सेक्सी चाचीजी की कार में चुदाई

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07-03-2024

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रोड सेक्स इन कार का मजा मैंने अपनी चाची के साथ लिया. मैं उन्हें छोड़ने उनके मायके जा रहा था. हम दोनों पहले ही पोर्न क्लिप्स के माध्यम से खुल चुके थे.


दोस्तो नमस्कार, मेरा नाम रघु झा है. मैं राजस्थान के बाड़मेर जिले का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 6 फ़ीट है.


यह रोड सेक्स इन कार की घटना एक साल पहले की है. हमारे पड़ोस मैं एक मेरे दूर के रिश्ते के चाचाजी रहते हैं. उनकी नई नई शादी हुई थी.


जब पहली बार मैंने चाची को देखा तो मेरा मन चाची को चोदने को हुआ लेकिन काम की व्यस्तता के कारण मैं चाचाजी के घर ज्यादा आ जा नहीं पाता था. एक दिन दोपहर के समय मैं अकेला बैठा था तो सोचा चाचाजी से मिल आऊं.


मैं गया. तब चाचाजी घर पर नहीं थे; चाचीजी अकेली बैठी थीं.


उन्होंने मेरा वेलकम किया, पानी पिलाया चाय बनाई.


हम दोनों चाय पीते पीते बातें करने लगे. मैं तिरछी नजरों में ही चाचीजी का मुखड़ा देख रहा था.


उनकी हाइट 5 फ़ीट थी. रंग साँवला, पतला शरीर था. चाची की छाती, चुस्त कुर्ती पहनी होने के कारण न के बराबर मालूम पड़ रही थी.


चाय खत्म करके मैंने चाचा के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि वे कहीं बाहर गए हुए हैं. हम दोनों ने फिर से बातें करना शुरू किया.


बातों ही बातों मैं चाचीजी ने बताया कि उनके पति आज घर नहीं आने वाले हैं.


मेरे मन में लड्डू फूटा कि बेटा आज भी चूका, तो ऐसा मौका दुबारा नहीं मिलेगा. अब समस्या ये थी कि चाचीजी को कैसे कहूँ. अन्दर से डर भी लग रहा था कि कहीं चाची न मानी और इसने किसी को बता दिया या अभी कोई बवाल हो गया तो भारी फजीहत होगी.


फिर मैंने एक तरकीब सोची और थोड़ी हंसी मज़ाक करते करते मैंने चाचीजी जी से पूछा- मैं कुछ मांगूंगा, तो आप मुझे दोगी क्या? उन्होंने कहा- इसमें मांगने की क्या चीज है, अपना ही घर समझो और जो चाहो ले लो.


मैंने कहा- नहीं मैं बिना परमिशन कुछ नहीं लूंगा … और आप मेरी कसम खाओ कि आप दोगी. उन्होंने मेरी कसम खाई और मुझसे कहा कि मांगो.


मैंने कहा- सोच लो, कहीं मैंने आपको ही मांग लिया तो? इस बात पर वह थोड़ी नाराज हुईं.


मैंने यह देखते हुए बात को घुमा दिया- अरे मैं तो मज़ाक कर रहा था. आप नाराज हो गईं. मैंने कहा था न कि आप नहीं दे पाओगी.


उन्होंने कहा- तुम भी तो नालायक हो, ऐसी बात क्यों करते हो! कुछ देर बाद मामला शांत हुआ तो मैंने कहा- मैं तो आपका फोन मांग रहा था, आप मुझे अपना नम्बर दे दो, मैं बस वही मांग रहा था.


इस बात पर चाची खूब हंसी. फिर हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर लिए और मैं घर आ गया.


उसके बाद व्हाट्सअप पर हाय हैलो शुरू हुई. हमारी दोस्ती जमने लगी.


फिर मैं चाची से कभी कभी सेक्सी बातें करने लगा. वे भी रस लेने लगीं.


एक दिन बातों ही बातों में चाचीजी बोलीं- मैं घर मैं अकेली बोर हो रही हूँ.


मैंने कहा- बोरियत दूर करने के लिए मेरे पास एक मस्त आइडिया है. उन्होंने कहा- क्या, बताओ?


मैंने कहा- फिर से नाराज मत हो जाना और किसी को बताना भी मत! उन्होंने मुझे प्रॉमिस किया कि वह किसी को कुछ नहीं बताएंगी.


मैंने उनके व्हाट्सअप पर एक पोर्न वीडियो भेज दिया. उन्होंने वीडियो देखा, पर कोई रिप्लाय नहीं दिया.


ऐसे करते करते 5 दिन तक कोई रिप्लाई नहीं आया. बस उन्होंने वीडियो देखे.


छठे दिन मैंने वीडियो भेजा ही नहीं! तो शाम को मैसेज आया- आज आपने कुछ भेजा ही नहीं?


