मेरी सेक्सी दीदी का अधनंगा जिस्म

आरव चारू

29-12-2023

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न्यूड सिस्टर हॉट स्टोरी में मैं दीदी के साथ बाइक पर था. हम रास्ते में बारिश में भीग गए। हम एक सुनसान जगह पर एक स्कूल में घुस गए। फिर वहां जो हुआ वो मैंने कभी नहीं सोचा था।


दोस्तो, कैसे हो आप लोग! मेरा नाम आरव है, मैं 21 साल का हूं और रुड़की से हूं।


मैं आपको अपनी सेक्स घटना बताने जा रहा हूं। यह कहानी मेरे और मेरी दीदी के बीच हुई एक रोमांचक सेक्स घटना पर आधारित है।


तो बिना देर किए शुरू करते हैं।


मेरी दीदी का नाम चारु, उम्र 30 साल है। उनकी शादी 2015 में ही हो गई थी जो कि लव मैरिज थी।


जीजाजी का नाम ऋषि है, उम्र 31 साल है। उनका एक 5 साल का बेटा भी है। दीदी, जीजाजी और उनका बेटा तीनों साथ में देहरादून में रहते हैं।


जीजाजी के मां-पापा अपने पुश्तैनी गांव में ही रहते हैं अपने संयुक्त परिवार के साथ।


यह न्यूड सिस्टर हॉट स्टोरी कुछ दिनों पहले की है। जीजाजी के चाचा का किसी बीमारी का ऑपरेशन हुआ था और वे अपने गांव जा रहे थे उनसे मिलने!


लेकिन उनका बेटा भी ज़िद करने लगा कि साथ में वो भी जाएगा।


तो फिर जीजा और दीदी मान गए और वो दोनों अपने गाँव के लिए निकल गए, जो देहरादून से 25 किमी दूर था। दीदी अकेली रह गई देहरादून वाले घर पर।


दीदी को हरिद्वार आना था एक क्लाइंट का घर देखने! वे इंटीरियर डेकोरेशन का काम करती थी।


दीदी ने मुझे देहरादून बुलाया ताकि मैं उनके साथ क्लाइंट से मिलने जा सकूँ।


अगले दिन सुबह 7 बजे मैं दीदी के घर पहुंच गया। दीदी काफी खुश हुई और गले लगा कर मुझे माथे पर एक किस किया। मैं दीदी का लाडला भाई हूं।


फिर कुछ देर बाद दीदी को हरिद्वार के लिए निकलना था। हम दोनों तैयार होने लगे।


दीदी तैयार होकर आई तो कमाल लग रही थी। उन्होंने नारंगी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। मेरी आंखें बार बार दीदी के बदन पर टिक जाती थीं।


बता दूं कि दीदी का फिगर 34-26-34 है। बच्चा होने के बाद भी दीदी ने सेक्सी फिगर मेंटेन करके रखा हुआ था।


दीदी का रंग भी दूध सा गोरा है, जरा सी धूप में वो काली पड़ जाया करती थी।


मेरी दीदी एक्ट्रेस तमन्ना के जैसी लगती है। फिगर ऐसा है कि मुर्दे का लंड भी खड़ा कर दे। दीदी की साड़ी में उसकी नाभि चमक रही थी।


ब्लाउज थोड़ा ढीला था जिसके कारण दीदी की चूचियों के निप्पल भी चमक रहे थे। क्लीवेज का नजारा भी मुझे मिल रहा था। देख देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था।


फिर मैंने खुद को ही गाली दी कि कैसा गंदा आदमी हूं मैं जो अपनी ही दीदी के बारे में ऐसे गंदे ख्याल ला रहा हूं मन में! इसलिए मैंने दीदी के सेक्सी बदन से ध्यान हटाकर अपने आप को काम में व्यस्त रखना ही ठीक समझा।


हम 9 बजे घर से निकल गए। 12 बजे दीदी की मीटिंग थी।


हम 2 बजे वहां से फ्री हो गए। जैसे ही हम वापस घर के लिए निकले तो तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई।


