मेरा पूरा परिवार ही चुदक्कड़ निकला

अभी रॉकी

09-02-2024

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पोर्न फॅमिली फक स्टोरी मेरे परिवार की है. एक रात मैंने अपनी छोटी बहन को ब्लू फिल्म देखते हुए चूत में उंगली करती देखा. उसके बाद मम्मी पापा को चुदाई करते देखा.


दोस्तो, आज मैं आपको एक काल्पनिक पोर्न फॅमिली फक स्टोरी बताने जा रहा हूँ. जिसे पढ़कर आपको मजा आ जाएगा.


मेरा नाम रॉकी है. मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. मेरे परिवार में मम्मी पापा और हम दो भाई व 3 बहनें हैं. हम सभी कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स हैं. मम्मी गृहणी हैं और पापा छोटा सा व्यापार करते हैं.


हमारे घर में 3 कमरे हैं. एक कमरे में मम्मी पापा, एक में मेरी बहनें और एक में हम दोनों भाई रहते हैं.


हमारे घर में बाथरूम सिर्फ़ दो ही हैं. पूरे घर में एक भी कमरे में अटैच्ड बाथरूम नहीं है.


मेरी सबसे छोटी बहन निशा, उससे बड़ी कोमल और सबसे बड़ी का नाम नेहा दीदी है. हम दोनों भाई में राजा भैया और मैं रॉकी हूँ. मैं निशा से बड़ा हूँ.


एक रात की बात है. मैं पानी पीने के लिए उठा. उस वक्त रात के दो बजे होंगे. मैंने देखा कि बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ है और निशा इयरफोन लगा कर मोबाइल में ब्लू फिल्म देख रही है.


वह ब्लू फिल्म देख रही है, इसका अंदाजा मुझे इस बात से हुआ क्योंकि वह मोबाइल में अपनी आंखें गड़ाई हुई थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी.


मैं तो यह देख कर हैरान ही हो गया. मेरी कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ. इसलिए मैं बस उसको देखता ही रहा.


उसका ध्यान सिर्फ़ मोबाइल में था और वह जोर जोर से अपनी चूत में उंगली करने में लगी हुई थी. कानों में ईयर फोन लगे थे तो उसे इधर-उधर का कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था. और वह समय भी आधी रात का था, जिस वजह से वह और भी ज्यादा बेफिक्र थी कि उस वक्त कौन उसे देखने आता.


तभी उसकी सिसकारियों की आवाज आना शुरू हो गई. मैंने देखा कि वह दीवार से अपनी गांड सटा कर कुछ अकड़ सी गई थी और उसने अपनी चूत में उंगली चलाने की रफ्तार कुछ ज्यादा ही बढ़ा दी थी.


मेरी बहन की ‘आहह अह अह …’ की मादक आवाजें मेरे लौड़े को भी खड़ा करने लगी थीं.


थोड़ी देर बार उसकी चूत से पानी और पेशाब दोनों एक साथ निकलने लगा और वह ढीली होती चली गई. अब शांत हो कर नीचे फर्श पर बैठ गई थी.


यह सब देख कर मेरा भी हाल बहुत बुरा था. मेरे लंड से भी पानी निकलने लगा था. इससे पहले कि मेरी बहन की नजर मुझ पर पड़ती, मैं तुरंत वहां से चला गया.


थोड़ी देर में मैंने देखा निशा वापस अपने कमरे में चली गई. उसके जाने के तुरंत बाद मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मारी. फिर पानी पिया और कमरे की तरफ जाने लगा.


तभी मैंने देखा कि मेरे मॉम डैड के कमरे की खिड़की हल्की सी खुली हुई थी और वहां एक छोटा सा बल्ब जल रहा था, जिससे हल्की लाइट हो रही थी. उसमें अन्दर का सब साफ साफ दिख रहा था.


मैंने देखा कि मॉम की साड़ी ऊपर को हो गई है और उनकी पैंटी नीचे पैरों के पास है. मॉम के ऊपर डैड चढ़े हुए थे और उनका अंडरवियर भी उनके पैरों के पास था.


उसी वक्त मैंने देखा कि डैड के शरीर में हलचल हुई और वे मॉम की चूत में अपना लंड सैट करके धक्के देने लगे.


मॉम धीरे धीरे बोलने लगीं- आह … और थोड़ी जोर से पेलो … आह! यही सब कहती हुई मॉम शांत हो गईं.


