छोटी चाची को सेक्स के लिए मनाया

अश्विनी 11

04-09-2022

536,466

फर्स्ट पुसी फक़ स्टोरी में पढ़ें कि मैंने कभी चूत नहीं मारी थी क्योंकि मैं शर्मीला था. मैं अपने से 7 साल बड़ी चाची को पसंद करता था. मेरी शादी होने वाली थी तब …


दोस्तो, आप सभी को नमस्कार. मैं पिछले कई सालों से इस साइट से कामुक कहानियों को पढ़ कर मजे लेता रहा हूँ, जो मुझे बहुत ही आनन्द देती हैं.


अब मैं अपनी सेक्स कहानी के साथ आपको रूबरू करा रहा हूं. मेरा नाम अनुराग है. मुख्य रूप से मैं बिहार के बक्सर जिले के एक गांव से हूं.


ये फर्स्ट पुसी फक़ स्टोरी मेरी छोटी चाची और मेरे बीच हुए सेक्स की है.


मेरे परिवार में मैं, मेरे पापा मम्मी, दो चाचा और दोनों चाची, उनके बच्चे सब साथ में रहते हैं. हम सब एक दूसरे के साथ मिल कर एक साथ खूब अच्छी तरह से खुशी खुशी रहते हैं.


मैं और मेरे बड़े चाचा सरकारी जॉब करते हैं. खेती भी अच्छी खासी है.


छोटे चाचा भी खेती के काम में पूरी तरह से लगे रहते हैं और पापा जो भी सामाजिक काम होता है, उसे देखते हैं.


दोस्तो, एक बात तो आपको माननी पड़ेगी कि काफी परिवारों में चाची-भतीजा, भाभी-देवर, बुआ-भतीजा इन सबके बीच सेक्स संबंध बन जाते हैं और ये बात छिपी रहती है.


मैं यह मानता हूँ कि ये अच्छा भी है क्योंकि घर में ही सब आसानी से हो जाता है और प्रॉब्लम भी नहीं होती है.


शहर में तो औरतें बाहर भी दूसरे मर्दों से सम्बन्ध बना लेती हैं, पर गांव में महिलाएं कहां पर जाएं. और अगर परिवार मान सम्मान वाला हो तो और भी डर रहता है.


कोई अपनी बातें बता देता है, कोई नहीं. पर सेक्स की चुल्ल होती सबके अन्दर है.


मेरी छोटी चाची मुझसे सात साल बड़ी हैं यानि कि अभी मेरी उम्र 25 है और उनकी 32 साल है.


मैं बचपन से ही शमीला और चुप चुप सा रहने वाला लड़का था इसलिए कभी सेक्स करने का मौका ही नहीं मिला. जो लड़कियां पसंद भी आती थीं, तो मैं बस उन्हें देख कर … या बहुत हुआ तो हल्की फुल्की बात करके ही रह जाता. सेक्स का मन तो बहुत करता था, पर हिम्मत नहीं थी.


मेरी बड़ी चाची मुझसे 15 साल बड़ी थीं. घर में दोनों चाची आपस में सहेलियों की तरह आपस में मजाक करती थीं.


पर मुझसे बड़ी वाली चाची ही बात करती थीं; छोटी वाली चाची कभी कभी करती थीं.


छोटी चाची की शादी 2009 में हुई थी. उनके अब तक दो बच्चे हैं, एक दस साल का और एक छह साल का.


शादी के कुछ सालों बाद जब मैं इंटरमीडएट में आया, तब मेरे मन में छोटी चाची के लिए धीरे धीरे कामुकता बढ़ने लगी.


जब भी वे कुछ करतीं, मुझे उनकी ब्रा और पैंटी का आकार कपड़ों के अन्दर से दिखता था. मैं वो सब देख कर बहुत ही उत्तेजित हो जाता था.


बस तभी से मैंने मुठ मारनी शुरू कर दी थी.


दोस्तो, मैं आप लोगो को बताना चाहता हूं कि मैंने अपनी छोटी चाची के नाम की बहुत बार मुठ मारी है.


जब भी चाची नीचे खाना बना रही होतीं, तो मैं ऊपर जाता और उनकी पैंटी और ब्रा उठाकर बाथरूम में आ जाता था और लंड से लगाकर मुठ मार लेता था और मजा ले लेता.


एक बार तो चाची की एक पैंटी, जो पुरानी हो गई थी, उसे चाची ने अलग रख दिया था; उससे मैंने इतनी बार मुठ मारी कि मैं बता नहीं सकता. ऐसे ही दिन बीतते गए.


छोटी वाली चाची भी अब मुझसे मजाक करने लगी थीं क्योंकि अब उन्हें ससुराल में आए हुए काफी समय निकल गया था और वो अच्छे से मुझे जान भी गई थीं.


उम्र के साथ मेरी भी इच्छा बढ़ने लगी थी. मैं सोचता था कि चाची को मैं किस तरह से अपनी बात कहूँ कि चाची बस एक बार मेरे साथ सम्भोग कर लीजिए पर गांड में दम ही नहीं था.