हम दोनों बाइक से जा रहे थे और दो मिनट में ही पूरे तर-बतर हो गए। हाईवे पर थे तो हमें कोई रुकने की जगह भी नहीं मिल रही थी। कुछ ही देर में हमारे बदन कांपने लगे।


दीदी बोली- कुछ देखना पड़ेगा, ठंड बर्दाश्त नहीं हो रही है।


दो मिनट के बाद एकदम से बिजली कड़की और दीदी एकदम से मेरे बदन से लिपट गई।


एक तो ठंड लग रही थी और ऊपर से दीदी डर गई थी। इसलिए उसने कसकर मेरे बदन को भींच लिया था। दीदी के चूचे मेरी पीठ पर सट गए थे। उनकी चूचियों के कड़े निप्पल मुझे महसूस हो रहे थे पीठ पर।


हम चिपके हुए ऐसे ही चलते रहे। मेरा लंड खड़ा हो चुका था।


दीदी ने मेरी जांघ पर हाथ रखा हुआ था और मेरे लंड से वो कुछ ही इंच की दूरी पर था।


मन करने लगा था कि दीदी बस मेरे लंड को पकड़ ले तो मजा आ जाए।


फिर दीदी ने एकदम से आवाज दी कि सामने स्कूल है। मैंने देखा तो हाईवे से नीचे एक स्कूल बना था।


हम वहीं जाने लगे … स्कूल में घुस गए हम भागकर!


स्कूल काफी सुनसान था तो वहां डर भी लग रहा था. लेकिन हमें बहुत ज्यादा ठंड लग रही थी और सिर छुपाने के लिए कोई जगह चाहिए थी इसलिए हमारे पास कोई और चारा नहीं था।


जब मैं थोड़ा नॉर्मल हुआ तो मेरा ध्यान दीदी के बदन की ओर गया। देखकर मेरी आंखें फैल गईं।


दीदी की साड़ी बदन से चिपक गई थी और जिस्म का कोना कोना उसमें चमकने लगा था। छाती पर चूचियों की शेप साफ नजर आ रही थी।


पीछे दीदी की गांड में उनकी साड़ी चिपक गई थी और गांड के दोनों पहाड़ साफ शेप में उभर आए थे। चलते हुए दीदी बार बार गांड में से साड़ी को खींचकर निकालने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो फिर गांड में चिपक जाती थी।


दीदी की पैंटी भी उसमें अब पता चल रही थी जो लाल रंग की थी। फिर पता नहीं एकदम से दीदी का पैर फिसला क्योंकि ग्राउंड में पानी भरा था और वो धड़ाम से गिर पड़ी।


मैंने दौड़कर दीदी को उठाया। जब मैं उठा रहा था तो दीदी के गिरे हुए पल्लू के कारण उनकी चूचियां साफ नजर आ रही थीं, जैसे ब्लाउज से बाहर निकलने को मचल रही हों।


इतनी गोरी चूचियां मैंने अब तक पोर्न फिल्मों में ही देखी थीं।


मैंने अपने किरायेदार की बेटी की चुदाई, और अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई भी कई बार की थी. लेकिन दीदी के सामने ये दोनों ही फेल थीं।


गिरने के कारण दीदी के बदन पर जहां-तहां घास और कीचड़ चिपक गए थे। दीदी की चूचियों पर भी घास और कीचड़ लग गया था।


फिर हम आगे चलने लगे। दरअसल हम कोई कमरा ढूंढ रहे थे जो खुला हो और हमें ठंड से कुछ राहत मिले।


चलते हुए दीदी की गांड मस्त मटक रही थी। मन तो कर रहा था कि दीदी को वहीं कुतिया बना लूं और चोद दूं।


खुले आसमान के नीचे बारिश में दीदी की चूत और गांड दोनों मार लूं।


फिर चलते हुए हम स्कूल के हॉल में पहुंच गए।


दीदी अपने जिस्म से घास और मिट्टी को हटाने की कोशिश करने लगी। मेरे लिए यह मौका दोबारा नहीं आने वाला था इसलिए मैं इसका फायदा उठा लेना चाहता था। दीदी को ऐसी हालत में देखने का मौका फिर नहीं मिलने वाला था।


