सगे भाई से सेक्स करने की फंतासी

किशोर 38

16-07-2023

8,702

गन्दी लड़की की गीली चूत अपने सगे भाई का लंड मांग रही थी. लड़की का भी था भी हीरो जैसा! तो उस लड़की ने अपने सगे भाई को कैसे पटाया और उसका लंड अपनी चूत में लिया?


यह कहानी सुनें.


इस सेक्स कहानी का हकीकत से कोई वास्ता नहीं है. यह केवल एक फंतासी है.


मेरा नाम किरण है. मैं और मेरा भाई व मम्मी पापा घर में रहते हैं. मेरे भाई का नाम केतन है.


हम भाई बहन बचपन से साथ खेलते ही बड़े हुए हैं.


भाई ना … उफ्फ़ यार क्या बताऊं … बहुत ही हॉट एंड हैंडसम है.


वह मुझसे सात साल बड़ा है, मतलब अभी मैं 19 की हूँ और वह 26 का है. उसकी बॉडी बिल्कुल बाहुबली के हीरो जैसी है.


जब वह नहा कर बाहर आता है तो उसकी वी शेप की पानी से भीगी पीठ देख कर मेरे रौंगटे एकदम से खड़े हो जाते हैं. मेरी चूचियों के निप्पल कड़क हो जाते हैं और चूत से क्रीम निकलने लगती है.


जब हम दोनों बाजार में जाते हैं तो सारी लड़कियां उसे ही घूरती रहती हैं.


एक बार तो वह मुझे बाइक पर कॉलेज तक छोड़ने आया था, तब भी मेरी सहेलियां उसे देखकर आपस में खुसुर फुसुर करने लगी थीं.


एक ने तो मुझसे पूछ लिया था कि क्या ये तेरा बॉयफ्रेंड है! तब मुझे बताना पड़ा था कि वह मेरा भाई है.


वह सब मुस्कुरा कर उस पर कमेंट करने लगी थीं. ऐसा हैंडसम है वो!


मुझे तब बहुत ज्यादा जलन होती है जब लड़कियां उसे देखती ही रहती हैं.


लड़की का देखना तो तब भी ठीक, मगर आंटियां भी बातों बातों में उसे टच कर लेती हैं. मुझे ये सब देख कर बहुत ज्यादा जलन होती है. मैं थोड़ी सांवली हूँ, वह मुझसे बहुत ज्यादा गोरा है.


पता नहीं उसकी कितनी गर्लफ्रेंड होंगी … शायद उसने किसी लड़की की चूत भी मार ली होगी.


मैंने बहुत कोशिश की है अपने ऐसे विचारों को रोकने की, लेकिन प्रकृति के सामने मैं हर बार हार गई. मेरा कामदेव जैसा भाई जीत गया.


फिर कैसे मैंने उसे चोदने के लिए मनाया, वह बताती हूँ.


एक दिन घर में सिर्फ हम दोनों ही थे और टीवी देख रहे थे.


तभी उसमें किसिंग सीन आने लगा. भाई चैनल बदलने लगा.


मैंने कहा- यही लगा रहने दो, इसमें बुरा क्या है!


सीन ज्यादा लंबा था, तो वह इधर उधर देख रहा था. मैंने देखा तो उसका लंड पैंट में खड़ा होने लगा था.


वैसे बचपन में कभी मैं उसकी गोद में सो जाया करती थी.आज भी जान बूझकर मैंने अपना सर उसके पैंट पर रखकर सो गई.


वह भड़क गया. उसका लंड खड़ा था


मैंने कहा- क्या हुआ, पहले तो तुम ऐसा नहीं करते थे? केतन बोला- चलो बन्द करो टीवी और पढ़ाई करो.


मैं अपना सर उसकी जांघों में रगड़ने लगी और बच्चियों जैसी हरकतें करने लगी. इससे वह भन्ना गया और मुझे दूर धकेल दिया.


मैं नीचे गिर गई और फूट फूट कर रोने लगी. वह नीचे आया और मुझे बांहों में ले लिया- ओफ्फो … क्या हो गया है तुम्हें? कुछ तकलीफ हो रही है? क्या पीरियड चल रहे हैं? कुछ चॉकलेट वगैरह ला कर दूँ क्या?


हाय रे … कितना ख्याल रखता है मेरा. मैं उसकी आंखों में देख रही थी.


“केतन मैं तुमसे प्यार करती हूँ.” “क्या बात है … मैं भी तो तुमसे प्यार करता हूँ, चलो अब जाओ और पढ़ाई करो.”


