कज़िन बहन की सीलतोड़ चुदाई

विशाल खजूरिया

20-01-2023

241,954

देसी सेक्सी चूत चुदाई कहानी में मैंने पड़ोस में रहने वाले चाचा की कुंवारी बेटी की बुर फाड़ के चुदाई की. उसने भी अपनी पहली चुदाई का पूरा मजा लिया.


दोस्तो, मेरा नाम विशाल (बदला हुआ) है और मैं जम्मू का रहना वाला हूँ. मेरी कज़िन बहन का नाम शिखा (बदला हुआ नाम) है.


यह देसी सेक्सी चूत चुदाई कहानी उसी कज़िन बहन शिखा की है.


उस वक़्त शिखा दीदी की उम्र लगभग 21 साल की रही होगी. उनकी फिगर भी बहुत ही कमाल की थी. एकदम छोटे छोटे समोसे से नुकीले बूब्स और उभरी हुई गांड देख कर मैं बहुत बार उनको चोदने की सोचता था, पर चोद नहीं पा रहा था.


मुझे शिखा दीदी के घर रोज दूध लेने जाना पड़ता था. एक दिन चाची ने कहा- अब सुबह दूध नहीं मिल पाएगा. तू शाम को ही ज्यादा ले जाया कर!


मैंने घर पर मम्मी को बता दिया और उन्होंने शाम को दूध लेने के लिए हां कर दिया. मैं शाम को दूध लेने जाने लगा.


अब जब भी मैं उनके घर पर दूध लेने जाता था तो हमेशा काफ़ी देर तक वहीं बैठ कर दीदी से बातें करता रहता था.


उस समय दिसंबर का महीना था तो सर्दी ज्यादा पड़ रही थी.


एक दिन की बात है, मैं शाम को दीदी के घर गया था. तो दीदी ने मुझसे कहा- मम्मी अभी दूध निकाल रही हैं, तू इधर मेरे कंबल में आकर बैठ जा, बाहर ठंड है. मैं दीदी के साथ कम्बल में घुस कर बैठ गया.


मेरा हाथ उनकी टांग पर लग रहा था तो मैं गर्म हो गया. मेरा 7 इंच और 3 इंच मोटा लंड खड़ा हो गया, पजामा में लंड का उभार साफ़ दिखने लगा था.


मैंने कंट्रोल किया और अपना हाथ वहीं रोक दिया. दीदी को भी शायद मामला कुछ समझ में आ गया था मगर उन्होंने मुझसे कुछ कहा नहीं.


कुछ देर बाद चाची ने दूध लेने की आवाज लगाई तो मैंने उठ कर दूध लिया और घर पर आ गया.


अगले दिन मुझे दूध लेने दीदी के घर जाना था तो मैं जानबूझ कर जल्दी चला गया था ताकि मुझे दीदी के साथ बैठने का मौका मिल जाए. वैसा ही हुआ.


दीदी ने मुझे अपने पास बुलाया और उस दिन भी ऐसा ही हुआ.


मैंने महसूस किया कि दीदी को भी मेरे साथ बैठने में अच्छा लगता है. उनकी आंखों में वासना के डोरे मुझे साफ़ बता रहे थे कि दीदी भी चुदासी हैं.


मगर मैंने जल्दबाजी नहीं की और चाची के आवाज लगाते ही मैं दूध लेकर चला गया. उसके सात दिन बाद कुछ यूँ हुआ कि दीदी के घर के सभी लोग किसी की शादी में चले गए थे.


दीदी ने मेरे घर पर फोन करके मेरी मम्मी से कहा- आज मैं घर पर अकेली हूँ, तो विशाल को यहीं सोने भेज देना. मम्मी ने कहा- जा चला जा. तेरी दीदी घर पर अकेली है. दूध लाकर दे जाना और उधर ही सो जाना. मैं भी खुशी खुशी चला गया.


मैंने देखा कि उस दिन दीदी टी-शर्ट और पजामा में थीं और क्या गजब की माल लग रही थीं. दोस्तो मैं बता नहीं सकता कि मेरे लंड की क्या हालत हो गई थी.


दीदी ने मुझे दूध निकाल कर दिया और कहा- जा इसे घर दे आ और वापस आ जा! मैंने जल्दी से दूध का डिब्बा उठाया और अपने घर पर जाकर मम्मी को दे दिया.


मैंने मम्मी से कहा- दीदी घर आने को कह रही थीं, क्या मैं अभी ही चला जाऊं … या देर से जाऊं? मम्मी ने हामी भरते हुए उसी समय जाने की कह दी.


मैं लगभग दौड़ता हुआ दीदी के घर आ गया.


दीदी ने मुझे देख कर कहा- रोटी खाएगा या ख़ाकर आया है? मैंने कहा- खाकर तो नहीं आया हूँ, पर अभी भूख नहीं है. बाद में खा लूंगा.


