चाची को पटा कर चोदा भतीजे ने

हीरल झा

12-12-2023

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देसी चाची पोर्न कहानी में मैंने अपनी जवान चाची को उनके बेबी को दूध पिलाती देखा. नंगी चूची देखकर मेरा मन चाची का दूध पीकर उनकी चूत चुदाई का हो गया.


मैं ऋषि 25 साल का हूँ.


यह बात तब क़ी है जब मैं जवान हुआ ही था.


तब हम लोग किराये के मकान में रहते थे. दो मंज़िल का मकान था, जिसमें किचन निचली मंज़िल में था.


एक दिन गर्मी के छुट्टी के वक्त चाचा चाची और उनकी तीन महीने के बेटी आई थी.


यह देसी चाची पोर्न कहानी इन्हीं चाची की है.


खाने के समय चाचा ने मुझसे कहा- शायद तुम्हारी चाची ऊपर हैं, उसे खाने के लिए बुला लाओ.


मैं ऊपर गया और बेडरूम में चाची अपनी तीन महीने की बेटी को अपने स्तन से दूध पिला रही थीं. उन्होंने अपने ब्लाउज से एक स्तन बाहर निकाला था.


जैसे ही मैंने आवाज़ दी कि चाची खाना लग गया है. चाची ने ओके बोलते हुए बच्ची को बाजू में हटा दिया.


तब मेरी नज़र चाची के नंगे स्तन पर पड़ी. उनका दूध काफ़ी बड़ा था और हल्के भूरे रंग का निप्पल चमक रहा था. उसमें से दूध की एक बूँद लटकती हुई दिख रही थी.


वह दृश्य देख कर मेरा चाची को देखने का नज़रिया बदल गया.


कुछ दिनों बाद चाची वापस चली गईं लेकिन उसके बाद में चाची के स्तन को याद करके मैं हर रोज मुठ मारने लगा.


लगभग चार साल के बाद चाचा चाची पैसों की प्रॉब्लम की वजह से गांव वापस आ गए.


चाचा काम पर जाने लगे. चाची का गांव में आ जाना मेरे लिए काफ़ी ख़ुशी की बात थी.


इस बार जब मैंने चाची को देखा तो चाची काफ़ी बदली हुई सी थीं.


चाची थोड़ी मोटी हो गयी थीं लेकिन फ़िगर काफ़ी मस्त था. उनकी गांड बड़ी हो गई थी और चूचे भी पहले से काफ़ी बड़े लग रहे थे.


एक दिन मैंने नहाते वक्त बाथरूम में चाची की ब्रा पड़ी देखी. उस पर 36 लिखा था. मैं समझ गया चाची के बूब्स 36 साइज़ के हैं.


अब मैं हर रोज़ में नहाते वक्त चाची की ब्रा और पैंटी सूंघता, उनको लंड पर लपेट कर मुठ मारता और अपना वीर्य उनकी ब्रा या पैंटी पर निकाल देता.


इससे दिनों दिन मेरी हिम्मत बढ़ने लगी. अब मैं चाची के ब्रा पैंटी में बिंदास मुठ गिराने लगा था.


फिर एक दिन मैं पकड़ा गया. चाची ने मुझसे पूछा- ये जो तुम मेरे कपड़ों के साथ कर रहे हो, वह तुम्हारी मम्मी को बताऊं? मैंने सर हिला कर मना किया.


इस पर चाची ने चाचा को बता दिया. चाचा ने मुझे काफ़ी डाँटा और कभी ऐसा ना करने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि यदि तुम नहीं माने तो वे या बात मेरे मम्मी पापा को बता देंगे.


अब मैं चाची की चुपके से फ़ोटो लेने लगा था. मुझे चाची का साइज़ तो पता ही था, तो मैं वह साइज़ गूगल पर डाल कर उस साइज़ की पॉर्नस्टार को देखता और चाची की कल्पना करके मुठ मारता.