मैंने चुपके से फोन का कैमरा ऑन कर लिया। मैं दीदी के सेक्सी बदन की रिकॉर्डिंग करने लगा।


दीदी दूसरी तरफ मुंह करके पल्लू से अपने चूचे साफ कर रही थी। उनकी पीठ भी लगभग आधी नंगी थी, उनकी लाल ब्रा भी दिख रही थी।


दीदी का ब्लाउज क्रीम कलर का था जो भीगने के बाद एकदम जैसे पारदर्शी हो गया था। लग रहा था दीदी बस सिर्फ ब्रा में ही है अब।


दीद अपना बदन साफ कर चुकी तो मेरे पास आकर कहने लगी- आरव, यार बहुत ठंड लग रही है। सारा मजा खराब हो गया। सोचा था घर जाकर पार्टी करेंगे लेकिन ये बारिश तो पीछे ही पड़ गई। एक तो ठंड से जान जा रही है, ऊपर से कीचड़ में गिर गई मैं! और मेरी बैक साइड पर इतनी जोर की चोट लगी है मैं क्या ही बोलूं।


बोलकर दीदी अपनी गांड सहलाने लगी और हम दोनों ही हंसने लगे। दीदी कुछ बेचैन सी दिख रही थी मुझे … बार बार अपने पैर हिला रही थी और साड़ी को बार बार कभी चूत के पास से खींचती तो कभी जांघों पर से।


मैंने पूछा तो दीदी ने कुछ नहीं बताया। फिर कुछ देर बाद बोली- तू यहीं रुक, मैं जरा आती हूं बगल वाले रूम में जाकर। मुझे लगा कि दीदी साड़ी निकाल कर चेक करेगी, कि कहीं कुछ और तो नहीं घुस गया अंदर!


हुआ भी ऐसा ही … मैं चुपके से दीदी के पीछे जाकर खिड़की के पास खड़ा हो गया।


दीदी कमरे में अंदर जाकर अपनी साड़ी उठाने लगी। फिर दोनों हाथ अंदर डालकर अपनी पैंटी निकालने लगी।


यह देखकर मुझसे रहा नहीं गया; मैंने तुरंत जींस की जिप खोली और लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने लगा। साथ ही मैं दीदी की रिकॉर्डिंग भी करता रहा।


दीदी ने साड़ी ऊपर उठा दी और दीदी की नंगी चूत मुझे दिख गई। उनकी चूत पर काले काले झांट थे।


चूत गीली थी और बहुत ही सेक्सी लग रही थी।


दीदी चूत के आसपास साफ करने लगी।


शायद दीदी की चूत गीली होने को कारण खुजली हो रही थी। वे अपनी चूत की फांकों को रगड़ रही थी।


मैं तो पागल हुआ जा रहा था यह नजारा देखकर!


करते करते दीदी की टांगें चौड़ी होने लगीं और दीदी ने चूत को दो उंगलियों से सहलाना शुरू कर दिया।


ऐसा स्वर्ग सा नजारा देखने की मैंने उम्मीद नहीं की थी। हॉट सिस्टर की चूत पर सहलाती उंगलियों के साथ दीदी की आंखें बंद होने लगी थीं।


दीदी की चूत का गुलाबी भाग भी मुझे बार बार नजर आ जाता था।


फिर दीदी ने चूत में उंगली दे दी अंदर और चूत में भीतर बाहर करने लगी।


दीदी की टांगें और ज्यादा फैल गईं। सेमी न्यूड सिस्टर को देख मैं भी तेजी से मुठ मारने लगा। लग रहा था कि जैसे माल बस अब छूट ही जाएगा।


मेरा मन कर रहा था कि वहीं दीदी एक टांग उठाकर चूत में अपना 7 इंच का लंड दे दूं।


तभी दीदी की नजर मुझ पर पड़ गई, वे चिल्लाई- ये क्या कर रहा है तू!! हट वहां से बेशर्म! मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई।


मैं डर गया और लंड एकदम से छोटा होने लगा।


मैंने जल्दी से लंड जींस के अंदर डाला और फिर चेन बंद ही कर रहा था कि दीदी इतने में बाहर आ गई। वे मुझे डांटने लगी, बोली- तेरी हिम्मत कैसे हुई!


