बुटीक वाली सेक्सी भाभी के जिस्म का मजा- 4

आर्यन कुमार

21-11-2022

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नंगी भाभी फोरप्ले सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी दोस्त भाभी ने मुझे अपने बुटीक में बुलाकर शटर बंद कर किया. उसके बाद उन्होंने मुझे उनके जिस्म का मजा लेने को कहा.


दोस्तो, मैं माधुरी भाभी के साथ हुई सेक्स कहानी को लिख रहा था. कहानी के तीसरे भाग बुटीक वाली सेक्सी भाभी ने बुलाया में अब तक आपने पढ़ा था कि माधुरी भाभी ने मुझे अपनी नई दुकान में बुलाया और कुछ देर बात करने के बाद उसने अन्दर से ही दुकान की शटर गिरा दी और मुझसे मस्ती करते हुए अपने दूध पीने की बात कहने लगी.


अब आगे नंगी भाभी फोरप्ले सेक्स कहानी:


मैं माधुरी की बात सुनकर इतना खुश हुआ कि पूछो मत. मैंने झट से अपना डिब्बा छोड़ दिया और माधुरी का हाथ पकड़ कर उसे प्यासी निगाहों से देख कर पूछा- क्या सच में आज मुझे तुम्हारा दूध पीने को मिलेगा? माधुरी ने भी प्यारी सी स्माइल देकर कहा- हां पी लो न … जितना चाहे उतना पी लो. मेरी और अपनी दोनों की भूख मिटा लो.


मैंने ये सुना तो सीधा माधुरी पर झपट पड़ा और मैंने माधुरी के गुलाबी रसीले होंठों पर सीधे अपने होंठ रख दिए और उसे किस करना शुरू कर दिया.


मेरे झपटने से माधुरी नीचे गद्दी पर गिर गयी और मुझे साथ देने लगी. मैं बहुत ज्यादा आवेश में आ गया और माधुरी के होंठों को चूम रहा था. वो भी बराबरी से मेरा साथ देती हुई मेरे होंठ चूस रही थी.


मैं उसके ऊपर लेटे लेटे होंठ चूमते चूमते टॉप के ऊपर से उसकी रसभरी चूचियां दबा रहा था. माधुरी के मुँह से ‘आहा … अह … आह …’ की आवाज निकल रही थी. वो भी मेरी चुम्मा चाटी में पूरी तरह से खो गयी थी.


मैं उसके कोमल होंठों को चूसता, चूमता और काट लेता. माधुरी भी ठीक वैसे ही मेरा साथ दे रही थी.


मैंने पहले तो माधुरी के ऊपर वाले होंठ को बहुत देर तक चूमा, फिर चूस चूस कर उन्हें अपने दांतों में लेकर काटने लगा. माधुरी मेरा पूरा साथ दे रही थी.


फिर मैंने माधुरी के नीचे होंठों को भी चूमा और बीच बीच में मैं अपनी जुबान माधुरी के मुँह में डाल देता तो माधुरी मेरी जीभ को चूसने लगती. ये मेरे लिए एक अलग ही अहसास था.


माधुरी भी मेरे मुँह अपनी पूरी जीभ डालती, तो मैं उसकी जीभ को आइसक्रीम की तरह जोर जोर से अन्दर तक खींच लेता. साथ ही अपने हाथों से उसकी चूचियां भी दबा देता.


ऐसे ही माधुरी और मेरे चूमा चाटी का सिलसिला करीब दस मिनट तक चलता रहा.


बीच बीच में माधुरी अपने हाथ से मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लंड को मसलने लगी. हम दोनों एक दूसरे के होंठों से ऐसे चिपके थे जैसे बरसों के प्यासे हों और दोनों के बदन में ऐसी आग लगी थी कि हम दोनों बस एक दूसरे के होंठों को चूमने चाटने और एक दूसरे के बदन को मसलने में ही बेसुध रहे.


इस सब में कब बीस मिनट हो गए, हमें पता भी नहीं चला. इस बीच मैंने न जाने कितनी दफा माधुरी के होंठों को चूस चूस कर दांतों से काटा होगा, मुझे पता ही नहीं है.


और दूसरी तरफ माधुरी ने भी न जाने कितनी दफा मेरे मुँह में अपनी जुबान डाल कर मुझसे चटवाई, ये उसे भी याद नहीं था.


हम दोनों के बदन में ऐसी आग लगी थी कि हमारा फोरप्ले काफी समय तक चलता रहा था.


