चाचा ने लॉकडाउन में मेरी चूत मार ली

सीमा 15

10-12-2023

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देसी इंडियन गर्ल Xxx का मजा चाचा भतीजी ने लिया लॉकडाउन में! भतीजी की नयी नयी शादी हुई थी। एकदम लॉकडाउन लगा घर में वह चाचा के साथ अकेली फंस गई।


यह कहानी सुनें.


दोस्तो, मेरा नाम सीमा है। मैं कोलकाता से हूं। मेरी उम्र 28 साल है और मेरा फिगर 34-32-34 है।


मेरी शादी तीन साल पहले जनवरी, 2020 में हुई थी; मेरी अरेंज मैरीज थी।


मैं और पति मेरे छोटे चाचा के साथ फ्लैट में रहते हैं।


मेरे ससुराल वाले दिल्ली में रहते हैं। मेरे चाचा की शादी हो चुकी है। वे मेरे पति से 5 साल बड़े हैं।


अब मैं अपनी सेक्स स्टोरी आपको बताती हूं कि चाचा के साथ मेरी चुदाई की कहानी कैसे शुरू हुई।


दरअसल मेरे पति को अक्सर ऑफिस के काम से बैंगलोर जाना पड़ता है।


यह देसी इंडियन गर्ल Xxx कहानी तब की है जब 2020 में लॉकडाउन हुआ था।


मेरी शादी को तीन महीने बीत चुके थे। पति 5 दिन पहले बैंगलोर चले गए थे. जब लॉकडाउन हुआ तो वो वहीं पर फंस कर रह गए।


इत्तेफाक से उन दिनों मेरी चाची भी मायके में गई हुई थी। इसलिए उस समय घर में केवल मैं और चाचा ही थे।


मेरी नयी-नयी शादी हुई थी तो सेक्स का नशा चढ़ा हुआ था।


मैं रोज सुबह बाथरूम में नहाते हुए और रात को सोते समय चूत में उंगली करके अपनी सेक्स की प्यास को शांत किया करती थी।


एक दिन की बात है कि मैं बाथरूम से नहाकर निकली थी।


मेरे बदन पर केवल मैंने एक तौलिया ही लपेटा हुआ था।


सामने का नजारा देख कर मैं सहम गई।


मेरे चाचा सामने बेड पर बैठे हुए मेरी ब्रा-पैंटी को सूंघ रहे थे। उनका हाथ लंड पर था जो तना हुआ था।


वे पैंटी को जोर जोर से सूंघते हुए अपने लंड की मुठ मार रहे थे।


मुझे देख कर वे एकदम से सफेद हो गए। फिर एकदम उठ कर हड़बड़ी में वहां से बिना कुछ बोले निकल गए।


उस दिन चाचा और मेरे बीच में कोई बात नहीं हुई।


अगले दिन मैं फिर से नहाते हुए चूत में उंगली कर रही थी। मेरे मुंह से कामुक आवाजें भी निकल रही थीं।


अचानक मुझे लगा कि जैसे दरवाजे पर किसी की आहट हुई है। मैंने ध्यान से सुना तो किसी के सांस लेने की आवाज स्पष्ट सुनाई दे रही थी. कोई जोर जोर से साँस ले रहा था.


मैं समझ गई कि चाचा बाहर खड़े मुझे दरवाजे की झिरी में से देख रहे थे और अपना लंड भी साथ साथ हिला रहे थे।


नहाने के बाद मैं बाहर आई तो वहां कोई नहीं था लेकिन फर्श पर कुछ पदार्थ गिरा हुआ था। मैंने नीचे झुक कर देखा तो वो गाढ़ा सा पानी था।


चाचा के लंड ने माल वहीं छोड़ रखा था। यानि चाचा मुझे नंगी देखकर मुठ मारकर अपना माल वहां गिरा गए थे।


