मेरी पहली चुदाई मौसी के साथ- 2

विशाल 1

25-05-2023

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हॉट मौसी की गांड चुदाई का मजा खुद मेरी मौसी ने मुझे दिया. उन्होंने पूरी तैयारी के साथ मेरा लंड अपनी कसी गांड में डलवाया. उसके बाद मौसी ने डर्टी सेक्स भी किया मेरे साथ!


दोस्तो, मैं आपको अपनी सेक्स कहानी में मौसी के साथ हुई चुदाई की कहानी को बता रहा था.


कहानी के पहले भागमौसी की जवानी और मेरा पहला सेक्स में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने मौसी को चोदा तो वो झड़ गईं और उन्होंने मुझे रुकने का इशारा किया.


अब आगे हॉट मौसी की गांड चुदाई:


कुछ देर बाद जब मौसी को आराम मिल गया, तो मुझे ऊपर आने को बोल दिया. मैं उनके ऊपर चढ़ गया.


उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत में सैट करके धक्का देने को बोला. मुझे इसी पल का इंतज़ार था, मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया. उनके मुँह से चीख निकल गई.


मौसी- भोसड़ी के आराम से डाल. पहली ही चुदाई में मार डालेगा क्या? एक तो इतना बड़ा लंड है, ऊपर से चूत भी गीली है. मादरचोद अभी रुक जा, जब बोलूँ तब हिलना.


गुड्डी मौसी के मुँह से गाली सुन कर मुझे मज़ा आ गया था. पहली बार मेरे लंड ने चूत की गर्मी महसूस की थी, वो अहसास मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.


इस दौरान में उनके मम्मों से खेलने लगा. इस बार मैंने उनके होंठ चूसने के बजाए चाटने लगा.


जब उनका दर्द कम हुआ, तब उन्होंने कमर हिलाना शुरू किया और मुझे धक्के मारने को बोला. मैं भी आहिस्ता आहिस्ता धक्के मारने लगा.


कुछ देर बाद उन्होंने मुँह से ‘आह … उह …’ की आवाज निकालना शुरू कर दी और बोलने लगीं- आह और जोर से करो विशाल … और जोर से चोदो आह. मैं उनको फुल स्पीड से चोदने लगा.


मेरे हर धक्के के साथ उनके मुँह से आह की आवाज़ निकल रही थी. मैं बिना रुके लगातार दस मिनट तक धक्के लगाता रहा.


तभी उन्होंने मुझे कसके पकड़ लिया और झटके लेती हुयी फिर से झड़ गईं. उनकी और मेरी सांसें फूलने लगी थीं.


मैं थोड़ी देर रुक गया और फिर से धक्के लगाने लगा.


अब वे फिर से मेरे ऊपर चढ़ गईं … लेकिन इस बार उन्होंने मेरे पूरे बदन को अपने बदन से ढक दिया.


मौसी मेरे ऊपर लेट गयी थीं. मेरा लंड अपनी चूत में सैट करके ऊपर नीचे रगड़ खाने लगीं.


इस वक्त उनका पूरा बदन मेरे बदन से रगड़ रहा था. मैं अपने लंड को उनकी चूत में अन्दर बाहर होता हुआ महसूस कर रहा था.


मेरी गर्दन पर चलने वाली उनकी सांसें मुझे मदहोश बना रही थीं. इस समय मैं चुदाई को पूरी तरह से महसूस कर रहा था.


तभी मैं झड़ने की कगार पर पहुंच गया. तब मौसी को पता था; वे चाहतीं तो मुझे हटा सकती थीं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.


उस समय मैंने उन्हें कसके अपनी बांहों जकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से झटके देता हुआ झड़ने लगा.


मुझे अचानक से गहरी नींद आने लगी और मैं उसी पोजीशन में सो गया. कुछ देर बाद मौसी के जगाने से मैं जागा.


मौसी- कपड़े पहन लो और सो जाओ. मुझे बच्चों को बुलाने जाना है.


मैंने जैसे तैसे कपड़े पहने और सो गया.


