मैं चुद गयी में मौसी के लड़के से

धारा शाह

31-05-2023

9,485

इस गुजराती सेक्स कहानी में गुजरात की रहने वाली एक शादीशुदा लड़की अपने मौसेरे भाई से चुद गयी होटल की छत पर खुले आसमान के नीचे. पढ़ कर मजा लें यह सब कैसे हुआ.


दोस्तो, मैं धारा शाह गुजरात के अहमदाबाद से हूँ; उम्मीद करती हूँ कि आप सभी की सेक्स लाइफ बहुत अच्छी चल रही होगी.


आज मैं यहां आप सबके लिए मेरी पहली सेक्स कहानी साझा कर रही हूँ. इस गुजराती सेक्स कहानी में मैंने लिखा है कि मैं किस तरह से एक शादी में चुद गई थी.


मेरा फिगर 34-32-36 का है. मेरे बूब्स और मेरी गांड का शेप देख कर हर कोई मुझे चोदना चाहता है.


मेरे घर में हम तीन ही जन रहते हैं. मैं, मेरे पति और मेरी सासू मां. मेरी शादी को 6 साल हो गए हैं लेकिन हमें जल्दी बच्चा नहीं करना था क्योंकि इस उम्र में हम दोनों पति पत्नी चुदाई का फुल मजा लेना चाहते थे.


मुझे चुदाई बहुत ही ज़्यादा पसंद है तो मैंने भी इसी लिए बच्चा जल्दी नहीं चाहा.


एक बार हमारे दूर के रिश्तेदार के यहां से शादी का निमंत्रण पत्र आया. शादी के समय मेरे पति को ऑफिस के काम से विदेश जाना था.


मेरे पति ने मुझसे कहा- तुम शादी में अकेली चली जाओ. मैंने भी मना नहीं किया.


जब मेरे पति को आउट ऑफ कंट्री जाना था, उसके एक दिन पहले वो बहुत ही मूड में थे. रात में खाना खाने के बाद उन्होंने कहा- चलो आज मस्ती करते हैं. आज से 15 दिन के लिए तो मुझे तुम्हारी चूत नहीं मिलेगी, तो आज की रात मैं तुम्हारी चूत चोद कर तुम्हारी हालत पतली कर दूँगा.


मैं चुदने के लिए जल्दी से मान गई.


मेरे पति ने मेरी नाइटी निकाली और फोरप्ले ना करते हुए सीधा मेरी चूत पर टूट पड़े. उन्होंने अपना साढ़े पाँच इंच का मोटा लंड मेरी चूत में घुसा दिया और ताबड़तोड़ चोदने लगे.


पहले वो मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोद रहे थे. फिर 5 मिनट बाद उन्होंने मुझे कुतिया बना दिया और पीछे से मेरी चूत में लंड पेल कर मुझे चोदने लगे.


मैं भी चुदासी होकर कामुक सिसकारियां ले रही थी ‘आहह उफ्फ़ चोदो मुझे अहह …’


फिर वे लेट गए और में उनके लंड के ऊपर चढ़ गई. मैं अपनी चूत में अपने पति का लंड लेकर गांड उछालने लगी ‘आह मेरे प्यारे पति … बड़ा मज़ा आ रहा है … आह और तेज आह और ज़ोर से चोदो … अहह उहह.’


करीब 8-10 मिनट में मेरे पति झड़ गए.


मुझे लगा कि वो अभी दूसरी बार फिर से चोदेंगे. लेकिन ना जाने क्या हुआ, वे सो गए.


इधर मैं झड़ नहीं पाई थी तो अपनी चूत में उंगली करके सो गई.


दूसरे दिन वे एयरपोर्ट के लिए निकले और मैं शादी में जाने के लिए.


मैं शादी में आ गई. वहां देखा तो उधर बहुत थोड़े से ही ऐसे रिश्तेदार थे जिनको मैं जानती थी.


मैं अपने परिचितों से बातें करने लगी.


