दोस्त के गांव में चूत चुदाई का मजा

विशू राजे

07-06-2023

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गाँव की चूत फक़ स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपने दोस्त के साथ उसके गाँव गया तो वह मुझे चूत दिलवाने ले गया. वहां उसने एक भाभी और उसकी ननद बुला रखी थी. मैंने ननद को चोदा.


दोस्तो नमस्कार, मैं विशु आज फिर से अपनी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ. मेरी पिछली कहानी अपने दोस्त की प्यासी बीवी और बहन को चोदा में आपने पढ़ा कि मैं अपने दोस्त के गाँव गया तो वहां उसके घर में ही मुझे चोदने के लिए दो दो सामान मिल गए. एक उसकी बीवी और एक उसकी बहन. मैंने अपने दोस्त की दोनों चूतों को चोदकर ठंडा किया और मैं बाहर आकर चारपाई पर बैठ गया.


अब आगे गाँव की चूत फक़ स्टोरी:


उसकी बीवी ने मेरे करीब आकर मेरी तारीफ की और शुक्रिया भी अदा किया.


फिर कुछ देर बाद मेरा दोस्त भी आ गया. मैंने उससे कहा- क्या दोस्त है तू, मुझे अकेले छोड़ कर कहां गायब हो गया था? मैं बोर हो गया. तो वो बोला- यार मैं अपनी जानेमन को पेलने गया था.


मैं बोला- वो कौन है? वो बोला- यहां के मुखिया की बहू है … वो साली एक नंबर की माल है.


मैं बोला- और साले मेरा क्या? वो बोला- अबे तुझे ही लेने तो आया हूँ. चल, तुझे गांव की गोरी की चूत चखाता हूँ.


मैं बोला- मुझे भी मुखिया के घर की कोई चाहिए. वो बोला- अबे चल तो … उसकी भी दिलवा देता हूँ.


हम दोनों निकल कर खेत तक पहुंचे.


खेत के बाहर हम दोनों बातें करते हुए चल रहे थे कि अचानक मुझे खेतों में कुछ हिलता हुआ दिखाई दिया.


मैं बोला- उधर कोई है? मेरा दोस्त बोला- चल देखते हैं … कौन है?


हम दोनों वहां पहुंचे, जहां खेत की फसल हिल रही थे. वहां पहुंच कर मेरी नजरें चौड़ी हो गईं.


मेरे दोस्त ने मुझे चुप रहने का इशारा किया. एक काला सांड एक कमसिन लड़की को पेल रहा था.


मैंने उससे पूछा- ये कौन है? मेरा दोस्त सुनील बोला- ये मुखिया का लठैत है सूरा.


मैं बोला- और ये लड़की? तो सुनील दबी हुई आवाज में बोला- ये लड़की नहीं, औरत है. हमारे बगल में 3 घर छोड़ कर इसका घर है. इसका पति खेती बाड़ी का काम करता है. इसके पति ने मुखिया का कर्जा लिया है.


मैं समझ गया कि ये सूरा कर्जे का सूद वसूल कर रहा है.


मैं बोला- यार, ये कमसिन जवान औरत और ये सांड तो इसे मार ही डालेगा! वो बोला- अरे चुदने से कोई नहीं मरती है. देख वो भी मजे लेकर चुद रही है.


मैंने देखा, तो सच में वो मजे ले रही थी और मस्ती से अपनी गांड हिलाती हुई उस गैंडे का साथ दे रही थी.


क्या बला की खूबसूरत परी थी. अब मेरा भी मन डोल गया और लगा कि सूरा को भगा कर मैं उसको चोद दूँ.


कुछ देर बाद सूरा का पानी गिर गया और वो उस औरत के ऊपर से उठ खड़ा हुआ. वो औरत भी उठ कर अपनी साड़ी ठीक करने लगी और उससे बतियाने लगी.


“तू करीब 6 महीने से मुझे पेल रहा है. अभी तक पर बच्चा नहीं दे सका. मेरा पति भी वैसा ही है और तू भी … तू बस ठोकता है. तेरे पानी में ताकत ही नहीं है.” ऐसा बोलकर वो मुँह बनाती हुई चली गयी.


सूरा भी अपना मुँह और लंड लटका कर चला गया. अब हम लोग आगे बढ़े.