अब मैंने माधुरी के चूचियों पर अपना सारा काम निकाला क्योंकि इतनी देर की चुसाई और चूमाचाटी में हम दोनों की सांसें फूल गयी थीं … दोनों के सीने जोर जोर से ऊपर नीचे हो रहे थे.


मुझे माधुरी की … और माधुरी को मेरी गर्म सांसें महसूस हो रही थीं.


अब मैंने माधुरी के गले को चूमना शुरू किया और ऐसे करते करते मैं उसकी कान की लौ को चूमता, दांतों से चबा कर खींच लेता. माधुरी मेरी इस क्रिया से ‘आहा … आह आउच …’ की सिसकारियां लेती और मेरे बालों में अपने हाथ घुमाती.


मैं ऐसे ही माधुरी के गले को चूसते चूमते उसकी बगल को चाटने लगा. माधुरी की बगल बिल्कुल साफ़ थी, शायद उसने कल ही साफ़ की थीं.


मैंने पहले उसकी बगल को सूंघा, उसके पसीने और परफ्यूम की खुशबू से उसकी बगल की खुशबू कहीं अधिक मस्त थी. मैंने उसकी बगल को चाटा, चूसा और किस करता रहा.


माधुरी मदहोश होकर बस ‘हमम्म आह आह आह … इस्स आह चाटो और चाटो …’ ऐसी सिसकारियां लेती हुई मुझे अपने बांहों में भर कर मेरे बाल सहला रही थी. वो मुझ पर प्यार लुटा रही थी.


फिर मैं माधुरी की दूसरी बगल को भी ऐसे ही चाटने लगा. उसका स्वाद भी नमकीन था और खुशबू तो बस मुझे पागल ही करे जा रही थी.


मैंने दो मिनट तक दोनों बगलों को बारी बारी से चूसा चाटा.


फिर मैंने अपना मोर्चा उसकी चूचियों पर जमाया लेकिन अभी भी माधुरी के बदन पर कपड़े थे.


मैंने उसकी तरफ देखा तो माधुरी ने हंसते हुए कहा- तुम ही निकालो. माधुरी के नीले रंग के टॉप के ऊपर के बटन मैंने खोले तो अन्दर एक काले रंग की ब्रा से बाहर झांकते हुए चूचे दिख रहे थे.


मैंने जल्दी जल्दी उसका टॉप निकाला. अब मैं माधुरी के बदन के ऊपर लेटा था, माधुरी मेरे नीचे.


काले रंग की ब्रा और सफ़ेद रंग की लेगिंग्स में थी. वो एकदम कमाल की रांड लग रही थी.


मैंने आवेश में आकर ब्रा के ऊपर से ब्रा की नोक को अपने दांतों से चबाया. मेरे दूसरे हाथ की दी उंगलियों में माधुरी का निप्पल दबा था.


मैंने जोर से उस निप्पल को मरोड़ दिया.


मेरी इस हरकत से माधुरी चीख पड़ी- आ आहा … धीरे से करो ना!


मैंने उसे एक किस किया और किस करते करते उसकी पीठ के पीछे से ब्रा खोल दी. जैसे ही ब्रा नीचे को सरकी, मैंने अपने होंठों से माधुरी के होंठों को अलग किया और माधुरी की चूचियां उछल कर ब्रा की कैद से आज़ाद होकर मेरे सामने आ गईं.


मुझे माधुरी की 36 साइज की मलाई की तरह कोमल और दूध सी सफ़ेद चूचियां मस्त दिखने लगी थीं.


मैंने झट से अपने दोनों हाथ, उसकी चूचियों पे जमाए और एक चूची को अपनी जुबान से छुआ. माधुरी मदहोश होकर आंखें बंद किए बस ‘आहा .. आह …’ की मादक सिसकारियां लेने में लगी थी.


मैंने माधुरी के निप्पल को पहले अपने होंठों में दबाया और कुछ देर उसी निप्पल को मैं हल्के हल्के अपनी जुबान से चाटता रहा.


दोस्तो क्या बताऊं … ऐसा करने से माधुरी और भी जोर जोर से सांसें लेने लगी थी और उसके मुँह से मादक आवाजों ने मेरा नशा दोगुना करना शुरू कर दिया था.


वो ‘आहा … इस्स हह …’ की आवाजें निकालती हुई मेरे सर पर हाथ फेर रही थी. उसे शायद अपना दूध पिलाने में बेहद सुकून मिल रहा था.


इसी तरह से मैंने माधुरी की दूसरी चूची को भी पहले अपने दांतों से चबाया और चुभलाया.


