भाभी के साथ थोड़ी मौज मस्ती

aryan2

13-01-2023

192,126

Xxx मास्टरबेशन सेक्स कहानी मेरी भाभी के साथ सेक्स भरी हरकतों की है. एक रात मैंने भाभी को भाई के साथ फोन सेक्स करते देख लिया. तो मैं भी भाभी की चूत के सपने देखने लगा.


यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. आशा है कि आप सभी को यह पसंद आएगी. हो सकता है लिखने में थोड़ी कमी रह गई हो क्योंकि मैंने इससे पहले कभी कोई कहानी नहीं लिखी.


ये Xxx मास्टरबेशन सेक्स कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच बने आधे अधूरे सेक्स सम्बंधों की है.


दोस्तो, मेरा नाम आर्यन है, मैं ग्वालियर का रहने वाला हूं. मैं एक सामान्य सा लड़का हूं. मेरा कद पांच फुट आठ इंच का है.


मेरे परिवार में हम पांच लोग हैं. मॉम डैड, भाई भाभी और मैं. मेरी भाभी पूजा भी साधारण हाउस वाइफ हैं. मगर उनका 34-30-36 का फिगर बहुत ही कामुक है. उनका कातिल फिगर किसी का भी लंड खड़ा करने वाला है.


यह बात नवम्बर माह की है. वो सर्दियों के दिन थे.


एक दिन मेरे मॉम डैड किसी काम से बाहर गए हुए थे. भाई तो पहले ही जॉब की वजह से दिल्ली में थे. घर पर में और भाभी ही अकेले थे.


मगर मेरे मन में भाभी के लिए कोई गलत विचार नहीं थे. सब सामान्य ही था.


भाभी बोलीं- मोहित, आज घर पर हम दोनों ही हैं तो आप मेरे ही रूम में सो जाना.


वैसे तो में कभी कभी दिन में भाभी के रूम में सो जाता था तो मुझे इसमें कोई दिक्कत नहीं थी … न मेरे मन में कुछ गलत आया था. मैंने भाभी को हां बोल दिया.


रात में खाना खाने के बाद मैं और भाभी टीवी देख रहे थे.


मुझे नींद आने लगी तो मैं जाकर भाभी के रूम में लेट गया. थोड़ी देर बाद मेरी जीएफ का कॉल आया तो मैं उससे बातें करने लगा.


लॉकडाउन की वजह से 4 महीने से मेरा उससे मिलना नहीं हो पाया था. वो भी सेक्स के लिए तड़प रही थी.


हम कॉल पर सेक्सी बातें करने लगे. मेरा लंड पूरा टाइट हो गया था और उसकी चूत भी गीली हो गई थी.


हम फोन सेक्स करने ही वाले थे कि तभी मुझे भाभी के आने की आहट हुई.


मैंने उससे बाद में बात करने की बोल कर कॉल कट कर दिया और सोने का नाटक करने लगा. क्योंकि मेरा लंड पूरा खड़ा था तो नींद भी नहीं आनी थी.


भाभी को लगा कि मैं सो गया हूँ तो वो भाई से बातें करने लगीं.


थोड़ी देर तक मैंने उनकी बातें सुनी तो उनके बीच सामान्य बातें हो रही थीं.


अब मुझे नींद भी आने लगी थी तो मैं भी सो गया. कुछ देर बाद मेरी आंख खुली तो मुझे लगा बेड पर कोई है.


मैंने थोड़ा सर घुमा कर देखा तो मैं देखता ही रह गया. ये तो भाभी थीं और धीमे धीमे आह आह की आवाज कर रही थीं. उनके कम्बल में कमर के पास जोर जोर से हाथ चलाती हुई महसूस हो रही थीं.


मैं समझ गया कि ये भाई के साथ फोन सेक्स कर रही हैं. उनकी सेक्सी आवाज सुन कर मेरा लंड फिर से जाग गया.


भाभी- और तेज करो जान … जल्दी जल्दी चोदो … मेरी चूत बहुत प्यासी हो गई है. आह जल्दी पानी पिलाओ इसे! ऐसे ही बोलते बोलते भाभी की स्पीड कम हो गई और शायद वो झड़ गई थीं.


मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी. वो दस मिनट मैंने कैसे बिताए, मैं आपको बता भी नहीं सकता.


फिर भाभी सो गईं. मैंने जल्दी से बाथरूम में जाकर मुठ मारी और रूम में आ गया.


मैंने देखा कि भाभी रूम में नहीं थीं. बाहर जाकर देखा तो वो पानी पीने गई हुई थीं.


वापस आकर मुझे जागते हुए देखा तो बोलीं- क्या हुआ नींद नहीं आ रही क्या?


मैं भी हां बोलते हुए लेट गया और भाभी भी लेट गईं. थोड़ी देर बाद भाभी सो गईं मगर मुझे तो नींद आ ही नहीं रही थी.


मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो सीधी लेटी थीं और उनके चूचे ऊपर नीचे हो रहे थे. पहली बार भाभी को देख कर मेरा लंड कुछ कुछ करने लगा और मेरे मन में भी कुछ कुछ होने लगा था.


मैंने सोचा कि जब मैं इतने दिन में सेक्स नहीं करने पर तड़प रहा हूँ तो भाभी का भी मन होता होगा. यही सब सोच सोच कर मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.


मैंने बहुत सी अन्तर्वासना सेक्स कहानी में पढ़ा है कि सबको सेक्स की जरूरत होती है. वो चाहे किसी से कहे या ना कहे. मेरे मन में एक बार आया कि ये भाभी है मेरी … मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए. मगर लंड ने मेरी एक ना सुनी.


बार बार मेरा मन भाभी के ब्लाउज के ऊपर ही जा रहा था. हिम्मत करके मैंने भाभी के कम्बल में हाथ डाल दिया.


धीमे से मैंने उनकी कमर पर हाथ रखा और सहलाते हुए उनके बूब्स पर हाथ रख दिया. भाभी की साइड से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. शायद भाभी ज्यादा गहरी नींद में थीं.


मैं हल्के हल्के से उनके बूब्स दबाने लगा. उनके बूब्स बहुत ही सॉफ्ट थे.


मगर मैं ज्यादा कुछ करने की हिम्मत नहीं कर पाया और अपना लंड हिलाते हुए उधर ही झड़ गया. मेरे लंड में से इतना जोर से पानी निकला कि वो भाभी के कम्बल के ऊपर जा गिरा.


फिर मैं थोड़ी देर में सो गया.


सुबह जब मेरी आंख खुली तो भाभी भी जाग गई थीं और वो मेरी ही तरफ देख रही थीं. पहले मुझे लगा कि यूं ही देख रही होंगी.


फिर भाभी बोलीं- देवर जी रात में ज्यादा ही गर्मी लग रही थी क्या?


पहले तो मुझे समझ नहीं आया, फिर भाभी ने आंख से इशारा करते हुए कम्बल की तरफ दिखाया, जिसे देख कर मेरी आंखें शर्म से झुक गईं. भाभी मुझे देखती हुई हंसती हुई बोलीं- जल्दी शादी करवानी पड़ेगी.


मैंने भाभी को सॉरी बोला और चुप हो गया. भाभी और जोर से हंसने लगीं और बोलीं- कोई बात नहीं. मैं साफ़ कर दूँगी.


फिर वो नहाने चली गईं.


मेरे मन में भाभी को देखने को लालसा होने लगी तो मैं चुपके से बाथरूम के पास जाकर उनको देखने लगा.


हमारे बाथरूम का दरवाजा जमीन से 2 इंच ऊपर है, तो मैं जमीन पर झुक कर भाभी को देखने लगा. भाभी अन्दर बैठी हुई नहा रही थीं.


मुझे उनकी चूत के ऊपर पैंटी साफ दिखाई दे रही थी. फिर भाभी ने पैंटी उतार दी और अपनी चूत को साफ़ करने लगीं.


उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे, जो बहुत सेक्सी लग रहे थे.


