मां की चुदासी जवानी बाप बेटे से चुदी- 1

अनिल तिवारी

03-05-2023

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माँ की Xxx अन्तर्वासना की संतुष्टि नहीं होती थी क्योंकि पापा ढाबे पर ही रहते थे. मेरे चाचा ने मुझे गोद ले रखा था. चाची जो मेरी माँ बन गयी थी, उन पर मेरी नजर थी.


दोस्तो, मेरा नाम अनिल है और मैं प्रयागराज में रहता हूँ. मेरे घर में मेरी बहन और मेरे पापा और मेरी मां रहते हैं.


दरअसल ये मेरे चाचा चाची हैं और मेरी बहन, मेरी चचेरी बहन है. हुआ यूं था कि मेरे माता पिता ने अपने छोटे भाई को सन्तान न होने के कारण मुझे उन्हें गोद दे दिया था. बाद में चाची के गर्भ से एक लड़की ने जन्म लिया था, जो मेरी चचेरी बहन बन कर अब मेरी सगी बहन जैसी हो गई थी.


मैं अपने चाचा चाची को माता पिता मानता हूँ और चचेरी बहन को सगी बहन मानता हूँ.


यह सेक्स कहानी मेरे और मेरी प्यासी चाची से बनी माँ की Xxx अन्तर्वासना की कहानी है.


वैसे मेरे घर में 4 लोग रहते हैं लेकिन हमारा अपना ढाबा है, तो पापा रात भर वहीं रहते हैं. मेरी बहन है तो अभी कमसिन उम्र की … लेकिन भारी चुदक्कड़ है और ना जाने कितने लौड़ों का रसपान कर चुकी है.


मेरी मां का नाम मंजू है. उनकी उम्र 45 साल की है. उनका रंग गोरा, मम्मों का साइज 36 इंच, कमर मानो कोई रसभरी नार अपनी गांड मटकाती हुई जा रही हो.


चलते वक्त मां की 40 इंच की गांड ऐसे मटकती है कि 70 साल का बूढ़ा आदमी भी उसकी चूत के लिए पागल हो जाए.


जैसा कि मैंने बताया कि मेरे पापा अक्सर ढाबे पर ही रहते हैं. वो पास रह कर भी वो महीनों तक घर नहीं आते हैं.


वैसे मेरी मां की उम्र 45 साल जरूर है लेकिन उनके कबूतरों का साइज और एकदम गोल गोल खरबूजे से मम्मे देख कर उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था.


यह बात तब की है, जब मेरी बहन एक लड़के के साथ चुदती हुई पकड़ी गयी थी. उसे पापा ने मारपीट कर मामा के यहां पंहुचा दिया था.


अब घर पर मैं और मेरी मां ही रहते थे.


मां के साथ पूरा दिन रहना, साथ में खाना पीना हंसी मज़ाक सब मां के साथ ही होता था. मेरी मां बड़ी ही खुली मानसिकता वाली हैं तो मैं मां को अपनी सारी बातें बता देता था.


एक दिन मां नहाने के लिए बाथरूम में गईं तो उसने देखा तो मैंने सरसों के तेल लगा कर अपने लंड की मुठ मारी थी और तेल वहीं छोड़ कर बाहर चला गया था. सामने की दीवार पर मेरा मुठ चिपका हुआ था जिसे मैं पानी से साफ़ करना भूल गया था.


मां ने उस टाइम तो कुछ नहीं बोला और वो नहा कर बाहर आ गईं.


एक दिन मोहल्ले की बिजली नहीं आ रही थी. बिजली गए हुए 3-4 घंटे हो गए थे.


गर्मी भयंकर थी. तभी मेरी मां ने अपनी साड़ी उतार कर एक तरफ रख दी और हाथ के पंखे से हवा झलने लगीं.


वैसे तो मेरे जैसा हर बच्चा अपनी मां को चोदना चाहता है. वही तमन्ना मेरे अन्दर भी थी, लेकिन मैं ये बात कभी चाची मां को बोल नहीं पाता था.


जब मां नहाने के लिए बाथरूम में जाती थीं तो मैं छिप कर उनकी नंगी चूत और गुलाबी मम्मे देख कर कई बार मुठ मार चुका था. उस दिन बिजली गए 5 घंटे हो गए थे और मां को नींद आ गयी थी.


