मेरी प्यारी खूबसूरत मामी की चुदाई

अभिषेक 06

10-11-2023

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देसी मामी Xxx कहानी में मैंने अपनी 35 साल की मामी को पूरी नंगी करके उनके घर में ही चोदा. अपनी मामी की चूत मारने में मुझे बहुत मजा आया.


दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक उर्फ अभी है और मैं राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 साल की है और मैं अपनी पढ़ाई खत्म करके जॉब कर रहा हूँ.


मैंने कई भाभी और आंटी को उनके घर जाकर चोदा है. मैं उनको खुश करता हूँ.


अब मैं आपको अपनी मामी के बारे में बता देता हूँ. मेरी मामी का नाम निर्मला है. ये नाम बदला हुआ है. मेरी मामी की उम्र 35 साल है और वे दिखने में बहुत ही मस्त आइटम लगती हैं; एकदम स्वर्ग से आई परी जैसी लगती हैं. उनको देख कर कोई बोल ही नहीं सकता है कि उनकी उम्र 35 साल की है. उनको देख कर ऐसा लगता है, जैसे वो अभी 30 साल की ही हों. उनका शरीर भरा हुआ है. बड़े बड़े चूचे और मोटी गांड देखते ही लंड खड़ा हो जाता है.


यह देसी मामी Xxx कहानी आज से दो साल पहले की उस वक्त की है जब मैं अपने मामा के घर किसी प्रोग्राम में गया हुआ था. वैसे तो जैसे ही मेरे स्कूल की छुट्टियां होती हैं, मैं मामा के घर पहुंच जाता था. पर उस वक्त मैं छोटा था और मुझे वहां बहुत अच्छा लगता था. उधर रह कर मैं मामी के कामों में हेल्प करता था.


तब मुझे पता नहीं था कि सेक्स क्या होता है. उस वक्त मामी कभी कभी अपने बच्चे को दूध पिलातीं तो मैं उनके बोबे देख लेता था. कभी कभी तो मामी मेरे सामने ही अपने कपड़े चेंज कर लेती थीं. तब मुझे पता नहीं था कि ऐसा भी कुछ होता है.


वो तो जब सेक्स की समझ आई, तब लगा कि मामी तो लौड़े के नीचे लेने वाली माल हैं.


तो हुआ यूं था कि मामा का एक दिन पहले मम्मी को फोन आया- कल प्रोग्राम है तो आप लोग आज ही आ जाना. मम्मी ने मुझे बताया- मामा का फोन आया है. उनके घर में प्रोग्राम है और उन्होंने आज ही आने को कहा है. क्योंकि कल प्रोग्राम है, तो तू आज चला जा. मैं कल सुबह आ जाऊंगी. मैंने मम्मी से बोला- ठीक है.


उनके घर जाने की सुनकर मैं भी खुश हो गया था कि चलो मामी को देखने को मिलेगा. इसी बहाने उनको चोदने का कुछ जुगाड़ भी हो जाएगा तो मैं उन्हें चोद दूंगा.


मैं मामा के घर के लिए निकल गया.


मेरे मामा एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं और उनके 2 बच्चे हैं.


मैंने वहां पहुंच कर उनके घर के बाहर लगी घंटी बजाई तो मामी ने गेट खोला.


मामी मुझे देखकर बहुत खुश हो गईं और उन्होंने मुझसे कहा- अरे वाह अभी तुम … आज याद आई अपनी मामी की तुमको. इतने दिनों बाद आए हो! मैंने कहा- अरे मामी, ऐसा नहीं है, याद तो आपकी रोज आती है. ऐसा कोई दिन नहीं होगा, जब आपको याद ना किया हो.


मामी बोलीं- चल झूठे … चलो अब अन्दर भी आ जाओ. बाहर ही खड़े रहोगे क्या?


यह कह कर मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अन्दर ले आईं और सोफे पर बिठा कर बोलीं- तू बैठ, मैं तेरे लिए कुछ चाय नाश्ता लेकर आती हूँ. तब तक तू हाथ मुँह धो ले.