भाभी को देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैं वहीं पर लेटे हुए अपने लंड को हिलाने लगा.


मुझे कुछ होश ही नहीं रहा कि कब भाभी नहा कर बाहर निकलने को हुईं.


जैसे ही उनके निकलने के लिए दरवाजा खुला, उस आवाज से मैं एकदम से उठा और दूसरी साइड मुँह करके बैठ गया. भाभी बाहर आईं और मुझे बैठा देख कर बोलीं- क्या हुआ था, इधर क्यों बैठे हो?


मैं उनको ‘कुछ सामान ढूँढ रहा था …’ बोल कर इधर उधर देखने लगा और भाभी अपने रूम में चली गईं. फिर मैं उठा और अपने खड़े लंड को लिए जल्दी से बाथरूम में चला गया.


उधर मैंने अपने लंड को हिलाना शुरू किया.


तभी मेरी नजर भाभी के कपड़ों पर चली गई. उनकी ब्रा और पैंटी अभी बाथरूम में ही थी.


मैंने उनकी पैंटी उठाई और सूंघने लगा. एक बहुत मादक सेक्सी महक उनकी पैंटी से आ रही थी. मेरा लंड और टाइट हो गया.


मैंने भाभी का नाम लेते लेते उनकी पैंटी पर ही माल छोड़ दिया. फिर मैं भी नहा कर बाहर आ गया.


हम दोनों ने नाश्ता किया और मैं अपने रूम में अपनी जीएफ से बातें करने लगा. भाभी अपने काम में बिजी हो गईं.


तभी अचानक मुझे याद आया कि मैंने माल निकलने के बाद भाभी की पैंटी वैसी ही छोड़ दी. जबकि भाभी ने पैंटी धोकर रखी थी. मैं जल्दी से भाग कर बाथरूम गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. कपड़े बाथरूम में नहीं थे.


मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे अजीब से गुस्से से घूर रही थीं मगर वो बोलीं कुछ नहीं. तो मैंने भी नजर नीची कर ली और वहां से निकल गया.


सारा दिन मेरे और भाभी के बीच कोई बात नहीं हुई क्योंकि मेरी फटी पड़ी थी. फिर भी मेरा ध्यान बस बार बार भाभी के ऊपर ही जा रहा था.


भाभी की और मेरी आंखें भी बहुत बार मिलीं लेकिन उनमें मुझे बस गुस्सा ही दिखा. काफी बार भाभी ने मुझे उनको ताड़ते हुए देखा, पर कुछ बोलीं नहीं.


आज रात मैं फिर से भाभी के साथ सोने वाला था. लेकिन भाभी आज जल्दी अपने रूम में चली गईं और अन्दर से रूम बंद कर लिया.


मैं भी अपने रूम में ही सो गया.


रात में भाभी पानी पीने के लिए उठीं तो थोड़ी आवाज से मेरी भी आंख खुल गई. मुझे भी नींद नहीं आ रही थी तो मैं यूं ही लेटा था.


मगर थोड़ी देर बाद भाभी के कमरे से मुझे अजीब से आवाज आने लगी. मैंने उनके रूम के गेट के की-होल से देखा, तो भाभी पूरी नंगी अपने बैड पर लेटी थीं. सर्दी का मौसम होने के बाद भी भाभी के अन्दर इतनी गर्मी थी कि उनको सर्दी नहीं लग रही थी.


भाभी अपने मोबाइल में ब्लूफिल्म देख रही थीं और अपनी चूत में जोर जोर से उंगली कर रही थीं.


उनको देख कर मेरा भी मन भाभी के साथ चुदाई करने को होने लगा और मैं उनके गेट के बाहर ही कराहने लगा- भाभी ओह भाभी … मेरा लंड ले लो ये आपके लिए बहुत तड़प रहा है आंह भाभी! ये सब करते हुए मैं लंड हिलाने लगा.


