर में बहुत ही तेज दर्द हो रहा है। भाभी गोद में मेरे सर को रखकर दबाने लगी।


कुछ समय बाद मैंने अपने मोबाइल में वह रिसर्च पोस्ट को खोला और भाभी को पढ़ने के लिए दे दिया।


भाभी जब मेरा सर दबा रही थी तब उनकी चूचियां बार-बार मेरे ललाट को स्पर्श कर रही थी। क्या मस्त चूचियां थी … बिल्कुल रुई की तरह नाज़ुक! जिससे मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।


भाभी की चूचियों में दूध भरा हुआ था जो ब्लाउज़ के कपड़े को गीला भी कर रहा था। ब्लाउज के अंदर भाभी ब्रा नहीं पहना करती थी क्योंकि उन्हें बार-बार अपने बच्चे को दूध जो पिलाना होता था।


भाभी ने पोस्ट पढ़ा और मुझे मोबाइल थमा दिया। मैंने उस पोस्ट में यह भी लिख रखा था कि अगर आप के आस-पास कोई महिला जो रिश्ते में चाची, भाभी या बुआ लगती है तो उसे आप अपनी छाती से दूध पिलाने का आग्रह कर सकते हैं। अगर वह महिला सभ्य, शिक्षित तथा सज्जन होगी तो अवश्य ही आपको अपने बच्चे की तरह छाती से लगाकर अपना दूध पिलाया करेंगी। ईश्वर ने यह अनमोल वरदान सिर्फ महिला को ही दिया है कि वह किसी को भी अपना दूध पिला कर उसका जीवन बचा सकती है। एक महिला के स्तनों से निकलने वाला दूध अमृत के समान होता है जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी रोग से स्वस्थ हो सकता है।


भाभी पोस्ट पढ़ने के बाद थोड़ा सकुचाने लगी। मैंने भाभी से कहा- मैं आपके अलावा और किसी महिला को नहीं जानता हूं जो बच्चे को अपना दूध पिलाती है। अगर मैं घर पर होता तो मेरी मां अवश्य ही आसपास के चाची – भाभी का इंतजाम कर देती। भाभी, प्लीज आप मुझे अपना दूध पिलाओ न! शायद आपके दूध से मेरा प्लेटलेट्स बहुत जल्द बढ़ जाए और मैं बहुत ही जल्दी डेंगू से स्वस्थ भी हो जाऊं। अब यह बुखार-दर्द मुझसे बर्दाश्त नहीं किया जाता।


भाभी ने कहा- मैं तुम्हें अपना दूध कैसे पिला सकती हूं, तुम बच्चे थोड़ी ही हो। मैंने भाभी से विनती करते हुए कहा- भाभी के लिए तो उसका देवर बच्चा ही होता है। ऐसे भी मैंने कभी भी आपको गलत नजर से नहीं देखा। आप मेरी मां जैसी हैं। एक मां को अपने बच्चे को दूध पिलाने में कोई शर्म थोड़ी ही है। दूध का रिश्ता तो सबसे पवित्र रिश्ता कहा गया है। भाभी वैसे भी आप एक सभ्य स्त्री हो और सभ्य स्त्री तो पहले के समय में भी दूसरे के बच्चों को अपना स्तनपान कराती थी जिससे बच्चे स्वस्थ और निरोग रह सके।


भाभी ने कहा- मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं तुम्हें अपना दूध पिलाऊंगी। मुझसे यह नहीं हो पाएगा. कह कर उठने की कोशिश करने लगी।


अब मैंने भाभी के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहा- भाभी, अगर मैं आपका बच्चा होता तो क्या आप मुझे अपना दूध नहीं पिलाती? भाभी आप मुझे अपने बच्चे की तरह प्यार नहीं करती। आप मुझे यूं ही तड़पता हुआ कैसे देख सकती हो? यह कहते हुए मैंने भाभी के चूचियों पर अपना हाथ रख दिया और दबाने लगा।


भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं यूं ही भाभी की चूचियों को दबाता-सहलाता रहा।


अंतत: भाभी ने कहा- अगर तुम मेरा दूध पीने से ठीक हो सकते हो तो पी लो; पर यह बात किसी को मत बताना, वरना लोग मुझे गाली देंगे।


मैंने भाभी के ब्लाउज को खोल दिया और दाएं चूची को मुंह में लेकर दूध पीना शुरू कर दिया जबकि बाईं चूची को हाथों से दबा रहा था। भाभी का दूध कमाल का था गर्म और मीठा भी। सचमुच में औरत का दूध प्रकृति का अनमोल धरोहर तभी तो इसे अमृत कहा गया है।


