गर्मी की रात में मम्मी पापा की मस्ती

तेमन सिन्हा

31-07-2022

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मॉम डैड सेक्स वोयूर स्टोरी में पढ़ें कि मैंने अक्सर अपने मामी पापा को चुदाई करते देखा है. वे दोनों बहुत गर्म हैं और सेक्स के बड़े शौकीन हैं. उनकी चुदाई का आँखों देखा हाल पढ़ें.


दोस्तो, मेरा नाम कुमार है। मेरी उम्र 25 साल है और मैं रायपुर से हूँ।


ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है और मेरी आंखों देखी घटना है।


मॉम डैड सेक्स वोयूर स्टोरी कुछ साल पहले की है जब हम छोटे घर में रहते थे और सब साथ में एक ही कमरे में सोते थे। उस वक्त मैं 19 साल का ही हुआ था।


हमारे पास कूलर भी एक ही था, और दो बेड थे जो आपस में सटे हुए रहते थे। एक बेड पर मम्मी-पापा और एक पर मैं सोता था।


मेरे पापा नौकरी करते हैं और मां घर पर रहती है। पापा के बारे में बता दूं कि वो बड़े रोमांटिक किस्म के आदमी रहे हैं।


अब मैं असल घटना पर आता हूं।


एक रात की बात है जब मैं गहरी नींद में सो रहा था तो चूड़ियों की हल्की आवाज से अचानक मेरी नींद खुल गई. और मैंने पाया कि पापा और मम्मी बहुत धीमी आवाज में कुछ खुसर-फुसर कर रहे थे।


कमरे की लाइट बंद थी लेकिन बाहर से हल्की रोशनी आ रही थी जिससे सामने वाले की हरकत का पता लग रहा था।


मेरे पापा मम्मी के जिस्म पर हाथ फिरा रहे थे। मम्मी बार बार उनके हाथ को हटा रही थी।


फिर पापा उनका हाथ पकड़ कर लंड पर ले गए और बोले- देखो कैसे तना हुआ है, बहुत मन कर रहा है। मुंह में लो ना प्लीज!


मम्मी पहले तो मना करती रही लेकिन फिर पापा की चड्डी उतार कर लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। फिर कुछ देर लंड चूसने के बाद पापा ने मम्मी को ऊपर आने के लिए कहा और वो दोनों एक दूसरे ऊपर लेटे हुए किस करने लगे।


अब पापा मम्मी का ब्लाउज खोलने लगे। उन्होंने ब्लाउज खोल दिया और मॉम के 36 के चूचों को हाथ में लेकर दबाने लगे।


फिर उन्होंने पेटीकोट भी खोल दिया और मम्मी अब पूरी नंगी हो गई जबकि पापा पहले ही नंगे हो चुके थे। पापा ने उनको बेड पर लिटा लिया और गांड के नीचे तकिया लगा कर उनकी टांगों को फैला लिया।


वो मम्मी की चूत पर हाथ फिराने लगे और फिर उसको जीभ से चाटने लगे। मॉम आह्ह … आह्ह … करने लगी।


एक दो मिनट के बाद ही मम्मी भी पूरी मस्ती में आ गई और पापा के सिर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी।


चूत चाटने के बाद वो उठे और फिर उनकी चूत में उंगली से चोदने लगे। मम्मी और भी ज्यादा गर्म होने लगी।


वो कसमसा रही थी और बार बार अपनी चूचियों पर हाथ फिरा रही थी। कुछ देर ऐसे ही करने बाद पापा ने उनकी टांगें चौड़ी फैलाते हुए लंड को उनकी चूत पर टिका दिया।


फिर एक धक्के के साथ लंड मॉम की चूत में उतार दिया। अब धक्कापेल चुदाई शुरू हो गई। अब पापा मजे लेते हुए मम्मी को चोदने लगे।