पर डैड अभी भी जोर जोर से धक्के मारने में लगे थे. मॉम भी फिर से चार्ज हो गईं. वे दोनों मजे लेने लगे.


मॉम के चेहरे और उनकी आवाजों से साफ समझ आ रहा था कि उनको भी चुदने में बहुत मजा आ रहा है.


मैं सब देख रहा था. उसी वक्त मॉम ने मुझे देख लिया लेकिन वे उस टाइम कुछ नहीं बोलीं. वे बस ‘आहहा अहहा … और और जोर से … आह …’ करती हुई डैड को चोदने के लिए बोलती रही थीं.


उन्होंने मुझे देख कर भी अनदेखा कर दिया था.


मैं वहां से कमरे में चला गया.


मैंने दोबारा से मुठ मारी और मॉम डैड के सेक्स व बहन की चूत में उंगली की सोचते हुए ही सो गया.


सुबह मैं देर से उठा, चूंकि आज संडे था, तो सब घर पर ही थे.


मैंने निशा को देखा तो सुबह सुबह से उसके तने हुए बूब्स देख कर बस उसकी रात वाली हरकत का ख्याल आ रहा था.


उसके लिए आज से पहले मैंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था. फिर मैंने मॉम को देखा तो वे हल्के से मुस्कुरा दीं और कुछ नहीं बोलीं.


कुछ देर बाद सबने दोपहर का खाना खाया और सोने लगे.


राजा भैया हॉल में सो रहे थे तो निशा मुझसे बोली- मैं आपके साथ सो जाती हूँ भैया!


मैंने कहा- हां ठीक है. मैं मोबाईल में गेम खेल रहा हूँ तू चाहे तो मेरे साथ खेल सकती है. वह बोली- हां भैया, हम दोनों गेम खेलते खेलते ही सो जाएंगे.


मैं भी ठीक है बोल कर कमरे में चला गया. फिर निशा और मैं कुछ देर फोन में लूडो खेलने के बाद ऊंघने लगे.


निशा बोली- मुझको नींद आ रही है, मैं अब सो रही हूँ. मैं भी बोला- हां ठीक है, सो जाओ. मैं भी सो रहा हूँ.


थोड़ी देर में निशा सो गई.


पर मुझको तो सिर्फ निशा की चूत का ही ख्याल आ रहा था.


कुछ देर तक सोचने के बाद मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने निशा के लोवर के ऊपर हाथ रख दिया. उसने कुछ नहीं कहा बल्कि वह और सीधा होकर सो गई.


उसकी इस हरक से मेरी हिम्मत कुछ और बढ़ गई. मैंने धीरे से उसका लोवर नीचे को सरका दिया. फिर देखा कि उसकी पैंटी गीली हो गई थी.


मुझको लगा कि इसकी पैंटी पहले से ही गीली होगी. मैंने उसकी पैंटी की इलास्टिक में हाथ की उंगलियां फंसाईं और पैंटी को कुछ नीचे किया तो देखा कि उसकी चूत से पानी निकल रहा है.


मैं समझ गया कि शायद निशा जाग रही है और मेरी हरकतों को समझ कर भी नजरअंदाज कर रही है. मैंने अब बेखौफ उसकी चूत में हाथ फेरना शुरू कर दिया.


इससे उसके मुखड़े पर मुस्कान आ गई और वह उठ कर बोली- अच्छे से करो ना भैया … आप टच कर रहे हो तो कितना अच्छा लग रहा है. मैं एकदम से डर गया और बोली- तू जाग रही है!


वह इठला कर बोली- हां, मैंने कल भी आपको देखा था. इसी लिए तो मैं और जोर जोर से अपनी चूत में उंगली कर रही थी ताकि आप मुझे चोद दो. पर आप रात को मेरे पास आए ही नहीं! मैं यह सब सुन कर हैरान था कि मेरी बहन मेरे से भी हॉट है.


अब मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया. वह भी मुझे चूमने लगी. उसकी चूत की गर्मी मुझे महसूस हो रही थी.


मेरा लंड जींस के अन्दर अकड़ा जा रहा था, उसे खड़े होने के लिए खुला माहौल चाहिए था.


मैंने अपना पैंट उतारा और अंडरवियर निकाल कर लंड अपनी बहन को दिखाया. वह मेरे मोटे लंड को हसरत से देखने लगी.