कुछ देर बाद बिजली आ गयी. मैंने देखा कि मेरी मां मेरे बगल में गहरी नींद में सो रही हैं.


मैं मां को ऐसे देख कर गर्म हो गया. मुझे उनके चूचे चूसने और उनकी चूत चोदने का बहुत मन था लेकिन डर भी लग रहा था. तभी बिजली फिर से कट गयी और मैं मां के पास उठ कर बैठ गया.


काफ़ी देर तक में मां के गोरे कोमल बदन को निहारता रहा और अंतत: मैंने आपा खो ही दिया.


गर्मी के मारे मां ने अपनी साड़ी पहले ही उतार रखी थी. चाची माँ के कसे हुए ब्लाउज और आधी नंगी टांगें देख कर लंड अपने होश में नहीं था. उसे बस चूत दिख रही थी, ये नहीं दिख रहा था कि जिसकी चूत के लिए वो मरा जा रहा है, वो मेरी मां है. अजीब सी कशमकश थी.


फिर लंड की जीत हुई और मैंने मां की कमर पर हाथ रख कर उन्हें आवाज लगाई. ‘मां मां …’


मां ने कोई जवाब नहीं दिया. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.


अब मेरा हाथ मां की कमर से नीचे को सरकने लगा था और मां की चूत की तरफ जा रहा था.


मैंने जैसे ही मां के पेटीकोट के बंध पर हाथ लगाकर उसे बिना खोले ही हाथ अन्दर सरकाने की कोशिश की तो मैं असफल हो गया. मां ने पेटीकोट का नाड़ा कसके बांध रखा था.


अब मैंने आगे बढ़ने की कोशिश नहीं की और मैं उनके मम्मे को निहारते हुए लंड सहलाने लगा.


लंड की हालत बेहद नाजुक थी, कभी भी ज्वालामुखी फट सकता था.


फिर मैंने अपने एक हाथ को मां के मम्मे पर जमाया और दूसरे हाथ को मां की गांड पर रख कर मसलना शुरू कर दिया.


करीब 2 मिनट तक मैंने मां की चुची को मसला और जब देखा कि मां की तरफ से कोई विरोध नहीं है. तो मैंने धीरे से हिम्मत करके काम आगे बढ़ाना शुरू किया.


मैंने मां के ब्लाउज का एक बटन खोलने की कोशिश की. ब्लाउज में चिटकनी वाले बटन लगे थे तो खींचते ही बटन खुल गया. मैंने आगे के बटन खोलने शुरू कर दिए.


कुछ ही पलों में मैंने मां के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए. मां ने ब्रा नहीं पहनी थी. ब्लाउज के दोनों पल्ले खुलते ही मेरे सामने गुलाब से खिले दो मस्त फूल से महकने लगे थे, उन दोनों पर एक एक काला भौंरा बैठा हुआ था.


इतना मस्त नजारा देख कर मैंने मां की एक चूची को बिना कुछ सोचे मुँह में ले लिया और चूसने लगा. तभी मेरी मां की आंख खुल गयी.


मैंने डर के मारे अपनी आंखें बंद कर लीं और सोने का नाटक करने लगा.


मां ने अपना ब्लाउज बंद किया और बाथरूम में चली गईं. उधर से वापस आकर वो फिर से सो गईं.


ये देख कर मेरी अपनी मां को चोदने की तमन्ना और बढ़ती जा रही थी. तभी मैंने फिर से एक बार मां के पेटीकोट में हाथ डालने की कोशिश की. इस बार मां ने नाड़े को और कसके बांध रखा था.


थोड़ी देर बाद मैं वहां से उठ कर मां के पैरों के पास आ गया और धीरे धीरे मां के पेटीकोट में हाथ डाल कर उनकी चूत तक पहुंच गया. मैंने पेटीकोट उठा कर देखा … मेरी मां की चूत बिल्कुल साफ थी.


मैंने अपना हाथ चूत पर रख दिया और 2 मिनट तक मां के चूत के ऊपर ही सहलाता रहा.


तभी मां ने करवट बदली और मैंने हाथ निकाल लिया. कुछ देर बाद मैं सो गया.


अब मैं सिर्फ मां को चोदने के बारे में ही सोचता रहता था.


एक दिन मां नहाने गयी थीं. उन्होंने अपनी पैंटी ब्रा और साड़ी बाहर ही रख दी.


मुझसे रहा नहीं गया और मैंने मां की पैंटी उठा ली और मंजू मंजू कह कर वहीं मुठ मारने लगा.