मॉम को भी चुदते हुए पूरा मजा आ रहा था और वो हल्के हल्के सिसकार रही थी; अम्म … आह्ह … स्स्स … करते हुए मॉम पापा का पूरा साथ दे रही थी और उनसे लिपटने की कोशिश कर रही थी।


इस पोजीशन में कुछ देर चोदने के बाद पापा ने उनको घोड़ी बना लिया और पीछे से उनकी चूत में लंड को पेल दिया। वो तेजी से मॉम को घोड़ी की पोजीशन में चोदने लगे। मम्मी की चूत फूली हुई सी दिख रही थी।


मॉम डैड सेक्स देखते हुए अब तक मेरा लंड भी फटने को हो गया था। मैं धीरे-धीरे … बहुत कम हरकत करते हुए अपने लंड को दबा रहा था।


मेरी नजरों के सामने पति-पत्नी की लाइव चुदाई चल रही थी। मम्मी-पापा की चुदाई पहली बार देखने का मौका मिल रहा था मुझे और इतनी उत्तेजना हो रही थी कि कंट्रोल नहीं कर पा रहा था।


फिर पापा ने उनको पीठ के बल लेटाकर उनकी टांगों को हाथों में थाम लिया और तेजी से धक्के मारने लगे।


अब कमरे में पट-पट की आवाज भी होने लगी लेकिन वो दोनों सावधानी भी बरत रहे थे और बहुत कम आवाज करने की कोशिश कर रहे थे।


पापा के चोदने की स्पीड अब बहुत तेज हो गई थी और फिर चोदते हुए वो एकदम से थम गए। शायद पापा का वीर्य चूत में निकल गया था। मम्मी ने पापा को अपने ऊपर जकड़ लिया था और टांगें उनके चूतड़ों पर लपेट ली थीं।


वो मम्मी के ऊपर लेटे थे और उनका लंड अभी भी चूत में ही था जिसका मम्मी पूरा मजा ले रही थी। फिर पांच मिनट के बाद वो अलग हुए और मम्मी बाथरूम में चली गई; शायद चूत की साफ सफाई करने गई थी।


फिर वो वापस आई तो पापा चले गए और कुछ देर बाद तौलिया लपेट कर आए।


वो पानी पीने लगे और मॉम को भी पानी के लिए पूछने लगे। दोनों ने पानी पीया और फिर बेड पर आराम से लेट गए।


मॉम पापा की छाती पर सिर रखकर लेट गई और पापा मॉम की चूचियों को सहलाने लगे. उधर मम्मी ने उनके लंड को तौलिया के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया।


मैंने अब तक अपने पेशाब को भी रोक कर रखा हुआ था। फिर मैंने नींद से उठने का नाटक किया और सीधा बाथरूम की ओर जाने लगा।


वो दोनों अलग होकर लेट गए। फिर मैं वापस आकर लेट गया। मैं देख पा रहा था कि पापा का लंड तौलिया में फिर से खड़ा हो चुका था और वो दोनों अब शायद मेरे सोने का इंतजार कर रहे थे।


कुछ देर बाद पापा उठे और बाहर चले गए। मैंने देखा कि दो मिनट के बाद मॉम भी चली गई।


सामने हमने गेस्ट के लिए सोफे डाले हुए थे। उस जगह को हम हॉल की तरह इस्तेमाल करते थे।


मॉम ने जाते टाइम रूम का दरवाजा हल्के से ढाल दिया लेकिन पूरा बंद नहीं किया। मैं जान गया था कि चुदाई का एक और राउंड होने वाला है।


जब वो लोग 2 मिनट तक वापस नहीं आए तो मैं धीरे से उठा और दरवाजे के पीछे खड़ा होकर सावधानी से बाहर झांकने लगा।


पापा मम्मी के ऊपर पड़े थे और उनके होंठों को चूस रहे थे। मॉम भी पूरा साथ दे रही थी।


मैं हैरान था कि इस उम्र में भी इतनी प्यास लगती है इन दोनों को! नीचे से पापा का हाथ मॉम की चूत पर चल रहा था।


