छोटे भाई से चूत चुदाई का मजा लिया- 2

शनाया राजपूत

22-07-2022

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हिंदी Xxxx कज़िन चुदाई कहानी में एक जवान लड़की ने चूत की गर्मी से परेशान होकर अपने छोटे चचेरे भाई का ही लंड ले लिया. आप भी मजा लें कहानी पढ़ कर!


फ्रेंड्स, मैं शनाया राजपूत आपको अपने भाई से हुई चूत चुदाई की कहानी सुना रही थी. हिंदी Xxxx कहानी के पहले भाग चचेरे भाई को सेक्स के लिए गर्म किया में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे भाई ने मेरी चूत चाट कर मुझे चुदास के शिखर पर पहुंचा दिया था.


अब आगे हिंदी Xxxx कज़िन चुदाई कहानी:


मेरा भाई मेरी चूत गीली करके उठ गया और लंड चूत पर रख दिया. मैं बोली- अबे साले, छतरी तो लगाने दे.


उसने अपना लंड चूत से मेरी नाभि के आगे तक रख दिया. मैंने उसे कंडोम दे दिया और कहा- लगाओ इसको.


उसने कहा- दीदी कंडोम बाद में लगा लेंगे, पहले चमड़ी से चमड़ी रगड़ लेने दो. मैंने भी हां कर दी.


उसने कहा- दीदी अपनी ब्रा दो. मैंने कहा- क्यों? वो बोला- दो न यार.


मैंने उसे अपनी ब्रा नीचे से उठा कर दे दी. उसने ब्रा मेरे मुँह में डाल दी.


मैंने निकाल दी और कहा- तू ज्यादा होशियार मत बन. मैं एक बार में तेरे जैसे तीन लंड एक साथ सह लूंगी. शानू बोला- सॉरी दीदी यार, आप तो नम्बर वन माल बन गई हो. आपकी ऐसी कमसिन जवानी देख कर समझ लिया था. मैंने आपकी ब्रा में अपनी मुठ भी मारी है दीदी. आपका फिगर बड़ा मस्त है. इसका साइज क्या है?


मैंने कहा- भोसड़ी के तू मुझे दीदी मत बोल … आज मैं तेरी लुगाई हूँ. तू मेरा नाम लेकर चोद मुझे. वो- ठीक है बेबी.


मैं- बाबू, जान, डार्लिंग या बोल … लेकिन दीदी मत बोलना. वो बोला- ओके जान.


मैंने कहा- मेरा फिगर कैसा लगा ये बता … साइज मत पूछ. वो बोला- मस्त माल हो जान, अब मुझे तुम ये बताओ कि कितने बार किस किस से चुद चुकी हो?


मैंने बताया- रानी दीदी के हसबैंड हैं राज जीजू … मैं उनसे बहुत बार चुद चुकी हूं. मेरे ये रसीले मम्मे और चूतड़ उन्हीं की देन हैं. जब जब मैं दीदी के यहां जाती थी, तो जीजू चोदने से पहले 100 बार मेरे चूतड़ों पर लापड़े मारा करते थे और मसकते रहते थे.


वो बोला- जान, अब तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है. मैं हूँ न … अब चुदाई शुरू करवा और मेरी देख कितना कड़क लंड है. मैं कहा- हां तो पेल न भोसड़ी के.


वो बोला- हां मेरी जान, मेरा भी बहुत मन कर रहा है. मेरी जान मेरी रंडी ये चूत इतनी गोरी और चिपकी हुई क्यों है और इस पर झांटों के नाम पर तो कुछ है नहीं है. क्या तुम्हारी चूत पर बाल नहीं आते?


मैंने कहा- नहीं रे, मैं एक साल से बिल्कुल सूखी पड़ी हूँ. थोड़ी सी झांटें ऊपर की तरफ आती हैं, तो वो मैं निकाल देती हूं. अब यार तू बकचोदी न कर … जल्दी से मुझे चोद दे न … और बना ले अपनी रांड. वो बोला- ठीक है साली बुरचोदी … अपने बूब्स पकड़ो. मुझे इनके बीच में लंड रखना है.


वो मेरे मम्मों के बीच लंड में लगा कर अपने हाथों से मेरे मम्मे लंड पर दबा कर चोदने लगा. उसके जोर से दबाने से मुझे अपने मम्मों में बहुत दर्द महसूस होने लगा था क्योंकि मेरे स्तन बहुत टाइट रहते थे.