दीदी ने मेरे हाथ से मोबाइल छीन लिया, बोली- अभी मैं पापा को सब बता दूंगी कॉल करके।


इतने में दीदी ने मुझे एक थप्पड़ भी रसीद कर दिया। मैं डर से रोने लगा और दीदी को सॉरी कहने लगा- गलती हो गई, आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगा, माफ कर दो।


मैंने फोन अनलॉक करके दीदी को दे दिया और गैलरी ओपन करके सारी तस्वीर, नंगी वीडियो को स्थायी रूप से हटा दिया।


दीदी- बहनचोद कितना कमीना है तू, मैं तुझे कितना सीधा समझती थी, और तू इतना हरामी निकला! अपनी बड़ी बहन के साथ ऐसा कर रहा है! मैं बस चुपचाप खड़ा हुआ उसकी डांट सुन रहा था।


फिर अचानक से बोली- ये सब तू मुठ मारने के लिए रिकॉर्ड कर रहा था न? आज तक गर्लफ्रेंड नहीं बनी तो अपनी ही बहन पर नजर खराब करने लगा! मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था।


हम दोनों कुछ देर यूं ही खड़े रहे बिना कुछ बोले।


मैंने कभी दीदी के मुंह से गाली नहीं सुनी थी लेकिन आज ये सब सुनना पड़ रहा था।


अब तक बारिश काफी कम हो गई थी। उधर अंधेरा भी हो रहा था। फिर हम वहां से निकलने लगे।


दीदी एक भी चांस नहीं छोड़ रही थी मुझे जलील करने का …लेकिन मरता क्या न करता। फिर हम चल पड़े।


अबकी बार भी दीदी मेरी कमर से चिपक कर बैठी थी।


जब भी बाइक पर झटका लगता, वे मेरी पीठ पर चूचियों को दबा देती थी। मैं समझ नहीं पा रहा था कि दीदी क्या चाहती है? कुछ देर पहले तो इतना गुस्सा कर रही थी और अब अपने चूचे मेरी पीठ पर घिस रही थी।


दीदी मुझसे कुछ बोल नहीं रही थी लेकिन मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था आज जो कुछ हो गया था।


तो मैंने फिर से दीदी को सॉरी कहा और कहा कि आज के बाद ऐसी गलती नहीं होगी। ये बात वो किसी को न बताए।


वे कुछ देर चुप रही और फिर बोली- ठीक है, हो जाती हैं गलतियां इस उम्र में, लेकिन ऐसा नहीं करते! तुझे मैंने बचपन से बच्चे की तरह प्यार किया है। मुझे ये सब बहुत गंदा लग रहा है। ऐसी गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए।


मैने दीदी को थैंक्स बोला और घर की तरफ बढ़ते रहे।


कुछ देर बाद दोनों घर पंहुचे और फिर अपने अपने रूम में जाकर फ्रेश होने लगे।


फिर दीदी ने खाना बनाया, हमने खाना खाया।


सोने से पहले भी दीदी के मुंह से एक लम्बा से लेक्चर सुनने को मुझे मिला। फिर हम अपने-अपने रूम में आ गए।


लेकिन दीदी का बर्ताव मैं समझ नहीं पाया। मैं सोच रहा था कि दीदी सच में इतना गुस्सा है या फिर उसके मन में कुछ और भी है! सोचते हुए मुझे नींद आ गई।


दीदी के साथ ये उस दिन पहली घटना थी। आगे भी मैं आपको काफी कुछ बताऊंगा। लेकिन इस कहानी पर आप अपनी राय जरूर दें कि ये स्टोरी आपको कैसी लगी।


मैं कोई लेखक तो नहीं हूं लेकिन ये घटना आपको बताना चाहता था ताकि मेरा मन हल्का हो जाए। तो न्यूड सिस्टर हॉट स्टोरी पर आप अपने विचार मुझ तक पहुंचाए; मुझे ईमेल करें या फिर कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। कोई गलती हो गई हो तो माफ करें। मेरा ईमेल आईडी है- [email protected]


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