फिर खाना रेडी होने के बाद मौसी ने खाने को बुलाया, मैं खाना खाकर फिर से सोने चला गया. उनके बच्चे भी मेरे साथ सोने लगे.


हमेशा वे दोनों पहले मेरे साथ सोते, फिर मौसा मौसी आकर उन्हें अपने साथ सोने को ले जाते. शाम के पाँच बजे मेरी नींद खुली. मौसी अपनी रूम में टीवी देख रही थीं. बच्चे वापस खेलने चले गए थे.


मौसी- आज मेरा बेटा बहुत सोया, मादरचोद कहीं का … लगता है आज मेरी गांड भी बजेगी.


मैं ये सुनकर हैरान हो गया. मैंने कहा- रात को मौसा होंगे. मौसी- उनका अभी कॉल आया था. वो दो दिन नहीं आने वाले हैं. अब इस घर में सिर्फ तुम हो और मैं हूँ.


मैं- बच्चों का क्या?


मौसी- मैं उन्हें संभाल लूँगी. तू चिंता मत कर … तू बस चोदने पर ध्यान दे. मैं- गुड्डी, सुबह मैं आपके अन्दर झड़ा था! मौसी- हां … तो?


मैं- आप पेट से तो नहीं होगी? मौसी- नहीं, अब मेरे बच्चे नहीं हो सकते. मैंने 3 साल पहले ऑपरेशन करवा लिया था. तेरा पहली बार था इसलिए मैंने तुझे पूरे मजे करवाए और मजे लिए भी.


मैं- आई लव यू गुड्डी! मौसी- आई लव यू टू विशाल.


फिर मैं धीरे से मौसी के पास जाकर उन्हें किस करने लगा. इस बार हमारा किस दस मिनट तक चला.


हम दोनों एक दूसरे होंठों को काट रहे थे और जिस्म को सहला रहे थे. मैं- मौसी, नंगी हो जाओ ना. मौसी- क्यों?


मैं- आपके बदन के साथ खेलना चाहता हूँ. आपके पूरे बदन को चाटना चाहता हूँ. मौसी- इस समय कोई आ सकता है. इसलिए अब सारा प्रोग्राम रात को … ठीक है!


मैं- लेकिन मुझे अभी चाहिए. मौसी हल्के गुस्से में बोलीं- एक बार बोला ना!


मैं डर गया और उनके बेड पर बैठ कर टीवी देखने लगा.


कुछ देर बाद वो साड़ी पहन कर बाज़ार चली गईं और मुझे घर का ध्यान रखने को बोल गईं. मैं अपने फ़ोन में पोर्न देखने लगा और एक बार मुठ भी मार ली.


डेढ़ घंटे बाद मौसी सब्जियां लेकर वापस आईं.


जब मैंने उन्हें छूने की कोशिश की, तो उन्होंने मुझे मना कर दिया और रात का इंतज़ार करने को बोला.


बाद में वे मेरे सामने ही अपने कपड़े बदलने लगीं. वे अपनी साड़ी निकाल कर नंगी होकर अपने जिस्म का दीदार करवाने लगीं.


जब मैंने पास जाकर उन्हें छूने की कोशिश की तो उन्होंने सिर्फ देखने को बोल दिया. मैं उदास हो गया. मैं अपना लंड पैंट से निकाल कर हिलाने लगा.


तभी मौसी ने नाईटी पहन ली. मैं- क्या कर रही हो मौसी? ना कुछ करती हो, ना कुछ करने देती हो. मुझसे सहन नहीं हो रहा.


मौसी- मुझे ना … तड़पाने में बहुत मज़ा आता है. फिर मौसी ने एक बार मेरा लंड हिला दिया और खाना बनाने चली गईं.


कुछ देर बाद उनके बच्चे भी खेल कर वापस आ गए. हम सब साथ में टीवी देखने लगे.


उन्होंने आठ बजे हमें खाने को बुला लिया. खाना खाने के बाद उन्होंने अपने बच्चों को अलग से दूध पिलाया और सुला दिया.


