विधवा भाभी की जबरदस्त चुदाई

पड्डी

08-09-2021

922,066

देसी भाबी सेक्स स्टोरी मेरी चचेरे भाई की पत्नी की चुदाई की है. भाई की एक्सीडेंट में मौत से भाबी उदास रहने लगीं। एक दिन हमें करीब आने का मौका मिला और …


नमस्कार दोस्तो, मैं अमित (बदला हुआ नाम) हूं। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। उम्मीद है आप लोगों को बहुत पसंद आएगी। यह एक वास्तविक घटना है, बस घटना के सभी पात्रों के नाम वास्तविक नहीं हैं।


मेरे पुरुष दोस्त लंड हाथ में ले लें और महिला दोस्त अपनी चूत में उंगली डाल लें और कहानी का पूरा मजा लें। अब मैं अपनी कामुक सेक्स कहानी शुरू करने जा रहा हूं।


यह घटना आज से एक साल पहले की है जब मैं लखनऊ में पढ़ाई करता था।


गांव में मेरे घर के बगल में ही बड़े पापा का भी घर है। ये देसी भाबी सेक्स स्टोरी उन्हीं की बहू और मेरे बीच की है।


भाबी का नाम कविता है। उनकी शादी 2017 में बड़े पापा के लड़के के साथ हुई थी। भाबी दिखने में एकदम पटाखा लगती हैं।


उनके बड़े बड़े चूचे और बाहर निकली हुई गांड देख कर अच्छे अच्छों का लण्ड सलामी देने लगता है।


कविता भाबी की जिन्दगी में शुरू में सब अच्छा चल रहा था। भैया और भाबी अक्सर घूमने जाया करते थे।


ऐसे ही एक दिन वो घूमने गए थे। दुर्भाग्य से ट्रक से उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया जिसमें भैया की जान चली गयी और भाबी बेहोश हो गयी थी।


जब भाबी को होश आया तो उनको पता चला कि उनकी दुनिया उजड़ चुकी है।


तब से भाबी बहुत गुमसुम सी रहने लगी थी और किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी।


इधर मेरे घर की हालत ठीक न होने की वजह से घर वालों ने मुझे घर बुला लिया और मुझे एक जनरल स्टोर खोलकर दे दिया और बोले कि बहुत पढ़ चुके, अब पैसे कमाओ।


एक दिन की बात है जब मैं अपने जनरल स्टोर से वापस आ रहा था तो रास्ते में मेरे मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। मैंने कॉल उठाया तो उधर से किसी महिला की आवाज आई।


मैं- हेलो? महिला- हेल्लो, चीकू! (घर पर मुझे सब इसी नाम से बुलाते हैं) मैं सोच में पड़ गया कि कौन है जो मुझे मेरे घर वाले नाम से बुला रहा है।


मैंने कहा- हाँ, मैं चीकू बोल रहा हूं। आप कौन? महिला- मैं कविता, तुम्हारी भाबी बोल रही हूँ।


मैंने कहा- जी भाबी, बोलिये … क्या काम था? भाबी बोली- दुकान से आते समय कुछ सामान लेते आना!


मैंने कहा- भाबी, दुकान तो बंद कर चुका हूं और मैं रास्ते में हूँ। तो वो बोली- कोई बात नहीं, कल लेते आना।


मैंने कहा- नहीं-नहीं, अगर जरूरी है तो आप बोलो … लेते आऊंगा। तो बोली- ठीक है, सामान की लिस्ट व्हाट्सएप्प पर भेज देती हूं। मैंने कहा- ठीक है।


मैं सामान घर लेकर आया तो देखा भाबी किचन में थी और खाना बना रही थी। बड़ी मम्मी भी उनके साथ थी। मैंने बड़ी मम्मी को सामान दिया और अपने घर चला आया और खाना खाकर सो गया।


रात में करीब 11:30 पर मेरे मोबाइल पर व्हाट्सएप्प पर मैसेज आया। मैंने उठकर देखा तो कविता भाबी ने थैंक्स लिखकर भेजा था। तो मैंने कहा- भाबी, इसमें थैंक्स की क्या बात है, ये तो मेरा फर्ज था। भाबी फिर कुछ नहीं बोलीं।