मैंने कहा- तुम समझते क्यों नहीं हो. मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ. इतना कह कर मैंने उसके होंठों पर किस दे दिया.


वह दूर हट गया- ये क्या कर रही हो? ये सब शोभा देता है? हमारा रिश्ता वैसा नहीं है!


“पर मुझे अपनी टांगों के बीच में कुलबुलाती बुर में बहुत खुजली हो रही थी … शादी तक मैं इंतजार नहीं कर पाऊंगी. घर का मर्द काम नहीं आएगा तो कौन आएगा? क्यों तुम मुझे भी प्यार नहीं करते, आखिर कितनी रंडियों को तुमने वह सुख दिया है, जो मैं पाने के लिए तड़फ रही हूँ!” मैंने अपने दिल की बात को साफ शब्दों में कह दिया.


“चुप हो जाओ, ऐसा कुछ नहीं है. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. मैं कोई प्ले बॉय नहीं हूँ. वह गुस्से में था.


“अच्छा तो फिर क्यों तेरा पैंट फूल रहा है?” अब केतन हकलाने लगा- व..वह वह तो … कुछ नहीं, चलो तुम अन्दर जाओ … और आइंदा ऐसी हरकतें मत करना.


मैं धमकी देने लगी- अगर तुम मुझे प्यार नहीं करोगे, तो मैं किसी के साथ भाग जाऊंगी.


“यह क्या बोल रही हो, गैर लड़के के साथ … छी … शादी से पहले ये सब ठीक नहीं है!”


“तो फिर तुम ही मुझे संतोष दे दो ना प्लीज. मैं कभी किसी को कुछ नहीं बताऊंगी … मैं अपना सब कुछ तुम्हें देना चाहती हूँ. मैं चाहती हूँ कि तुम ही मुझे कुंवारी से औरत बनाओ.” इतना कह कर मैं अपने भाई के पैंट पर हाथ फेरने लगी.


वह बहुत ही असमंजस की स्थिति में लग रहा था.


तभी मैंने अपना टॉप उतार दिया और अपने बोबों से खेलने लगी. मेरे बोबे एकदम नर्म और रसीले हैं.


मैंने उसका एक हाथ उठा कर अपने एक बोबे पर रख दिया और कहा- क्या तुम इन्हें कभी छूना नहीं चाहते हो?


वह पिघल गया; उसके मन में भी ठरक जाग गई थी.


“ठीक है, ये बात कभी भी किसी को बताना मत. आज मैं तुम्हें जी भरके प्यार करूंगा.” यह कह कर वह मुझे किस करने लगा.


हम बचपन से एक दूसरे को जानते आए हैं इसलिए मेरी आत्मीयता अपने भाई के साथ बहुत गहरी हो गई थी.


अपनी दोनों आंखें मूंद कर मैं उसके होंठों का मजा ले रही थी. मैं उसे अपने अन्दर समा लेना चाहती थी. उसके मजबूत डोले, हाथों पर उभर कर दिखती हुई नसें, बालों से भरी हुई चौड़ी छाती, सख्त जबड़े और उसके सिक्स पैक … हाय रब्बा … सच में वह बहुत ही हॉट है.


मैं उसके सिक्स पैक पर हाथ फेरने लगी. हाय हाय कितने कसे हुए और ताकतवर थे वे … उसकी मर्दानगी का स्वाद चख लेने के लिए मैं भारी बेचैन हो रही थी.


फिर जैसे ही मैंने भाई का लंड देखा, हाय रब्बा … उसका खूँटे जैसा कड़क लंड तनकर किसी लोहे की रॉड के जैसे खड़ा हो गया था.


उसके लंड का सुपारा बहुत ही बड़ा था और लंड पर चारों तरफ फूली हुई नसों में खून दौड़ रहा था.


केतन के दो वृषण (आंड) भी काफी बड़े बड़े लटके हुए थे. वे मुर्गी के दो अंडे जैसे लग रहे थे.


मैं उसे हवस भरी निगाहों से घूर रही थी. पता नहीं, कितना वीर्य भरा होगा इन आंडों में? आज तो मैं वह सब निकाल लूँगी.


मैंने भाई के वृषण हाथ में ले कर हल्के से मसल दिए … वह आह कर उठा.


मैं उन्हें और ज्यादा दबाने लगी और अचानक से बैठ कर एक को मुँह में लेकर चूसने लगी. आह … सच में क्या मस्त अंडे थे.