एक चूची उसके हाथ में थी, वो चूची खींचने लगा. मैं चिल्लाई- अबे भैन्चोद साले … उखाड़ेगा क्या?


वो हंसने लगा.


मैंने उससे कहा- अब ये सिड़ीपना छोड़ मेरी जान … ये सब बाद में कर लेना. अब उठो और घड़ी देख.


घड़ी में 11.30 बज रहे थे.


मैंने जबरदस्ती उसको अपने ऊपर से उठा कर बेड पर लिटाया और एक बार लंड को मुँह ने आधा भर लिया.


मैं उसका लंड मुँह में लेकर देख रही थी कि चूत में कितना अन्दर जाएगा क्योंकि मुझे कुछ और भी करना था.


अब मैंने उससे कहा- चूत में घुसाने से पहले अपने लंड पर कंडोम लगा लो. बाद में मुझे रुकावट नहीं चाहिए. भाई बोला- जानू मुझसे नहीं बनता, तुम लगा दो. मैंने कहा- ठीक है.


मैंने एक कंडोम निकाला, वो डॉटेड था.


एक बार लंड पर जीभ घुमाई मैंने और लार टपका कर और टोपे पर कंडोम रख कर चढ़ाने की कोशिश करने लगी. वो बोला- मुँह से चढ़ाओ न यार!


मैं अपना मुँह टाइट करके होंठों की सहायता से लंड पर कंडोम चढ़ाने लगी. टोपे पर चढ़ने में थोड़ा टाइम लगा. फिर तो जैसे ही मुँह में जितना लंड घुसता गया, उतने पर कंडोम चढ़ गया.


अभी भी आधा लंड कंडोम से बाहर था. उसका मन बिना कुछ लगाए मुझे चोदने का था.


मैंने भी वही करने का सोच रही थी, लेकिन पहले सोचा कि कुछ मिनट चैक कर लेती हूँ कि गोली का असर होने लगे. उससे ये देर में झड़ेगा और तब मैं इसके लंड का माल बाहर निकलवा लूंगी. यदि अन्दर भी टपक गया तो दवा खा लूंगी.


मैंने मोबाइल एक तरफ किया और अब बारी मेरे काम होने की आ गई थी. मैंने भाई से कहा- मैं तेरे लंड के ऊपर आ रही हूँ.


मैं उठी और लंड चैक किया. उसका कड़क लंड देखने में लग रहा था कि आज चूत में घुसेगा तो सीधा पेट में जाएगा. आज पहली बार मुझे भी गोली का असर होने लगा था.


मैं आराम से उसके ऊपर आई और पैरों के बल उसके लंड के टोपे पर चूत टच किया. लंड पर कंडोम लगा था.


मैं जानती थी कि चूत की जितनी औकात होगी, उतना लौड़ा एक बार में ले लेगी.


आराम से मैं थोड़ी नीचे हुई, भाई के लंड टोपा थोड़ा सा अन्दर घुस गया. मैं लंड के मादक अहसास से नीचे आ गई. उसका टोपा पूरा अन्दर चला गया.


उसका लौड़ा जीजू के लंड से काफी मोटा था. उस पर एक साल से मैंने चूत में लंड नहीं लिया था. मुझे दर्द के डर से लंड अन्दर नहीं लिया जा रहा था. तभी मेरी जांघें खिंचने से पैरों में दर्द होने लगा.


मैंने सोचा कि झटके में बैठ कर उठ जाऊंगी. मैं झटके से अपने भाई के कड़क लंड पर बैठ गई. उसका आधा लंड चूत में चला गया. मेरी चूत चिर गई और बहुत असहनीय दर्द हुआ.


मैं जल्दी से लौड़े से उठ गई और बोली- यार, तू मेरे ऊपर आ जा. मैं लेट जाती हूँ. ऐसे मुझसे नहीं होगा और तू डालेगा तो लापरवाही से ही सही, लेकिन डाल तो देगा. उसने हंसते हुए मुझे लिटाया और डालना चाहा, लेकिन उससे नहीं बन रहा था.


मैंने अपनी गांड के नीचे एक तकिया नीचे लगा दिया. अब मेरी चूत उठ गई थी.


मैंने उसको बताया- पहले छेद देख लो और लंड सैट कर दो. फिर मैं अपने हाथ से पकड़ लूंगी. बस तू आराम से डालना.


लंड पकड़ कर मैंने चूत पर रख दिया और मुट्ठी से बांध कर पीछे का हिस्सा पकड़ लिया ताकि वो एकदम से पूरा न डाल दे. उसने कोशिश की. मैंने अपनी आंखें बंद कर ली थीं.


