बुआ की देसी बुर चोदने का मजा

शिवाय सिंह

17-03-2024

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बुआ की देसी बुर चुदाई का मजा मुझे मेरी दूर की बुआ ने दिया. उनसे मेरी दोस्ती जैसी थी क्योंकि वे मुझसे कुछ ही बड़ी थी उम्र में! एक रात मैं उनके घर सोया.


दोस्तो, मैं शिवाय सिंह. यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है.


मैं हिन्दी सेक्स कहानियों की मस्त साइट अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी का नियमित पाठक हूँ. मैं काफी समय से सेक्स कहानियां पढ़ता आ रहा हूँ.


यह कहानी मेरी और दूर के रिश्ते में बुआ की देसी बुर चुदाई की है.


आगे बढ़ने से पहले मैं आप सभी को अपने बारे में बता देता हूँ. मेरी उम्र 21 साल है और मैं राजस्थान से हूँ.


मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच है और जिम जाने की वजह से मेरी बॉडी ठीक-ठाक है. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है. मैं एक हट्टा-कट्टा नौजवान हूँ, लड़कियां मेरी ओर जल्दी ही आकर्षित हो जाती हैं.


अब बुआ के बारे में भी बता देता हूँ. मेरी बुआ का नाम रश्मि है. वे मेरे पापा की दूर की चचेरी बहन है.


रश्मि बुआ दो बहनें हैं. उनके घर में उनके मम्मी पापा और वे दोनों बहनें ही रहती हैं. पता नहीं किसी कारण से उनकी शादी नहीं हो पा रही थी.


जिन बुआ की कहानी में आपको सुनाने जा रहा हूँ, वे मेरी छोटी बुआ हैं. रश्मि बुआ एक बहुत ही खूबसूरत से जिस्म की मालकिन हैं.


उनकी उम्र 24 साल है, पर वे दिखने में बहुत कम उम्र की लगती हैं. उनकी हाइट 5 फुट 1 इंच है और उनका फिगर 32-28-34 का है. रश्मि बुआ दिखने में बहुत ही सेक्सी माल हैं.


मेरी बुआ और मेरी उम्र में ज़्यादा फ़र्क नहीं होने की वजह से हमारे बीच में अच्छी बनती थी और हम दोनों खुल कर हंसी मज़ाक कर लिया करते थे. हंसी मज़ाक में कई बार मैं उनके बूब्स भी टच कर लिया करता था जिसका वे कोई विरोध नहीं करती थीं.


हंसी मज़ाक में वे भी मुझे सीने पर या जांघ पर टच कर लिया करती थीं.


कई बार बुआ मेरे साथ मेरी बाइक पर ही बैठ कर मार्केट भी जाती थीं. वे बाइक पर कुछ इस तरह से बैठा करती थीं कि उनके बूब्स मेरी पीठ से टच हो जाते थे.


ये मुझे भी अच्छा लगता था. जब मैं उनकी तरफ मुड़ कर देखता, तो वे एक नॉटी सी स्माइल कर देतीं. ऐसे ही धीरे धीरे समय निकलता गया.


फिर एक दिन बुआ घर पर अकेली थीं. उनके मम्मी पापा को एक शादी में जाना था, तो वे दोनों तीन दिनों के लिए शादी में चले गए.


वे लोग दोनों बुआ को घर पर छोड़ कर मुझे बुलाने का बोल कर चले गए.


मेरा घर बुआ के घर से पांच किलोमीटर की दूरी पर ही है. बुआ ने मुझे कॉल किया- शिवाय, मम्मी पापा शादी में गए हैं तो तू हमारे पास आकर रुक जाएगा ना!


मैंने हां कहा और शाम को 4 बजे अपनी बाइक लेकर तुरंत आ गया. मुझे चूंकि बुआ का साथ काफी अच्छा लगता था, तो मुझे खुशी ही हुई.


मेरे घर आने के बाद बुआ भी मुझे देखते ही खुश हो गईं. उन्होंने मुझे घर के अन्दर बुलाया और पानी पिलाया.


थोड़ी देर तक हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.


रश्मि बुआ से बड़ी बुआ भी मुझसे खुल कर मज़ाक करती हैं. तो वे भी आ गईं और हम तीनों साथ में ही सामान्य हंसी मज़ाक करने लगे.