वैसे मेरी मां काफी देर तक नहाती हैं लेकिन उस दिन वो जल्दी नहा लीं. उन्होंने दरवाजा खोला तो देखा कि उनका बेटा उनकी पैंटी लेकर अपने सवा छह इंच के लंड को हिला रहा था.


मेरी आंखें बंद थीं और मैं मदहोशी में अपने लंड को मस्ती से हिलाता हुआ मंजू मंजू कर रहा था. ये देख कर मां ने दरवाजा बंद कर लिया और वापस नहाने लगीं.


थोड़ी देर और लंड हिलाने के बाद जोश में मैंने मां की पैंटी पर माल गिरा दिया.


माल गिर जाने के होश आया तो डर लगने लगा कि मां को क्या जवाब दूँगा.


मैंने मां की पैंटी पर माल गिरा दिया था और मेरी मां ने मुझे मुठ मारते हुए देखा था, ये बात मुझे पता नहीं थी. मैं मां की पैंटी पर गिरा माल साफ कर कर उसे वहीं रख दिया और रूम में आ गया.


कुछ देर बाद मैं रूम से बाहर आया तो देखा कि मां ने कपड़े पहने हुए थे और वो अपना काम कर रही थीं.


मैंने अंदाजा लगाया कि मां ने शायद मेरे मुठ से सनी पैंटी को पहन लिया था.


मेरी मां से नजरें मिलीं तो उनकी मुस्कान मुझे कुछ कहती हुई सी लगी.


रात को मां ने आलू के परांठे बनाए थे, जो मुझे बहुत पसंद हैं. मैंने 4 परांठे खाये और आकर टीवी देखने लगा. मां भी खाना खाकर सोने चली गईं.


करीब 2 घंटे टीवी देखने के बाद मैंने सोचा कि अब मां के रूम में चलता हूँ और आज आखिरी बार कोशिश करता हूँ.


मैं मन पक्का करके मां के रूम में गया और मां को आवाज लगाई. ‘मां मां …!’


मां ने जवाब दिया- क्या हुआ? मैंने कहा- मुझे डर लग रहा है.


मां ने कहा- ठीक है, लाइट चालू करके यहीं मेरे पास सो जा. मैंने लाइट चालू कर दी और सोने का नाटक करने लगा.


कुछ देर बाद जब मां की कोई आवाज नहीं आयी तो मैंने मां के कमर पर हाथ रखा.


Xxx अन्तर्वासना के वशीभूत धीरे धीरे मैं अपना लंड निकाल कर मां की रसभरी गांड में रगड़ने लगा. करीब 10 मिनट तक लंड रगड़ते हुए मैं मां की शरीर की गर्मी में खो रहा था.


उनकी गांड से कमर, फिर पीठ और फिर उनके गुलाबी सूखे होंठ तक जा पहुंचा. मैंने लंड का टोपा मां के गुलाबी होंठों पर रखा और थोड़ा जोर लगाया. उनकी नाक से आती गर्म साँसों से मेरे लंड को भारी उत्तेजना हो रही थी.


मां ने मुँह नहीं खोला तो मैं भी मुँह के पास से हट गया.


फिर मैंने मां की गांड पर लंड सटाया और सो गया. थोड़ी देर बाद आंख खुली तो मां का मुँह मेरी तरफ था और मेरा लंड उनकी कमर के गड्डे के सामने था.


मैंने थोड़ा सा ऊपर होकर कच्छे से लंड निकाल कर मां के हाथ में रख दिया और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगा था.


तभी पापा का फ़ोन आया और मां की आंख खुल गयी. मां ने मेरा लंड अपने हाथ में देखा और पापा से बोलीं- इतनी रात को क्यों फोन किया, सब ठीक है ना?


पापा ने कहा- हां सब ठीक है. मोहल्ले में किसी के यहां चोर आ गए थे, तो हल्ले से नींद खुल गई. तो मैंने सोचा कि तुमसे बात कर लूँ. मां ने बोला- यहां सब ठीक है.


उसके बाद पापा ने फोन काट दिया मां ने फिर मेरे लंड को देखा, उनके हाथ पर लगा हुआ था.


तो मां ने पहले तो मुझे आवाज दी. मुझे पता तो सब था लेकिन सोने का नाटक कर रहा था.