जब उसकी चीख ‘इस्स काटो मत मेरी जान आह …’ करके निकली, तो मैंने पूरी चुची को मुँह में लेकर जोर जोर से उसका दूध पीना शुरू कर दिया. माधुरी पूरी तरह से गर्म हो गयी थी. मैं और जोर से उसकी चूची को मुँह में लेने की कोशिश कर रहा था.


लेकिन साली की चूची काफी बड़ी थी, मेरे मुँह में समा नहीं रही थी. इसलिए मैंने जितना हो सका, उसकी चूची को अपने मुँह के अन्दर ले लिया.


मेरे दांत उसकी चूची को चुभते तो वो और जोर से मादक सिसकारियां लेने लगती- आहा … आउच स्स्स अह … और चूसो इन्हें … आह इनका दूध पी जाओ मेरे राजा … और जोर से चूसो अह हां ऐसे ही … और चूसो आह … मजा आ रहा है.


मैं जब भी उसकी मादक सिसकारियों में ऐसा सुनता, मैं और जोश से उसकी चूची को और मुँह के अन्दर खींचता … और दूसरी चूची को जोर से दबा कर उसका दूध चूसने लगता. ऐसे ही मैं अपने मुँह में दूसरी चूची को लेकर चूसने लगा तो देखा कि मेरे जोर जोर से दबाने से मसलने से माधुरी की चूची का निप्पल कड़ा हो गया था और एकदम नुकीला होकर उसका निप्पल सीधा खड़ा था.


मैं उसके निप्पल को अपनी जीभ से कुरेद देता. माधुरी मदहोश होकर बस मेरा पूरी तरह से साथ दे रही थी. ऐसे ही मैं अब उसके निप्पल को छोड़ कर नीचे उसकी नाभि तक आ गया. माधुरी की नाभि बहुत गहरी थी. पहले मैंने अपनी जुबान की नोक उसकी नाभि में डाली.


माधुरी ‘ससस आ आ आए …’ करने लगी. उसकी सांसें अब और बढ़ गयी थीं.


उसका पेट बहुत ज्यादा तेजी से ऊपर नीचे हो रहा था और मुझे उसकी हंसी सुनाई दे रही थी. माधुरी ने कहा- मुझे गुदगुदी हो रही है.


वो अपने बदन ऐसे हिला रही थी, जैसे कोई मछली पानी से बाहर आकर छटपटा रही हो. मैंने उसके पेट पर सभी जगह चूमा, उसको अपनी जुबान से चाटा. उसका पूरा पेट मेरे चूमने चूसने से गीला हो गया था.


फिर मैं उसके पेट के नीचे सरकते सरकते अपने मोर्चा सीधा उसकी लेगिंग्स पर ले आया. सफ़ेद रंग की लेगिंग्स और ऊपर माधुरी नंगा बदन चमक रहा था.


मैंने उसकी लेगिंग्स की इलास्टिक को उसकी कमर के नीचे घुटने तक खिसका दिया. अन्दर से माधुरी की पसीने और चूत की महक मुझे मदहोश कर रही थी.


मैंने ठीक से देखा माधुरी की काले रंग की सेक्सी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत का गीलापन साफ़ दिख रहा था. अपनी नाक मैंने सीधी उसकी गीली पैंटी पर रखी और एक लम्बी सांस भरी.


मेरी नाक की नोक जैसे ही माधुरी की गीली पैंटी पर आई, उसके मुँह से ‘आहा मर गई …’ की मादक सिसकारी निकली.


मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही गीली चूत को रगड़ना शुरू किया तो माधुरी छटपटाने लगी.


मैंने कहा- अभी क्या हुआ मेरी जान … अभी तो छेद खोला भी नहीं है? उसने कहा- लाइट बंद करो न … मुझे शर्म आ रही है … मैं नंगी हूँ और ऊपर से मैंने चूत की झांटें भी साफ़ नहीं की हैं.


मैंने कहा- मुझसे कैसा शर्माना, अब तो ये मेरी है. मुझे देखने दो. मैंने आज तक चूत को सिर्फ पोर्न मूवी में देखा है, सामने से कभी नहीं देखा. मैं जानबूझ कर झूठ बोल रहा था.


माधुरी ने कहा- क्या … तुमने अभी तक चूत नहीं देखी, झूठ मत बोलो. मैंने उससे कहा- नहीं, सच्ची में मैंने अभी तक चूत नहीं देखी … और न ही मैंने अभी तक कभी किसी को चोदा है … चोदने की सोची जरूर है … लेकिन कभी कोई पटी ही नहीं और काम के चक्कर मुझे वक़्त भी तो नहीं मिलता न. अभी तो बस मेरी तुम्हारी चूत को चखने की, चोदने की तमन्ना है.