फिर टीवी देखने लगे. टीवी देखते देखते रात के 8 बज गए.


दोनों बुआ खाना बनाने चली गईं. हम सभी ने साथ में ही खाना खाया और सोने लगे.


मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं टीवी देख रहा था, बुआ टीवी देखती देखती सो गई थीं. रात के 12 बज गए थे.


बुआ बाथरूम जाने के लिए उठीं तो मुझे जगा हुआ देख कर पूछने लगीं- तू अभी तक जाग रहा है! तो मैंने बोल दिया कि नींद नहीं आ रही है.


वे बाथरूम जाने लगीं तो उधर अंधेरा था. उनके घर के बाहर रात के समय सारी लाइट बंद कर देते हैं, जिससे सब जगह अंधेरा रहता है.


बुआ गईं, तो उसी समय एक बिल्ली के छलांग लगा कर भागने से बुआ बहुत तेज डर गईं और चिल्ला पड़ीं. उनकी चीख सुन कर मैं भी डर गया और एकदम से भागता हुआ गया.


मैंने उनके पास जाकर पूछा कि क्या हुआ? बुआ बोलीं- एकदम से बिल्ली मेरे पैर के ऊपर से भागी तो मैं डर गई.


वे इतनी तेज डर गई थीं कि भूल ही गईं कि वे कहां जा रही थीं. फिर मैंने कहा- अब तो बिल्ली चली गई. आप अन्दर जाकर आ जाओ!


मगर वे नहीं गईं. बुआ बोलीं- मुझे डर लग रहा है. वे वापस रूम में जाने लगीं, तो मैंने कहा- अरे आप डर क्यों रही हो. मैं हूँ ना … आप जाकर आ जाओ.


फिर बुआ बोलीं कि तू भी चल मेरे साथ! मैं बुआ के साथ में चला गया. बुआ डर की वजह से दरवाजे की कुण्डी लगाए बिना ही बाथरूम करने लगीं, जिससे मुझे अन्दर का थोड़ा बहुत नज़ारा दिख गया.


फिर वे जल्दी से बाहर आईं और मुझे पकड़ कर कमरे में लेकर आ गईं. अब जब वे सोने लगीं, तो मुझे पकड़ कर ही सो रही थीं. उनके बूब्स मेरे बदन से टच हो रहे थे. उनके बूब्स टच होने की वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया.


मैंने धीरे से नज़र चुरा कर अड्जस्ट कर दिया, लेकिन बुआ ने मेरा हाथ इतना टाइट पकड़ रखा था कि उनके बूब्स मुझे कुछ ज्यादा ही टच हो रहे थे. मेरा लंड खड़ा होने की वजह से मैंने उनका हाथ छुड़ाने की कोशिश की, तो वे हाथ छुड़वाने से मना करने लगीं.


फिर भी मैंने हाथ छुड़वा कर और उनको अपने से चिपका कर सुला लिया. मुझे तो पहले से ही नींद नहीं आ रही थी. अब बुआ की नींद भी डर के वजह से उड़ गई.


मैंने बुआ का डर भागने के लिए ऐसे ही इधर उधर की बातें करना शुरू कर दीं, ताकि बुआ का ध्यान बंट जाए और वे सहज हो जाएं. इसी तरह से बातचीत के साथ साथ मैंने एक दो बार उनका गाल भी पकड़ कर खींच दिया.


कुछ देर के बाद उनका एक हाथ भी मेरे सीने पर चलने लगा. उनके हाथ फेरने से मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. फिर धीरे से मैंने बुआ के गाल को सहलाया और उनकी गर्दन को भी.


ऐसे करते करते हम दोनों को कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला.


उसके अगले दिन जब हम दोनों सुबह उठे, तो बुआ सामान्य थीं. हम सबने चाय नाश्ता किया और बुआ घर के कामों में लग गईं.


मैं टाइम पास के लिए बाहर घूमने चला गया. मैं बाहर से घूम कर वापस आया, तब तक बुआ के सभी काम खत्म हो चुके थे और खाना भी बन गया था. बुआ ने मुझसे कहा कि खाना खा लो. मैं नहाने जा रही हूँ.


मैंने कहा- आप आ जाओ, फिर साथ ही खा लेंगे. बुआ दस मिनट की बोल कर चली गईं. जब तक मैं और बड़ी बुआ टीवी देखने लगे थे.