फिर मैंने उनकी प्रोफाइल फोटो को ध्यान से देखा। उन्होंने अपनी शादी के समय की फोटो लगा रखी थी. रेड कलर की साड़ी में बिल्कुल कयामत लग रही थी तो मेरी वासना जाग गयी।


मैंने कहा- भाबी, आप डीपी वाली पिक्चर में बहुत प्यारी लग रही हो। उन्होंने कहा- थैंक्स।


उसके बाद मैं गुड नाईट बोलकर सो गया। तब से भाबी से अक्सर बातचीत होने लगी और उनके घर भी आने-जाने लगा।


अब मेरा मन करता था कि भाबी को कैसे चोदूं, क्योंकि वो मुझे वासना की देवी लगने लगी थी।


एक दिन की बात है भाबी ने फ़ोन किया और रोते हुए बोली- जल्दी से घर आ जाओ, मम्मी (मेरी बड़ी मम्मी) सीढ़ियों से गिर गयी है और उनको ज्यादा चोट लग गयी है।


मैं तुरन्त घर पहुँचा और बड़ी मम्मी को बाइक से हास्पिटल लेकर गया। वहाँ डॉक्टर बोला कि दो हफ्ते के लिए एडमिट करना पड़ेगा। बड़े पापा हम लोगों को घर जाने को बोले और खुद हॉस्पिटल में रुक गए क्योंकि उनके घर और कोई नहीं था।


रास्ते में आते समय मैं बाइक तेजी से चला रहा था। तभी एक ब्रेकर आ गया तो मैंने जोर से ब्रेक लगाई जिससे भाबी मेरे ऊपर आ गयी और उनके मम्में मेरी पीठ से चिपक गए।


भाबी तुरंत पीछे हो गयी और बोली- आराम से चलो चीकू, गिर जाएंगे। अब मैं बाइक धीरे-धीरे चलाने लगा लेकिन उनके चूचियों के स्पर्श से मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।


भाबी की चूचियों का दोबारा मजा लेने के लिए मैंने दोबारा जान बूझकर ब्रेक लगाया। इस बार भी वही हुआ … भाबी के चूचे मेरी पीठ से चिपक गए लेकिन भाबी इस बार पीछे नहीं हुई और चिपकी ही रही। जिससे मेरा लण्ड एकदम कड़क तन गया।


अबकी बार भाबी हंसकर बोली- देवर जी … अपनी भाबी को ही गिराने का इरादा है क्या? मैंने कहा- साथ में देवर भी गिरेगा।


भाबी कुछ नहीं बोली, बस हँसने लगी और मुझसे चिपकी रही। हम लोगों को आते आते रात हो गयी।


मैं भाबी को छोड़कर अपने घर जाने लगा तो भाबी बोली- रात हो गयी है … यहीं खाना खाकर सो जाओ।


मैंने हां कर दी और फिर मैंने घर फ़ोन करके बता दिया कि आज बड़ी मम्मी के यहां सोऊंगा। फिर भाबी खाना बनाने लगी और मुझे बोली- जाओ, फ्रेश हो जाओ।


उसके बाद मैं फ्रेश होकर आया तो भाबी भी फ्रेश होने अपने बेडरूम में चली गयी थी। मैंने भाबी से कहा- भाबी, भूख लगी है। तो हम दोनों लोग खाना खाने लगे।


मैं खाना खाकर टीवी देखने लगा।


भाबी बर्तन धोकर आई और अपने बेडरूम से लाल रंग की नाइटी पहन कर आई। मैं बस उनको देखता ही रह गया।


मुझे ऐसे आंखें फाड़कर देखता देख भाबी बोली- क्या देख रहे हो? मैंने कहा- अपनी बहुत सुंदर हो। भाबी बोली- क्यों? पहली बार किसी औरत को देख रहे हो क्या?


मैंने कहा- नहीं, ऐसी बात नहीं है मगर इतने पास से नहीं देखा है कभी! भाबी बोली- अपनी गर्लफ्रैंड को भी नहीं देखा है क्या इतने पास से? मैंने कहा- मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है।


भाबी- कैसी गर्लफ्रैंड चाहिए तुमको? मेरे मुंह से एकदम से निकल गया- आप जैसी! भाबी- मुझमें ऐसा क्या खास है?