मैं बोला- बहन की लवड़ी साली … क्या गदर माल थी और वो काला सांड उसे मसल कर पेल रहा था. तू क्यों नहीं उसे बच्चा दे देता … या तू कहे तो मैं उसे बच्चा दे देता हूँ! मेरे मन को भी भा गयी है ये … यार जाने से पहले एक बार इसकी दिला दे.


सुनील बोला- चल तेरी यह मुराद भी पूरी करता हूँ.


अब हम दोनों एक खेत में घुसे.


वहां दो सुंदर कन्याएं हमारा इंतजार कर रही थीं. सुनील ने मेरा परिचय कराया- यह है पायल, मुखिया की बहू!


वह मेरी ओर देख कर आंखें बड़ी करके देखने लगी.


तभी सुनील ने कहा- देख ना कितनी खूबसूरत है! पायल ने मुझसे नमस्ते की.


मैंने भी जवाब में नमस्ते की. फिर दूसरी की ओर हाथ करते हुए सुनील ने कहा- यह सुजाता है, मुखिया की बड़ी बेटी. अभी दो महीने बाद इसकी शादी है.


वह मुस्कुराई. मैंने उसे भी हैलो कहा.


फिर हम लोग बैठ गए. उन दोनों में खुसुर फुसुर शुरू हो गयी.


सुनील बोला- यार, यह मेरा दोस्त विशु है. हम एक दूसरे से कुछ नहीं छुपाते. विशु ये है मेरी गर्लफ्रेंड पायल. हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं … और पायल जब से मैंने इसे तेरी सुजाता के साथ वाली फोटो दिखाई है, तब से ये सुजाता से मिलने की जिद कर रहा है. आज मैं इसे ले मिलवाने ले आया.


पायल ने उसे इशारा किया. वो हंस दी.


मैं खुश हो गया और मैं भी हंस दिया. अब हम सब बातें कर रहे थे.


तभी सुनील बोला- विशु, तुम दोनों बातें करो, हम दोनों अभी आते हैं. वह सुजाता से भी बोला- देख सुजाता, इसे नाराज मत करना. सुजाता शरमा दी.


वे दोनों दूसरी ओर को चले गए. अब मैं और सुजाता अकेले थे.


मैंने एक नजर सुजाता को देखा, कमाल का हुस्न था उसका! क्या आंखें थीं और क्या खूबसूरत गदराया हुआ जिस्म था.


उसके चूचों के खासे उभार थे और एकदम नुकीले मम्मे थे. सामने का नुकीला हिस्सा मुझे ललचा रहा था.


मैं उसको खा जाने वाली नजरों से देख रहा हूँ, ये उसने भी देख लिया था. वो बोली- आपको कुछ चाहिये है क्या? मैं बोला- हां.


वो बोली- क्या चाहिए! मैं बोला- मैं इन कजरारी आंखों का सपना बनना चाहता हूँ. इस धड़कते हुए दिल की धड़कन बनना चाहता हूँ. इन नाजुक रसीले होंठों की मुस्कान बनना चाहता हूँ … बोलो बनने दोगी?


वो शर्मा रही थी. उसने हां में गर्दन हिला दी.


मैं जानबूझ कर बोला- नहीं दोगी क्या? तो वो झट से बोली- मैंने तो हां बोली ही ना!


बस मेरा काम बन गया और मैंने उसे खींच कर अपनी बांहों में भर लिया. वो भी मेरी बांहों में समा गयी.


फिर वो बोली- हम कहीं और चलते हैं. नहीं तो भाभी हमें देख लेगी. मैं बोला- तो चलो, हम तुम्हारी भाभी को ही देख लेते हैं. फिर कोई डर ही नहीं रहेगा.


बस फिर क्या था. हम दोनों उन दोनों को खोजने लगे. एक जगह खेत में फसल हिलती दिखी, तो हम वहां पहुंच गए.


सीन देखा कि पायल पूरी तरह नंगी पड़ी थी और सुनील उसकी चूत चाट रहा था. वो भी पूरा नंगा था.


ये नजारा देख कर हमारी नसें टाईट हो गईं. सुनील पायल को चाटे जा रहा था और पायल ने आंखें बंद कर रखी थीं.


सुनील उसकी चूत के दाने को अपनी जुबान से सहला रहा था. पायल ‘उम्म उम्म नहींईई …’ करती हुई कामुक आवाज निकाल रही थी.


मैंने सुजाता का हाथ पकड़ा और बोला- हम भी उनके साथ यहीं जुड़ जाते हैं. उसने मना कर दिया और बोली- मुझे शर्म आएगी.