उन्होंने कहा- ठीक है. चल टीवी पर फिल्म देखते हैं. हम दोनों सोफा पर बैठ कर टीवी देखने लगे.


ठंड काफी थी इसलिए हम दोनों बिस्तर पर आ गए और कंबल लेकर साथ में चिपक कर बैठ गए. इधर मुझे उनको छूने का बहाना मिल रहा था.


थोड़ी देर बाद मैं उठा और अलग कमरे में आराम करने की कह कर जाने लगा. उन्होंने कहा- अरे उधर क्यों जा रहा है … मेरे साथ में ही सो जा. अगर अकेले ही सोना होता तो मैं तुझे क्यों बुलाती.


मैंने भी ओके कहा और दीदी के पास आ गया. कुछ देर बाद फिल्म में कुछ रोमांटिक सीन आने लगा.


मैंने कहा- दीदी, चैनल बदल दो. दीदी बोलीं- क्यों? मैंने कहा- अरे इसमें कुछ वैसे से सीन आ रहे हैं. दीदी बोलीं- कैसे से सीन आ रहे हैं. आजकल ऐसे सीन तो सभी फिल्मों में आते हैं.


मैं कुछ नहीं बोला और टीवी देखने लगा. उसमें चुम्बन का सीन आने लगा तो मेरे लंड के लिए कुछ समस्या हो गई.


दीदी ने मेरी हालत समझ ली और बोलीं- क्यों क्या हुआ … कुछ हो रहा है क्या? मैंने उनकी तरफ देख कर हंस दिया.


दीदी बोलीं- हंस क्यों रहा है? मैंने कहा- कुछ नहीं, अब मैं सो रहा हूँ. दीदी ने कहा- हां, मुझे भी नींद आ रही है चल सो जाते हैं.


हम दोनों लेट गए. मुझे नींद नहीं आ रही थी. अब तक काफी रात हो गई थी.


तभी मैंने अपना एक हाथ आगे करके उनकी कमर पर रख दिया और सोने का नाटक करने लगा. उनकी तरफ से कोई जबाब नहीं आया तो मैंने हाथ उनके मम्मों पर रख दिया और हल्के हाथ से एक दूध को दबा भी दिया.


उन्होंने फिर भी कुछ नहीं बोला. अब मैं समझ गया कि लाइन क्लियर है. मैंने उनकी गर्दन पर हल्की सी किस कर दी.


उनकी तरफ से हल्की सी हलचल हुई तो मुझे लगा कि दीदी जाग रही हैं पर वो अभी तक उठी नहीं थीं. अब मैंने अपना लंड निकाला और कपड़ों के ऊपर से ही उनकी गांड पर टच किया.


चूँकि वो मेरी तरफ गांड करके सोई हुई थीं तो मुझे गांड का इलाका ही ठीक लग रहा था. कुछ देर तक मेरे कड़क लंड का अहसास लेने के बाद भी दीदी ने जब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो मैं समझ गया कि अब आगे बढ़ना चाहिए.


धीरे धीरे मैंने उनके एक हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया और खुद ही हिलाने लगा. दीदी के हाथ का स्पर्श लंड की उत्तेजना को बढ़ाता जा रहा था.


इसी बीच मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी और उनका पजामा पीछे से गीला हो गया. अभी भी मैंने उनके हाथ से लंड नहीं छुड़वाया था.


एक बार झड़ने के बाद मैंने लंड दोबारा हिला हिला का खड़ा किया और करीब 5 मिनट बाद अपना हाथ उनकी चूत तक लेकर जाने लगा.


तभी अचानक से दीदी ने मेरे हाथ को पकड़ लिया. मैं डर गया और अपना हाथ बाहर निकाल लिया, जल्दी से मैंने अपना लंड अन्दर किया और उठने लगा.


उन्होंने मुझे रोक लिया और बोलने लगीं- यह क्या कर रहा था? मैंने कहा- दीदी, वो मैं कंट्रोल नहीं कर पाया इसलिए ऐसा हो गया.


मैं दीदी को सॉरी बोलने लगा. वो बोलीं- सोने के बाद कर रहा था न … अब सामने से कर ना!


मैंने पहले तो उनकी बात को नहीं समझा और सर झुका लिया. दीदी ने मेरे लंड को हाथ से सहलाया और कहा- क्या हुआ … तेरा लंड मुरझा क्यों गया?


मैंने दीदी के मुँह से लंड शब्द सुना तो उनकी तरफ देखा. वो मुस्कुरा रही थीं और उनसे नजरें मिलते ही उन्होंने मुझे एक आंख मार दी.


मैंने जल्दी से उनको किस करना शुरू कर दिया. अब वो भी साथ देने लगी थीं.