इसके बाद मौसी ने बेड के बाजू में जमीन पर एक गद्दा लगाया और बच्चों को उस पर सुला दिया. मुझे उनके उठ जाने का डर था लेकिन मौसी ने कहा- अब ये सीधे सुबह ही उठेंगे.


मैं यह सुन कर खुश हो गया और उनको जोर से गले लगा लिया. वो भी मेरा साथ दे रही थीं. इस बार मैं उन्हें जोर जोर से मसले जा रहा था.


तभी उन्होंने मुझे बेड पर लिटा कर नंगा कर दिया और अपनी नाइटी भी उतार दी. फिर नाईट बल्ब ऑन करके बेड पर आ गईं.


वे मुझसे कहने लगीं- आज की रात वो सब होगा, जो अभी तक तूने सोचा भी नहीं होगा. मैं बहुत कामुक हो रहा था.


मौसी मेरे पैरों की उंगलियों को चाटने और चूसने लगीं. वो उंगलियों के बीच अपनी जीभ भी फेरा करती थीं, वो अहसास मुझे पागल कर देने वाला था.


मेरा लंड एकदम टाइट था, फिर भी वो और ठोस होने लगा था. मुझे लग रहा था, जैसे अभी फट जायेगा. तो मैं अपने लंड पर हाथ चलाने लगा.


मौसी ऊपर की ओर आने लगीं. वे लगातार मेरे दोनों पैरो को किस कर रही थीं.


जब उन्होंने मेरी जांघ के पास किस करके चाटा तो मेरे जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई और मैं कराहता हुआ झड़ने लगा. मेरे लंड की पिचकारी मेरी छाती तक आयी.


ये देख कर मौसी मुस्कुराती हुई मेरी छाती के पास आईं और मेरा वीर्य चाटने लगीं. मैं उनके दोनों बूब्स दबाने लगा. अब मुझे बहुत हल्का महसूस हो रहा था.


फिर मौसी मेरे बगल में लेट कर मेरे निप्पल से खेलने और चूसने लगीं, साथ ही अपने एक हाथ से मेरे लंड को मुठियाने लगीं.


कुछ देर बाद मेरे लंड में फिर जान आने लगी तो मौसी मेरे पैरों के बीच में जाकर मेरे लंड को चूसने लगीं. इस बार वो ज्यादा बार टोपे को चाट रही थीं.


फिर ना चाहते हुए भी मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगी थीं. मौसी ने काफी देर तक मेरे लंड को चूसा.


मौसी- अब तक मैंने जो तुम्हारे साथ किया है, वो तुम मेरे साथ करो. देखूँ तो सही कि कितना तुम सीख चुके हो!


फिर मैंने ठीक वैसे ही उनके साथ किया. मैंने उनके पैरों की उंगलियों को चाटने से शुरुआत की, पैरों की उंगलियों को चूसने और चाटने लगा.


पहले पहल मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था लेकिन फिर मज़ा आने लगा.


मैं उनके पैरों को चाटते हुए ऊपर की ओर बढ़ने लगा. वो अपने मुँह से आवाजें निकालने लगीं.


मुझे डर लग रहा था कि कहीं कोई सुन ना ले. मैं- गुड्डी धीरे … कहीं कोई सुन लेगा तो प्रॉब्लम हो सकती है.


मौसी- आवाज़ करने का अलग ही मज़ा आता है … कोई नहीं सुनेगा. तुम अपने काम पर ध्यान दो.


फिर मैं उनकी जांघ चाटने लगा तो उन्होंने बेडशीट को बहुत जोर से पकड़ लिया. इसके बाद मैं उनकी चूत को चाटने लगा.


मैं अपनी जीभ से उनकी चूत की गहराई नापने लगा. मैं कभी उनके दाने को काट भी लेता था. इस सबसे वो सिहर जाती थीं.


मैंने अपनी एक उंगली उनकी गांड में डाल दी, जिससे उन्हें और ज्यादा मज़ा आने लगा. कुछ देर बाद वो झड़ने लगीं.


