विधवा चाची के साथ पहली गर्म चुदाई

आकाश सिंह

02-12-2023

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देसी चाची न्यूड देख कर मेरे मन में वासना जाग उठी। उधर चाची की चूत भी प्यासी थी। एक रात हम दोनों के बीच में सेक्स की आग लग गई, कैसे? स्टोरी में पढ़ें।


दोस्तो, मेरा नाम आकाश सिंह है। मेरी उम्र 21 साल है। मैं एक फार्मासिस्ट हूं और अंतर्वासना का बहुत बड़ा फैन हूं।


यह मेरी पहली स्टोरी है और सच्ची कहानी है। कहानी मेरे और मेरी विधवा चाची के बीच की है।


मेरे दो चाचा थे- एक बड़े और एक छोटे। बड़े चाचा अब इस दुनिया में नहीं हैं।


यह देसी चाची न्यूड सेक्स कहानी मेरी बड़ी चाची के बारे में है।


मेरे मन में मेरी चाची के प्रति कभी ऐसे विचार नहीं थे लेकिन एक दिन हम दोनों के बीच में सेक्स की आग लग गई।


मेरी चाची की उम्र 34-35 वर्ष है। उनका साइज 36-30-38 है। उनकी शादी 21 साल में हुई थी, चाचा एक किसान थे।


चाचा का निधन शराब पीने की वजह से हुआ था।


जब चाचा की मृत्यु हुई, चाची की उम्र 24 साल थी, तब से वे विधवा के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं। सभी ने उनकी दूसरी शादी के लिए उनसे कहा लेकिन अपने एक बच्चे की वजह से और समाज की वजह से उन्होंने दूसरी शादी नहीं की।


इसके बाद से वो हमारे साथ परिवार में रहने लगीं और पूरे दिन घर के कामों में लगी रहतीं। चाची के लिए मेरे मन में अभी तक सेक्स जैसे विचार नहीं आए थे। वे भी अपने जीवन में व्यस्त थीं।


उनका बेटा भी 11 साल का हो गया था। मेरा और चाची का कमरा छत पर अगल-बगल में है। आपको तो पता होगा कि गांव के घर मिट्टी और पत्थर के बने होते हैं, ऐसा ही हमारा घर था।


इतने सालों में चाची मुझसे घुल मिल गई थीं। उनका कोई भी काम होता तो वे मुझसे ही कहती थीं।


जब मैं अपने मेडिकल स्टोर से वापस आता तो रात में अक्सर वही मेरा खाना परोसतीं थीं।


वे मेरा काफी ख्याल रखती थी।


जनवरी का महीना था, सर्दी बहुत थी। जाड़े में भी वे सुबह 5 बजे नहा लेती थी।


मेरे मन में उनके प्रति ऐसा कुछ नहीं था लेकिन एक सुबह जब वो नहा रही थी तब मैंने उनकी नंगी पीठ से देख ली। मैं छत पर से उन्हें देख रहा था और वे नीचे बाथरूम में नहा रही थी।


चाची की गोरी गोरी नंगी पीठ देखकर मेरे मन में वासना उठने लगी। मन कर रहा था कि काश चाची की चूचियां भी दिख जाएं। लेकिन उस वक्त मैं नहीं देख पाया।


उस दिन के बाद अब मैं रोज उन्हें छिपकर देखने लगा।


एक दिन उन्होंने मुझे देख लिया कि मैं उन्हें देख रहा हूं लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मैं उनके प्रति आकर्षित हो गया था। उनकी बड़ी बड़ी चूचियां देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो जाता था।


चाची की कमर बहुत ही पतली और सेक्सी शेप में थी। उनकी पीठ एकदम गोरी थी, बाल लंबे और घुंघराले थे।


वे साड़ी पहनती थी और एकदम से कयामत लगती थीं।


जब उनके बाल खुले होते थे तो चाची बहुत सेक्सी लगती थी। अब मैं चाची को चोदने की फिराक में था।