उसने थोड़ी सी ठेल मारी और लंड को थोड़ा अन्दर कर दिया. मुझे उसका लंड महसूस होने लगा और मैं दर्द से कराहने लगी.


तभी उसने धक्का दे दिया. मुझे पता ही नहीं चला कि कैसे मैं अपने आप ऊपर को खिसक गई.


मैं फिर से नीचे आई. उसने फिर से धक्का लगा दिया. मैं फिर से ऊपर को खिसक गई.


अब उसने ही दिमाग लगाया और मेरे दोनों पैर अपने अपने कंधों पर रख लिए और अपने दोनों हाथ मेरे गले के आजू बाजू रख दिए. वो बोला- अब खिसक कर जाओगी कहां … ले मेरी रंडी लंड खा.


ये कहते हुए उसने तेज धक्का दे दिया और उसका आधा लंड चूत को फाड़ता हुआ चला गया. मैं दर्द से सिसक उठी- उई मम्मी रे मर गई … साले आराम आराम से चोद!


वो बिना कुछ सुने लंड चूत में बाहर भीतर करने लगा. कुछ ही पल में उसने अपना लंड और अन्दर पेल दिया. अब मैं छटपटाने लगी.


उसने मेरे दोनों हाथ अपने हाथों से पकड़ लिए और जोर से धक्का दिया. इस बार उसका पूरा लंड चूत में चला गया.


मैं सिसक पड़ी और रोने लगी. उसने अपनी रफ्तार नहीं रोकी और अपनी बहन चोदने में लगा रहा. मैं रोए जा रही थी.


उसने मेरे एक गाल पर एक चांटा मारा और गाली देते हुए चोदने लगा- साली भैन की टकी … रंडी, तीन लंड एक साथ लेने की कह रही थी मादरचोद … साली से एक लंड नहीं लिया जा रहा है. मैं कुछ न कह सकी.


कुछ देर बाद मेरा दर्द अब कम सा होने लगा था. मेरी पीड़ा भरी आहें, कामुक आवाज में बदल गई थीं. मैं ‘आ आआह ईई मर गई रे …’ करती गई और शानू एक रफ्तार में चोदने में लगा था.


कभी वो मेरे स्तन जोर से मसलता तो कभी होंठों पर काटने लगता, निप्पल पर तो उसने जोर से काट ही दिया था. वो दर्द तीन दिन तक नहीं गया.


कुछ देर बाद वो मुझे उठा कर डॉगी स्टाइल में आने को बोला. मैं आ गई.


मैंने उसका कंडोम निकाल दिया और उसने पीछे से लंड डाल दिया.


अब मेरा सिर ऊपर था. शानू के हाथों ने मेरा गला थाम लिया था. मैं घुटनों के बल बैठी थी. ऊपर से मेरे भाई ने मेरे होंठों से होंठ जकड़े हुए थे, नीचे से चूतड़ों पर पच्छ पच्च की आवाज आ रही थी.


उसके लंड की चोटों से मेरी रूह तक कांप रही थी. उसे काफी देर हो गई थी.


दवा के असर से हम दोनों का रस नहीं गिर रहा था. मुझे प्यास लग आई थी. मैंने कहा- छोड़ो मुझे … दर्द बहुत हो रहा है.


कुतिया बन कर लंड लेने से मेरी चूत टाइट हो गई थी. वो फिर भी झटके दे रहा था.


चूत में एक अजीब दर्द महसूस हो रहा था जो मन में एक खुशी और आंखों ने आंसू ला रहा था. लेकिन मैं कमजोर हूँ, ये साबित नहीं कर सकती थी. मुझे थोड़ा सा वक्त चाहिए था कि सम्भल जाऊं.


मैंने शानू से कहा- मुझे पानी पीना है. वो कहने लगा- नहीं, अभी नहीं जाने दूंगा.


जैसे ही शानू ने हाथ छोड़े, मैं हिम्मत से उठी और किचन में दौड़ गई. शानू चिल्लाने लगा- साली कुतिया, किधर जा रही है.


मैंने कहा- रुक जा कुत्ते, मैं बस 2 मिनट में आ रही हूँ. वो शांत हो गया और बैठ कर लंड सहलाने लगा.


मैंने उसके मजे लेते हुए कहा- शानू चाय पिओगे क्या? तभी शानू अपने हाथ में लंड पकड़ कर किचन में आने लगा.


