तीनों बहनों को गर्मी की छुट्टी में चोदा

आरती मौर्य

10-03-2023

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बहन की चुदाई कहानी में मैंने अपनी दो चचेरी बहनों और एक सगी बहन को चोदा. इस खेल में उन तीनों की ही मिली भगत थी. उन्होंने मिल कर मुझे फंसाया था.


दोस्तो, मेरा नाम संजय है, मैं एक इंजीनियरिंग का छात्र हूं। मैं लुधियाना में रहता हूं।


हमारे घर में मैं मेरे पापा चाचा और चाची चाची की दो लड़की और मेरी बहन स्नेहा रहती है।


इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के कारण मैं दिल्ली में रहता हूं और मेरा पूरा परिवार गांव में ही रहता है. लुधियाना में ही हमारा गांव है।


यह बहन की चुदाई कहानी पिछली गर्मी की छुट्टियों की है जब मैं पूरे 2 साल बाद अपने गांव लौटा था।


मुझे लेने के लिए चाचा जी आए थे जिनका नाम राजीव है. मैं घर गया तो वहां मैं सबसे मिला. मेरे चाचा की दो लड़की थी पूजा और आरती दोनों अब जवान हो चुकी थी.


पूजा की उम्र 21 वर्ष और छोटी आरती की उम्र 18 वर्ष थी और मेरी बहन स्नेहा उसकी उम्र 19 वर्ष थी।


मैंने खाना खाया और नहा धोकर फ्रेश हो गया. तभी कॉलेज की छुट्टी हो चुकी थी, मेरी तीनों बहनें आई और मुझे देख कर बहुत खुश हुई.


मैं सभी के गले लगा. मुझे पूजा और स्नेहा ने पूछा- भैया, आपकी कोई वहां गर्लफ्रेंड बनी है या नहीं? मैंने कहा- चुप कर पागल, मैं वहां पढ़ने गया हूं या गर्लफ्रेंड बनाने?


उनकी बात को डालते हुए मैं वहां से चला गया.


हमारे घर में नीचे सिर्फ चार ही कमरे थे और दो कमरे ऊपर थे.


हमारे मम्मी पापा और चाचा चाची नीचे के कमरे में रहते थे. और एक कमरा गेस्ट हाउस था मेहमानों के लिए!


रात को खाना खाने के बाद हम सभी सोने के लिए जा रहे थे। तो मुझे भी अपनी बहनों के साथ छत पर सोने जाना था.


मैं खाना खाने के बाद अपने दोस्तों से बात करने लगा और मेरी बहन पढ़ रही थी.


मैं कुछ देर बाद रूम में आया तो मैंने देखा कि पूजा और स्नेहा लैपटॉप में कुछ देख रही थी. मैंने जाकर चुपके से देखा तो वे हॉट मूवी देख रही थी.


मुझे देखते ही वह दोनों डर गई और बोलने लगी- प्लीज भैया, मम्मी को मत बताना। मैंने भी सोचा कि इसमें कोई बताने वाली बात नहीं है. वे दोनों अब जवान हो चुकी थी, इसीलिए मैंने कहा- ठीक है.


तभी पूजा ने पूछा- भैया बताइए ना … आपकी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा- नहीं कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, तुम जैसी कोई होगी तब तो गर्लफ्रेंड बनाऊंगा. यह कह कर मैं छत पर जाकर घूमने लगा.


दोस्तो, मैं बता दूं लो पूजा का फिगर बिल्कुल नोरा फतेही जैसा दिखता है, उसके बूब्स और गांड दोनों ही बड़े बड़े हैं. वह दिखने में बिल्कुल आंटी लगती है, पूरा बदन भरा हुआ है। और स्नेहा की बूब्स बिल्कुल उसी के जैसे हैं पर स्नेहा मोटी है इसी कारण उसके गांड ज्यादा बड़ी है।


फिर हम अपने अपने बेड पर सो गए.


तभी पूजा ने कहा- भैया, हम तीन लोग एक बेड पर सोए हैं तो हमें दिक्कत हो रही है. क्या मैं आपके बेड पर सो जाऊं? मैंने कहा- कोई बात नहीं, सो जाओ।


दोस्तो, मैंने अपनी बहन को कभी भी कामुकता वाली नजर से नहीं देखा था. पूजा नाइटी में सोती है जिसके कारण वह बिल्कुल हॉट लगती है.


और तभी जोरों से बिजली चमकने लगी जिसके कारण पूजा डरते हुए मुझे कस के पकड़ के सो रही थी. उसके बड़े बड़े स्तन मेरे छाती पर जकड़ रहे थे. इस कारण मेरा औजार पैन्ट में खड़ा हो गया और पूजा की नाभि से रगड़ खाने लगा।


मैंने पूजा को हटाते हुए उसके बूब्स को दबाया तो उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी छाती पर रख दिया और उसके बूब्स को दबाने लगा.