मैंने कहा- आपने कोई जवाब ही नहीं दिया. उन्होंने कहा- मुझे शर्म आ रही थी. कोई बात नहीं, अब भेजते रहना.


फिर धीरे धीरे हम दोनों लंड चूत की बातों में खुलने लगे और हमारे बीच सेक्स की बात भी खुल कर होने लगी.


मैं उनसे पूछता कि चाचाजी आपको कितना ख़ुश करते हैं? वे भी कह देतीं- बस ठीक है, ज्यादा नहीं.


फिर एक दिन अचानक चाचाजी का कॉल आया- मेरे घर आ जा, मुझे जरूरी काम आ गया है.


मेरी तो गांड फटने लगी कि कहीं चाची ने अपना मोबाइल न दिखा दिया हो. मैंने सोचा कि पक्का कोई गड़बड़ हुई है.


फिर भी मैं डरता हुआ गया. वहां गया, तो चाचीजी सज धज कर तैयार बैठी थीं.


चाचाजी ने मुझसे कहा- ये ले गाड़ी की चाभी … और अपनी चाचीजी को मायके छोड़ आ. मेरे तो भाग खुल गए.


मैंने चाचीजी को गाड़ी में बिठाया और आगे ले गया. आगे ले जाकर मैंने कार को अपने घर के सामने रोकी और कहा- आप बैठो चाची जी, मैं बस अभी आया.


मैंने अन्दर जाकर अपने रूम से पेनड्राइव ली और बाहर आ गया. अब हम दोनों चल पड़े.


हमें तक़रीबन 200 किलोमीटर का सफर तय करना था.


थोड़ी ही देर मैं हम भारतमाला रोड पर चल रहे थे. चारों ओर सुनसान रेगिस्तान था.


मैंने चाचीजी को आगे की सीट पर आने का कहा. वे झट से मान गईं.


उनके आगे आते ही मैंने पूछा कि संगीत कौन सा लगाऊं! वे बोलीं- अपनी पसंद का लगा लो.


मैंने कहा- जो वीडियो मैं आपको रोज भेजता हूँ, वही मोबाइल पर लगा दूँ? वे शर्मा गईं और ना कहने लगीं.


मैंने कहा- हम दोनों के सिवाए इधर और कौन देख रहा है. मैं आपको वही दिखाता हूँ, आप भी तो उस तरह की वीडियो मजे से देखती हो! वे फिर से शर्मा गईं और दूसरी तरफ देख कर मुस्कराने लगीं.


मैंने मोबाइल पर वीडियो चला दी. कभी कभी वे तिरछी नजरों से मुझे देखतीं और शर्मा कर दूसरी तरफ देखने लगतीं.


करीब दस मिनट बाद में वे सामान्य हुईं और उन्होंने मुझसे कहा- कोई दुकान आए तो रोकना. कुछ खाने पीने का ले लेते हैं. रास्ता लम्बा है. मैंने आगे एक गांव के ठेके के आगे रोक कर शराब की बोतल और स्नेक्स ले लिए.


सामान लेकर हम दोनों आगे चल दिए.


अब चाचीजी ध्यान से वीडियो देखने लगीं. मैंने भी मज़ाक करते हुए पूछा- क्यों कैसा लग रहा है? उन्होंने मुस्कराते हुए आंख मारी.


मैंने कहा- अब आप दो पैग बनाओ. उन्होंने कहा- दूसरा किसके लिए? मैंने कहा- आपके लिए. उन्होंने कहा- नहीं, मैं नहीं पीती हूँ. मैंने भी झूठी कहानी बनाते हुए कहा कि चाचाजी कह रहे थे कि हम दोनों साथ में कभी कभी लेते हैं.


उन्होंने कहा- अरे वह तो कभी ऐसे ही हो जाता था. मैंने कहा- हां तो आज भी ले लो. सफर में मज़ा आएगा.


अब चाची ने दो पैग बनाए. हम दोनों ने दो दो पैग ले लिए. चाचीजी अब बिंदास होकर वीडियो देख रही थीं.


फिर मैंने विषय बदलते हुए चाचीजी से कहा- मेरा मन कर रहा है कि ताजा दूध पिया जाए. उन्होंने कहा- यहां सुनसान में दूध कहां से आएगा?


मैंने भी रिस्क लेते हुए कह दिया आपके पास है ना! उन्होंने कहा- धत …


यह कह कर उन्होंने मुझे हल्का सा थप्पड़ भी मार दिया. मैंने भी मज़ाक में उनके हाथ पर थप्पड़ मारा. हालांकि चाचीजी थोड़ी थोड़ी नशे में थीं तो उन्होंने कुछ नहीं कहा.


मैंने भी गर्म लोहे पर हथौड़ा मार दिया और चाचीजी की गर्दन पकड़ कर किस कर दिया. इस पर वे नाराज होती हुई मेरा विरोध करने लगीं.