तभी वहां पर एक लड़का आया … वह मुझसे बात करने लगा. वह दिखने में एकदम हैंडसम और बॉडीबिल्डर जैसा था.


मैंने एक जाली वाली पारदर्शी ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी, जिसका ब्लाउज काफी गहरे गले का था. उसकी वजह से मेरे बूब्स साफ साफ दिख रहे थे.


वह लड़का बार बार मेरे बूब्स और मेरी गांड को घूर रहा था.


जब जब वो बार बार मेरी चूचियों की तरफ देखता था तो वह मुझे भी अच्छा लग रहा था.


मैं भी अब उसे अपनी चूचियां दिखाने लगी; उसी के सामने झुक कर मैं कोई चीज उठाने की कोशिश करती, जिससे मेरा आंचल ढलक जाता और मेरे गहरे गले से मेरी दूध घाटी साफ साफ नुमाया होने लगती. जिसे वह अपनी नजरें गड़ा कर देखने लगता.


फिर जैसे ही मेरी नजरों से उसकी नजरें मिलतीं, तो वो झेंप जाता और मैं मुस्कुरा देती.


ऐसा चार पाँच बार हुआ.


फिर वह दूर को चला गया और दूर से ही मुझे लाइन मारने लगा.


फिर मैं उसे देखती हुई वॉशरूम यूज करने के लिए गई, तो वह मेरे पीछे आ गया.


जब मैं वाशरूम से बाहर निकली तो वह लड़का मुझे वहीं दरवाज़े के पास मिल गया.


मुझे देखते ही उसने एक अर्थपूर्ण मुस्कान बिखेर दी. तो मैंने भी उसे सेक्सी हवस भरी स्माइल देते हुए अपनी जीभ अपने होंठों पर फिरा दी.


जो हरामी किस्म के लौंडे होते हैं, वे किसी भी लड़की की इस तरह के इशारे को एक बार में ही समझ जाते हैं कि लड़की देने को राजी है.


उसने मेरा इशारा पाते ही मुझे एक होंठों से ही चुम्मी करते हुए चूमने का इशारा किया.


मैं उसके पास आ गई और कहा- तो मिस्टर आपका क्या नाम है? उसने अपना नाम बताया. उसका नाम रवि था.


मैंने भी उसे अपना नाम बताया कि मैं धारा शाह हूँ. उसने चुटकी ली कि तभी मैं धराशायी हो गया.


मैंने हंस कर उसे हाथ से मारने का इशारा किया तो वह अपने कान पकड़ कर माफी मांगने जैसा करने लगा.


उसके बाद हम दोनों ने थोड़ी देर बातें की, बाद में उसने पूछा कि आपका रूम कहां पर है … और आपके साथ आपके पति नहीं दिख रहे हैं. क्या वो कहीं गए हैं? तो मैंने बोला- हां मेरे पति देश से बाहर गए हुए हैं, इसलिए मैं एकदम अकेली हूँ और मेरा रूम सेकंड फ्लोर पर 8 नंबर है, यह आखिरी वाला कमरा है. आना चाहो तो आ जाना, मगर उस कमरे में शायद कुछ और मेहमानों को भी रोका गया है.


तो वो बोला- फिर इतनी डिटेल देने का क्या फायदा कि आखिरी वाला कमरा है. मैं फिर से हंस दी.


फिर मैंने एक पल उसे देखा और उसके सामने अपनी साड़ी के पल्लू को अपने मम्मों से एक बार हटा कर उसे अपने दूध दिखाए और वहां से अपनी गांड मटकाती हुई निकल गई. मैं उधर से पहले पंडाल में आई और समारोह का मजा लेने लगी.


उसी दौरान वो भी आ गया और मुझे बातें करने लगा. वह बात करते हुए मुझे बार बार छूने लगा और उसी के बहाने वह मेरी गांड पर हाथ फेर देता. जिसको मैं भी मजाक में लेते हुए उसके गाल पर चिकोटी काट लेती, तो कभी उसे अपने हाथ से दूर धकेल देती.