जॉब लगने के बाद हर शनिवार मैं घर आता था तो यार दोस्तों के साथ बीयर पीता था. हमारी पार्टी होती थी.


मेरा एक बहुत ही ख़ास दोस्त था किशन, उससे मेरी हर बात होती थी. एक बार जब हम सब नशे में थे, तब किशन ने मुझसे पूछा कि कोई फंसाई? तो मैंने उसे अपनी सारी फीलिंग चाची के बारे में बता दी.


किशन ने बहुत सी लड़कियां और औरतों को पटाया था, तो उसने नशे में मुझे सब बताया.


फिर मेरी बात सुनकर उसने कहा कि बीयर पीकर अपनी चाची को सब बोल दे, वो मान जाएंगी. मैंने बोला- अगर नहीं मानी तो? तब वह बोला- तब भी वह किसी से कुछ नहीं कहेंगी.


दोस्त की यह सलाह नशा उतरते ही डर के मारे खत्म हो गई.


कुछ दिन बाद जब मुझे नहीं रहा गया तो मैंने सोचा कि अब चाची से बोल देना चाहिए.


एक बार अभी कुछ दिन पहले ही रात को मैं उसी तरह शनिवार के दिन बीयर पीकर घर आया. चाची को ये बात शायद पता चल जाती थी, पर वो कुछ नहीं बोलती थीं.


जब मैं आया तो वो लोग टीवी देख रहे थे. चाची मेरे लिए खाना लेकर आईं और वहीं पर बैठ गईं.


मेरी शादी की बात चल रही थी. मैंने हिम्मत की और डरते हुए चाची से कहा- चाची मैं आपसे एक बात बोलना चाहता हूं, आप बुरा तो नहीं मानेंगी? चाची बोलीं- नहीं, बोलो?


मैंने कहा- मेरी शादी होने वाली है और मैंने अभी तक वो सब नहीं किया है. चाची बोलीं- मतलब? क्या वो नहीं किया है, साफ़ साफ़ बोलो न!


मैंने कहा- मैंने चुदायी नहीं की है. वो मेरे मुँह से इतना साफ़ सुनकर एकदम से चुप हो गईं.


मैंने बोला- बस मैं एक बार आपको चोदना चाहता हूं. वो मेरे मुँह से ये सब सुनकर हक्की बक्की रह गईं.


फिर मैंने उन्हें सब बता दिया कि मैंने आपकी पैंटी से न जाने कितनी बार मुठ मारी है. मैं आपको पसंद करता हूं, बस एक बार करने दीजिए. चाची ने कोई जवाब नहीं दिया, बस उठ कर चली गईं.


उस दिन नशे में तो मैंने कह दिया था लेकिन बाद में गांड फटने लगी कि अब क्या होगा. उस रात मुझे नींद भी नहीं आयी. रात दो बजे तक बस सोचता रहा. सारा नशा हिरन हो गया था.


सुबह उठा तो डर लग रहा था पर सब ठीक ठाक ही था. तो मैं थोड़ा सा शांत हुआ.


पर चाची को देखने पर लग रहा था कि वो थोड़ी गुस्सा हैं.


मैं बाहर जाकर किशन से मिला और उसको दो झापड़ जड़ दिए. उसने कहा- बात क्या हुई बे?


मैंने उसे बात बताई. तो उसने कहा- चल तेरा काम हो गया समझो. मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था.


उसने कहा- एक बार और बोल, फिर सब हो जाएगा. मैंने उसको गाली दी और डांटा- मादरचोद फ़ालतू बात मत कर. इज्जत का फालूदा करवाएगा.


वो हंसने लगा और बोला- मेरी बात मान ले, तेरा काम पक्के में हो जाएगा. मैं कुछ नहीं बोला और घर वापस आ गया.


उन्हीं दिनों मेरी बुआ के घर लड़के की शादी थी, तो सभी लोग बुआ के घर चले गए. बस छोटी चाची, मैं, छोटे चाचा और उनका 6 साल का बेटा घर पर रह गए थे.


उन दिनों चाचा ट्यूबबेल पर रात में सोते थे क्योंकि फसल में पानी लगाना होता था और इसी वजह से वो शादी में नहीं गए थे.


हम लोगों के यहां शादी में तिलक और बारात दो उत्सव होते हैं. तो ये तय हुआ था कि चाचा, मैं, चाची और उनका छोटा बेटा बारात में चले जाएंगे.


मैं अगले दिन शनिवार को बीयर पी रहा था. मेरा दोस्त किशन बोला कि आज तेरा काम हो जाना चाहिए.


मैंने उसकी तरफ घूर कर देखा.


उसने कहा- अबे उनसे रिक्वेस्ट करना कि घर में कोई नहीं है. उसने मुझे कंडोम भी दे दिया और कहा कि ऐसे दिखाना कि उन्हीं के लिए लिया है.


मैं घर गया. मुझे डर भी लग रहा था. उनका छोटा बेटा सोया था. चाचा ट्यूबवेल पर सोने चले गए थे.