मेरी वासना काफ़ी बढ़ गयी थी. मैं अब चाची की फ़ोटो एडिट करके उसे किसी पोर्नस्टार की फ़ोटो पर लगाकर चाची को पूरा नंगा देखता था और मुठ मारता था.


दो साल बाद चाचा चाची वापस चले गए और मैं भी आगे की पढ़ाई में शहर चला गया और बिज़ी हो गया.


हाल ही में गांव से फ़ोन आया कि चाचा को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. पापा ने मुझसे कहा कि तुम तुरंत कुछ पैसे का इंतजाम करके गांव चले आओ. मैं गांव चला गया. चाचा हास्पिटल में थे.


उनसे मिलकर मैं गांव के घर पर गया. चाची ने कहा कि ऋषि हाथ पैर धो लो, मैं चाय बनाने रख देती हूँ. मैं बाथरूम में गया तो वहां चाची की ब्रा पैंटी सूखने के लिए टंगी थीं.


यह वही ब्रा पैंटी थी, जिसमें मैं मुठ मारता था. ब्रा काफ़ी ढीली हो गई थी और पैंटी में काफ़ी छेद दिख रहे थे. उस ब्रा पैंटी को सूंघकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने वापस ब्रा में मुठ गिरा दिया.


दूसरे दिन चाची की बेटी स्कूल गयी थी. घर में सिर्फ़ मैं और चाची थे. चाची ने चाय पिलायी और उसके बाद वे नहाने गईं लेकिन वापस आने के बाद देखा तो चाची काफ़ी गुस्से से बाहर आयी थीं.


वे मुझसे बोलीं कि ऋषि तुम इतने बड़े हो गए हो, घर पर क्या बीत रही है उस पर भी तुम्हें ये हरकतें करनी हैं! ऐसा कहकर चाची ने वह मुठ से भरी हुई ब्रा गुस्से से मेरे मुँह पर फेंक दी. मैं चुप रहा.


थोड़ी देर बाद चाची शांत हुईं तो मैं चाची के पास ब्रा लेकर गया. मैंने ब्रा धो कर दी थी. ब्रा देते हुए मैंने चाची से कहा- चाची माफ कर दीजिए. लेकिन ये तो वही वाली ब्रा है न … जब आप कुछ साल पहले हमारे घर आयी थीं, तब से अब तक आप वही यूज़ कर रही हैं!


मैंने चाची की ओर देखा तो चाची की आंखों में आंसू थे.


तब मैंने चाची से पूछा- क्या हुआ, आप रो क्यों रही हो? वे कहने लगीं- तुम्हारे चाचा कुछ कमाते ही नहीं हैं. घर में कुछ पैसे ही नहीं हैं. कपड़े लेने के लिए भी नहीं है, इसलिए फटी हुई ब्रा पैंटी ही पहन रही हूँ.


मैंने चाची से कहा- चाची रोओ मत, अब आपका भतीजा डॉक्टर बन गया है. अच्छा कमा लेता है. बोलिए आपको क्या क्या चाहिए? चाची मना करने लगीं.


बहुत बार पूछने के बाद बोलीं- बेटी के लिए कपड़े दिला दो बस! मैंने कहा- हां चाची, लेकिन आपके लिए क्या चाहिए?


वे बोलीं- कुछ नहीं. मैंने कहा- ऐसे नहीं चाची, कुछ तो बोलिए.


उसके बाद मैंने धीमी आवाज़ में चाची से पूछा- आपका साइज़ अभी भी वही है, या बढ़ गया है? चाची मुझे देखने लगीं और शांत हो गईं. वे चाय बनाने चली गईं.


चाची चाय लेकर बाहर आईं और चाय देती हुई बोलीं- ब्रा का वही है, पैंटी का बदल गया है. अब मेरी वह 36 इंच की हो गई है. उनका वह से आशय गांड से था. मैं समझ गया.


मैंने गांव की लोकल दुकान से चाची की बेटी के लिए कपड़े ख़रीदे और उन्हें दे दिए.