मैंने निशा से लंड चूसने के लिए बोला. वह मना करने लगी.


मैंने भी बोल दिया कि तू तो पॉर्न देखती है. उसमें लंड चूस कर दिखाते हैं ना!


उसने हां में सिर हिला दिया और लंड पकड़ कर सूंघने लगी फिर अचानक से मुँह में लेकर चूसने लगी.


कुछ ही देर में मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था. मैंने अपना लंड हाथ में लेकर उसकी चूत में सैट किया और थोड़ा सा धक्का दे दिया.


लंड की धमक से निशा कराह कर बोली- आह भैया धीरे करो … दर्द होता है.


मैंने कुछ देर उसे चूमा और लंड को एक जोरदार धक्के के साथ एक ही बार में उसकी चूत में पेल दिया. उसकी ‘आह मर गई …’ की आवाज निकल गई.


मैंने उसका मुँह चूम लिया और अपने होंठों से उसके मुँह को बंद कर दिया.


वह कराहती हुई इशारे से मुँह से मुँह हटाने का कहने लगी. मैंने मुँह हटाते हुए कहा- शोर मत करना!


वह धीमी आवाज में कहने लगी- आह भैया … आप लंड बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उससे कहा- तू तो सब जानती है. पहली बार में तो दर्द होता ही है. वह कुछ नहीं बोली.


मैं उसे धीरे धीरे पेलने लगा. वह आह अह की सिसकारियां निकालने लगीं और दर्द से कराहने का मुँह बनाने लगी.


मैं उसे धकापेल पेले जा रहा था. मुझे पता ही नहीं था कि कमरे का दरवाजा तो खुला हुआ है.


मैं निशा को पेले जा रहा था और मॉम हम दोनों के पास आकर खड़ी हो गईं.


अचानक से मेरी नजर उन पर पड़ी तो मेरे मुँह से निकल गया- मॉम आप? निशा की बंद आंखें, मॉम का नाम सुनते ही खुल गईं.


हम दोनों डर गए और एक दूसरे से अलग हो गए. मॉम बोलीं- डरो मत, एक ना एक दिन तो तुमको यह करना ही था. निशा तू कहीं बाहर यह सब करती, तो हमारी बदनामी हो सकती थी. इससे अच्छा है कि तुम दोनों साथ में ही कर लो.


यह सुनकर निशा हैरान हुई लेकिन मुझे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा क्योंकि मॉम ने मुझे रात को देखा था और कुछ नहीं बोली थीं, मैं तभी समझ गया था कि मॉम को इस बात से कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है.


मॉम- रुको मैं भी तुम दोनों के साथ में मजा करती हूँ. तुम दोनों को कुछ सिखा भी दूँगी.


मैं मॉम के मुँह से यह सब सुन कर काफी हैरान हो गया था … लेकिन खुशी भी हो रही थी कि आज मॉम साथ देंगी तो मैं अपनी बाकी दोनों बहनों को भी चोद सकूँगा.


इतनी देर में मेरा लंड ढीला हो गया था. मॉम ने मेरे लंड को हाथ में लिया और वे उसे किसी भैंस के थन के जैसे आगे पीछे करने लगीं.


मेरा लंड हरकत करने लगा.


मैं अभी कुछ कहता कि मॉम ने घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं. निशा बस यह सब देख रही थी.


मॉम मेरा लंड मस्ती से चूस रही थीं. उनके लंड चूसने में एक आर्ट थी.


सच में निशा का लंड चूसना तो कुछ भी नहीं था. मॉम मेरे टट्टे भी सहलाती जा रही थीं.


कमरे का दरवाजा अभी भी बंद नहीं था. उसी वजह से से मेरा बड़ा भाई भी आ गया.


वह देख कर हैरान हो गया लेकिन शायद वह मॉम के साथ ये सब पहले से कर चुका था इसलिए वह बिंदास अन्दर आया और उसने मॉम की नाइटी को उठाया और उनकी पैंटी को निकाल दिया.


मॉम हंसने लगीं और उसके मुताबिक हो गईं.


राजा भैया ने अपना लंड मॉम की चूत में डाला और वह उन्हें चोदने लगा.