दस मिनट बाद रश्मि बुआ आ गईं … फिर हम सबने साथ में खाना खाया और साथ में ही टीवी देखने लगे. थोड़ी देर टीवी देखने के बाद किसी को भी टीवी देखने में मज़ा नहीं आ रहा था, तो टीवी बंद करके हम तीनों मस्ती करने लगे.


हम सभी ने काफी देर तक मस्ती की. फिर जब शाम की चाय का समय हो गया, तो बुआ ने चाय बनाई और दोनों बुआ फिर से घर के कामों में लग गईं.


मैं बाहर टहलने चला गया. वापस आया, तब तक खाना बन गया था. हम तीनों ने खाना खाया और बैठ कर काफी देर तक बातें करते रहे.


बातें करने के बाद सब सोने जा रहे थे, तो बुआ को कल की बात याद आ गई. बुआ अचानक से फिर से डर गईं और मैं फिर से उन्हें बाथरूम करवाने ले गया.


वे रूम में आने के बाद डर की वजह से मेरे सीने से चिपक गईं. मैंने महसूस किया कि वे आज तो कल से भी ज़्यादा चिपकी हुई थीं. मैंने उनसे बात करते करते उनके बालों को सहलाना चालू कर दिया.


मैं धीरे धीरे उनके गाल सहलाता हुआ उनके मम्मों पर आ गया और उनके एक दूध को दबाने लगा. जब उन्होंने कुछ भी नहीं कहा, तो मैं बेखौफ उनके दूध की नोक को अपनी दो उंगलियों से पकड़ कर मींजने लगा.


अब यह एकदम से चुदाई वाली हरकत जैसी हो गई थी. इससे बुआ गर्म हो गई थीं. उन्होंने मुझे मेरे होंठों पर किस कर लिया.


बुआ के किस करते ही मैंने अपना हाथ बुआ के टॉप के अन्दर डाल दिया और उनके उनके पेट के ऊपर घुमाना चालू कर दिया. इससे उनको एक करेंट सा लगने लगा और वे मेरे साथ सेक्सी हरकतें करने लगीं.


मैंने भी धीरे धीरे बुआ के बदन को सहलाते हुए उनकी चूत पर अपना हाथ पहुंचा दिया. जैसे ही मैंने उनकी देसी बुर को टच किया, तो बुआ की चूत एकदम भीगी पड़ी थी. उनकी चूत कामरस से गीली हो गई थी. इस बीच बुआ मेरे सीने पर हाथ घुमा रही थीं और मेरे होंठों को लगातार किस कर रही थीं.


मैंने गीली चूत देख कर उनके पजामे में हाथ डाल दिया. अन्दर हाथ डालते ही बुआ को कुछ अजीब सा महसूस हुआ और उन्होंने किस करना बंद करके अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया. वे अब अपनी आंखें बंद करके मेरे हाथ से चूत रगड़वाने का मज़ा लेने लगीं.


थोड़ी देर तक मैंने बुआ की चूत को सहलाया और उनका पजामा उतार दिया. बुआ अब पैंटी में हो गईं.


मैंने अब देर न करते हुए बुआ का टॉप भी उतार दिया. मेरी रश्मि बुआ अब बस ब्रा और पैंटी में रह गई थीं. मैं बुआ को चूमने लगा और उनके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.


बुआ भी चुदासी होकर मस्ती करने लगीं. उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया. लंड पर उनके हाथ को महसूस करके मैंने अपने सारे कपड़े एक ही बार में पूरे उतार दिए और नंगा हो गया. अब मैंने बुआ की ब्रा और पैंटी भी उतार दी.


मैंने अपना सात इंच का मोटा लंड रश्मि बुआ के हाथ में पकड़ा दिया. बुआ लंड हिलाने लगीं.


मैंने बुआ से लौड़े को मुँह में लेने को बोला, तो बुआ मना करने लगीं. तो मैंने भी ज़ोर नहीं दिया.


अब मैंने बुआ की चूत में लंड पेलने के लिए कहा. तो बुआ डर कर मना करने लगीं- नहीं, वह सब नहीं … तुमको ऊपर ऊपर से जो कुछ भी करना है, वह सब कर लो, पर अपने लंड को मेरी चूत के अन्दर मत डालना. तेरा बहुत मोटा है, मेरी चूत फट जाएगी.