तभी भाभी ने अपनी चूत में और तेज तेज उंगली करके Xxx मास्टरबेशन सेक्स करना शुरू कर दिया और एकदम से तेज आवाज करती हुई शांत हो गईं. मेरा लंड भी अपना लावा निकलने को हुआ तो मेरे मुँह से जोर से ‘ओह … आह … भाभी भाभी …’ की आवाज आने लगी.


मेरे लंड ने ढेर सारा पानी निकाल दिया.


शायद आवाज इतनी तेज थी कि भाभी को सुनाई दे गया कि बाहर कोई है.


जैसे ही मुझे भी माल निकलने के बाद ‘आवाज जोर से हो गई’ का अहसास हुआ तो मैं जल्दी से वहां से भाग कर बाथरूम में भाग गया. उधर भाभी अपने रूम से बाहर आ गई थीं.


थोड़ी देर बाद मैं अपने लंड को साफ करके वापस अपने रूम में आ गया और सो गया.


सुबह जब मैं जागा तो भाभी नहा चुकी थीं. मतलब आज भाभी को नहाती हुई देखना फेल हो गया.


जब मैं बाहर आया कमरे से … तो आज भी भाभी मुझे बार बार घूर रही थीं मगर आज अजीब तरह से. उनकी आंखों में आज गुस्सा नहीं दिख रहा था. ऐसा लग रहा था वो मुझसे कुछ कहना चाहती हों.


फिर भाभी बोलीं- मोहित, चलो नाश्ता कर लो. मैं और भाभी साथ में नाश्ता करने लगे.


भाभी मुझे देख कर थोड़ा थोड़ा स्माइल कर रही थीं. मैंने ही पूछ लिया- भाभी, क्या बात है आप आज ऐसे क्यों हंस रही हो? भाभी- आपकी जल्दी ही शादी करनी पड़ेगी … बहुत जोश बढ़ रहा है आपके अन्दर.


मैं- क्या बोल रही हो भाभी समझ नहीं आ रहा. भाभी- कल रात में आप मेरे रूम के बाहर क्या करने आए थे?


मैं- क्या भाभी कब … आप ये क्या बोल रही हो … मैं कब आया? भाभी बोलीं- अच्छा तो आप नहीं थे, तो कोई और आया होगा. मुझे लगा रात में कोई था मेरे रूम के बाहर. जब मैं बाहर आई तो मेरे पैर में कुछ चिपचिपा सा महसूस हुआ … और देखो अभी भी दरवाजे के पास पूरे फर्श पर निशान हैं.


ये बोलती हुई भाभी अजीब सी स्माइल दे रही थीं और उनके बोलने का तरीका भी ऐसा था जैसे वो मुझे बता रही हों कि ये तुमने ही किया है.


भाभी की बात सुन कर मेरे पसीने छूट गए … अब क्या बोलता.


भाभी बोलीं- आपको तो बहुत गर्मी लगने लगी. जाओ जाकर नहा लो. वो मेरी तरफ देख कर हंसने लगीं.


मैं नहाने चला गया.


आज फिर से भाभी की ब्रा पैंटी मुझे बाथरूम में मिली तो मैंने फिर से उनको उठा लिया और अपने लंड पर रगड़ने लगा. तभी मुझे लगा कि भाभी मुझे देख रही हैं नीचे से.


मेरा लंड ये सोच कर और टाइट हो गया. मैंने सोचा कि कुछ और करना पड़ेगा.


मैं बाथरूम में बैठ गया, जिससे मेरा पूरा लंड और मुँह तक पूरी बॉडी भाभी के सामने नंगी थी. मैंने उनको दिखाने के लिए पहले उनकी पैंटी को चाटा और फिर अपने लंड पर रगड़ने लगा.


उसके बाद मैंने उनको ब्रा और पैंटी को जमीन पर रखा लिया और लंड जोर जोर से हिलाने लगा. अपना माल भाभी की पैंटी पर छोड़ दिया. फिर कपड़े यूं ही बिना साफ किए ही रख कर नहा कर बाहर आ गया.


थोड़ी देर बाद भाभी बाथरूम में गईं और उन्होंने दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया. मैंने नीचे से देखा भाभी अपनी पैंटी पर लगे मेरे माल को चाट रही थीं.