फिर उस दिन का कार्यक्रम खत्म हुआ. खाना खाकर मैं अपने रूम में चली गई. वह भी मुझसे अलग हो गया.


मेरे कमरे में मेरे साथ 2 और महिलाएं भी थीं. मैं उनके साथ थोड़ी देर बातें करने लगी. फिर वे दोनों सो गईं.


मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं बाहर निकल गई और होटल की छत पर चली गई. वहां जाकर देखा तो रवि वहीं पर अपने फ्रेंड के साथ था.


वह मुझे देख कर तुरंत मेरे पास आ गया और मुझसे बातें करने लगा. उसका मित्र चला गया.


रवि- आप बुरा ना मानें तो एक बात बोल सकता हूँ? मैं- हां बोलो, उसमें बुरा क्या लगना?


रवि- आप बहुत ही सुंदर हो, आपका पति नसीब वाले हैं कि उनको आप जैसी बीवी मिली. मैं एक सेक्सी स्माइल के साथ बोली- हां वो तो है. हर कोई मेरी तारीफ में यही बोलता है.


रवि- आपको नींद नहीं आ रही तो हम दोनों एक काम कर सकते हैं. मैं- क्या काम?


रवि- क्या मैं आपसे फ्लर्ट कर सकता हूँ? मैं- अच्छा बस फ़्लर्ट … और कुछ तो नहीं ना?


रवि- अरे नहीं नहीं, सिर्फ़ फ्लर्ट ही. मैं- अच्छा पहले ये बताओ कि कोई गर्लफ्रेंड है कि नहीं?


रवि- जब कॉलेज में था, तब थी. पर अभी नहीं है. मैं- तो फिर हाथ से ही काम चलाना पड़ता होगा. ये कह कर मैं हंस दी.


रवि- क्या मतलब … आं हां … आप सही समझी … हाथ से ही काम चलना पड़ता है. फिर आपके जैसी कोई मिल भी नहीं रही है? मैं- मिल तो रही होगी लेकिन तुम ट्राई नहीं करते होगे!


रवि- हां लगता है कि अब तो ट्राई करनी ही पड़ेगी. मैं- हां तो ट्राई करो ना … कौन मना कर रहा है!


रवि समझ गया कि मैं उससे चुदवाना चाहती हूँ और मेरे मन में भी लड्डू फूट रहे थे कि आज रात कोई मुझे जम कर चोद दे और मेरी चूत में कल रात का जमा पानी बाहर निकाल दे.


रवि- तो फिर किसी और पर क्यों ट्राई करना … जब आप भी यहीं हो, तो शुरूआत आपसे ही क्यों ना की जाए? मैं- अच्छा बच्चू, मैं ही लाइन मारना सिखा रही हूँ और तुम मुझ पर ही चान्स मार रहे हो!


रवि- हां, जब आप मौका दे ही रही हैं ना … तो फिर क्या दिक्कत है? मैं- हम्म … समझदार को इशारा ही काफ़ी है.


फिर रवि मेरे करीब आया और मुझे कमर से खींच कर मुझे किस करने लगा. मैं भी उसको बिना रोके किस करने में साथ दे रही थी. मुझे भी मज़ा आ रहा था और मैं भी चुदना चाहती थी.


फिर उसने मेरी कमर से हाथ हटा कर मेरे मम्मों पर रख दिया और मेरे भरे हुए दूध मसलने लगा.


मैं- आह रवि … आराम से दबाओ यार … आज की रात मैं तुम्हारे पास ही हूँ. रवि- अरे मेरी धारा, एक साल से किसी को चोदा नहीं है. आज तो फाड़ दूँगा मैं तेरी मचलती चूत को!


मैंने चूत शब्द सुना तो मैं भी खुल गई- हां ठीक है फाड़ देना आज मेरी चूत … मैं भी तुझसे चुदवाना ही चाहती हूँ. रवि- हां तो फिर आज तेरी ऐसी चुदाई करूँगा कि तू अपने पति का लंड भूल जाएगी और अब से सिर्फ़ मेरा लंड मांगेगी.