फिर तैयार होकर मैंने खाना बना दिया। मैंने चाचा को खाने के लिए आवाज लगाई।


वे आकर बैठ गए और कुछ नहीं बोल रहे थे। मैंने सोचा कि पूछ कर देखूं कि क्या बात है।


चाचा से मैंने पूछा- आप उदास क्यों लग रहे हैं? चाचा बोले- नहीं सीमा, कुछ नहीं, बस ऐसे ही … मैं तो उदास नहीं हूं।


मैं- चाची की याद आ रही है क्या आपको? वे बोले- हां, लेकिन क्या करूं, लॉकडाउन है तो वो फंसी हुई है, और हम भी बाहर नहीं जा सकते हैं।


मैं बोली- हां, मेरे साथ भी तो यही हाल हो गया है। मेरे पति भी नहीं हैं, और मैं भी बहुत अकेली हूं। चाचा- हां, तुम भी अकेली हो, मैं भी अकेला हूं। मैं- हां चाचा जी। चाचा- तो हम एक दूसरे की मदद तो कर ही सकते हैं!


मैं- क्या मतलब? मैं समझी नहीं। चाचा- मतलब यही कि जरूरत तो तुम्हें भी है किसी की, और मुझे भी। जिस्म को तो भूख लगती ही है, और तुम्हारी तो नयी शादी है अभी, तुम कैसे अकेली रहोगी ऐसे!


मैं थोड़ी असहज हो गई लेकिन चुदने की प्यास तो मेरे अंदर भी लगी थी।


थोड़ा सोचकर मैं बोली- हां चाचाजी, लेकिन किसी को पता चल गया तो? वो बोले- किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। हम दोनों के अलावा है ही कौन घर पर! मैं- लेकिन ये ठीक नहीं रहेगा, हमारा चाचा-भतीजी का रिश्ता है!


चाचा- कुछ गलत नहीं है इसमें। हम दोनों ही जवान हैं। जिस्म की प्यास तो सबको लगती है, और सबको इसे बुझाने का हक है। हम दोनों को भी जिस्म की प्यास बुझानी है, तो इसमें क्या कुछ गलत है। बल्कि हमें तो खुश होना चाहिए कि नया कुछ मिल रहा है, सेक्स का पूरा मजा लेना चाहिए। और तुम्हारी फिगर तो इतनी मस्त है कि मैं पागल हो रहा हूं बहुत दिन से!


मैं- ठीक है, जैसा आप कहो, मुझे तो मानना ही पड़ेगा। मन ही मन में मैं मुस्करा रही थी क्योंकि मैं भी चुदाई की प्यासी थी लेकिन चाचा के सामने मैंने ऐसे दिखाया जैसे मैं मजबूरी में चुदाई के लिए हां कर रही हूं। अंदर ही अंदर मैं सोच रही थी कि चाचा मुझे जी भरकर चोद दे।


वो बोले- तो चलो अंदर रूम में, एंजॉय करते हैं! मैं- हां चलिए आप, मैं अभी आती हूं। चाचा- जल्दी आना, अब नहीं रुका जा रहा।


दोस्तो, मैंने तुरंत अपनी साड़ी निकाल कर ट्रांसपेरेंट पैंटी डाल ली और फिर ऊपर से जालीदार नाइट ड्रेस पहन कर रूम में चली गई। मुझे इस रूप में देखकर चाचाजी का मुंह खुला का खुला रह गया। उनसे कंट्रोल नहीं हुआ, और वो मुझे पकड़ कर किस करने लगे।


फिर मैं भी उनका साथ देने लगी। उनका एक हाथ मेरे बूब्स पर था और दूसरा नीचे मेरी चूत को सहला रहा था।


चाचा ने हड़बड़ी में मेरी नाइट ड्रेस उतार दी और पूरे बदन को चूमने लगे। मैं भी उनसे लिपट रही थी और उनका पूरा साथ दे रही थी।


फिर मैंने चाचाजी को भी नंगा कर दिया और उनका लंड मेरे सामने फनफना उठा। चाचा का लंड 7 इंच के करीब था।


लंड को मैं हाथ में लेकर जोर से हिलाने लगी। चाचा बोले- जान हिला मत, मुंह में ले ले! मैंने चाचा का लंड मुंह में भर लिया और चूसने लगी।