मैं- भाबी, आप बहुत सेक्सी हो। भाबी- सेक्सी मतलब?? मैं- मतलब आप बहुत क्यूट हो और आपका फिगर बहुत मस्त है।


भाबी- मजे क्यों ले रहे हो चीकू? वो कुछ सोचकर रोने लगी तो मैंने कहा- भाबी सॉरी।


भाबी बोली- इसमें तेरी क्या गलती है, मेरी किस्मत ही खराब थी। ये बोलकर भाबी और जोर जोर से रोने लगी।


अब मैं भाबी के पास बैठ गया और उनको गले लगा लिया। भाबी मुझसे चिपक कर रोने लगीं।


कुछ देर बाद भाबी शांत हुई लेकिन मुझसे चिपकी रहीं।


अब मैं उनकी पीठ पर हाथ फिराने लगा। भाबी कुछ नहीं बोल रही थी; शायद उनको भी अच्छा लग रहा था।


अब भाबी धीरे धीरे गर्म सांसें लेने लगी।


जैसे ही मैंने उनको अपने सामने किया भाबी मेरे होंठों पर पागलों की तरह किस करने लगीं। मैं भी पूरा साथ देने लगा।


अब मैं भाबी के 34 साइज के चूचों को जोर जोर से दबाने लगा जिससे भाबी और गर्म हो गयी और बोली- कपड़े उतारो!


उनकी बात सुनकर मैं हैरान था कि मेरी देसी भाबी सेक्स के लिए इतनी जल्दी मान गयी. मैंने कपड़े उतार दिए और भाबी की नाइटी भी उतार दी जिससे उनके मम्में ब्रा से झांकने लगे।


भाबी की चूत पैंटी के ऊपर से फूली हुई दिखने लगी। मैं पूरा जोश में आ गया और उनकी ब्रा को खींच लिया जिससे उनके दोनों कबूतर आजाद हो गए।


अब भाबी मेरा लण्ड सहला रही थी और मैं उनकी चूचियों को पी रहा था जिससे वो एकदम लाल हो गयी थी। भाबी की चूचियां बहुत ही मोटी और रसीली थीं; उनको चूसने में ऐसा मजा आ रहा था जैसे मैं अमृत पान कर रहा हूं।


मैं भाबी की चूचियों को भींचते हुए उनका दूध निकाल निकालकर पीता रहा। दूध वास्तव में तो नहीं निकल रहा था लेकिन उनको मैं ऐसे दबा रहा था कि दूध निकलने में कोई कसर भी नहीं रह गई थी।


भाबी की चूचियां एकदम से लाल हो गई थीं। उनको दबाने से वो टाइट हो गई थीं और भाबी की चूचियों के भूरे निप्पल एकमद से तन कर खड़े हो गए थे।


मैं बीच बीच में भाबी की चूची के एक एक निप्पल को बारी बारी से चूस रहा था। जब मेरे दांत भाबी की निप्पल पर लगते तो उसके मुंह से एक आह्ह … निकल जाती जिससे मेरा जोश और ज्यादा बढ़ जाता था।


कविता भाबी की वासना भी अब पूरे उफान पर आ चुकी थी। कभी वो मेरे बालों में हाथ फिरा रही थी तो कभी मेरी पीठ पर सहला रही थी तो कभी अपनी चूचियों को हाथ में लेकर उनको खुद ही भींचकर मेरे सामने निप्पलों को तान देती थी और इशारे से कहती कि इनको जोर जोर से चूसते हुए पी लो।


उनके इस कामुक रूप को देखकर मैं एकदम पागल हो रहा था। मेरी भाबी में इतना सेक्स भरा हो सकता है मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी। शायद भैया के लंड को उन्होंने बहुत याद किया था।


न जाने कितने दिनों से उनको मर्द का स्पर्श नहीं मिला था इसलिए आज वो सारा काम सुख एक ही रात में निचोड़ लेना चाह रही थी। इस वजह से उनके हाथ एक जगह नहीं रुक रहे थे।