फिर वो उठे और मॉम की टांग को सोफे पर चढ़ा दिया। अब उनकी एक टांग नीचे लटक रही थी और एक ऊपर सोफे पर चढ़ी थी जिससे उनकी चूत खुल गई थी।


ऐसा सीन मैंने पोर्न फिल्मों में ही देखा और आज लाइव देख रहा था। पापा ने मॉम की चूत में उंगली दे दी और तेजी से चलाने लगा।


जल्दी ही मॉम की सिसकारियां निकलने लगीं। बीच-बीच में पापा मॉम की चूत में जीभ से चोदने लगते थे जिसके कारण मॉम की सिसकारी निकल जाती थी। फिर वो और तेजी से हाथ को चलाने लगे।


इधर मैं भी दरवाजे के पीछे खड़ा हुआ लंड की मुठ मारने लगा। अब पापा की स्पीड और तेज हो गई।


फिर एकदम से उन्होंने मॉम की चूत में मुंह लगा लिया और वो उनके सिर को चूत में दबाने लगी। मॉम की चूत का पानी निकल गया जिसके बाद वो शांत हो गई और पापा उनकी चूत का सारा पानी चाट गए।


फिर पापा ने उनकी चूत में लंड को लगा दिया और अंदर घुसा दिया और मॉम से बोले- मेरी गर्दन में हाथों का घेरा बना लो। मॉम ने वैसा ही किया।


पापा ने उनको पीठ से और एक टांग से उठाते हुए ऊपर उठा लिया। अब मम्मी पापा की गोद में थी और उनका लंड चूत में घुसा हुआ था।


पापा झूला झुलाते हुए मम्मी को ऐसे ही गोद में चोदने लगे। वो नजारा देखने लायक था।


मेरे मम्मी-पापा इतने रोमांटिक होंगे, मैं सोच भी नहीं सकता था।


वो तेजी से झटके लगा रहे थे और उनका लंड मॉम की चूत में भीतर तक चोद रहा था। मामी उनको उतारने के लिए कह रही थी लेकिन पापा लगातार ठोक रहे थे।


दो मिनट ऐसे ही हवा में चोदने के बाद पापा ने उनको फिर से सोफे पर लिटा दिया। मम्मी ने खुद टांगें फैला दीं क्योंकि वो समझ गई थी कि पापा अब रुकने वाले नहीं हैं।


लेकिन पापा ने लंड उनकी चूत में नहीं बल्कि मुंह में दे दिया। वो मॉम के मुंह को चोदने लगे।


मॉम की सांस फूल रही थी लेकिन फिर भी वो लंड को मुंह में अंदर तक लिए जा रही थी। इतने सालों से लंड चूसते हुए मॉम लंड चुसाई में एक्सपर्ट हो गई थी शायद!


काफी देर तक मुंह को चोदने के बाद पापा ने उनको उठाया और खुद नीचे जा लेटे।


अब मॉम ने टांग उठाते हुए अपनी गांड उनकी जांघों पर रखी और लंड को चूत में लेते हुए बैठ गई। मॉम ऊपर से धक्के लगाने लगी जैसे पापा को चोद रही हो।


मम्मी की मोटी-मोटी चूचियां अब पूरी उछल रही थीं।


ये नजारा देखकर मेरे लंड में और ज्यादा उत्तेजना होने लगी। मैं और तेजी से मुठ मारने लगा।


इसके दो-चार मिनट के बाद पापा उठे और फिर खुद मॉम को नीचे पटकते हुए उनकी चूत में लंड पेल दिया; अब तेजी से उनकी चूत में धक्के लगाने लगे। अब मॉम हल्के से कराहने लगी।


पापा लगातार जोरदार घमासान चुदाई किए जा रहे थे। मॉम भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और मस्ती में लंड को लेते हुए चूचियां पापा को पिला रही थी। दोनों जैसे भूल ही गए थे कि मैं भी घर में हूं।