फिर हमारे परिवार में किसी की शादी थी, सभी को जाना था।


सभी लोग शादी के दस दिन पहले वहां चले गए थे। चाची का बेटा भी सब के साथ चला गया था। पूरा घर खाली था, बस मैं और चाची बचे थे।


चाची विधवा थी इसलिए वे शादियों में नहीं जाती थी और मैं मेडिकल स्टोर की वजह से नहीं गया।


जब रात को मैं घर वापस आया, चाची ने खाने में अंडे बनाए थे। हमने साथ में ही खाना खाया।


खाने के बाद हम सोने चले गए। मैं अपने कमरे में था, रात के ग्यारह बजे चाची ने मेरे गेट की कुंडी बजाई।


मैंने उनसे पूछा क्या हुया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अकेले नींद नहीं आ रही है। वे कहने लगी कि मैं उनके साथ उनके कमरे में सो जाऊं। तो मैं उनके साथ उनके कमरे में सोने चला गया।


सर्दी बहुत थी, मैं और चाची उनके बेड पर सो रहे थे। एक रजाई उन्होंने ले ली और एक मैंने!


मेरी आदत है कि मैं सिर्फ अंडरवियर पहनकर सोता हूं। पर चाची साड़ी पहन कर सो रही थी।


चाची बगल में लेटी थी, मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरा मन बार बार सेक्स की तरफ भाग रहा था। चाची की चूत के ख्यालों में मेरा लंड खड़ा हो रहा था।


कुछ ही पल में लंड तन गया था। मैंने लंड को हाथ से सहलाना शुरू कर दिया।


अब ऐसे में मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था।


फिर मैंने हिम्मत करके अपना एक पैर चाची की रजाई में डाल दिया। मुझे नहीं पता था कि वे जाग रही है या सो रही हैं लेकिन इस वक्त मेरे ऊपर वासना हावी हो चुकी थी।


अब मैं धीरे से उनकी रजाई में ही सरक गया। कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने उनकी कमर पर हाथ रख दिया और फिर धीरे से हाथ को फिराने लगा। पहली बार चाची की कमर का अहसास मुझे मिला था।


मैं धीरे से होंठों को उनकी गर्दन के पास ले गया। फिर मैंने गर्दन को होंठों से हल्के हल्के चूमना शुरू कर दिया। अब तक चाची ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।


उधर मेरे अंदर की हवस बढ़ती जा रही थी। मैं चाची को चूम रहा था और उनके बदन की खुशबू मुझे पागल कर रही थी। फिर शायद उनकी नींद खुल गई और चाची ने मेरे हाथ को कमर से हटा दिया।


अब मैं थोड़ा डर गया और मुझे थोड़ा मलाल भी हुआ कि मैंने चाची के साथ ये गलत किया। फिर मैं चुपचाप लेट गया; मैंने कोई हरकत नहीं की।


अगली सुबह मैं उठा तो वे नहा कर साड़ी पहन रही थी। न वे कुछ बोली और न मैं।


मैं नाश्ता करके अपने मेडिकल स्टोर चला गया।


पूरे दिन उनके विचार आते रहे।


रात को जब मैं वापस आया तो वे बिल्कुल नॉर्मल थी। फिर हम खाना खाकर सोने चले गए।


मैं अंडरवियर में था। लेटने के बाद फिर से चाची के साथ चुदाई के ख्यालों ने मुझे घेर लिया। मेरा लंड तन गया।


मैंने सोच लिया था कि आज रात तो चाची को चोद दूंगा। सर्दी भी बहुत थी।


बारिश भी हो रही थी और बगल में सेक्सी चाची थी।


रात के दो बजे थे। मैंने चाची की कमर पर हाथ रखा। इस बार उन्होंने मेरा हाथ नहीं हटाया।


फिर मैंने उनकी गर्दन पर एक किस किया। उन्होंने अब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वे सोने का नाटक कर रहीं थीं।