कभी वो मेरे लंड को सहलाने लगती तो कभी मेरे बालों को खींचकर मेरा मुंह चूचियों में दबाने लगती। मैं भी पूरी शिद्दत से उनके उरोजों का मर्दन कर रहा था; उनको पी रहा था।


अब मेरे लंड का तनाव बहुत अधिक हो गया था और जो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने भाबी को लंड चूसने के लिए कहा।


इससे पहले कि मैं पोजीशन लेता, भाबी ने मुझे नीचे धकेला और मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।


मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया था, वो पूरी मस्त होकर उसको चूसे जा रही थी।


मेरे मुंह से लंड चुसवाते हुए आनंद के मारे आह्ह … स्स … आह्ह भाबी … आह्ह … पूरा चूस लो … आह्ह चूस लो इसको … आह्ह और जोर से चूस डालो … जैसी आवाजें निकल रही थीं।


कुछ देर तक मेरा लंड चूसने के बाद भाबी अपनी जांघें खोलकर मेरे सामने लेट गई और चूत चाटने के लिए कहने लगी। मैंने पैंटी उतारी और उनकी चिकनी चूत को खाने लगा।


चूत चाटी जाने से भाबी उछल पड़ी और उफ्फ … उम्मा … उइ मां … जैसी मादक आवाज निकालने लगी। थोड़ी देर में हम 69 की पोजिशन में आ गए।


10 मिनट के बाद मैं भाबी के मुँह में और भाबी मेरे मुँह में झड़ गयी। भाबी ने फिर मुझे चाटना शुरू किया और मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया और मैं उनकी बुर को चाटने लगा।


अब भाबी बोली- देवर जी, चोद दो अब! मैंने भाबी को पीठ के बल लिटाया और उनकी टांगों को हवा में उठाकर अपना 6 इंच का लण्ड भाबी की चूत में पेल दिया।


लंड चूत में जाते ही भाबी के मुंह से निकला – उईई … म..र गयी मां … फट गई चूत … आईई … निकालो चीकू … बाहर निकाल लो प्लीज!


मगर मैं अब नहीं निकालने वाला था; मुझे तो चूत का स्वर्ग मिल गया था।


मैंने फिर पूरा जोर से धक्का लगाया और पूरा लण्ड भाबी की चूत में समा गया।


भाबी छटपटाने लगी मगर मैं लंड डालकर शांत पड़ा रहा। जब उनका दर्द कम हुआ तो फिर से मैंने धक्का लगाना शुरू किया।


अब धीरे धीरे मैं चूत को लंड से चोदने लगा।


उनकी चूत में मेरे लौड़े का घर्षण हुआ तो भाबी को अच्छा लगने लगा। धीरे धीरे उनको मजा आने लगा।


कुछ देर के बाद ही वो खुद बोलने लगी- चोद चीकू … आह्ह … मेरी चूत को अंदर तक चोद दे … आह्ह … पूरा घुसाकर चोद! मैं- लो मेरी जान … पूरा लो तुम … आह्ह … ये लो … आह्ह … और लो मेरी रानी … आह्ह मेरी चूत की रानी … लो मेरा लंड!


भाबी- चोद कुत्ते … फाड़ दे मेरी चूत को … कमीने … आहह्ह चोद डाल बुरी तरह! मैं- ले साली कुतिया … आज तेरी बुर का भोसड़ा बना दूंगा।


अब भाबी चूतड़ उठा उठाकर लण्ड बुर में ले रही थी। करीब आधे घण्टे की चुदाई के बाद मैंने भाबी से कहा- मेरा होने वाला है। भाबी- मेरा भी!


पांच मिनट बाद हम दोनों धक्का-पेल चुदाई के बाद झड़ गए और चिपक कर सो गए। सुबह उठा तो भाबी किचन में थी और बहुत खुश थी।


उसके बाद हम लोगों को जब भी मौका मिलता हम ये देसी भाबी सेक्स का खेल खेल लेते थे चुदम-चुदाई वाला।


दोस्तो, मेरी देसी भाबी सेक्स स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताइयेगा। मैंने मेरा ईमेल आईडी नीचे दिया हुआ है। मुझे आपके मैसेज का जरूर इंतजार रहेगा। आपका अपना अमित [email protected]


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