चाची मुझे देख रही थीं. वे अपनी बेटी के कपड़े देख कर मुझसे बोलीं- मेरे लिए नहीं लाया कुछ?


मैंने कहा- आपके लिए ऐमज़ान से ऑनलाइन मंगाया है … बस दो दिन में आ जाएगा.


जब ऑर्डर आया तो चाची दंग रह गईं. उसमें टोटल छह सैट ब्रा पैंटी के थे.


ब्रा भी नर्सिंग ब्रा, पुशअप ब्रा, स्पोर्ट्स ब्रा ऐसे अलग अलग टाइप की थीं. ब्रा के मैचिंग की पैंटी भी थीं.


दूसरे दिन चाची की बेटी स्कूल गयी. तब अकेले में मैंने चाची से पूछा- कैसा लगा सामान चाची … पसंद आया?


वे बोलीं- कलर और पैटर्न तो पसंद आया लेकिन फ़िटिंग चैक नहीं की. मैंने कहा- तो कर लो.


वे हंसकर बेडरूम में चली गईं. कुछ टाइम बाद उन्होंने मुझे आवाज़ दी. वे बोलीं- ऋषि अन्दर आ जा ज़रा!


मैं अन्दर गया तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. अपनी सेक्सी चाची को मैं लाल ब्रा पैंटी में देख रहा था.


चाची इठलाती हुई बोलीं- बता ऋषि, मैं कैसी लग रही हूँ इसमें? मैंने कहा- बहुत सुंदर है. बाक़ी के भी ट्राई करो!


चाची ने मुझे बाहर जाने के लिए कहा और वापस बुलाया, तब चाची येलो स्पोर्ट्स ब्रा और येलो पैंटी में थीं.


ऐसा उन्होंने हर ब्रा बदलने के बाद बुलाया. आखिरी बार चाची बोलीं- यहीं रुक जा!


उन्होंने अपनी ब्रा खोल दी और उनके बड़े दूध उछलकर बाहर आ गए.


मैंने कहा- अरे चाची, ये स्पोर्ट्स ब्रा जो है ना … उसमें तेज दौड़ने पर भी स्तन नहीं उछलते हैं. वे बोलीं- अच्छा, ऐसा है क्या?


यह कर वे वापस स्पोर्ट्स ब्रा पहनकर कूदने लगीं तो उनके उछलते बूब्स देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.


चाची खड़े लंड को देखकर बोलीं- क्या इतने में ही खड़ा हो गया? मैंने कहा- चाची जो आपके पास है, उसे देख कर तो किसी का भी खड़ा हो जाएगा.


चाची ने अपनी ब्रा निकाली और बोलीं- अब कूदकर दिखाऊं. बस वे कूदने लगीं.


उनके टाइट बूब्स जो उछले, आह देखकर मज़ा आ गया. मेरा लंड और टाइट हो गया और पैंट के ऊपर से साफ दिखने लगा.


उसे देख कर चाची बोलीं- ऊपर से तो काफ़ी बड़ा दिख रहा है. मैंने कहा- हां चाची, आपको देखकर तो आज यह और अच्छे से खड़ा हुआ है.


वे बोलीं- ऐसा क्या है मुझमें? मैंने कहा- चाची आपके 36 साइज़ के स्तन किसी पॉर्न एक्ट्रेस से कम नहीं हैं. फिर उनके ऊपर हल्के भूरे रंग के निप्पल उनकी शोभा बढ़ा देते हैं.


चाची बोलीं- पसंद आए क्या तुम्हें? मैंने कहा- हां चाची, मुझे तो कबसे पसंद हैं. चाची बोलीं- अब तुम मुझे चाची नहीं … वैशाली बोलो ऋषि … और आप आप भी मत कहो, सिर्फ तुम कहो. मैंने कहा- हां वैशाली, मुझे तुम्हारे बूब्स पसंद आए.