मैंने गाड़ी को साइड में लगाया और चाचीजी के बूब्स पर हाथ डाल दिया. धीरे धीरे चाचीजी भी मेरा साथ देने लगीं क्योंकि उनको भी दारू का नशा चढ़ने लगा था.


मैंने पजेरो की पिछली सीटों को फोल्ड कर दिया तो रूम बन गया.


अब रोड सेक्स इन कार का मजा लेने के लिए मैंने चाचीजी के कपड़े उतारे. मैं हैरान रह गया कि चाची जी इतने बड़े बड़े बूब्स तो बाहर से समझ ही नहीं आते हैं.


मैं उनके मम्मों पर टूट पड़ा. दोनों बूब्स को मैंने बारी बारी से चूस चूस कर लाल कर दिए.


अब मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए. चाची जी भी अपने दूध अपने हाथ से पकड़ कर मेरे मुँह में दे रही थीं और म्म उम्म करती हुई चूची चुसवाने का मजा ले रही थीं.


कुछ देर बाद उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया और जैसे ही उन्होंने मेरा लंड देखा तो चाचीजी की आंखें फट गईं. उन्होंने कहा- हाय मर गई … तेरा इतना बड़ा है!


उन्होंने हाथ में लंड ले लिया और मसलने लगीं. मैंने भी उनकी चूत को धीरे धीरे सहलाते हुए किस करना शुरू कर दिया और उनकी चूत में उंगली करने लगा.


कुछ देर बाद मैंने अपना लंड चाचीजी के मुँह में देने की कोशिश की. पहले तो उन्होंने मना किया लेकिन बाद में वे मान गईं.


कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैंने चाची जी की चूत को चूसना चालू रखा. वे अकड़ने लगीं और मुझे गालियां देने लगीं.


चाची- मादरचोद साला कुत्ता … कितने दिन से मेरी लेने की कोशिश कर रहा है? मैंने कहा- जब से आप घर में आई हो मेरी जान … तभी से आपकी लेने का मन कर रहा था चाची जी. पर आपने उसे दिन डांट लगा दी थी तो मेरी गांड फट गई थी.


वे हंसने लगीं और बोलीं- हां, समझ तो मैं तभी गई थी कि तेरे मन में क्या चल रहा है, पर मेरे मन में भी कुछ कुछ यही चल रहा था कि चमड़े की चूत है, एक की जगह दो लंड भी चले जाएंगे तो चूत घिस नहीं जाएगी.


मैंने चाची के मुँह से लंड चूत की बात सुनी तो मैंने एक कदम आगे बढ़ कर कहा- चूत चमड़े की है और घिस नहीं जाएगी, यह बात तो सही है चाची … मगर मेरा लंड जरा हैवी है तो आपकी चूत ढीली जरूर हो जाएगी.


वे बोलीं- हां, बस इसी बात का ख्याल रखना है कि तेरे चाचा को इस बात की खबर न हो पाए कि कोई और भी मेरे छेद में लंड पेलता है. यह कह कर वे दारू के नशे में हंसने लगीं.


मैं उन्हें गर्म करता गया. थोड़ी देर में चाची गिड़गिड़ाने लगीं- अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मेरी चूत में अपना मूसल जैसा लंड डाल दो यार.


मैंने उनकी दोनों टांगों को पकड़ा और उठा कर उनके कानो तक पीछे ले गया, अपने लंड को उनकी खुली हुई चूत के ऊपर रख कर जोरदार धक्का लगा दिया. चाची जोर से चिल्लाईं- आह मेरी चूत फट रही है मादरचोद … रुक जा.


मैंने चुदाई चालू रखी.


करीब 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला, उन्होंने चाट कर मेरा लंड साफ कर दिया.


मैंने भी उनकी चूत को चाट कर साफ कर दिया.


अब मैंने गाड़ी के मुख्य कांच पर ब्लैक फ़िल्म का रोल खींच दिया और साइड के गिलास ब्लैक ही थे.


हम दोनों नंगे ही चल पड़े.


वे अब सफर में मेरे लंड के साथ खेलने लगीं तो लंड पुनः तैयार हो गया.


इस तरह से हम दोनों ने रास्ते में तीन बार चुदाई की. फिर उन्होंने मना कर दिया कि अब मैं थक गई हूँ.


रात में उन्होंने अपनी छोटी बहन की चूत दिलाने का वायदा किया कि उसके साथ मेरी चुदाई भी कर लेना. उनका वादा सुनकर मैंने शांत हो गया और हम दोनों ने कपड़े पहन लिए.


कुछ समय बाद हम दोनों पहुंच गए. चाचीजी के घर क्या हुआ, वह आगे की सेक्स कहानी में लिखूँगा.


आपको मेरी रोड सेक्स इन कार की कहानी कैसी लगी? कमेंट्स में बताएं.


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