चाचा जोर से सिसकारने लगे- आह … आह … चूस जा … आह ओह। हाए … उफ्फ ओह।


उनसे रुका न गया और मुझे अपने साथ लेटा कर 69 पोजीशन में कर लिया। वे मेरी चूत में जीभ देने लगे और मैं लंड को चूसने लगी। कभी वे मेरी चूत में उंगली दे देते और चोदने लगते।


मुझे पूरा मजा आने लगा था और मैं बदले में चाचा के लंड को पूरे मन से चूसे जा रही थी। हम दोनों अब बहुत ज्यादा गर्म हो गए थे। मेरी चूत में अब चुदाई की आग भड़क चुकी थी।


मैं बोली- चाचा, अब चोद दो, और नहीं रुक सकती मैं … आह्ह चोद दो मुझे!


चाचा ने भी पल भर की देर न की और लंड पर कंडोम चढ़ाने लगे।


मैं बोली- बिना कंडोम चोदो चाचाजी! यह सुनकर चाचा के चेहरे पर मुस्कान फैल गई।


मेरी चूत पर चाचा ने लंड को सेट कर दिया और एक धक्का लगा दिया।


चाचा की जीभ मेरी चूत को पहले से ही चुपड़ चुकी थी जिससे वो पूरी गीली और चिकनी हो चुकी थी।


लंड चूत में अंदर घुस गया और मेरी चीख निकल गई- आईईईई मर गई … रुको … आह। चाचा का लंड बहुत मोटा था। वे रुक गए।


मैंने उनको रोके रखा। फिर थोड़ी देर बाद धक्के शुरू करने का इशारा दिया। वे धीरे धीरे धक्के लगाने लगे।


फिर एक जोर का धक्का दिया और लंड पूरा मेरी चूत में समा गया। मुझे दर्द तो हुआ लेकिन लंड अब पूरा अंदर जा चुका था। चाचाजी मुझे चोदने लगे।


देसी इंडियन गर्ल Xxx करते हुए कुछ ही देर में दर्द मजे में बदलने लगा।


अब मुझे लंड लेने में पूरा मजा आ रहा था। चाचा के लंड से चुदते हुए एक अलग ही अहसास मुझे मिल रहा था जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।


तभी चाचा ने स्पीड तेज कर दी और मैं दर्द भरी सिसकारियां लेने लगी- आह-आह … आह्ह उईई … उम्म आह, स्स्स आह।


फिर चाचा थोड़े धीमे हुए, तो मैंने नीचे से कमर उचकानी शुरू कर दी। अब मैं चूत को चाचा के लंड की ओर धकेल कर चाचा की मदद करने लगी।


चुदती हुई मैं बोली- आह चाचाजी … बहुत मजा आ रहा है … शादी से लेकर अब तक पांच बार ही चुदी हूं, और जोर से चोदिये आह्ह … मेरी चूत की प्यास को बुझा दो चाचाजी!


यह सुनकर चाचा पूरे जोश में आ गए। उन्होंने लंड की मशीन सी चला दी और फचाफच मेरी चूत मारने लगे। अब चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि अंदर बाहर होते लंड के साथ वो पच-पच बोलने लगी थी।


चाचा पूरी स्पीड में मुझे चोदे जा रहे थे। पूरा कमरा चुदाई की आवाज से गूंजने लगा था।


वे साथ में मेरे होंठों पर चूम भी रहे थे और मेरे दूध भी दबा रहे थे।


कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद चाचा ने डॉगी स्टाइल में आने के लिए कहा।


मैं चाचा के सामने डॉगी स्टाइल में झुक गई। चाचा ने पीछे से मेरी चूत में लंड को पेल दिया और तेजी से चोदने लगे।


मुझे फिर से दर्द होने लगा। लेकिन चाचा रुके नहीं और चोदते रहे।


वे चोदते हुए कह रहे थे- रंडी कहीं की, तुझे अब मैं रोज ऐसे ही छिनाल की तरह ही चोदूंगा।


बीच बीच में वो लंड को चूत से निकाल कर मेरे मुंह में दे देते थे और चोदने लगते थे। कभी चूत में, कभी मुंह में … ऐसे करके चाचा के लौड़े ने मेरा हाल बेहाल कर दिया था।


फिर बोले- तेरी गांड भी चोदूंगा मैं कुतिया, पति की कमी महसूस नहीं होने दूंगा तुझे!