उन्होंने अपने हाथों से अपने एक बूब को दबाते हुए कहा- आ जा ऋषि, देख इन्हें अपने हाथों में लेकर … कितने प्यासे हैं ये! मैं भी ये मौका छोड़ना नहीं चाहता था.


जब मैंने चाची के बूब्स को पकड़ा और दबाना शुरू किया, तो वह मेरे लिए एक अलग ही किस्म का सुख था. इतने टाइट और बड़े बूब्स थे, मानो सर्जरी करके बढ़ाये हों.


मैंने चाची से कहा- वैशाली, शादी के पहले तो इतने नहीं थे तुम्हारे बूब्स, लगता है चाचा ने काफ़ी मेहनत की है! तो चाची हंस कर बोलीं- हां चाचा की मेहनत ऊपर तक ही है, नीचे तो कभी अच्छे से कुछ कर नहीं पाए.


मैं उनके बूब्स मस्ती से दबा रहा था. मैंने कहा- वैशाली, जब तू बेटी को दूध पिला रही थी, मैंने तब पहली बार तुम्हारे बूब्स देखे थे. वह दूध देखकर मुझे भी पीने का मन था.


वे बोलीं- अब दूध तो निकलना बंद हो गया है लेकिन तू चूस सकता है.


मैंने तुरंत चाची का बूब्स चूसना चालू कर दिया. उनके एक निप्पल को मैं अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा और काटने लगा.


चाची भी चुदाई के मूड में आ गईं. वे मेरे बालों में हाथ घुमाने लगीं और मादक सिसकारियां भरने लगीं.


मैं उनका एक थन चूस रहा था और दूसरा दबा रहा था. तभी मैंने अपना एक हाथ उनकी पैंटी में डाला और मुझे पता चला कि चाची की चूत पर काफ़ी बाल हैं.


मैं एक बाजू हुआ और चाची से बोला- यार चाची, तुमने मूड ख़राब कर दिया. मुझे ये चूत पर बाल जरा भी पसंद नहीं हैं. चाची बोलीं- अच्छा, तो इसमें क्या बड़ी बात है. अभी साफ करके आती हूँ और तुम्हारा मूड बना देती हूँ.


यह कहकर चाची ने पैंटी उतार दी. उसमें चाची की मोटी गांड दिखी और चूत पर इतने बाल कि मानो कभी शेव ही नहीं किए हों.


मैंने कहा- चाची, निकाल दो ये सारे बाल और आज से साफ ही रखना. वे बोलीं- तू अपना दाढ़ी साफ करने वाला रेज़र दे.


मैंने अपनी शेविंग क्रीम और रेज़र दे दिया. चाची मेरे सामने ही अपनी चूत के बाल साफ करने लगीं.


उस बीच मैं चाची के बड़े बूब्स चूसने में बिज़ी था. चाची बोलीं- ले हो गए साफ … अब बाथरूम जाने दे … अभी धुलाई करके इसे चमका लाती हूँ. मैं बोला- मैं भी अन्दर चलता हूँ.


चाची बोलीं- अरे पागल, पानी से साफ कर लेने दे और मुझे पेशाब भी तो करनी है. मैंने कहा- जो भी करना है, वह मेरे सामने कर लेना.


हम दोनों बाथरूम में आ गए, जहां मैंने चाची की चूत पानी से साफ की और चूत को सहलाने लगा.


चाची बोलीं- अब पेशाब भी कर लेने दे. मैंने बोला- तो करो न!


चाची नीचे बैठकर पेशाब करने लगीं. उनकी क्लीन शेव चूत से निकलती हुई पीले रंग की पेशाब साफ दिख रही थी.


मैंने भी पेशाब कर ली और चाची को लंड दिखा दिया. चाची की वासना लंड देख कर भभक उठी थी.


पेशाब करके हम दोनों वापस बेडरूम में आ गए.


चाची पैर फैला कर बैठी थीं. उनकी दोनों टांगों के बीच से एकदम साफ नजर आती उनकी गोरी चूत मेरे सामने चुदने को तैयार थी.