तभी पूजा उठकर बैठ गई। मैं डर गया, मुझे लगा कि पूजा शोर मचा देगी. इसीलिए मैंने सोने का बहाना करके आंखें बंद कर ली और फिर पूजा भी सो गई।


अगले दिन सुबह जब मैं उठा तो चाची ने चाय पी और कहा- संजय, हम लोग शादी में जा रहे हैं, 8-10 दिन लग जाएंगे, तब तक अपनी बहनों का ख्याल रखना। मैंने कहा- ठीक है, आप निश्चिंत होकर जाइए।


मम्मी पापा और चाचा चाची दोनों 10:00 बजे निकल चुके थे घर से! संडे होने के कारण पूजा स्नेहा और आरती भी घर पर ही थी।


हम सभी बैठकर टीवी देख रहे थे. तभी पूजा बोली- चलो भैया, एक खेल खेलते हैं. मैंने एक अंग्रेजी मूवी में देखा था.


मैंने मना कर दिया पर आरती और स्नेह रिक्वेस्ट करने लगी तो मैंने कहा- चलो ठीक है. पूजा ने कहा- भैया, बस गेम की एक शर्त है. स्नेहा बोली- कैसी शर्त है?


पूजा बोली- जो भी इस गेम में हारेगा, उसे किसी एक की बात माननी होगी. सब लोगों ने कहा- ठीक है।


तभी पूजा भाग कर गई और छत पर से जाकर एक बोतल लेकर आई और बोली- मैं गेम शुरू करती हूं. और यह कहते हुए उसने बोतल को घुमाया और बताया कि जिसकी तरफ बोतल का मुंह रुक जाएगा, वह यह गेम हार जाएगा.


बोतल घूमते घूमते आरती के सामने रुक गयी और उसका पीछे वाला भाग स्नेहा के सामने था जिससे स्नेहा जीत गई और आरती हार गई।


स्नेहा ने आरती को कहा- तुम अपनी टी शर्ट उतारो! तो आरती बड़ी बड़ी आंखों से स्नेहा को देखने लगी.


तभी पूजा ने कहा- डोंट वरी, यहां सब लोग घर के ही हैं. और वैसे भी तुम गेम हार चुकी हो तो तुम्हें स्नेहा की बात माननी होगी.


मैं कुछ बोलता, उससे पहले आरती ने अपनी टीशर्ट उतार दी। दोस्तो, वह ब्रा में हो गई।


आरती के बूब्स संतरे की तरह दिख रहे थे जिसके कारण आरती शर्म आने लगी और वह छत पर भाग गई।


अब स्नेहा ने बोतल घुमाई तो बोतल का मुंह पूजा की तरफ था और उसका पीछे वाला भाग मेरी तरफ. स्नेहा बोली- भैया, आप गेम जीत चुके हैं।


मैंने पूजा से कहा- पूजा तुमने सेक्स किया है? पूजा बोली- नहीं!


उसने तिरछी निगाहों से मुझे देखा और कामुकता से मुस्काई।


मैंने बोतल घुमाया तो बोतल घूम कर स्नेह के सामने रुक गया और उसका पीछे वाला भाग पूजा के सामने रुका था। पूजा बोली- स्नेहा, तुम संजय भैया की गोद में बैठ जाओ।


दोस्तो, स्नेहा मेरी सगी बहन थी इसलिए वह मेरा मुंह देखने लगी. तो पूजा बोली- स्नेहा, तुम गेम हार चुकी हो.


तभी स्नेहा आकर मेरी गोद में बैठ गई. स्नेहा ने हाफ निकर पहनी हुई थी।


वह मेरी गोद में बैठी तो मुझे कुछ गीला गीला अहसास हुआ. मुझे ऐसा लगा कि स्नेहा की चूत ने पानी छोड़ा होगा. और यही सोच कर मेरा औजार खड़ा हो गया और स्नेहा के छेद में घुसने लगा जिसके कारण स्नेहा के बदन में हलचल होने लगी।


फिर पूजा ने बोतल घुमाई. वह बोतल स्नेहा की तरफ रुक गई और उसका पीछे वाला भाग मेरी तरफ था।


स्नेहा बोली- भाई, आप पूजा के स्तन दबाओ. मैंने इंकार कर दिया तो पूजा बोली- कोई बात नहीं, गेम ही तो है.


तब मैंने पूजा को इधर आने को कहा और उसके दोनों बूब्स को अपने हाथों में लेकर दबाने लगा. इससे पूजा गर्म होने लगी और सिसकारी लेने लगी।


इस बार मैंने बोतल घुमाई तो उसका मुंह स्नेहा की तरफ और उसका पीछे वाला भाग मेरी तरफ था.


तो मैंने कहा- स्नेहा, तुम अपनी हाफ पैन्ट निकाल दो. तो उसने अपनी हाफ पैंट निकाली उसने चड्डी पहनी हुई थी. वह मेरे लंड लन्ड पर बैठ गयी.