फिर मां ने मेरे लंड को एक बार पूरा पकड़ कर दबाया और टोपे को सहला कर कच्छे के अन्दर कर दिया. मां ने जब मेरे लंड को पकड़ा तो ऐसा लगा मानो मैं स्वर्ग में आ गया हूँ.


फिर सुबह हुई और रात की बात याद करके मैं बाथरूम में मुठ मारने जा रहा था.


मेरे एक हाथ में मां की लाल वाली पैंटी थी और दूसरे हाथ में मां की लिपस्टिक, जिसको मां अपने होंठों पर लगाती थीं.


उसको मैंने अपने लंड पर लगा कर लाल कर लिया और ‘मंजू मंजू मेरी रंडी अपनी चूत दे दे …’ बोल कर मुठ मार रहा था. सामने मोबाइल टिका दिया और उसमें मां की नंगी फोटो देख कर पैंटी चाटने लगा और जोर जोर से लंड हिला रहा था.


तभी अचनाक बाथरूम का दरवाजा खुला. मैं पूरा नंगा था, हाथ में मां की पैंटी और लंड पर मां की लिपस्टिक लगी हुई थी. सामने मां खड़ी थीं.


मां को देख कर मैंने अपने हाथों की रफ़्तार बंद कर दी और हाथ में लंड पकड़े खड़ा रहा. उसी समय लंड ने अपनी जात दिखा दी और पिचकारी मार दी.


मेरे लंड का पानी मां की पैंटी पर आ गिरा. मां की पैंटी मेरे माल से गीली हो गई.


सामने खड़ी मेरी मां ये सब देख रही थीं. मां ने धीमे से बोला- तेरे पापा आ रहे हैं.


मैं डर गया और मां के पैरों में गिर गया.


मैं माफ़ी मांगने लगा- मुझसे गलती हो गई मां … माफ कर दो. पापा को कुछ मत बोलना … अब नहीं करूंगा. मां ने कहा- हम्म … तेरे मामा भी आ रहे हैं, नहा कर तैयार हो जा!


इतना कह कर मां चली गईं. मैं जल्दी जल्दी नहा कर तैयार हो गया, फिर डरते हुए अपने रूम मैं जाकर सो गया.


रात को करीब 10 बजे पापा आए. पापा मामा और मेरी मम्मी सब बाहर मेरा इंतजार कर रहे थे.


काफी देर हो गई थी. मैं डर के मारे बाहर नहीं निकल रहा था.


तभी मां मेरे कमरे में आयी और बोलीं- अनिल बाहर चल!


मैंने रोकर कहा- मां माफ कर दो, पापा को मत बताना. मां ने मुस्कुराते हुए कहा- अरे पागल, आज तेरा जन्मदिन है.


जब मां ने कहा तो मुझे ध्यान आया कि आज तो मेरा बर्थडे है.


फिर एकदम से मैंने कैलेंडर देखा तो सामने 14 फ़रवरी का दिन था. मैं अब बाहर आया.


मां ने केक बनाया था. मैंने केक काटा और सबने केक खाया.


उस रात को ही मामा वापस चले गए. पापा भी ढाबे पर चले गए.


अब घर में मैं और मेरी मां ही रह गए थे. मां ने मुस्कुराते हुए कहा- बोल क्या गिफ्ट चाहिए तुझे? मैंने कहा- बस आप पापा को मत बोलना और कुछ नहीं चाहिए.


मां ने कहा- नहीं कहूँगी … कहना होता तो तभी बोल देती, जब तूने मेरे ब्लाउज का बटन खोला था और बाथरूम में नहाते हुए देख कर मुठ मारता था.


मां की बात सुन कर मैं चौंक गया. फिर मैं अपने रूम में आ गया.


थोड़ी देर बाद मां अन्दर आईं और बोलीं- मेरे बेटे आज तेरी मां अपनी गद्देदार जवानी तुझे गिफ्ट में दे रही है.


मैं जब तक मां की बात समझ पाता कि तभी मां ने अपनी साड़ी खोल दी और मेरे होंठों को अपने होंठों को लगा दिया. तो मैं भी मां को चूमने लगा.


दोस्तो, अब आगे क्या हुआ वो मैं अपनी माँ की Xxx अन्तर्वासना कहानी के अगले भाग में लिखूंगा. आप मुझे मेल कीजिएगा. [email protected]


माँ की Xxx अन्तर्वासना कहानी का अगला भाग:


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