मैं चाची के पास गया और चाची को किस करने लगा.


हम दोनों इतना मदहोश होकर किस कर रहे थे कि हमें आस पास का कुछ होश ही नहीं था.


किस करते करते मैं उनके बूब्स दबा रहा था और चूत सहला रहा था; चाची की चूत के दाने के साथ खेल रहा था.


चाची काफ़ी मूड में आ गयी थीं. वे मेरे बालों में जोर जोर से हाथ घुमा रही थीं और मदभरी सिसकारियां भर रही थीं.


मैं नीचे को सरक गया और चाची की चूत पर मुँह लगा दिया; अपनी जीभ से चूत के दाने को लिक-लिक करके खेलने लगा.


चाची की चूत से सफ़ेद पानी निकलने लगा था. मैं उसे भी जीभ से चाट कर पी गया.


चूत से पानी निकल जाने से चाची थक गयी थीं.


मैंने चाची से कहा- क्या वैशाली, इतने में ही थक गईं? वे बोलीं- जब मैं जवान थी तब तो तू छोटा था. अब 35 की उम्र में क्या करेगी तेरी चाची?


मैंने कहा- अरे यार वैशाली, वो रंडी मियां ख़लीफा तुम से एकाध साल बड़ी ही होगी … और तुम अभी से ये बात कर रही हो! देसी पोर्न चाची हंसने लगीं.


थोड़ी हंसी मज़ाक के बाद मैंने वापस चाची को किस किया और उनके मम्मों के साथ खेलने लगा.


इस बार मैं उनके दूध काफ़ी जोर से दबा रहा था ताकि चाची की चीख सुन सकूँ. लेकिन उनको दर्द ही नहीं हो रहा था.


चाची ने मेरी पैंट में हाथ डाल दिया और वे मेरे लंड को सहलाने लगीं.


उन्होंने मुझसे खड़ा रहने के लिए कहा और मेरी पैंट और शर्ट उतार दी.


अंडरवियर में मेरा तना लंड देखकर बोलीं- ऋषि, तेरे चाचा से तो तेरा लंड काफ़ी बड़ा लग रहा है.


मैंने कहा- खोल कर तो देखो पहले!


क्लीन शेव वाला लंड देखकर चाची बोलीं- वाह, कितना साफ रखा है, देखते ही चूसने का मन हो गया. तेरे चाचा का तो पूरा बालों से भरा होता है. कभी मुँह में लेने की इच्छा भी नहीं हुई. मैंने कहा- अच्छा तो मेरा चूसो.


उसके बाद वैशाली चाची मेरा लंड किसी लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. मैं भी उनके मुँह में धक्के मार मार कर स्पीड में लंड पेल रहा था.


कुछ देर बाद मैंने कहा- चाची पानी निकल जाएगा. उन्होंने झट से लंड को बाहर निकाला.


लंड को थोड़ा शांत करके वैशाली चाची बोलीं- चल अब चूत में डाल लंड … और उधर ही माल का देखती हूँ. उन्होंने अपने थूक से मेरे लंड को गीला किया और अपनी चूत फैला कर पोजीशन बना ली.


जब मैंने लंड घुसाया तो वे एकदम जोर से चिल्लाईं और बोलीं- उई मां ऋषि बहुत बड़ा लंड है तुम्हारा … इतना अन्दर तक पहली बार गया है आह … धीरे करो!


अब मैं हल्के हल्के धक्के मारता हुआ उनकी प्यास मिटा रहा था.


कुछ देर बाद मैंने स्पीड बढ़ा दी. चुदाई के साथ मैं उनके बूब्स दबाने लगा और तभी मेरा पानी निकल गया.


हम दोनों अलग होकर बेड पर लेट गए. मुझे लगा कि वैशाली चाची अब थक चुकी होंगी.


लेकिन वे तो वापस खड़ी हो गईं और उसने मेरे लंड पर लगा हुआ पानी चाट चाट कर साफ कर दिया.


उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को अपने दोनों मम्मों के बीच में दबाया और दूध हिलाने लगीं.


उनकी इस हरकत से मेरा लंड वापस खड़ा हो गया.


उसके बाद वे मेरे लंड पर बैठ गईं और चूत के अन्दर वापस से लंड घुसवा लिया. वे लंड के ऊपर उछलने लगीं.


उनके मोटे बूब्स जोर जोर से बाउन्स हो रहे थे. वह सीन देख कर मेरा जोश बढ़ रहा था.


चाची मेरे मुँह के ऊपर थूक कर हंसने लगीं.


मैं भी नीचे से गांड उठा कर धक्के लगाने लगा, उनके मम्मों को चांटे मारने लगा. मैंने उनके दोनों दूध लाल कर दिए.


फिर वे लंड से उठ गईं और घोड़ी बन कर खुद ही बोलीं- ऋषि, आज तक कभी मैंने गांड नहीं मरवायी. मैंने कहा- कोई बात नहीं, आज मार दूँगा.


उनकी गोरी गोरी गांड पर स्ट्रेच मार्क्स दिख रहे थे.


मैं चाटने लगा और मैंने उनकी गंड को चांटे मार मार कर लाल कर दिया. फिर उनकी गांड के छेद पर थूक लगाकर लंड अन्दर घुसाया तो उनकी चीख निकल गयी.


मैंने रफ़्तार बढ़ा दी. पच पच की आवाज़ और उसकी चीख सुनकर मुझे बेहद मज़ा आ रहा था.


उनके हिलते हुए बूब्स को मैं पीछे से ही दबा रहा था. फिर मैंने गांड से लंड निकाला और वैशाली चाची से बोला- चाची, बैठ जाओ नीचे.


वे झट से नीचे बैठ गईं. मैंने उनसे लंड चूसने को कहा.


उन्होंने लपक कर लंड मुँह में ले लिया और काफ़ी अच्छे से लंड चूसा. कुछ देर बाद मैंने लंड का पानी उनके मुँह में और कुछ उनके मम्मों के ऊपर गिरा दिया. अब हम दोनों लेट गए.


चाची के मम्मों पर गिरे मेरे लौड़े के पानी को चाची मजे से अपनी उंगली से उठा उठा कर चूसने लगीं और अपने ऊपर गिर हुआ पूरा वीर्य चाट कर साफ कर दिया.


उसके बाद हम दोनों सो गए.


फिर चाची ने उठ कर नहा कर नया ब्रा पैंटी का सैट पहना और उसके ऊपर से टाइट ब्लाउज पहन लिया. चाची की बेटी स्कूल से लौट आयी.


चाय नाश्ता हुआ.


रात के खाने के बाद मैं हॉल में सोफ़े पर सो गया.


बेटी को सुलाने के बाद चाची वापस मेरे पास आ गईं. मैंने उन्हें उधर ही लेटा कर हचक कर चोदा.


अस्पताल से चाचा के वापस आने तक हम दोनों हर रोज़ अलग अलग जगहों पर, बाथरूम में, किचन में चुदाई करते रहे थे.


चाचा के आने के बाद मैं अपने घर वापस लौट आया था.


उसके बाद चाची और मैं आपस में फोन से बात करने लगे, व्हाट्सैप से एक दूसरे को नंगी फ़ोटो भेज़ने लगे.


तब के बाद सिर्फ़ दो बार मौका और मिला चुदाई का! लेकिन मानना पड़ेगा कि चाची के अन्दर इस उम्र के बाद भी सेक्स का जोश किसी पोर्नस्टार से कम नहीं था.


अब चाची को जब भी कोई चीज़ चाहिए होती थी तो वे मुझसे मंगवा लेती थीं. हम दोनों के बीच एक अनोखा प्यार का रिश्ता बन गया था.


आपको मेरी देसी चाची पोर्न कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं. [email protected]


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