फिर रवि ने मेरी नाइटी निकाल दी और बूब्स को मुँह में लेकर काटने लगा. मुझे दर्द होने लगा और मैं सिर्फ़ आह ऑह रवि यस आह ही किए जा रही थी.


इस फोरप्ले में मुझे काफी मज़ा आ रहा था.


फिर रवि ने मुझे घुटनों पर बैठा दिया और अपना पैंट खोल कर लंड मेरे मुँह के सामने रख दिया.


मैं उसका हब्शियों जैसा लंड देख कर हैरान रह गई और घबराती हुई बोली- रवि साले, ये तेरा लंड तो मेरी जान ही निकाल देगा. ये तो कम से कम 7 इंच का लंड है! रवि- हां साली रांड … ये लंड तेरी भोसड़ी फाड़ कर रख देगा. अब चुपचाप मुँह में ले ले इसे … और चूस लवड़ी.


मैं मंत्र मुग्ध सी उसके लौड़े को सहलाती हुई बोली- ये लंड तो लेना ही पड़ेगा, इससे पहले मैंने कभी इतना बड़ा लंड नहीं लिया है.


ये कह कर मैंने उसका लंड अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी. रवि अपनी आंखें बंद करके मेरा मुँह चोदने के मज़े ले रहा था.


फिर उसने मेरा सिर पकड़ कर अपना लंड और भी अन्दर मेरे मुँह में पेल दिया. वो आधे से अधिक लंड अन्दर तक दबा रहा था, मेरे गले तक लंड आ रहा था.


रवि- आहह साली … बहुत ही अच्छे से लंड चूस रही है तू तो … साली रांड पक्की छिनाल है तू … आह भैन की लवड़ी. मैं- साले मैं अपने पति का रोजाना चूसती हूँ, इसी लिए मुझे लंड चूसने की आदत भी है और मुझे लंड चूसना पसंद भी है.


रवि मेरे दूध मसलता हुआ बोला- आह बड़ी वाली चुसक्कड़ है तू धारा … साली छिनाल … आह भैन की लौड़ी तुझे तो मस्त कुतिया बना कर चोदने में मजा आएगा. तेरे चूचे भी बड़े रसीले हैं डार्लिंग.


मैं- हां मेरे राजा, मुझे रोज चुदवाना बहुत ही ज्यादा पसंद है. अब बस तू बकरचोदी बंद कर भोसड़ी के … और जल्दी से मेरी चूत को ठंडी कर दे जालिम रवि.


अब रवि ने मुझे खड़ी किया और पीछे को घुमा दिया. उसने पीछे से ही अपना लंड मेरी चूत में सैट किया और एक तगड़ा झटका लगा दिया.


उसके एक ही झटके में आधे से ज़्यादा लंड मेरी चूत में घुस गया और मेरी छूट फाड़ डाली.


मैं- अहह रवि … ईईई साले फाड़ डाली तूने मेरी चूत … आह जल्दी से बाहर निकाल इसे बहन के लौड़े … आह फट गई मेरी. रवि मेरे दोनों दूध पकड़ कर लंड पेलता हुआ बोला- साली छिनाल, तू चुदवाना चाहती थी ना … अब झेल मेरे लंड को मादरचोदी … ले लौड़ा खा रांड.


इतना बोल कर रवि ने दूसरे ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. दर्द की वजह से मेरी आंखों में आंसू आ गए.


वो रुक गया और थोड़ी देर के बाद उसने धीरे धीरे मेरी चुदाई चालू की.


अब मैं भी बड़े लौड़े का दर्द भूल कर मज़े लेने लगी.


मैं- आह यस रवि … प्लीज फक मी हार्ड. रवि- क्यों साली रंडी, अब मुझसे चुदवा कर मज़ा आ रहा है ना!


मैं- हां साले भड़वे … खूब मज़ा आ रहा है … चोद हरामी … मुझे जैसे चाहे चोद ले … आज रात मैं तेरी रंडी हूँ. रवि- आह हां ले ना साली … तेरी बहन की चूत रंडी.