फिर वो धीरे से बोली- कहीं और चलते हैं ना! मैं नहीं माना.


मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. मेरा हाथ अपने आप उसकी कमर से होते हुए उसके चूचों तक आ गया.


धीरे धीरे मैं उसके चूचों को सहलाने लगा. वो भी मजे लेने लगी.


मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी चूत की जगह ले गया और सहलाने लगा.


अब उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया. बस मुझे भी इसी बात का इंतजार था. मैंने भी उसकी साड़ी अहिस्ता अहिस्ता करके निकाल दी.


वो किस करने में लगी थी और मैं किस की आड़ में उसको नंगी करने में लगा था. फिर उसके घाघरे का नाड़ा भी खुल गया. अब सुजाता नीचे से नंगी हो चुकी थी, मेरा आधा काम हो गया था.


मैंने उसकी चूत पर अपने हाथ से कब्जा कर लिया और एक उंगली से उसकी चूत को सहलाने लगा.


उसने कमर हिला कर अपनी सहमति दी. उस पर भी लौड़े का नशा छाने लगा था.


मैंने धीरे से उसकी चूत में एक उंगली सरका दी. वो चिहुँक उठी और आह बोल कर नशीली आंखों से मेरी और देखने लगी.


मैंने उसकी चोली के हुक खोल दिए, अन्दर ब्रा को भी खोल दिया.


अब उसके नुकीले स्तन मेरे सामने थे. मिसाईल की तरह हमला करने के लिए तैयार.


मैंने उसकी चूचियों में से एक को धर दबोचा और एक को मुँह में भर लिया. मैं सुजाता के मम्मों का रस पान करने लगा.


वह भी मजा लेने लगी, खुल कर रसपान कराने लगी. वह अपने हाथ से अपने दूध की नोक मेरे मुँह में देती हुई आह आह कर रही थी. मैं एक दूध चूसने के बाद दूसरे दूध को चुसकने लगा. मैं तो जैसे उसके मम्मों पर टूट ही पड़ा था, उसकी चूची को कभी खींचता तो कभी दबाता.


उसके दोनों चूचे मैंने चूस चूस कर लाल कर दिए. उसके निप्पल एकदम कड़क हो गए थे.


अब चूची को छोड़ कर मैं नीचे की तरफ बढ़ा, उसके पेट पर जाकर जुबान से उसकी नाभि में खुदाई करने लगा. वह छटपटाने लगी … पैर पटकने लगी.


मैंने नाभि को गीला करके जुबान बाहर निकाली और जुबान खिसकाते हुए उसकी मखमली चूत पर ले गया. अब तक उसकी चूत अच्छा खासा रस छोड़ चुकी थी, पूरी तरह गीली थी.


हम दोनों दोस्त ननद भौजाई को एक साथ पेल रहे थे. सुनील पायल को और मैं पायल की ननद सुजाता को.


मैंने सुजाता की रस से भरी चूत में जैसे ही अपनी जुबान घुसाई, वैसे ही सुजाता ने ‘इस्स्स …’ करती हुई अपना बदन खींच कर अकड़ा लिया.


मैंने जुबान और अन्दर घुसा दी और उसकी चूत का रस चूसने लगा. सुजाता मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी.


मैं उसकी चूत में जुबान को नचाने लगा. उसकी चूत थरथराने लगी और उसने पूरी ताकत मेरे सर को चूत पर दबाने में लगा दी.


मैं समझ गया कि अब ये झड़ने वाली है. उसी वक्त एक लंबी आह की गूंज से वो बहने लगी. मैं उसकी चूत का रस पीता रहा.


फिर मैं उठ गया और अपना लंड उसके मुँह के सामने कर दिया. पहले तो वो डर गयी और बोली- उई मां इतना बड़ा … मैं कैसे ले पाऊँगी?


उसके इतना बोलते ही मैंने उसके बाल पकड़कर अपना औजार उसके मुँह में ठूंस दिया. ‘उम्म्म उम्म्म् …’ करती हुई वो मुँह आगे पीछे करने लगी.


करीब 5 मिनट के बाद मैंने उसके मुँह से लंड निकाल लिया और उसे नीचे लिटा दिया. उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर ले लिया. उसकी चूत को थोड़ा सा खोला और अपना लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया.


अब बारी थी जोरदार झटके की.