चाचा की ऐसी बातों से मेरी चूत और ज्यादा गर्म होती जा रही थी।


फिर अचानक ही मेरी चूत ने पानी फेंक दिया।


चाचा रुके नहीं और चुदती हुई ही मैं फिर से गर्म हुई। 20 मिनट बाद चूत ने फिर एक बार पानी फेंक दिया। चाचा के लौड़े ने मेरी चूत को निचोड़कर रख दिया था।


मैं अब बदहवास सी होती जा रही थी। ऐसी चुदाई पहली बार हो रही थी मेरी!


फिर चाचा ने मेरे मुंह में लंड दे दिया और बाल पकड़ कर मुंह चोदने लगे।


उनका लंड मेरे गले में टकरा रहा था। फिर 2 मिनट बाद ही उनके लंड ने गर्म गर्म माल मेरे मुंह में गिरा दिया। मैंने चाचा के लंड का सारा माल पी लिया।


पहली बार मैंने किसी लंड का माल अंदर पीया था। अभी तक मैंने अपने पति के लंड का पानी भी टेस्ट नहीं किया था। लेकिन चाचा का माल मैं झट से गटक गई।


कुछ देर हम दोनों लेटे रहे।


उसके बाद फिर से हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे; चूत-लंड को सहलाने लगे।


देखते ही देखते फिर से मूड बन गया और चुदाई का एक और राउंड हुआ।


चाचा ने 30 मिनट तक फिर से मेरी चूत की चटनी बनाई। इस बार चाचा ने माल मेरी चूचियों पर छोड़ा।


मुझे बहुत मजा आया। हम दोनों के बदन अब पसीने से लथपथ हो चुके थे; दोनों ही जोर जोर से सांसें लेते हुए हांफ रहे थे।


चाचा और मैं बेड पर लेट गए।


कुछ देर बाद चाचा फिर से चूत में उंगली करने लगे। लेकिन मैंने उनका हाथ रोक दिया।


वे बोले- क्या हुआ, मजा नहीं आ रहा क्या? मैं बोली- मजा तो बहुत आया लेकिन आपके लौड़े ने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया है। अब मैं बस लंड को मुंह में लेना चाहती हूं। चूत में नहीं लिया जाएगा।


चाचा भी समझ गए कि मेरी चूत घायल हो चुकी है। उनका लंड मुझे अच्छा लग रहा था। एकदम मोटा रसीला लंड था।


मेरी चूत की दो बार खुदाई करके उनका लौड़ा और ज्यादा मोटा दिख रहा था। मैंने लंड को मुंह में भर लिया और चाचाजी आराम से लेट गए। वे आंखें बंद करके लंड मुझे चुसवाने लगे।


15 मिनट तक मैंने चाचा के लंड को खूब चूसा और उन्होंने फिर से कुछ वीर्य की बूंदें मेरे मुंह में गिरा दीं। मैंने वो अमृत फिर से पी लिया। उसके बाद हम दोनों नहाने के लिए गए।


बाथरूम में हम दोनों साथ में नहाने लगे। नहाते हुए बाथरूम में फिर से चुदाई हुई।


मेरी चूत चुद चुदकर चिथड़ा हो गई थी और बहुत दुख रही थी।


लेकिन चाचा से पहली चुदाई में मुझे बहुत मजा आया।


उसके बाद चाचा ने अपनी भतीजी की गांड चुदाई भी की। यानि चाचा ने मेरी गांड में भी अपने लंड का रस भरा।


चाचा ने कैसे मेरी गांड चुदाई की, वो बात मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगी।


यह कहानी आपको कैसी लगी मुझे आप इस बारे में जरूर बताएँ।


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