मैं- अहह ऑश यस मादरचोद … आह अपनी इस रंडी को चोद चोद कर चूत का भोसड़ा बना दे. रवि- हां कुतिया … आज तो तुझे इतना चोदूंगा कि कल तू सही से चल भी नहीं पाएगी.


रवि ने अब पोजीशन बदली. उसने छत पर हम दोनों के कपड़े नीचे बिछा दिए और उस पर लेट गया. मुझे उसने अपने ऊपर चढ़ने को बोला.


रंडी की तरह मैं उसके खड़े लंड पर चढ़ गई और पूरा लंड अपनी चूत में समा लिया.


मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी. मेरे नंगे दूध उसके सामने फुदक रहे थे जिसे वो पकड़ पकड़ कर गुब्बारे के जैसे दबा रहा था.


मैं- भड़वे साले पहले नहीं मिल सकता था मुझे … आह मादरचोद तेरे लौड़े में तू जादू है भोसड़ी के … क्या मस्त अन्दर तक जा रहा है. रवि- पहले नहीं, तो अभी से ही सही मेरी छिनरो.


मैं- अब तो मुझे तेरे लंड से रोज़ चुदवाना है. रवि- हां मेरी रंडी, मेरा लंड तेरी चूत के लिए ही बना है.


मैं- आह अभी धकापेल चोद मुझे … आह अपनी रंडी को चोद साले भड़वे भैन के लौड़े. रवि- बहुत बक बक कर रही है मादरचोद साली … ये ले मेरा बमपिलाट शॉट.


बस यही बोल कर रवि ने नीचे से अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो मुझे ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा.


थोड़ी देर ऐसे ही चोद कर उसने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से लंड डाल दिया.


रवि- आ जा साली रंडी की औलाद … चुद जा मेरे लौड़े से! मैं- हां साले भड़वे, अपनी बहन को जैसे रंडी की तरह चोदता है, वैसे ही मुझे भी चोद दे.


रवि- ये ले रंडी साली … क्या मखमली गांड है तेरी अहह. मैं- अहह रवि और ज़ोर से चोद कमीने मुझ रंडी की चूत फाड़ दे.


रवि ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गई.


भले ही रवि ने मेरी हालत पतली कर दी थी लेकिन अभी भी उसका झड़ना बाकी था. तो उसने मुझे सीधी लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया.


उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और गाली देकर चोदने लगा- ले मादरचोदी ले कमीनी साली कुतिया छिनाल लंड खा भोसड़ी की.


करीब दस मिनट के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ने को हुआ. मगर उसी वक्त मैंने उसे रोका तो उसने अपना गर्म माल मेरे मुँह में छोड़ दिया.


उसी के साथ मैं भी फिर से एक बार झड़ गई थी. थोड़ी देर के बाद फिर से रवि ने दूसरे राउन्ड के लिए कहा.


मैं भी तैयार हो गई.


उसका लंड मुँह में लेकर मैंने खड़ा किया और फिर से 25 मिनट तक चुद गई. उस राउन्ड में मैं 3 बार झड़ गई थी.


गुजराती सेक्स के बाद मेरी हालत बहुत ही खराब हो गई थी.


फिर दूसरी रात को भी हम दोनों ने एक अलग से रूम ले लिया और पूरी रात चुदाई करते रहे.


दो ही रात में मेरी चूत कचौड़ी सी सूज गई थी. इतनी बार झड़ चुकी थी मैं … कि चूत ने रस टपकाना बंद कर दिया था.


बाद में मुझे पता चला कि रवि मेरी दूर की मौसी का बेटा है.


फिर जब भी मुझे मौका मिलता था, तब रवि को मैं किसी होटल में बुला कर उससे चुदवा लेती थी.


तो यह थी मेरी पहली सच्ची गुजराती सेक्स कहानी. उम्मीद है कि आप सबको मज़ा आया होगा. प्लीज कमेंट से बताएं कि मैं आपको चुदती हुई कैसी लगी? बताना न भूलें. [email protected]


Family Sex Stories

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