उस समय नजारा कुछ ऐसा था कि वह चित पड़ी थी, उसके पैर ऊपर मेरे कंधों पर थे. मैं उसके ऊपर लेटा हुआ था और लंड का सुपारा उसकी चूत के मुँह पर अन्दर जाने के लिए तैनात था.


बस अपनी पूरी ताकत लगा कर मैंने एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत की सारी रुकावटों को फाड़ता हुआ हर एक नस को चीरता हुआ आखिरी छोर तक जा पहुंचा.


‘उई मां मर गयी …’ करती हुई सुजाता छटपटाने लगी. ‘निकालो … मेरी फट गयी …’


ऐसा बोलती हुई वो मुझे अपने ऊपर से हटाने की नाकाम कोशिश करने लगी. पर मेरी पकड़ काफी मजबूत थी. उसकी चूत की चौड़ाई मैंने जुबान से नापी थी.


उसे इतनी जोर से चिल्लाना तो नहीं चाहिए था. मगर वो चिल्लाई तो ऐसे थी साली कि उसकी सील फट गई हो.


इसी हालत में मैं कुछ पल रुका रहा. वह जैसे ही थोड़ी नॉर्मल हुई, तब मैंने उसको चोदना चालू किया.


अब वह भी मुझे साथ देने लगी. अहिस्ता अहिस्ता उसको मजा आने लगा.


मैं उस पेल रहा था, पर मेरा दिमाग कहीं और था. मेरे दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि सुजाता की चूत की सील टूटी हुई थी.


भले ही वो लंड अन्दर लेते ही रोने लगी थी … पर मेरा अनुभव बता रहा था कि उसकी सील टूट चुकी थी. पर मैं अभी उस पचड़े में नहीं पड़ने वाला था. मेरा पेलना जारी था.


कोई 15 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद सुजाता फिर से थरथराने लगी. वह अपने नाखून मेरी पीठ में घुसाने लगी. उसकी आधी आंखें बंद और आधी खुली हुई थीं और वो आसमान की सैर के लिए तैयार थी.


उसी पल मेरे लंड पर उसकी चूत से गर्म फव्वारा छूटा और सुजाता झड़ने लगी. मैं कुछ देर रुक गया.


मेरी नजर ऊपर को उठी तो देखा सुनील और पायल दोनों हमें देख रहे थे. वे दोनों नंगे थे. दोनों नीचे बैठ गए. मैं भी देखता रहा कि क्या नजारा था. एक कली मेरे लौड़े के नीचे कुचल रही थी और दूसरी कली मेरे सामने मेरे लौड़े को चूत फाड़ती हुई देख रही थी.


दोनों नंगी थीं. क्या भैरंट नजारा था. सुजाता की आंखें बंद थीं और उसकी भाभी की आंखें मेरे मोटे लंड से अपनी ननद की चूत में खुदाई करती हुई देख रही थीं.


मैंने धीरे से सुजाता का हाथ हटा दिया. उसकी नजरें अपनी भाभी पायल से जा मिलीं. वह इस तरह शर्माई कि उसने जल्दी से अपने हाथों से अपना मुँह छुपा लिया. पर वह ये भूल गई कि वो पूरी तरह से नंगी थी और मेरे लौड़े के नीचे लेटी है. मेरा लंड उसकी चूत में फंसा हुए है.


मैं भी अब थोड़ा फ्री हो गया था तो बोला- तुम लोग कब से हमें देख रहे हो? अपना प्रोग्राम बड़ी जल्दी खत्म कर लिया? सुनील बोला- साले, तू उसकी चीख निकालेगा, तो हमें सुनाई नहीं देगी क्या?


मैं बोला- सॉरी, तुम्हें डिस्टर्ब किया. वो बोला- नहीं बे, हमने तो तुम्हारा शो इंजॉय किया.


मैं बोला- तुम्हारा शो देख कर हमें नशा आ गया था और हम दोनों शुरू हो गए. ये सुनकर पायल हंस दी.


मैं उससे बोला- देख क्या रहे हो … आओ शुरू हो जाओ. लेटो मेरे बाजू में!


फिर क्या था … सुनील ने पायल को बाजू में लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया.


करीब 10 मिनट बाद मैं बोला- सुनील, चल गाड़ी बदल लेते हैं. वे दोनों चूतें ये सुनते ही एक दूसरे को देखने लगीं और ना में सर हिलाने लगीं.


पर मुझे पायल को चोदना था. बस मैं उठ खड़ा हुआ.