मैंने ओके बोल दिया और मैं हाथ मुँह धोकर वापस आकर सोफे पर बैठ गया. मामी आईं और नीचे झुककर मुझे चाय देने लगीं.


मेरी नजर मामी के चूचों पर चली गई जो उनके गहरे गले वाले ब्लाउज से बाहर आने को बेताब हो रहे थे. उनके रसभरे चूचे देख कर मेरे लंड ने आकार लेना शुरू कर दिया था.


मुझे अपने चूचे घूरते देख कर मामी बोलीं- कहां खो गया अभी … चाय ले न! मैं अचानक से हड़बड़ा गया और सकपका कर मैंने मामी के हाथ से चाय ले ली.


मामी हंस कर बोलीं- तू तो काफी बड़ा हो गया है! मैं तब कुछ समझा नहीं था कि क्या बड़ा हो गया है. शायद मामी का इशारा मेरे बड़े हो चुके लौड़े पर था.


फिर हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे. मैंने मामी से पूछा- मामा और बच्चे कहां हैं?


मामी ने बताया- तेरे मामा तो ऑफिस गए हैं और बच्चे यहीं बाहर गए हैं. उस वक्त घर पर मामी अकेली ही थीं.


चाय पीने के बाद मैं भी उठा और बाहर चला गया.


मैंने बाहर एक पान की गुमटी पर जाकर एक सिगरेट ली और सुलगा कर मामी की मदमस्त जवानी को याद करके धुआं उड़ाने लगा.


आज सिगरेट भी बड़ा मजा दे रही थी. लौड़े ने भी बैठने से मानो मना कर दिया था.


शाम को जब मैं वापस आया, तब तक मामा भी आ गए थे और हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे. मामी ने खाना खाने को बोला तो हम सभी खाना खाने लगे.


खाना खाने के बाद मामी ने कहा- अभी, तुम राहुल के रूम में सो जाना.


राहुल ने भी मुझसे उसके कमरे में सोने का बोल दिया था- भईया, आप मेरे कमरे में ही सो जाना.


हम सभी खाना खाकर सोने चले गए. मामी भी काम खत्म करके सोने चली गई थीं क्योंकि कल प्रोग्राम था और सुबह जल्दी उठना था.


मैं भी सफर से बहुत थक गया था तो मुझे भी जल्दी नींद आ गई थी.


अगले दिन सुबह सभी जल्दी उठ गए थे.


सुबह सभी मेहमान आ चुके थे. मेरी मम्मी भी आ गई थीं और कार्यक्रम भी आरम्भ हो गया था.


पंडित जी अपनी पूजा विधि करवा रहे थे और मैं अपनी प्यारी मामी को निहार रहा था, उनके बड़े बड़े चूचे देख रहा था.


मुझे घूरता देख मामी ने मुझे ताड़ लिया था. पर वे मुस्कुरा कर अपने काम में लग गई थीं.


जैसे तैसे पूरा दिन निकल गया. प्रोग्राम अच्छे से निपट गया था. सभी मेहमान लगभग जा चुके थे. जो मेहमान बचे थे, वो भी निकल गए थे.


अब मम्मी और मैं भी वापस जाने वाले थे.


इतने में मामी आईं और मम्मी से बोलीं- अभी की तो अभी छुट्टियां चल रही हैं दीदी … तो इसको अभी यहीं रहने दो. इसका भी यहां मन लगा रहेगा और ये मेरे काम में हाथ भी बंटा लिया करेगा. मम्मी ने मुझसे कहा- ठीक है, तू कुछ दिन यहीं रुक जा.


इस बात से मानो मेरी तो लॉटरी निकल गई हो. मैंने तुरंत हां बोल दी और कमरे में चला गया.


मैं अपना सामान कमरे में रख कर मम्मी को बस स्टैन्ड छोड़ने चला गया.


जब मैं मम्मी को छोड़कर आया तो मामी सोफे पर बैठ कर टीवी देख रही थीं. मैंने पूछा- मामा और राहुल सभी कहां गए हैं?