अब मैं उनसे चिपक गया, एक हाथ से मैं उनका ब्लाउज खोलने लगा।


मैंने 4 हुक खोल दिए थे और ब्लाउज कंधे से नीचे उतार दिया था। लेकिन पाचवां हुक नहीं खुल रहा था।


अब वे जाग गई थी और उन्होंने हुक खुद खोल दिया और अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया। वे कुछ बोल नहीं रही थी बस मुझे हवस भरी आंखों से देख रही थी।


वे दस सालों से चोदी नहीं गई थी।


अब मैंने उनके होंठों पर होंठ रख दिए और चूमने लगा। चाची ने कुछ देर तो होंठ नहीं खोले लेकिन फिर मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया।


अब मैंने जल्दी से चाची को नंगी करना शुरू कर दिया। उनकी चूचियां भींच भींचकर मैंने ब्लाउज उतारा। फिर साड़ी खोली और चूत सहला सहलाकर उनका पेटीकोट भी उतार दिया।


चाची को मैंने पूरी नंगी कर दिया था।


अब हम दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे थे। दोनों के हाथ एक दूसरे के जिस्मों को सहला रहे थे।


मैं न्यूड चाची की चूचियां पीने लगा। वे धीरे धीरे सिसकार भरने लगी- आह्ह … अम्म … स्स … आह!


मैं जोर जोर से देसी चाची की चूचियों को साथ साथ दबा भी रहा था।


चाची अब गर्म होने लगी थी। उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया था जो पहले से ही तना हुआ था। चाची ने मेरे अंडरवियर के ऊपर से लंड को सहलाना शुरू कर दिया।


मुझसे रुका न गया और मैंने अंडरवियर नीचे सरका कर उनके हाथ में लंड को पकड़ा दिया।


चाची लंड को पकड़ कर मुठ मारने लगी।


मेरा हाथ चाची की चूत पर चला गया और चूत को जोर जोर से सहलाने लगा।


चाची मचल उठी। वे अब जोर से आहें भरने लगी- स्स्स … आह्ह … अम्म … स्स्स। हम दोनों के जिस्मों से अब जैसे भाप निकलने लगी थी।


सेक्स की गर्मी काफी बढ़ गई थी। अब मुझसे रुका न जा रहा था।


मैंने चाची को नीचे की ओर दबा दिया और एकदम से उनके मुंह में अपना लन्ड डाल दिया।


चाची भी पागलों की तरह मेरा लन्ड चूसने लगी। मैं तो अब स्वर्ग की सैर करने लगा।


उधर चूत की प्यास भी मेरे अंदर बेकाबू हो रही थी। मेरा मन भी चाची की चूत को चाटने का कर रहा था।


मैंने पोजीशन बदली और हम 69 की पोजीशन में आ गए। हम एक दूसरे के अंगों को चूसने चाटने लगे।


धीरे धीरे चाची की चूत और ज्यादा गर्म होने लगी। चाची की चूत से पानी निकलने लगा। अब हम दोनों हवस में पागल हो रहे थे।


मैं तेजी से चाची की चूत में जीभ चला रहा था। चाची भी मेरे लंड को जोश में चूस रही थी।


मुझे अब बहुत मजा आ रहा था।


अब हम दोनों फिर से एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे। चाची और मैं एक दूसरे से कस कर लिपट रहे थे जैसे एक दूसरे के जिस्मों में समा जाना चाहते हों।


शायद चाची को भी 10-12 सालों के बाद किसी मर्द का अहसास मिल रहा था।


हम दोनों से अब रुका नहीं जा रहा था।


अब मैंने चाची की चूत में उंगली करना शुरू किया। चाची की चूत तो पहले से ही पूरी गीली हो चुकी थी।


मुझे चाची की चूत में उंगली करने में बहुत मजा आ रहा था। जैसे जैसे मैं चाची की चूत में उंगली चला रहा था, वे मचल रही थी। चाची को भी बहुत मजा आने लगा था।


अब मेरा मन चाची की चूत की चुदाई करने का हो रहा था, वो भी बहुत जोर से। चाची की चूत में उंगली जाती थी वो चूत को उकसा कर और अंदर तक उंगली लेने की कोशिश करती थी। उन को इतने सालों के बाद आज चूत में मजा मिल रहा था।


फिर मैंने चाची की टांगों को और चौड़ी खोलकर लिटा दिया। मैंने चाची की चूत में मुंह लगा दिया और चूत को पीने लगा।


चाची अब मछली की तरह तड़पने लगी। उनकी जोर जोर से सिसकारियां फूटने लगीं- आह्ह … आईई … आह्ह … उफ्फ … इस्स … आह्ह!