उसके वृषण मुझे दीवाना बना रहे थे. मैं वह दोनों अंडे खा जाना चाहती थी. कितने नर्म और मुलायम लग रहे थे वे!


फिर मैंने लंड मुँह में ले लिया. लंड का बड़ा सा सुपारा मेरे गले तक जा रहा था.


मैं इस लंड को निगल जाना चाहती थी इसलिए उसे मैं पूरी तन्मयता से चूसने लगी. भाई के लौड़े को चूस चूस कर मैंने लार से भिगो दिया था.


अब मुझे अपनी चूत में चुनचुनी होने लगी थी तो मैंने अपने भैया से कहा- मेरी चूत चाटो ना भैया!


वह मुझे चित लिटा कर मेरी टांगें फैला कर बीच में आ गया और अपनी जीभ निकाल कर मेरी चूत चाटने लगा.


उसकी जुबान चूत पर लगते ही मैं मचल उठी और अपनी गांड उठा कर भैया के मुँह में देने लगी.


मेरे भैया मेरी चूत को किसी मलाई की प्लेट के जैसे चाट रहे थे. मुझे बहुत मजा आ रहा था.


मैं भाई का सर दबाए हुए अपनी चूत में उनके सर को घुसेड़ लेना चाहती थी. मेरी दोनों टांगें हवा में विपरीत दिशा में फैली हुई थीं.


काफी देर तक चूत चटवाने के बाद मैंने भाई से कहा- चलो भाई अब देर न करो अपना हथियार मेरी बुर में पेल दो.


उसने कहा- तुम्हें दर्द होगा. मैं सच में बहुत डर रही थी कि भाई का लौड़ा एकदम तना हुआ था और फनफनाते काले नाग के जैसा लंड बड़ा ही कातिल लग रहा था.


यह मूसल मेरी कमनीय चूत में जाकर चूत का भोसड़ा बना देगा और चूत को मसल कर रख देगा.


एक बार को तो मैं थरथर कांपने लगी.


भाई बोला- अरे डर मत … मैं दर्द जैसा कुछ नहीं होने दूँगा, बस जरा सा इंजेक्शन जैसा दर्द होगा और सब ठीक हो जाएगा.


मेरी चूत भीग गई थी. वह हौले से लंड का मुँह चूत में डालने लगा. उसने धीरे धीरे करके पूरा लंड चूत में डाल दिया और हौले हौले से धक्के मारने लगा.


लंड लेते समय मैं बहुत रोई थी और भावुक हो गई थी. मेरी चूत से खून निकलना शुरू हो गया था. हल्का दर्द भी हो रहा था मगर ये दर्द कुछ मिठास से भरा हुआ था.


अब मैं अपनी चूत फड़वा चुकी थी और कुंवारी लौंडिया नहीं रही थी.


मैंने भाई को अपनी बांहों में समेट लिया और अपनी दिल की धड़कनों को भाई के सीने में दबाने लगी.


वह भी मुझे बहुत प्यार से चूम रहा था. पूरा लंड पेलने के बाद कुछ देर तक उसने कुछ नहीं किया.


फिर जब मैंने झड़ कर अपनी मीठी सी ‘आह …’ भाई के कान में भरी तो भाई ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया.


वह मेरी चूत को फिर से चाटने लगा. थोड़ी देर बाद मैं फिर से गर्म हो गई.


अब मेरे भाई केतन ने फिर से अपना लंड चूत में डाला. इस बार उसने शुरुआत से थोड़ा जोर से चोदना शुरू कर दिया था.


मुझे अभी भी हल्का दर्द हो रहा था मगर अब वह पागल हो गया था और उसने मेरी चीख पुकार को नजरअंदाज किया और मुझे पकड़ कर जानवरों की तरह चोदने लगा.


मेरी चीख निकलने लगी. पहले मुझे बहुत पीड़ा हो रही थी, लेकिन कुछ ही देर में लंड के लगातार अन्दर बाहर जाने से मजा आने लगा.


आह … अब तो ऐसा लग रहा था कि भाई का लौड़ा मेरे पेट के अन्दर तक जा रहा था. लंड ऐसे घुस रहा था मानो कोई आग लग गई हो और वह उस आग को बुझाने का काम कर रहा हो.


मैं मस्ती से चिल्लाने लगी- आह उन्ह … हाय चोद दे भाई … आह फाड़ दे मेरी बुर.