मामी ने बताया कि तेरे मामा को ऑफिस से फोन आया था तो वे 5 दिनों के लिए जयपुर गए हैं और राहुल नानी के साथ उनके घर चला गया है. वह कुछ दिन वहीं रहेगा. इतना सुनते ही मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैं बहुत खुश हुआ कि अब कैसे भी करके मुझे मामी को चोदना ही है.


इतना कहकर मामी बोलीं- चल अब खाना खा लेते हैं, फिर सो जाएंगे. आज मैं बहुत थक गई हूँ. फिर हम दोनों खाना खा रहे थे तो मैं बीच बीच में मामी को घूर रहा था.


मामी ने भी नोटिस कर लिया था पर उन्होंने मुझसे कुछ बोला नहीं था.


अब हम दोनों ने खाना खा लिया था. मामी किचन में अपना काम खत्म कर रही थीं और मैं रूम में चला गया था. उधर मैं मोबाइल में गेम खेल रहा था.


इतने में मामी आईं और मुझसे बोलीं- अभी मेरे हाथ पर में बहुत दर्द हो रहा है, जरा तू मार्केट से दवाई ले आ.


मैंने कहा- हां मामी, मैं अभी लेकर आया. वैसे आप कहें तो मैं आपके हाथ पैर दबा दूँ? वे बोलीं- नहीं, तू बस दवा ला दे. मैं मेडिकल स्टोर पर गया और पेनकिलर के साथ एक कामवासना बढ़ाने वाली दवा भी ले आया.


मैंने मामी को किचन से पानी में कामवासना वाली दवा मिला कर पानी का गिलास पकड़ा दिया और दवाई लेने को कहा. मामी ने दवाई ले ली और सोने चली गईं.


करीब एक घंटा बाद मामी आईं और बोलीं- अभी मेरे हाथ पैर में जान ही नहीं बची, प्लीज मेरी थोड़ी मालिश कर दो. मैं खुश हो गया और मैंने मामी की मालिश के लिए हामी भर दी.


मैंने मामी से कहा- आप लेट जाओ, मैं तेल गर्म करके ले आता हूँ.


मैं तेल गर्म करके ले आया, तो मामी ने मैक्सी पहन ली थी. मैंने मामी से औंधा लेटने को कहा.


मामी लेट गईं. पहले मैंने मामी के हाथ पर मालिश की.


कुछ देर हाथ की मालिश करने के बाद मैंने मामी से पूछा- मामी, कैसा लग रहा है? मामी बोलीं- बहुत अच्छा लग रहा है. तुम सच में बड़ी अच्छी मालिश कर लेते हो.


मैंने कहा- अरे अभी आपने अभी का कमाल देखा कहां है. अब आप कहें तो क्या मैं आपके पैरों की भी मालिश कर दूँ? मामी ने हां में सिर हिला दिया.


मैंने अपने हाथों पर थोड़ा ज्यादा सा तेल लिया और मामी की मैक्सी को उनके घुटनों तक करके पैरों की पिंडलियों की मालिश करने लगा. उनकी पिंडलियों में गांठें बन गई थीं जिनको दबवाने में मामी को बड़ा आराम मिल रहा था और वे आह आह करने लगी थीं.


मामी की मालिश करते करते मेरा लंड भी ऐसा बड़ा हो गया था मानो अभी लोवर से बाहर आ जाएगा.


फिर धीरे धीरे करके मैंने मामी की मैक्सी को थोड़ी और ऊपर कर दिया. उन्होंने भी कोई आपत्ति नहीं की.


मैं अब मामी की जांघों पर भी मालिश कर रहा था. मामी को बड़ा अच्छा लग रहा था और वे कुछ भी नहीं बोल रही थीं. वे बस आह आह करती हुई मालिश का मजा ले रही थीं.


कुछ देर बाद मैंने मामी से पूछा- मामी, आप बोलो तो आपकी कमर की मालिश कर दूँ. आपको अच्छा लगेगा. मामी ने एक बार में ही हां भर दी और कहा- जरा रुक … मैं मैक्सी ऊपर कर देती हूँ.


ये कह कर उन्होंने बिंदास अपनी मैक्सी पूरी ऊपर कर दी. हाय … वो मामी की लाल पैंटी क्या कयामत लग रही थी. मन कर रहा था कि अभी अपना मुँह उनकी चूत में घुसा दूँ … पर मैंने दवा के असर होने का इंतजार किया.