उनकी चुदाई की मस्ती ऐसी थी कि अगर मैं उनके सामने चला भी जाता तो वो चुदाई नहीं रोकते।


अब मुझे हर धक्के के साथ पच-पच की आवाज भी सुनाई दे रही थी जिससे मेरे लंड में बिजली सी दौड़ जाती थी।


लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद पापा के लंड ने माल छोड़ दिया, जिसका संकेत मुझे इस बात से मिला कि उनकी गति एकदम से रुक गई और वो वहीं पर मॉम के ऊपर निढाल हो गए।


कुछ देर तक वो दोनों ऐसे ही पड़े रहे।


मेरा माल भी निकल चुका था।


फिर वो दोनों उठकर बाथरूम में चले गए और मैं भी वहां से हट गया।


थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि पापा तौलिया लपेटे हुए अंदर आए और आकर बेड पर लेट गए। उनके कुछ देर बाद मॉम भी आई गई और वो भी आराम से लेटकर सोने लगी।


फिर मुझे भी नींद आ गई।


इस तरह से उस रात मैंने पहली बार मम्मी-पापा की चुदाई देखी। मुझे शुरू में अजीब लगा था लेकिन फिर सोचा कि पति-पत्नी तो चुदाई करते ही हैं। सबको जीवन साथी चाहिए होता है और सबको चुदाई करने का मन करता है।


उस दिन के बाद से मैं अक्सर कोशिश करता कि मुझे उनकी चुदाई देखने को मिल जाए।


एक बार तो मैंने पापा के फोन में मम्मी की बिकनी वाली फोटो भी देखी। लेकिन वो रोजाना चुदाई नहीं करते थे।


कई बार वो ऊपर वाले रूम में चले जाते थे। मैं भी समझ जाता था कि आज चुदाई होने वाली है। फिर मैं भी चुपके से उनके पीछे पहुंच जाता था और उनकी चुदाई देखा करता था।


उनकी चुदाई देख-देखकर मैंने भी काफी कुछ सीखा। कई बार तो वो दोनों बाथरूम में झांट भी शेव किया करते थे। सुबह उठकर जब मैं बाथरूम में जाता तो झांटों के काफी बाल मिलते थे।


फिर एक दिन की बात है कि दोपहर का समय था, मैं बाहर से आया था। घर मम्मी नहीं दिख रही थी।


पापा तो काम पर थे और मैं सोचने लगा कि मॉम कहां चली गई। फिर मैं ऊपर गया तो रूम अंदर से बंद था लेकिन खिड़की खुली थी। मैंने सावधानी से अंदर झांका तो मॉम मोबाइल में पोर्न देखते हुए अपनी चूत में उंगली चला रही थी।


फोन से पोर्न फिल्म में होने वाली चुदाई की आह्ह … आह्ह … की आवाज आ रही थी और मॉम मस्ती में अपनी चूत में उंगली किए जा रही थी। यह देखकर मैं भी मुठ मारने लगा और मेरा पानी निकल गया और मैं जल्दी से नीचे आ गया।


अब मुझे भी चुदाई का पूरा ज्ञान हो गया था। मैं कोशिश में रहता था कि उन दोनों की चुदाई देखने को मिल जाए। मुझे इसमें बहुत मजा आने लगा था।


उसके बाद भी मैंने कई बार उनकी चुदाई देखी।


फिर जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ तो उनका सेक्स भी कम होने लगा। कभी उनकी चुदाई होती भी थी तो मुझे पता नहीं लग पाता था।


तो दोस्तो, आपको मेरे मम्मी पापा की चुदाई की कहानी कैसी लगी। मुझे बहुत मजा आया उस रात उनकी चुदाई देखने में!


आप भी अपनी राय इस बारे में दें। कहानी के नीचे दिए कमेंट्स बॉक्स में अपनी राय देना न भूलें।


मैं आपको और भी कामुक सेक्स स्टोरी बताना चाहता हूं इसलिए मुझे मैसेज करके जरूर बताएं।


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