मेरी इस बात पर माधुरी को यकीन हो गया तो उसने कहा- इसका मतलब तुम कुंवारे हो? मैंने कहा- नहीं, मैं हर रोज मुठ मारता हूँ. मैं कुंवारा नहीं हूँ.


मेरे ऐसा बोलने से माधुरी खिलखिला कर हँसने लगी और बोली- बुद्धू उससे थोड़ी कुंवारापन निकलता है. कुंवारे होने का मतलब ये कि अभी तक तुम्हारे लंड ने किसी को चोदा नहीं है. मैंने कहा- हां, मैंने किसी को नहीं चोदा है.


माधुरी बहुत ज्यादा खुश हुई और उसने कहा- चलो फिर हम दोनों शादी कर लेते हैं. फिर तुम मुझे जब चाहे, जैसे चाहे चोद लेना. मैं ये सुन कर डर गया.


मैंने कहा- मैं शादी नहीं कर सकता क्योंकि मेरे घर वाले अभी राजी नहीं हैं. मेरी शादी अगले साल होगी. माधुरी समझ गई.


उसने कहा- मैं हमारी शादी की बात नहीं कर रही, मैं तो तुम्हारे लंड और मेरी चूत की शादी की बात कर रही थी. उससे जब भी तुम्हारा मन होगा, मेरी चूत तुम्हारे लिए हाजिर हो जाएगी. ऐसा सुन कर मैं बहुत खुश हुआ.


मैंने कहा- लेकिन मुझे तो तुम्हारी गांड का छेद भी चाहिए. तो माधुरी नॉटी स्माइल करते हुए बोली- शादी के बाद सब तुम्हारा ही होगा.


मैं बहुत खुश हुआ और माधुरी की पैंटी को नीचे घुटने तक सरकाने लगा. धीरे धीरे माधुरी की भरी हुई जांघों में फंसी हुई पतली सेक्सी काले रंग की पैंटी निकली तो मैंने देखा माधुरी की चूत एकदम मस्त फूली हुई थी. चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे.


मैंने पहले उन बालों को अपने उंगलियों से छुआ और चूत पर सभी जगह उंगली को घुमाने लगा. सभी जगह से उसकी चूत की महक आ रही थी.


धीमी लाइट में उसकी चूत चमक रही थी.


माधुरी ने कहा- मैं हमेशा चूत साफ रखती हूँ, पर इस शॉप की भागदौड़ में वक़्त नहीं मिला. मैंने कहा- कोई बात नहीं, मेरी भी तो अभी शेविंग क्लीन नहीं है. लेकिन फिर भी तुम मुझे किस कर रही हो न!


माधुरी ने कहा- हां … लेकिन मैं तुम्हें अपनी पूरी साफ़ चूत देना चाहती थी. मैंने कहा- कोई बात नहीं, आज पहली और आखिरी बार थोड़ी ही हम मिलने वाले हैं. अब शादी के बाद ये मेरी ही जन्नत है. इसके मालिक तुम्हारे ये नागराज ही होंगे.


ऐसा कह कर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया.


अब उसने मेरे कपड़े खोलने शुरू किए. उसने मेरी शर्ट को खोला और जल्दी जल्दी से मेरी बेल्ट को खोल कर मेरी पैंट की जिप को खोलने लगी.


इतनी देर की हमारी घमासान चूमा चाटी और मसल मसली की वजह से मेरा लंड पैंट के ऊपर से तम्बू बनाए कब से अन्दर से ही सलामी दे रहा था.


पैंट की जिप खोलते हुए माधुरी ने कहा- देखो बेचारा कब से इस छोटी सी अंडरवियर में कैद पड़ा है. मुझे इसको आज़ाद करना होगा. फिर माधुरी ने एक झटके में मेरी कमर से मेरी पैंट के साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतार दी.


मेरे लंड की एक झलक से माधुरी को और मधुर कर दिया था.


नंगी भाभी फोरप्ले सेक्स कहानी के अगले हिस्से में माधुरी की मधुर चुदाई को पूरा लिखूंगा. आप प्लीज़ मेल जरूर करें कि आपको कहानी कैसी लग रही है. [email protected]


नंगी भाभी फोरप्ले सेक्स कहानी का अगला भाग: बुटीक वाली सेक्सी भाभी के जिस्म का मजा- 5


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