मैंने बुआ को समझाया कि मैं धीरे धीरे करूंगा … और अगर आपको दर्द हुआ तो नहीं करूंगा. बुआ मान गईं.


अब मैंने बुआ को थोड़ा और गर्म किया; बुआ के दूध चूसे और उन्हें किस किया. इसी के साथ में उनकी देसी बुर में उंगली भी घुमाई.


अब बुआ से कंट्रोल नहीं हो रहा था तो उन्होंने कहा- शिवाय, बहुत अजीब सा लग रहा है. मुझे पता नहीं क्या हो रहा है. मैं समझ गया कि अब बुआ पूरी तरह से गर्म हो गई हैं.


मैंने बुआ को चित लिटाया और उनकी चूत पर अपना लंड रख कर धीरे से थोड़ा सा अन्दर की ओर दबाया. बुआ मना करने लगीं.


मैंने कहा- एक बार ट्राई तो करने दो! मगर बुआ मना करने लगी थीं. चूत पर लंड को रखने के बाद रुक पाना बाद कठिन काम होता है.


यह तो ठीक वैसा ही हुआ कि शेर के मुँह में खरगोश दबा हो … और शेर उसे न खाए. मैं अब कैसे रुक सकता था.


मैंने जैसे तैसे बुआ को बातों में लगाया और एक करारा झटका दे मारा. मेरे लंड का टोपा बुआ की देसी बुर में चला गया.


बुआ मना करने लगीं- आह नहीं … मत करो … बहुत दर्द हो रहा है. नहीं नहीं!


मैंने बुआ की चूचियों को मुँह में लेकर चाटा और हाथ से थोड़ा मसला. उनको दर्द से आराम दिलाया, उनको सेक्सी बातों में लगा कर एक झटका और लगा दिया.


इस बार काफी सारा लंड अन्दर चला गया था. बुआ रोने लगीं. उनकी आंखों से आंसू और चूत में से खून निकलना शुरू हो गए थे.


मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा. जब मुझे लगा कि बुआ का दर्द कम हो गया है, तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया.


अब कुछ झटकों के बाद बुआ भी मेरा साथ देने लगीं और बोलने लगीं- हां अब अच्छा लग रहा है … आह करो और तेज तेज करो. मैं मस्ती में बुआ की देसी बुर चुदाई करने लगा. उनकी चूत में धक्के लगाते लगाते मैंने उन्हें चूमा तो वे भी मेरे मुँह में जीभ देकर चूसने लगीं.


मैंने मुँह हटा कर उनसे पोजीशन चेंज करने को बोला तो उन्होंने हां कर दी. अब मैंने बुआ को घोड़ी बना दिया और पीछे से उनकी चूत में लंड पेल दिया.


पहली बार किसी ने उनकी चूत में पीछे से लंड पेला था तो उनको दर्द के साथ साथ मीठा मज़ा भी आ रहा था. कुछ ही देर में बुआ झड़ गईं.


मैं अभी बाकी था तो बुआ की चूचियों को पकड़ कर उनके ऊपर चढ़ा रहा और उनकी चूत में धक्के देता रहा. कुछ ही देर में बुआ पुनः गर्म हो गईं और मस्ती भरी आवाजों से मुझे उत्तेजित करने लगीं.


काफी देर की धकापेल चुदाई के बाद मेरा भी पानी निकालने वाला था. मैंने बुआ से पूछा- कहां निकालूँ?


बुआ ने अपने मम्मों पर वीर्य निकलवाया. उन्हें चुदाई करवाने में इतना मज़ा आया कि चुदाई के बाद बुआ ने खुद ही मेरा लंड मुँह में ले लिया और उसे चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.


मैंने बुआ के साथ फिर से चुदाई शुरू कर दी. इस बार बुआ ने मेरे लौड़े की सवारी की और मुझे अपने उछलते हुए मम्मों का सुख दिया.


दोस्तो, बुआ के साथ चुदाई का ये सिलसिला अभी भी इसी तरह से जारी है. मुझे जब भी मौका मिलता है मैं रश्मि बुआ को चोद देता हूँ. अब तो बुआ मुझसे खूब खुल कर चुदाई करवाती हैं.


मेरी और मेरी बुआ की देसी बुर चुदाई की सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज मुझे जरूर बताएं. [email protected]


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