तब सुनील बोला- यार ये और मेरी बीवी … इन दोनों को छोड़ कर तू जिसे बोले, उसको तेरे साथ शेयर कर सकता हूँ. मैं बोला- ठीक है.


मैंने अब आसन बदला और सुजाता को पायल पर लिटा दिया. मैं बोला- सुजाता अब तू पायल के चूचे चूस और मैं तेरे छेद को देखता हूँ.


और मैं सुजाता को पीछे से ठोकने लगा.


कुछ मिनट पेलने के बाद मैं बोला- मेरा होने को है! सुनील भी बोला- मेरा भी. वो दोनों बोलीं- हम भी.


तब एक साथ सब झड़ने लगे. माहौल चिपचिपा हो गया.


हम सब करीब 5 मिनट ऐसे ही रहे. फिर उठकर कपड़े पहने.


सुजाता चुदवा कर खुश थी. मैंने उससे पूछा- मजा आया? तो उसने हां में सर हिला दिया.


गाँव की चूत फक़ के बाद हम वहां से निकल गए.


सुनील और पायल आगे चले गए, मैं और सुजाता पीछे से जाने लगे.


मैंने अपने दिल की बात सुजाता से पूछी- सुजाता, हम दोनों अब एक जान हो गए. हम दोनों में कुछ भी छुपा नहीं है. तुम बहुत खूबसूरत हो, पायल भी तुम्हारे सामने कुछ नहीं.


वो शर्मायी और सातवें असमान में उड़ने लगी. तभी मैं बोला- एक बात सच सच बताना, मेरे से पहले तुमने किस के साथ सेक्स किया था!


वह डर गयी कि क्या बोले, उसको समझ नहीं आ रहा था.


मैं बोला- तुम अब मेरी हो, बेझिझक बोल दे.


वो बताने लगी- एक दिन मैं भाभी का पीछा करती हुई इसी खेत में आयी थी. ये देखने कि भाभी कहां जाती है? फिर मैंने उनको देखा कि वो सुनील के साथ सेक्स करती है. मैं भाभी पर भड़क गयी और बोली कि भाभी ये सब क्या हो रहा है. मैं ये सब में घर जाकर सबको बता दूंगी. ‘फिर?’


‘ये कह कर मैं जाने लगी. तभी भाभी सुनील से बोली कि सुनील इसको पकड़ो और चोद दो, नहीं तो ये सबको बता देगी.’ ‘ओके फिर?’


“फिर मैंने पीछे से देखा, तब तक सुनील ने मुझे धर दबोचा और खेत में लिटा दिया. भाभी ने मेरे हाथ पकड़े और सुनील ने मेरी साड़ी ऊपर करके अपना मूसल मेरे अन्दर घुसेड़ दिया. मुझे बहुत दर्द हुआ, मैं बेहोश हो गयी थी … लेकिन वो रुका ही नहीं. कुछ देर बाद जब मुझे होश आया, पर तब तक मुझे मजा आने लगा था. तभी भाभी बोली कि मजा आया ना मेरी प्यारी ननद को! मैं मजे में बोल पड़ी कि हां बहुत मजा आ रहा है. बस तब मैं पहली बार चुद गयी थी. उस दिन बहुत खून निकला. मुझसे सही से चलना भी नहीं हो पा रहा था. उसके बाद मैं कभी भाभी के साथ या उसके पीछे नहीं गयी. उसके बाद आज तुम्हारे साथ किया, पर आज मुझे असली सुख मिला. मैंने पहली बार अपनी मर्जी से तुम्हें अपना यौवन दिया है.”


मैं बोला- कोई बात नहीं सुजाता … तुम्हारा बदला मैं लूँगा मेरी सुजू डार्लिंग. कल इसी खेत में तुम पायल को लेकर आना, मैं उसको चोद दूंगा. तेरा बदला पूरा हो जाएगा. वो किसी और से नहीं चुदाती है ना … तू भी तेरे यार से चुदवा दे उसको. हिसाब बराबर होगा ना तेरा! मेरी जानेमन को चुदवाया था ना … मैं उसको छोडूंगा नहीं! वो भी बोली- हां मेरा बदला तुम ले लो.


बस मेरा काम बन गया.


इसके आगे क्या हुआ वो बड़ा ही मस्त वाकिया था. सुजाता की भाभी की चुदाई वाली सेक्स कहानी को आप जरूर पढ़ना दोस्तो. आपको यह गाँव की चूत फक़ स्टोरी कैसी लगी? धन्यवाद. [email protected]


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