मैं बिना कपड़ों के किचन में खड़ी थी. कसम से उस समय मुझे बिल्कुल भी ठंडी नहीं लग रही थी.


शानू ने पीछे आकर मेरी कमर पकड़ ली और कमर को पीछे तान लिया. मैं इंडक्शन पर झुक सी गई.


उसने लंड पीछे से चूत पर रख दिया. मैंने कहा- शानू यहां नहीं, कमरे में आ रही हूँ. तुम वहीं पहुंचो.


ये मैंने कहा ही था, तब तक उसका लंड चूत में घुस गया.


मैं- आआह मर गई निकाल लो शानू … चूत दर्द कर रही है और पेट भी दर्द कर रहा है, मुझे पानी पी लेने दो. शानू नहीं रुका और बहन चोदने में लगा रहा. वो मेरे बालों को पकड़ कर मुझे चोद रहा था.


वो कभी मेरे गाल पर चांटा मारता, तो कभी चूतड़ों को और कभी स्तन मसल देता. मैं सोचने लगी कि किचन में कुछ पल रुकने के लिए आई थी, मगर साले ने इधर भी नहीं छोड़ा.


वो मुझे किचन की पट्टी पर आराम आराम से चोदने लगा.


कुछ देर बाद वो लंड निकाल कर वहीं स्टूल पर बैठ गया. उसने मुझे अपने लंड के ऊपर बिठा लिया. फिर से चुदाई शुरू हो गई. अब आधा घंटा होने वाला था.


मैं ‘आ ईईई एईई ऊऊऊऊ …’ करती रही और वो चोदता रहा. अब मैं झड़ने वाली थी.


मैंने कहा- शानू मेरी हिम्मत टूट रही है. तुम नीचे लेकर चोद लो. उसने मुझे उठाया और रूम में ले गया. वो अब मेरे एक पैर को उठा कर मेरी चूत चोदने लगा.


मैं भी उसके लंड से चुद कर ठंडी के मजे ले रही थी. मैं चिल्लाने लगी- आंह तेज कर शानू … और तेज.


इतने में शानू दम तोड़ने की सीमा पर आने वाला हो गया था. उसने कहा- मैं थक गया हूँ.


मैं समझ गई और उसको अपने नीचे करके उसके ऊपर चढ़ गई और लंड चूत में लेकर उछलने लगी. कुछ ही पल में शानू का स्खलन मेरी चूत में होने लगा.


मैंने आंखें बंद करके मुट्ठियां भींच लीं और अपनी सन्तुष्टि का अहसास करने लगी. मैं धीरे धीरे उछल कर लंड चूत में आगे पीछे करने लगी थी.


शानू मुझे पकड़ने लगा.


मैंने हाथ जकड़ कर और तेज रफ्तार कर दी. अब मैं भी पानी निकालने लगी थी. मैंने अपनी स्पीड कम नहीं की और झड़ कर उसी के ऊपर लेट गई.


शानू कहने लगा- दीदी नीचे चिप चिप हो रहा है. मैंने कहा- मैं सब साफ कर दूंगी. रुको थोड़ी … मैं बहुत थक गई हूं.


फिर मैंने उठकर पैंटी उठाई और लंड और लाल पड़ चुकी अपनी चूत को साफ किया. शानू अपने मोबाइल में पोर्न देखने लगा. मैं समझ गई कि भैन के लंड की गर्मी अभी गई नहीं है.


कुछ ही देर में उसका लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया. इस बार उसने लेटे लेटे ही एक पैर उठाया और पीछे से ही चूत में लंड पेल दिया. मैं फिर से कामुक आवाजें करने लगी.


शानू ने काफी देर चुदाई की, फिर वो थक गया. मैं उसके ऊपर आ गई और कुछ देर तक चुदाई की. फिर हम दोनों झड़ गए और वैसे ही सो गए.


सुबह शानू ने मुझसे लव यू दीदी बोला. मैंने भी लव यू टू कह कर चुदाई के लिए उसे थैंक्स कहा.


उस तरह से मैंने अपनी चूत के लिए एक लड़के की व्यवस्था कर ली थी. उसको एक दिन के लिए रुका लिया और रात में अपनी फ्रेंड को भी शानू के लौड़े से चुदवाया.


वो सब मैं अगली चुदाई कहानी में बताऊंगी.


दोस्तो, यूं तो मैं अच्छे घर से हूँ लेकिन चूत की सन्तुष्टि पाने और दिलाने के लिए सब जायज़ है.


आपको मेरी हिंदी Xxxx कज़िन चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें. [email protected]


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