दस मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.


उन्होंने कहा- अब ऐसे ही करेगा क्या … आगे का कुछ नहीं आता? ये सुनते ही मैंने उनकी टी-शर्ट और पजामा जल्दी से उतार दिया और ब्रा पैंटी में आ गईं.


उन्होंने मेरी पसंदीदा काले रंग की ब्रा पैंटी पहन रखी थी. मैंने जल्दी से दीदी की ब्रा उतारी और उनके एक दूध को पकड़ कर निप्पल को चूसने लगा.


यह मेरा पहला मौक़ा था जब मैं किसी का दूध चूस रहा था. क्या बताऊं दोस्तो, कितना मज़ा आ रहा था. दीदी भी मेरे सर को अपने मम्मों पर दबा दबा कर दूध चुसा रही थीं.


कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा- चूत चाटेगा? मैंने हां कहा और उनकी टांगें फैला कर चूत चाटने लगा.


मगर मुझे चूत में मुँह लगाते ही अजीब सा लगा और घिन सी आई, मैंने मुँह हटा लिया. उसने कहा- मुँह क्यों हटा लिया, चाटो न. मैंने साफ़ इंकार कर दिया. वो कुछ नहीं बोलीं.


फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और लंड देख कर चौंक गईं. आंखें फैलाती हुई बोलीं- खुद इतना सा है और यह इतना बड़ा डंक लटकाए घूम रहा है.


मैं हंसने लगा और मैंने उनको लंड चूसने के लिए कहा. उन्होंने भी मना कर दिया.


मैंने भी ज्यादा नहीं कहा क्योंकि मुझे उनकी चुदाई करनी थी. यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था.


जल्दी से मैंने उनकी चूत पर उंगली लगा कर देखा तो चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. मैंने देर ना करते हुए अपना लंड चूत पर लगाने को आगे हुआ तो वो बोलने लगीं- पहले कंडोम लगाओ.


पर उस वक़्त मेरे पास कंडोम नहीं था, तो मैंने कहा- कंडोम नहीं है. वो मना करने लगीं.


मैंने उन्हें समझाया कि माल अन्दर नहीं निकालूँगा. वो मान गईं.


मैंने अपना लंड उनकी देसी सेक्सी चूत पर रख कर थोड़ा सा अन्दर किया तो वो उठ गईं और मना करने लगीं. वो नाटक करने लगीं- दर्द हो रहा है.


मैंने थोड़ा समझाया- मुझे क्यों तरसा रही हो. कुछ देर के ड्रामा के बाद वो मान गईं और मैंने लंड रख कर थोड़ा जोर लगाया.


मेरे लंड का टोपा अन्दर चला गया. वो चीख पड़ीं और रोने लगीं. मैं थोड़ा रुक गया और उनको शांत करने लगा.


जैसे ही उनका दर्द कम हुआ, तो एक मैंने जोर का धक्का दे दिया. मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया और खून निकलने लगा. वो चिल्ला चिल्ला कर रोने लगीं.


मुझे कुछ समझ नहीं आया कि ये क्या हुआ. मैंने जल्दी से अपने हाथ से उनका मुँह बंद कर दिया और यूं ही लंड पेले पड़ा रहा.


कुछ मिनट बाद मैंने हल्के हल्के से चुदाई शुरू की. वो भी सामान्य हो गईं.


धकापेल चुदाई चलने लगी. करीब पन्द्रह मिनट बाद मैं झड़ गया और मैंने उनकी चूत में ही रस छोड़ दिया. मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि रस अन्दर नहीं छोड़ना था.


उन्होंने भी कुछ नहीं कहा. हम दोनों शिथिल पड़ गए थे.


कुछ मिनट बाद हमारे बीच फिर से चुदाई शुरू हो गई. अब वो मेरा साथ देने लगी थीं और इस बार मैंने उनके मुँह में जबरदस्ती लंड दे दिया और उनको अपना पूरा रस पिला दिया.


उनको भी बहुत अच्छा लगा. उस रात मैंने उनको 4 बार चोदा.


मैंने उनको गांड मारने के लिए भी बोला, पर उन्होंने मना कर दिया. हालांकि बाद में मैंने उनकी गांड भी बहुत बार चोदी.


अब उनकी शादी हो गई और दो बच्चे भी हैं, पर अभी भी मौका मिलने पर हम दोनों आज भी चुदाई कर लेते हैं. दोस्तो, इस तरह मैंने अपनी कज़िन बहन की चुदाई की.


यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, कोई गलती हो गई हो तो माफ़ कीजिएगा और मेल जरूर करना कि मेरी देसी सेक्सी चूत चुदाई कहानी कैसी लगी? धन्यवाद. [email protected]


Family Sex Stories

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