ये देख कर मुझे लगा कि भाभी भी सेक्स के लिए तड़प रही हैं. मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया.


फिर भाभी जब कपड़े लेकर बाहर आईं तो मुझे देखते हुए सेक्सी स्माइल पास की … और अपनी गांड हिलाती हुई चली गईं.


दिन में कुछ ज्यादा नहीं हुआ और शाम को मॉम डैड भी घर आ गए. मुझे लगा अब तो कुछ नहीं हो पाएगा.


रात में मैं अपने कमरे में था. तब रात के दो बजे होंगे. मैं अपनी प्रेमिका से फोन सेक्स कर रहा था.


तभी मेरे मोबाइल पर भाभी का मैसेज आया. मुझे लगा था कि भाभी सो गई होंगी.


मैंने मैसेज पढ़ा तो फिर से हिल गया. भाभी बोलीं- देवर जी ज्यादा जोश चढ़ा है क्या … शादी जल्दी करवानी ही पड़ेगी आपकी.


फिर दूसरा मैसेज आया- जरा आराम से कर लो … आवाज यहां तक आ रही है. नीचे मॉम डैड तक न चली जाए. उसके ठीक बाद भाभी का जोर से हंसने का इमोजी आया.


मैंने भी एकदम से कह दिया- जब परसों आप आवाज कर रही थीं तब नहीं सोचा कि आवाज बाहर भी जाती होगी. अब भाभी का कोई रिप्लाई नहीं आया.


अगली सुबह जब मैं जागा तो भाभी नजरें चुरा रही थीं.


मैंने उनसे सामान्य रोज की तरह बात की और नहाने चला गया. आज भी भाभी की ब्रा पैंटी मुझे बाथरूम में मिल गई. मगर आज कपड़े सूखे हुए थे.


जैसे भाभी ने नहाने से पहले ही उतार दिए हों. मैंने उठा कर देखा तो पैंटी आज चूत के रस से गीली थी.


मैंने उसको चाटा तो मजा आ गया. भाभी की चूत का स्वाद बहुत नमकीन था.


मेरा लंड मैंने आज फिर उनकी पैंटी पर रगड़ा.


तभी भाभी ने मुझे आवाज दे दी- कितना टाइम लगता है नहाने में … जल्दी बाहर आओ. मैंने ‘हां आया …’ बोल कर 5 मिनट में बिना हिलाए ही बाहर आ गया. भाभी बाथरूम के बाहर मेरा इंतजार ही कर रही थीं.


मेरे लंड की तरफ देख कर कटीली अंदाज में बोलीं- जाओ आपका फोन कब से चिल्ला रहा है, रात वाली का तो नहीं है … देखो. पहले तो मुझे अजीब सा लगा कि मेरी जीएफ मुझे कभी इस टाइम कॉल नहीं करती. फिर भी मैंने एक बार मोबाइल उठा कर देखा.


मैं एकदम से शॉक्ड रह गया. उसमें किसी और के नहीं, भाभी के ही मैसेज आए हुए थे.


भाभी- क्या देवर जी, सारा जोश मेरी ब्रा पैंटी पर ही निकाल दोगे. रोज रोज मेरे कपड़े गंदे कर देते हो, अच्छी बात नहीं है.


मैंने मैसेज पढ़ कर लिखा- भाभी, सॉरी आप किसी को बोलना मत प्लीज़. भाभी ने रिप्लाई में एक किस का इमोजी भेजा और बोलीं- आ जाओ नाश्ता कर लो.


मैं भी सामान्य हुआ और बोला- जी आया. नीचे जाकर मैंने देखा कि मॉम डैड दोनों नहीं दिख रहे थे.


भाभी बोलीं- वो पड़ोस वाली चाची के घर गए हैं. मैंने भाभी से कहा- भाभी, दूध भी दे दो.


भाभी बोलीं- कौन सा दूध देवर जी? ये कह कर भाभी ने फिर से कटीली मुस्कान दे दी और किचन में दूध लेने चली गईं.