मैं तो कहता हूं दोस्त … तुम भी अपनी भाभी का दूध पीया करो।


भाभी ने अपनी आंखें बंद कर अपना पीठ दीवार से टिका दिया। मैं भूखे भेड़िए की तरह भाभी का दूध पिये जा रहा था।


भाभी ने मुझे समझाते हुए कहा- धीरे धीरे चूसो, मैं कहां भागे जा रही हूं।


लगभग 30 मिनट तक मैंने बारी-बारी से दोनों चूचियों का दूध पिया। भाभी सिसकारियां ले रही थी। उनका शरीर गर्म होता जा रहा था। उनकी आंखों में कामुकता साफ नजर आ रही थी. आखिर एक जवान औरत किसी जवान लड़के का स्पर्श कितने देर तक बर्दाश्त कर सकती थी।


भाभी ने मुझे अपने गले से लगा लिया और चूमने लगी। मैं भी भाभी से लिपटकर उनके शरीर को धीरे-धीरे सहला रहा था।


मैंने भाभी से पूछा- शाम को कब आप मुझे अपना दूध पिलाओगी। तो भाभी ने कहा- तेरे भैया के आने से पहले यह सब काम समाप्त कर लेना।


भाभी ने अपने ब्लाउज का हुक बंद किया और मुझे सोने के लिए कहकर अपने कमरे में चली गई।


इस तरह से लगभग मैंने सप्ताह भर तक भाभी का दूध पिया।


अब भाभी को मुझे दूध पिलाने की आदत हो चुकी थी। भाभी के चूचियों में जो अधिक दूध बनता था जिसके कारण उन्हें तकलीफ होती थी उसका उपाय उन्हें मिल चुका था।


मैंने भाभी को प्रतिदिन अपना दूध पिलाने के लिए राजी कर लिया। वह बहुत ही आसानी से इसके लिए तैयार हो गई.


परंतु उन्होंने एक शर्त रखी। भाभी ने कहा- मेरी चूचियों को चूसने दबाने से तुम्हें मजा मिलता है पर इसकी सजा मुझे भुगतनी पड़ती है। मैं सारी रात तड़पती रहती हूँ। अगर तुम मुझे भी मजा लेने दोगे तभी मैं तुम्हें अपना दूध पिलाऊंगी वरना कल से यह सब कुछ बंद! मैंने भाभी से पूछा- मुझे क्या करना होगा?


उन्होंने बताया कि चूचियों को दबाने-चूसने से वे भी गर्म हो जाती है और उनकी सेक्स करने की इच्छा करने लगती है। अब मैं रोज के रोज तेरे भैया से चुद नहीं सकती इसलिए तुम्हें मुझे खुश करना होगा। मैंने कहा- भाभी, मैं तैयार हूं।


अब भाभी ने धीरे से मेरे गाल पर थप्पड़ लगाते हुए कहा- कमीने साले, मुझे तो तू अपनी मां मानता था। क्या अपनी माँ को ही चोदेगा? मैंने भाभी से पूछा- तब फिर मैं कैसे आपको खुश करूं?


भाभी ने कहा औरत के पास दूसरा भी जुगाड़ होता है तू मेरे मुंह में अपना लंड डाल कर झटक सकता है, मेरी गांड भी मार सकता है पर चूत पर सिर्फ तेरे भैया का अधिकार है। मैं भी देखूँ तो तेरे लंड में कितना दम है।


उनकी यह बात सुनकर मैं अचरज में पड़ गया क्या भाभी सचमुच में इतनी शरीफ थी, जितना बनती थी?


जब तक मैं कोलकाता में रहा, तब तक भाभी का गर्म दूध पीता रहा और उनकी गांड मारता रहा। मुझे उनकी गांड मारने में, MILF सेक्स में बहुत ही मजा आता था। मेरा लंड जब उनकी गांड में जाता था तब वह बहुत ही जोर जोर से चीखती चिल्लाती थी। ये चीखें सुनकर मेरा पानी निकल जाता था।


मैंने भाभी की चूचियों को चूस-चूस कर 36D से 38DD कर दिया था। अब वे ब्लाउज़ के अंदर भी आसानी से समा नहीं पाती थी।


अपनी पढ़ाई खत्म कर अब मैं बनारस आ गया हूँ। भाभी ने फोन करके बताया है कि वे दूसरी बार मां बनी हैं। शायद इस बात के पीछे मुझे ताजा दूध पीने का निमंत्रण छुपा हुआ है।


मैं प्लान बना रहा हूं कि जल्द कोलकाता जाऊं और भाभी का ताजा गर्म दूध फिर से पीऊं।


आगे की कहानी कोलकाता पहुंचने पर!


मेरी MILF सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, कमेंट कर अवश्य बताइएगा। [email protected]


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