अब मैं मामी की कमर की मालिश करने लगा. मेरा हाथ उनकी पीठ तक जाने लगा था जिस वजह से उनकी मैक्सी से मेरे तेल के हाथ लग रहे थे. करीब पांच मिनट बाद मामी ने बोला- रुक एक मिनट!


मामी उठीं. तो मैं सोचने लगा कि अचानक से मामी को क्या हुआ!


मामी ने बैठ कर अपनी मैक्सी उतार दी और वापिस औंधी होकर लेट गईं.


हाय वो कातिल बॉडी मामी की, मेरी एक नजर ही उनकी ब्रा में कसी चूचियों पर जा पाई थी कि मामी औंधी होकर लेट गई थीं.


मैं मामी की पीठ तरफ से उनकी पूरी बॉडी पर मालिश करने लगा.


अब मामी भी पूरे रंग में आ गई थीं, वे बीच बीच में बोल रही थीं- अभी तूने इतनी अच्छी मालिश करना कहां से सीखा है, बहुत अच्छा लग रहा है. तूने तो मेरा सारा दर्द खत्म कर दिया.


मैंने मामी की बात काटते हुए कहा- मामी, अगर आपको मालिश में और मजा चाहिए तो आपको एक बात बोलूं, बुरा नहीं मानो तो कहूँ? मामी ने कहा- अरे अभी, मैं भला बुरा क्यों मानूंगी … तुम बोलो ना!


मैं- मामी आपकी ब्रा बीच में आ रही है. आप बोलो तो आपकी ब्रा उतार दूँ?


मामी थोड़ी देर चुप रहीं फिर उन्होंने खुद ही अपनी ब्रा को उतार दिया और सीधी लेट गईं.


दोस्तो … मैं आपको बता नहीं सकता कि मेरी मामी क्या माल लग रही थीं. अब मामी सिर्फ पैंटी में थीं.


मैंने मामी के पेट पर मालिश करना शुरू कर दिया था. मामी ने अपने दोनों हाथ अपने चूचों पर रखे हुए थे.


मैंने धीरे से मामी से कहा- मामी हाथ हटा भी दो, अब मुझसे क्या शर्माना! मामी ने आंख खोली और मुझे देख कर एक प्यारी सी स्माइल करके अपने हाथ हटा दिए.


आह दोस्तो, क्या चूचे थे यार … मन कर रहा था कि अभी मुँह लगा दूँ और खा जाऊं. फिर धीरे धीरे मैंने मामी के चूचों पर हाथ लगा दिया और उनके चूचों की मालिश करने लगा.


मामी को भी मजा आ रहा था, वे भी बीच बीच में मादक सिसकारियां भर रही थीं- हम्म्म आआह्ह!


मैं समझ गया था कि मामी अब गर्म हो गई हैं, तो हथौड़ा मार देना चाहिए.


मैंने अपना एक हाथ मामी को चूत पर रखा, जो पूरी गीली हो गई थी. ये देखते ही मैंने अपना मुँह मामी के एक चूचे पर रख दिया और उनके एक दूध को चूसने लगा.


इतने में मामी बोलीं- आहह आह्ह्म्म अभी … क्या कर रहे हो आह्ह्हह. मैं- मामी आपको प्यार कर रहा हूँ. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ मामी … प्लीज आज मत रोकना मुझे … आह.


मामी- मैं कहां रोक रही हूँ. मैं भी तुझे बहुत प्यार करती हूँ, पर तुझसे कहने में डरती थी. अभी आज मेरी प्यास बुझा दे. मैं बहुत दिनों से तड़प रही हूँ. आज जाकर अपनी चूत की प्यास बुझाने का मौका मिला है … अभी मुझे चोद दे मेरी जान.


मामी के इतना कहने पर मैं मामी पर टूट पड़ा और उनको किस करने लगा. करीब दस मिनट किस करने के बाद मैंने मामी की पैंटी निकाल फेंकी.