मैंने अपना सर हटाना चाहा लेकिन मौसी ने मेरा सर अपनी चूत में दबा कर रखा. मैं उनके पानी को पी गया.


मौसी ने पूरी शांत होने के बाद ही मेरे सर को छोड़ा. मेरी सांस थोड़ी फूलने लगी थी.


मौसी मुझे ऊपर खींच कर किस करने लगीं. मैं उनका साथ देने लगा और अपने दोनों हाथों से उनके बूब्स दबाने लगा. वे भी मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगी थीं.


मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था तो मैं मौसी की टांगों के बीच में आया और सीधा लंड उनकी चूत में घुसा दिया. मेरे इस वार से वे थोड़ी सरप्राइज हो गईं.


मैं उन्हें जोर जोर से चोदने लगा. इस बार उनके मुँह से सिसकारियों के बजाए चीख निकल रही थी.


मौसी- अबे जरा धीरे कर, मार डालेगा क्या?


मैंने मौसी की एक नहीं सुनी, उन्हें लगातार चोदता गया.


उनकी चूत गीली होने की वजह से कमरे में पच पच की आवाज़ आ रही थी. इस वजह से मुझे और जोश चढ़ रहा था.


कुछ देर बाद मैंने मौसी को अपने ऊपर ले लिया, वे समझ गईं कि मैं थक गया हूँ. अब वे लंड पर कूदने लगीं.


इस बार वो जल्दी थक गईं … तो मैंने फिर से उन्हें अपने नीचे ले लिया और जोर जोर से चोदने लगा.


कुछ देर बाद मौसी फिर से झड़ने को होने लगीं. मैं इस बार उनके साथ झड़ना चाहता था तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. फिर जब मौसी झड़ीं तो मैं भी साथ में झड़ने लगा.


थोड़ी देर तक मैं उनके ऊपर ही पड़ा रहा. फिर मैं उनके बगल में लेट गया और उन्हें सहलाने लगा, उनके बूब्स चूसने लगा.


फिर जब मैंने उनकी चूत को छुआ तो तो उसमें से हम दोनों के कामरस का जूस बाहर आ रहा था.


उसी समय मुझे जोर से मूत आने लगा तो मैं बाथरूम जाने लगा. मौसी भी मेरे साथ चल दीं.


मैंने पूछा, तो बोलीं- मुझे तेरा मूत पीना है. मैं- गुड्डी … ये तू क्या बोल रही है?


मुझे झटका भी लगा और साथ ही मैं रोमांचित भी हो गया था.


मौसी- अभी तो सिर्फ शुरूआत है बेटा. आगे तो और भी मजे आने वाले हैं.


यह सुनकर मैं तो एकदम से बौखला गया कि इतना सब तो हो गया … अब और क्या बाकी है. मौसी तो हवस की पुजारन निकली.


बाथरूम में घुसते ही उन्होंने वाटर हीटर ऑन कर दिया.


वे बाथरूम में टॉयलेट वाली सीट पर अपना मुँह खोल कर बैठ गईं. मैं उनके सामने आया और लंड को मुँह के सामने करके मूत ने लगा.


वे अपना पूरा मुँह मेरे मूत से भरती और एक साथ पीती. इस वजह से कुछ मूत उनके जिस्म पे भी गिर रहा था और उनके बूब्स से होता हुआ उनके चूतड़ तक जा रहा था.


मैं कभी कभी अपने मूत की धार को थोड़ा हिला देता, जिससे मूत उनके चेहरे पर फैल जाता था.


मेरा हो जाने के बाद मैंने कहा- गुड्डी, आप कितनी गन्दी हो. मौसी- चिंता मत कर भांजे, मैं तुझे भी गन्दा बना दूंगी. चल अभी फर्श पर लेट जा … मैं तेरे लंड पर मूतने वाली हूँ.


मैं बिना कुछ बोले फर्श पर थोड़ा गर्म पानी डालकर लेट गया. वो मेरे लंड पर किस करके मूतने लगीं.