मेरा भाई केतन जम कर मेरी चुदाई करने लगा था. उसका लंड मेरे पेट तक घुस कर मजे ले रहा था और मैं उस मजे में स्वर्ग के आनन्द में डूब गई थी.


बहुत देर तक करीब आधा घंटा बाद उसने लंड बाहर निकाला और सारा माल मेरे दोनों बोबों पर टपका दिया.


वह बुरी तरह से हांफ रहा था. इससे उसके सिक्स पैक और वृषण भी फूलते पिचकते दिख रहे थे.


हाय ये सब देखकर मैं फिर गर्म हो गई थी. मैं पसीने से भीगे अपने भैया को देख कर खुशी से रो रही थी. मैं बहुत इमोशनल हो गई थी और उसे अपना पति मान चुकी थी.


मेरी चूत अब फिर से चुदना चाहती थी. दस मिनट के बाद मैं अपने भैया केतन को फिर से किस करने लगी और लंड चाटने लगी.


उसका जवान लंड फिर से खड़ा हो गया. इस बार उस पर चढ़ कर मैंने खुद ही उसके लौड़े को अपनी चूत में डाल लिया.


वह नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर मुझे चोदने लगा और मेरी चूचियां चूसने लगा.


दूसरी बार की चुदाई में वह मुझे बहुत ज्यादा देर तक चोदता रहा क्योंकि दूसरी बार वीर्य छूटने में देर लगती है.


मैं उसे अपने दूध पिलाती हुई उसे उकसा रही थी- आह जम कर चोद ले मुझे … आज मैं तेरी ही रांड बन गई हूँ … आह.


मैं अपने भाई कि छाती पर टिक कर उसकी बगल, गर्दन, पेट हर जगह किस करने लगी. बहुत देर तक वह मेरी चूत में अपना लोहे जैसा लंड पेल कर मेरी चूत फाड़ता रहा. मेरी चूत से लगातार पानी निकलता रहा और उसके लौड़े को चिकनाई देती रही जिससे उसका लंड सटासट चूत में शंटिंग करता रहा.


उस पूरे दिन में मैंने अपने भैया को पांच बार चोद कर उसका सारा माल निकाल कर उसे ढेर कर दिया था. लेकिन मैं तब भी नहीं थकी थी.


फिर मम्मी पापा आ गए.


मुझे केतन से प्यार हो गया था. कल सुबह मैंने बहुत ही अच्छा खाना पका कर उसे खाना खिलाया और बहुत सारा दूध भी पिलाया.


मैं बस बुदबुदा रही थी- केतन, तेरा माल बहुत ही गाढ़ा और मीठा है. मैं जानती हूँ कि तू जिम जाता है और फल फूल खाया करता है, इसी की वजह से तुमने मुझे इतना ज्यादा चोद कर मजा दिया था.


तड़पने का भी अपना मजा होता है. दो सप्ताह तक हम दोनों ने चुदाई नहीं की. दो सप्ताह की तड़प के बाद मैं उससे फिर चुदी और इस बार भाई का गाढ़ा वीर्य निकला जिसे मैं निगल गई.


मैंने उससे कहा- आज से तुम रोजाना इस गन्दी लड़की की गीली चूत की प्यास बुझाया करो.


“पगली मेरी शादी हो जाएगी, तब क्या करेगी तू?” “इसी लिए तो कहती हूँ ना, जी भर के चोद लो ना मुझे भैया.”


आज मैं 21 साल की हो गई हूँ, दो साल से रोज रात को वह मुझे चोदता रहा है. साल में 365 दिन होते है, मतलब मैं एमसी के दिनों को छोड़ भी दूँ. तब भी अपने भैया से मैं सैंकड़ों बार चुद चुकी हूँ.


लॉकडाउन में तो हम दोनों एक दूसरे से दूर ही नहीं होते थे.


अब उसकी शादी हो गई है और वह भाभी को चोदता रहता है. मैं अपनी भाभी से बहुत जलती हूँ.


छुप छुप कर मैं उन दोनों की चुदाई देखा करती हूँ.


केतन भी यह जानता था कि मैं उसे चुदाई करते हुए देख रही हूँ.


अब मैं फिर से बिना लंड के हो गई हूँ. आप सब में से कोई भाई बन कर गन्दी लड़की की गीली चूत की प्यास बुझाने को मिल जाएगा तो मैं अपनी इस सेक्स कहानी को सही समझूँगी. [email protected]


लेखक की पिछली कहानी थी: आंटी की चूत की खुशबू


Family Sex Stories

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