मुझसे अब और रुका नहीं जा रहा था तो मैं भी किचन में चला गया. मुझे देख कर भाभी बोलीं- क्या हुआ? दूध पीने की बहुत जल्दी है?


वो हल्का सा झुक कर खड़ी हो गईं, उन्होंने अपनी गांड मेरी साइड कर दी. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने थोड़ा आगे होते हुए अपना कड़क लंड भाभी की गांड से लगा दिया और खड़ा हो गया.


भाभी के मुँह से ‘आह …’ निकल गई. ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था.


फिर मैंने अपने दोनों हाथ भाभी की कमर पर रख दिए और लंड उनकी गांड पर जोर से दबा दिया. अगले ही पल मैंने उनको अपनी ओर खींचा और उनकी गर्दन पर जोर से किस करने लगा.


भाभी को इसका अंदाजा भी नहीं था. अब मैंने कमर छोड़ दी और भाभी के कंधों पर हाथ रख कर अगले ही पल उनको सीधा करके उनके होंठों का रस पीने लगा.


भाभी एकदम से हुए इस हमले से चिहुंक गईं और मुझे धक्का देते हुए दूर किया. मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी.


भाभी ने फिर एक जोर की सांस ली और गुस्से से मुझे देखा, फिर एकदम तेज बिजली की रफ्तार से मेरे होंठों पर टूट पड़ीं. मैं भी भाभी को पागलों की तरह चूमे जा रहा था. फिर मेरा हाथ भाभी की बैक से जाते हुए उनकी गांड दबाने लगा. भाभी ने मुझे अलग किया और जोर जोर से सांस लेने लगी.


हम दोनों ने 5 मिनट तक किस किया था, तो उनकी सांस फूल गई थी. मैंने फिर हाथ बढ़ाते हुए भाभी को अपने पास किया और एक बार फिर से किस करने लगा. साथ ही उनके बूब्स दबाने लगा.


अब मैंने भाभी को थोड़ा सा धक्का देकर किचन की पट्टी पर बिठा दिया और उनकी साड़ी घुटनों तक उठा दी.


मैं किस करता रहा. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था, चार महीने बाद सेक्स करने को मिला था.


जैसे ही भाभी के ब्लाउज को खोलने की कोशिश की तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दूर कर दिया. भाभी- अभी कुछ नहीं, कोई आता होगा. रात में आज देखते हैं कि कितना जोश है आप में?


फिर मैं भाभी के साथ ऊपर ऊपर से मजे लेता रहा, कभी उनकी गांड सहलाता, तो कभी बूब्स! मैंने अपना लंड लोअर में से बाहर निकाल लिया और भाभी की गांड पर दबाने लगा.


जैसे ही लंड भाभी की गांड में लगाया, भाभी ने तुरंत पीछे मुड़ कर मेरे लंड को पकड़ लिया और बोलीं- थोड़ा तो सब्र करो. भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ से थोड़ा सा मसल दिया, जिससे मेरा लंड और टाइट हो गया.


मैंने कहा- भाभी, मजा आ रहा है. आप अपने हाथ से थोड़ा जोर से कर दो. भाभी समझ गईं कि मैं मुठ मारने को बोल रहा हूँ.


भाभी ने तुरंत मुझे मना कर दिया और बोलीं- आज से हाथ से Xxx मास्टरबेशन सेक्स करना बन्द कर दो, नहीं तो सारा जोश खत्म हो जाएगा. रोज रोज मेरे कपड़ों पर करते थे, इसी लिए आज मैंने तुम्हें जल्दी बाहर बुला लिया ताकि रात में तुम कोई कमी न छोड़ो.


थोड़ी देर बाद सब लोग घर पर आ गए और सारा दिन कुछ नहीं हुआ.


मैं बस अब रात का इंतजार कर रहा था. लेकिन शाम को भाई आ गया और भाभी का जिस्म मुझे मिलते मिलते रह गया.


यह Xxx मास्टरबेशन सेक्स कहानी आपको कैसी लगी? मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं. [email protected]


Bhabhi Sex

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