उनके गर्म गर्म मूत लंड पर गिरने से बड़ा मजा आ रहा था. वो अहसास एकदम अलग था.


मैं शांत होकर सिर्फ मूत की गरमाहट महसूस कर रहा था. मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था, लेकिन साथ ही बहुत मज़ा आ रहा था.


तभी मौसी अचानक खड़ी हो गईं और मेरे पूरे बदन पर अपना मूत बरसाने लगीं. मैं उनकी बूंदों को अपने जिस्म पर महसूस करने लगा. हवस के मारे मुझे भी इन सब चीजों में मज़ा आने लगा था.


फिर वे मेरे मूत से सने लंड को चाटने लगी और साफ कर दिया.


इस तरह से उन्होंने मेरे पूरे बदन को चाट कर साफ कर दिया. मेरे लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगीं. वे गर्म हो चुकी थीं.


तभी वे बाहर चली गईं और नारियल का तेल लेकर आई. उन्होंने ढेर सारा तेल अपनी गांड के अन्दर तक लगाया और बहुत सारा मेरे लंड पर भी लगाया. मैं समझ गया कि अब उनकी गांड की बारी है.


वे धीरे धीरे मेरा लंड अपनी गांड पर टिका कर अन्दर लेने लगीं. मौसी की गांड उनकी चूत से ज़्यादा मजबूत थी. इस वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.


मौसी कभी आगे पीछे, तो कभी ऊपर नीचे हो रही थीं.


उनके झूलते हुए बूब्स को देख कर मैं उन्हें मसलने लगा. इस बार हम दोनों को देर लग गयी.


मैं आंख बंद करके चुदाई का मज़ा ले रहा था कि तभी मौसी ने मेरे ऊपर गर्म पानी फेंक दिया. इस वजह से मैं बौखला गया.


मौसी ने हंसते हुए कहा- मैं थक गयी हूँ, अभी तू थोड़ी मेहनत कर ले.


तब मौसी ने फर्श और चूत पर गर्म पानी डाला और डॉगी बन गईं. उन्होंने मुझे पीछे से अपना लंड उनकी गांड में डालने को बोल दिया.


मैंने उनके कहे मुताबिक अपना लंड धीरे धीरे उनकी गांड में डाल दिया और धक्के मारने लगा.


जब मुझे धक्के मारने में मजा आने लगा तो मेरी स्पीड बढ़ने लगी. साथ ही मौसी के मुँह से आवाजें भी तेज हो गईं. उनके मुँह से निकलने वाली आवाजें मेरा जोश बढ़ा रही थीं.


मुझे हॉट मौसी की गांड चुदाई करते हुए पांच मिनट हो गए थे.


मैं अपनी फुल स्पीड से चोदे जा रहा था- गुड्डी … आह मैं झड़ने वाला हूँ. अपना माल कहां गिरा दूँ? मौसी- मेरे अन्दर ही गिरा देना, लेकिन थोड़ी देर रुक जाओ … मेरा भी बस होने ही वाला है.


मैंने अपनी स्पीड घटा दी. मैंने काफी मुश्किल से खुद को कण्ट्रोल किया. तभी वो भी झड़ गईं और मैं भी झड़ने लगा.


मैंने बहुत जोर से पिचकारी मारी, जो उन्हें अच्छे से महसूस हुयी. फिर वे फर्श पर सीधी होकर लेट गईं, मैं उनके ऊपर लेट गया. हम दोनों हांफ रहे थे.


जब हम शांत हो गए तो एक दूसरे को अच्छे से नहलाया और बाहर आ गए. हम दोनों ने एक दूसरे के बदन को अच्छे से पौंछा. फिर बच्चों को देखा, तो वो गहरी नींद में सो रहे थे.


इसके बाद मैं और मौसी साथ में नंगे ही सो गए.


दोस्तो, हॉट मौसी की गांड चुदाई पर आप मुझे फीडबैक करना मत भूलना. मेरा ईमेल एड्रेस है [email protected]


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