मॉम भी एक साइड मेरा लंड चूस रही थीं व दूसरी साइड से भैया उन्हें चोदे जा रहा था. मैं और निशा उन दोनों की इस बिंदास धकापेल को देख कर हैरान थे.


ये सब चल ही रहा था कि मॉम ने कहा- देख क्या रहे हो … तुम और निशा सबसे छोटे हो, इसलिए तुमको अभी तक यह नहीं बताया था. तुम्हारी बड़ी दीदी, राजा भैया, पापा और मैं सब साथ में ही चुदाई करते हैं. जिसको जब भी मन होता है, वह किसी को भी चोद सकता है. तुम्हारी उम्र भी चुदाई की हो गई है तो तुम दोनों भी हमारे साथ अब सेक्स के मजे ले सकते हो!


इतने ने मॉम ने दीदी और पापा को आवाज़ दी. वे लोग भी कमरे में आ गए और मॉम ने उनको भी चुदाई में शामिल कर लिया.


मैंने देखा और सोचा कि अब तो और मजा आएगा, सब लोग बिना डर के मजे कर सकते हैं.


इतने में पापा निशा के पास आए जो पहले से नंगी थी. वे उसकी चूत चाटने लगे- वाउ बेटा कितनी गर्म चूत है तुम्हारी!


तभी दोनों बहनों ने भी अपने अपने कपड़े उतार दिए और सब बिस्तर पर आ गए. मैं सब देखता रह गया.


कोमल दीदी के बूब्स कितने बड़े बड़े थे. अब मैं कोमल दीदी को अपनी तरफ खींच कर उन्हें किस करने लगा, उनके दूध दबाने लगा.


उधर भैया मम्मी को चोदते हुए उन्हीं की चूत में झड़ गए और लेट गए. नेहा दीदी भाई के ऊपर चढ़ गईं और उसके साथ लेटी रहीं.


उधर डैड ने अब अपना लंड निकाला और निशा के चूत में पेलने लगे. निशा कराहने लगी और आह आह करने लगी.


तभी डैड ने लंड चूत के अन्दर डाल दिया और चोदने लगे. निशा भी अब मजे लेने लगी.


वह ‘आहा हह आअहह डैड … मजा आ रहा है डैड …’ बोलने लगी. इधर कोमल दीदी ने मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पर बैठ गईं.


वे ऊपर नीचे होकर मुझे चोदने लगीं और बोलीं- कैसा लग रहा है रॉकी, मजा आ रहा है ना? मैंने भी हां बोल दिया कि दीदी ऐसा मजा पहले कभी नहीं आया.


धकापेल चुदाई चालू थी.


मैंने देखा कि डैड ने निशा को डॉगी स्टाइल में पेल रहे हैं और निशा मजे ले रही है. मैं दीदी से बोला- मैं भी ऐसा करूं?


तो दीदी बोलीं- हां उस तरह से भी करूँगी. वे डॉगी बन गईं और मैंने पीछे से उनकी चूत में लंड पेल दिया. दीदी आह आह करती हुई मुझसे धकापेल चुदने लगीं.


इतने में भैया का लंड वापस खड़ा हो गया और वे नेहा दीदी को चोदने लगे.


नेहा दर्द में कराहने लगी- आह धीमे चोद बहन के लौड़े … तेरा पूरा लंड मेरे पेट तक जा रहा है … धीरे धीरे कर ना! उसके मुँह से गाली सुनकर मुझे और जोश आ गया और मैं कोमल दीदी के दूध दबाते हुए उनकी लेने लगा.


भैया भी नेहा को जोर जोर से चोदने लगे. थोड़ी देर में नेहा भी गर्म हो गई और चुदाई के मजे लेने लगी.


ऐसे ही सबकी बारी बारी से चुदाई होने लगी. दोपहर से रात … और रात से दिन हो गया.


हम सब रुकते फिर शुरू कर देते. ऐसे ही पूरी एक रात और एक दिन पोर्न फॅमिली फक का जश्न चला.


अगले दिन से सब सामान्य होने लगा क्योंकि अब सभी बोला गया था कि हर वक्त ऐसा नहीं करना है और जमाने के सामने अपनी असलियत जाहिर नहीं करनी है.


उम्मीद है दोस्तो, आपको सेक्स कहानी पसंद आई होगी. यह पोर्न फॅमिली फक स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है. वास्तविकता से इसका कोई लेना देना नहीं है. [email protected]


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