उसकी गांड की दरार में मेरा लंड पूरी तरह सेट हो गया और वो जोर से चिल्ला पड़ी।


दोस्तो, अब मुझे मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने स्नेहा को घोड़ी बना दिया और ऐसे ही ऊपर ऊपर से धक्के लगाने लगे. कुछ देर बाद स्नेहा बाथरूम में चली गई।


तभी पूजा ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और वह भी पूरी नंगी हो गई।


फिर मैंने पूजा को जमीन पर लिटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा. 5 मिनट के बाद वह पानी छोड़ने लगी और कहने लगी- प्लीज़ भैया, मुझे चोदो।


मैंने अपना लंड निकाला और उसकी चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा.


पूरा औजार उसकी छेद में घुस चुका था. मैंने जोरदार धक्का लगाना शुरू किया।


करीब 10 मिनट बाद मैं उसकी चूत में झड़ गया।


फिर हम तीनों मिलकर नहाये।


हम तीनों ने रात के खाने के बाद बहन की चुदाई का प्रोग्राम बनाया.


मैं स्नेहा और पूजा एक ही बेड पर सोये ताकि हम लोग रात भर सेक्स कर सकें। आरती अलग सोई.


रात को मैंने स्नेहा और पूजा दोनों बहनों को चोदा और फिर हम सो गए। इस तरह मैंने अपनी सगी बहन को चोदा.


अगले दिन दोनों को मैंने गर्भ रोकने वाली गोली ला कर दी और पेन किलर भी दिया ताकि वे लोग कॉलेज जा सकें।


उससे अगले दिन आरती का एग्जाम था इसलिए वह कॉलेज नहीं गई। मैं और आरती घर पर ही थे।


आरती बोली- भैया, आप लोग रात में क्या कर रहे थे मुझे बहुत आवाज आ रही थी, मैं ठीक से सो भी नहीं पाई। मैं बोला- अरे पागल, मैं उन लोगों को एग्जाम की तैयारी करा रहा था ताकि वे अच्छे से लिख सकें एग्जाम में!


आरती बोली- भैया, प्लीज मुझे भी अच्छे से तैयारी करा दो। मैंने कहा- उसके लिए मेरी बात माननी होगी. वह बोली- हां भैया, ठीक है!


मैंने उसको छत पर कमरे में आने के लिए बोला. वह छत पर कमरे में आई तो मैंने कहा- तुम नाइटी पहन लो.


तो बोली- भाई, नाइटी में क्यों? मैंने कहा- जैसा बोल रहा हूं, वैसा ही करो.


वो बोली- ठीक है. और नाइटी पहन कर आ गई।


मैंने उसको कहा- मैं तुम्हारी आंख पर पट्टी बांध रहा हूं और तुम्हें कुछ चीजें छूकर बतानी होंगी।


फिर मैंने अपना औजार उसके हाथ में दिया और बोला- यह क्या है? उसने छुआ तो बोली- मुझे नहीं पता! मैंने कहा- ठीक है, अपना मुंह खोलो!


और मैंने उसका मुंह खोला, उसके मुंह में अपना लंड दे दिया और उसका बाल पकड़कर उसके मुंह को आगे पीछे करने लगा।


मैं उसके बूब्स को दबाने लगा जो संतरे की तरह लग रहे थे.


मैंने उसको पूरी तरह से अपनी बाहों में कस लिया और बेड पर ले गया और मैंने उसकी नाइटी उतार दिया और उसको पूरी तरह से नंगी किया. मैं उसकी गुलाबी चूत के साथ खेलने लगा। शुरू शुरू में उसने मेरा विरोध किया, कुछ देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.


वह बोली- नहीं करो भैया, इसमें दर्द होगा. मेरी सहेली बताती है। मैंने कहा- नहीं पागल बहुत मजा आता है.


मैंने उसको अपनी बांहों में जकड़ा और उसकी चूत पर अपना लंड रखकर जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड फिसल गया.


फिर मैंने थूक लगाया और जोरदार धक्का लगाया. मेरा आधा औजार घुस चुका था और उसकी चूत में से खून निकलने लगा.


वह दर्द से चिल्लाने लगी और रोने लगी।


दो-तीन मिनट के बाद मैंने फिर से धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किया. और अब पूरा लौड़ा उसके अंदर जा रहा था और वह भी खूब सिसकारियां ले रही थी- आह उह ईईई!


काफी देर लगातार बहन की चुदाई के बाद हम दोनों ने पानी छोड़ दिया। फिर वह बोली- भैया, बहुत मजा आ रहा था, अब रोज करेंगे।


अब हम लोग रोज ग्रुप सेक्स करते हैं। रात को और सुबह में और दोपहर में … जब मन करता है तब मैं स्नेहा, पूजा और आरती मिलकर के चुदाई करते हैं।


प्रिय पाठको, आपको मेरी बहन की चुदाई कहानी कैसी लगी? [email protected]


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