वे जोर जोर से मेरे सिर को चूत में दबाने लगी। मैं भी उनकी चूत को खाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था।


कुछ देर चूत का पानी चूसने के बाद मैंने चाची की टांगों को चौड़ी कर दिया और उनके बीच में आ गया।


मैंने चाची की चूत पर लंड को लगा दिया और रगड़ने लगा। लेकिन मुझसे ज्यादा रुका नहीं गया और मैंने चूत में लंड को सरका दिया।


जैसे ही चाची की चूत में लंड गया वो जोर से चीखी- आह!


मैं चाची के ऊपर लेट गया और जोर से चूचियों को भींचते हुए चाची के होंठ चूसने लगा।


मेरा लंड चाची की चूत में प्रवेश कर चुका था। मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए और चाची की चुदाई करने लगा।


लंड कुछ ही देर बाद पूरा का पूरा चाची की चूत में समाने लगा। अब चाची की भी हल्की सिसकारियां निकलने लगीं।


मैं जोर जोर से चाची की चूत में धक्के लगाने लगा और उनकी मस्त चुदाई शुरू हो गई। चाची का जिस्म और जोर से तपने लगा।


वे बार बार मेरी कमर पर नाखूनों से चुभा रही थी। चाची की चूत मेरे लंड को जैसे अंदर ही जकड़ने की कोशिश कर रही थी। मैंने काफी देर उनको स्पीड से चोदा।


फिर मैंने चाची को घोड़ी बना लिया। घोड़ी बनाकर मैं चाची को तेजी से चोदने लगा।


मेरा जोश बहुत बढ़ चुका था। मैंने चाची के बालों को हाथों में जकड़ लिया और जोर से चूत को पेलने लगा।


वे लगातार सिसकारियां ले रही थी; वे बार बार मेरा नाम पुकार रही थी।


मुझे भी इस तरह से चाची को चोदने में बड़ा मजा आ रहा था। जब वे नाम पुकार कर लंड ले रही थी तो लंड में और ज्यादा कड़ापन आ जाता था। इससे जल्द ही मुझे लगने लगा कि मेरा माल अब छूट जाएगा।


अब मैंने चूत से लंड को निकाल लिया। लेकिन चाची की चूत अब लंड के लिए पागल थी।


उन्होंने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया और खुद ही लंड को चूत में लेकर मुझे चोदने के लिए इशारा कर दिया। मैंने अब मिशनरी में देसी चाची की चुदाई शुरू कर दी।


2-3 मिनट में ही मेरा माल निकलने को हो गया और झटके मारते हुए मैं चाची की चूत में ही खाली हो गया।


मैं कुछ देर हांफता रहा और चाची भी तेजी से सांसें लेती रही। फिर हम शांत होते चले गए।


चाची के हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे। चाची की चूचियों के ऊपर मुंह लगाकर मैं शांत पड़ा था।


फिर हम नंगे ही सो गए। इस तरह से चाची के साथ मेरा पहला सेक्स हुआ।


उसके बाद चाची के साथ मेरा बहुत बार सेक्स हुआ। चाची की चुदाई की अन्य कहानियां मैं आपको जल्द ही बताऊंगा। लेकिन आप इस कहानी के बारे में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।


अन्तर्वासना पर मेरी रीयल देसी चाची न्यूड सेक्स कहानी के बारे में आप अपने कमेंट्स में जरूर लिखें। आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं। मेरा ईमेल आईडी है [email protected]


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