चाची मुझे आया देख कर मेरे लिए खाना लेकर आईं. मैंने डरते डरते उनसे कहा- उस दिन मैंने कुछ ग़लत बोला था क्या? चाची ने कहा- तुम नशा करके आए हो न!


मैंने पहले तो कुछ नहीं कहा. फिर धीमे से बोला- हां. कोई गलत कर दिया क्या? चाची- मुझे क्या … मगर नशा करना अच्छी बात नहीं होती है.


मैंने कहा- ठीक है चाची, मैं आगे से कोशिश करूंगा कि नशा न करूं. चाची मुस्कुरा दीं और बोलीं- शादी के बाद तेरी दुल्हन को कितना बुरा लगेगा, जब वो ये बात जानेगी कि उसका पति नशा करता है.


मैंने कहा- ठीक है चाची. मगर आपने मेरी बात का जवाब नहीं दिया कि मैं अपनी पत्नी के साथ वो सब कैसे करूंगा? वो कुछ नहीं बोलीं.


मैंने कहा- चाची, क्या आप मेरे साथ एक बार सेक्स नहीं कर सकतीं? इस बार उन्होंने कहा- नहीं, मगर कोई बात नहीं तुमने अपने मन की बात कह दी. मुझे लगता है कि चाची भतीजे में ये सब अच्छा नहीं है.


ये सुनकर मैंने हिम्मत करके कहा- चाची, बस एक बार मान जाइए न. आपको एक बार में क्या दिक्कत होगी. उन्होंने कहा कि ये ग़लत है. कोई क्या कहेगा?


तब मैंने उनको अन्तर्वासना की चाची भतीजे की चुदाई वाली कहानियां भी पढ़ने को दीं. उन्होंने कहा- हां मैंने भी पढ़ी हैं, फिर भी तुम मेरे भतीजे हो, ये सब क्या ठीक होगा?


तब मैंने कहा- आपका मन करता है कि नहीं कि किसी अलग लंड का मजा लिया जाए. इस पर वो कुछ नहीं बोलीं.


मैंने फिर से कहा- बस आज मान जाओ चाची. घर पर भी कोई नहीं है, कल हम सब शादी में चले जाएंगे. तब चाची ने बहाना बनाया या सच में कहा- मेरा अभी कुछ दिन पहले ही पीरियड आया है, यदि तुमने नशे में कुछ कर दिया, तो मैं प्रेगनेंट हो जाऊंगी.


मैंने कंडोम निकाल कर चाची को दिखाया कि मैं आपके लिए लाया हूँ. कंडोम देख कर चाची ने कुछ नहीं कहा.


मैंने सब बताना शुरू कर दिया- आप मुझे बहुत हॉट लगती हो. मैंने आपकी पैंटी ब्रा से बहुत बार मुठ मारी है आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. चाची कुछ देर तो चुप रहीं, फिर बोलीं- ठीक है बस एक बार. वो भी बस चूत में डालना है और कुछ नहीं करने दूंगी.


मैंने कहा- ठीक है. चाची ने पेटीकोट ऊपर किया और पैंटी निकाल कर चित लेट गईं.


आप समझ सकते हैं कि वो सीन देख कर मेरा क्या हाल हुआ होगा. मेरे जीवन की फर्स्ट पुसी जो मैंने देखी. चाची की चूत खुली हुई बहुत ही सुन्दर दिख रही थी, चूत पर हल्के हल्के बाल थे.


मैंने अपना लंड निकाला. लंड पहले से ही फटा जा रहा था.


मैं ये तो नहीं कहूंगा कि मैंने चाची को खूब चोदा, उल्टा करके चोदा, उनके मुँह में दिया.


मैंने तो बस ऐसे ही चाची की चूत में लंड डाला. मैं लौड़ा चूत में डालते हुए कांप भी रहा था. चूत ले अन्दर डालने के डेढ़ या दो मिनट में ही मेरा माल निकल गया.


उनका तो कुछ नहीं हुआ था, तो मैं चुप था कि ये क्या हो गया. चुदाई के बाद मैंने चाची से एक बस बात कही- मैं आपकी चूत चाटूंगा.


उन्होंने कहा- नहीं, मैंने ये सब कभी नहीं किया. नशे की वजह से मैंने जिद की तो वो मान गईं.


मैंने उनकी चूत को करीब 3 मिनट तक चाटा तो वो भी झड़ गईं. फिर हम दोनों एक साथ ही सो गए.


ये थी मेरी सेक्स कहानी, इसमें कुछ भी ग़लत नहीं हुआ था. मैंने सच्ची घटना लिखी है. आप लोग बताना जरूर कि आपको ये सेक्स कहानी कैसी लगी.


मैंने बताया था ना कि बड़ी चाची और छोटी चाची सहेलियों की तरह थीं.


वो कहते हैं ना कि औरतों के पेट में बात नहीं पचती, तो छोटी चाची ने बड़ी चाची को सब बता दिया. फिर क्या हुआ, वो सब मैं अगली बार की सेक्स कहानी में लिखूंगा. आपको यह फर्स्ट पुसी फक़ स्टोरी कैसी लगी? [email protected]


Family Sex Stories

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