वाह क्या चूत थी. एकदम क्लीन शेव्ड चूत … मैंने मामी की चूत पर अपनी जीभ लगा दी. अपनी चूत पर मेरी जीभ का अहसास पाते ही मामी सिसक गईं और उन्होंने जोर से मुझे पकड़ लिया.


अब मामी से रहा नहीं गया तो मामी ने कहा- अभी, अब सहन नहीं हो रहा. मुझे चोद दे जल्दी से … मेरी आग शांत कर दे. मैंने मामी से कहा- अरे मेरी जान, इतना इंतजार किया है तो थोड़ा और इंतजार कर लो.


वह बोलीं- इंतजार ही तो नहीं हो रहा है अभी. मैंने मामी से कहा- मामी, मेरा लंड भी चूस लो एक बार.


पहले तो मामी ने मना कर दिया, फिर मेरे कहने पर वो मान गईं और बड़ी जोरदार तरीके से मेरा लंड चूसने लगीं. पांच मिनट बाद मामी बोलीं- अब तो डाल दो मेरी जान … अब रहा नहीं जा रहा मुझसे.


मैंने मामी को सीधा लेटाया और मामी की गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया. फिर मामी की चूत पर लंड सैट करने लगा. चूत की फांकें मानो खुद ही लंड के सुपारे को चूमने लगी थीं.


फांकों से गलबहियां करते ही लौड़े ने ठुमका लगा दिया और एक जोर सा झटका लग गया.


रस से भरी चूत में मेरा लंड फिसलता चल गया और एक ही बार में आधा लंड मामी की चूत में घुस गया.


मामी की जोर से चीख निकल गई. वे बोलीं- अभी तेरा बहुत बड़ा है … प्लीज धीरे करो.


मैं थोड़ी देर रुक कर मामी को लिप किस करने लगा. कुछ पल बाद वापिस एक झटका लगाया तो पूरा लंड मामी की चूत में चला गया.


मामी जोर से चीख पड़ीं- आह अभी निकाल दे … नहीं सहन हो रहा. मैंने मामी को किस करना शुरू कर दिया और मामी शांत हो गईं.


मैं धीरे धीरे अपना लंड मामी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा. अब मामी भी अपनी गांड उछाल उछाल कर मजा ले रही थीं.


थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने मामी को घोड़ी बनने को बोला. मामी फटाफट घोड़ी बन गईं और मैं पीछे से मामी को चोदने लगा.


अब मामी भी मजा ले रही थीं. वे मस्ती से ‘आह्ह्ह हम्मम आह्ह ह …’ कर रही थीं और बोल रही थीं- और चोदो मेरी जान … फाड़ दो आज मेरी चूत आआहह.


दस मिनट में मामी एक बार झड़ चुकी थीं पर मैं अभी कहां रुकने वाला था. मैं जोर जोर से Xxx मामी को चोदने लगा.


करीब दस मिनट और तगड़े झटके देने के बाद मैंने मामी से कहा- मामी, अब मेरा निकलने वाला है, कहां निकालूं? मामी बोलीं- अन्दर ही निकाल दे, मैंने ऑपरेशन करवाया हुआ है. कोई परेशानी नहीं है.


उनके इतना कहते ही मैंने पूरी ताकत से दो तीन झटके मारे और पूरा माल मामी के अन्दर ही निकाल दिया. मैं झड़ कर मामी के ऊपर ही सो गया.


मामी बोलीं- अभी, तूने मुझे इतना बड़ा सुख दिया है, जिसे मैं कभी भूल नहीं सकती. जब जब मौका मिलेगा, मैं तेरे लिए हाजिर रहूंगी.


इतना सुनते ही मैंने मामी को किस कर दिया और हम दोनों ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट कर सो गए.


अगले पांच दिन तक मैंने मामी को बहुत चोदा.


उसके बाद मामा आ गए और मैं भी अपने घर आ गया.


अब जब भी मौका मिलता है, मामी मुझे कॉल करके बुला लेती हैं और मैं मामी की चूत मार देता हूँ.


आपको मेरी देसी मामी Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज मेल करके जरूर बताएं. [email protected]


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